एस्मा को तोड़ते हुए 5 सितम्बर को करेंगे चक्का जाम ।

फोटो केवल संदर्भ हेतु

चण्डीगढ़,3 सितम्बर:

हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन इंटक के राज्य प्रधान अनूप सहरावत व ज्वाईन्ट एक्शन कमेटी के वरिष्ठ सदस्य सहरावत ने ब्यान जारी करते हुए बताया कि सरकार की वादाखिलाफी, तानाशाही, हठधर्मिता,700 बसें निजी कम्पनियों से किलोमीटर स्किम के तहत हायर करने व एस्मा जैसे काले कानून के खिलाफ ज्वाईन्ट एक्शन कमेटी के आह्वान पर 5 सितम्बर को होने वाली राज्यव्यापी हड़ताल की तैयारी पूरी हो चुकी हैं तथा सभी संगठन व कर्मचारियों का पुरा समर्थन मिल रहा है। इसलिए एस्मा को तोड़ते हुए 5 सितम्बर को पुरे प्रदेश में पुर्ण रुप से चक्का जाम होगा जो अनिश्चितकालीन चलेगा।
नसीब जाखड़ प्रदेश प्रवक्ता व चण्डीगड़ डिपो के प्रधान प्रदीप बूरा ने बताया कि हड़ताल को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए राज्य प्रधान हरिनारायण शर्मा, दलबीर किरमारा व अनुप सहरावत के नेतृत्व में ‌तीन जीप जत्थों का गठन किया गया था जिन्होंने प्रदेश के सभी डिपो व सब डिपुओं का ‌दौरा करके गेट मिटींगो के माध्यम से कर्मचारियों को हड़ताल करने के लिए तैयार किया है। सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ कर्मचारियों में भारी गुस्सा है तथा कर्मचारी हड़ताल करने के लिए ‌पुर्ण रुप से तैयार हैं। उन्होंने बताया कि रोड़वेज कर्मचारी बिल्कुल भी हड़ताल पर जाने के हक में नहीं है लेकिन सरकार इनको जानबूझकर हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है। सरकार एस्मा जैसे काले कानून लागू ‌करके रोड़वेज कर्मचारीयों की आवाज को दबाना चाहती है लेकिन ‌इससे‌ कर्मचारी डरने वाला नही है तथा किसी भी सूरत में आवाज को दबाया नही जा सकता। ऐसे काले कानुनों से आन्दोलन रुकने की‌ बजाय और ज्यादा ‌उग्ररुप धारण करेगा। हर समस्या का समाधान बातचीत से होता है लेकिन सरकार बातचीत करने की बजाय ‌दमनकारी नितियां अपना रही है। ज्वाईन्ट एक्शन कमेटी ने चेतावनी ‌देते‌ हुए कहा है कि ‌सरकार दमनकारी नितियां छोड़कर ‌बातचीत का रास्ता अपनाये तथा ‌समय रहते वार्ता ‌करके रोड़वेज कर्मचारियों की सभी समस्याओं का समाधान करें व किलोमीटर स्किम को वापिस ले वरना सरकार ने ‌इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।‌ रोड़वेज कर्मचारी किसी भी सूरत में ‌झुकने वाले नहीं हैं तथा यह आर-पार का व निर्णायक आन्दोलन होगा। इसलिए रोड़वेज कर्मचारी ‌एस्मा की परवाह न करते हुए तथा काले कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए 5 सितम्बर से ‌अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व परिवहन अधिकारियों की होगी।

बारिश में धुला जन्माष्टमी महोत्सव

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सेक्टर 20 जन्माष्टमी महोत्सव की पुरानी फोटो

चंडीगढ़,

3 सितंबर,2018:

भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिवस जन्माष्टमी पर सिटी ब्यूटिफुल में सोमवार को खूब चहल पहल देखने को मिली। सेक्टर 20 मठ मंदिर व सेक्टर 36 के इस्कोन मंदिर में लाखों कि संख्या में श्रद्धालु उमड़े व झाकियों का आनंद लिया। रंग बिरंगे फूलों से सजे बाल कृष्णा के झूले को झूलाने के लिए भी लोगों में होड़ दिखाई दी।

बरसात कि वजह से सेक्टर 20 में लगने वाला जन्माष्टमी मेले मे मंदी देखने को मिली , जिसकी वजह से छोटे व्यापारियों को मायूसी हुई । कफी देर तक खुले में दुकान होने कि वजह से वह अपनी दुकान नही खोल पाए। हालाकि शाम होते-होते बाजार मे दुबारा भीड़ एकत्रित होने लगी। बारिश होने के बादजूद लोगों का आना जाना लगा रहा।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और बारिश कि वजह से सेक्टर 36 इसकॉन मंदिर के बाहर जाम कि स्थिति उतपन्न हो गई, पुलिस हालांकि इसे खोलने के निरंतर प्रयास करती हुई दिखाई दी। बारिश कि वजह से पार्किंग वाले इलाके में कीचड़ भर गया जिस वजह से श्रद्धालुओं को अपने वाहन सड़क पर ही खड़ा करना पड़ा जिसकी वजह से जाम कि स्थिति उतपन्न हो गई।

