गहलोत सरकार पर खतरा, 25 – 25 करोड़ की ऑफर देनेवाले 2 गिरफ्तार

अशोक गहलोत एक जादूगर हैं। बड़े वाले जादूगर। मोदी लहर में भी वह सरकार बना गए, न सिर्फ बना गए बल्कि ठीक ठाक चला रहे हैं और आने वाले समय तक न सिर्फ चलाने की बात कर रहे हैं अपितु अगले चुनाव जीतने का दावा भी कराते हैं। सीएम ने कहा कि बीजेपी के लोग वैसे ही खरीद-फरोख्त की राजनीति करना चाहते हैं. ये बेशर्म और तिकड़मी लोग हैं। राज्यसभा चुनाव में इनका षड्यंत्र कामयाब नहीं होने दिया गया। लेकिन ये फिर तिकड़मों पर उतर गए।

राजविरेन्द्र, चंडीगढ़ – 11 जुलाई:

राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कॉन्ग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार गिराने की कोशिश के मामले में पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने मुकदमा दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। अशोक गहलोत की अगुवाई वाली सरकार को गिराने के प्रयास में कॉन्ग्रेस और निर्दलीय विधायकों को 20-25 करोड़ रुपए का ऑफर देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

एफआईआर के अनुसार, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप 13 जून को अवैध हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी को लेकर टेलीफोन टैपिंग कर रहा था। उस दौरान एक मोबाइल नंबर की कॉल रिकॉर्डिंग भी की गई, जिसमें यह खुलासा हुआ है कि अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है। फ़ोन पर बातचीत में 2 लोग चर्चा करते हैं कि सरकार गिराने से वे 1,000-2,000 करोड़ रुपए कमा सकते हैं, लेकिन यह तभी हो सकता है जब सीएम अपनी इच्छा के अनुसार हो।

एफआईआर के अनुसार, दो पक्षों के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री में झगड़े की बात बताई जा रही है। साथ ही कॉन्ग्रेस और निर्दलीय विधायकों को तोड़कर सरकार गिराई जाने की भी बातें सामने आई हैं। कॉन्ग्रेस विधायकों और निर्दलीय विधायकों को 20 से 25 करोड़ रुपए देने के प्रलोभन की भी जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर अपनी सरकार गिराने का आरोप लगाते हुए कहा है कि BJP ने मानवता की सारी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने कहा कि हम सब साथ मिल कर कोरोना की लड़ाई लड़ रहे हैं, जीवन और आजीविका बचाने में लगे हैं और दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) गिराने में लगी है।

वहीं भाजपा ने भी गहलोत के आरोपों का करारा जवाब दिया है। राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियाँ ने कहा कि अशोक गहलोत इतने चतुर राजनेता हैं कि वे अपनी पौने दो साल की विफलताओं को भाजपा के मत्थे मढ़ना चाहते हैं। पूनियाँ ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के आरोपों में किसी तरीके का कोई आधार नहीं है। उन्होंने पूछा कि जब संख्या बल उनके पास है तो कौन उनकी सरकार गिराएगा?

पूनियाँ ने गहलोत को सलाह दी कि झगड़ा खुद का है अपने घर को सँभाल लें, हमें तोहमत न दें। वहीं सीएम गहलोत ने कहा कि ऐसा वाजपेयी जी के समय पर नहीं था, लेकिन 2014 के बाद धर्म के आधार पर विभाजन करने में गर्व किया जा रहा है। विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में ब्यावर के दो भाजपा नेताओं भरत मालानी और अशोक सिंह पर आरोप लगा है। इन्हें उदयपुर से स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने गिरफ्तार कर लिया है।

अशोक गहलोत ने दावा किया कि राजस्थान में सरकार स्थिर है और पूरे 5 वर्ष चलेगी। उन्होंने कहा कि हमने तो अगला चुनाव जीतने की तैयारी भी शुरू कर दी है और इसी हिसाब से बजट पेश किया गया। इसी के अनुरूप शासन दिया जा रहा है। गहलोत ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियाँ, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर आरोप लगाए।

कॉंग्रेस का असली चेहरा आया सामने, उदित राज ने जनेयु धारी सूअर से कि ब्राह्मण समाज कि तुलना

वैसे तो कॉंग्रेस और हिन्दू विरोध समानार्थक शब्द हैं फिर भी कभी कभी यह भ्रम होने लगता हा की कॉंग्रेस धर्म निरपेक्ष है। हालांकि यह शब्द इनहि की देन है फिर भी इन्हे तुष्टीकरण खासतौर से मुसलिम तुष्टीकरण के लिए जाना जाता है। आज़ादी के बाद से आज तक कॉंग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की ही नीति से सत्ता में काबिज होती आई है। सोनिया गांधी के कॉंग्रेस अध्यक्षा बनने के बाद केंद्र बिन्दु में ईसाई मिशनरी आ गए। धर्मांतरण का खेल खुल ए आम खेला जाने लगा लें हिन्दू विरोध जारी रहा। हिन्द तो मात्र वोट बैंक हैं जिनहे चुनावों के समय जातियों में बाँट कर जातिगत समीकरणों द्वारा वोट झटक लिए जाते हैं। अब मुद्दे की बात पर आते हैं कांग्रेस नेता उदित राज का हिन्द विरोध उस समय खुल कर सामने आया जब उदित ने एक सूअर की त्रिपुंड लगाए और जनेयु धरण किए का चित्र लगा कर खुले तौर पर ब्राह्मणों के खिलाफ प्रचार कर उनकी भावनाओं को आहत करने का काम किया है। उदित राज को आगे रख कर कॉंग्रेस जहाँ एक तरफ ब्राह्मणों की तुलना सूअरों से कर रही है, वहीं दूसरी ओर यह दावा भी कर रही है कि भारतीय न्यायपालिका में केवल ब्राह्मण शामिल हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि चुनावों के दौरान जनेयु धारण कर फिरोज शाह के पौत्र स्वयं को दत्तात्रेय गोत्र का ब्राह्मण बता रहे थे क्या उदित राज उस चुनावी ब्राह्मण को भी इसी वर्ग में रहते हैं ?

