कांग्रेस शासित प्रदेश में दलितों को “न्याय” नहीं

बलात्कार पर राजनीति कोइ अच्छी बात नहीं लेकिन अशोक गहलोत ने चुनावों तक मामला दर्ज़ ही न होने देने की चाल चल कर राजनीति को हवा दे दी। हर जगह अवार्ड वापीसी गैंग, दलित प्रेमी नेताओं को ढूंढा जाने लगा। च्ंकि यह मामला राजस्थान का था जहां कांग्रेस की सरकार है कोई भी सामने नहीं आया, यहाँ तक कि आतिशी कि झूठी शियायात पर हायतौबा मचाने वाला महिला कमीशन अथवा ह्यूमन राइट्स अमिशन को भी कांग्रेस सरकार में दलित मनुष्य नहीं लगे। आ जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मायावती जो हमेशा केएचडी को दलितों का झंडाबरदार मानतीं हैं से ने दलित प्रेम ए बारे मेन पूछा तो यह सभी खोये हुए लोग बरसाती मेंढ़कों कि तरह निकलने लग पड़े।

देवरिया/कुशीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि बसपा अध्यक्ष मायावती को अगर अलवर में हुए सामूहिक बलात्कार काण्ड से वाकई पीड़ा हो रही है, तो वह राजस्थान सरकार से समर्थन वापस लें. पीएम मोदी ने देवरिया और कुशीनगर में हुए चुनावी रैलियों में कहा कि राजस्थान की सरकार बसपा के सहयोग से चल रही है. वहां की कांग्रेस सरकार दलित बेटी से सामूहिक बलात्कार का मामला दबाने में लगी है. बहनजी (बसपा प्रमुख मायावती) राजस्थान में आपके समर्थन से सरकार चल रही है. वहां दलित बेटी से बलात्कार हुआ है. आपने उस सरकार से समर्थन वापस क्यों नहीं लिया? घड़ियाली आंसू बहा रही हो.’ 

उन्होंने कहा कि आपके (मायावती) साथ गेस्ट हाउस कांड पर पूरे देश को पीड़ा हुई थी. आज अलवर कांड पर आपको पीड़ा क्यों नहीं हो रही है. अगर हो रही है तो बयानबाजी करने की बजाय राजस्थान सरकार से समर्थन वापस लीजिये.’ मोदी ने रैली में मौजूद लोगों से पूछा ‘आतंकवादियों को घर में घुसकर मारा गया. आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ. माथा ऊंचा हुआ कि नहीं हुआ. सीना चौड़ा हुआ कि नहीं हुआ. ये चुनाव देश में एक बुलंद सरकार देने का चुनाव है. 21वीं सदी में भारत का विश्व में क्या स्थान हो, उसके लिये यह चुनाव है. यही कारण है कि देश आज राष्ट्र के हितों को सर्वोपरि रखने वाली सरकार केन्द्र में चाहता है.’ 

पीएम मोदी ने कहा कि आतंक से निपटना सपा, बसपा के बस की बात ही नहीं है और बाजार में प्रधानमंत्री के जितने चेहरे घूम रहे हैं. उनमें हिम्मत के साथ सीना तानकर आतंकवाद के खिलाफ कौन लड़ सकता है. सपा, बसपा और कांग्रेस वाले ऐसे लोग हैं, जो गली के गुंडे तक पर लगाम नहीं लगा पाते, ये आतंकवाद पर कैसे लगाम लगाएंगे.

पीएम ने कहा कि मैं अति पिछड़ी जाति में पैदा हुआ लेकिन देश को दुनिया में सबसे आगे ले जाने के लिये जी-जान से जुटा हुआ हूं. जो लोग मोदी की जाति जानना चाहते हैं, वे कान खोलकर सुन लें. मोदी की एक ही जाति है गरीब. ये लोग मोदी का नहीं, बल्कि गरीबी की जाति का सर्टिफिकेट मांग रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि सपा, बसपा के लोगों ने गरीबों को लूट कर बड़े—बड़े महल खड़े कर लिये लेकिन मैंने कभी जोड़-तोड़ करके अमीर बनने का सपना नहीं देखा और ना ही अपने परिवार वालों को दिखाया है. जब 20-25 साल बाद मेरा शरीर कमजोर हो जाएगा तब मुझे रहने के लिये किराये का कमरा ढूंढना पड़ेगा.