फोटोजर्निलिस्टों की तीन दिवसीय फोटोप्रदशर्नी हुई सम्पन्न नेतागण, पूर्व खिलाडी, डीसी, विद्यार्थियों आदि ने लिया प्रदशर्नी का आनंद

फोटोजर्नलिस्ट राकेश शाह ओलम्पियड बलबीर सिंह के साथ

चंडीगढ, 2 सितंबर, 2018:
सेक्टर 16 स्थित पंजाब कला भवन में फोटोजर्निलिस्ट वैल्फेयर ऐसोसियेशन द्वारा आयोजित की गई तीन दिवसीय फोटो प्रदशर्नी आज कला प्रेमियों की जुटी व्यापक जोश के बीच समन्न हो गई । प्रदशर्नी में इस बार देश और विदेश के करीब 66 फोटोग्राफर्स और वरिष्ठ पत्रकारों के 136 फ्रेम्स को प्रदर्शित किया था। आज अंतिम दिन प्रदशर्नी देखने के लिये कलाप्रेमियों की काफी भीड जुटी जिसमें गणमान्य लोगों में मोहाली की डिप्टी कमीशनर गुरप्रीत कौर सपरा, चंडीगढ के मेयर देवेश मौदगिल, हाकी लिजेंड बलबीर सिंह सीनियर, भाजपा दिग्गज सत्यपाल जैन आदि प्रमुख रहे। आये दर्शकों ने ऐसोसियेशन के साथ साथ भाग ले रहे फोटोग्राफर्स की खूब प्रशंसा की और फोटोज की बारिकियों को समझते दिखे। ऐसोसियेशन के महासचिव संजय शर्मा कुर्ल ने बताया कि लोगों की डिमांड और स्थानीय फोटोग्राफर्स के सहयोग से यही प्रदशर्नी पंजाब और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न शहरों मे भी आयोजित की जा रही है। अपने संबोधन मे अध्यक्ष अखिलेश कुमार ने अपने सहयोगियों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस आयोजन का सफल बनाने के लिये अपना योगदान दिया ।

मेयर देवेश मौदगिल, फोटो राकेश शाह

ओलम्पियड बलबीर सिंह, फोटो राकेश शाह

फोटो राकेश शाह

 

फोटो राकेश शह

फोटो राकेश शह

जहां नम्रता, सत्य, लज्जा और धर्म हैं वहीं कृष्ण हैं, जहां कृष्ण हैं वहीं विजय है


धार्मिक विश्वासों को छोड़ दें तो एक किरदार के रूप में कृष्ण के जीवन के तमाम पहलू बेहद रोचक हैं


जनमाष्टमी यानी कृष्ण के जन्म का उत्सव. कृष्ण के जन्म से दो बिल्कुल कड़ियां अलग जुड़ती हैं. एक ओर मथुरा की काल कोठरी है जहां वासुदेव और देवकी जेल में अपनी आठवीं संतान की निश्चित हत्या का इंतजार कर रहे हैं. दूसरी तरफ गोकुल में बच्चे के पैदा होने की खुशियां हैं. कृष्ण के जन्म का ये विरोधाभास उनके जीवन में हर जगह दिखता है. धार्मिक विश्वासों को छोड़ दें तो एक किरदार के रूप में कृष्ण के जीवन के तमाम पहलू बेहद रोचक हैं. और समय-समय पर उनके बारे में जो नई कहानियां गढ़ी गईं उन्हें समझना भी किसी समाजशास्त्रीय अध्ययन से कम नहीं है.

अब देखिए वृंदावन कृष्ण की जगह है, लेकिन वृंदावन में रहना है तो ‘राधे-राधे’ कहना है. ऐसा नहीं हो सकता कि आप अयोध्या में रहकर सिया-सिया, लुंबिनी में यशोधरा-यशोधरा या ऐसा कुछ और कहें. यह कृष्ण के ही साथ संभव है. कान्हा, मुरली और माखन के कथाओं में कृष्ण का बचपन बेहद सुहावना लगता है. लेकिन कृष्ण का बचपन एक ऐसे शख्स का बचपन है, जिसके पैदा होने से पहले ही उसके पिता ने उसकी हत्या की जिम्मेदारी ले ली थी. वो एक राज्य की गद्दी का दावेदार हो सकता था तो उसको मारने के लिए हर तरह की कोशिशें की गईं. बचपन के इन झटकों के खत्म होते-होते पता चलता है कि जिस परिवार और परिवेश के साथ वो रह रहा था वो सब उसका था ही नहीं.

कहानियां यहीं खत्म नहीं होतीं. मथुरा के कृष्ण के सामने अलग चुनौतियां दिखती हैं. जिस राज सिंहासन को वो कंस से खाली कराते हैं उसे संभालने में तमाम मुश्किलें आती हैं. अंत में उन्हें मथुरा छोड़नी ही पड़ती है. महाभारत युद्ध में एक तरफ वे खुद होते हैं दूसरी ओर उनकी सेना होती है. वो तमाम योद्धा जिनके साथ उन्होंने कई तैयारियां की होंगी, युद्ध जीते होंगे. अब अगर कृष्ण को जीतना है तो उनकी सेना को मरना होगा. इसीलिए महाभारत के कथानक में कृष्ण जब अर्जुन को ‘मैं ही मारता हूं, मैं ही मरता हूं’ कहते हैं तो खुद इसे जी रहे होते हैं.

