सड़क पर कोई नमाज़ नहीं पढ़ेगा: उलेमा देवबंद

देवबन्द के उलेमाओं ने सरकार के उस आदेश का स्वागत किया है जिसमें सड़क पर नमाज ना पढ़ने के लिए कहा गया है. उलेमाओं का कहना है कि ये सरकार का एक अच्छा कदम है इसका स्वागत होना चाहिए. चाहे हिंदू हो या मुसलमान दोनों को ही सड़क पर कोई भी धार्मिक आयोजन नहीं करना चाहिए.

उलेमाओं ने कहा कि कुछ मुट्ठी भर लोग देश का माहौल खराब करना चाहते थे लेकिन उप जिलाधिकारी के आदेश के बाद अब ये नहीं होगा. हालांकि उलेमा ने इसपर सफाई भी दी. उन्होंने कहा कि डीएम अलीगढ़ ने जो अपना बयान जारी किया है उसमें कहा कि सड़क पर कोई भी धार्मिक काम नहीं होगा, जैसे नमाज पढ़ी जाती है, या हमारे हिंदू भाई कोई और प्रोग्राम करते हैं. तो हम डीएम साहब के इस आदेश का समर्थन करते हैं.

इत्तेहाद उलेमा ए हिन्द के उलेमा मुफ्ती असद ने आगे कहा कि  इस वक्त में मुल्क के हालात ऐसे हैं कि कुछ फिरका परस्त लोग देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश में लगे हैं. सड़क पर कोई भी धार्मिक काम या कोई हमारे हिंदू भाई प्रोग्राम करते हैं और फिरका परस्त उसको बिगाड़ने का काम करते हैं. तो उससे मुल्क का माहौल खराब होता है. तो डीएम साहब ने जो आदेश जारी किया है हम इसका समर्थन करते हैं

श्रीलंका में रामायण के प्रमाण

रावण जब माता सीता का अपहरण कर श्रीलंका पहुंचा तो सबसे पहले सीता जी को इसी जगह रखा था। इस गुफा का सिर कोबरा सांप की तरह फैला हुआ है। गुफा के आसपास की नक्‍काशी इस बात का प्रमाण है। इसके बाद जब माता सीता ने महल मे रहने से इंकार कर दिया तब उन्‍हें अशोक वाटिका में रखा गया। सीता अशोक के जिस वृक्ष के नीचे बैठती थी वो जगह सीता एल्‍या के नाम से प्रसिद्ध है। 2007 में श्रीलंका सरकार एक रिसर्च कमेटी ने भी पुष्‍टि की, कि सीता एल्‍या ही अशोक वाटिका है। बाद में हनुमान जी के लंका जलाने से भयभीत रावण ने सीता जी को अशोक वाटिका से हटा कर कोंडा कट्टू गाला में रखा था। पुरातत्व विभाग को यहां कई ऐसी गुफाएं मिली है जो रावण के महल तक जाती थी।

हनुमान जी के पद चिन्ह

रामायण मे वर्णन है जब हनुमान जी ने सीता जी को खोजने के लिए समुद्र पार किया था तब उन्होंने विशाल रूप धारण किया था। जिसके चलते जब वो श्रीलंका पहुंचे तो उनके पैर के निशान वहां बन गए। जो आज भी मौजूद हैं।

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श्रीलंका में हिमालय की जड़ी-बूटी

श्रीलंका मे उस स्थान पर जहां लक्ष्मण मूर्छित होकर गिरे थे और उन्‍हे संजीवनी दी गई थी वहां हिमालय की दुर्लभ जड़ी-बूटियों के अंश मिले हैं। दावा है कि इन  जड़ी-बूटियों का श्रीलंका में पाया जाना रामायण काल की वास्‍तविकता को प्रमाणित करता है।

विशालकाय हाथी

रामायण के सुंदर कांड अध्‍याय में लिखा है लंका की रखवाली के लिए विशालकाय हाथी करता था। जिन्हें हनुमान जी ने अपने एक प्रहार से धराशाही किया था।  पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में ऐसे ही हाथियों के अवशेष मिले हैं जिनका आकार वर्तमान हाथियों से बहुत ज्‍यादा है। 

