लाशों पर राजनीति कॉंग्रेस प्रथा रही है: स्वतंत्रदेव सिंह

नई दिल्लीः सोनभद्र नरसंहार के बाद पीड़ित परिवार से मिलने के लिए धरने पर बैठीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित स्वतंत्र देव सिंह ने निशाना साधाते हुए इसे कांग्रेस की राजनीतिक प्रथा करार दिया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि ‘सोनभद्र की घटना बेहद दुखद है, लेकिन जो भी इस घटना के दोषी हैं उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और अधिकारी इस पर कार्रवाई भी कर रहे हैं. यह कांग्रेसियों का कुकर्म था, जिसके कारण यह पूरी घटना हुई है.’ 

उन्होंने आगे कहा कि ‘सोनभद्र में हुई घटना पर प्रियंका गांधी सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रही हैं. कांग्रेस के नेता सिर्फ उत्तर प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं. वह यही चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश का माहौल खराब हो. लाशों पर राजनीति करना हमेशा से ही कांग्रेस की प्रथा रही है. प्रियंका गांधी को अब यह सब खत्म कर देना चाहिए. प्रियंका पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद माहौल खराब कर रही हैं.’

ध्यान रहे शुक्रवार वही दिन था जिस दिन कर्णाटक में कॉंग्रेस-जेडीएस को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस करनी थी एवं शक्ति परीक्षण होना था। कॉंग्रेस-जेडीएस की शक्तिपरिक्षण को टालने वाली चालों से राष्ट्र का राष्ट्रिय मीडिया का ध्यान हटाना था सो प्रियंका वाड्रा ने ऑपरेशन सोनभद्र को अंजाम देना शुरू किया, जिसे बाद में कॉंग्रेस के बड़े नेताओं का समर्थन मिला मानो प्रियंका मुद्दा न उठाती तो वह अपनी नींद में गाफिल रहते।

बता दें सोनभद्र में जमीनी विवाद के चलते हुई फायरिंग में 10 लोग मारे गए थे, जिसके बाद शुक्रवार प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए सोनभद्र के लिए निकली थीं, जहां उत्तर प्रदेश प्रशासन ने उन्हें मिर्जापुर में ही रोक लिया था और उन्हें चुनार गेस्टहाउस में रखा गया था. जहां प्रिंयका गांधी ने धरने पर बैठने का ऐलान करते हुए कहा था कि वह पीड़ितों से मिले बिना यहां से नहीं जाएंगी.

सुरक्षा की दृष्टि से संवेदन शील और भावनात्मक रूप से व्यथित / आहात इलाके में पुन: कोई बात न भड़क जाये इसी कारण वहाँ राजनैतिक पर्यटन को रोका जा रहा है।

6 गवर्नरों की नियुक्ति

नई दिल्‍ली : राज्‍यपालों की नियुक्ति को लेकर शनिवार को बड़ा फैसला लिया गया है. राष्‍ट्रपति के प्रेस सेक्रेटरी अशोक मलिक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आनंदीबेन पटेल को उत्‍तर प्रदेश का नया राज्‍यपाल नियुक्‍त किया गया है. वह अब तक मध्‍य प्रदेश की राज्‍यपाल थीं. इसके अलावा बिहार के मौजूदा राज्‍यपाल लालजी टंडन को मध्‍य प्रदेश का नया राज्‍यपाल बनाया गया है.

राष्‍ट्रपति भवन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक जगदीप धानकड़ को पश्चिम बंगाल का नया राज्‍यपाल बनाया गया है. रमेश बैस को त्रिपुरा के राज्‍यपाल की जिम्‍मेदारी दी गई है. फागू चौहान को बिहार का नया राज्‍यपाल बनाया गया है. वहीं आरएन रवि को नगालैंड का राज्‍यपाल नियुक्‍त किया गया है. राष्‍ट्रपति भवन की ओर से कहा गया है कि इन सभी राज्‍यपालों की नियुक्ति उसी दिन से मान्‍य हो जाएगी, जिस दिन वे अपने ऑफिस का कार्यभार संभाल लेंगे.

बता दें कि इसी महीने 15 जुलाई को मोदी सरकार में मंत्री रहे कलराज मिश्र को राष्‍ट्रपति ने हिमाचल प्रदेश का राज्‍यपाल नियुक्‍त किया था. वहीं दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश के गवर्नर आचार्य देवव्रत का स्‍थानांतरण कर गुजरात का राज्‍यपाल बनाया गया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के लगातार दूसरी बार सत्‍ता में आने के बाद राज्‍यपाल के पद पर इस तरह की यह पहली बड़ी नियुक्ति थी.

