बहादुरगढ़ मेट्रो : भाजपा श्रेय ले रही है : दीपेन्द्र हूडा

 

इस मेट्रो लाइन के चालू होने से बहादुरगढ़ वासियों को कामकाज और व्यापार के सिलसिले में दिल्ली आने जाने में काफी आराम हो जायेगा। जहाँ जहाँ मेट्रो पहुँचती है वहाँ विकास और रोजगार के नये साधनों का सृजन होता है।

जानिए, बहादुरगढ़-वासियों का मेट्रो का सपना कैसे हुआ साकार :

7 अगस्त 2012 – यूपीए सरकार में केन्द्रीय मंत्रिमंडल से सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा के आग्रह पर बहादुरगढ़ मेट्रो विस्तार परियोजना को मंजूरी मिली।

2 फरवरी 2013 – तत्कालीन केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री श्री कमल नाथ जी ने हरियाणा के तब के मुख्यमंत्री चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी की उपस्तिथि में इस मेट्रो विस्तार का शिलान्यास किया।

अप्रैल 2013 – इसपर जोरशोर से काम शुरू करवा दिया था और मार्च 2016 तक इसका काम पूरा हो जाना चाहिये था।

लेकिन, मई 2014 के बाद से भाजपा सरकार ने इस पूरे काम का श्रेय लूटने के लिए ढाई साल की देरी करा दी और बहादुरगढ़ वासियों को ढाई साल मेट्रो शुरू होने का इंतज़ार करना पड़ा।

इस परियोजना में एक और विशेष बात यह है कि यह पहली ऐसी परियोजना थी जिसके हरियाणा में आने वाले हिस्से की लागत (रुपये 788 करोड़) और दिल्ली के मुंडका से आगे हरियाणा तक के सेक्शन की लागत (रुपये 152 करोड़) भी चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी के कार्यकाल में ही हरियाणा सरकार ने वहन करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था। 2000 करोड़ की कुल लागत में से हरियाणा सरकार ने 940 करोड़ रूपए वहन किये थे।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी को राष्ट्र ने दी भावभीनी श्रद्धांजली

 

 

नर्इ दिल्ली।

देश के महान नेता, जनसंघ के संस्थापक और पूर्व कांग्रेसी नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की आज 65 पुण्यतिथि है, इस मौके पर देश भर में न सिर्फ भाजपा बल्कि कई दूसरी पार्टियों के नेताओं ने भी ट्वीट कर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रंद्धाजलि दी है। वहीं इस मौके पर पूर्वोत्तर राजयाके के भाजपा के मंत्रियों ने ट्वीट कर श्रंद्धाजलि अर्पित की है। असम के मुत्रयमंती सर्वानंद सोनोवाल, वित्त मंत्री हिमंत विस्वा सरमा के साथ त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के अलावा भाजपा के दिग्गज नेताआें ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रंद्धाजलि दी।

हरयाणा के सवास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी तवीत कर लिखा “महान शिक्षाविद्, प्रखर राष्ट्रवादी विचारक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि”

 

असम के वित्त मंत्री हिमंत ने लिखा कि भारतीय जनसंघ के संस्थापक, विख्यात शिक्षाविद, कुशल प्रशासक और हम सबके श्रध्येय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन। आपके विचार और आदर्श हमारे प्रेरणा स्रोत हैं।

हिमंत के अलावा मुख्यमंत्री सोनोवाल ने अपने असम के कार्बी अलांग जिले में भारतीय जन संघ के संस्थापक आैर राष्ट्रवादी नेता श्यामाप्रसाद मुखर्जी को श्रंद्धाजलि दी। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि उनके विचार आैर आदर्श हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।

 

Barala to complete the process of formation of frontal organizations advised Shah

 

CHANDIGARH: BJP president Amit Shah on Friday asked the MPs and MLAs from Haryana to adopt at least one such constituency where the party has suffered defeat in the 2014 assembly elections with a narrow margin.
Shah, who chaired the first meeting of the Haryana BJP core committee in the wake of party’s preparation for the 2019 Lok Sabha polls, asked state party chief Subhash Barala to complete the process of formation of frontal organizations and morchas within a month.