रावण का महल

पुरातत्व विभाग को श्रीलंका में एक महल मिला है जिसे रामायण काल का बताया जाता है। रामायण लंका दहन का वर्णन है जब हनुमान जी ने पूरी लंका मे अपनी पूंछ से आग लगा दी थी। जलने के बाद उस जगह की की मिट्टी काली हो गई थी, इस बात के प्रमाण भी यहां से मिलते हैं। यहीं से थोड़ी दूर पर रावण एल्ला नाम से एक झरना है, जो 82 फीट की ऊंचाई से गिरता है। राम द्वारा रावण का वध करने के पश्‍चात विभीषण को लंका का राजा बनाया गया था। विभीषण ने अपना महल कालानियां में बनाया था। यह कैलानी नदी के किनारे स्थित था। नदी के किनारे पुरातत्व विभाग को उस महल के अवशेष मिले हैं।

कर्नाटका विवाद: स्पीकर ने 3 विधायकों की अयोग्य घोषित किया

कर्नाटक का सियासी तूफान अभी थमा नहीं है। कॉंग्रेस पार्टी और उसके शुभचिंतक अभी भी कॉंग्रेस को इस संकट से उबारने में लगे हूए हैं। अभी हालिया घटनाक्रम में स्पीकर द्वारा 3 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। स्पीकर का मानना है की तीनों दल बदल की श्रेणि में आते हैं। अत: उन्हे अयोग्य घोषित किया जाता है। सिद्धरमाइया ने पहले ही विधायकों के राजनैतिक जीवन की समाप्ती की धमकी दे दी थी। वही सच साबित हुई। विडम्बना यह है कि मद्यप्रदेश में भाजपा विधायकों का कॉंग्रेस में शामिल होना घर वापिसी है अत: उन पर कोई कार्यवाई नहीं कि जा सकती है। दोनों स्पीकरों ने अपनी ताकत दिखा दी है।

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा के स्‍पीकर केआर रमेश ने तीन विधायकों को अयोग्‍य करार दिया है. इनमें दो विधायक कांग्रेस के और एक विधायक निर्दलीय है. स्‍पीकर का कहना है कि वह निर्दलीय विधायक ने खुद को कांग्रेस में विलय कर लिया था, इसलिए वह भी कांग्रेस का ही हिस्‍सा थे. इस लिए पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण स्‍पीकर ने उन्‍हें भी अयोग्‍य करार दिया है.

जिन तीन विधायकों को स्‍पीकर केआर रमेश ने अयोग्‍य करार दिया है, उनमें कांग्रेस के बागी विधायक रमेश जारकीहोली और महेश कुमाथल्‍ली शामिल हैं. निर्दलीय विधायक आर शंकर को भी स्‍पीकर ने अयोग्‍य घोषित करार दिया है. इन विधायको के खिलाफ स्‍पीकर ने एंटी डिफेक्‍शन लॉ के तहत कार्रवाई की है. अगर स्‍पीकर का यही फैसला लागू रहा तो ये विधायक इस विधानसभा के समाप्‍त होने तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.

के आर रमेश कुमार ने बताया कि निर्दलीय विधायक आर शंकर, कांग्रेस के विधायकों रमेश जारकिहोली और महेश कुमातल्ली की सदस्यता समाप्त कर दी गई है. इस प्रकार अब तक कुल तीन विधायकों की सदस्यता समाप्त कर दी गई है. स्‍पीकर के अनुसार, अभी तक सिर्फ 3 विधायकों के बारे में फैसला लिया गया है. बाकी के विधायकों के बारे में जल्‍द ही फैसला ले लिया जाएगा.

केआर रमेश के अनुसार, ये केस कॉम्‍प्‍लीकेटड है. इसलिए मैं इसमें जल्‍दबाजी नहीं करना चाहता था. इस मामले में मेरे सामने 17 याचिकाएं आईं. इसमें 2 अयोग्‍यता संबंधी और अन्‍य इस्‍तीफे के बारे में थीं. स्‍पीकर ने बताया, जिन तीन विधायकों की सदस्‍यता गई है उनमें एक विधायक शंकर हैं. उन्‍होंने विधानसभा चुनाव निर्दलीय के तौर पर लिया था. 25 जून को उन्‍होंने कांग्रेस में विलय कर लिया. इस बारे में सिद्धरमैया ने अपील की थी. इसलिए उन्‍हें कांग्रेस की सीट दी गई. 8 जुलाई को शंकर नागेश ने मंत्रीपद से इस्‍तीफा दिया. इसके बाद उन्‍होंने बीजेपी को समर्थन देने का दावा किया. सिद्धरमैया ने इस बारे में स्‍पीकर यानी मेरे सामने शिकायत दर्ज कराई.