गवर्नर का नाम आते ही सभा स्थगित कर दी गयी

कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को भी बहुमत परीक्षण नहीं हो पाया. दिनभर बहस जारी रही. शाम होते ही जैसे ही येडियरप्पा ने कहा की हम रात 12 बजे तक रुकने को तैयार हैं आप गवर्नर के निर्देश का सम्मान करें स्पीकर ने विधान सभा स्थगित कर दी। स्पीकर का आचरण संदेहास्पद हो रहा है।

बेंगलुरू: कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को भी बहुमत परीक्षण नहीं हो पाया. दिनभर बहस जारी रही. राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से मुख्यमंत्री एचडी. कुमारस्वामी को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार शाम 6 बजे तक का समय दिया गया था लेकिन कुमारस्वामी निर्धारित समय तक बहुमत साबित नहीं कर सके. बाद में कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही 22 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी. स्पीकर ने जब विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित की तब सदन में जो चर्चा हो रही थी, वह इस प्रकार है: 

एचके पाटिल (कांग्रेस): हमें इस सदन में सच को सामने लाने की जरूरत है. आप हमसे यहां शाम साढ़े सात बजे या रात साढ़े आठ बजे तक बैठने के लिए कह सकते हैं लेकिन आपको सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित करनी होगी. विधयकों ने दावा किया है कि वे मुंबई सुरक्षा कारणों के चलते गए हैं, हमें उन्हें वापस लाने के लिए मनाना चाहिए. प्रसाशन के वरिष्ठ अधिकारी को मुंबई उनसे मिलने जाना चाहिए. यह सदन की गरिमा का सवाल है. इस सदन के संरक्षक होने के नाते, मैं आपसे यह इस प्रक्रिया को शुरू करने का आग्रह करता हूं.

स्पीकर: मैं यहां साढ़े सात बजे तक बैठ सकता हूं, आप लोग एकमत हो जाएं और मुझे बताएं. 

जीटी देवगौड़ा (जेडीएस) : गठबंधन सरकार और इसके सदस्यों के संबंध में सवाल उठाए गए. मधुस्वामी ने कहा है कि हमें इसे अभी समाप्त करना चाहिए लेकिन राज्यपाल ने पूर्व में कभी इस तरह से हस्तक्षेप नहीं किया.  

ईश्वर खांद्रे (कांग्रेस) : पूरा देश देख रहा है कि ऑपरेशन लोटस यहां चल रहा है. ऐसी परिस्थिति में, बीजेपी ने कहा है कि बहुमत परीक्षण तत्काल होना चाहिए लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए और इससे देश को एक संदेश दिया जाना चाहिए. 

एबी पाटिल: मैं 1998 में सांसद था, तब बाजपेयी जी का फ्लोर टेस्ट 9 दिन चला था. क्या अब नियम बदल गए हैं? 

येदियुरप्पा: मैं आपसे अपील करता हूं, गवर्नर ने मुख्यमंत्री से आज शाम तक बहुमत साबित करने के लिए कहा है. हम यहां 12 बजे रात तक बैठे रहेंगे. हम आपको सहयोग देंगे. मैं मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि वे गवर्नर के निर्देश का सम्मान करें. 

स्पीकर: मैं अब यहां और नहीं बैठ सकता. सदन सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित किया जाता है.

सियासी संकट को कॉंग्रेस-जेडीएस ने संवैधानिक संकट बना दिया

हिमाचल प्रदेश में एक छोटा सा शहर है ‘कुमारहट्टी’ वहाँ से कुछ बच्चे डगशाई पढ़ने जाते थे, एक बार स्कूल से आते से आते हुए एक बच्चा पिट गया। तो रोते हुए पीटने वाले बच्चे से बोला की तू अब के पीट, तुझे अपने दोस्तों से पिटवाऊंगा, बेचारा फिर पिटा। आगे जाने पर बोला कोने वाली दुकान वाले अंकल से पिटवाऊंगा तू अबके मार, बेचारा फिर पिटा। आखिर में बोला की तूने अबके पीटा तो आंटी के कुत्ते से कटवाऊंगा बेचारा फिर पीट गया। यह कहानी अटपटी ज़रूर है लेकिन दर्शाती है की जिसने पीटना है वह तो पीटेगा ही, चाहे आप लाख धमका लो दलीलें दे लो। काँग्रेस-जेडीएस पीटने वाले हैं और संविधान पिटने वाला। स्पीकर के पद में बहुत ताकत होती है, इतनी कि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को भी अमान्य कर सकता है, कर्नाटका में कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने तय समय सीमा की कोई बंदिश न लगा कर अपनी इज्ज़त बचाई।