उन्होंने सपा और बसपा के बीच नाराजगी पनपने का दावा करते हुए कहा कि बहनजी सपा के कार्यकर्ताओं से नाराज हैं इसलिए उनको माइक पर सलाह देती हैं कि बसपा वालों से सपा को सीखने की जरूरत है. स्वार्थ का साथ ज्यादा नहीं चलता है. मैं सोचता हूं कि 23 मई को बहनजी के समर्थकों का क्या होगा, तब उनकी दोस्ती चूर-चूर हो जाएगी. तब बबुआ के कार्यकर्ता बुआ के कार्यकर्ताओं से ऐसी दुश्मनी निकालेंगे कि बहनजी भी कुछ नहीं कर पाएंगी.’ मोदी ने कहा कि विपक्षी दल लोकसभा चुनाव में चारों खाने चित हो जाएंगे क्योंकि लोगों ने एक मजबूत और ईमानदार सरकार बनाने की ठान ली है.

प्रियंका वाड्रा द्वारा अपमानित नीलम मिश्रा ने दल बल सहित छोड़ी कांग्रेस

एक होती है नूरा कुश्ती इस कुश्ती में दो भिड़ने वाले पहलवान आपस ही में तय कर लेते हैं की कोई भी चित्त नहीं होगा या फिर कौन चित्त होगा। हम नूरा कुश्ती पहले भी समाजवादी परिवार में होती देख चुके हैं। अब गठबंधन और कांग्रेस में भी नूरा कुश्ती ही चल रही है। अभी हाल ही में बदोही में भी यही कुश्ती एक बार फिर दोहराई गयी, जहां जिले की कांग्रेस अध्यक्ष नीलम मिश्रा ने कांग्रेस छोड़ दी ओर गठबंधन के उम्मीदवार के हित में जुट गयी। इसे कहते हैं तेल गिरा तो कड़ाही में। एक ओर बात जो सामने आ रही है वह है नामदारों का अपने कार्यर्ताओं के प्रति रवैया। अभी सैम पित्रोदा के दिल्ली में सिक्ख कत्लेआम पर दिये गए ब्यान “हुआ तो हुआ” थमा नहीं की प्रियंका वादरा आ महिलाओं के लिए दिया गया यह बयान। जानते हैं पूरा मामला

भदोही: लोकसभा चुनाव 2019  के छठवें चरण में रविवार को सात राज्यों की 59 सीटों पर मतदान हुआ. इस दौरान उत्तर प्रदेश के भदोही जिले की कांग्रेस अध्यक्ष नीलम मिश्रा ने पूर्वी यूपी की प्रभारी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. नीलम मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने भदोही से एक बाहरी व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है. इस बारे में जब हमने प्रियंका गांधी से बात की तो उन्होंने कई अपमानजनक बातें कहीं.  

आरोप है कि शुक्रवार को यहां हुई चुनावी सभा के बाद उन्होंने प्रियंका से शिकायत की थी कि भदोही से पार्टी के प्रत्याशी रमाकांत यादव लगातार जिला कांग्रेस कमेटी की उपेक्षा कर रहे हैं। यहां तक कि रैली में पार्टी पदाधिकारियों को घुसने तक नहीं दिया जा रहा है। 

इसपर प्रियंका गांधी ने कथित रुप से नीलम मिश्रा क सबके सामने डांटना शुरु कर दिया और कहा कि ‘अगर आप लोग अपमानित महसूस कर रहे हैं तो करते रहिए’। 

नीलम मिश्रा ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी से शनिवार को इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा कि भदोही से रमाकांत यादव को उम्मीदवार बनाया गया है. वह बाहरी व्यक्ति हैं और हाल ही में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बहुत बड़ा झटका था. नीलम ने दावा किया कि इस बारे में एक बैठक के दौरान हमने प्रियंका गांधी से बात करने की कोशिश भी की थी. लेकिन, प्रियंका गांधी नाराज हो गईं और हमारे लिए कई अपमानजनक बातें कहीं.   

बताते चलें कि रमाकांत यादव को चुनाव आयोग का नोटिस भी मिल चुका है. चुनाव आयोग ने अपने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जनता को बताने के लिए कहा था, जिसके लिए उम्मीदवारों को छोटे या बड़े अखबारों में इसे प्रकाशित करवाना था, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार रमाकांत यादव ने इसकी अनदेखी की थी. मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला निर्वाचन आयोग ने यादव को नोटिस भेजा था

‘दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे’: सुषमा की ममता को नसीहत

केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को ट्वीट के जरिये कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी पर पलटवार किया. सुषमा ने ममता बनर्जी को बशीर बद्र के एक शेर के जरिये जवाब दिया. 

