सरिता नायर राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी

नई दिल्ली

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी दूसरी सीट के रूप में केरल की वायनाड सीट से पर्चा भर दिया है। इसी सीट से एक महिला ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इस महिला का नाम सरिता नायर है। सरिता नायर का कहना है कि वो दुनिया को बताना चाहती है कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस की असलियत क्या है। बता दें कि सरिता नायर 2013 में सुर्खियों में आईं थीं। तब उनके कांग्रेस से कनेक्शन थे, सोलर घोटाला सहित करीब 30 मामले दर्ज हुए थे। तब सरिता नायर ने कहा था कि कांग्रेस के कई नेता उसकी मदद करते थे, बदले में उसे नेताओं के साथ सेक्स करना पड़ता था। 

चुनाव लड़कर कांग्रेस को नीचा दिखाऊंगी: सरिता

बकौल सरिता, मुझे न तो सांसद बनना है और ना ही लोकसभा में जाकर बैठना है। मैं राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़कर यह बताना चाहती हूं कि यह एक महिला की लड़ाई है। राहुल से सरिता इस बात को लेकर नाराज है कि पार्टी अध्यक्ष ने आरोपी कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। बकौल सरिता, मैं कांग्रेस के भ्रष्ट नेताओं को शर्मसार करने और नीचा दिखाने के लिए चुनाव लड़ रही हूं। ये नेता मुझे हमेशा धोखेबाज कहते रहे, लेकिन इनको अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए कि इन्होंने महिलाओं पर कैसे-कैसे अत्याचार किए हैं।

राहुल गांधी महिलाओं का सम्मान नहीं करते

सरिता ने बताया, मैंने कई बार राहुल गांधी से बात करने की कोशिश की और उन्हें कई चिट्ठियां भी लिखीं कि कांग्रेस को ऐसे भ्रष्ट नेताओं से पीछा छुड़ा लेना चाहिए। जो आदमी आज देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहा है, उसने एक महिला की शिकायत पर ध्यान तक नहीं दिया।

सोलर स्कैम में आया था नाम

सरिता का नाम उन 30 नेताओं में शामिल है, जिन पर सोलर स्कैम का आरोप लगा है। यह घोटाला 2013 में तब सामने आया था, जब पुलिस ने सबसे पहले सरिता और उनके लिव-इन-पार्टनर बिजू राधाकृष्णन को गिरफ्तार किया था। अलग-अलग कोर्ट में सरित और उनके पार्टनर के खिलाफ धोखाधड़ी के 30 से ज्यादा केस चल रहे हैं। पुलिस का कहना है कि दोनों ने 6 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी की है। इसके बाद सरिता ने आरोप लगाया था कि उनकी मदद करने और बिजनेस फैलाने के नाम पर कांग्रेस नेताओं उनका शोषण किया। हालांकि कांग्रेस शुरू से इन आरोपों को खारिज करती रही है।

वायनाड से राहुल का उम्मीदवार होना अविवेकपूर्ण निर्णय है : डी राजा

वाम दलों द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना करना न केवल हास्यस्पद है अपितु उनके डर को भी दिखाता है। भाजपा राहुल को भगोड़ा और रणछोड़ दास कह कर पुकार रही है तो वाम दल उन्हे अमूल बालक और अपरिपक्व इत्यादि कह कर संबोधित कर रहे हैं। सच तो यह है की जिस प्रकार आज राहुल ने वायनाड में रोड शो कर वाम दलों को दिखा दिया कि केरल का मुसलमान खास कर मुस्लिम लीग कि मानसिकता वाला मुसलमान उनके साथ है, से वाम दलों कि नींद उडी हुई है। और वैसे भी वाम दलों ने बाकी मोदी विरोधियों कि भांति चुनावों के नतीजों के बाद कांग्रेस से गठबंधन तो करना ही है, तो अभी यह नूरा कुश्ती क्यूँ।

सच तो यह है की जिस प्रकार आज राहुल ने वायनाद में रोड शो कर वाम दलों को दिखा दिया कि केरल का मुसलमान खास कर मुस्लिम लीग कि मानसिकता वाला मुसलमान उनके साथ है से वाम दलों कि नींद उडी हुई है। और वैसे भी वाम दलों ने बाकी मोदी विरोधियों कि भांति चुनावों के नतीजों के बाद कांग्रेस से गठबंधन तो करना ही है, तो अभी यह नूरा कुश्ती क्यूँ।

राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और कई कांग्रेसी नेताओं के साथ गुरुवार को वायनाड से नामांकन पत्र दाखिल किया.

