चंडीगढ़।
IAS महिला अधिकारी ने पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील गुलाटी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सुनील गुलाटी ने उनकी रविवार को जबरन रोहतक एक कार्यक्रम में ड्यूटी लगाई है ताकि वे वहां पर शोषण कर सकें। महिला IAS ने 1000 शब्दों से अधिक उनके साथ हो रहे उत्पीड़न की दास्तां फेसबुक पर पोस्ट की है। उधर सुनील गुलाटी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि यह महिला अधिकारी रोहतक में कार्यक्रम में शिरकत ही नहीं करना चाहती थी, इस लिए अनाप-श्नाप आरोप लगा रही हैं।
पढ़ें फेसबुक पर शेयर की गई पोस्ट में महिला अफसर की आपबीती…
नमस्कार।
मैं आप सभी को मेरे हो रहे यौन शोषण बारे सूचित करना चाहती हू। मैंने दिनांक 09 मई 2018 से अतिरिक्त सचिव, पशुपालन विभाग, हरियाणा सरकार, चंडीगढ़ पद का कार्यभार ग्रहण किया था। विभाग में मेरे उच्च अधिकारी श्री सुनील के गुलाटी जी, आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, पशुपालन विभाग, हरियाणा सरकार हैं।
मेरे उच्च अधिकारी श्री सुनील के गुलाटी जी एवं इनके साथियों द्वारा मेरा यौन शोषण किया जा रहा है। मैं आपके साथ कुछ पत्र साझा कर रही हूं जो मैंने माननीय राष्ट्रपति महोदय भारत गणराज्य कार्यालय की सरकारी वेबसाईट पर उपलब्ध ईमेल व माननीय भारत सरकार कार्यालय की सरकारी वेबसाइट ‘मेरी सरकार’ पर उपलब्ध ईमेल पर विभिन्न तिथियों पर भेजे हैं।
1) श्री सुनील के गुलाटी जी ने दिनांक 22 मई 2018 को मुझे अपने कार्यालय कमरे में दोपहर को बुलाया और मुझसे पूछा कि तुम्हारा मोबाइल कहां है। मोबाइल मेरे बैग में था। इसके बाद श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे धमकाया और मुझसे कहा ‘ देखो मैं तुम्हें समझा रहा हूं, अगर एक बार में समझ जाओगी तो तुम्हारे लिए अच्छा होगा, नहीं तो सारी नौकरी में परेशानी रहेगी। तुम फाइलों पर ये सब क्यों साफ साफ लिखती हो के विभाग ने क्या क्या गलत किया है। जो तुम फाइल पर लिखती हो उसे मैं हमेशा रद्द कर सकता हूं, लेकिन तुम्हें इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। मैं तुम्हारी धज्जियां उड़ा दूंगा। अगर तुम फाइलों पर नोटिंग पर टिप्पणी लिखना बन्द नहीं करोगी, तो मैं तुम्हारे खिलाफ शिकायत कर दूंगा, और अगर मैं तुम्हारे खिलाफ शिकायत कर दूंगा, तो तुम्हें परेशानी हो जायेगी। मैं दो महीने में तुम्हारा इस विभाग से तबादला करवा दूंगा। तुम फाइलों पर जो लिखती हो वह सब पूरी तरह बकवास है। अगर तुमने फाइलों पर टिप्पणी लिखनी बन्द नहीं कीं तो सारी नौकरी में तुम्हें ‘बाधा डालने वाली’ का तमगा मिल जाएगा।
2)दिनांक 18 मई 2018 को श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे अपने कार्यालय कमरे में सांय 5 बजकर 40 मिनट पर बुलाया और रात 7.30 बजे तक मुझे अपने कमरे में बैठाए रखा।
3)दिनांक 21 मई 2018 को श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे अपने कार्यालय कमरे में सांय 5 बजे पर बुलाया और रात 8 बजे तक मुझे अपने कमरे में बैठाए रखा।
4)दिनांक 31 मई 2018 को श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे अपने कार्यालय कमरे में दोपहर में बुलाया और अपने स्टाफ को निर्देश दिये कि किसी अन्य व्यक्ति को कमरे के अन्दर ना आने दें। श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझसे पूछा कि ‘मुझे बताओ कि तुम किस तरह का काम करना चाहती हो, तुम ‘टाइमपास’ का कार्य करना चाहती हो या तुम कार्यालय का काम करना चाहती हो। मैं तुम्हें वही काम दूंगा जो तुम करना पसन्द करोगी।’ श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे धमकाया कि ‘ फाइलों पर नोटिंग पर तुम कोई टिप्पणी नहीं लिखा करो और तुम सिर्फ अपने हस्ताक्षर किया करो। अगर तुम फाइलों पर नोटिंग पर टिप्पणी लिखोगी तो मैं तुम्हारी ACR वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट खराब लिख दूंगा।’ श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे धमकाया कि ‘ऐसे टिप्पणी फाइलों की नोटिंग पर लिखोगी तो कोई तुम्हें उल्टा टांग देगा, तुम्हारी मंजी ठोक देगा। हम लोग माफी नहीं देते हैं। मैं तुम्हारी ACR वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट ठोक दूंगा। मैं अभी तुम्हें मौखिक तौर पर कह रहा हूं।मैं तुम्हारी ACR वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में लिखकर तुम्हारी ACR वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट ख़राब कर दूंगा। कितनी मेहनत करके तुम आईएएस बनी हो, सब खराब हो जाएगा।’