 

The meeting was held at Haryana Bhawan in New Delhi.

Shah also directed Barala to ensure that the construction of district-level party headquarters is started as early as possible. Besides, he also directed the Haryana health minister for the opening of jan aushadhi kendras at sub-divisional level to ensure availability of essential drugs at controlled rates.

As the party is already faced with the pressure arising out of the demand for the other backward classes (OBC) quota for Jats, Shah also asked Haryana chief minister Manohar Lal Khattar and his team to run an extensive campaign to apprise the masses how Congress and its allies were opposing the statutory status for the National Commission for the Backward Classes (NCBC) and anti-poor stand taken by it.

Besides CM Khattar and Barala, prominent among those who attended the meeting included BJP general secretary Ram Lal, Haryana in-charge Anil Jain, state ministers Ram Bilas Sharma, Anil Vij, Captain Abhimanyu and O P Dhankar and Union ministers Krishan Pal Gurjar, Birender and Singh and Rao Inderjit Singh.

Sources said Shah also sought an update from the Haryana CM and ministers on the issue of spending of two days — Tuesday and Wednesdays — in office. He also asked for a report from Barala about performance of party office-bearers while directing the ministers to act as catalysts between the district administration and party workers during their stay in various districts.

Referring to party’s activities at booth level, the BJP president also asked Barala to direct block and district unit chiefs to spend maximum time in the villages and start gradation of booths as per the position of the party.

 

Khattar for new city near Gurugram in 50,000 Hectare

 

To leverage the potential of the region, the Haryana government plans to develop a new city next to Gurgaon in the National Capital Region. The new city, which is expected to be larger than Chandigarh, will also be planned and developed in a public-private partnership (PPP) model.

The Haryana State Industrial and Infrastructure Development Corporation (HSIIDC) has been asked to finalise a consultant to prepare the master plan for this new city, for which the report is expected in six months. Narhari Banger, additional managing director, HSIIDC, who is also the nodal officer for the bids, said, “It is going to be a world-class city, which will have all sorts of facilities including education and health. We will not acquire a single-inch of land for this. The city will come up in PPP mode. The other aspects of developing the city in a planned manner will be prepared by the consultant in the detailed master plan.”

The new city is likely to be spread across at least 50,000 hectares, which is larger than Chandigarh (11,400 hectares) but smaller than Gurgaon (73,200 hectares). The proposed city is located south of New Delhi and will share boundaries with the Gurgaon-Manesar urban area to the North and the Aravalli hills to the North-East. Sources said that NH-8 will define the western boundary of the city while the eastern and the southern sides will adjoin agricultural land.

 

 

Officials said the proposed city will be well connected to neighbouring urban centres through national and state highways, the Kundli-Manesar-Palwal (KMP) Expressway and other major districts roads. The Managing Director of HSIIDC has been tasked with carrying out the process to select an appropriate consultant and prepare the master plan for the proposed new city. Sources said HSIIDC has initiated the procedure of selecting the consultant and that bids have been invited till July 3.

Besides preparing the master plan, the consultant is required to prepare the zoning regulations for the proposed city including various development control regulations, height restrictions, ground coverage, setback regulations and global land use based Floor-Area-Ratio.

Sources said that the consultant for the project will also be required to propose alternative approaches to land-use change based on four major criteria – social acceptability, economic viability, environmental sustainability, and financial feasibility.

The consultant is also expected to suggest the road network plan, metro rail plan, required rail and road linkages and public transportation for the proposed city and assess the proposed social, economic and physical infrastructure.
The Opposition in Haryana has already raised questions about the proposed new city. “It is not even the mandate of the HSIIDC to invite bids for developing a new city. It is the job of the Town and Country Planning Department and Haryana Urban Development Authority. Why has the incumbent government thought of this new city with barely a few months of their tenure left. It appears that it is being done to oblige some of their favourites by appointing them as consultants for this coveted project”, said RS Chaudhary, INLD’s National General Secretary.