वायनाड: सीपीआईनेता डी. राजा ने केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र से वाम दलों के उम्मीदवार के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मैदान में उतरने का विरोध किया है और कहा कि यह ‘अदूरदर्शी’ निर्णय है. बता दें राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और कई कांग्रेसी नेताओं के साथ गुरुवार को वायनाड से नामांकन पत्र दाखिल किया.

डी राजा ने कहा, ‘वायनाड से राहुल गांधी को मैदान में उतारकर कांग्रेस पूरे देश को क्या संदेश देना चाहती है? एक तरह से वे गांधी को सीपीआई और वामदलों से लड़ने के लिए बाध्य कर उन्हें शर्मिंदा कर रहे हैं.’

हम अपना उम्मीदवार वापस नहीं लेंगे‘ 
इस लोकसभा सीट से एलडीएफ उम्मीदवार सीपीआई के पी पी सुनीर हैं जबकि भाजपा नीत राजग ने तुषार वेल्लापल्ली को चुनावी मैदान में उतारा है. यह पूछने पर कि क्या वाम दल अपना उम्मीदवार वापस लेने पर विचार कर रहे हैं तो राजा ने कहा, ‘बिल्कुल नहीं.’ उन्होंने कहा, ‘हम अपना उम्मीदवार वापस नहीं लेंगे और उनका प्रचार जोर-शोर से चल रहा है.’ 

कांग्रेस द्वारा दिए गए तर्क और कारण पूरी तरह बकवास हैं‘ 
डी राजा ने कहा कि वाम मोर्चा लगातार कह रहा है कि सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों को लड़ना चाहिए और भाजपा तथा इसके सहयोगियों को हराना चाहिए. चुनाव प्रचार के लिए केरल आए राजा ने कहा, ‘प्राथमिक उद्देश्य भाजपा और राजग गठबंधन को हराना है ताकि संविधान, लोकतंत्र और देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को बचाया जा सके.’ उन्होंने कहा, ‘गांधी के लिए वायनाड चुनने का कांग्रेस का दृष्टिकोण क्या है? कांग्रेस द्वारा दिए गए तर्क और कारण पूरी तरह बकवास हैं.’ 

भाजपा की नयी लिस्ट में सुरेश गोपी केरल में भाजपा के उम्मीदवार

भाजपा बहुत अरसे से केरल में अपने पाँव जमाने की कोशिशों में लगी हुई है। केरल भूमि भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए मारू भूमि ही साबित हुई है। मौजूदाहालात में बंगाल ओर केरल दोनों ही भाजपा कार्यकर्ताओं के रक्तपिपासु हैं। केरल में सर्वाधिक भाजपा कार्यकर्ताओं का रक्त बहा है। भाजपा आज अपने कार्यकर्ताओं के बल पर केरल में चुनाव जीतने का दम रखती है। भाजपा न केवल प्रयासरत ही नहीं अपितु उत्साहित भी है। भाजपा ने केरल में अभिनेता सुरेश गोपी को अपना उम्मीदवार बनाया है।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मंगलवार को उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी कर दी. बीजेपी की ओर से जारी की गई लिस्ट में तीन उम्मीदवारों की घोषणा की गई है. लिस्ट के अनुसार, बीजेपी ने गुजरात के दो और केरल के एक प्रत्याशी का नाम घोषित किया है. इस लिस्ट की में गुजरात की मेहसाणा लोकसभा सीट से राज्य सरकार में पूर्व मंत्री रहे दिवंगत अनिल भाई पटेल की पत्नी शारदा बेन पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है. बता दें कि गुजरात में पाटीदार आंदोलन का मुख्य गढ़ मेहसाणा ही रहा है.