माना की स्पीकर के पास बहुत ताकत है पर यह कहाँ लिखा है की राज्यपाल के आदेशों की खिल्ली उड़ाई जाये? कर्णाटक में यही हुआ। राज्यपाल समय देते रहे कॉंग्रेस-जेडीएस राज्यपाल के आदेशों को ‘प्रेमपत्र’ कह कर खिल्ली उड़ाते रहे। राज्यपाल ने केवल समय दिया था की आप शक्ति परिक्ष्ण करवा लो, कॉंग्रेस-जेडीएस ने स्पीकर के साथ मिल कर्नाटक विधान सभा को एक मज़ाक बना कर रख दिया। कुमार स्वामी स्वयं को निर्लिप्त व्यक्ति बताते हैं परंतु सत्ता लोलुप भ्रष्ट नेता की भांति आचरण कर रहे हैं। अलग अलग मुद्दों के साथ सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों को नज़रअंदाज़ कर उन फैसलों को फिर से चुनौती दे रहे हैं। विधान सभा चुनावों में हाशिये पर आए कुमारस्वामी लोक सभा चुनावों में बुरी तरह पिट गए। अपने राजनैतिक भविष्य को भाँपते हुए वह मुख्यामन्त्री की कुर्सी से ऐसे चिपके हैं की न हिल पा रहे हैं न हिलाये जा पा रहे हैं। कर्नाटका का राजनैतिक संकट जल्द ही संवैधानिक संकट बन कर खड़ा हो जाएगा।

बेंगलुरू: कर्नाटक में जारी सियासी संकट और गहरा गया है. अब यह संवैधानिक संकट का रूप लेता जा रहा है. कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को भी बहुमत परीक्षण नहीं हो पाया. राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से मुख्यमंत्री एचडी. कुमारस्वामी को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार शाम 6 बजे तक का समय दिया गया था लेकिन कुमारस्वामी निर्धारित समय तक बहुमत साबित नहीं कर सके. अंत में, स्पीकर ने सदन को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

कर्नाटक में सियासी नाटक जारी, आज ये तीन संभावनाएं बन सकती हैं: 
1.
 कर्नाटक में आज सबकी निगाहें राज्यपाल पर टिक गई हैं. तीन बार लिखे पत्रों की अवहेलना हुई है. राज्यपाल केंद्र को अपनी रिपोर्ट भेजेंगे. देखना होगा कि केंद्र इस रिपोर्ट पर क्या रुख अपनाता है.  

2. सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर की याचिका पर सुनवाई हो सकती है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शीर्ष अदालत से 17 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण की मांग की जिसमें 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने के विकल्प चुनने की अनुमति प्रदान की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति परीक्षण करने के संबंध में राज्यपाल हस्तक्षेप कर रहे हैं. उधर, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने भी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि न्यायालय का 17 जुलाई का आदेश पार्टी के अपने विधायकों को व्हिप जारी करने के अधिकार का हनन करता है. 

3. बीजेपी पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन कर सकती है. बीजेपी विधायकों ने बहुमत परीक्षण में देरी होने पर गुरुवार को विधानसभा में पूरी रात धरना दिया था. बीजेपी नेता येदियुरप्पा लगातार दावा कर रहे हैं कि उनके पास 106 विधायकों का समर्थन है. बीजेपी अपने विरोध-प्रदर्शन का दायरा बढ़ा सकती है. 

संख्या बल पूरा होने तक शक्ति परीक्षण टलता रहेगा

राज्यपाल ने पहले 1:30 बजे तक बहुमत साबित करने की बात काही थी, फिर राज्‍यपाल ने मुख्‍यमंत्री को शुक्रवार शाम 6 बजे बहुमत साब‍ित करने के लिए कहा. इस पर मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी ने तंज़ कसते हुए राज्यपाल के आदेश ओ प्रेमपत्र कह कर बुलाया और इसकी जिम्‍मेदारी स्‍पीकर पर डाल दी. स्‍पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्‍थग‍ित कर दी. अब यदि सत्तापक्ष के पास सोमवार को बहुमत साबित करने का आंकड़ा विधायाकों के रूप में हुआ तो फ्लोर टेस्‍ट सोमवार को ही होगा अन्यथा सर्वोच्च न्यायालय में कॉंग्रेस अपील डाल चुकी है, उसका सहारा लिया जाएगा।

गलुरू: कर्नाटक में सत्‍ता की लड़ाई का अंत दूसरे दिन भी नहीं हुआ. दूसरे दिन दिन भर चली बहस और राज्‍यपाल के द्वारा दो बार समय देने के बावजूद कर्नाटक की कांग्रेस और जेडीएस सरकार ने शुक्रवार को बहुमत परीक्षण का सामना नहीं किया. स्‍पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही स्‍थग‍ित कर दी. अब फ्लोर टेस्‍ट सोमवार को होगा. हालांकि बीजेपी फ्लोर टेस्‍ट पर अड़ी हुई है. येद‍ियुरप्‍पा ने कहा, हम आज ही फ्लोर टेस्‍ट चाहते हैं.