महाभारत से इस्कॉन तक कृष्ण

अलग-अलग काल के साहित्य और पुराणों में कृष्ण के कई अलग रूप हैं. मसलन महाभारत में कृष्ण का जिक्र आज लोकप्रिय कृष्ण की छवि से बिलकुल नहीं मिलता. भारतीय परंपरा के सबसे बड़े महाकाव्य में कृष्ण के साथ राधा का वर्णन ही नहीं है. वेदव्यास के साथ-साथ श्रीमदभागवत् में भी राधा-कृष्ण की लीलाओं का कोई वर्णन नहीं है. राधा का विस्तृत वर्णन सबसे पहले ब्रह्मवैवर्त पुराण में मिलता है. इसके अलावा पद्म पुराण में भी राधा का जिक्र है. राधा के शुरुआती वर्णनों में कई असमानताएं भी हैं. कहीं दोनों की उम्र में बहुत अंतर है, कहीं दोनों हमउम्र हैं.

इसके बाद मैथिल कोकिल कहे जाने वाले विद्यापति के पदों में राधा आती हैं. यह राधा विरह की ‘आग’ में जल रही हैं. 13वीं 14वीं शताब्दी के विद्यापति राधा-कान्हा के प्रेम के बहाने, शृंगार और काम की तमाम बातें कह जाते हैं. इसके कुछ ही समय बाद बंगाल से चैतन्य महाप्रभु कृष्ण की भक्ति में लीन होकर ‘राधे-राधे’ का स्मरण शुरू करते हैं. यह वही समय था जब भारत में सूफी संप्रदाय बढ़ रहा था, जिसमें ईश्वर के साथ प्रेमी-प्रेमिका का संबंध होता है. चैतन्य महाप्रभु के साथ जो हरे कृष्ण वाला नया भक्ति आंदोलन चला उसने भक्ति को एक नया आयाम दिया जहां पूजा-पाठ साधना से उत्सव में बदल गया.

अब देखिए बात कृष्ण की करनी है और जिक्र लगातार राधा का हो रहा है. राधा से शुरू किए बिना कृष्ण की बात करना बहुत मुश्किल है. वापस कृष्ण पर आते हैं. भक्तिकाल में कृष्ण का जिक्र उनकी बाल लीलाओं तक ही सीमित है. कृष्ण ब्रज छोड़ कर जाते हैं तो सूरदास और उनके साथ बाकी सभी कवि भी ब्रज में ठहर जाते हैं. उसके आगे की कहानी वो नहीं सुनाते हैं. भक्तिकाल के कृष्ण ही सनातन परंपरा में पहली बार ईश्वर को मानवीय चेहरा देते हैं. भक्तिकाल के बाद रीतिकाल आता है और कवियों का ध्यान कृष्ण की लीलाओं से गोपियों और राधा पर ज्यादा जाने लगता है. बिहारी भी जब श्रृद्धा के साथ सतसई शुरू करते हैं, तो ‘मेरी भव बाधा हरो राधा नागरि सोए’ ही कहते हैं. इन सबके बाद 60 के दशक में इस्कॉन जैसा मूवमेंट आता है जो उस समय दुनिया भर में फैल रहे हिप्पी मूवमेंट के साथ मिलकर ‘हरे कृष्णा’ मूवमेंट बनाता है.

ईश्वर का भारतीय रूप हैं कृष्ण

कृष्ण को संपूर्ण अवतार कहा जाता है. गीता में वे खुद को योगेश्वर भी कहते हैं. सही मायनों में ये कृष्ण हैं जो ईश्वर के भारतीय चेहरे का प्रतीक बनते हैं. अगर कथाओं के जरिए बात कहें तो वे छोटी सी उम्र में इंद्र की सत्ता और शोषण के खिलाफ आवाज उठाते हैं. जीवन भर युद्ध की कठोरता और संघर्षों के बावजूद भी उनके पास मुरली और संगीत की सराहना का समय है. वहीं वह प्रेम को पाकर भी प्रेम को तरसते रहते हैं. यही कारण है कि योगेश्वर कृष्ण की ‘लीलाओं’ के बहाने मध्यकाल में लेखकों ने तमाम तरह की कुंठाओं को भी छंद में पिरोकर लिखा है. उनका यह अनेकता में एकता वाला रूप है जिसके चलते कृष्ण को हम बतौर ईश्वर अलग तरह से अपनाते हैं.