बीजेपी गुजरात की सूरत संसदीय सीट से दर्शना जरदोश को प्रत्याशी घोषित किया है. वहीं, बीजेपी ने केरल में अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी पर दांव लगाया है. पार्टी ने केरल की त्रिशूर लोकसभा सीट से सुरेश गोपी को उम्मीदवार बनाया है. सुरेश गोपी ने 29 अप्रैल, 2016 में राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ ली थी. अक्टूबर, 2016 में सुरेश गोपी ने आधिकारिक रूप से बीजेपी में शामिल हो गए थे.

शीला की कीमत पर गठबंधन होगा??

आम आदमी पार्टी से गठबंधन की बैठक को शीला दीक्षित बीच ही में छोड़ कर क्यों चलीं गईं थीं, कांग्रेस आज सार दिन इस सवाल से बचती नज़र आई। केजरीवाल के शीला दीक्षित को महत्वपूर्ण नेता न मानने पर भी कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई। शाम होते होते 4/3 के फार्मूले पर कयास लगने लग पड़े। लगा की बात तकरीबन बन चुकी है। पूछे जाने पर भी कोई ठीक उत्तर नहीं मिला।

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के बारे में सवाल को टालते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पूरे देश में गठबंधनों को लेकर उनकी पार्टी का रुख लचीला है.

राहुल गांधी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन के सवाल पर सीधे उत्तर नहीं देते हुए कहा,‘इस पर कोई असमंजस नहीं है. स्थिति बहुत स्पष्ट है. देश भर में हमने गठबंधन किए हैं. हमारे दरवाजे गठबंधन के लिए खुले हुए हैं. इस मुद्दे पर हमारा रुख लचीला है.’

राहुल ने की शीला दीक्षित और पीसी चाको के साथ बैठक 
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने मंगलवार को सुबह पार्टी की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष शीला दीक्षित और राज्य के पार्टी प्रभारी पीसी चाको के साथ एक बैठक की. गौरतलब है कि आप के साथ गठबंधन को लेकर अब तक दिल्ली कांग्रेस के नेताओं में भिन्न भिन्न राय सामने आई है.

पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक के दौरान डीपीसीसी अध्यक्ष शीला दीक्षित और तीनों कार्यकारी अध्यक्षों राजेश लिलोठिया, देवेंद्र यादव और हारून यूसुफ तथा पूर्व अध्यक्ष जेपी अग्रवाल ने गठबंधन का विरोध किया तो अजय माकन, सुभाष चोपड़ा, अरविंदर सिंह लवली तथा कुछ अन्य नेताओं ने तालमेल के पक्ष में राय जाहिर की. दिल्ली में सभी सात सीटों के लिए 12 मई को वोट डाले जाएंगे. 23 मई को मतगणना होगी.

हालांकि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के लिए नयी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया है. ‘आप’ प्रमुख ने कहा था कि उन्होंने हाल ही में राहुल गांधी से मुलाकात की थी. कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘आप के साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया.’ 

दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित के उनसे संपर्क ना करने के बयान पर केजरीवाल ने कहा, ‘हमने राहुल गांधी से मुलाकात की थी. दीक्षित इतनी महत्वपूर्ण नेता नहीं हैं.’ केजरीवाल लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए लगातार कांग्रेस से गठबंधन करने की अपील कर रहे हैं.

Congress’ manifesto claiming it made “traitors and separatists happy”: Sushma

Sushma Swaraj criticises Congress manifesto

Union Minister Sushma Swaraj has slammed the Congress’ manifesto claiming it made “traitors and separatists happy“.

Ms. Swaraj has been addressing a BJP women workers’ meeting in Nagpur for the party’s Lok Sabha candidate and Union Minister Nitin Gadkari.

“The Congress manifesto has made deshdrohi (traitor) and algavwadi (separatist) people happy. It is unfortunate for the country that on one side Prime Minister Narendra Modi is giving a befitting reply to Pakistan’s terror attacks with surgical and air strikes. On the other hand, the Congress president (Rahul Gandhi) is refusing to accept treason as a crime,” she says.