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ – 10 जुलाई :

देश के दलितों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाली अखिल भारतीय परिसंघ ने शुक्रवार (10 जुलाई, 2020) को एक नया विवाद खड़ा कर दिया। जहाँ परिसंघ ने न केवल ब्राह्मणो के खिलाफ घृणित टिप्पणी की बल्कि उनकी तुलना सूअर से कर डाली। इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में देश की न्यायपालिका के खिलाफ भी अपमानजनक टिप्पणी की।

खुद को दलितों का मसीहा बताने वाले इस संगठन का संचालन कॉन्ग्रेस नेता उदित राज करते है। जो अक्सर ब्राह्मणों को निशाना बनाने के लिए उनके खिलाफ अपमानजनक जातिवादी टिप्पणियाँ करते रहते है। इस बार उन्होंने ब्राह्मणों के प्रति अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अपने इस ट्वीट में सूअर की एक तस्वीर पोस्ट की है। जिसमें सुअर को हिन्दू रीती रिवाजों में प्रयोग में लाए जाने वाले चंदन का टीका लगाया गया व जनेऊ भी पहनाया गया है।

कॉन्ग्रेस नेता उदित राज का यह परिसंघ खुले तौर पर ब्राह्मणों के खिलाफ प्रचार कर उनकी भावनाओं को आहत करने का काम कर रही है। जहाँ एक तरफ उनकी तुलना सूअरों से कर रही, वहीं दूसरी ओर यह दावा भी कर रही है कि भारतीय न्यायपालिका में केवल ब्राह्मण शामिल हैं।

देश की न्यायपालिका के प्रति अपना तिरस्‍कार ​​व्यक्त करते हुए, दलित संगठन ने दावा किया कि भारतीय न्यायालयों में ब्राह्मण न्यायाधीश केवल अपने समुदाय के लोगों की सिफारिश करते है। जिन्हें उसके बाद ब्राह्मणों के तीसरे समूह द्वारा न्यायाधीश के रूप में चुन लिया जाता है।

इस परिसंघ की यह टिप्पणी न केवल देश के ब्राह्मणों के अपमान के लिए थी, बल्कि इसने न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर भी हमला किया है। जातिगत राजनीति करने की जल्दबाजी में कॉन्ग्रेस सदस्य उदित राज द्वारा चलाए जा रहे इस दलित संगठन ने ऊँची जाति के लोगों को ‘सूअर’ के रूप में संदर्भित करने के लिए शर्मनाक तरीका अपनाया है।

कॉन्ग्रेसी उदित राज के संगठन की ब्राह्मण विरोधी बयानबाजी कोई नई घटना नहीं है। पिछले महीने, रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने पालघर साधु लिंचिंग मामले को लेकर सोनिया गाँधी की चुप्पी पर सवाल किया था। जिसके बाद अखिल भारतीय परिसंघ कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष के समर्थन में उतर आई थी। और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ जातिगत टिप्पणी की थी।

आल इंडिया परिसंघ ने ट्विटर के जरिए कहा था कि, “इतना नीचे कोई ब्राह्मण ही गिर सकता है, जितना अर्नब गोस्वामी गिरा हैं।” वहीं जातिवादी बयानों के बाद, कॉन्ग्रेस प्रवक्ता उदित राज के खिलाफ ब्राह्मणों ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।

कई अनसुलझे सवालों को जन्म दे गया विकास दुबे एनकाउंटर

उज्जैन से कानपुर लाये जा रहे 5 लाख के इनामी कुख्यात अपराधी विकास दुबे का एनकाउंटर सिचन्डी गाँव में कर सिया गया। कल जब विकास दुबे ने नाटकीय ढंग से मीडिया को बुला कर आत्मसमर्पण किया था तब यह तय था की वह अपने आप को बचाने के लिए समर्पण कर रहा था। तब किसी ने सोचा भी नहीं था की वह इस प्रकार के घटनाक्रम में मारा जाएगा।

सरिका तिवारी, चंडीगढ़ – 10 जुलाई :

पुलिस की कहानी और थ्योरी दोनों ही मेल नहीं खा रहे। इस पूरे घटनाक्रम में एक बात जो समझ/ हजम नहीं हो रही वह है की घटना स्थल से एक किलोमीटर पहले ही मीडिया की गाडियाँ जो उज्जैन से पुलिस काफिले के साथ चल रहे थे जांच के नाम पर रोक दिये गए। और कुछ ही देर बाद एनकाउंटर की खबर आ गयी। एन काउंटर का कोई भी प्रत्यक्ष दर्शी नहीं है। क्या यह बड़ी सोची समझी कार्यवाही है?

एनकाउंटर पर क्या सवाल उठ रहे

  1. सबसे पहला सवाल ये उठ रहा है कि उज्जैन में निहत्थे गार्ड ने विकास दुबे को पकड़ लिया, लेकिन STF के जवान उसे नहीं संभाल पाए?
  2. विकास दुबे के पैर में रॉड लगी थी, वह ज्यादा तेज भाग नहीं सकता था. उसे ये बात पता थी, फिर भी वह भागने की कोशिश कैसे कर सकता है?
  3. उसे पता था अगर भागा तो मार दिया जाएगा, फिर भी भागने की कोशिश क्यों की?
  4. अगर उसे भागना ही होता, तो उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर क्यों करता?
  5. वह चलती गाड़ी में पुलिस जवानों के बीच में बैठा था, फिर उनके चंगुल से कैसे भाग निकला?
  6. क्या इतने कुख्यात अपराधी के हाथ खुले थे? क्या पुलिस ने उसे हथकड़ी नहीं पहनाई थी, जो उसने पिस्तौल छीन ली?
  7. सबसे बड़ा सवाल है की क्या यह वही गाड़ी थी जिसमें विकास दुबे को बैठाया गया था।

इसके अलावा सोशल मीडिया पर लोग ये भी कह रहे हैं कि अपराधी विकास दुबे का अंत हो गया, अब उसके साथ अपराध में शामिल और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों की जानकारी कैसे मिलेगी?

