Sunday, July 27

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या…

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पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि…

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अपराधियों, खासकर भूमाफियाओं के खिलाफ योगी के बुलडोजर ने भी पिछले एक महीने में अपनी धमक जमकर कायम की। मुख्यमंत्री कार्यालय के…

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कांग्रेस ने हरियाणा में बड़ा बदलाव किया है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलजा का…

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या…

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पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि…

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“11 वें सीएमसी वटावरन फिल्म फेस्टिवल एंड अवार्ड्स में शार्ट फ़िल्म ‘सनी’ को ‘आजीविका और टिकाऊ प्रौद्योगिकियां’ कैटगरी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट – 26 अप्रैल : ‘सोशल इमेज प्रोडक्शन’ के बैनर तले बनी और एस के दास द्वारा निर्देशित की शार्ट फ़िल्म ”सनी दी सन ऑफ़ रिवर महानदी’ को चंडीगढ़ में आयोजित ’11 वें सीएमसी वटावरन फिल्म फेस्टिवल एंड अवार्ड्स’ में ‘आजीविका और टिकाऊ प्रौद्योगिकियां’ कैटगरी में सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्म पुरस्कार 23 अप्रैल 2022 को मिला। इस वर्ष कुल 21 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों को 10 श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया।इसमें फिल्म मेकर श्याम बैगेगल, डॉ जी बी के राव,फेस्टिवल के डाइरेक्टर्स इत्यादि जैसे कई दिग्गज इसके जज था। एस के दास को 50 हज़ार का पुरस्कार, ट्रॉफी व सर्टिफ़िकेट दिया गया। जिसके लिए उन्होंने फेस्टिवल कमेटी व जूरी के सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से एमए, एम.फिल और पीएचडी पूरा करने के बाद डॉ श्वेता कुमार दास (एस के दास) ने ओडिशा प्रशासनिक सेवा में अपना कैरियर बनाया। महिला सशक्तिकरण, किसान आत्महत्या, जाति व्यवस्था, आपदा प्रबंधन और मौजूदा सामाजिक अंध विश्वास जैसे सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्में बनाने के लिए उनकी विशेष रूचि रही है। उनके द्वारा निर्देशित लघु फिल्म ‘मास्क’ ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते थे। अपनी शार्ट फ़िल्म ‘सनी’ के बारे में निर्देशक डॉ एस के दास कहते है,”लघु फिल्म “सनी” महानदी नदी और ओडिशा में मछुआरों की आजीविका पर आधारित है। यह फिल्म ओड़िआ भाषा में बनी है। महानदी नदी को ओडिशा की मां के रूप में माना जाता है,यह नदी लोगों की आजीविका से निकटता से जुड़ी हुई है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे मछुआरे समुदाय को दोनों राज्यों के बीच जल विवाद का सामना करना पड़ता है?”

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