माता वैष्णो देवी सेवा दल द्वारा 16वीं माता वैष्णो देवी यात्रा का आयोजन
जै माता दी के जयकारों के बीच अरुण सूद ने यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 07 नवंबर:
हर साल की तरह इस साल भी माता वैष्णो देवी सेवा दल, चण्डीगढ़ द्वारा 16वीं माता वैष्णो देवी यात्रा का आयोजन किया गया। सेक्टर 49 से इस यात्रा को माता के जयकारों के बीच वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व पार्टी अध्यक्ष अरुण सूद ने झंडी दिखाकर रवाना किया। संस्था के पदाधिकारियों चिराग अग्रवाल, विकास गुप्ता, रमन गुप्ता व राजीव सहदेव ने बताया कि अब तक 6000 से अधिक यात्री इस यात्रा का लाभ उठा चुके हैं। यह क्रम एक बस से शुरू किया गया था, और हर साल एक बस बढ़ाते रहे। इस साल 13 बसों में 750 यात्री इस सेवा के जरिए माता के दर्शनों को गए हैं। उन्होंने बताया कि माता वैष्णो देवी सेवा दल अपने खर्चे पर सभी यात्रियों के जाने, खाने और रहने का सारा प्रबंध करता है। कटरा में रहने का प्रबंध बहुत ही भव्य होता है। पंडाल में कन्या पूजन और शाम को दो घंटे माता जी का गुणगान पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव से किया जाता है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2024/11/07-2-4.jpeg8761260Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2024-11-07 12:52:072024-11-07 12:52:10माता वैष्णो देवी सेवा दल द्वारा 16वीं माता वैष्णो देवी यात्रा का आयोजन
हरियाणा में चुनाव हुआ है जिसके नतीजे अस्वीकार्य है,जिन मशीनों में हमारे नतीजे 99% थे उनमें हमारे नतीजे हारने वाले आए और जिस मशीनों को नहीं छेड़ा गया उसमें हम जीत रहे हैं। तंत्र की जीत और लोकतंत्र की हार है, हम सारी शिकायतें इकट्ठा कर रहे हैं, हम ये सब शिकायत चुनाव आयोग के पास लेकर जाएंगे और वहां पर अपनी शिकायत दर्ज करेंगे। : कांग्रेस नेता पवन खेड़ा
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव
आर्टिकल 370 हटने के बाद से पहली बार हुए चुनाव
हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा
कांग्रेस ने हरियाणा के नतीजों को स्वीकार करने से इनकार किया
कांग्रेस ने हरियाणा में ईवीएम और काउंटिंग सिस्टम पर उठाए सवाल
कांग्रेस का हरियाणा जीतने का सपना अब चकनाचूर हो गया है। बीजेपी एक बड़ी जीत की तरफ बढ़ रही है। बीजेपी हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाएगी। हरियाणा में बीजेपी ने जीत की हैट्रिक लगाकर कांग्रेस और अन्य दलों को चौंका दिया है। दरअसल एग्जिट पोल के नतीजों में कांग्रेस को भारी सीटों के साथ सरकार बनाने की स्थिति में दिखाया गया था। लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। हरियाणा में भगवा रंग फिर चढ़ गया है। उधर हरियाणा में बीजेपी की जीत के साथ ही देश का सियासी पारा हाई हो गया है। कांग्रेस अपनी हार की ठींकरा हमेशा की तरह ईवीएम पर ही फोड़ रही हैं।
हरियाणा में हाई वोल्टेज प्रचार अभियान चलाने और अरविंद केजरीवाल को ‘हरियाणा की मिट्टी का बेटा’ के रूप में पेश करने के बावजूद, आम आदमी पार्टी को इस हिंदी भाषी राज्य में भारी निराशा हाथ लगी है। हरियाणा चुनाव नतीजों के अब तक के रुझान में आआपा का खाता भी खुलता हुआ नहीं दिख रहा है। उसके लगभग सभी उम्मीदवार चौथे नंबर या उससे भी पीछे चल रहे हैं और इस बात की पूरी संभावना है कि अपनी जमानत भी न बचा पाएं।
‘कांग्रेस लगातार झूठ फैलाने का काम कर रही थी लेकिन जनता ने उनकी बात को नकारा… सरकार की जो काम करने की नीतियां हैं, जो उपलब्धियां हैं उसे जनता ने स्वीकार किया… यह अपने-आप में एक रिकॉर्ड बना है क्योंकि हरियाणा में किसी पार्टी की तीसरी बार सरकार नहीं बनी थी। भाजपा ने हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाई है।’ : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर
जम्मू-कश्मीर का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहला विधानसभा चुनाव है। 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था।
जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे मंगलवार को आ गए। केंद्रशासित प्रदेश में 10 साल बाद हुए चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 और कांग्रेस 6 सीटें जीत गईं। सीपीएम को भी एक सीट मिली। जम्मू रीजन में 28 सीटें जीतकर बीजेपी अब मुख्य विपक्षी दल बन गई है। पीडीपी को सिर्फ तीन सीटें मिली। पहली बार आआपा ने भी एक सीट जीतकर खाता खोला। निर्दलीयों के खाते में 6 सीटें आईं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2024/10/haryanaaaaaaaaaaaaaa.png132476Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2024-10-08 13:31:002024-10-08 13:31:03तंत्र की जीत और लोकतंत्र की हार है : पवन खेड़ा
कांग्रेस भवन में सौंपा ज्ञापन, कहा, अल्पसंख्यकों को मत डराएं
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 12 सितंबर:
शिमला में मस्जिद विवाद के मामले को लेकर चंडीगढ़ के मुस्लिम समुदाय के लोग कांग्रेस भवन पहुंचे और उप प्रधान सादिक अहमद को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में कहा गया है कि शिमला में रह रहे अल्पसंख्यक लोगों को डराया-धमकाया जा रहा है। उनके कारोबार को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही मस्जिद गिराने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने कहा मामला जब न्यायालय में विचाराधीन है तो वह निश्चित तौर पर अदालत के फैसले का सम्मान करेंगे।
समुदाय ने इस मामले में हिमाचल सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि शिमला में तनावपूर्ण स्थिति के चलते वहां रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भयभीत हैं। समुदाय ने ये भी कहा है कि अगर इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
उन्होंने हिमाचल सरकार से अपील की है कि वे शिमला में शांति और सुरक्षा बहाल करने के लिए कदम उठाएं और अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों की रक्षा करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2024/09/PHOTO-2024-09-12-18-23-05.jpg9601280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2024-09-12 13:29:382024-09-12 13:29:41चंडीगढ़ का मुस्लिम समुदाय बोला, हस्तक्षेप करे हिमाचल सरकार
बैठक के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, हम और कांग्रेस एक साथ हैं। सीपीआई-एम भी हमारे साथ जुड़े हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे लोग (नेकां नेता) भी हमारे साथ हैं। हमें भरोसा है कि इस चुनाव में हमारी जीत होगी। जम्मू-कश्मीर मैं पूरी ‘रियासत’ को बहाल किया जायेगा। कई सालों से कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
सभी 90 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेंगी नेकां और कांग्रेस
फारूक अब्दुल्ला ने कहा- जम्मू-कश्मीर मैं पूरी ‘रियासत’ को बहाल किया जायेगा
फारूक अब्दुल्ला ने कहा- किसी के लिए कोई दरवाजा बंद नहीं
फारूक अब्दुल्ला ने राज्य के दर्जे पर दिया जोर
राजवीरेंद्र वसिश्ठ,डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला – 22 अगस्त :
फारूक अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा करके अटकलों को खत्म कर दिया है। यह घोषणा राहुल गांधी और मलिकार्जुन खड़गे द्वारा उनके आवास पर की गई मुलाकात के बाद की गई। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 18 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा चुनावों की प्रत्याशा में जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और सीपीआई (एम) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की है।