साथ ही कुछ सवाल अनसुलझे रह गए

  1. कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों के मारने के बाद आखिरकार  विकास दुबे उज्जैन कैसे पहुंचा. कौन-कौन से पुलिसवाले उसकी मदद कर रहे थे। किन की मदद से ग्वालियर में उसके लिए फर्जी आधार कार्ड बनवाया गया।
  2. विकास दुबे के ऊपर किन नेताओं का हाथ था और किन की मदद से उससे पुलिस महकमा खौफ खाता था. यहां तक कि एसटीएफ के बड़े अधिकारी का भी उससे संबंध था।
  3. 2022 में क्या वह विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर था. अगर यह बात थी तो वह किन-किन पार्टियों से टिकट के लिए संपर्क में था।
  4. साल 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सुरेश शुक्ला की हत्या के मामले में जब वह बरी हुआ तो किसके दबाव में इस मामले में दोबारा अपील नहीं की गई।
  5. क्या विकास दुबे का एनकाउंटर किसी दबाव में किया गया है क्योंकि इससे कई लोगों का राजफाश होने की आशंका थी जिसमें लगभग सभी पार्टियों को लोग शामिल थे।
  6. क्या उज्जैन में उसका आत्मसमर्पण कराने के लिए भी कई लोग शामिल थे क्योंकि जब 7 राज्यों की पुलिस अलर्ट पर थी तो वह किसी के गिरफ्त में क्यों नहीं आया।
  7. सीओ देवेंद्र मिश्रा की उस कथित चिट्ठी का सच क्या था जो सोशल मीडिया और मीडिया के हाथ लग गई जिसमें उन्होंने पुलिस और विकास दुबे के गठजोड़ की बात कही थी, जबकि इस चिट्ठी के बारे में कहा जा रहा है कि वह रिकॉर्ड में नहीं है
  8. आखिर पुलिस-प्रशासन के ऊपर किसका दबाव था या फिर उसे वास्तव में नहीं पता था कि विकास दुबे ने इतने हथियार इकट्ठा कर रखे हैं।
  9. क्या विकास दुबे अपनी गैर-कानूनी तरीके से कमाई गई रकम का कुछ हिस्सा पुलिसकर्मियों में भी बांटता था और अगर ये सच था तो कौन-कौन इसमें शामिल था।
  10. वो कौन लोग थे जिनके दबाव में विकास दुबे  का जिले या प्रदेश के टॉप-10 बदमाशों में शामिल नहीं था जबकि उसके ऊपर 60 मुकदमे चल रहे थे।

विकास दुबे के एनकाउंटर पर राजनीति तेज़

सपा सुप्रीमो ने कल ही विकास दुबे के समर्पण पर ट्वीट किया था, विकास दबे की गिरफ्तारी के बाद ही से टिवीटर पर काफी सक्रिय थे आज विकास के एनकाउंटर के बाद ही से फिर टिवीटर पर दिखे और योगी सरकार पर खूब बरसे।

मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर से पकड़ा गया दुर्दांत अपराधी विकास दुबे शुक्रवार को कानपुर में उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ एनकाउंटर में मारा गया। इस एनकाउंटर पर सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है। उन्होंने यह बात ट्वीट करके कही। अखिलेश के अलावा मायावती आदि नेताओं ने भी इस एनकाउंटर को लेकर प्रतिक्रिया दी हैं। मायावती ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच की मांग की है। 

मुठभेड़ में विकास दुबे की मौत पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, ‘ कानपुर पुलिस हत्याकांड की तथा साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह उच्च-स्तरीय जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इंसाफ मिल सके। साथ ही, पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके। ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है।

मुठभेड़ में विकास दुबे की मौत पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘ कानून ने अपना काम किया है। अफसोस और मातम की बात उन लोगों के लिए होगी जो कल उसके पकड़ने जाने पर कह रहे थे कि जिंदा क्यों पकड़ लिया? आज मर गया तो कह रहे हैं कि मर कैसे गया कई राज दफन हो गए। मध्य प्रदेश की पुलिस ने अपना काम किया,उसे गिरफ्तार करके यूपी पुलिस के हवाले कर दिया।’

कानून का डर अच्छा है- गौरव भाटिया

मुठभेड़ में विकास दुबे की मौत पर भाजपा नेता गौरव भाटिया ने कहा कि एक बात तो तय है कि योगी आदित्यनाथ जी की सरकार में कानून का राज होगा और गुंडों को बख्शा नहीं जाएगा। कानून का डर अच्छा है। 

माँ ने कहा- वह सपा में था, उज्जैन है उसकी ससुराल, खंगाली जाएगी बीते 6 दिनों की उसकी हिस्ट्री

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार विकास दुबे को लेकर योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, लेकिन एक के बाद ऐसे कई सबूत निकलकर सामनें आ रहे हैं जिससे साबित होता है कि विकास दुबे सपा से जुड़ा हुआ है। लेकिन सपाई इस सच को सुंनने के लिए तैयार नहीं हैं। बार-बार कह रहे हैं कि विकास कभी सपा में था ही नहीं? क्या अब सपाई विकास दुबे की माँ को झुठला देंगें।

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ – 09 जुलाई:

कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के गिरफ्तार होते ही अखिलेश यादव की चिंता ट्विट्टर पर ज़ाहिर हो गयी। सपा प्रमुख ने ट्वीट कर पूछा की विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया है या फिर उसने आत्मसमर्पण किया है। उनए पूछने का लहजा एस था मानो वह जानते हैं की क्या हुआ है आखिर विकास दुबे स्पा का आजीवन का ही सदस्य है और उसकी पत्नी सपा की ही नेत्री है।

कानपुर शूटआउट का मोस्टवांटेड और 5 लाख का इनामी कुख्यात अपराधी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया है। एमपी में गिरफ्तारी के बाद अब यूपी पुलिस की एसटीएफ टीम उसे अपनी कस्टडी में लेने के लिए स्पेशल चार्टर्ड प्लेन से इंदौर पहुँच चुकी है। खबरों के अनुसार उसे चार्टर्ड प्लेन से जल्द से जल्द लखनऊ लाने की तैयारी की जा रही है।

विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान न उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की थी। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार गैंगेस्टर विकास दुबे के गिरफ्तार होते ही यूपी की एसटीएफ टीम के एक दल को तुरंत एमपी के लिए रवाना कर दिया गया था। विकास दुबे की कानूनी औपचारिकता और कागज़ी कार्यवाही पूरी करने के बाद शाम तक पुलिस उसे लखनऊ लेकर आ जाएगी।

