कभी भी राजनीति में प्रवेश कर सकते हैं रोबर्ट वाड्रा, उन्हे कौन रोकेगा? राज बब्बर

राबर्ट वाड्रा भारतीय राजनीति में कोई नया नाम नहीं है। आप कांग्रेस के प्रथम परिवार के दामाद हैं। पेशे से व्यापारी और कांग्रेस में इतना दम रखते हैं की यह जब चाहें सक्रिय राजनीति में कूद सकते हैं। राज बब्बर ने तो यहाँ तक कह दिया की उन्हे कौन रोक सकता है राजनीति में आने से? यह दीगर बात है की उन पर ईडी की जांच में सहयोग न देने की शिकायत कई बार हो चुकी है और वह 5 लाख के मुचलके पर बाहर हैं।

नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने राजनीति में आने को लेकर बड़ा बयान दिया है. रॉबर्ट वाड्रा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि फिलहाल अभी मेरी राजनीति में आने की कोई इच्छा नहीं है. अब तक इस बारे में कोई योजना नहीं बनाई है. उन्होंने कहा कि मैं लोगों के बीच जाकर कड़ी मेहनत कर रहा हूं. जब लोगों को लगेगा कि मुझे राजनीति में प्रवेश करना चाहिए तो, मैं पूरी ताकत के साथ राजनीति के मैदान में उतरूंगा. 

वहीं, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने रविवार को रॉबर्ट वाड्रा के पार्टी में शामिल होने को लेकर कहा था कि अगर वह चाहेंगे तो पार्टी उनके बारे में जरूर सोचेगी. वह परिवार का हिस्सा हैं. उन्हें पार्टी में सम्मलित करने के लिए कौन मना करेगा. गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही प्रियंका गांधी वाड्रा ने सक्रिय राजनीति में आने के बाद कांग्रेस महासचिव के साथ पूर्वी यूपी प्रभारी का पद संभाला था. इसके बाद से ही रॉबर्ट वाड्रा के राजनीति में आने की चर्चाएं लगातार बनी हुई हैं.

बीते सप्ताह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नामांकन से पहले हुए रोड शो में रॉबर्ट वाड्रा अपने दोनों बच्चों और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ नजर आए थे. कुछ समय पहले रॉबर्ट वाड्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि जैसे ही मेरे ऊपर लगे सभी आरोप निराधार साबित हो जाएंगे उसके बाद में बड़े स्तर पर काम करना चाहूंगा

तेजस्विनी अनंत कुमार ने मांगी कानूनी मदद

अनंत कुमार के पश्चात उस रिक्तता को भरने और भाजपा कार्यकर्ताओं की मन:स्थिति देखते हुए तेजस्विनी अनंत कुमार को भाजपा का कर्नाटक प्रदेश का उपाध्यक्ष बनाया गया। तभी से सोशल मीडिया में उनके दुष्प्रचार की घटनाएँ बढ़ गईं जिनके लिए उन्हे कानूनी मदद की भी आवश्यकता पड़ी। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हो रहीं कुमार ने कहा, ‘‘व्हाट्सएप समूह सहित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर पर्चे साझा किए जा रहे हैं कि मैं लोगों से नोटा पर वोट डालने को कह रही हूं.’’

बेंगलुरू: कर्नाटक भाजपा की उपाध्यक्ष तेजस्विनी अनंत कुमार ने सोमवार को उन अफवाहों को खारिज किया है जिनमें कहा जा रहा था कि वह ‘‘लोगों से नोटा का बटन दबाने को कहा रही हैं.’’ कुमार ने कहा कि इस बयान में उनके नाम का दुरुपयोग किया जा रहा है. कुमार को दक्षिण बेंगलुरू सीट से बीजेपी ने टिकट नहीं दी है. उन्होंने कहा कि जनता से वह हमेशा ‘‘भाजपा को वोट देने और फिर से नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की अपील करती हैं’’. उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी है क्योंकि यह उनके खिलाफ ‘झूठे आरोप’ हैं.

