पीयूष गोयल की  महामहिम टीपू मुंशी वाणिज्य मंत्री बांग्लादेश सरकार से मुलाकात

भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए व्यापक चर्चा

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो, 23 दिसम्बर :   

            पीयूष गोयल, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री, भारत सरकार, और महामहिम श्री टीपू मुंशी, वाणिज्य मंत्री बांग्लादेश सरकार  आज नई दिल्ली में मिले। दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों के बीच आखिरी बैठक सितम्बर 2018 में ढाका में हुई थी।दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए व्यापक चर्चा की। द्विपक्षीय एफ.टी.ए. की खोज के लिए दोनों देशों के सहमत होने के बाद एक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर एक संयुक्त व्यवहार्यता अध्ययन किया गया है। 

            अध्ययन ने पुष्टि की कि सीईपीए दोनों देशों के बीच व्यापार और वाणिज्यिक साझेदारी में पर्याप्त वृद्धि के लिए एक ठोस आधार प्रदान करेगा।  इसके अलावा, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि सी.ई.पी.ए.नए रोजगार सृजित करेगा, जीवन स्तर बढ़ाएगा और भारत और बांग्लादेश में व्यापक सामाजिक और आर्थिक अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा, साझेदारी विश्वसनीय और टिकाऊ क्षेत्रीय मूल्य श्रृंखला (आरवीसी) स्थापित करेगी।दोनों पक्ष सी.ई.पी.ए. चर्चाओं को जल्द से जल्द शुरू करने पर सहमत हुए।

             मंत्रियों ने आपसी हित के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जिसमें गैर-टैरिफ बाधाओं और बंदरगाह प्रतिबंधों को हटाना, सीमा हाटों को फिर से खोलना, सामंजस्य और दोनों पक्षों के मानकों और प्रक्रियाओं की पारस्परिक मान्यता, भारतीय रुप‌ए में व्यापार का निपटान, कनेक्टिविटी और व्यापार बुनियादी ढांचे को मजबूत करना शामिल है। दूसरों के बीच भारत-बांग्लादेश आर्थिक संबंधों की पूरी क्षमता का एहसास करने के लिए।दोनों पक्षों ने बैठक के दौरान उठाए गए मुद्दों को हल करने के लिए एक साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की और यह सुनिश्चित किया कि दोनों नेताओं, पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम शेख हसीना द्वारा सितम्बर 2022 में संयुक्त वक्तव्य में अपेक्षित परिणाम पत्र में हासिल किए गए हैं और  जल्द से जल्द आत्मा।

एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड से गरीबों को मिली राहत : केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

देशभर में किसानों से सालभर में एम.एस.पी. पर 2.75 लाख करोड़ रुपए की रिकार्ड फसल खरीदी 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो, 23 दिसम्बर :   

            कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय ने वीरवार को कहा कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि देशभर में एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड की महत्वाकांक्षी योजना से गरीब वर्ग को काफी राहत मिली है।

            तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से केंद्र सरकार ने 3.90 लाख करोड़ रुपए खर्च करके गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया है, वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए सरकार ने 2021-22 में एमएसपी पर 2.75 लाख करोड़ रुप‌ए की रिकार्ड खरीदी की है।

            केंद्रीय मंत्री तोमर ने उपभोक्ता कार्य, खाद्य, सार्वजनिक वितरण मंत्रालय व कृषि से संबंधित उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना कोविड-19 महामारी के कारण हुए आर्थिक व्यवधान के चलते गरीबों को होने वाली कठिनाइयां दूर करने और खाद्य सुरक्षा पर महामारी के प्रभाव कम करने के लिए चलाई गई, जिसके सकारात्मक परिणाम परिलक्षित हुए। मार्च-2020 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने करीब 80 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) एवं प्राथमिकता वाले परिवारों (पीएचएच) लाभार्थियों को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत 5 किलो प्रति व्यक्ति-प्रति माह आधार पर अतिरिक्त मुफ्त खाद्यान्न (चावल/गेहूं) के वितरण की घोषणा की थी, जिसके तहत अभी तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 1118 एल.एम.टी. खाद्यान्न आवंटित किया गया है, जिस पर 3.90 लाख करोड़ रुप‌ए से ज्यादा खर्च हुए हैं। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पीएमजीकेएवाई का 7वां चरण (अक्टूबर-दिसंबर, 2022) चालू है।