वहीं अब गिरफ्तार विकास दुबे का मेडिकल परीक्षण किया जाएगा। साथ ही कोरोना वायरस को मद्देनजर रखते हुए उसका कोरोना टेस्ट भी किया जाएगा। एमपी पुलिस इस बात की भी हिस्ट्री खंगालेगी कि विकास दुबे बीते 6 दिन में कहाँ- कहाँ गया? क्या-क्या किया? पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह उज्जैन कैसे पहुँचा? किसके संपर्क में आया? किसने शरण दी? पुलिस इन बातों का भी खुलासा करने की तैयारी में है।

यह खबर भी सामने आई है कि विकास महाकाल मंदिर में लखनऊ के रस्जिट्रेशन नम्बर की गाड़ी से आया था। साथ ही गाड़ी को लेकर किसी को शक न हो इसलिए उसके नंबर प्लेट पर हाईकोर्ट भी उसने लिखा हुआ था। जाँच में यह बात भी सामने आई कि विकास जिस गाड़ी से आया था वह गाड़ी असल में मनोज यादव के नाम पर रजिस्टर्ड है।

गिरफ्तारी के वक्त विकास के पास से पुलिस ने एक बैग बरामद किया था। जिसमें कुछ कपड़े, एक मोबाइल, उसका चार्जर और कुछ कागजात थे। जिसको देख कर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि विकास हर वक्त पूरी तैयारी में रहता था। मोबाइल का इस्तेमाल वह बहुत ही कम करता था। और बाकी समय उसे स्विच ऑफ ही रखता था। गत 6 दिनों में उसने कई लोगों से संपर्क किया था। जिसकी पुलिस अब जाँच कर रही है।

खबरों के अनुसार विकास दुबे की पहचान सबसे पहले फूलवालें ने की थी। जब वह टिकट लेने के बाद फूल वाले के पास बिना मास्क के पहुँचा था।

वहीं विकास दुबे के पकड़े जाने के बाद उसकी माँ ने उसे कड़ी सजा देने की माँग की है। उन्होंने कहा, “हमको टीवी देख कर पता चला विकास को पकड़ लिया गया है। हम सरकार से कोई अपील नहीं करेंगे, जिनको अपील करना है, वह लोग खुद अपील करेंगे कि विकास को क्या सजा दी जाए।”

उसकी माँ ने यह भी बताया कि विकास दुबे हर साल उज्जैन के महाकाल मंदिर जाता था। विकास दुबे का उज्जैन में ससुराल भी है।

विकास दुबे की माँ सरला देवी ने यह भी कहा, “सरकार जो उचित समझे वो करे, हमारे कहने से कुछ नहीं होगा। मेरा बेटा बीजेपी में नहीं, सपा में है और महाकाल ने विकास को बचा लिया।”

गौरतलब है पुलिस ने आज (9 जुलाई, 2020) सुबह ही विकास के दो साथियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। जिसमें से एक प्रभात मिश्रा पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था। जिसके बाद एनकाउंटर में उसे ढेर कर दिया गया। प्रभात मिश्रा को बुधवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा विकास दुबे गैंग का एक और मोस्ट वांटेड क्रिमिनल बउअन शुक्ला भी इटावा में ढेर हो गया।

रणवीर शुक्ला ने आधी रात महेवा के पास हाईवे से एक स्विफ्ट डिजायर कार को लूटा था। जिसके चलते पुलिस ने उसे काचुरा रोड पर घेर लिया। सरेंडर करने की जगह उसने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जिसपर जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसे ढेर कर दिया।

उल्लेखनीय है कि गत शुक्रवार को उत्तर प्रदेश पुलिस, कानपुर के चौबेपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने पहुँची थी। जहाँ विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिसवालों पर हमला कर दिया था। जिसमें प्रदेश के डिप्टी SP देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवा दी थी। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज है।

गैंगस्टर का खेल ख़त्म, राजनीति का खेल शुरू

व्यवस्थाओं को अपनी उंगलियों पर नचाते हुए गैंगस्टर विकास दुबे ने बहुत ही नाटकीय ढंग से मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकाल मंदिर अपने आप को जाहिर किया कि “मैं विकास दुबे हूं,कानपुर वाला। इन्होंने मुझे पकड़ लिया है।” मीडिया के सामने पूरे योजनाबद्ध तरीके से अपनी गिरफ्तारी करवाई और एनकाउंटर की सारी संभावनाएं नष्ट करते हुए मंत्री योगी आदित्यनाथ का ऑपरेशन धराशाई कर दिया। कुख्यात गैंगस्टर पुलिस कर्मियों की हत्या के 1 सप्ताह बाद अपनी मर्जी से अपनी गिरफ्तारी देता है। आज कुछ ना बस मी मीडिया और सार्वजनिक रूप से इसी घटनाक्रम को देखें तो उत्तर प्रदेश पुलिस मैं के चलते कानूनी प्रक्रिया को ताक पर रखकर विकास दुबे के घर की गाड़ियां को नष्ट कर दिया इतना ही नहीं उसके घरवालों और नए रिश्तेदारों को भी गिरफ्तार किया।

सरिका तिवारी:

बड़ी बात है के बीते दिन हरियाणा में फ्रीदाबाद में इसे देखा गया, उसी दिन इसके कुछ साथियों का एनकाउंटर भी हुआ और आज अचानक स्टेट बॉर्डर पार कर के मध्य प्रदेश पहुंचा और पुलिस अपनी मुस्तैदी का दावा करती रही।

गुरुवार सुबह उज्जैन में सरेंडर

अब गुरुवार सुबह उसने उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर कर दिया। फिलहाल उज्जैन के फ्रीगंज थाने से उसे किसी गुमनाम स्थान पर ले जाया गया है। अब यूपी पुलिस की एक टीम भी उज्जैन रवाना हो चुकी है। बता दें कि बुधवार को वह फरीदाबाद में देखा गया था, लेकिन वह कैसे उज्जैन पहुंचा, इस बात की पूछताछ की जा रही है।