प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष बनने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हो रहीं कुमार ने कहा, ‘‘व्हाट्सएप समूह सहित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर पर्चे साझा किए जा रहे हैं कि मैं लोगों से नोटा पर वोट डालने को कह रही हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सच्चाई से कोसों दूर है. मेरे नाम का दुरुपयोग हो रहा है और यह मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाने का प्रयास है.’’ 

यह रेखांकित करते हुए कि वह भाजपा परिवार का हिस्सा हैं और उसी से आती हैं कुमार ने अपने पति दिवंगत केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार और भाजपा के संबंधों का हवाला दिया. अनंत कुमार दक्षिण बेंगलुरू सीट से छह बार सांसद और भाजपा सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे थे. कुमार ने कहा, ‘‘अब मुझे भी पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया गया है. मैंने ऐसा कभी नहीं किया, कोई मतदाताओं को भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है.’’ 

शकील अहमद के इस्तीफे और निर्दलीय चुनाव लड़ने से महागठबंधन को झटका या कोई नयी रणनीति???

जहां एक ओर शकील अहमद के इस्तीफे को एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है वहीं राजनीतिज्ञ इस कांग्रेस की सोची समझी चाल करार दे रहे हैं। शकील निर्दलीय कुनव लड़ेंगे जहां प्रोक्ष रूप से उन्हे कांग्रेस का साथ होगा। इस प्रकार कांग्रेस गठबंधन के सामने पाक साफ बनी रहेगी और वहीं जीतने के बाद शकील पुन: कांग्रेस का दामन थाम लेंगे। गठबंधन में कॉंग्रेस एक सीट की बढ़ौतरी कर लेगी।

कांग्रेस नेता शकील अहमद ने पार्टी प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है. और राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है.

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. बिहार में मधुबनी सीट महागठबंधन के सहयोगी दल के पास जाने के बाद से शकील अहमद आलाकमान को इस पर पूर्ण विचार करने को कह रहे थे. वहीं, आरजेडी नेता असरफ फातमी ने भी पार्टी को इसके लिए अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी. अब शकील अहमद ने मधुबनी सीट से नामांकन कराने का फैसला कर लिया है और पार्टी से इस्तीफा देने के लिए राहुल गांधी को चिट्ठी भेज दी है.

शकील अहमद ने कांग्रेस के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भी भेज दिया है. हालांकि कहा जा रहा है कि उन्होंने पूर्ण विचार के लिए 18 तारीख तक अल्टीमेटम दे दिया है. लेकिन वह मधुबनी सीट से मंगलवार को नामांकन करने का फैसला किया है.

शकील अहमद ने कहा है कि वह मधुबनी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने को तैयार है. इसलिए वह मंगलवार को नामांकन भी कराएंगे. बता दें कि महागठबंधन में मधुबनी सीट वीआईपी पार्टी के खाते में गई है. और पार्टी ने बद्री कुमार पूर्वे को यहां से उम्मीदवार घोषित किया है.

Congress’s Shakeel Ahmad tweets, “As I have decided to file my nomination papers tomorrow from Madhubani Parliamentary Constituency in Bihar, I’m resigning from the post of Senior Spokesperson of AICC. I’m sending my resignation to Congress President Shri Rahul Gandhi.”(file pic) pic.twitter.com/axaHxTV0S41906:10 PM – Apr 15, 2019Twitter Ads info and privacy66 people are talking about this

इससे पहले आरजेडी नेता अली असरफ फातमी ने भी पार्टी छोड़ने के संकेद दिए थे. उन्होंने पार्टी को 18 तारीख तक का अल्टीमेटम दिया है. जिसके बाद उन्होंने ने भी मधुबनी सीट से नामांकन कराने का दावा किया है. हालांकि उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस शकील अहमद को सिंबल दे देती है तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे.