5)श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझसे कहा ‘ जब कोई नयी दुल्हन आती है घर में तो उसे समझाना पड़ता है, मैं तुम्हें समझा रहा हूं।
6)श्री सुनील के गुलाटी जी का व्यवहार बहुत ही अमर्यादित एवं अनैतिक है।
7)दिनांक 06 जून 2018 को श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे अपने कार्यालय कमरे में सांय 5 बजे बुलाया और रात 7.39 बजे तक मुझे अपने कार्यालय कमरे में बैठाए रखा। मैं श्री सुनील के गुलाटी जी के सामने मेज के दूसरे ओर पर बैठी हुई थी, श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझसे कहा के ‘उठकर मेरी ( श्री सुनील के गुलाटी जी की) कुर्सी के नज़दीक आओ’। मै उठकर मेज के दूसरी तरफ़ पहुंची, तो श्री सुनील के गुलाटी जी मुझे कम्प्यूटर चलाना सिखाने का बहाना करने लगे। मैं बहुत जल्दी करके वापस अपनी कुर्सी पर वापस पहुँची। थोड़ी देर बाद श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझसे कहा ‘तुम्हारे पास सरकारी गाड़ी है, शनिवार को उठो और घूम फिर आया करो’। थोड़ी देर बाद श्री सुनील के गुलाटी जी अपनी कुर्सी पर से खड़े हुए और कोई काग़ज़ ढूंढने का बहाना करते हुए मेरी कुर्सी के बिल्कुल करीब आ गए और मेरी कुर्सी को हाथ से धक्का मारा। थोड़ी देर बाद श्री सुनील के गुलाटी जी फोन पर किसी को मेरे सामने ही ‘यू ब्लडी’ अपशब्द बोलकर बात करने लगे।
8)श्री सुनील के गुलाटी जी एवं उनके साथी मुझे धमका रहे हैं तथा मेरा शोषण कर रहे हैं क्योंकि मैंने अपने शोषण के विरूद्ध शिकायत करी एवं माननीय न्यायालय में बयान दिए।
9)माननीया श्रीमति केशनी आनंद अरोड़ा जी, आई ए एस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व विभाग, हरियाणा सरकार द्वारा मुझे मौखिक आदेश दिए जा रहें हैं कि मैं कोई भी शिकायत लिखित में दर्ज ना करवाऊँ।
10)दिनांक 09 मई 2018 से मेरी पुलिस सुरक्षा हटा दी गई है, जिसके बारे मैं माननीय उच्च अधिकारियों को एवं माननीय डीजीपी महोदय हरियाणा पुलिस को भी सूचित कर चुकी हूं।
11)श्री सुनील के गुलाटी जी ने मुझे आदेश दिए हैं कि वह ज़िला रोहतक, हरियाणा में इतवार 10 जून 2018 को एक मीटिंग करेंगे जिसमें मेरा आना अनिवार्य है। मीटिंग में श्री सुनील के गुलाटी जी दोपहर 2.45 से सांय 5 बजे तक अपने व्यक्तिगत विचार सुनाऐंगे कि जीवन व कार्यक्षेत्र का लक्ष्य एक कैसे हो। सांय 5 बजे के बाद मुझे बिना किसी सुरक्षाकर्मी के रोहतक से चंडीगढ़ पहुंचना होगा जिसमें रात के 10 या 11 बज जाने की संभावना है। मुझे अंदेशा है कि श्री सुनील के गुलाटी जी एवं उनके साथी रात के समय मुझ पर हमला कर सकते हैं।
12)मैं बार बार उपरोक्त पत्रों में निवेदन कर रही हूं कि श्री सुनील के गुलाटी जी के कार्यालय कमरे के सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिग की जांच की जाए तथा मुझे उपयुक्त सुरक्षा प्रदान की जाए तथा दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए। किन्तु मुझे इस अत्याचार एवं शोषण को चुपचाप सहते रहने के लिए लगातार मजबूर किया जा रहा है।
दूसरी और विवादित IAS अफसर ने अपने पर लगाए सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं, अगर जरूरी हो तो उनका लाई डिटेक्टिव टैस्ट भी करवा लें। महिला अधिकारी किसी तनाव में आकर इस तरह के आरोप लगा रही है।
विविदित अधिकारी ने कहा कि जब महिला अधिकारी की उनके विभाग में पोस्टिंग हुई तो इन्होंने स्टाफ को कहकर उनकी मदद करवाई। यौन शोषण के सभी आरोप झूठे अौर मनगढ़ंत हैं। उक्त महिला अधिकारी जब भी उनके ऑफिस में आई तो 2-4 मिनट से अधिक कभी भी नहीं आई, तब स्टाफ का कोई न कोई व्यक्ति वहां अवश्य मौजूद रहता था। उन्होंने हर तरफ से क्लियर हुई फाइल्स पर इस अधिकारी द्वारा नाकारात्मक टिपण्णी लिखे जाने पर उन्हें समझाया था।