हरियाणा कृृषि विभाग में जैविक खाद की खरीद में भारी घोटाला

पंचकूला,22जून। हरियाणा में वर्ष 2014-15 और वर्ष 2015-16 में कृृषि विभाग द्वारा जैविक खाद की खरीद में भारी घोटाला किया गया है। कृृषि विभाग ने जैविक खाद की यह खरीद बीज निगम,भूमि सुधार निगम और हैफेड के जरिए की थी। इस मामले में शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री उडनदस्ते ने जांच की थी और प्रथम दृृष्टया जांच सही पाए जाने पर उडनदस्ते के पुलिस महानिरीक्षक ने पंचकूला पुलिस को मुकदमा दर्ज करवा दिया है। एक दिन पहले ही यह मुकदमा दर्ज किया गया है।

झज्जर जिले के रामकंवार ने इस घोटाले को लेकर शिकायत की थी और मुख्यमंत्री के उडनदस्ते ने इसकी जांच की थी। जांच में मामला प्रथम दृृष्टया सही पाए जाने पर पुलिस महानिरीक्षक-खुफिया ने पुलिस उपायुक्त पंचकूला को शिकायत दी थी। इसके आधार पर ही भ्रष्टाचार निरोधक अघिनियम की धारा 13 और जालसाजी व धोखाधडी की अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। शिकायत की जांच में पाया गया कि विभाग को सप्लाई किया गया खाद जैविक खाद न होकर दर्जे में हलका सिटी कम्पोस्ट था। कृृषि विभाग व हैफेड के अधिकारियों ने फर्टिलाइजर कंट्रोल आॅर्डर 1985 का उल्लंघन करके सप्लायर फर्म को घटिया खाद के बदले अच्छे दर्जे के खाद की दरों पर भुगतान किया। इस तरह से राज्य सरकार को बडी वित्तीय हानि पहुंचाई गई।

वर्ष 2014-15 में जहां हैफेड के जरिए जैविक खाद की खरीद की थी वहीं वर्ष 2015-16 में हैफेड व एचआईआरडीसी के जरिए खरीद की गई थी। जैविक खेती केन्द्र गाजियाबाद के जरिए जांच में यह भी पता चला कि कम्पनियों द्वारा सप्लाई किए गए जैविक खाद के नमूने पहले फेल दिखाए गए थे लेकिन बाद में उन्हें मानकों के अनुसार पास दिखा दिया गया।

क्या भाजपा द्वारा चंडीगढ़ को मिलेगा एक और पैराशूट उम्मीदवार?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री के लिए गीत लिखने व गाने वाले हरियाणा सरकार में एक ओर सुधार कार्यक्रम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रॉकी मित्तल ने कूरुक्षेत्र या चंडीगढ़ में से किसी एक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का दवा ठोका है। साथ ही उन्होंने अपने इस दावे को हकीकत में बदलने के लिए जल्दी ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने की बात कही है। कूरुक्षेत्र को वह जन्मभूमि और चंडीगढ़ को कर्मभूमि बतातें हैं। उनका कहना है कि मोदी व अमित शाह युवा वर्ग को आगे लाने की सोच रखतें हैं।

रॉकी मित्तल कैथल के रहने वाले हैं, बिना मंत्री होते हुए हरियाणा सचिवालय की आठवीं मंजिल पर हरियाणा सरकार ने इन्हें ऑफिस व स्टाफ दे रखा है। रॉकी मित्तल का असली नाम जय भगवान मित्तल है। उन्होंने बताया कि सुधार कार्यक्रम का लक्ष्य है कि जनता की परेशानियों को केसै दूर किया जाए। उन्होंने जनवरी में पानी पर काम किया, फिर हमने किसानों के लिए काम किया और फिर किसान विकास प्राधिकरण बना। हमने गरीबों के लिए काम किया, जिससे अंत्योदय सरल केंद्र बने। महिलाओं के सशक्तिकरण पर अब काम कर रहें हैं, कई हजार महिलायों की सरकार से मीटिंग होने जा रही है, सी एम साहिब से उन्हें रूबरू करवाया जाएगा। इसके लिए 4000 महिलाओं की बातें उनके पास हैं, जिसपर सी एम साहिब कई चीजों पर फैंसला ले उनको प्रेक्टिकल शेप देंगें।