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को ट्वीट के जरिये कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर पलटवार किया. सुषमा ने ममता बनर्जी को बशीर बद्र के एक शेर के जरिये जवाब दिया. इस ट्वीट के जरिये उन्होंने राजनीति में दोस्ती और दुश्मनी की बात की. विदेश मंत्री ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने प्रियंका गांधी को मनमोहन सिंह सरकार की याद दिलाई और कहा कि राहुल गांधी ने कैसे अध्यादेश फाड़ कर फेंका था. 
सुषमा स्वराज ने लिखा, ‘प्रियंका जी, आज आपने अहंकार की बात की. मैं आपको याद दिला दूं कि अहंकार की पराकाष्ठा तो उस दिन हुई थी जिस दिन राहुल जी ने अपने ही प्रधान मंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह जी का अपमान करते हुए राष्ट्रपति द्वारा जारी अध्यादेश को फाड़ कर फेंका था. कौन किसको सुना रहा है?’

दूसरे ट्वीट में सुषमा स्वराज ने ममता बनर्जी को जवाब दिया और लिखा, ‘ममता जी, आज आपने सारी हदें पार कर दीं. आप प्रदेश की मुख्यमंत्री हैं और मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं. कल आपको उन्हीं से बात करनी है. इसलिए बशीर बद्र का एक शेर याद दिला रही हूं:

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे,
जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों.’

राहुल गांधी अध्यादेश फाड़ते हुए

प्रियंका ने पीएम मोदी पर बोला हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष हमला बोलते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को अंबाला में कहा कि महाभारत के पात्र दुर्योधन में भी “ऐसा ही अहंकार था.” बीजेपी ने प्रियंका के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. पश्चिम बंगाल में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, “देश के लोग तय करेंगे कि कौन दुर्योधन और कौन अर्जुन है.” अंबाला में कांग्रेस की एक रैली को संबोधित करते हुए प्रियंका ने मोदी के इस हालिया बयान पर पलटवार किया कि उनके पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी ‘भ्रष्टाचारी नंबर वन’ थे. प्रियंका ने सत्ताधारी बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह उनके परिवार के शहीदों का अपमान कर रही है. कांग्रेस महासचिव ने हिसार में एक अन्य जनसभा की और फिर रोहतक में रोड शो किया.

ममता ने चलाए जुबानी तीर
उधर, ममता बनर्जी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया. ममता ने कहा, “मैं सैलरी या पेंशन नहीं लेती. मैं किताबें लिखाती हूं और वे बेस्ट सेलर हैं. मैं पेंटिंग के पैसे नहीं लेती. मुझे पैसे की जरूरत नहीं है. मैं इस तरह से पार्टी चला रही हूं. रुपया पैसा मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता है, जब नरेंद्र मोदी बंगाल में आकर बोलते हैं कि ममता बनर्जी की सरकार पैसे उठाती है, सुनते ही मेरे मन करता है जोर से एक गणतंत्र का थप्पड़ मारूं.”

All the Islamic extremists involved in the Easter suicide bombings are either killed or arrested : Wickremaratne

“All explosives possessed by the terrorist group has been seized. Almost everyone identified with the group have been arrested. Two of their bomb experts have died in the clashes. The police can happily announce that everyone with direct links have been either arrested or killed by now,” Wickremaratne said

All the Islamic extremists involved in the Easter suicide bombings are either killed or arrested, Sri Lankan police and military chiefs have claimed, assuring that the country is now safe and can get back to normalcy.

The tri-forces commanders and the police chief, addressing a press conference on Monday night, said the security of the country following the April 21 bombings that left 257 people dead has been ensured with adequate measures and steps have been taken to implement a special security plan.

Acting Inspector General of Police (IGP) Chandana Wickremaratne said that all those directly linked to the attacks on three churches and three luxury hotels have been arrested or were killed.

He also said that all the explosives believed to be linked to local Islamist outfit National Thowheeth Jama’ath (NTJ), blamed for the attacks, have been found.

“All explosives possessed by the terrorist group has been seized. Almost everyone identified with the group have been arrested. Two of their bomb experts have died in the clashes. The police can happily announce that everyone with direct links have been either arrested or killed by now,” Wickremaratne said.

Wickramaratne did not say how many people have been arrested over the bombings, but police spokesman Ruwan Gunasekera on Monday said that 73 people, including nine women, were arrested and being questioned by the CID and the Terrorist Investigation Department (TID).

The police spokesman also said the Criminal Investigation Department (CID) identified more than Rs 140 million cash and other assets worth over Rs 7 billion belonging to the NTJ.

The Islamic State terror group claimed the attacks, the island nation’s worst, but the government blamed ISIS-linked local Islamist extremist group NTJ.