तमाम जटिलताएं

इसमें कोई दो राय नहीं कि कृष्ण की लीलाओं के नाम पर बहुत सी अतिशयोक्तियां कहीं गईं हैं. बहुत कुछ ऐसा कहा गया है जो, ‘आप करें तो रास लीला…’ जैसे मुहावरे गढ़ने का मौका देता है. लेकिन इन कथाओं की मिलावटों को हटा देने पर जो निकल कर आता है वो चरित्र अपने आप में खास है. अगर किसी बात को मानें और किसी को न मानें को समझने में कठिनाई हो तो एक काम करिए, कथानकों को जमीन पर जांचिए. उदाहरण के लिए वृंदावन और मथुरा में कुछ मिनट पैदल चलने जितनी दूरी है. मथुरा और गोकुल या वृंदावन और बरसाने का सफर भी 2-3 घंटे पैदल चलकर पूरा किया जा सकता है. इस कसौटी पर कसेंगे तो समझ जाएंगे कि कौन-कौन सी विरह की कथाएं कवियों की कल्पना का हिस्सा हैं.

कृष्ण के जीवन में बहुत सारे रंग हैं. कुछ बहुत बाद में जोड़े गए प्रसंग हैं जिन्हें सही मायनों में धार्मिक-सामाजिक हर तरह के परिवेश से हटा दिया जाना चाहिए. राधा के वर्णन जैसी कुछ ऐसी चीज़ें हैं जो महाभारत और भागवत में नहीं मिलती मगर आज कृष्ण का वर्णन उनके बिना संभव नहीं है. इन सबके बाद भगवद् गीता है जो सनातन धर्म के एक मात्र और संपूर्ण कलाओं वाले अवतार की कही बात. जिसमें वो अपनी तुलना तमाम प्रतीकों से करते हुए खुद को पीपल, नारद कपिल मुनि जैसा बताते हैं. आज जब तमाम चीजों की रक्षा के नाम पर हत्याओं और अराजकता एक सामान्य अवधारणा बनती जा रही है. निर्लज्जता, झूठ और तमाम तरह की हिंसा को कथित धर्म की रक्षा के नाम पर फैलाया जा रहा है, ऐसे में कृष्ण के लिए अर्जुन का कहा गया श्लोक याद रखना चाहिए यतः सत्यं यतो धर्मो यतो ह्लीराजर्वं यतः. ततो भवति गोविंदो यतः कृष्णोस्ततो जयः यानी जहां नम्रता, सत्य, लज्जा और धर्म हैं वहीं कृष्ण हैं, जहां कृष्ण हैं वहीं विजय है. अंतिम बात यही है कि कृष्ण होना सरस होना, क्षमाशील होना, नियमों की जगह परिस्थिति देख कर फैसले लेना और सबसे ज़रूरी, निरंकुशता के प्रतिपक्ष में रहना है.

श्री कृष्ण के नामकरण पर पधारे महर्षि गर्ग ने कुंडली विचार जो भविष्यवाणियाँ कीं वह अक्षरश: सत्य थीं

जगत के पालनहार का कृष्ण अवतार विधि का विधान था और वे स्वयं दुनिया का भाग्य लिखते हैं, उनके भाग्य को कोई नहीं पढ सकता। लेकिन जैसे ही मानव योनि में अवतार आया तो वे संसार के बंधन में पड़ जाता है और इस कारण उसे दुनिया के लोकाचार को भी निभाना पडता है। जन्म से मृत्यु तक सभी संस्कार करने पडते हैं।

इन्हीं लोकाचारों में श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर महर्षि गर्ग पधारे और उनका नामकरण संस्कार किया। उनका नाम कृष्ण निकाल कर उनके जीवन की अनेकों भविष्यवाणी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार की थी जो अक्षरशः सही रही। इस आधार पर श्रीकृष्ण की कुंडली में ग्रह क्या बोलते हैं का यह संक्षिप्त विश्लेषण प्रस्तुत किया जा रहा है।

भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र के संयोग में भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया। सोलह कला सम्पूर्ण महान योगी श्रीकृष्ण का नामकरण व अन्नप्राशन संस्कार गर्ग ऋषि ने कुल गुरू की हैसियत से किया तथा कृष्ण के जीवन की सभी भविष्यवाणियां की जो अक्षरशः सही रहीं। भाद्रपद मास की इस बेला पर हम गर्ग ऋषि को प्रणाम करते हैं।

अष्टमी तिथिि की मध्य रात्रि में जन्मे कृष्ण का वृषभ लग्न में हुआ। चन्द्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में बैठे व गुरू, शनि, मंगल, बुध भी अपनी-अपनी उच्च राशियों में बैठे थे। सूर्य अपनी ही सिंह राशि में बैठे।

योग साधना, सिद्धि एवं विद्याओं की जानकारी के लिए जन्म जन्म कालीन ग्रह ही मुख्य रूप से निर्भर करते हैं। अनुकूल ग्रह योग के कारण ही कृष्ण योग, साधना व सिद्धि में श्रेष्ठ बने। गुरू अष्टमेश बनकर तृतीय स्थान पर उच्च राशि में बैठ गुप्त साधनाओं से सिद्धि प्राप्त की तथा पंचमेश बुध ने पंचम स्थान पर उच्च राशि कन्या में बैठ हर तरह की कला व तकनीकी को सीखा।

चन्द्रमा ने कला में निपुणता दी। मंगल ने गजब का साहस व निर्भिकता दी। शुक्र ने वैभवशाली व प्रेमी बनवाया। शनि ने शत्रुहन्ता बनाया व सुदर्शन चक्र धारण करवाया। सूर्य ने विश्व में कृष्ण का नाम प्रसिद्ध कर दिया।