फातमी ने कहा था कि उनकी बात लालू यादव और तेजस्वी यादव से मधुबनी सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर हो गई थी. लेकिन अंतिम समय में किस तरह की साजिश की गई जो सीट वीआईपी को दे दिया गया. वहीं, फातमी ने शकील अहमद के नाम को लेकर महागठबंधन को मौका दिया है और कहा है कि इस पर भी विचार किया जा सकता है.

बहरहाल, महागठबंधन में अब फिर से अंदर खाने में जंग छीड़ गई है. मधुबनी सीट को वीआईपी पार्टी को देने के बाद आरजेडी और कांग्रेस दोनों नेताओं ने बगावती तेवर दिखा दिए हैं. ऐसे में देखना यह कि महागठबंधन में मधुबनी सीट के लिए क्या फैसला होता है. अगर इस पर विचार नहीं किया गया तो मधबनी सीट उनके हाथ से निकलते हुई दिख रही है.

“अगर मोदी वाराणसी से दोबारा जीत जाते हैं और प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा.” रेवन्ना

आज लोक सभा के महोत्सव का पहला चरण सम्पन्न हुआ मतदाताओं ने खूब ज़ोर शोर से इस महोत्सव का आनंद लिया और बढ़ चढ़ कर मतदान किया। उत्तर भारत में दो लोकसभा चुनाव क्षेत्रों में नामांकन भरे गए। दोनों जगहों पर समर्थकों का उत्साह देखते ही बनता था। वहीं आज लोकतन्त्र को शर्मसार करने वाला बयान भी आया, यह बयान पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बड़े पुत्र और कर्नाटका के मुख्य मंत्री कुमारस्वामी के बड़े भाई की ओर से आया। उन्होने कहा की यदि राष्ट्र की जनता एक बार फिर मोदी को प्रधानमंत्री चुनती है तो वह राजनीति से सन्यास ले लेंगे। अर्थात वह जनमत को नकारते हुए अपने वक्तव्य पर अडिग रहेंगे। चुनावी जुमले तो पहले भी आते रहते थे परंतु इतना डैम रखने वाले वादे से मुकरना कठिन होगा। आम जनता का कहना है की रेवन्ना अब अप्रासंगिक हो चुके हैं अत: उनसे ऐसे बयान की अपेक्षा की जा सकती है।

मैसुरू: लोकसभा चुनाव 2019 की बिसात पर नेताओं के अपने-अपने वादे हैं, अपने-अपने वचन हैं. अब उनका पालन कितना होगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के बड़े बेटे एचडी रेवन्ना कर्नाटक सरकर में मंत्री हैं. रेवन्ना ने गुरुवार को कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से दोबारा जीतकर प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे.

बेंगलुरू से लगभग 150 किलोमीटर दूर मैसुरू में रेवन्ना ने संवाददाताओं से कहा, “अगर मोदी वाराणसी से दोबारा जीत जाते हैं और प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा. बीजेपी इस बार सत्ता में नहीं आएगी.”

मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बड़े भाई रेवन्ना मैसुरू से कांग्रेस प्रत्याशी सीएच विजयशंकर के प्रचार के लिए आए थे, जो यहां से बीजेपी के वर्तमान सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा, “
यूपीए को दोबारा सत्ता में लाने और सांप्रदायिक बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए हमारी पार्टी ने चुनाव पूर्व कांग्रेस से गठबंधन किया है, क्योंकि हमने देशभर के परेशान किसानों के हितों की रक्षा की है.”

रेवन्ना ने कहा, “मैं यह जानना चाहता हूं कि मोदी ने पिछले पांच सालों में किसानों के लिए क्या किया है. राज्य सरकार ने हालांकि 15 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिलाने के लिए केंद्र सरकार को उनकी सूची भेजी थी, जिसके लिए मोदी कहते हैं कि केंद्र को वह सूची अभी तक नहीं मिली है. यह झूठ है.”