सुनियोजित तरीके से किया आत्मसमर्पण

दुबे ने सुनियोजित तरीके से आत्मसमर्पण किया है। उसने गुरुवार को महाकाल मंदिर में जाकर पर्ची कटाई, इसके बाद मंदिर के सुरक्षाकर्मी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद विकास ने उज्जैन में मीडिया को भी बुलाया है।

महाकाल मंदिर पहुंचकर चिल्लाने लगा मैं हूं विकास दुबे

जानकारी के मुताबिक वह उज्जैन के महाकाल मंदिर में पहुंचकर खुद को विकास दुबे कहकर चिल्लाने लगा. इसके बाद वहां मौजूद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और फ्रीगंज थाने ले गई। इसके बाद यूपी पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। उसकी गिरफ़्तारी की एक फोटो भी यूपी पुलिस के पास भेजी गई, जिसके बाद पुष्टि हुई की वही विकास दुबे है.

बड़ा सवाल: आखिर उज्जैन कैसे पहुंचा विकास दुबे?

बुधवार को फरीदाबाद और एनसीआर में लोकेशन मिलने के बाद आखिर वह उज्जैन कैसे पहुंचा? यह बड़ा सवाल है। अब उज्जैन पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. यूपी पुलिस के पहुंचते ही उसकी ट्रांजिट रिमांड की कार्रवाई की जाएगी। उम्मीद है थोड़ी देर में ही उज्जैन पुलिस इसका खुलासा करेगी कि वह यहां कैसे पहुंचा?

अब बड़ा सवाल यह है कि 8 पुलिसवालों की हत्या का आरोपी विकास कानपुर से उज्जैन कैसे पहुंचा? औरैया की आखिरी लोकेशन के मुताबिक गैंगस्‍टर विकास दुबे इटावा के रास्ते चंबल के बीहड़ों में उतर चुका है। बीहड़ के आगरा सेंटर से व‍ह एमपी या राजस्थान भी भाग सकता है. इस सेंटर से एमपी या राजस्थान भागने में सिर्फ 30 मिनट लगते हैं।

यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह बताते हैं, इटावा के रास्ते से चंबल के बीहड़ शुरु हो जाते हैं। हाइवे को इस्तेमाल किए बिना बीहड़ के रास्तों से होते हुए आराम से आगरा पहुंचा जा सकता है। बीहड़ में आगरा सेंटर पर बाह-पिनहाट ऐसी जगह हैं जहां से 30 मिनट में यूपी का बॉर्डर पार कर एमपी और राजस्थान में दाखिल हुआ जा सकता है। यह वो रास्ते हैं जहां पुलिस की कोई चेकिंग भी नहीं होती है। इन रास्तों पर आप अपनी गाड़ी भी ले जा सकते हैं।

यदि ईमानदारी से की गई जाँच कर सकती है बड़े खुलासे, नेताओ और पुलिस से इसके connection सामने आ सकते हैं। ऐसा इसलिए अबसे पहले पुलिस की ओर से इसके खिलाफ चार्जशीट हमेशा कमजोर ही पेश होती रही है भले ही मामला थाने के अंदर मंत्री की हुई हत्या का ही हो।

बताया यह भी जा रहा है कि शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र ने चौबेपुर थाना के दारोगा विनय तिवारी की शिकायत एसएसपी अनंतदेव से की थी, वह चिट्ठी अब पुलिस रिकर्ड से गायब बताई जा रही है। फिलहाल एसएसपी की जांच लखनऊ आईजी के हवाले कर दी गई है। वो वायरल ऑडियो भी सामने आया है जिसमें शहीद सीओ एसएसपी को बता रहे हैं कि सीओ विनय तिवारी उनकी बात नहीं सुनते।

कानपुर में बिल्लौर के शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के मोबाइल में मिली रिकॉर्डिंग में साफ पता चल रहा है कि उन्होंने चौबेपुर के दरोगा विनय तिवारी की शिकायत एसएसपी अनंत देव से की थी। इसके बावजूद एसएसपी अनंत देव ने कोई एक्शन नहीं लिया। यह ऑडियो शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र की बेटी वैष्णवी मिश्र ने वर्तमान एसएसपी दिनेश कुमार पी को सौंपा है। बता दें कि बिकरू गांव घटना के बाद से दरोगा विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है।

शक यह भी जताया जा रहा है की सीओ देवेंद्र मिश्र और साथ ही साथ बाकी पुलिसवालों की हत्या एक साजिश के तहत ही की गयी थी।

शारदा-वंदन – एडवोकेट भूमिका चौबीसा

।। शारदा-वंदन ।।

गीत गुनगुना लूं मैं, सुर को तुम सजा के दो।
खड्गधारिणी! मेरी वाणी को निखार दो॥
कागजों को बोलते, एहसासों का नाम दो,
हंसवाहिनी! मेरी लेखनी सुधार दो॥

गीत गुनगुना लूं मैं, सुर को तुम सजा के दो।
खड्गधारिणी मेरी वाणी को निखार दो॥

जीत जाए लोकतंत्र, ऎसी तुम कमान दो,
घोटालों की बाढ़ को, अब तो विराम दो।
नेताओं को लाओ तुम, चिंतन की राह पर,
खुदगर्जी छोड़ दे, इतना स्वाभिमान दो॥

गीत गुनगुना लूं मैं, सुर को तुम सजा के दो।
खड्गधारिणी मेरी वाणी को निखार दो॥

हथियारो के नाम पर, बस कलम हैं मेरी,
इसमें ऐसी स्याही दो, हो लेखनी अमर मेरी।
मान हो मां भारती का, विश्व मानचित्र पर,
राष्ट्र धर्म से बड़ा, कोई भी न धर्म हो ॥

गीत गुनगुना लूं मैं, सुर को तुम सजा के दो।
खड्गधारिणी मेरी वाणी को निखार दो॥

राष्ट्र की धरोहरे सहेजने का भाव हो,
मौलिक कर्तव्यों का नियमित संदाय हो।
राष्ट्र है महान और महान इसकी सभ्यता,
संस्कृति के संचरण की जीत का प्रमाण दो॥