Wickramaratne, who was named acting police chief last week after President Maithripala Sirisena suspended his predecessor over his failure to act on intelligence warnings about the attacks, said the country can now get back to normalcy with the lifting of curfews imposed after the attacks.

Wickramaratne urged the public not to be misled by unverified reports.

The government reopened schools on Monday, but attendance dropped to below 10 per cent in many places with parents still fearing attacks.

Wickremeratne said a joint security operation with schools authorities are underway. He pointed to unverified security fears spread through social media as the cause for unfounded security concerns.

Army chief Lt Gen Mahesh Senanayake said the military has taken steps to ensure national security under the emergency regulations.

He said that over the past two weeks normalcy was returning to the country and the public must not be misled by false claims.

All security measures to ensure safety in the country has been taken. The security forces were empowered by the emergency regulations since the attacks,” Lt Gen Senanayake said.

The Army chief urged the public to return to their day to day activities.

The tourism industry leaders have urged the government to make strong measures to enable the industry to revive following the Easter Sunday attacks on three leading hotels.

The suicide bombers attacked breakfast rooms of the Shangri La, The Cinnamon Grand and the Kingsbury Hotels.

The attacks in which 44 foreigners including 11 Indians were killed prompted adverse travel advisories.

At the moment most bookings are cancelled, with less than 10 per cent of occupancy we are in trouble,” Hoteliers Association president Sanath Ukawatta said.

The government has already decided on a package of concessions to the tourism industry which contributes 5 per cent of the island’s GDP.

The Tourism Authority said the total number of tourist arrivals during April was 166,975. This is a year on year decline of 7.5 per cent as the arrivals were 180,429 in April 2018.

प्रियंका के बिगड़े बोल प्रधान मंत्री को ‘दुर्योधन’ कहा

जब तक ‘चौकीदार चोर है’ मोदी भड़वा है, मोदी नीच है, इसका छक्का मारो इत्यादि इत्यादि चल रहा था तब न तो कांग्रेस पार्टी को आचार संहिता याद आ रही थी न ही नैतिकता। अब ज्यों ही मोदी ने राजीव गांधी के भ्रष्टाचारों की बात की तो कांग्रेस तिलमिला उठी। उन्हे न एवल आचार संहिता याद आ गयी अपितु नैतिकता के मापदंड भी समझ आ गए लेकिन विपक्ष के लिए। कॉंग्रेस के प्रवक्ता अपनी सारी मर्यादाएं तोड़ कर प्रधानमंत्री मोदी ओर भाजपा के बड़े नेताओं पर ओछे बयान दे रहे हैं। अभी हाल ही में हरियाणा में प्रियंका वाड्रा ने भी प्रधान मंत्री पर टिप्पणी करते हुए सारी मर्यादाएं लांघ दीं। जबकि राजीव गांधी का नाम सिक्खों की हत्याओं, भोपाल त्रासदी के दोषी अंडेर्स्न या फिर बोफोर्स घोटाले सभी के साथ प्रत्यक्ष जुड़ा है। प्रियंका वाड्रा के पति ज़मीन घोटालों में, इनी माता सोनिया गांधी और राहुल गांधी एजेएल मामले में ओर कर-चोरी के मामले में बेल पर हैं।

अंबाला : पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की प्रभारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए सारी मर्यादाएं लांघ दी. प्रियंका ने महाभारत के दुर्योधन से पीएम मोदी की तुलना कर दी है. उन्होंने कहा कि देश ने अहंकार को कभी माफ नहीं किया है.

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प्रियंका गांधी ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘देश ने कभी अहंकार को माफ नहीं किया है. दुर्योधन में भी काफी अहंकार था. जब भगवान कृष्ण उन्हें समझाने गए तो उनको भी दुर्योधन ने बंधक बनाने की कोशिश की.’

Curtsy ANI

प्रियंका गांधी ने इस दौरान राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथी के उस पंक्ति को भी दोहराया जिसमें उन्होंने कहा है, ‘जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जात है.’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी हरियाणा के अंबाला में रैली को संबोधित कर रही थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार में बीजेपी नेता कभी ये नहीं कहते हैं कि उन्होंने जो वादे किए थो वो पूरे किए या नहीं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी वाले कभी शहीदों के नाम पर वोट मांगते हैं तो कभी मेरे परिवार के शहीद सदस्यों का अपमान करते हैं.