मुलायम अपने पापों की सज़ा भुगत रहे हैं: वरुण गांधी

पीलीभीत में एक चुनावी सभा में वरुण गांधी ने कहा, भले लोकसभा चुनाव 2019 को  देखते हुए सपा बसपा गंठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि भले ही यह लोग एक हो गए हों. लेकिन नीचे के लोग नाराज हैं.
मुलायम ने रामभक्‍तों पर गोली चलवाकर पाप किया, इस‍लिए उनके बेटे ने धक्‍के मारकर बाहर निकाला

प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए वरुण ने कहा की आज तक किसी भी प्रधान मंत्री ने भारत को वह यश नहीं दिलाया जो मोदी के शासन काल में मिला।
“वाजपेयी जी एक सामान्य परिवार से थे, लेकिन कभी गरीबी को खारिज करते हुए नहीं देखा था। मोदी जी एक आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से हैं। उनके गरीबी उन्मूलन के प्रयासों को किसी भी प्रकार के संदेह से नहीं देखा जा सकता,” पीलीभीत में वरुण

पीलीभीत: यूपी में सुल्तानपुर के सांसद और लोकसभा चुनाव 2019 में पीलीभीत से बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी वरुण गांधी ने समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो रहेमुलायम सिंह पर जुबानी हमला बोला है. मुलायम सिंह इस बार भी मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं. उन पर निशाना साधते हुए वरुण गांधी ने कहा, मुलायम सिंह यादव ने राम भक्तों पर गोली चलाकर पाप किया जिसका नतीजा यह निकला कि अंत मे उनके ही बेटे ने धक्के मारकर रोड पर निकाल दिया.

पीलीभीत में मायावती के लिए वरुण गांधी ने कहा कि मायावती ने पूरे जिन्दगी टिकट बेचे हैं. वरुण गांधी ने अपने व अपनी मां मेनका गांधी के टिकट मिलने पर कहा कि बीजेपी ने पूरे देश में केवल एक परिवार को ही दो टिकट दिए हैं. जबकि मांगने वाले 10 से 20 परिवार थे किसी को नही दिया.

सपा बसपा गंठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि भले ही यह लोग एक हो गए हों. लेकिन नीचे के लोग नाराज हैं. यूपी में महागठबंधन के सवाल पर वरुण गांधी ने कहा, यह कौन से खेत की मूली है.

वरूण गांधी ने यह बयान पीलीभीत के रम्पूरा फकीरे गांव में एक जनसभा के दौरान दिया. वरुण गांधी पीलीभीत से बीजेपी के लोकसभा प्रत्‍याशी हैं. वरुण इस समय सुल्तानपुर से सांसद हैं जबकि उनकी मां मेनका गांधी पीलीभीत से सांसद हैं. इस बार बीजेपी दोनो मां बेटे के टिकट बदल दिए हैं. वरूण गांधी को पीलीभीत से टिकट दिया गया है, जबकि मेनका गांधी को सुल्तानपुर से टिकट दिया है. टिकट मिलने के बाद वरूण गांधी पीलीभीत में एक दिन में दो दर्जन से ज्यादा सभाए कर रहे हैं.

वरुण गांधी 2009 में भी पीलीभीत से चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि उस समय वह अपनी विवादित ट‍िप्‍पण‍ियों के कारण चर्चा में आए थे. इसके बाद वह 2014 में अपने पिता की परंपरागत सीट सुल्‍तानपुर आ गए. लेकि‍न इस बार उनकी सीट बदल दी गई