बैठक के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, हम और कांग्रेस एक साथ हैं। सीपीआई-एम भी हमारे साथ जुड़े हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे लोग (नेकां नेता) भी हमारे साथ हैं। हमें भरोसा है कि इस चुनाव में हमारी जीत होगी। जम्मू-कश्मीर मैं पूरी ‘रियासत'(एक रियासत (जिसे देशी राज्य या भारतीय राज्य भी कहा जाता है) ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य की नाममात्र संप्रभु इकाई थी, जो सीधे तौर पर अंग्रेजों द्वारा शासित नहीं थी, बल्कि एक भारतीय शासक द्वारा अप्रत्यक्ष शासन के तहत, एक सहायक गठबंधन और ब्रिटिश ताज की सर्वोच्चता या आधिपत्य के अधीन थी।) को बहाल किया जायेगा। कई सालों से कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने श्रीनगर दौरे पर गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की है, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी मौजूद थे। राहुल गांधी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ”यह कांग्रेस और इंडि’ गठबंधन की प्राथमिकता है कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा जितनी जल्दी हो सके दोबारा बहाल कराया जाए। हमने उम्मीद की थी यह चुनाव से पहले हो जाएगा। “
कांग्रेस नेता ने कहा कि यहां आना हमेशा सुखद है। यहां के लोगों से यहां गहरा नाता है। हम यहां की जनता की मदद करने के लिए तैयार हैं क्योंकि हमें पता है कि आप कठिन दौर से गुजर रहे हैं। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में सितंबर और अक्टूबर में चुनाव कराया जाना है। पहले चरण के चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई है। जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होने हैं, जबकि मतगणना 4 अक्टूबर को होगी।
राहुल गांधी ने कहा कि पहले नरेंद्र मोदी छाती फैलाकर आते थे अब झुककर आते हैं। उनके सेल्फ कॉन्फिडेंस को हमने तोड़ दिया है। आप (कांग्रेस वर्कर्स) बब्बर शेर हो। राहुल गांधी ने कहा कि नफरत को नफरत से नहीं हराया जा सकता। हम मिलकर नफरत को मोहब्बत से हराएंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने कहा, “भाजपा जम्मू-कश्मीर में चुनाव सुनिश्चित नहीं कर सकी। पार्टी ने सर्वोच्च नयायालय के निर्देशों के मद्देनजर दबाव में चुनाव की घोषणा की। मैं यह बात रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं कि भाजपा अब जम्मू-कश्मीर में लोगों की आवाज नहीं दबा सकती। कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा के बड़े-बड़े दावे कि अनुच्छेद 370 के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का सफाया हो गया है, पूरी तरह से झूठे साबित हुए हैं। घुसपैठ बढ़ गई है और आतंकवादी घटनाओं में भी तेजी आई है।”
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2024/08/2023_1image_10_05_293405247rahull.jpg365650Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2024-08-22 13:37:172024-08-22 13:41:28जम्मू-कश्मीर में पूरी ‘रियासत’ को बहाल किया जायेगा : फारूक अब्दुल्ला
सर्वोच्च नयायालय ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था, ”सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए – सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले। ये दोनों जातियां एससी में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं। इन लोगों के उत्थान के लिए राज्य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है। ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।” सर्वोच्च नयायालय ने कोटे में कोटा निर्धारित करने के फैसले के साथ ही राज्यों को जरूरी हिदायत भी दी। कहा कि राज्य सरकारें मनमर्जी से यह फैसला नहीं कर सकतीं।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति की ओर से सर्वोच्च नयायालय के निर्णय का विरोध किया जा रहा है
बसपा और आजाद समाज पार्टी ने दिया है समर्थन
भारत बंद पर सभी प्रकार की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं खुली रहेंगी
भारत बंद के दौरान विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट रहेगा
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 21 अगस्त :
अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सर्वोच्च नयायालय के फैसले के खिलाफ देश भर के विभिन्न संगठनों ने आज ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। बसपा समेत कई पार्टियां इस बंद का समर्थन कर रही हैं। ऐसे में सवाल ये हैं कि भारत बंद क्यों बुलाया गया है? सर्वोच्च नयायालय का वो कौन-सा फैसला है, जिसका दलित संगठन विरोध कर हैं? दलित संगठनों की क्या मांगे हैं? संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में लेटरल एंट्री( लेटरल एंट्री का मतलब बिना एग्जाम के सीधी भर्ती से है। लेटरल एंट्री के जरिए केंद्र सरकार UPSC के बड़े पदों पर प्राइवेट सेक्टर के एक्सपर्ट्स की सीधी भर्ती करती है। इसमें राजस्व, वित्त, आर्थिक, कृषि, शिक्षा जैसे सेक्टर्स में लंबे समय से काम कर रहे लोग शामिल होते हैं। ) क्यों सवालों के घेरे में है? भारत बंद के दौरान क्या-क्या खुलेगा और क्या बंद रहेगा।
भारत बंद में क्या खुला रहेगा और क्या बंद रहेगा, इसे लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। हालांकि, भारत बंद को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि कुछ जगहों पर सार्वजनिक परिवहन प्रभावित हो सकता है। आपातकालीन सेवाएं जैसे कि अस्पताल, एम्बुलेंस और चिकित्सा सुविधाएं चालू रहेंगी। बैंकों और सरकारी दफ्तरों को बंद करने को लेकर सरकारों की ओर से कोई घोषणा नहीं की गई है। इसका मतलब है कि ये भी खुले रहेंगे। शिक्षण संस्थान भी खुले रहेंगे। आयोजकों ने लोगों से बड़ी संख्या में शांतिपूर्ण तरीके से भाग लेने का आग्रह किया है।
‘रिजर्वेशन बचाओ संघर्ष समिति’ ने आज भारत बंद बुलाया है। आज का भारत बंद सर्वोच्च नयायालय के एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमीलेयर वाले फैसले के खिलाफ है। देशभर के दलित और आदिवासी संगठन हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर आज ‘भारत बंद’ कर रहे हैं। ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है, जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं।
दलित संगठनों ने हाल में सर्वोच्च नयायालय की सात जजों की बेंच द्वारा सुनाए गए फैसले के विरोध में यह बंद बुलाया है। संगठन का मानना है कि यह ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी। एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2024/08/भारत-बंद-.jpg675900Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2024-08-21 03:13:312024-08-21 03:14:30‘भारत बंद’ ……
द रिंग्स ऑफ पावर के दूसरे सीज़न में, सौरोन की वापसी हो चुकी है। गैलाड्रियल द्वारा निष्कासित, सेना या सहयोगी के बिना, उभरते हुए डार्क लॉर्ड को अब अपनी चालाकी पर निर्भर रहना होगा ताकि वह अपनी ताकत फिर से बना सके और रिंग्स ऑफ पावर के निर्माण की देखरेख कर सके, जिससे वह मध्य-पृथ्वी के सभी लोगों को अपनी भयावह इच्छा के अधीन कर सके। सीज़न वन के महाकाव्य पैमाने और महत्वाकांक्षा पर आधारित, नया सीज़न अपने सबसे प्रिय और संवेदनशील पात्रों को भी बढ़ते अंधकार की लहर में डूबा देता है, जो प्रत्येक को एक ऐसी दुनिया में अपनी जगह खोजने की चुनौती देता है जो तेजी से आपदा के कगार पर है। जैसे-जैसे दोस्ती कमजोर होती है और राज्य टूटने लगते हैं, अच्छे की ताकतें—एल्व्स और बौने, ऑर्क्स और मनुष्य, जादूगर और हारफूट्स—उन सभी को पकड़ने के लिए और भी अधिक बहादुरी से संघर्ष करेंगे जो उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है: एक-दूसरे।
प्राइम वीडियो की द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स: द रिंग्स ऑफ पावर के दूसरे सीज़न का ट्रेलर जारी
अनिल बेदाग, डेमोक्रेटिक फ्रंट, मुंबई, 27 जुलाई :
शुक्रवार को सैन डिएगो मिडल-अर्थ में बदल गया, जब प्राइम वीडियो ने महाकाव्य सीरीज़”द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स: द रिंग्स ऑफ पावर” के अत्यधिक प्रत्याशित दूसरे सीज़न को प्रदर्शित किया। शो के निर्माता जे.डी.पेन और पैट्रिक मैकके के साथ, एमी-नामांकित अभिनेत्री और प्रसिद्ध जेनर फैन यवेट निकोल ब्राउन (एवेंजर्स: एंडगेम, कम्युनिटी) द्वारा संचालित एक जीवंत और व्यावहारिक बातचीत के लिए हॉल एच मंच पर एक दर्जन से अधिक कास्ट सदस्य शामिल हुए।