श्रीलंका नहीं सहेगा धार्मिक उन्माद, 200 मौलानाओं समेत 600 लोगों को देश से निकाला

श्रीलंका अभी गृह युद्ध के संताप से उबर रहा है। चीन की विसतरवादी नीति और मदद से यहाँ श्रीलंका को एक आर्थिक उपनिवेश बनाया जा रहा है। चीन की उपस्थिती से वहाँ कोई धार्मिक असहिशुणता का माहौल नहीं बनता। अभी हाल ही में हुए धमाकों से दहला श्रीलंका अपने राष्ट्र हित में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कुछ कड़े निर्णय लेने को बाध्य हुआ है। इन निर्णयों के पीछे राष्ट्र में तुष्टीकरण की राजनीति का न होना ही प्रमुख कारण है। श्रीलंका द्वारा अपने राष्ट्र हित में उठाए गए कदम स्वागत योग्य हैं।

कोलंबो: श्रीलंका ईस्टर आत्मघाती बम धमाकों के बाद से अब तक 200 मौलानाओं समेत 600 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को निष्कासित कर चुका है. एक मंत्री ने रविवार को यह जानकारी दी. गृह मंत्री वाजिरा अभयवर्द्धने ने कहा कि मौलाना वैध रूप से देश में आए थे, लेकिन हमलों के बाद हुई सुरक्षा जांच में पाया गया कि वह वीजा खत्म होने के बावजूद देश में रह रहे थे. इसके लिये उन पर जुर्माना लगाकर देश से निष्कासित कर दिया गया. अभयवर्द्धने ने कहा, “देश में सुरक्षा की ताजा स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमने वीजा प्रणाली की समीक्षा की और धार्मिक शिक्षकों के लिये वीजा प्रतिबंध को कड़ा करने का निर्णय लिया.”

उन्होंने कहा, “निष्कासित किये गए लोगों में 200 मौलाना हैं.” गौरतलब है कि श्रीलंका में 21 अप्रैल को ईस्टर के मौके पर हुए बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी और 500 से ज्यादा घायल हो गए थे. इन हमलों को स्थानीय मौलाना ने अंजाम दिया था, जिसने हमले से पहले पड़ोसी देश भारत का दौरा कर जिहादियों से संपर्क बनाए थे. हमले की जिम्मेदारी एक स्थानीय जिहादी समूह ने ली थी.  

ईस्टर के मौके पर बम विस्फोट के दो सप्ताह बाद सोमवार को फिर से खुलेंगे श्रीलंका के स्कूल
देश में सबसे भीषण आतंकी हमले के दो सप्ताह के बाद भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार को श्रीलंका में फिर से स्कूल खुलेंगे. हमले के बाद अधिकारियों ने शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया था. हमले के बाद अधिकारियों ने अगले आदेश तक स्कूलों को बंद कर दिया था. कोलंबो पेज की खबर के मुताबिक, सोमवार को छठी से लेकर 13 वीं कक्षा तक के सभी सरकारी स्कूलों का दूसरा सत्र शुरू हो जाएगा.

पहली से लेकर पांचवीं तक का दूसरा सत्र 13 मई को शुरू होगा. हालांकि, सरकारी सूचना के महानिदेशक नलका कलुवेवा के मुताबिक, कक्षा छठी और उससे ऊपर की कक्षाएं ही चलेंगी. मंत्री अकिला विराज करियावासम ने बताया कि स्कूल के नए सत्र की शुरूआत के साथ स्कूल परिसरों में एक विशेष सुरक्षा कार्यक्रम को लागू किया जाएगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि स्कूलों की सुरक्षा के सिलसिले में शिक्षा मंत्रालय द्वारा विशेष परिपत्र जारी किए गये हैं.

हलफनामा जमा करवाने के लिए राहुल को मिली नयी तारीख

आज का मंगलवार राहुल गांधी के लिए मंगलकारी नहीं था। जहां एक ओर गृह मंत्रालय ने उनकी नागरिता को ले कर स्पष्टीकरण मांगा वहीं दूसरी ओर सर्वोच्च न्यायालय ने उनके वकीलों द्वारा दाखिल दूसरे हलफ नामे को भी खारिज कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि एक माफी मांगने के लिए 22 पन्नों का हलफनामा किस लिए? और हलफनामे में माफी शब्द का कहीं भी उल्लेख नहीं? अंत में (खेद) जैसे शब्द का प्रयोग करने से पहले अपने कृत्य को आप 22 पन्नों में सही ठहरा रहे हैं? सर्वोच्च न्यायालय ने कड़े कदम उठाने कि बात कही तो सिंघवी ने हलफनामे को दुरुस्त अरने ए लिए वक्त कि मांग कि।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट  ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनकी कथित अपमानजनक ‘‘चौकीदार चोर है’’ टिप्पणियों को गलत तरीके से शीर्ष अदालत के हवाले से बताने के मामले में मंगलवार को एक और हलफनामा दाखिल करने का अवसर दिया. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ के समक्ष राहुल गांधी ने अपने वकील के माध्यम से स्वीकार किया कि इस टिप्पणी को शीर्ष अदालत के नाम से बताकर उन्होंने गलती की.