गीत गुनगुना लूं मैं, सुर को तुम सजा के दो।
खड्गधारिणी मेरी वाणी को निखार दो॥
कागजों को बोलते एहसासों का नाम दो,
हंसवाहिनी मेरे शब्द को सुधार दो॥

रचनाकारः एडवोकेट भूमिका चौबीसा, उदयपुर (राजस्थान)

तिरछी नज़र: बात है हरियाणा महिला कांग्रेस की

हरियाणा कांग्रेस में पिछले कई बरसों से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। यही हाल पंचकूला में भी है।

सारिका तिवारी, पंचकुला – 03 जुलाई

हरियाणा महिला कांग्रेस में पिछले कई बरसों से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। यही हाल पंचकूला में भी है। खबर है कि अंजली बंसल के बाद पंचकूला की एक और नेत्री अब कांग्रेस छोड़ने की तैयारी में है। पार्टी में महत्वपूर्ण पद पर आसीन यह नेत्री एक ओर जहाँ मौजूदा नेताओ की कार्यशैली से नाखुश हैं वहीं प्रदेश के आला नेता भी उनकी उपेक्षा करते हैं। पार्टी के आंतरिक सूत्रों की मानें तो पार्टी की वर्तमान अध्यक्ष सैलजा बहुत ही कम लोगों की पसंद हैं, दूसरे पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं का कहना है कि सैलजा का किसी को माफ न करने का स्वभाव भी पार्टी में सौहार्द को ठेस पहुंचने का कारण है।

वर्ष 2019 में पंचकूला विधानसभा की टिकट के बहुत से दावेदार थे लेकिन दिल्ली में ज़्यादातर दो महिला उम्मीदवारों के नाम ही एक दूसरे से होड़ में थे लेकिन डॉ अशोक तंवर के खेमे के सभी लोगों को प्रदेश अध्यक्ष ने खारिज कर दिया। परिणामस्वरूप केवल एक ही उम्मीदवार ऐसी थीं जो स्वयं और बाकी कांग्रेसी यही समझ रहे थे कि पंचकूला की सीट उनकी झोली में पड़ गई लेकिन स्क्रीनिंग समिति के सदस्यों ने इस नेत्री को टिकट देने की बजाए पंचकूला की सीट भाजपा को परोसना बेहतर समझा और राजनैतिक पटल पर से ओझल हुए चन्द्रमोहन बिश्नोई को यहाँ से उम्मीदवार बनाया गया ।

आजकल देखने सुनने में आ रहा है कि हरियाणा महिला काँग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा चौहान लगातार अपनी पुरानी टीम के सम्पर्क बनाये हुए हैं। पिछले दिनों चंडीगढ़ पंचकूला के अपने दौरे के दौरान वह कांग्रेस पार्टी से मायूस नेत्रियों से मिलीं। सूत्रों की मानें तो जीरकपुर के एक होटल में बाकायदा महिला कांग्रेस की पदाधिकारियों से अनऔपचारिक बैठक की गई ।

सनद रहे सुमित्रा चौहान के जाने के बाद हरियाणा महिला कांग्रेस अध्यक्ष पर स्थाई नियुक्ति पर अभी भी निर्णय नहीं लिया जा सका। अभी तक कार्यकारी अध्यक्ष से ही काम चलाया जा रहा है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि अध्यक्ष पद के लिए सभी बड़े नेताओं ने अपनी सूचियाँ तैयार रखी हैं। परंतु किसी भी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही। वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष न तो वरियता के आधार पर और न ही पार्टी के आकाओं की पसन्द हैं हालाँकि आजकल प्रदेशाध्यक्ष सैलजा के आसपास ज़रूर दिखाई देती हैं। यहाँ तक कि सैलजा को खुश करने या कि यूँ कहें कि कार्यकारी अध्यक्ष पद पर पक्का होने की उम्मीद से अपनी टीम से भी किनारा कर लिया है। लेकिन पता नहीं वह क्यों नहीं जान पा रहीं कि स्थाई नियुक्ति भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद से ही होगी।

आपको याद होगा जब डॉ अशोक तँवर को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया उस समय भी हुड्डा ही पार्टी की प्राथमिकता थे, इसकी एवज में सुमित्रा चौहान को महिला कांग्रेस की कमान सौंपी गयी थी।

अब केवल अनुभवहीन महिलाएं इनके आसपास दिखती हैं। पंचकूला, आसपास और अन्य जिलों से महिलाओं को शिकायत है कि कार्यकारी अध्यक्ष की ओर से किसी भी कार्यक्रम की सूचना उन्हें नहीं पहुंचती। सच तो यह कि सोशल मीडिया और मीडिया पर कार्यकारी अध्यक्ष के साथ केवल एक या दो महिलाएं ही महिला कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करती नज़र आती हैं। दबी आवाज़ में कार्यकर्ता कहती हैं कि सैलजा मात्र एक तिनका हैं जिसका सहारा लेकर पार नहीं उतरा जा सकता

‘कोरोना योद्धाओं’ पर भारतीय सेना ने की पुष्पवर्षा

सरहद पर वतन के लिए जान न्यौछावर करने वाले रविवार को एक अलग ही तरह की सेवा पर हैं। आज वे उन योद्धाओं पर फूल बरसा रहे हैं, जो कोरोना की जंग में मैदान में अपनी जान की बाजी लगाकर मैदान में डटे हुए हैं। इन कोरोना योद्धाओं में डाक्टर, सभी स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी और पुलिस कर्मी शामिल हैं।

  • जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जताया आभार
  • महाराष्ट्र से लेकर बंगाल की खाड़ी तक दी गई सलामी
  • बंगाल की खाड़ी में INS जलशवा ने जताया आभार

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम, चंडीगढ़ :

दिल्ली सहित मुंबई, बेंगलुरु, लखनऊ, चेन्नई, राजस्थान, मध्य प्रदेश में कोरोना योद्धाओं के सम्मान में तीनों सेनाएं विभिन्न आयोजनों के जरिए उनका आभार व्यक्त किया।

चंडीगढ़ में भारतीय वायुसेना के विमान C-130 ने सुखना झील के ऊपर से फ्लाई पास्ट किया। आज तीनों सेनाएं ‘कोरोना योद्धाओं’ को उनकी सेवाओं के लिए आभार प्रकट किया।