इससे पहले कांग्रेस-जेडीएस सरकार के कहने पर विधानसभा स्‍पीकर ने फ्लोर टेस्‍ट के लिएगुरुवार 18 जुलाई का दिन तय किया, लेकिन पहले दिन फ्लोर टेस्‍ट नहीं हो सका. राज्‍यपाल ने मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी से शुक्रवार को दोपहर 1.30 बजे बहुमत साब‍ित करने के लिए कहा. लेकिन दूसरे दिन भी सरकार ने डेढ़ बजे बहुमत साबित नहीं किया. राज्‍यपाल ने मुख्‍यमंत्री को शुक्रवार शाम 6 बजे बहुमत साब‍ित करने के लिए कहा. इस पर मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी ने इसकी जिम्‍मेदारी स्‍पीकर पर डाल दी.

सभी बड़े बड़े टीवी चैनलों पर विधानसभा में मात्र 37 सीटों वाले कुमारस्वामी “मुझे सत्ता का लालच नहीं है’ दोहराते दिखाई पड़े लेकिन असल में उन्होने ओर काँग्रेस ने अभी तक शक्ति परीक्षण को टालने के कोई भी प्रयास नहीं छोड़े। सर्वोच्च न्यायालय में जाना, प्रियंका का उत्तरप्रदेश में हँगामा करना जिससे राष्ट्रिय मीडिया का ध्यान कॉंग्रेस-जेडीएस के कुत्सित प्रयासों से हट सके। उधर काँग्रेस की तरफ से बागी विधायकों की धर पकड़ भी जारी है।

इस बीच राज्‍यपाल के द्वारा शाम 6 बजे की मोहलत भी खत्‍म हो गई. कांग्रेस ने कहा है कि फ्लोर टेस्‍ट सोमवार को किया जाए. वहीं बीजेपी आज ही फ्लोर टेस्‍ट की मांग पर अड़ी हुई है.

अब मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी राज्‍यपाल के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. उन्‍होंने राज्‍यपाल के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें सरकार को बहुमत साब‍ित करने के लिए कहा गया है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कोर्ट से आदेश स्पष्ट करने की मांग की. पार्टी व्हिप जारी करने के संवैधानिक अधिकार का उठाया मुद्दा. राज्यपाल के बहुमत साबित करने का समय तय किए जाने को भी बताया ग़लत. कुमारस्वामी ने कहा- 17 तारीख के आदेश की वजह से पार्टी के व्हिप जारी करने का अधिकार प्रभावित हुआ है.

इससे पहले मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी ने विधानसभा में बहस के दौरान कहा, बहुमत कब साबित करना है इसकी जिम्‍मेदारी मैं स्‍पीकर पर छोड़ता हूं. उन्‍होंने कहा, आप मेरे हितों की रक्षा कीजिए. इसके निर्देश दिल्‍ली से नहीं मिलने चाहि‍ए. जो पत्र मुझे गवर्नर ने भेजा है, उससे मेरी रक्षा कीजिए. कुमारस्‍वामी ने कहा, मेरे मन में गवर्नर के प्रत‍ि पूरी इज्‍जत है. लेकिन उन्‍होंने जो मुझे दूसरा लव लेटर भेजा है, इससे मुझे दुख हुआ. वह कर्नाटक में चल रहे हॉर्स ट्रेड‍िंग के बारे में भी जानते हैं.

राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार दोपहर 1:30 बजे तक का समय दिया गया था, लेकिन कुमारस्वामी निर्धारित समय तक बहुमत साबित नहीं कर सके. इस समयसीमा के अंदर गठबंधन सरकार की ओर से बहुमत साबित नहीं करने के बाद विपक्ष हावी हो गया और विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग उठी.

विपक्षी भाजपा नेता बी. एस. येदियुरप्पा के कहा कि मुख्यमंत्री शुक्रवार दोपहर 1:30 बजे तक बहुमत साबित करने में विफल रहे हैं. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की. विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा पूरी होने से पहले हालांकि, अध्यक्ष ने फ्लोर टेस्ट से इंकार कर दिया.

ॐ बिड़ला ने कॉंग्रेस के सदन को स्थगित करने के प्रयास को विफल किया

कॉंग्रेस अरनाता में अपनी चालों से जनता का ध्यान हटाने के लिए नए नए हंगामे कर या रच रही है। कभी कांग्रेसी नेता अपने दलबल के साथ राहस्त्रीय मार्ग पर धारणा दे देते हैं तो कभी लोकसभा में हँगामा कर सदन को बाधित करने का प्रयास करते हैं। आज सदन में स्पीकर ओम बिरला ने शुक्रवार को सदन में हंगामा कर रहे विपक्ष के सदस्यों को चेतावनी देते हुए कहा कि आप संसद के किसी स्टाफ को हाथ न लगाएं.