रॉकी मित्तल के अनुसार एक ओर सुधार कार्यक्रम के परिणामों पर मुख्यमंत्री भी पूर्णतया संतुष्ट हैं क्योंकि कई ऐसी चीजें हैं जो मुख्यमंत्री, मंत्री व बड़े अधिकारी भी नही जानते, लेकिन आम जनता जानती है। मुख्यमंत्री जनता से ऐसे रूबरू होतें हैं जैसे केबिनेट में मन्त्रियों से होते हैं। खुली चर्चा करतें हैं कि क्या वह चाहतें हैं और क्या हो सकता है। पीछे एक महिला ने कहा कि सरस मेले पूरे हरियाणा में लगने चाहिए मुख्यमंत्री ने इसे माना और अब जल्दी सरस मेले पूरे हरियाणा में लगेंगे भी।रॉकी मित्तल ने 2012 में मोदी का एक गाना बनाया “पी एम बनेगा, नरेंद्र मोदी” तब सुर्खियों में आए।

अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने बारे 9 वर्ष पुराने केस की महत्वपूर्ण सुनवाई 26 जून को

 

चंडीगढ़ (धरणी): 

हरियाणा के सभी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने बारे 9 वर्ष पुराने केस की महत्वपूर्ण सुनवाई 26 जून को राज्य सूचना आयुक्त योगेंद्र पाल गुप्ता व हेमंत अत्री की दो सदस्यीय डिवीजन बेंच करेगी। आयोग ने इसके लिए कार्मिक विभाग के अवर सचिव, डीजीपी कार्यालय के अधीक्षक, पुलिस मुख्यालय के एसपी (कानून व्यवस्था) व अपीलकर्ता पीपी कपूर को 26 जून को चंडीगढ़ तलब किया है। इस केस में कुल 69 में से 36 आईएएस ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने की सहमति वर्ष 2010 में सरकार को दे दी थी। जबकि 33 आईएएस ने इसे सार्वजनिक करने से मना कर दिया था। तभी से केस सूचना आयोग में लम्बित पड़ा है।

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि 9 वर्ष पूर्व 16 दिसंबर 2009 को उन्होंने मुख्य सचिव को आरटीआई आवेदन भेजकर प्रदेश के सभी आईएएस, आईपीएस, एचपीएस, एचसीएस अफसरों की संपत्ति का ब्यौरा मांगा था। पुलिस मुख्यालय ने तो इस सूचना को देने से स्पष्ट मना कर दिया था। जबकि हरियाणा सरकार ने सभी आईएएस अधिकारियों से इस बारे में उनकी राय मांगी थी। इस पर आईएएस अशोक खेमका, समीर माथुर, उमाशंकर, पीके दास, टी.के. शर्मा, बलबीर मलिक, डा0 जे गणेशन, डॉ अमित अग्रवाल, सहित कुल 36 आईएएस ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने के लिए सहमति सरकार को दे दी थी।

आईएएस अशोक खेमका ने तो कैबिनेट सचिव व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को भेजे पत्र में कहा कि ईमानदार लोक सेवकों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने में कोई भय नहीं होता। ऐसे कदमों से सार्वजनिक संस्थानों  में पारदर्शिता व विश्वास को बढ़ावा मिलता है। आरटीआई एक्ट के सेक्शन 4 के तहत संपत्ति का विवरण ऑफिशियल वेबसाइट पर सार्वजनिक कर देना चाहिए। सरकार को लोक सेवकों द्वारा सार्वजनिक ना की गई संपत्ति को ज़ब्त करने का कानून बना देना चाहिए। कानून में इस छोटे से संशोधन से ही भ्रष्टाचार के कैंसर का काफी हद तक इलाज हो जाएगा। जबकि दूसरी ओर तत्कालाीन सरकार को भेजे अपने जवाब में आईएएस आरके खुल्लर, सुप्रभा दहिया, विजय दहिया, अशोक लवासा, डॉक्टर चंद्रशेखर, सुनील गुलाटी, वीएस कुंडू सहित कुल 33 आईएएस ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने से स्पष्ट इंकार कर दिया।