जन्म के ग्रहों ने कृष्ण को श्रेष्ठ योगी, शासक, राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, चमत्कारी योद्धा, प्रेमी, वैभवशाली बनाया। श्रीकृष्ण की कुंडली में पांच ग्रह चन्द्रमा, गुरू, बुध, मंगल और शनि अपनी उच्च राशि में बैठे तथा सूर्य व मंगल अपनी स्वराशि में हैं।

रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाला बुद्धि और विवेक का धनी होता है। यही चन्द्रमा का अति प्रिय नक्षत्र और चन्द्रमा की उपस्थिति व्यक्ति को जातक मे आकर्षण बढा देती है। ऐसे व्यक्ति सभी को प्रेम देते हैं और अन्य लोगों से प्रेम लेते हैं। श्रीकृष्ण को इस योग ने सबका प्रेमी बना दिया और वे भी सबसे प्रेम करते थे।

जन्म कुंडली का पांचवा स्थान विद्या, बुद्धि और विवेक तथा प्रेम, संतान, पूजा, उपासना व साधना की सिद्धि का होता है। यहां बुध ग्रह ने उच्च राशि में जमकर इन क्षेत्रों में कृष्ण को सफल बनाया तथा राहू के संयोग से बुध ग्रह ने परम्पराओं को तुड़वा ङाला और भारी कूटनीतिकज्ञ को धराशायी करवा डाला।

स्वगृही शुक्र ने उन्हें वैभवशाली बनाया तो वहां उच्च राशि में बैठे शनि ने जमकर शत्रुओं का संहार करवाया। भाग्य व धर्मस्थान में उच्च राशि में बैठे मंगल ने उनका भाग्य छोटी उम्र में ही बुलंदियों पर पहुंचा दिया। मारकेश व व्ययेश बने मंगल ने धर्म युद्ध कराकर व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन कराया।

अष्टमेश गुरू को मारकेश मंगल ने देख उनके पांव के अगूठे में वार करा पुनः बैकुणठ धाम पहुंचाया। अष्टमेश और मारकेश का यह षडाष्ठक योग बना हुआ है और मारकेश मंगल ग्रह को पांचवी दृष्टि से राहू देख रहा। यह सब ज्योतिष शास्त्र के ग्रह नक्षत्रों का आकलन मात्र है। सत्य क्या था यह तो परमात्मा श्रीकृष्ण ही बता सकते हैं।

भाजपा ने किया ब्राह्मण समाज के साथ विश्वासघात व अनदेखी – सुरजेवाला


कहा – कांग्रेस करेगी 7 सूत्रीय एजेंडा से ब्राह्मण समाज का सशक्तिकरण
कहा – कांग्रेस के खून में ब्राह्मण समाज का डीएनए
सुरजेवाला ने किया वायदा – कांग्रेस की सरकार बनते ही ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का होगा गठन व भगवान परशुराम के नाम से संस्कृत विश्विद्यालय का किया जाऐगा गठन
संजीव भारद्वाज की अध्यक्षता में आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे अखिल भारतीय कांग्रेस मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला


कैथल, 02 सितम्बर 2018
स्वाभिमान का ज्ञान ब्राह्मण ही दे सकता है क्योंकि सिक्कों की खनक ब्राह्मण के ज्ञान को खरीद नही सकती। इसलिए आज ब्राह्मण समाज के आह्वान की आवश्यकता है। आज अखिल भारतीय कांग्रेस मीडिया प्रभारी व कांग्रेस कोर कमिटी के सदस्य और कैथल से विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला संजीव भारद्वाज की अध्यक्षता में कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन में ब्राह्मण समाज को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। बतौर मुख्यातिथि रणदीप सिंह सुरजेवाला का भगवान परशुराम की प्रतिमा, परसा और बड़ी फुल माला से स्वागत किया गया।

कांग्रेस मीडिया प्रभारी व कांग्रेस कोर कमिटी के सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ब्राह्मण समाज के लोगों से वायदा करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार सत्ता में आते ही ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन किया जाऐगा। उस बोर्ड का चेयरमैन भी ब्राह्मण समाज के व्यक्ति को ही बनाया जायेगा और उस बोर्ड में 100 करोड़ से 300 करोड़ का कोर्पस डाला जाऐगा ताकि आर्थिक तंगी के कारण जो बच्चा हायर एजुकेशन से वंचित हो इस बोर्ड की मदद से अपनी पढ़ाई बेझिझक पूरी कर सके। इसके अलावा जो 40 से 50 प्रतिशत ब्राह्मण व्यक्ति निजी स्कूल चलाते हैं जो आर्थिक तंगी के कारण स्कूल को आगे नही बढ़ा पाते उन्हें बिना किसी गारंटी के 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर अगर कई व्यक्ति है तो 10 लाख और एक व्यक्ति को 5 लाख तक का लोन बोर्ड के 11 प्रभुत्व व्यक्तियों के द्वारा देने का प्रावधान किया जाऐगा।
उन्होंने कहा कि शाहबाद, करनाल, पानीपत, कैथल में करीब 368 तीर्थों का जीर्णोद्धार करवाया जाऐगा और उन तीर्थों में पूजा अर्चना की जिम्मेवारी भी गांव के ही योग्य ब्राह्मण को दी जाएगी। इसके साथ ही भगवान परशुराम के नाम से संस्कृत विश्विद्यालय का गठन किया किया जाऐगा। उस विश्वविद्यालय में कर्मकांड की ट्रैनिंग के साथ साथ डिग्री और स्नातक की डिग्री भी दी जाएगी।
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी और सिरसा यूनिवर्सिटी में एक एक चेयर की स्थापना करेंगे जिसमें एक भगवान परशुराम चेयर, एक दादा लखमी चंद चेयर और एक पंडित भगवत दयाल शर्मा चेयर होगा। गरीब ब्राह्मणों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जाऐगा। उन्होंने कहा कि एचपीएससी बोर्ड के तहत ब्राह्मण समाज के प्रभुत्व नागरिकों को राजनीतिक तौर पर दी जायेगी हिस्सेदारी।