नई दिल्ली: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने शुक्रवार को सदन में हंगामा कर रहे विपक्ष के सांसदों को चेतावनी देते हुए कहा कि आप संसद के किसी स्टाफ को हाथ न लगाएं. उनकी टिप्पणी उस समय आई जब कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके सांसद प्रश्न काल के दौरान हंगामा करते हुए वेल में आ गए. हंगामा करने वाले सांसद कर्नाटक की स्थिति पर चर्चा करना चाहते थे लेकिन स्पीकर ने इससे इनकार कर दिया. इससे विपक्ष के सांसद नाराज हो गए.  

स्पीकर ने नाराज सांसदों से वापस अपनी सीट पर बैठने और प्रश्न काल जारी रखने का अनुरोध किया लेकिन विपक्ष के सांसद “हमें न्याय चाहिए’ और “तानाशाही नहीं चलेगी” जैसे नारे लगाने लगे. इस पर स्पीकर ने कहा, “आप सभी ने निर्णय लिया था कि राज्य से संबंधित मामलों की चर्चा सदन में नहीं की जा सकती. यह एक राज्य विशेष का मामला है और संवैधानिक पद से संबंधित है.” 

कुछ समय बाद, स्पीकर ने फिर से प्रश्नकाल जारी रखने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, “मैंने आपको इस मामले को दो बार उठाने की अनुमति दी है. इसके बावजूद, मैं आपको सदन में पेपर रखे जाने जाने के बाद इस पर शून्य काल के दौरान बोलने का मौका दूंगा.”

बिरला ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर इशारा किया जिन्होंने पिछले सप्ताह इस मामले को उठाया था. स्पीकर के आश्वासन के बाद, विपक्ष के सांसद वापस अपनी सीट पर चले और प्रश्नकाल की कार्यवाही आगे बढ़ी. 

कर्नाटक मामले को लेकर विपक्ष ने लोकसभा से किया बॉयकट
कर्नाटक संकट को लेकर कांग्रेस, डीएमके व टीएमसी सहित विपक्ष ने शुक्रवार को लोकसभा से बॉयकट किया. विपक्ष ने बीजेपी पर राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के शून्य काल के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को इस मुद्दे पर बहुत कम समय के लिए बोलने की इजाजत दी, इस पर सांसद एकत्र हुए और बॉयकट कर गए.

कमल नाथ ने मोदी का आभार मनाया

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम औद्योगिकीकरण की बात राजनीति के लिये नहीं, नौजवानों के भविष्य के लिये करते हैं. 

भोपाल/विवेक पटैया: मुख्यमंत्री कमल नाथ ने विधानसभा में अपने विभागों से संबंधित अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का केंद्र बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी में नित नए परिवर्तन हो रहे हैं. युवाओं को नई टेक्नोलॉजी से अपडेट रखकर उनकी ऐसी स्किलिंग होनी चाहिए जिससे उन्हें अच्छी नौकरी मिल सके. मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि आधुनिक तकनीक के अनुसार प्रदेश में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि उनका जोर प्रशिक्षणार्थियों की संख्या की बजाय उनकी नौकरी पर है. मुख्यमंत्री ने बताया कि देश ही पूरे विश्व में एक ही जिले में सर्वाधिक ट्रेनिंग सेंटर छिंदवाड़ा में हैं.

बिजली का स्टोरेज होगा 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बिजली के स्टोरेज की व्यवस्था की जा रही है. विश्व स्तर पर इसका टेंडर जारी किया जा चुका है. इस संबंध में चर्चा के लिये चीन की टीम को आमंत्रित किया गया है, जो शीघ्र ही मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रही है. मध्यप्रदेश बिजली का स्टोरेज करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा.

नौजवानों के भविष्य का नया नक्शा बनाना है 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम औद्योगिकीकरण की बात राजनीति के लिये नहीं, नौजवानों के भविष्य के लिये करते हैं. हम नौजवानों के भविष्य का नया नक्शा बनाना चाहते हैं. वर्तमान में युवाओं के हाथ को काम चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश नीति हर सेक्टर के लिये अलग-अलग बनाई जायेगी और हर नीति में रोजगार को प्राथमिकता दी जायेगी. उन्होंने कहा कि औद्योगिकीकरण के लिये निवेशकर्ताओं में विश्वास का वातावरण जरूरी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गत 15 साल में देश में जितना घरेलू और विदेशी निवेश भारत में आया, उसका बहुत कम हिस्सा मध्यप्रदेश में आया है… इससे हमको सबक लेने की जरूरत है…अपनी कार्यप्रणाली में परिवर्तन लाना होगा. मुख्यमंत्री कमल नाथ के जवाब के बाद सदन ने उनके विभागों से संबंधित 3259 करोड़ 29 लाख 9 हजार रूपये की अनुदान माँगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया.