सरिता नायर राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी

नई दिल्ली

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी दूसरी सीट के रूप में केरल की वायनाड सीट से पर्चा भर दिया है। इसी सीट से एक महिला ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इस महिला का नाम सरिता नायर है। सरिता नायर का कहना है कि वो दुनिया को बताना चाहती है कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस की असलियत क्या है। बता दें कि सरिता नायर 2013 में सुर्खियों में आईं थीं। तब उनके कांग्रेस से कनेक्शन थे, सोलर घोटाला सहित करीब 30 मामले दर्ज हुए थे। तब सरिता नायर ने कहा था कि कांग्रेस के कई नेता उसकी मदद करते थे, बदले में उसे नेताओं के साथ सेक्स करना पड़ता था। 

चुनाव लड़कर कांग्रेस को नीचा दिखाऊंगी: सरिता

बकौल सरिता, मुझे न तो सांसद बनना है और ना ही लोकसभा में जाकर बैठना है। मैं राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़कर यह बताना चाहती हूं कि यह एक महिला की लड़ाई है। राहुल से सरिता इस बात को लेकर नाराज है कि पार्टी अध्यक्ष ने आरोपी कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। बकौल सरिता, मैं कांग्रेस के भ्रष्ट नेताओं को शर्मसार करने और नीचा दिखाने के लिए चुनाव लड़ रही हूं। ये नेता मुझे हमेशा धोखेबाज कहते रहे, लेकिन इनको अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए कि इन्होंने महिलाओं पर कैसे-कैसे अत्याचार किए हैं।

राहुल गांधी महिलाओं का सम्मान नहीं करते

सरिता ने बताया, मैंने कई बार राहुल गांधी से बात करने की कोशिश की और उन्हें कई चिट्ठियां भी लिखीं कि कांग्रेस को ऐसे भ्रष्ट नेताओं से पीछा छुड़ा लेना चाहिए। जो आदमी आज देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहा है, उसने एक महिला की शिकायत पर ध्यान तक नहीं दिया।

सोलर स्कैम में आया था नाम

सरिता का नाम उन 30 नेताओं में शामिल है, जिन पर सोलर स्कैम का आरोप लगा है। यह घोटाला 2013 में तब सामने आया था, जब पुलिस ने सबसे पहले सरिता और उनके लिव-इन-पार्टनर बिजू राधाकृष्णन को गिरफ्तार किया था। अलग-अलग कोर्ट में सरित और उनके पार्टनर के खिलाफ धोखाधड़ी के 30 से ज्यादा केस चल रहे हैं। पुलिस का कहना है कि दोनों ने 6 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी की है। इसके बाद सरिता ने आरोप लगाया था कि उनकी मदद करने और बिजनेस फैलाने के नाम पर कांग्रेस नेताओं उनका शोषण किया। हालांकि कांग्रेस शुरू से इन आरोपों को खारिज करती रही है।

वायनाड से राहुल का उम्मीदवार होना अविवेकपूर्ण निर्णय है : डी राजा

वाम दलों द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना करना न केवल हास्यस्पद है अपितु उनके डर को भी दिखाता है। भाजपा राहुल को भगोड़ा और रणछोड़ दास कह कर पुकार रही है तो वाम दल उन्हे अमूल बालक और अपरिपक्व इत्यादि कह कर संबोधित कर रहे हैं। सच तो यह है की जिस प्रकार आज राहुल ने वायनाड में रोड शो कर वाम दलों को दिखा दिया कि केरल का मुसलमान खास कर मुस्लिम लीग कि मानसिकता वाला मुसलमान उनके साथ है, से वाम दलों कि नींद उडी हुई है। और वैसे भी वाम दलों ने बाकी मोदी विरोधियों कि भांति चुनावों के नतीजों के बाद कांग्रेस से गठबंधन तो करना ही है, तो अभी यह नूरा कुश्ती क्यूँ।

सच तो यह है की जिस प्रकार आज राहुल ने वायनाद में रोड शो कर वाम दलों को दिखा दिया कि केरल का मुसलमान खास कर मुस्लिम लीग कि मानसिकता वाला मुसलमान उनके साथ है से वाम दलों कि नींद उडी हुई है। और वैसे भी वाम दलों ने बाकी मोदी विरोधियों कि भांति चुनावों के नतीजों के बाद कांग्रेस से गठबंधन तो करना ही है, तो अभी यह नूरा कुश्ती क्यूँ।

राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और कई कांग्रेसी नेताओं के साथ गुरुवार को वायनाड से नामांकन पत्र दाखिल किया.