सिंघवी ने कहा कि मेरी ओर (राहुल गांधी की ओर से) से ग़लती हुई है. इसके लिए माफी मांगता हूं. सिंघवी ने कहा सोमवार तक एडिशनल एफिडेविट दाखिल करेगे. सुप्रीम कोर्ट ने एडिशनल एफिडेविट दाखिल करने की इजाजत दी. सोमवार को अगली सुनवाई.

प्रधान न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि हलफनामे में एक जगह कांग्रेस नेता ने अपनी गलती स्वीकार की है लेकिन एक अन्य जगह कोई भी अपमानजनक टिप्पणी करने से इंकार किया है. पीठ ने कहा, “हमें यह समझने में बहुत अधिक दिक्कत हो रही है कि हलफनामे में आप कहना क्या चाहते हैं.” कोर्ट ने कहा, “राहुल गांधी की ओर से दाखिल हलफनामे में विरोधाभास है. एक जगह वो कहते है कि उन्होंने बयान दिया है, दूसरी जगह वो ऐसा करने से मना करते हैं.” 

कोर्ट ने गांधी के वकील से कहा कि हलफनामे में बताए गए राजनीतिक रुख से उसका कोई लेना-देना नहीं है. राहुल गांधी ने कहा कि हलफनामे में प्रयुक्त खेद शब्द उन टिप्पणियों के लिए क्षमायाचना जैसा है जो गलत तरीके से शीर्ष अदालत के नाम से बतायी गयी थीं जबकि उसने ऐसा कभी कहा ही नहीं था. बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने इन टिप्पणियों के लिए ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए याचिका दायर की है लेखी ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर तरह की अवमानना है. न्यायालय ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की याचिका की सुनवाई छह मई के लिए सूचीबद्ध कर दी. 

Youth planning blasts in kerala arrested

‘He was following speeches of the Easter blasts mastermind’

The National Investigation Agency (NIA) on Monday said it had arrested a 29-year-old resident of Palakkad in Kerala, allegedly planning a suicide attack in the State.

In a statement, the NIA said it arrested Riyas A., who goes by the aliases Riyas Aboobacker and Abu Dujana, as part of its probe into the ‘ISIS Kasargod case’ filed in July 2016 after 15 young men from the district disappeared and later joined the Islamic State — 14 in Afghanistan and one in Syria.

It said he followed the videos and speeches of the mastermind of the Easter attacks in Sri Lanka, Zahran Hashim.

‘In contact with accused’

“During interrogation, he disclosed that he had been in online contact with the absconding accused Abdul Rashid Abdulla, alias Abu Isa, for a long time and was following his audio clips, including the one he had circulated on social media platforms instigating terror attacks in India,” the NIA said. The terror accused said he was also in online contact with Abdul Khayoom, alias Abu Khalid, who is accused in the Valapattanam ISIS case and is believed to be in Syria, the NIA said.

“He said he had been following speeches/videos of Zahran Hashim of Sri Lanka and Zakir Naik. He admitted that he wanted to carry out a suicide attack in Kerala,” the NIA statement read.

It said he followed the videos and speeches of the mastermind of the Easter attacks in Sri Lanka, Zahran Hashim.

“During interrogation, he disclosed that he has been in online contact with the absconding accused Abdul Rashid Abdulla, alias Abu Isa, for a long time and has been following his audio clips, including the one he had circulated on social media platform instigating terror attacks in India,” the NIA said.

The terror accused said he was also in online contact with Abdul Khayoom, alias Abu Khalid, who is accused in the “Valapattanam ISIS case” and is believed to be in Syria, the NIA said.

“He said he has been following speeches/videos of Zahran Hashim of Sri Lanka and Zakir Naik. He admitted that he wanted to carry out a suicide attack in Kerala,” the NIA statement read.

The agency said it had received inputs about a group of four people that had been in touch with some of the accused in the IS-related cases. The NIA carried out searches at three spots — two in Kasargod and one in Palakkad district — on Sunday, it said.

“Three group members have been interrogated for their ISIS links and their plans,” the NIA said. Riyas Aboobacker would be produced before an NIA court in Kochi on Tuesday.