जम्मू-कश्मीर: जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज(GMC) में भारतीय सेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति अपना आभार प्रकट करने के लिए बैंड बजाया

भारतीय वायु सेना (IAF) ने दिल्ली में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज, सफदरजंग हॉस्पिटल के ऊपर से फ्लाई पास्ट करते हुए फूल बरसा कर कोरोना वॉरियर्स के प्रति आभार व्यक्त किया।

असम: गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल(GMCH) में ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार जताते हुए भारतीय वायुसेना ने बैंड बजाया और फ्लाईपास्ट किया गया। 

बिहार: भारतीय वायुसेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ का आभार जताते हुए AIIMS पटना पर फूल बरसाए और फ्लाईपास्ट किया।

त्रि-सेवा प्रमुखों के प्रतिनिधि- मेजर जनरल आलोक काकेर, रियर एडमिरल मैकार्थी और एयर वाइस मार्शल पी.के. घोष ने आज राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में श्रद्धांजलि अर्पित की: दिल्ली

दिल्ली: नरेला क्वारंटाइन सेंटर में बैंड बजाकर ‘कोरोना योद्धाओं’ का आभार जताई भारतीय सेना।

दिल्ली: LNJP अस्पताल के नोडल ऑफीसर ने कहा कि भारतीय वायुसेना बहुत अच्छा काम कर रही है। हमारा जो सम्मान किया गया है इसके हम आभारी हैं। ऐसा लग रहा है जैसे हम कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई को जीत गए हों। इससे हमारे हौंसले और भी बढ़ेंगे।

दिल्ली: भारतीय वायुसेना बहुत अच्छा काम कर रही है। हमारा जो सम्मान किया गया है इसके हम आभारी हैं। ऐसा लग रहा है जैसे हम कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई को जीत गए हों। ये हमारे हौंसले को बढ़ाएगा: नोडल ऑफीसर, LNJP अस्पताल

दिल्ली: ये हमारे लिए गर्व की बात है क्योंकि राष्ट्र के लिए वो भी लड़ते हैं और राष्ट्र के लिए हम भी लड़ रहे हैं लेकिन वो हमारा सम्मान कर रहे हैं तो हम उन्हें सल्यूट करते हैं: कोरोना वॉरियर 

दिल्ली: भारतीय वायु सेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ को आभार प्रकट करते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) पर फूल बरसाए।

दिल्ली: भारतीय वायुसेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार जताते हुए राम मनोहर लोहिया अस्पताल पर फूल बरसाए।

दिल्ली: भारतीय वायुसेना ने पुलिसकर्मियों का आभार प्रकट करने के लिए पुलिस युद्ध स्मारक पर फूलों की वर्षा की।

दिल्ली: भारतीय वायुसेना के चॉपर ने पुलिसकर्मियों का आभार प्रकट करने के लिए पुलिस युद्ध स्मारक पर फूलों की वर्षा की

दिल्ली: गंगा राम अस्पताल में बैंड बजाकर ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति अपना आभार जताती भारतीय सेना। आज तीनों सेनाएं अलग-अलग तरह से स्वास्थ्यकर्मियों और दूसरे अग्रिम पंक्ति के कर्मियों के प्रति अपना आभार जता रही हैं।

मध्यप्रदेश: भोपाल के चिरायु अस्पताल में ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार जताते हुए स्वास्थ्यकर्मियों पर फूल बरसाए गए।

लेह: S.N.M. अस्पताल में कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ रहे कोरोना वॉरियर्स पर भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर ने फूल बरसा कर हवाई सलामी दी।

राजस्थान: भारतीय वायुसेना ने जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ऊपर से फ्लाईपास्ट कर ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति अपना आभार जताया।

त्रिवेंद्रम: भारतीय वायुसेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार जताने के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज पर फूल बरसाए

चेन्नई: भारतीय वायुसेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार जताने के लिए राजीव गांधी सरकारी अस्पताल पर फूल बरसाए।

बेंगलुरु: भारतीय वायुसेना ने इस मुश्किल वक़्त में लोगों को अपनी सेवाएं दे रहे ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार प्रकट करने के लिए विक्टोरिया अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों पर फूल बरसाए। 

लखनऊ: भारतीय वायुसेना ने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (KGMU) के ऊपर से फ्लाईपास्ट किया और ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार प्रकट करने के लिए फूलों की वर्षा की। 

मुंबई: INHS अश्विनी नौसैनिक अस्पताल में कार्यरत कोरोना वॉरियर्स के कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जुटे रहने के हौंसले के प्रति आभार प्रकट करने के लिए हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए गए।

मुंबई: मरीन ड्राइव से फ्लाई पास्ट करता भारतीय वायुसेना का विमान। आज तीनों सेनाएं अलग-अलग तरह से ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार प्रकट कर रही हैं|

भारतीय वायु सेना ने मेडिकल प्रोफेशनल्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के कोरोना महामारी के खिलाफ सराहनीय काम के प्रति आभार प्रकट करने के लिए राजपथ के ऊपर से फ्लाईपास्ट किया: दिल्ली

गोवा: भारतीय नौसेना ने ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार जताने के लिए गोवा मेडिकल कॉलेज के ऊपर से फ्लाई पास्ट किया और स्वास्थ्यकर्मियों पर फूल बरसाए।

हरियाणा: कोरोना वॉरियर्स के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए पंचकूला सेक्टर-6 के सरकारी अस्पताल के बाहर आर्मी बैंड ने लयबद्ध होकर प्रस्तुति दी।

राज्यों ने लॉकडाउन समय में वृद्धि का प्रस्ताव दिया

सरकार का सोचना है कि इससे स्कूल और कालेज एक तरह से गर्मियों की छुट्टियों को मिलाकर जून के अंत तक बंद रहेंगे। गर्मियों की छुट्टी आम तौर पर मई के मध्य से शुरू हो जाती हैं। जीओएम ने सिफारिश की है कि सभी धार्मिक संगठनों को कोरोना वायरस को रोकने के एहतियाती कदम के तहत 15 मई तक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जीओएम का गठन देश में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव देने के लिए किया गया है।