पार्टी से अलग जा कर थरूर ने किया मोदी का बचाव

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर झूठा बयान दिया है. इसकेजिंका बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पीएम मोदी का बचाव किया है. शशि थरूर का यह बयान उस समय आया है जब लोकसभा में कॉंग्रेस ने जाम कर बवाल काटा। कॉंग्रेस नेताओं ने ट्रम्प के बयान पर प्रधान मंत्री को कटघरे में खड़ा कर दिया और उन्हे स्वयं उपस्थित हो कर जवाब देने को कहा। हालात तो यह हो गए की टीवी समाचारों में छुटभैये नेता भी जिनका अस्तित्व उनके मोहल्ले तक ही है वह भी स्वयं को प्रधान मंत्री का समकक्ष मान कर प्रधान मंत्री हाजिर हो वाली तर्ज़ पर एनएसई जवाब मांग रहे हैं।

नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान  से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  को लेकर झूठा बयान दिया है. इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पीएम मोदी का बचाव किया है. थरूर ने डोनाल्ड ट्रंप की क्लास लगाते हुए कहा है कि ट्रंप सरासर झूठ बोल रहे हैं. पीएम मोदी कभी भी कश्मीर मसले में किसी तीसरे की मध्यस्थता की बात कह ही नहीं सकते हैं. थरूर ने कहा है कि बातचीत के दौरान पीएम मोदी की कही गई बातों को ट्रंप ठीक से समझ नहीं पाए होंगे, इसलिए वह इस तरह की बातें कर रहे हैं.

भारत के विदेश मंत्रालय ने भी ट्रंप को झूठा ठहराया
इससे पहले भारत के विदेश मंत्रालय भी अमेरिकी राष्ट्रपति को झूठा ठहरा चुका है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्विटर पर लिखा, ‘हमने राष्ट्रपति ट्रंप के बयान को प्रेस में देखा कि वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने को तैयार हैं, अगर भारत और पाकिस्तान इसकी मांग करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी कोई मांग राष्ट्रपति ट्रंप से नहीं की है.’

उन्होंने आगे लिखा है कि कश्मीर मसले पर भारत का स्टैंड साफ है. कश्मीर दो देशों के बीच का मुद्दा है, ऐसे में इस पर द्विपक्षीय वार्ता ही हो सकती है. पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत की शर्त ये है कि सीमा पार से आतंकवाद बंद हो.

ट्रंप ने क्या कहा?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से बातचीत के दौरान प्रेस को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘दो सप्ताह पहले मेरी पीएम नरेंद्र मोदी से भेंट हुई थी और उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या आप मथ्यस्थ बनना चाहेंगे? मैंने पूछा कहां? उन्होंने कहा, कश्मीर में.’

उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी डोनाल्ड ट्रंप से कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की भूमिका निभाने का आग्रह किया है. इसपर ट्रंप ने कहा, ‘अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मुझे मध्यस्थ बन कर खुशी होगी.’

ट्रंप का यह बयान आते ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे झूठा बता दिया. दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमेशा आक्रामक रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी ट्रंप को झूठा ठहराया है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पीएम मोदी कश्मीर मसले पर किसी तीसरे के मध्यस्थ बनने की बात कतई नहीं कह सकते हैं. यहां आपको बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौर में शशि थरूर को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव पद के लिए नॉमिनेट किया गया था. हालांकि थरूर यह चुनाव हार गए थे.

कांग्रेस ने ट्रंप के बयान पर संसद में बहस की मांग की
हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंपके बयान पर संसद में बहस होनी चाहिए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर अपनी बात संसद में रखनी चाहिए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर अपनी बात संसद में रखनी चाहिए. कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा में नोटिस देकर कहा है कि ट्रंप के बयान पर बहस कराई जाए.