साध्वी प्रज्ञा को मसूद को भी श्राप देना चाहिए: दिग्विजय

दिग्विजय सिंह ने साध्वी के करकरे को दिये श्राप वाले बयान पर तंज़ कसा है। तो ऐसे में वह श्राप को ले कर भी असमंजस में हैं। वह किसी की पीड़ा में भी आनंद लेते हैं। मान भी लेते हैं की श्राप होते हैं और लगते भी हैं तो वह यह क्यों भूलते हैं की राजा दशरथ को पुत्र वियोग का श्राप कब फलीभूत हुआ था।

नई दिल्‍ली : कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और भोपाल लोकसभा सीट से पार्टी के प्रत्‍याशी दिग्विजय सिंह ने बीजेपी प्रत्‍याशी साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर पर निशाना साधा है. शनिवार को दिग्विजय सिंह ने भोपाल में कहा कि अगर साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर पाकिस्‍तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के सरगना मसूद अजहर को श्राप दे देतीं तो पाकिस्‍तान में सर्जिकल स्‍ट्राइक की जरूरत नहीं पड़ती.

कांग्रेस प्रत्‍याशी दिग्विजय सिंह ने भोपाल में चुनावी रैली के दौरान अपनी प्रतिद्वंद्वी बीजेपी प्रत्‍याशी साध्‍वी प्रज्ञा के विवादित बयान को लेकर उन पर हमला बोला. दरअसल साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर ने पिछले दिनों विवादित बयान दिया था कि उन्होंने महाराष्‍ट्र एटीएस चीफ शहीद हेमंत करकरे को श्राप दिया था. हेमंत करकरे 2008 के मंबई आतंकी हमले में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे.

उन्‍होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सब भाई हैं. आजकल ऐसी चर्चाएं फैलाई जा रही हैं कि हिंदुओं को एकजुट हो जाना चाहिए. क्‍योंकि वे खतरे में हैं. मैं ऐसी चर्चाएं करने वाले लोगों से कहना चाहता हूं कि इस देश पर मुस्लिमों ने करीब 500 साल राज किया है. उस दौरान किसी भी तरह की हानि नहीं हुई. लोगों को धर्म बेचने वाले लोगों से सावधान रहने की जरूरत है.

लोकतन्त्र के महापर्व के 3सरे चरण की 117 सीटों पर मतदान आज

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को 15 राज्यों की 117 सीटों पर मतदान होगा. तीसरे चरण की 117 सीटों में से बीजेपी का लक्ष्य अपनी 62 सीटों को बचाने का होगा. पार्टी ने 2014 मे इन सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं विपक्षी दल बीजेपी से ये सीटें छीनना चाहेंगे. यह चरण बीजेपी और कांग्रेस के लिए काफी अहम है.  

नई दिल्ली: देश में सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को 15 राज्यों की 117 सीटों पर मतदान होगा. इस चरण के साथ गुजरात, केरल, गोवा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, असम, दादर नागर हवेली और दमन-दीव की सभी लोकसभा सीटों पर मतदान पूरा हो जाएगा. तीसरे चरण की 117 सीटों में से बीजेपी का लक्ष्य अपनी 62 सीटों को बचाने का होगा जहां पार्टी ने 2014 मे जीत हासिल की थी. इसलिए यह चरण बीजेपी के लिए काफी अहम है.

तीसरे चरण में बीजेपी और कांग्रेस, दोनों दलों के प्रमुख चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहली बार लोकसभा चुनाव में उतर हैं. वह गांधीनगर से पार्टी के प्रत्याशी हैं, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस चरण में केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार हैं. पिछले चुनाव में इनमें से 16 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे, जबकि अन्य सीटें बीजद (6), माकपा (7), राकांपा (4), समाजवादी पार्टी (3), शिवसेना (2), राजद (2), एआईयूडीएफ (2), आईयूएमएल (2), लोजपा (1), पीडीपी (1), आरएसपी (1), केरल कांग्रेस-एम (1), भाकपा (1), स्वाभिमानी पक्ष (1), तृणमूल कांग्रेस (1) और निर्दलीय (3) की झोली में गई थीं.