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि फरवरी 2012 में राज्य सूचना आयोग की फुल बेंच ने इस केस की सुनवाई की थी। लेकिन राज्य सूचना आयोग ने जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक डी.पी. जांगड़ा की संपत्ति के ब्यौरे संबंधी याचिका हाईकोर्ट में लंबित होने का हवाला देकर सुनवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी। जबकि इसी बीच हाईकोर्ट ने राज्य सूचना आयोग के डीपी जांगड़ा वाले केस में निर्णय को सही बताते हुए संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने के आदेश कर दिए थे। कपूर ने सभी आईएएस, आईपीएस, एचसीएस, एचपीएस अधिकारियों की संपत्ति का ब्यौरा तत्काल सार्वजनिक करने व इसे विभागों की वेबसाइट अपलोड करने की मांग की है।

” महिलाकर्मी से छेडछाड के आरोपी अधिकारी का तबादला कर सरकार ने किया बेटियों का अपमान” तरुण भंडारी

चण्डीगढ़ हरियाणा सरकार ने आज तुरंत प्रभाव से एक आईएएस और चार एचसीएस अधिकारियों के स्थानान्तरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए हैं। जिसमें उत्कर्ष सोसाइटी के प्रशासनिक अधिकारी रीगन कुमार को नूंह और तावडू का उपमण्डल अधिकारी (नागरिक) लगाया गया है। जिस पर प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष तरूण भंडारी ने सरकार को घेरा है।

उनका कहना है कि एक सरकारी अधिकारी जिसपर साथ काम करने वाली महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ का आरोप लगा है, और बकायदा उसके खिलाफ मामला भी दर्ज है, और वह आरोपी अधिकारी जमानत पर चल रहा है, ऐसे में सरकार द्वारा उसका तबादला और नियुक्ति करना बेटियों का अपमान करना है।

उन्होंने कहा कि सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना केवल कागजों में ही है, पंचकूला के अंदर एक बेटी से सरकारी दफ्तर में छेड़छाड़ के आरोपों में के मुकदमे में नामजद व जमानत पर छूटे व्यक्ति को नूंह और तावडू का उपमण्डल अधिकारी (नागरिक) लगा सरकार ने यह साबित कर दिया है।

महिला कर्मचारी के आरोपों के बाद रीगन के खिलाफ दर्ज हुआ मामला
गौरतलब है कि बीते माह की 29 तारीख को एक घटना सामने आई थी, जिसमें पंचकूला सेक्टर दो स्थित उत्कर्ष सोसायटी के कार्यालय में डीईओ के रूप में कार्यरत एक युवती ने एचसीएस अधिकारी पर छेड़छाड़ का पीछा करने का आरोप लगाया था। घटना के दूसरे दिन एसीपी के द्वारा प्राथिमिक जांच के बाद आईपीसी की धाराएं 354ए और 354 डी के तहत एडीओ के रूप में कार्यरत आरोपी एचसीएस अधिकारी रीगन कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

उत्कर्ष सोसायटी ने रीगन कुमार से कार्यभार लिया वापिस
वहीं उत्कर्ष सोसायटी ने उक्त मामले के कारण माहौल में गर्मी देखते हुए अधिकारी रीगन कुमार ने उनका कार्यभार भी वापिस ले लिया। वहीं अधिकारी रीगन को जैसे ही पुलिस द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की भनक लगी तो वह बुधवार को पंचकूला के सरकारी अस्पताल पहुंच कर खुद पर हुए हमले व चोट ग्रस्त की बात कह तीन दिन की मेडिकल रेस्ट पर चले गए। बता दें कि पीड़िता के परिजनों ने अधिकारी से मारपीट भी की थी।