While Mr. Modi has taken back security provided to separatist leaders (in Jammu and Kashmir post the Pulwama terror attack), the Congress chief talks of continuous talks with them, the Minister of External Affairs says.

“This is the difference between chowkidar and rajkumar,” she says, adding that she was confident people would not vote for a party that made the nation unsafe.

“I am confident people will re-elect Modi as PM because they know the nation is safe in his hands,” she claims.

She says the Congress failed to corner Pakistan following the 26/11 terror raid on Mumbai in 2008 while the Modi government has given all powers to armed forces to retaliate following the Uri and Pulwama attacks.

She says India isolated Pakistan post the Pulwama attack and the latter did not attend the Organisation of Islamic Countries (OIC) meeting as India was a special invitee.

कांग्रेस के सभी फेस बूक पेजों के साथ पाकिस्तान के 103 पेजों की भूमिका के चलते उन्हे डिलीट किया गया: फेसबूक

सोश्ल मीडिया का इस्तेमाल जानकारी के आदान प्रादान के लिए किया जाता है। इस मीडियमसे लोगों के फासले खत्म हसे हो गए हैं, शारीरिक रूप से दूर भी अभूत सहजता से स्व्यम को आपके पास पाता है और उस दूरी का एहसास खत्म हो जाता है। लोग इस माध्यम से मिली जानकारी को भी बहुत ही संजीदगी से लेते हैं, खास कर युवा वर्ग। जब यहीं पर प्रचार सामग्री मिल रही हो तो राजनाइटिक दल भी इसका भरपूर इस्तेमाल करते हैं। राजनाइटिक विद्वेष यहाँ प्रचार कम अपितु दुष्प्रचार अधिक करते हैं। कोई अचरज नहीं जब पाकिस्तान भी भारत के लोकसभा चुनावों में दल विशेष की मदद कर रहा हो। फस बुक के अनुसार उन्होने कांग्रेस संबन्धित तमाम पेज डिलीट कर दिये हैं परंतु आश्चर्य यह है की इन्हीं पेजिस के साथ साथ पाकिस्तान सेन के 103 पेज भी भारत चुनावों में संलिप्त थे। है तो जांच का विषय। कपिल सिब्बल ज़रूर जानना चाहेंगे की गद्दार कौन है।

  • सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि ‘अप्रमाणिक व्यवहार’ के चलते देश की मुख्य विपक्षी पार्टी से जुड़े इन पेजों को हटाया गया है
  • फेसबुक के साइबर सिक्यॉरिटी पॉलिसी के हेड नाथनेल ग्लेचियर ने कहा, ‘लोगों ने अपनी पहचान को छिपाकर यह काम करने का प्रयास किया
  • सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने कहा कि उसने पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग से जुड़े 103 पन्नों को भी हटाने का फैसला लिया है

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के कुछ दिन पहले फेसबुक ने एक सख्त कदम उठाते हुए देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस से संबंधित तमाम पेज डिलीट करने की घोषणा की है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक फेसबुक ने सोमवार को यह भी बताया है कि इसके साथ ही उसने पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों से जुड़े 103 अकाउंट भी रिमूव कर दिए हैं. सोमवार को सोशल मीडिया कंपनी ने अपने इस कदम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ‘अप्रमाणिक व्यवहार’ के चलते देश की मुख्य विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) से जुड़े पेजों को हटाया गया है. फेसबुक ने इसके साथ ही यह भी साफ किया है कि इन पन्नों को उनमें प्रकाशित सामग्री की बजाय उनके ‘इनअथेंटिक बिहेवियर’ यानी अप्रामाणिक जानकारी के चलते हटाया गया है.

फेक अकाउंट बना कर तमाम ग्रुप में जुड़े थे लोग
आपको बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा फेसबुक यूजर भारत में हैं जिनकी संख्या तकरीबन 30 करोड़ है. फेसबुक ने कहा है कि उसने अपनी जांच में पाया है कि पहले लोगों ने फेक अकाउंट्स बनाए और अलग-अलग ग्रुप्स से जुड़कर अपनी बातों (कंटेंट) को फैलाया और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का काम किया. फेसबुक ने कहा कि उन फेसबुक पन्नों पर लोकल न्यूज के साथ-साथ अपने विरोधी दल जैसे कि पीएम नरेंद्र मोदी के बीजेपी की आलोचना भी की जाती थी.