वायनाड: सीपीआईनेता डी. राजा ने केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र से वाम दलों के उम्मीदवार के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मैदान में उतरने का विरोध किया है और कहा कि यह ‘अदूरदर्शी’ निर्णय है. बता दें राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और कई कांग्रेसी नेताओं के साथ गुरुवार को वायनाड से नामांकन पत्र दाखिल किया.

डी राजा ने कहा, ‘वायनाड से राहुल गांधी को मैदान में उतारकर कांग्रेस पूरे देश को क्या संदेश देना चाहती है? एक तरह से वे गांधी को सीपीआई और वामदलों से लड़ने के लिए बाध्य कर उन्हें शर्मिंदा कर रहे हैं.’

हम अपना उम्मीदवार वापस नहीं लेंगे‘ 
इस लोकसभा सीट से एलडीएफ उम्मीदवार सीपीआई के पी पी सुनीर हैं जबकि भाजपा नीत राजग ने तुषार वेल्लापल्ली को चुनावी मैदान में उतारा है. यह पूछने पर कि क्या वाम दल अपना उम्मीदवार वापस लेने पर विचार कर रहे हैं तो राजा ने कहा, ‘बिल्कुल नहीं.’ उन्होंने कहा, ‘हम अपना उम्मीदवार वापस नहीं लेंगे और उनका प्रचार जोर-शोर से चल रहा है.’ 

कांग्रेस द्वारा दिए गए तर्क और कारण पूरी तरह बकवास हैं‘ 
डी राजा ने कहा कि वाम मोर्चा लगातार कह रहा है कि सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों को लड़ना चाहिए और भाजपा तथा इसके सहयोगियों को हराना चाहिए. चुनाव प्रचार के लिए केरल आए राजा ने कहा, ‘प्राथमिक उद्देश्य भाजपा और राजग गठबंधन को हराना है ताकि संविधान, लोकतंत्र और देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को बचाया जा सके.’ उन्होंने कहा, ‘गांधी के लिए वायनाड चुनने का कांग्रेस का दृष्टिकोण क्या है? कांग्रेस द्वारा दिए गए तर्क और कारण पूरी तरह बकवास हैं.’ 

Congress’ manifesto claiming it made “traitors and separatists happy”: Sushma

Sushma Swaraj criticises Congress manifesto

Union Minister Sushma Swaraj has slammed the Congress’ manifesto claiming it made “traitors and separatists happy“.

Ms. Swaraj has been addressing a BJP women workers’ meeting in Nagpur for the party’s Lok Sabha candidate and Union Minister Nitin Gadkari.

“The Congress manifesto has made deshdrohi (traitor) and algavwadi (separatist) people happy. It is unfortunate for the country that on one side Prime Minister Narendra Modi is giving a befitting reply to Pakistan’s terror attacks with surgical and air strikes. On the other hand, the Congress president (Rahul Gandhi) is refusing to accept treason as a crime,” she says.

While Mr. Modi has taken back security provided to separatist leaders (in Jammu and Kashmir post the Pulwama terror attack), the Congress chief talks of continuous talks with them, the Minister of External Affairs says.

“This is the difference between chowkidar and rajkumar,” she says, adding that she was confident people would not vote for a party that made the nation unsafe.

“I am confident people will re-elect Modi as PM because they know the nation is safe in his hands,” she claims.

She says the Congress failed to corner Pakistan following the 26/11 terror raid on Mumbai in 2008 while the Modi government has given all powers to armed forces to retaliate following the Uri and Pulwama attacks.

She says India isolated Pakistan post the Pulwama attack and the latter did not attend the Organisation of Islamic Countries (OIC) meeting as India was a special invitee.