कांग्रेस मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संबोधित करते हुए कहा कि ब्राह्मण समाज ने भाजपा को फर्श से अर्श पर ले जाने का काम किया लेकिन भाजपा ने ब्राह्मणों को दरकिनार करते हुए अर्श से फर्श पर ले जाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा शासन में ब्राह्मण समाज पीड़ा के द्वार पर क्यों है? ब्राह्मण समाज आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक पिछड़ेपन का शिकार क्यों है? इसलिए आज इस ब्राह्मण सम्मेलन के द्वारा एक नई जनजागृति करने की आवश्यकता है।
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के खून में ब्राह्मण समाज का डीएनए है। जंग ए आजादी की लड़ाई से लेकर आज तक ब्राह्मण समाज का नेतृत्व सबसे अहम रहा है। जिसने समाज को आगे बढ़ने का रास्ता दिया। आजादी की लड़ाई के प्रथम महानायक मंगल पांडे और कांग्रेस का नेतृत्व करने वाले पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, मदन मोहन मालवीय, पंडित चंद्रशेखर आजाद, बाल गंगाधर तिलक, पंडित मोतीलाल नेहरू, पंडित जवाहर लाल नेहरू और अब राहुल गांधी ने इस समाज के नेतृत्च को आगे बढ़ाया।
सुरजेवाला ने कहा कि ब्राह्मणों की अनदेखी, विषमता का शिकार होने के पीछे भाजपा जिम्मेवार है। भाजपा ने हमेशा ब्राह्मणों का इस्तेमाल किया। 40 साल तक भाजपा की सेवा करने वाले जिनकी अध्यक्षता और नेतृत्व में ने हरियाणा में सत्ता हासिल की उसी रामविलास शर्मा को भाजपा ने दरकिनार करते हुए मोदी ने बेतजूर्बेदार अपने सखा को मुख्यमंत्री बना दिया। भाजपा ने दूध से मख्खी की तरह निकालने की तरह रामविलास शर्मा का उपयोग किया है। मोदी ने राजनीतिक षडयंत्र के तहत रामविलास शर्मा की सियासी हत्या की है। इसी तरह दिल्ली में सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के साथ किया और उत्तर प्रदेश नें महेश शर्मा व लक्ष्मीकांत वाजपेयी के साथ किया। भाजपा ने सत्ता लालच के लिए ब्राह्मणों का हमेशा दुरुपयोग किया है।

खट्टर सरकार पर प्रहार करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार ने ब्राह्मण समाज के विश्वास और सम्मान पर कुठाराघात किया है। एचएसएससी बोर्ड के पेपर में ब्राह्मण समाज के रंग के आधार पर अपशगुन वाला सवाल पूछना खट्टर सरकार की गंदी व घृणा से भरपूर सोच को प्रदर्शित करती है। लेकिन खट्टर सरकार ने चेयरमैन भारती पर कोई कार्रवाई न करके उन्हें तीन साल की एक्सटेशन देकर एचएसएससी बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया। उस समय सबसे पहले भाजपा सरकार के खिलाफ मैने ही आवाज उठाई थी।

मुख्यमंत्री खट्टर की विधानसभा करनाल में चार ब्राह्मण पुजारियों की निशन्स हत्या होती है लेकिन न आज तक मुख्यमंत्री खट्टर गया, न कोई मंत्री और न ही कोई विधायक हाल जानने गया और ना ही आरोपी पकड़े गए। इसलिए एक मिनट भी खट्टर सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नही है। उन्होंने कहा कि आज भगवान परशुराम का परसा उठाने की जरूरत है। आज ब्रह्मसरोवर के तट से आवाज खड़ी करेंगे जो हर शख्स को माननी पड़ेगी।