गुजरात में बीजेपी की परीक्षा
इस बार बीजेपी की परीक्षा उसका गढ़ रहे गुजरात में होगी. प्रदेश की सभी 26 लोकसभा सीटों पर अज मतदान होगा. इसके अलावा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की परीक्षा होगी जहां पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में उसका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था. बीजेपी ने इस चरण में मतदान वाली सीटों पर 2014 में गुजरात की सभी 26 सीटों, कर्नाटक की 14 में से 11 सीटों और उत्तर प्रदेश की 10 सीटों में से आठ पर, छत्तीसगढ़ की सात में से छह सीटों पर, महाराष्ट्र की 14 में से छह सीटों पर, गोवा की दोनों सीटों पर और असम, बिहार, दादर नागर हवेली और दमन-दीव की एक-एक सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी के सामने अपनी सीटों को बचाए रखने की चुनौती है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य होने के कारण बीजेपी इस बार भी गुजरात की सभी सीटों पर जीत हासिल करने की उम्मीद लगाए बैठी है. लेकिन, कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में बीजेपी को कड़ी चुनौती थी, इसलिए कांग्रेस भी 10 से 15 सीटों पर इस बार जीत की उम्मीद कर रही है. गुजरात के तीन युवा नेता हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी ने विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की पकड़ मजबूत बनाने में मदद की थी, लेकिन इस बार वे चुनाव की दौड़ में शामिल नहीं हैं. पाटीदार नेता पटेल पिछले महीने कांग्रेस में शामिल हुए, लेकिन दंगा से संबंधित मामले में अभियुक्त होने के कारण वे चुनाव नहीं लड़ पाए, जबकि ठाकोर ने इसी महीने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया. 

तय होगी यादव परिवार की किस्मत
समाजवादी पार्टी का गढ़ रहे मैनपुरी, बदायूं और संभल लोकसभा क्षेत्रों में मंगलवार को मतदान होने जा रहा है और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन होने के बाद इन क्षेत्रों में सपा की संभावना को मजबूती मिली है. यह भी एक राय है कि कांग्रेस भी बीजेपी का ही वोट काटेगी. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव फिरोजाबाद से अपने भतीजे व सपा उम्मीदवार अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं और वह सपा-बसपा गठबंधन के विरोध में लोगों को वोट करने कह रहे हैं. सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं.

कर्नाटक में बीजेपी को मिल रही कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से कड़ी चुनौती
कर्नाटक में मंगलवार को जिन 14 सीटों पर मतदान हो रहा है, वहां बीजेपी की स्थिति मजबूत मानी जा रही है, लेकिन उसे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही है. उधर, बीजेपी को उत्तर प्रदेश में भी तीसरे चरण में यादव बहुल इलाके में कड़ी चुनौती मिल रही है. 

महाराष्ट्र में तीसरे चरण में बारामती, माधा, कोल्हापुर और सतारा समेत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के गढ़ में मतदान हो रहा है. राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सुले बारामती से चुनाव मैदान में हैं. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने अपनी सभी मौजूदा सांसदों को बदल दिया है. पार्टी को प्रदेश में 15 साल बाद पिछले साल सत्ता में वापस आई कांग्रेस से चुनौती मिल रही है. 

मधेपुरा में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष
बिहार में इस चरण में जिन क्षेत्रों में चुनाव हो रहा है उनमें से बीजेपी को 2014 में सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी और पार्टी इस बार भी इनमें से एक ही सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल (युनाइटेड) तीन सीटों पर और लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. वहीं, महागठबंधन में शामिल आरजेडी तीन सीटों पर जबकि कांग्रेस और विकासशील इन्सान पार्टी (वीआईपी) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही हैं. मुख्य मुकाबला मधेपुरा में है जहां वर्तमान सांसद पप्पू यादव (पिछली बार राजद के टिकट पर) इस बार अपने ही दल जन अधिकार पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं और उनके खिलाफ आरजेडी उम्मीदवार शरद यादव चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि एनडीए में शामिल जेडीयू के टिकट पर दिनेश चंद्र यादव चुनाव मैदान में हैं. मधेपुरा में इस बार त्रिकोणीय संघर्ष है. 

क्या पुरी में खिलेगा कमल
ओडिशा के पुरी लोकसभा क्षेत्र में भी त्रिकोणीय संघर्ष है जहां तीन प्रमुख दलों के प्रवक्ताओं के बीच लड़ाई है. वर्तमान सांसद और बीजू जनता दल (बीजद) प्रवक्ता पिनाकी मिश्र का मुकाबला बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा से है, जबकि कांग्रेस के मीडिया सेल अध्यक्ष सत्यप्रकाश नायक भी चुनावी मैदान में हैं. असम में चार लोकसभा क्षेत्रों में मंगलवार को मतदान होगा जहां कांग्रेस और ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) को नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर बीजेपी के विरोध का लाभ मिलने की उम्मीद है.

केरल में राहुल गांधी वायनाड लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं. प्रदेश की 20 लोकसभा सीटों में से आठ पर पार्टी ने 2014 में जीत दर्ज की थी और उसके सहयोगियों ने भी कुछ सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी भी केरल में चार सीटों पर जीत की उम्मीद लगा रही है. पश्चिम बंगाल में बहुकोणीय संघर्ष है जहां तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस अपने-अपने दावे ठोंक रहे हैं.