कांग्रेस के सभी फेस बूक पेजों के साथ पाकिस्तान के 103 पेजों की भूमिका के चलते उन्हे डिलीट किया गया: फेसबूक

सोश्ल मीडिया का इस्तेमाल जानकारी के आदान प्रादान के लिए किया जाता है। इस मीडियमसे लोगों के फासले खत्म हसे हो गए हैं, शारीरिक रूप से दूर भी अभूत सहजता से स्व्यम को आपके पास पाता है और उस दूरी का एहसास खत्म हो जाता है। लोग इस माध्यम से मिली जानकारी को भी बहुत ही संजीदगी से लेते हैं, खास कर युवा वर्ग। जब यहीं पर प्रचार सामग्री मिल रही हो तो राजनाइटिक दल भी इसका भरपूर इस्तेमाल करते हैं। राजनाइटिक विद्वेष यहाँ प्रचार कम अपितु दुष्प्रचार अधिक करते हैं। कोई अचरज नहीं जब पाकिस्तान भी भारत के लोकसभा चुनावों में दल विशेष की मदद कर रहा हो। फस बुक के अनुसार उन्होने कांग्रेस संबन्धित तमाम पेज डिलीट कर दिये हैं परंतु आश्चर्य यह है की इन्हीं पेजिस के साथ साथ पाकिस्तान सेन के 103 पेज भी भारत चुनावों में संलिप्त थे। है तो जांच का विषय। कपिल सिब्बल ज़रूर जानना चाहेंगे की गद्दार कौन है।

  • सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि ‘अप्रमाणिक व्यवहार’ के चलते देश की मुख्य विपक्षी पार्टी से जुड़े इन पेजों को हटाया गया है
  • फेसबुक के साइबर सिक्यॉरिटी पॉलिसी के हेड नाथनेल ग्लेचियर ने कहा, ‘लोगों ने अपनी पहचान को छिपाकर यह काम करने का प्रयास किया
  • सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने कहा कि उसने पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग से जुड़े 103 पन्नों को भी हटाने का फैसला लिया है

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के कुछ दिन पहले फेसबुक ने एक सख्त कदम उठाते हुए देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस से संबंधित तमाम पेज डिलीट करने की घोषणा की है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक फेसबुक ने सोमवार को यह भी बताया है कि इसके साथ ही उसने पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों से जुड़े 103 अकाउंट भी रिमूव कर दिए हैं. सोमवार को सोशल मीडिया कंपनी ने अपने इस कदम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ‘अप्रमाणिक व्यवहार’ के चलते देश की मुख्य विपक्षी पार्टी (कांग्रेस) से जुड़े पेजों को हटाया गया है. फेसबुक ने इसके साथ ही यह भी साफ किया है कि इन पन्नों को उनमें प्रकाशित सामग्री की बजाय उनके ‘इनअथेंटिक बिहेवियर’ यानी अप्रामाणिक जानकारी के चलते हटाया गया है.

फेक अकाउंट बना कर तमाम ग्रुप में जुड़े थे लोग
आपको बता दें कि दुनिया में सबसे ज्यादा फेसबुक यूजर भारत में हैं जिनकी संख्या तकरीबन 30 करोड़ है. फेसबुक ने कहा है कि उसने अपनी जांच में पाया है कि पहले लोगों ने फेक अकाउंट्स बनाए और अलग-अलग ग्रुप्स से जुड़कर अपनी बातों (कंटेंट) को फैलाया और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का काम किया. फेसबुक ने कहा कि उन फेसबुक पन्नों पर लोकल न्यूज के साथ-साथ अपने विरोधी दल जैसे कि पीएम नरेंद्र मोदी के बीजेपी की आलोचना भी की जाती थी.