जूनागढ़ निकाय चुनावों में काँग्रेस का सूपड़ा साफ

हर समय लोकतन्त्र को धता बता कर लोकतन्त्र ही की दुहाई देने वाली कॉंग्रेस के लिये आज चहुं ओर से बुरी ख़बरें ही आ रहीं हैं। एक ओर जहां कॉंग्रेस तेलंगाना में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है वहीं कर्नाटक में अपनी सत्ता गंवा चुकी है ओर गुजरात में तो और भी बुरा हाल है। जहां जूनागढ़ नगरपालिका की 56 सीटों पर लड़े गए चुनावों में कॉंग्रेस मात्र 1 सीट पर सिमट कर रह गयी है।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बाद गुजरात में स्‍थानीय निकाय चुनाव में भी बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. जूनागढ़ महानगर पालिका में भाजपा ने 54 जबकि एनसीपी 4 पर तथा कांग्रेस 1 सीट पर जीत दर्ज की है. जिला पंचायतों की पांच सीट के उपचुनाव में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है. जूनागढ़ महानगर पालिका के चुनाव रविवार को हुए थे. मनपा के 15 वार्ड की 59 सीट के लिए रविवार को 56 सीटों पर वोट डाले गए थे. 3 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे. एक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ने नामांकन पत्र भरने के बाद बीजेपी के प्रत्याशी को समर्थन दे दिया था.

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इस परिणाम से ऐसा लगता है कि जूनागढ़ नगर निगम से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. चुनाव प्रचार के समय, कांग्रेस नेताओं द्वारा यह कहा गया था कि जूनागढ़ के कुछ वार्डों के लोग भाजपा उम्मीदवार को बाहर कर देंगे. लेकिन इस चुनाव का परिणाम बता रहा है के लोगों ने भाजपा की बजाय कांग्रेस को साफ करने का निर्णय लिया है.

खास बात यह है कि जूनागढ़ नगर निगम का मुस्लिम बहुल इलाके में है. यह चुनाव एक बार फिर संकेत दे रहे हैं कि जमीन पर कांग्रेस बिलकुल खत्म होती जा रही है. हार की सबसे बडी वजह यह है की कांग्रेस जूनागढ़ में नेतृत्व संकट से जूझ रही है.

भाजपा अध्‍यक्ष जीतू भाई वाघाणी ने कहा कि यह प्रजा व लोकतंत्र की जीत है, विधानसभा, लोकसभा व स्‍थानीय निकाय हर चुनाव में जनता भाजपा के साथ रही जबकि कांग्रेस ने जाति वर्ग में लोगोंको बांटकर चुनाव जीतने का प्रयास किया. 

99 के फेर में काँग्रेस – जेडीएस गयी

कर्नाटक में सत्ता के नाटक का अंत, क्मरस्वामी की सरकार गिरि, 105 वोट से भाजपा विजयी रही जबकि कुमारस्वामी को 99 वोट मिले 6 वोटों से गिरि कांग्रेस ए समर्थन से चली सरकार।

सूत्रों के अनुसार कर्नाटक में काँग्रेस के टूटने की खबर भी आ रही है।

विश्वास मत पर अभी भी असमंजस की स्थिति

स्पीकर ने विधायकों को फटकार लगाते हुए कहा कि मैं यहां रात 12 बजे तक बैठने के लिए तैयार हूं. आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? यह सही नहीं है.

ब्यूरो :  विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है. कांग्रेस-JDS विधायकों ने विधानसभा में हंगामा किया. ‘संविधान बचाने की दुहाई’ के नारे लगाए. स्पीकर ने विधायकों की इस हरकत पर फटकार लगाई और कहा कि मैं यहां रात 12 बजे तक बैठने के लिए तैयार हूं. आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? यह सही नहीं है.

इससे पहले, कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से उनके चैंबर में मुलाकात की. कुमारस्वामी के अलावा, कर्नाटक के डिप्टी सीएम जी. परमेश्वर, जेडीएस विधायक सा रा. महेश, कृष्णा गौड़ा और सिद्धारमैया भी इस बैठक में मौजूद रहे. इससे पहले, स्पीकर ने बीजेपी नेताओं के साथ बैठक की थी. उधर, विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा खत्म होने के बाद वोटिंग पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. हालांकि स्पीकर आज ही वोटिंग कराने पर अड़े हैं.