सीएम कमलनाथ ने पीएम मोदी का माना आभार 
सीएम कमलनाथ ने सदन में बजट पर चर्चा के बीच कहा मुझे नीति आयोग की सब कमेटी में शामिल किया गया. इसके लिए मैं पीएम मोदी का आभारी हूं. उन्होंने बिना भेदभाव के काम किया.

अपने गढ़ को बचाने की काँग्रेस की आखिरी कोशिश

कर्नाटक विधानसभा में भाजपा बहुमत के साथ आई थी, लेकिन चुनावों के दौरान डीएचआर विरोधी रहे कॉंग्रेस – जेडीएस ने भाजपा की बढ़त को रोकने के लिए गठबंधन किया और सरार बना ली। अब लो सभा चुनावों में कर्नाटक की जनता ने एक बार फिर 28 में से 25 लोक सभा सीटें भपा को सौंप दीं। लोक सभा चुनावों में भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत को देख कर काँग्रेस में निराशा का ज्वार आया हुआ है। बंगाल में टीएमसी के विधायक त्यागपत्र दे कर भाजपा में शामिल हो रहे हाँ तो स्दूर पश्चिम में गोवा में काँग्रेस के 15 विधायक भाजपा में शामिल हो गए( यहाँ कॉंग्रेस का वजूद ही खतरे में आ गया है)। मध्यप्रदेश में भी कॉंग्रेस ई गार्डन पर तलवार लटक रही है। करनाटक में बागी विधायों ने तो भाजपा में जाने आ मन बना लिया है, और तो और कारणता के दिग्गज काँग्रेस नेता तो पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं। काँग्रेस बहुत डरी हुई है, कर्नाटक में सत्‍ता का संघर्ष बढ़ता जा रहा है. स्‍पीकर ने विधानसभा को एक दिन के लिए स्‍थग‍ित कर दिया है. बीजेपी फ्लोर टेस्‍ट आज ही चाहती है, ऐसे में बीजेपी विधायक विधानसभा में ही सो रहे हैं. अब राज्‍यपाल ने मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी को पत्र लिखकर कहा है कि वह शुक्रवार को अपना बहुमत साब‍ित करें.

बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार रहेगी या जाएगी, इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं. इस बीच सत्‍ता हासिल करने का ‘नाटक’ राज्‍य में बढ़ता जा रहा है. विधानसभा स्‍पीकर ने पहले व‍िश्‍वासमत हासिल करने के लिए गुरुवार का दिन तय किया, लेकिन शाम होते होते सदन को एक दिन के लिए स्‍थगि‍त कर दिया. इस पर बीजेपी भड़क गई है. उसने मांग की है कि फ्लोर टेस्‍ट गुरुवार को ही किया जाए. राज्‍यपाल ने स्‍पीकर से कहा था कि वह गुरुवार को ही विश्‍वासमत हासिल करने पर विचार करें. लेकिन स्‍पीकर ने सदन एक दिन के लिए स्‍थगित कर दिया. 

कर्नाटक में बढ़ते सियासी संकट के बीच राज्‍यपाल वजू भाई वाला ने अब मुख्‍यमंत्री एचडी कुमारास्‍वामी को पत्र लिखकर कहा है कि वह शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे अपना बहुमत साबित करें. इससे पहले राज्‍यपाल ने विधानसभा स्‍पीकर से आग्रह किया था कि वह गुरुवार को ही फ्लोर टेस्‍ट पर विचार करें. लेकिन स्‍पीकर ने सदन एक दिन के लिए स्‍थग‍ित कर दिया.

इसके बाद बाद बीजेपी ने अपने विधायकों के साथ विधानसभा में ही धरना देना शुरू कर दिया. पूर्व मुख्‍यमंत्री बीएस येदियुरप्‍पा अपने सभी साथी विधायकों के साथ फ्लोर पर सोते दिखाई दिए.

बीजेपी विधायकों ने अपना धरना विधानसभा में शुरू भी कर दिया है. बीजेपी विधायकों और विपक्ष के नेता बीएस येदि‍युरप्‍पा से कांग्रेस विधायक डीके शिवकुमार और एचएस पाट‍िल ने बात की है. हालांकि इस मुलाकात का कोई परिणाम नहीं निकल पाया है. कर्नाटक बीजेपी के विधायक विधानसभा में ही सो गए.