कांग्रेस की आईटी सेल से जुड़े थे लोग
फेसबुक के साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी के प्रमुख नथानिएल ग्लीइकर ने इस बारे में बताते हुए कहा, “लोगों ने अपनी पहचान को छिपाकर यह काम करने का प्रयास किया था, लेकिन हमने अपनी जांच में पाया कि ऐसे फेसबुक पेज कांग्रेस की आईटी सेल के लोगों से जुड़े हुए थे.” इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि इन अकाउंट्स को उनके द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट के आधार पर नहीं बल्कि उनके व्यवहार के चलते हटाया जा रहा है.

पाकिस्तान के 103 अकाउंट भी हटाए गए
सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने इसके साथ ही यह भी कहा कि उसने पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग से जुड़े 103 फेसबुक पेज, ग्रुप और अकाउंट को भी हटाने का फैसला लिया है. फेसबुक के मुताबिक इनका संचालन पाकिस्तान से ही होता था और ये पाकिस्तानी सेना के अंतर-सेवा जनसंपर्क विभाग के कर्मचारियों द्वारा चलाए जा रहे थे.

इस वजह से उठाया गया है यह कदम
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक भारत सरकार के साथ ही साथ दुनिया भर की कई अथॉरिटीज ने फेसबुक पर इस बात के लिए दबाव बनाया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि उसके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए फर्जी जानकारियां फैलाने (खासकर आने वाले चुनावों के वक्त) के लिए नहीं किया जाएगा.

28 साल के तेजस्वी सूर्या होंगे बेंगलुरू दक्षिण से भाजपा के उम्मीदवार

बेंगलुरू: दिवंगत केंद्रीय मंत्री एचएन. अनंत कुमार 1996 के बाद से बेंगलुरू दक्षिण से लगातार छह बार सांसद चुने गए. उनके निधन के बाद पत्नी की यहां से लोकसभा चुनाव(lok sabha elections 2019) लड़ने की उम्मीदों को झटका लगा है. लोकसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को अपने कर्नाटक युवा मोर्चा के महासचिव तेजस्वी सूर्या को इस प्रतिष्ठित बेंगलुरू दक्षिण सीट से उम्मीदवार बनाया है. यहां 18 अप्रैल को चुनाव होना है.

भाजपा के एक अधिकारी ने कहा कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने कर्नाटक हाई कोर्ट में वकालत कर रहे 28 वर्षीय सूर्या को उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने कहा, “सूर्या हमारी राष्ट्रीय सोशल मीडिया टीम के भी सदस्य हैं.”

OMG OMG!!! I can’t believe this.
PM of world’s largest democracy & President of largest political party have reposed faith in a 28 yr old guy to represent them in a constituency as prestigious as B’lore South. This can happen only in my BJP. Only in #NewIndia of @narendramodi25.2K2:48 AM – Mar 26, 2019Twitter Ads info and privacy10.6K people are talking about this

पार्टी द्वारा चुने जाने के बाद ‘युवा तुर्क’ सूर्या ने ट्वीट किया, “हे भगवान…हे भगवान. मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री और सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष ने बेंगलुरू दक्षिण जैसी प्रतिष्ठित सीट के लिए 28 वर्षीय युवक पर अपना विश्वास जताया है.” उन्होंने कहा, “यह सिर्फ भाजपा में हो सकता है. सिर्फ नरेंद्र मोदी के ‘न्यू इंडिया’ में.”
कांग्रेस की तरफ से बीके हरिप्रसाद होंगे प्रत्‍याशी
कांग्रेस ने सोमवार को राज्यसभा सदस्य बी.के. हरिप्रसाद को यहां से अपना प्रत्याशी घोषित किया था. भाजपा ने बेंगलुरू ग्रामीण लोकसभा सीट से अश्वत नारायण को अपना प्रत्याशी बनाया है जो यहां से कांग्रेस के सांसद डी.के. सुरेश को टक्कर देंगे. सुरेश यहां से दूसरी बार चुनाव लड़ेंगे.