इससे पहले, मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा बुधवार तक का समय मांगे जाने पर विधानसभा अध्यक्ष कुमार ने नकार दिया. स्पीकर ने कहा, “जैसा कि शुक्रवार को निर्णय हुआ था मैं आज (सोमवार) विश्वास मत को मतदान के लिए रखूंगा.”

जेडीएस विधायकों ने बागी विधायकों को ‘जीरो ट्राफिक’ की सुविधा देने का आरोप लगाते गृहमंत्री एमबी पाटिल से स्पष्टीकरण मांगा. इस पर पाटिल ने कहा कि बागी विधायकों को ऐसी कोई सुविधा नहीं दी गई थी. पाटिल ने कहा कि राज्यपाल ने बागी विधायकों को सुरक्षा देने के लिए कहा था, हमने वही किया. जीरो ट्राफिक उन्हें प्रदान नहीं किया गया. गृहमंत्री का यह जवाब जेडीएस विधायक एटी रामास्वामी को रास नहीं आया. उन्होंने कहा, “यदि गृहमंत्री सदन के सामने इस तरह से झूठ बोलते हैं तो मैं यहां कैसे ठहर सकता हूं.” यह कहते हुए रामास्वामी सदन से बाहर निकल गए. 

गौरतलब है कि 15 बागी विधायकों, जिसमें 12 कांग्रेस व 3 जेडीएस ने सत्र में भाग नहीं लेने का फैसला किया है और दो कांग्रेस विधायक (बी.नाग्रेंद्र व श्रीमंत पाटिल) बेंगलुरू व मुंबई के निजी अस्पताल में भर्ती है. इस तरह 225 सदस्यीय विधानसभा में सहयोगियों का संख्या बल 99 होगा। इसमें विधानसभा अध्यक्ष (कांग्रेस) शामिल हैं. बीजेपी की संख्या दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 107 होगी, जो प्रस्ताव के विरोध में होगा.

कॉंग्रेस-जेडीएस विश्वास मत टालने के लिए चल सकते हैं नयी चालें: बागी विधायक

याचिकाकर्ता विधायकों ने अदालत से विधानसभाध्यक्ष के. आर. रमेश और मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को सोमवार को शाम पांच बजे तक विश्वास मत का आयोजन करने का निर्देश देने की मांग की. बागी विधायकों की याचिका के अनुसार, “ऐसा माना जाता है कि अल्पसंख्यक सरकार की अगुवाई करने वाले मुख्यमंत्री खुद को सदन की कार्यवाही से सोमवार को अलग रख सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि वह (कुमारस्वामी) विश्वास मत को टाल सकते हैं. विश्वास मत को टालने के लिए वह अस्पताल में भर्ती समेत कोई चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति का इस्तेमाल कर सकते हैं.” सनद रहे यह वही विधान सभा है जहां विश्वास मत के लिए भाजपा को मात्र एक दिन मोहलत दी गयी थी, वहीं कॉंग्रेस-जेडीएस आज तकरीबन एक पखवाड़े से विश्वास मत की प्रक्रिया टाल रही है

नई दिल्ली/बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल-सेक्यूलर (जेडी-एस) के 15 बागी विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा में सोमवार को शक्ति परीक्षण करने का आदेश देने की मांग करते हुए रविवार को सर्वोच्च न्यायालय में एक संयुक्त याचिका दायर की. याचिकाकर्ता विधायकों ने अदालत से विधानसभाध्यक्ष के. आर. रमेश और मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को सोमवार को शाम पांच बजे तक विश्वास मत का आयोजन करने का निर्देश देने की मांग की.

प्रदेश के 15 बागी और दो निर्दलीय विधायकों ने अपनी संयुक्त याचिका में कहा, “हम मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी द्वारा 18 जुलाई को कर्नाटक विधानसभा में लाए गए विश्वास मत प्रस्ताव पर 22 जुलाई को शाम पांच बजे से पहले शक्ति परीक्षण करने का निर्देश देने की मांग करते हैं.”

सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता दिशा राय द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री या गठबंधन सरकार में सहयोगी कांग्रेस और जेडी-एस कुछ और बहाना बनाकर शक्ति-परीक्षण टालने की कोशिश करेंगे. याचिका के अनुसार, “ऐसा माना जाता है कि अल्पसंख्यक सरकार की अगुवाई करने वाले मुख्यमंत्री खुद को सदन की कार्यवाही से सोमवार को अलग रख सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि वह (कुमारस्वामी) विश्वास मत को टाल सकते हैं. विश्वास मत को टालने के लिए वह अस्पताल में भर्ती समेत कोई चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति का इस्तेमाल कर सकते हैं.”

आज फ्लोर टेस्‍ट पर सबकी निगाहें
सोमवार का दिन कर्नाटक की राजनीति में उठा पटक वाला हो सकता है. कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबि‍त हैं. इन पर सुनवाई हो सकती है. उधर विधानसभा में सरकार पर शक्‍त‍ि परीक्षण का दबाव होगा. कांग्रेस जेडीएस सरकार ने दो दिन फ्लोर टेस्‍ट को टाल दिया है. अब सोमवार को उन्‍हें फ्लोर टेस्‍ट कराना होगा. नंबर सरकार के पक्ष में नहीं हैं. अब अगर बागी विधायक सदन में नहीं आए तो सरकार का गिरना तय है.

रविवार को सभी पार्टि‍यों ने की बैठक
सोमवार को सदन में बहुमत साब‍ित करने से पहले सभी दलों ने अपने अपने विधायकों से बैठक की. बीजेपी ने अपने विधायकों से होटल में बैठक की. पिछले कई दिनों से बीजेपी के विधायक होटल में ही हैं. उधर जेडीएस और कांग्रेस ने भी अपने अपने विधायकों से अलग अलग बैठक की.

कांग्रेस के गुंडुराव का कहना है कि हमारे विधायक उत्‍साह से भरे हुए हैं. हम सोमवार सदन में बीजेपी को बेनकाब कर देंगे. कांग्रेस नेता ने कहा, बीजेपी ने ऑपरेशन कमल के लिए 1000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. इतना सारा पैसा कहां से आया. उन्‍होंने एक वि‍धायक को खरीदने में 20 से 30 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.

टीएमसी सांसदों को वाराणसी एयर पोर्ट पर रोका गया

टीएमसी सांसद आज योगी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्हे न तो सोनभद्र के घायलों से मिलने दिया जा रहा है, न ही सोनभद्र जाने दिया जा रहा है। आज टीएमसी सांसद अचानक ही वाराणसी एयरपोर्ट पर आ पहुंचे, राजनैतिक पर्यटन को रोकने के लिए चाक चोबन्द पुलिस ने उन्हे वहीं पर रोक लिया जिसके लिए उन्होने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। सनद रहे टीएमसी ने चुनावों के दौरान योगी के हेलिकॉप्टर बंगाल में उतरने नहीं दिये थे।

नई दिल्‍ली : सोनभद्र में हुए 10 लोगों के नरसंहार के बाद वहां पीड़ित परिवारों और घायलों से मुलाकात के लिए नेताओं का पहुंचना जारी है. शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने से पुलिस ने रोक दिया. शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 3 नेता भी सोनभद्र घटना के घायलों और पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए जा रहे थे. लेकिन उन्‍हें वाराणसी एयरपोर्ट पर ही पुलिस ने रोक लिया. उनका दावा है कि पुलिस ने उन्‍हें हिरासत में लिया है. तीनों नेताओं ने इस घटना की जानकारी ट्विटर पर डाले एक वीडियो में दी है.

टीएमसी के इस तीन सदस्‍यीय प्रतिनिधिमंडल का आरोप है कि उन्‍हें पुलिस ने बिना कोई कारण बताए वाराणसी एयरपोर्ट पर सुबह 9:45 बजे से रोका हुआ है. अब वे वहीं पर धरने पर बैठ गए हैं. उन्‍हें बीएचयू ट्रामा सेंटर और सोनभद्र जाने से रोका जा रहा है. 

बता दें कि सोनभद्र में जमीन विवाद में हुए 10 लोगों के नरसंहार के बाद से ही राजनैतिक स्‍तर पर बवाल मचा है. सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने इस घटना के लिए कांग्रेस को जिम्‍मेदार बताया. साथ ही उन्‍होंने इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी भी गठित की है. यह कमेटी 10 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी.