कांग्रेस की आईटी सेल से जुड़े थे लोग
फेसबुक के साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी के प्रमुख नथानिएल ग्लीइकर ने इस बारे में बताते हुए कहा, “लोगों ने अपनी पहचान को छिपाकर यह काम करने का प्रयास किया था, लेकिन हमने अपनी जांच में पाया कि ऐसे फेसबुक पेज कांग्रेस की आईटी सेल के लोगों से जुड़े हुए थे.” इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि इन अकाउंट्स को उनके द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट के आधार पर नहीं बल्कि उनके व्यवहार के चलते हटाया जा रहा है.

पाकिस्तान के 103 अकाउंट भी हटाए गए
सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने इसके साथ ही यह भी कहा कि उसने पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग से जुड़े 103 फेसबुक पेज, ग्रुप और अकाउंट को भी हटाने का फैसला लिया है. फेसबुक के मुताबिक इनका संचालन पाकिस्तान से ही होता था और ये पाकिस्तानी सेना के अंतर-सेवा जनसंपर्क विभाग के कर्मचारियों द्वारा चलाए जा रहे थे.

इस वजह से उठाया गया है यह कदम
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक भारत सरकार के साथ ही साथ दुनिया भर की कई अथॉरिटीज ने फेसबुक पर इस बात के लिए दबाव बनाया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि उसके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए फर्जी जानकारियां फैलाने (खासकर आने वाले चुनावों के वक्त) के लिए नहीं किया जाएगा.

क्या राहुल वाकई रणछोड़दास हैं?

समय को भी याद नहीं होगा की गांधी परिवार का अमेठी रायबरेली सुल्तानपुर से कितना पुराना रिश्ता है। अमेठी से हमेशा गांधी परिवार के नए प्रत्याशी को उतारा जाता है। कॉंग्रेस अमेठी की धमनियों में बहता रक्त है। इन्दिरा, संजय, राजीव, सोनिया और अब राहुल। विपक्ष भी वहाँ इनके खिलाफ हमेश कमजोर प्रत्याशी ही उतारता आया है मानो अमेठी पर मैच फिक्स है। बस 2014 में भाजपा ने स्मृति ईरानी को एन चुनाव के समय राहुल के खिलाफ प्रत्याशी बनाया और राहुल को भयंकर चोट मिली। उनका जीत का अंतर केवल 1 लाख कुछ हज़ार का रह गया। अमेठी ने कांग्रेस को चिरंजीव और अजातशत्रु का आशीर्वाद दिया है, मतांतर भले ही कम हो परंतु जीतेगी कांग्रेस ही। 70 सालों से विकास के नाम पर दुर्दशा झेलती अमेठी अपने सांसद को अरबोनपति बना चुकी है परंतु कहा जाता है की गरीबी उन्मूलन की पहला नारा जिस झोंपड़ी से लगाया गया था वह आज भी जस की तस है और उस झोंपड़ी में उसी गरीब की 5वीं पीढ़ी मताधिकार का प्रयोग करने वाली है परंतु मत पेटी में कांग्रेस का ही कब्जा रहेगा।

अब राहुल ने केरल के वायनाड सीट जहां के कांग्रेसी कार्यकर्ता ए कैमरे के सामने गो हत्या कर गो मांस पकाया और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में बांटा था यही नहीं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उसे कैमरे के सामने खाया भी था, वहीं से राहुल ए अपना दूसरा नामांकन पत्र दाखिल किया है। वायनाड में उन्हे भाजपा का खौफ नहीं। कांग्रेस ने यहाँ 2 सेल्फ गोल कर दिये। पहला राहुल के लिए सुरक्षित सीट का होना मतलब राहुल किसी भी प्रकार का विरोध नहीं झेल पाते। स्मृत ईरानी उनके वोटों के जीत के अंतर को एक लाख क्या किया की राहुल को लगा की पाँच साल में स्मृति ने वह कार्य किए हैं जो राहुल की पाँच पीढ़ियों ने नहीं किए।