कैलाश मानसरोवर यात्रा पर राहुल गांधी पर भाजपा द्वारा कटाक्ष के जवाब में सुरजेवालाने ने कहा कि देव और दानवों की लड़ाई सदियों से चलती आ रही है और आज भी भाजपा राज में वो लड़ाई अग्रसर है। इस अवसर पर ब्राह्मण सम्मलेन में आए संजीव भारद्वाज,मोहन प्रकाश,खैराती लाल शर्मा,डाक्टर शिव शंकर भारद्वाज,पण्डित विष्णु दत्त कौशिक पौत्र दादा लखमीचंद,पण्डित प्रकाश मिश्रा,सुधीर गौतम,बच्चन सिंह आर्य,सुमित्रा चौहान,राजकुमार बाल्मिकी,रमेश गुप्ता,अनिल धनतोडी़,पवन दिवान साहनी,फूल सिंह बाल्मिकी, नरेश शर्मा, नरेश शर्मा बस्सी, सतपाल कौशिक,पवन शर्मा पहलवान, कवि राज शर्मा,सतबीर भाना,नवीन शर्मा,पी ल भारद्वाज, सुशील कौशिक,सुदेश शर्मा, दीपा शर्मा,सुनीता शर्मा,वक़ील अरविंद गौड,पारीस राम,मोहन लाल सरपंच,राजेन्द्र शर्मा,नवीन शर्मा, सुरेन्द्र शर्मा, जयपाल शर्मा,सुशील कौशिक, संदीप कौशिक, मंगत शर्मा, रंधीर शर्मा, सतपाल शर्मा, गौरव शर्मा किरमच, प्रमोद शर्मा, आदि ब्राह्मण नेताओं ने भी संबोधित किया।

Bharat Ratna Sh.Atal Bihari Vajpayee First International Girls & Boys Cricket Trophy from 20th November

Chandigarh / Panchkula:

According to Mrs.Latika Sharma ,Chairman & Amar jit Kumar ,Secretary Genetal of Haryana Sports Welfare Association (regd.) is organising the First Bharat Ratna Shri.Atal Bihari Vajpayee (Former Prime Minister of India ) International Women’s (Seniors) and Boys U-15 International Cricket Championship at Cricket Stadium,Panchkula (Haryana) & Chandigarh (U.T.) from 20th November to 24th November,2018 between Our Asia Region Neighbouring Countries Bangladesh ,Nepal ,Afghanistan ,Pakistan & India as a mark of tribute to the former Prime minister. According to Latika Sharma & Amarjit kumar It is to be mentioned that the After the demise of the late Prime Minister and to showcase his contribution to the nation which was highly appreciable and as he was one among the few leaders who was universally accepted by all political parties,Sports Lovers all our India as well as World and people from all walks of life the tournament has been named as { Bharat Ratna Sh.Atal Bihari Vajpayee Trophy }

According to Secretary General In this Bhartiya Rural Premier International Girls (Seniors) & Boys under-15 Cricket League day/night Championship total eight Girls cricket teams from Bangladesh, Nepal,Afghanistan,,Pakistan & India shall participate in this mega championship at Cricket Stadium’s Panchkula (Haryana ) & Chandigarh(U.T.) (India.) from 20th to 24th November ,2018. According to Mrs.Latika Sharms,Chairman & Secretary General Amarjit kumar the Haryana Sports Welfare Association (regd.) the main motto to organise the 2nd Girls International Rural league cricket championshipas ” BETI KHILAYO” to follow the theme of “BETI BACHAYO,BETI PADHAYO”is a Social Campaign of the Government of India that aims to Generateawareness & improve the efficiency of welfare services intended for Girls.According to Amarjit kumar ,Secretary General of Haryana Sports Welfare Association (Regd.) the main motive of the First Boys under-15 International Junior League Cricket Championship is to restrain the young Generation of our Rural / backward Area from the drug addiction and shall given chance to villages / Rural Area Junior players to show their talent in International Stadiums Chandigarh (U.T.) and Panchkula (Haryana) with international teams. Amarjit Kumar said that the main aims is to promote and develop the game of cricket for men from the grass root level in the Junior age Grouos.Amar Jit Kumar said that the organising Committee will provide Top class Boarding, Lodging and Transport facilities to all participants and officials accompanying the International girls (Seniors) & boys under-15 cricket teams fromBangladesh,Nepal,,Afghanistan, Pakistan & india.
The Association shall give Glittering trophies and individual prizes. The Haryana Sports Welfare Association (Regd.) will distribute every Man of the match, best batsman, best bowler, best all rounder, best wicket keeper, best fielder of the championship and Up-Coming Cricketers.

All the matches of the Championship will be played at International Cricket Stadium’s Chandigarh (U.T.), Panchkula (Haryana), on day/night affairs with coloured clothing and white ball. Qualified umpires, scorer and officials will be deputed in the League Championship.

Bharat Ratna Sh. Atal Bihari Vajpayee Trophy from 20th to 24th Nov. 2018

Panchkula :

The Haryana Sports Welfare Association (regd.) is organising the First Bharat Ratna Shri.Atal Bihari Vajpayee (Former Prime Minister of India ) International Women’s (Seniors) and Boys U-15 International Cricket Championship at Cricket Stadium,Panchkula (Haryana) & Chandigarh (U.T.) from 20th November to 24th November,2018 between Our Asia Region Neighbouring Countries Bangladesh ,Nepal ,Afghanistan ,Pakistan & India as a mark of tribute to the former Prime minister. It is to be mentioned that the After the demise of the late Prime minister and to showcase his contribution to the nation which was highly appreciable and as he was one among the few leaders who was universally accepted by all political parties,Sports Lovers all our India as well as World and people from all walks of life the tournament has been named as { Bharat Ratna Sh.Atal Bihari Vajpayee Trophy }.