नई दिल्ली:

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच देश में लॉकडाउन की समयावधि बढ़ाई जाएगी या नहीं इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों और लेफ्टिनेंट गवर्नर से संवाद के बाद फैसला लेंगे। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को मुख्यमंत्रियों, प्रशासकों और लेफ्टिनेंट गवर्नर्स से प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए संवाद स्थापित करेंगे।

मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बैठक में पीएम मोदी ने लॉकडाउन हटाने को लेकर सुझाव मांगे थे, जिससे गरीब और प्रवासी श्रमिकों की परेशानी खत्म हो सके। सरकार चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खत्म करना चाहती है। केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि केंद्र उन जगहों से प्रतिबंध हटाने को तैयार है, जहां कोविड -19 के मामले नहीं आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कई सचिवों के साथ ही नीति आयोग के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि 15 अप्रैल के बाद भी पूर्ण रूप से लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान होगा। वे उन क्षेत्रों में प्रतिबंध खत्म करने के पक्ष में हैं जो ‘रेड जोन’ नहीं हैं।

बता दें कि मौजूदा लॉकडाउन की अवधि 21 दिन की है जो 14 अप्रैल की मध्य रात्रि खत्म हो जाएगी। इससे पहले कई राज्यों ने अपनी चिंता जाहिर की है। बुधवार सुबह 9 बजे स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार देश भर में 5194 मामले दर्ज किये गये जिसमें से 4643 केस एक्टिव हैं और 401 मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज किये जा चुके हैं। वहीं 149 लोगों की मौत हो चुकी है साथ ही 1 मरीज विदेश शिफ्ट हो चुका है।

बता दें Covid19 से निपटने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (GoM) ने 15 मई तक सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद रखने और लोगों की सहभागिता वाली सभी धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाने की सिफारिश की है। मंत्री समूह का कहना है कि सरकार चाहे 21 दिनों के लॉकडाउन (Lockdown In India) को आगे बढ़ाये या नहीं, लेकिन शैक्षणिक तथा धार्मिक गतिविधियों पर 15 मई तक रोक लगानी चाहिए। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि देश के कुछ राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए हैं, लेकिन इसपर अभी फैसला नहीं लिया गया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़ लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में है. महाराष्ट्र ने भी लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए हैं, पर कैबिनेट की बैठक में इसपर कोई ठोस फैसला नही हुआ.

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लॉकडाउन बढ़ाने का संकेत देते हुए कहा, ‘हमारे लिए जनता की जिंदगी महत्वपूर्ण है. इसलिए #Lockdown और सह लेंगे, अर्थव्यवस्था बाद में भी खड़ी कर लेंगे, लेकिन लोगों की जिंदगी चली गई तो वापस कैसे ले आयेंगे? इसलिए अगर जरूरत पड़ी तो लॉकडाउन को आगे भी बढ़ायेंगे. परिस्थितियां देखकर फैसला करेंगे.’

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लॉकडाउन बढ़ाए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया है. ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा, ‘संवेदनशीलता बढ़ने के कारण 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन खुल पाएगा या नहीं, यह अभी कहा नहीं जा सकता है. इस पर कुछ भी कहना, अभी संभव नहीं होगा, क्योंकि लॉकडाउन से जितनी भी व्यवस्था बनाकर केसों को नियंत्रित किया गया है, अगर 1 भी केस प्रदेश में रह जाता है तो लॉकडाउन को खोलना उचित नहीं होगा. लॉकडाउन खुलने से पुनः वही स्थिति आ सकती है.’

तेलंगाना

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा है, ‘जून के पहले सप्ताह तक बढ़ाएं लॉकडाउन, वरना कंट्रोल संभव नहीं. तत्काल सभी सीएम से बात करके लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर फैसला करना चाहिए.’ 

पुडुचेरी

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में यदि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया तो उनकी सरकार केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन करेगी.

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए लिखा है कि यदि 14 अप्रैल से अंतर्राज्यीय आवागमन प्रारंभ किया जाता है तो उसके पहले कोविड-19 का प्रसार रोकने के ठोस उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि लॉक डाउन समाप्त होने से पहले इस संबंध में व्यापक विचार विमर्श होना चाहिए.

हरियाणा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘हम केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्दशों का पालन करेंगे. जैसा हम देख रहे हैं कि कोरोना वायरस की बीमारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में यह अभी कुछ भी कह पाना संभव नहीं है कि हम लॉकडाउन खत्म करेंगे या आगे बढ़ाएंगे.’

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र सरकार ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि राज्य में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है, हालांकि अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में लोकडाउन को लेकर कोई ठोस फैसला नहीं हो सका. सरकार आनेवाले दिनों में स्थिति का जायझा लेकर कोई भी फैसला करेगी. कैबिनेट बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि अगर पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी तो राज्य में लॉकडाउन रखा जाएगा.’

राजस्थान

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘राज्य में एक साथ लॉकडाउन नहीं खुलेगा. राजस्थान में 40 जगहों पर कर्फ्यू है. जो भी होगा वो फेज वाइज होगा. इस मुद्दे पर जो भी फैसला लिया जाएगा, वो चर्चा के बाद ही लिया जाएगा.’

दिल्ली

ऐसी खबरें हैं कि दिल्ली में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है, हालांकि आधिकारिक तौर पर इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा गया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुसार, ‘कोरोना को अकेले कोई ठीक नहीं कर सकता है. आज सारी सरकारें टीम की तरह काम कर रही हैं. राजनीति से ऊपर उठकर काम कर रही हैं. सारी राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा.’

सूत्रों ने बताया कि सरकार का सोचना है कि इससे स्कूल और कालेज एक तरह से गर्मियों की छुट्टियों को मिलाकर जून के अंत तक बंद रहेंगे। गर्मियों की छुट्टी आम तौर पर मई के मध्य से शुरू हो जाती हैं। जीओएम ने सिफारिश की है कि सभी धार्मिक संगठनों को कोरोना वायरस को रोकने के एहतियाती कदम के तहत 15 मई तक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जीओएम का गठन देश में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव देने के लिए किया गया है।