कलाकारों की टोली ने विशाल सम्मेलन केंद्र हॉल में आए 6,500 प्रशंसकों को आगामी सीज़न के लिए एक नया विशेष ट्रेलर जारी करके रोमांचित कर दिया। एक्शन से भरपूर इस ट्रेलर में कुख्यात खलनायक सौरोन की लंबे समय से आशंकित पुन: उभरने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो कई वर्षों तक सभी क्षेत्रों में कड़ी मेहनत से शांति बनाए रखने के बाद मध्य-पृथ्वी पर अंधकार और बुराई की वापसी की घोषणा करता है। ट्रेलर में सौरोन की धोखा और छल की शक्तियों की सहायता से बनाई गई, रिंग्स ऑफ पावर के निर्माण को भी उजागर किया गया।
प्रशंसक इस सीज़न में दिखने वाले कई काल्पनिक और डरावने प्राणियों की झलक देखकर भी उत्साहित हो गए, जिनमें एक युवा शेलोब, बैरो-वाइट्स की सेना, हिल-ट्रॉल डैमरोड, एक समुद्री कीड़ा और यहां तक कि एंट्स भी शामिल हैं! रोमांचित भीड़ ने सीज़न दो की कहानियों के लिए महत्वपूर्ण कई बड़े युद्ध दृश्यों का भी आनंद लिया।
शो के हॉल एच पैनल में भाग लेने वाले कास्ट सदस्यों में सिंथिया अडाई-रॉबिन्सन, रॉबर्ट अरामायो, मैक्सिम बाल्ड्री, मॉर्फिड क्लार्क, इस्माइल क्रूज़ कॉर्डोवा, चार्ल्स एडवर्ड्स, ट्रिस्टन ग्रावेल, सैम हेज़लडाइन, एमा होर्वाथ, टायरो मुहाफिदिन, सोफिया नोमवेट, लॉयड ओवेन, मेगन रिचर्ड्स, चार्ली विकर्स, बेंजामिन वॉकर, और डैनियल वेमैन शामिल थे।
द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स: द रिंग्स ऑफ पावर का दूसरा सीज़न 29 अगस्त, 2024 को विशेष रूप से प्राइम वीडियो पर प्रीमियर किया जाएगा।
द रिंग्स ऑफ पावर के दूसरे सीज़न में, सौरोन की वापसी हो चुकी है। गैलाड्रियल द्वारा निष्कासित, सेना या सहयोगी के बिना, उभरते हुए डार्क लॉर्ड को अब अपनी चालाकी पर निर्भर रहना होगा ताकि वह अपनी ताकत फिर से बना सके और रिंग्स ऑफ पावर के निर्माण की देखरेख कर सके, जिससे वह मध्य-पृथ्वी के सभी लोगों को अपनी भयावह इच्छा के अधीन कर सके। सीज़न वन के महाकाव्य पैमाने और महत्वाकांक्षा पर आधारित, नया सीज़न अपने सबसे प्रिय और संवेदनशील पात्रों को भी बढ़ते अंधकार की लहर में डूबा देता है, जो प्रत्येक को एक ऐसी दुनिया में अपनी जगह खोजने की चुनौती देता है जो तेजी से आपदा के कगार पर है। जैसे-जैसे दोस्ती कमजोर होती है और राज्य टूटने लगते हैं, अच्छे की ताकतें—एल्व्स और बौने, ऑर्क्स और मनुष्य, जादूगर और हारफूट्स—उन सभी को पकड़ने के लिए और भी अधिक बहादुरी से संघर्ष करेंगे जो उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है: एक-दूसरे।
द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स: द रिंग्स ऑफ पावर के दूसरे सीजन का निर्माण शो रनर और कार्यकारी निर्माता जे.डी. पेन और पैट्रिक मैके ने किया है। उनके साथ कार्यकारी निर्माता लिंडसे वेबर, कैलम ग्रीन, जस्टिन डोबल, जेसन कैहिल और जेनिफर हचिसन, सह-कार्यकारी निर्माता और निर्देशक चार्लोट ब्रैंडस्ट्रॉम, निर्माता केट हेज़ल और हेलेन शांग और सह-निर्माता क्लेयर बक्सटन, एंड्रयू ली, ग्लेनिस मुलिंस और मैथ्यू पेनरी-डेवी शामिल हैं। सीजन दो के अतिरिक्त निर्देशकों में सना हमरी और लुईस हूपर शामिल हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2024/07/maxresdefault.jpg7201280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2024-07-27 12:15:302024-07-27 12:16:16द रिंग्स ऑफ पावर के दूसरे सीज़न का ट्रेलर जारी
राजकमल फिल्म्स इंटरनेशनल (आरकेएफआई) और सोनी पिक्चर्स इंटरनेशनल प्रोडक्शंस को यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि हमारी बहुप्रतीक्षित परियोजना “अमरन”, इस दिवाली, 31 अक्टूबर 2024 को स्क्रीन पर आएगी।
साई पल्लवी-कमल हासन की राजकमल फिल्म्स इंटरनेशनल निर्मित “अमरन” दिवाली पर रिलीज़ होगी
अनिल बेदाग, डेमोक्रेटिक फ्रंट, मुंबई, 18 जुलाई :
राजकमल फिल्म्स इंटरनेशनल (आरकेएफआई) और सोनी पिक्चर्स इंटरनेशनल प्रोडक्शंस को यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि हमारी बहुप्रतीक्षित परियोजना “अमरन”, इस दिवाली, 31 अक्टूबर 2024 को स्क्रीन पर आएगी। तमिलनाडु नाट्य वितरण रेड जायंट मूवीज द्वारा किया जाएगा।
राजकुमार पेरियासामी द्वारा लिखित और निर्देशित यह फिल्म कश्मीर के लुभावने परिदृश्यों पर आधारित एक एक्शन इमोशनल ड्रामा है। अमरन में प्रिंस शिवकार्तिकेयन ने एक अभूतपूर्व अवतार में दमदार अभिनय किया है। स्क्रीन पर साई पल्लवी ने भी कमाल की भूमिका निभाई है, जो फिल्म में भावनात्मक गहराई जोड़ दी है।