Land grab case: FIR registered against Robert Vadra, former CM Hooda


BIZARRE: Robert Vadra Responds To His FIR, Calls It A ‘decade Old Issue’


 

A first information report has been registered against former Haryana Chief Minister Bhupinder Singh Hooda and Robert Vadra, son-in-law of UPA chairperson Sonia Gandhi, in connection with the decade-old Shikohpur village land deal between Mr. Vadra’s company and the real estate firm DLF.

The case was registered at the Khedki Daula police station here on Saturday on charges of criminal conspiracy, cheating and forgery under the Indian Penal Code and Section 13 of the Prevention of Corruption Act following a complaint by social activist Surender Sharma. DLF and Onkareshwar Properties are also named in the FIR.

‘Political vendetta’

Mr. Hooda, however, denied the charges saying that it was “political vendetta” by the government aimed at hiding its failures.

In the FIR, Mr. Sharma alleged massive corruption in connivance with the government officials and politicians in the deal. He said Mr. Vadra’s company, Skylight Hospitality, registered in 2007 with total assets of ₹1 lakh, bought 3.5 acres of land from Onkareshwar Properties for ₹7.5 crore. But Onkareshwar Properties did not encash the cheque and struck a deal with Mr. Vadra to help procure a housing licence through his influence in the Haryana government. The complainant alleged that Mr. Vadra, as the son-in-law of Ms. Gandhi, had considerable influence in Haryana’s Congress government headed by Mr. Hooda.

He further alleged that the Hooda government in violation of the law, granted licence for a commercial project to Skylight Hospitality for the said land and Mr. Vadra sold it to DLF at a whopping ₹58 crore.

Mr. Sharma, in the FIR, said Mr. Vadra’s company did not the meet the criteria for the commercial licence which was granted to it in unprecedented haste. He said that the officers overlooked the laws which proved their connivance.

The FIR further said that then Director General, Land Consolidation, Ashok Khemka, cancelled the mutation of 3.5 acre land, but Mr. Hooda constituted a three-member committee to revoke the cancellation. This, he said, was illegal as only the Punjab and Haryana High Court had the authority to revoke the mutation cancellation order.

Mr. Sharma told reporters that he had given a written complaint to the police on Saturday morning, but did not expect them to register the case so quickly. “The SHO told me that he would carry out a preliminary investigation before the registration of case. However, he called me in the evening to inform that an FIR was registered,” Mr. Sharma said. He said that the Congress government hushed up the matter and the present BJP government also seemed to be acting under the influence of the accused.

The Haryana government had also set up Justice Dhingra Commission in May 2015 to enquire into the circumstances of grant or rejection of licences for development of colonies, group housing societies and commercial complexes in those sectors of Gurgaon for which land of Shikohpur, Sikanderpur, Badah and Kherki Dhaula was used, including the Vadra-DLF land deal.

With the arrest of youth Chandigarh police successfully solved snatching cases

 

Chandigarh                                                                                                                                                                                        01.09.2018

Chandigarh police achieved a success to work out the snatching case occurred in Sector 22 Chandigarh by the team under the supervision of Sh. Krishan Kumar, SDPO Central Division, lead by SHO-17 and I/C PP-22 with police party by the arrest of accused Varun Chaudhary S/o Suresh Kumar R/o H. No. 17, Type-13 JEF, PGI, Sector-12 Chandigarh Age-21 years alongwith one juvenile
During interrogation of accused Varun Chaudhary, case FIR No. 242 dated 21.07.18 U/s 379,356,411 IPC PS-17 has been worked out with recovery of mobile phone and purse. Both were produced before the Hon’ble court, juvenile was sent to Juvenile home and one day police remand of accused Varun Chaudhary was obtained. During remand he revealed that in the year of 2015 he was arrested in four snatching cases in Chandigarh. He further confessed that he along with said juvenile committed snatchings on a blue color pulsar M/Cycle before the Month of July-2018. They committed 03 snatchings in different Police Stations of Chandigarh and 01 in Phase-6 Mohali (PB). These snatching confessed by him are being verified. M/cycle involved in snatching cases, which in now in accidental condition at Mohali was also taken into police possession. He is on police remand and more recovery or snatching cases could be affected.
Recovered Item:-
Xolo Mobile Phone Duel SIM, Purse & Blue Pulsar M/Cycle
Profile of accused:-
Varun Chaudhary S/o Suresh Kumar R/o H. No. 17, Type-13 JEF, PGI, Sector-12 Chandigarh Age -21 year, Qualification- 12th, Un-married, unemployed.
One Juvenile
Previous History of accused Varun Chaudhary:
FIR No. 34/23.01.15 U/s 356,379,411,34 IPC PS-11
FIR No. 114/16.03.15 U/s 356,379,411,34 IPC PS-11
FIR No. 73/27.02.15 U/s 356,379,411,34 IPC PS-17
FIR No. 94/28.02.15 U/s 356,379 IPC PS-26