दूसरे वायनाड सीट जहां भाजपा का कोई खतरा नहीं है यह तो वामपथियों का इलाका है। अब महागठबंधन में वामपंथियों के साथ फोटो खिंचवाए वाले राहुल उन्ही के गढ़ में उनको चुनौती देंगे और फिर गठबंधन का डैम भी भरेंगे। वामपंथी नेता भी अब राहुल के खिलाफ हो चले हैं।

आइये समझते हैं वायनाड – अमेठी का गणित

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में अपने पारंपरिक गढ़ अमेठी के अलावा केरल की वायनाड संसदीय सीट से भी चुनाव लड़ेंगे. पार्टी का कहना है कि राहुल ने प्रदेश इकाई के अनुरोध के बाद वायनाड से लड़ने पर सहमति जताई है. इस फैसले को कांग्रेस की तरफ से दक्षिण भारत, खासकर केरल में अपने जनाधार को मजबूत करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. वायनाड केरल में स्थित है लेकिन वह तमिलनाडु और कर्नाटक से भी घिरा हुआ है. एक तरह से तीन दक्षिणी राज्यों का त्रिकोणीय जंक्शन है. वायनाड सीट 2009 में अस्तित्व में आई थी. 

उधर, सीपीए के नेता प्रकाश करात का कहना है कि केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने के लिए काम करेगा. करात ने एक वीडियो संदेश में कहा “केरल में एलडीएफ मुख्य शक्ति है जो बीजेपी को चुनौती दे सकती है. राहुल गांधी केरल में एलडीएफ से लड़ने जा रहे हैं, इसका मतलब यह है कि हमारा मुकाबला संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) से होगा जिसका वह उम्मीदवार होंगे.”

कांग्रेस का गढ़ है वायनाड
वायनाड सीट 2009 में अस्तित्व में आई. वायनाड के अंतर्गत सात विधानसभा सीटें हैं जो कि तीन जिलों वायनाड, कोझीकोड और मलापुरम में फैली हैं. ये सात विधानसभा सीटें – मनन थावडी, कालपेट्टा, सुल्तान बथेरी, तिरुवामबाडी, नीलाम्बुर, वांडूर, एर्नाड हैं. पिछले दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का कब्जा है. 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के एमआई शानवास ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. उन्होंने सीपीआई उम्मीदवार एम. रहमतुल्ला को हराया था. शानवास का निधन हो चुका है. वह केरल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष थे. बीजेपी इस चुनाव में चौथे नंबर जबकि एनसीपी तीसरे स्थान पर रही थी.

2014 में भी कांग्रेस ने मारी बाजी
2014 के लोकसभा चुनाव में भी शानवास को जीत मिली. इस बार उनके सामने सीपीआई उम्मीदवार सत्यन मोकेरी मैदान में थे लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली. हालांकि मोकेरी शानवास को 3,77,035 जबकि मोकेरी को 3,56,165 वोट मिले थे. जीत का अंतर 20 हजार मतों का था. बीजेपी तीसरे नंबर पर रही थी. पी. रस्मिलनाथ ने 80,752 वोट हासिल किए थे. 

राहुल की राह आसान नहीं  
पिछले दो लोकसभा चुनाव को आधार मानें तो साफ है कि कांग्रेस की राह आसान नहीं रहने वाली. बीजेपी का जनाधार बढ़ा है जो कि वोट में दिखाई दे रहा है. 2009 में जहां बीजेपी चौथे स्थान पर रही थी तो वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी तीसरे स्थान पर रही. देखना होगा कि क्या राहुल गांधी इस सीट पर कांग्रेस की हैट्रिक लगवाने में सफल होंगे या नहीं.