शीर्ष पायदान की तकनीकी टीम में संगीत निर्देशक जी वी प्रकाश, प्रोडक्शन डिजाइनर राजीवन, सिनेमैटोग्राफर सीएच साई, संपादक आर कलैवानन और स्टीफन रिक्टर के साथ एक्शन डायरेक्टर अनबरीव मास्टर्स शामिल हैं।
उलगनयागन कमल हसन, श्री आर. महेंद्रन और सोनी पिक्चर्स इंटरनेशनल प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित और गॉड ब्लेस एंटरटेनमेंट द्वारा सह-निर्मित यह फिल्म शिव अरूर और राहुल सिंह द्वारा लिखित पुस्तक “इंडियाज मोस्ट फियरलेस” के अध्याय “मेजर वरदराजन” पर आधारित है।
2022 की ब्लॉकबस्टर हिट “विक्रम” के बाद, अमरन आ रहा है, जो सीमाओं को आगे बढ़ाने और देश भर के दर्शकों को लुभाने के लिए आरकेएफआई के समर्पण की पुष्टि करता है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2024/07/IMG-20240717-WA0008.jpg16001066Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2024-07-18 11:45:162024-07-18 11:45:50“अमरन” दिवाली पर रिलीज़ होगी
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2024/05/itbdvhp8_evms_625x300_02_December_18.jpg400650Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2024-05-24 08:05:202024-05-24 08:11:59EVM लेने पहुंचे पोलिंग कर्मचारी ; 223 उम्मिदवार मैदान में, 50 हजार से ज़्यादा सुरक्षा कर्मी तैनात.
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ा दांव खेल दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीएए का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस बात पर पहले भी चर्चा हुई थी कि गृह मंत्रालय सीएए को लेकर कोई बड़ा फैसला करने जा रहा है। गृह मंत्री अमित शाह कई बार अपनी रैलियों से भी सीएए को लागू करने की बात कह चुके हैं। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद देश भर में 11 मार्च यानी आज से सीएए का कानून लागू हो गया है। बता दें कि सीएए को देश की संसद से पारित हुए लगभग 5 साल पूरे हो गए हैं।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नियमों की अधिसूचना आज सोमवार को जारी हो गई है
सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी
CAA में छह गैर-मुस्लिम समुदायों हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी शामिल हैं
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए का कार्यान्वयन कोई नहीं रोक सकता
अगर लोगों को नियमों के तहत उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है, तो हम इसके खिलाफ लड़ेंगे : ममता बनर्जी
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 11 मार्च :
सीएए को दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी, लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये थे। यह कानून अब तक लागू नहीं हो सका है, क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया जाना बाकी था। इस कानून को लाने का मकसद भारत के पड़ोसी देशों में रह रहे गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करना है। पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की दयनीय स्थिति को देखते हुए यह कानून केंद्र सरकार लेकर आई थी, जिसके पास होने के बाद अब अधिसूचन जारी की जा रही है।
विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), 2019 को लागू करने से जुड़े नियमों को सोमवार को अधिसूचित किए जाने की संभावना है. सूत्रों ने यह जानकारी दी। सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए है। सीएए के नियम जारी हो जाने के बाद अब मोदी सरकार 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी।
अब लोकसभा चुनाव 2024 से कुछ ही सप्ताह पहले इसे अधिसूचित कर दिया गया है, क्योंकि आचार संहिता लागू होने के बाद ये संभव नहीं हो पाता। इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल बनाया गया है, जिसका प्रशिक्षण पहले ही पूरा कर लिया गया है। जिलों के प्रशासन को लॉन्ग टर्म वीजा देने के लिए अधिकृत कर दिया गया है।