बीजेपी के नेता बीएस येद‍ियुरप्‍पा ने कहा, हमारी मांग सिर्फ इतनी है कि आज ही फ्लोर टेस्‍ट कराया जाए. लेकिन मुख्‍यमंत्री इसके लिए तैयार नहीं हैं. वह सदन और लोगों का भरोसा खो चुके हैं. उनके पास सिर्फ 98 विधायक हैं. हमारे पास 105 सदस्‍य हैं.

दरअसल नंबर गेम के कारण कांग्रेस और जेडीएस की सरकार चाहती है कि गुरुवार को सदन में फ्लोर टेस्‍ट न हो. वहीं बीजेपी ने साफ कर दिया है कि सदन में विश्‍वास मत आज ही हा‍स‍िल किया जाना चाहि‍ए. इसके ल‍िए बीजेपी विधायकों ने राज्‍यपाल वजूभाई वाला से मुलाकात की. इसके बाद राज्‍यपाल ने स्‍पीकर से कहा क‍ि वह आज ही विश्‍वासमत पर वि‍चार करें.

इधर कांग्रेस व‍िधायकों ने फि‍र से विधानसभा में हंगामा शुरू कर दिया है. उन्‍होंने हाथ में प्‍ले कार्ड लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. कांग्रेस का का कहना है कि बीजेपी ने उसके विधायकों का अपहरण किया है. वह मुंबई में भर्ती कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाट‍िल की तस्‍वीरें भी लहराते दिखे.

इधर, कांग्रेस विधायक एचके पाट‍िल ने सदन में कहा राज्‍यपाल की सलाह पर कहा, राज्‍यपाल सदन की कार्यवाही में हस्‍तक्षेप नहीं कर सकते हैं. सदन की कार्यवाही संव‍िधान के हिसाब से चलेगी. मैं राज्‍यपाल से कहना चाहूंगा कि वह सदन की कार्यवाही में हस्‍तक्षेप न करें.

विधानसभा में बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री बीएस येद‍ियुरप्‍पा ने कहा, अगर रात 12 बजे तक बहस चले तो उसके बाद भी आज ही फ्लोर टेस्‍ट होना चाहि‍ए. दरअसल कांग्रेस और जेडीएस की सरकार आज सदन में फ्लोर टेस्‍ट से हिचकिचा रहे हैं. उनके पास जरूरी संख्‍या बल नहीं है.

गुरुवार को विश्वास मत पर विधानसभा में बहस शुरू हुई, लेकिन कांग्रेस और जेडीएस दोनों ही मतदान कराने से हिचकिचा रहे हैं. बहस के दौरान अपनी बात रखते वक्त सदन में कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू होता है या फिर हमारा व्हिप काम में आता है, तो दोनों ही तरफ से हमारी सरकार पर संकट बरकरार है.

कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाट‍िल की हालत बिगड़ी, मुंबई में भर्ती
इधर, कर्नाटक कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल विधानसभा सत्र में चल रहे विश्वास मत प्रस्ताव में शामिल नहीं हुए. उन्हें मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. सूत्र के अनुसार, “पाटिल ने बुधवार को सीने में दर्द व सांस लेने में शिकायत के बाद मुंबई के लिए उड़ान भरी और उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.”

पाटिल, राज्य के उत्तरपश्चिमी बेलगाम जिले के कागवाड विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह शहर के बाहरी इलाके में देवनहल्ली के पास एक रिजॉर्ट में पार्टी के अन्य विधायकों के साथ ठहरे हुए थे. सूत्र ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, “हमें सुबह रिजॉर्ट से उनके गैरहाजिर होने की बात पता चली और पता करने पर सामने आया है कि वह इलाज के लिए मुंबई गए हैं.”

पाटिल के सत्र से गैरहाजिर होने के बाद सत्तारूढ़ सहयोगी की विधानसभा में संख्या 66 रह गई है. इसमें विधानसभा अध्यक्ष व वरिष्ठ बागी विधायक आर.रामलिंगा रेड्डी शामिल हैं. कांग्रेस के 12 बागी विधायकों व जद (सेक्युलर) के तीन विधायकों के गैर हाजिर होने से सदन में सत्तारूढ़ गठबंधन की संख्या 101 है. इसमें बहुजन समाज पार्टी का एक विधायक शामिल है. इस तरह से सदन की कुल संख्या 225 से घटकर 210 हो गई है.  इस तरह से बहुमत के लिए 106 सदस्यों की जरूरत होगी.

कर्नाटक संकट : बागी गैरहाज़िर तो कुमारस्वामी हारे

कोर्ट ने साफ किया है कि ये बागी विधायक विधानसभा की कार्रवाई में भाग लेने या न लेने के लिए स्वतंत्र हैं. यानी ये विधायक 18 जुलाई को बहुमत परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) के समय अनुपस्थित रह सकते हैं.