दूसरी ओर प्रशासन की ओर से सोनभद्र में 2 महीने के लिए धारा 144 लगा दी गई है. जिले में धारा 144 11 जुलाई से 12 सितंबर तक प्रभावी रहेगी. प्रशासन का कहना है कि बिना उसकी अनुमति के कोई भी सोनभद्र नहीं जा सकेगा. 

शुक्रवार को प्रियंका गांधी भी सोनभद्र में पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए जा रही थीं. उन्‍होंने पहले वाराणसी के बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती घायलों से मुलाकात की थी. इसके बाद वह सोनभद्र जा रही थीं. लेकिन पुलिस ने उन्‍हें नारायणपुर में ही रोक दिया था. वह इसके बाद वहां धरने पर बैठ गई थीं. पुलिस इसके बाद उन्‍हें चुनार गेस्‍ट हाउस ले गई थी. जहां रात भर प्रियंका गांधी और अन्‍य कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने धरना दिया.

प्रियंका गांधी का कहना है कि वह सोनभद्र घटना के पीड़ित परिवारों से मिले बिना वापस नहीं जाएंगी. इसके बाद प्रशासन ने उन्‍हें पीड़ित परिवारों से मिलवा दिया है.

प्रियंका का साथ देने को बिहार के मुख्य मंत्री भी सोनभद्र पहुंचेंगे

सोनभद्र के मामले ने राजनैतिक पर्यटन के द्वार खोल दिये हैं। हाशिये पर आ चुकी कोंग्रेस को पुनर्जीवित करने और प्रियंका को एक सक्षम नेतृत्व साबित करने लिए देश भर से कोङ्ग्रेस्सी नेता सोनभद्र में प्रियंका के हुज़ूर में हाजरी देने को आतुर हैं। उन्हे लगता है की उनके इस प्रयास से जनता कर्नाटका में कोंग्रेस-जेडीएस के नाटक को विस्मृत कर देगी। इधर प्रियंका ने कहा कि वह तब तक धरने पर बैठी रहेंगी जब तक उन्हें सोनभद्र फायरिंग केस के पीड़ितों से नहीं मिलने दिया जाएगा. सनद रहे सोनभद्र जमीन हड़पने आ मामला तो 1955 का है जिसे अब तक की सभी सरकारों ने नज़रअंदाज़ किया, चाहे सोनभद्र का मामला हो या फिर आजम खान के ज़मीन हड़पने का। योगी राज में न्याय मिलने की उम्मीद नरसंहार से तोड़ी जा रही है,

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रायपुरः सोनभद्र में एक जमीनी विवाद के चलते हुई फायरिंग में 10 लोगों की हत्या के बाद सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका शुक्रवार को यहां मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंची थीं, जहां उत्तर प्रदेश प्रशासन ने उन्हें मृतकों के परिवार से मिलने से रोक दिया. ऐसे में प्रियंका गांधी ने मिर्जापुर में ही धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया. प्रियंका ने कहा कि वह तब तक धरने पर बैठी रहेंगी जब तक उन्हें सोनभद्र फायरिंग केस के पीड़ितों से नहीं मिलने दिया जाएगा.

ऐसे में अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और वह आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का समर्थन करने रायपुर से वाराणसी के लिए रवाना होंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोनभद्र मामले में राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे. वहीं पीएल पुनिया पहले से ही सोनभद्र में मौजूद हैं, जहां अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहुंचने वाले हैं.

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बता दें इससे पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) का चार सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल सोनभद्र के लिए रवाना हुआ था, जिन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन ने वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था. टीएमसी का यह प्रतिनिधि मंडल डेरेन ओ ब्रायन के नेतृत्व में वाराणसी पहुंचा था, जिन्हें फिलहाल उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन ने रोक कर रखा है.

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प्रियंका वाड्रा के साथ कई दूसरे कांग्रेसी कार्यकर्ता भी धरने पर बैठे हैं और पीड़ितों से मिलने की मांग कर रहे हैं. बता दें सोनभद्र जाने के लिए रवाना हुई प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश प्रशा बीच रास्ते में ही रोक लिया गया, जहां उन्हें मिर्जापुर जिले के चुनार गेस्टहाउस में ठहराया गया है. जहां शनिवार को उन्होंने योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्हें पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है.