2019 में सुरक्षित सीट की तालाश में राहुल

अमेठी लोकसभा चुनाव क्षेत्र 1967 से कांग्रेस की सीट रही है संजय गांधी की मृत्यु के पश्चात राजीव गांधी यहाँ से निर्वाचित हुए तभी से यह कांग्रेस की पारंपरिक सीट से बदल कर पारिवारिक सीट हो गयी। 2004 के बाद से कोई भी राहुल गांधी को चुनौती नहीं दे पाया था, लेकिन 2014 के चुनावों में भाजपा की दिग्गज नेता, टीवी अभिनेत्री से नेत्री बनी समृति ईरानी के आने से महौल बदला और राहुल को एक चुनौती का सामना करना पड़ा। आम आदमी पार्टी द्वारा कुमार विश्वास को मैदान में उतारने से चुनावी समीकरण राहुल गांधी की ओर बैठ गए अन्यथा विश्वास द्वारा काटेगए वोट भी स्मृति के पक्ष में जाते और राहुल की जीत का अंतर कुछ 100 ही में सिमट जाता।

अब माहौल पूरी तरह से बदल चुका है राहुल गांधी ने अमेठी से सांसद होते हुए भी अकर्मण्यता का परिचय दिया और अमेठी के बारे में यह कहा जाता है कि राजीव गांधी ने 1981 में जिस झोंपड़ी से चुनाव प्रचार किया था 2019 के क्ंग्रेस चुनाव प्रचार भी उसी झोंपड़ी से किए जाएँगे (यह सिर्फ 1967 से आज तक कांग्रेस सांसदों के रहते अमेठी के हालात बयान करती प्रतीकात्मक बात है) भाजपा का मानना है कि 2004 से आज तक राहुल ने उतने वादे अमेठी से नहीं किए जीतने काम स्मृति ईरानी ने हारने के बाद भी अमेठी में करवा दिये। लोगों के मन में स्मृति इरानि को लेकर था कि हारने के बाद स्मृति पुन: अमेठी नहीं आएंगीन, परंतु स्मृति ने न केवल वहाँ अपना दफ्तर बनाया अपितु वह बारंबार अमेठी आती रहीं और स्थानीय लोगों की समस्याओं का निदान करतीं रहीं।

2010 में जिला घोषित होने के बाद से 2017 तक यहाँ डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर का दफ्तर भी नहीं था। अमेठी ने गांधी परिवार को चुनाव दर चुनाव जितया परंतु अमेठी को गांधी परिवार से सिर्फ राजनैतिक अकर्मण्यता के सिवा कुछ भी हासिल नहीं हुआ। आज जब 2019 के चुनाव सामने हैं, स्मृति के किये काम दिखने लगे हैं ऐसे में लोगों को स्मृति से काफी उम्मीदें हैं। चुनावी समीकरण अब स्मृति की ओर झुके हुए हैं। बसपा सुप्रीमो ने हालांकि अमेठी सीट पर उम्मीदवार न उतारने की बात कही थी पर अब वह राहुल गांधी से नाराज़ चल रहीं हैं, विश्वास भी इस बार मैदान में नहीं हैं, चुनावी दंगल कर्मठ स्मृति तथा राहुल के बीच हैं जिसमे राहुल की जीत मुश्किल होती जान पड़ती है इसी लिए अब कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाइयां उन्हे (राहुल को) अपने राज्यों की सुरक्षित सीटों से चुनाव लड़ने की प्रार्थना कर रहीं हैं। भीतर ही भीतर स्मृति से डरे हुए रहल अप्रत्यक्ष रूप से यही चाहते हैं परन्तु परोक्ष रूप से इस पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं।

पत्तनमतिट्टा/कोट्टायम (केरल) : प्रदेश कांग्रेस ने वयनाड लोकसभा सीट के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित किया है. यह सीट राज्य में पार्टी का गढ़ मानी जाती है. वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को बताया कि राहुल गांधी ने इस अनुरोध पर फिलहाल प्रतक्रिया नहीं दी है.

एआईसीसी महासचिव ओमन चांडी ने पत्तनमतिट्टा जिले में संवाददाताओं से कहा कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने गांधी से वयनाड से लड़ने का आग्रह किया है लेकिन उन्होंने प्रस्ताव पर टिप्पणी नहीं की है.