नई दिल्‍ली: कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच बागी विधायकों के इस्‍तीफे के संबंध में विधानसभा स्पीकर के अधिकार क्षेत्र का सम्मान करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला स्पीकर पर छोड़ा. कोर्ट ने कहा स्पीकर उचित समय के भीतर फैसला लें लेकिन उचित समय क्या होगा, यह स्पीकर को ही तय करना है.

हालांकि इसके साथ ही बागी 16 विधायकों को कोर्ट से राहत भी मिली है. कोर्ट ने साफ किया है कि ये बागी विधायक विधानसभा की कार्रवाई में भाग लेने या न लेने के लिए स्वतंत्र हैं. यानी ये विधायक 18 जुलाई को बहुमत परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) के समय अनुपस्थित रह सकते हैं. ऐसी स्थिति में 224 सदस्‍यीय विधानसभा में कुमारस्‍वामी के नेतृत्‍व में जेडीएस-कांग्रेस सरकार के पक्ष में बहुमत का आंकड़ा नहीं रह जाएगा. इस सूरतेहाल में एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिर सकती है.

सीटों का गणित
कर्नाटक विधानसभा
कुल सीटें- 224
बागी विधायक -15
बची सीट 209

बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा- 105
कुमारस्वामी सरकार के पास विधायक (जेडीएस-कांग्रेस)- 101 (बहुमत से 4 कम)

भाजपा की स्थिति- 105 सीटें (इसके अलावा दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी प्राप्‍त)

भाजपा की प्रतिक्रिया
इससे पहले कर्नाटक बाग़ी विधायकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि स्पीकर 15 विधायकों के इस्तीफ़े पर विचार करें. स्पीकर खुद से फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्हें समय सीमा के भीतर निर्णय लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि इस केस में संवैधानिक मसले को देखते हुए इसमें विस्तृत फैसला देना पड़ेगा. हालांकि कर्नाटक सरकार को झटका देते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि 15 बागी विधायकों को भी सदन की कार्यवाही का हिस्सा बनने के लिए बाध्य न किया जाए.

फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के पूर्व मुख्‍यमंत्री और वरिष्‍ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्‍पा ने कहा कि कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री के पास बहुमत नहीं है, उनको कल इस्‍तीफा देना चाहिए. मैं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्‍वागत करता हूं. यह संविधान और लोकतंत्र की जीत है. ये बागी विधायकों की नैतिक जीत है. हालांकि कोर्ट का ये अंतरिम आदेश है, स्‍पीकर की शक्तियों के संबंध में कोर्ट भविष्‍य में फैसला करेगा. विधानसभा स्‍पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि मैं इस मसले पर निर्णय करूंगा, जोकि किसी भी तरह संविधान, कोर्ट और लोकपाल के विपरीत नहीं होगा. मुख्‍यमंत्री एचडी कुमारस्‍वामी ने फैसले पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.

मैसूर में खुदाई के दौरान मिलीं नंदी प्रतिमाएँ

मैसूर: कर्नाटक में मैसूर के पास एक सूखी झील से सैकड़ों वर्ष पुरानी भगवान शिव की सवारी नंदी बैल की दो प्रतिमाएं खुदाई के दौरान सामने आई हैं. यह खबर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, मैसूर से करीब 20 किमी दूर बसे अरासिनाकेरे की एक सूख चुकी झील में नंदी बैल की सदियों पुरानी प्रतिमाओं की यह जोड़ी खुदाई के दौरान मिली है.

बताया जा रहा है कि खुदाई करके मूर्तियों को बाहर निकालने का काम यहां के स्थानीय निवासियों ने ही किया है. सोशल मीडिया के अनुसार, अरासिनाकेरे के बुजुर्ग इस झील में नंदी की प्रतिमाएं होने की बात करते थे. जब कभी झील में पानी का स्तर कम होता था, तो कहा जाता था कि प्रतिमाओं का सिर नजर आता है. बताया जा रहा है कि इस वर्ष नदी के पूरे तौर पर सूख जाने बाद यहां के स्थानीय निवासियों ने इस जगह पर खुदाई कर सच को जानने का मन बनाया. 

खबरों की मानें तो, स्थानीय लोगों ने झील की तीन से चार दिनों तक खुदाई की. इस दौरान उन्होंने खुदाई का काम अच्छी तरह से करने के लिए जेसीबी मशीन भी मंगवाई. वहीं, करीब चार दिनों तक चली खुदाई के बाद झील की जमीन के अंदर दबी नंदी बैल की प्रतिमाओं को बाहर निकाल लिया गया है.  

वहीं, इस बात की जानकारी लगने पर पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की एक टीम भी वहां पहुंच चुकी है. दावा किया जा रहा है कि ये मूर्तियां विजयनगर काल के बाद की हैं. यह 16 वीं या 17 वीं शताब्दी की हो सकती हैं.