सीएए नियमों के तहत ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन मांगे जाएंगे। इस प्रक्रिया का काम पूरा हो चुका है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों के तहत भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश, जिनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान शामिल हैं, से आए गैर मुस्लिम प्रवासी लोगों के लिए भारत की नागरिकता लेने के नियम आसान हो जाएंगे। इन छह समुदायों में हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी, शामिल हैं। नागरिकता संशोधन विधेयक 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था। एक दिन बाद ही इस विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति मिल गई थी। सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी।
सीएए, किसी व्यक्ति को खुद नागरिकता नहीं देता है। इसके जरिए पात्र व्यक्ति, आवेदन करने के योग्य बनता है। यह कानून उन लोगों पर लागू होगा, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए थे। इसमें प्रवासियों को वह अवधि साबित करनी होगी कि वे इतने समय में भारत में रह चुके हैं। उन्हें यह भी साबित करना होगा कि वे अपने देशों से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए हैं। वे लोग उन भाषाओं को बोलते हैं, जो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। उन्हें नागरिक कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को भी पूरा करना होगा। इसके बाद ही प्रवासी आवेदन के पात्र होंगे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2024/03/abc1.jpg379674Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2024-03-11 13:36:452024-03-11 14:40:41CAA लागू हुआ, अब देश भर में गैर – मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता
पर्यावरणीय चिंताओं को दूर करने और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए, “धर्म राष्ट्रीय सेवा मंडल” (DRSM) नामक एक सक्रिय समूह ने कृषि गतिविधियों से अपशिष्ट लकड़ी इकट्ठा करने और इसे पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए पंजपीर के श्मशान घाट तक पहुंचाने की एक सराहनीय पहल शुरू की है। इससे हमारे वनों पर दबाव भी कम होगा।
श्री दर्शन कुमार, श्री रितेश गुप्ता, श्री मोहित गुप्ता और DRSM के अन्य सदस्यों के गतिशील नेतृत्व में समर्पित स्थानीय स्वयंसेवकों वाले समूह ने छंटाई, कटाई और भूमि साफ़ करने की गतिविधियों से अप्रयुक्त या छोड़ी गई लकड़ी को इकट्ठा करने के लिए कृषि विभाग के साथ सहयोग किया। यह पहल न केवल कृषि भूमि को साफ़ करने में मदद करती है, बल्कि खुले खेतों में लकड़ी जलाने से भी रोकती है, जो वायु प्रदूषण और पर्यावरण क्षरण में योगदान करती है।
एकत्रित अपशिष्ट लकड़ी को श्मशान घाटों तक पहुंचाकर, समूह यह सुनिश्चित करता है कि इसका उपयोग नियंत्रित और विनियमित तरीके से किया जाए, हानिकारक उत्सर्जन को कम किया जाए और इसकी उपयोगिता को अधिकतम किया जाए। इसके अतिरिक्त, यह प्रक्रिया पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं के अनुरूप है, क्योंकि लकड़ी का उपयोग दाह संस्कार के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है, जिससे जंगलों से प्राप्त पारंपरिक जलाऊ लकड़ी की आवश्यकता कम हो जाती है।
इसके अलावा, यह अन्य क्षेत्रों के लिए समान प्रथाओं को अपनाने, कृषि सेटिंग्स में स्थिरता और जिम्मेदार अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है।
DRSM ने यह भी दोहराया है कि वह समाज के जरूरतमंद और वंचित वर्गों को सभी सहायता प्रदान करना जारी रखेगा और निकट भविष्य में भी सामाजिक रूप से उन्मुख गतिविधियां जारी रखेगा।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2024/02/WhatsApp-Image-2024-02-28-at-18.12.13.jpeg12001600Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2024-02-28 12:49:152024-02-28 12:49:37अपशिष्ठ लकड़ी को पर्यावरण – अनुकूल बनाने हेतु उठाया गया सराहणीय कदम
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