उन्होंने कहा कि पार्टी नेता मांग कर रहे हैं कि गांधी को किसी दक्षिण भारतीय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहिए और “हमने गांधी से वयनाड सीट से लड़ने का आग्रह किया है.” चांडी ने कहा, “उन्होंने अब तक इस अनुरोध पर टिप्पणी नहीं की है. लेकिन हमें उम्मीद है कि कुछ सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी.”

पार्टी केरल की 20 लोकसभा सीटों में से 16 पर चुनाव लड़ रही है और उसने 14 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है लेकिन वयनाड एवं वडाकरा से अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं. वहीं राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथला ने कोट्टायम में कहा कि उन्होंने गांधी से वयनाड सीट से लड़ने का आग्रह किया था जब वह हाल ही में पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करने केरल आए थे.

Ist Global Banking Trade Union Convention at Thiruvananthaapuram

Com Somya Dutta, General Secretary AIBOC having a membership of 320000 members across India today inagurated the Ist Global Banking Trade union convention in collaboration with The Global Labour University at Thiruvananthapuram, Kerala.

Trade union leaders from Germany, Brazil, Malaysia , Nepal and affiliated with AIBOC participated in the three day convention from 17/03/2019 to 19/03/2019.

During the three day convention Financial experts as well as Trade union stalwarts will be sharing their views on the topics : 
A decade after the Global Financial Crises.

Experience of Bank Merger.

Movement to save Public Sector Banks.

Technological  changes in the banking industry as well as challenges before the Public Sector Banks along with other burning issues.


Sh Sanjay Sharma, Sh Rajiv Sirhindi, Sh Suresh wali, Sh T S Saggu, Sh Priyavrat and Sh Harvinder Singh participated in the global convention from SBI Officers Association, Chandigarh Circle.

वादक्कन कोई बड़े नेता नहीं जिनके जाने से फर्क पड़े: राहुल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने टॉम वडक्कन के बीजेपी में शामिल होने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ दौरे पर आए राहुल से पत्रकारों ने जब इसे लेकर सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि टॉम वडक्कन बड़े नेता नहीं हैं इसलिए उनके कांग्रेस छोड़कर जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता,

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Congress President Rahul Gandhi on Tom Vadakkan joining BJP: Vadakkan? No, no Vadakkan is not a big leader.1,64112:55 PM – Mar 15, 2019801 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

सोनिया गांधी के करीबी रहे टॉम वडक्कन गुरुवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए थे. बाद में वो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मिले. इस दौरान अमित शाह ने उन्हें गुलदस्ता देकर पार्टी में स्वागत किया।

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Delhi: Congress leader Tom Vadakkan joins Bharatiya Janata Party in presence of Union Minister Ravi Shankar Prasad.4,7871:36 PM – Mar 14, 20191,575 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

वडक्कन ने इस दौरान पुलवामा आतंकी हमले के बाद वायुसेना के हवाई हमले (Air Strike) पर कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया को लेकर उस पर निशाना साधा. वडक्कन ने बीजेपी में शामिल होने के बाद कहा, पाकिस्तान स्थित आतंकवादी शिविर पर हुए हमले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया दुखद थी. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के भीतर स्थितियों को लेकर आहत थे जहां यह स्पष्ट नहीं था कि सत्ता के केंद्र में कौन है.

Tom Vadakkan: I left Congress party because when Pakistani terrorists attacked our land, my party’s reaction to it was sad, it hurt me deeply. If a political party takes such a position that is against the country then I’m left with no option but to leave the party. pic.twitter.com/8oZYoFRGx45,7841:52 PM – Mar 14, 2019Twitter Ads info and privacy

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वडक्कन ने कहा, ‘मैं बेहद आहत हूं, इसलिए यहां हूं. मैंने भारी दिल के साथ पार्टी (कांग्रेस) छोड़ी है. अगर कोई पार्टी राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम करती है, तब पार्टी छोड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता है.’ उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व पर सीधा हमला करते हुए कहा कि वो अब इस्तेमाल करो और फेंको की नीति अपना रहे हैं.

लोकसभा चुनाव से ऐन पहले वडक्कन के इस कदम से कांग्रेस को बेहद असहज स्थिति का समना करना पड़ा.

माना जा रहा है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में वडक्कन को केरल की किसी सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है.