तीन मुचलकों पर मिली जमानत
इस मामले में हुई कार्रवाई को बाद अधिकारी रीगन कुमार को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने रीगन कुमार को तीन मुचलकों पर जमानत दे दी है। अब मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी। पंचकूला पुलिस ने रीगन को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था।

अभी रीगन कुमार अभी जमानत पर चल रहे थे, तभी हरियाणा सरकार द्वारा उन्हें नूंह और तावडू का उपमण्डल अधिकारी नियुक्त किया गया, जिसके बाद से माहौल में फिर से गर्मी दिखाई देने लगी है।

हस्पताल के लेबर रूम में सांप मिलने पर पैदा हुई अफरा तफरी

 

हरियाणा के टोहाना में सुबह सिविल हॉस्पिटल के लेबर रूम में लगभग 7 फुट का एक जहरीला सांप घुसने से वहां अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। सांप पर एक महिला की नजर पड़ी तो वह घबराकर चिल्लाने लगी जिससे आसपास के मरीजों के परिजन वहां पहुंचे। वार्ड में उस वक्त कोई भी नवजात शिशु नहीं था।

इस दौरान हॉस्पिटल के सीनीनियर मेडिकल सुप्रिटेंडेंट ने वन विभाग की टीम को भी सूचित किया लेकिन इससे पहले कि वन विभाग की टीम वहां आती, लोगों ने सांप को मार डाला। वन्यजीव रक्षा विभाग के कर्मचारी डा. गोपी राम ने बताया कि उन्हे अस्पताल के एसएमओ ने फोन पर सुचना दी थी कि नागरिक अस्पताल के लेबर रूम में एक जहरीला सांप घुस आया है वह तुरंत अस्पताल में पहुंचे तो उससे पहले किसी ने सांप को मार दिया।

Waiting for Justice, Sister named her son Junaid

 

Baby Junaid, all of nine months, clung to his mother’s leg as she wiped off tears from her face. “He looks like his uncle Junaid… just skinnier. He was my favourite brother, so I decided to name my son after him,” said Rabiya, seated inside her parents’ house in Faridabad’s Khandavalli village.

The baby was born three months after his uncle — 15-year-old Junaid Khan — was stabbed to death in a Mathura-bound train by a group of men who allegedly “used communal slurs against him” on June 22 last year. He was returning home after Eid shopping in Delhi.

A year later, sorrow and gloom haven’t left the Khan household. Junaid’s mother Saira has taken to the bed in grief; father Jalaluddin has lost 25 kilos; brother Shakir, who was also attacked by the group, is still unable to lift one arm; and brothers Faisal, Adil, Hashim and Qasim refuse to take the local train in which the 15-year-old was killed.
“We are losing faith in the institutions everyday. Barring one accused, everyone else is out on bail. We are scared because my children Shakir and Hashim are key eyewitnesses,” said Jalaluddin.

Two police officers have been stationed outside the family’s home since last year. Still, every time a family member steps out of the village, Jalaluddin gets restless. “I’ve told my children and grandchildren to only travel by the Metro, to not talk to anyone or get in a fight. I call them every 30 minutes. I fear that what happened to Junaid will happen again,” he said.

From her bed, Saira mumbles her dead son’s name. “A few days before Eid this year, I fell sick… I can’t eat, I sleep all day, and I only think of Junaid. Last year, he died just before Eid. I can never celebrate again,” she said. Last November, village sarpanch Nishar Ahmed had approached Junaid’s kin “to agree to an out-of-court settlement with the accused, so that the villages can maintain peace and brotherhood”. The family had refused the offer — money and land. On the proposal, Ahmed said, “I only did my job as the sarpanch…there is no pressure on the family to settle”.

While a similar sense of gloom hangs in the air in the bylanes of the village, Ahmed reassured that “normalcy has resumed…it is peaceful. We are taking the local train, moving around freely, without fear”. Inside the Khan household, two Junaids live — one is a baby who makes his grandmother smile once a day; and the other, his namesake, who has left behind a stack of books, an unworn new kurta, and grief.