            तोमर ने बताया कि एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड सहित विभिन्न योजनाओं के तहत पोषणयुक्त चावल का वितरण, लक्षित सार्वजनिक वितरण सहित केंद्र की अन्य योजनाओं का लाभ सभी लाभार्थियों तक पहुंचाया जा रहा है। एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना की प्रगति बताते हुए उन्होंने कहा कि अगस्त-2019 में 4 राज्यों के बीच पोर्टेबिलिटी के साथ शुरूआत करते हुए अब तक सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना को शुरू किया जा चुका है, जिसमें लगभग 80 करोड़ एन.एफ.एस.ए. लाभार्थी यानी देश की लगभग सौ प्रतिशत एनएफएसए आबादी शामिल है। अगस्त-2019 में ओएनओआरसी योजना की शुरूआत के बाद से, इस योजना के तहत 93 करोड़ से ज्यादा पोर्टेबिलिटी लेन-देन दर्ज किए गए हैं, जिसमें 177 एल.एम.टी. से अधिक खाद्यान्न वितरित किया गया है। वर्ष 2022 के दौरान 11 महीनों में 39 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन किए गए, जिनमें एन.एफ.एस.ए. और पी.एम.जी.के.ए.वाई. के इंटर-स्टेट व इंट्रा-स्टेट पोर्टेबिलिटी लेनदेन सहित 80 एल.एम.टी. से अधिक खाद्यान्न वितरित किया है।उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा की चावल की पोषकता व इसका दायरा बढ़ाने के लिए 75वें स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त 2021) को सभी सरकारी योजनाओं में पोषणयुक्त चावल की आपूर्ति कर पोषण प्रदान करने की घोषणा की गई थी। वित्त वर्ष 2021-22 में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आईसीडीएस, पीएम पोषण को कवर करते हुए पहले चरण का कार्यान्वयन शुरू हो गया था। आई.सी.डी.एस. व पीएम पोषण के तहत 17.51 लाख मीट्रिक टन पोषणयुक्त चावल का वितरण हुआ है।दूसरे चरण पर कार्यान्वयन अप्रैल-2022 से शुरू हो गया है। 16.79 एलएमटी चावल राज्यों ने ले लिया है। तीसरे चरण का कार्यान्वयन वर्ष 2023-24 से शुरू होगा, जिसमें देश के बाकी कुछ जिले भी कवर हो जाएंगे। उन्होंने बतायाकि लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) में सुधार के तहत सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एनएफएसए के 100 प्रतिशत राशन कार्ड/लाभार्थियों के आंकड़े डिजिटल हुए हैं। लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को कवर करने वाले 19.5 करोड़ राशन कार्डों का विवरण राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पारदर्शिता पोर्टल पर उपलब्ध हैं।

            99.5 प्रतिशत से अधिक राशन कार्ड आधार (परिवार का कम से कम एक सदस्य) से जुड़े हैं। लाभार्थियों को सब्सिडी वाले खाद्यान्न के पारदर्शी, सुनिश्चित वितरण के लिए 99.8 प्रतिशत (5.34 लाख में से 5.33 लाख) उचित मूल्य की दुकानों में इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ़ सेल उपकरणों के उपयोग के साथ ही स्वचालित काम हो रहा है।केंद्रीय मंत्री ने बताया कि खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) 2022-23 के दौरान 4 दिसंबर 2022 तक 339.88 एल.एम.टी. धान (चावल के मामले में 227.82 एलएमटी) की खरीद की गई है, जिससे 70 हजार करोड़ रुपए के एम.एस.पी. मूल्य के साथ लगभग 30 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं। खरीफ में धान की खरीद 2013-14 में 475 एल.एम.टी. थी, जो 2021-22 में बढ़कर 759 एलएमटी हो गई (60 प्रतिशत की वृद्धि)। आठ साल में खऱीद मूल्य में 132 प्रतिशत की वृद्धि हुई है (अब कुल मूल्य लगभग डेढ़ लाख करोड़ रु. है)। वहीं, रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2022-23 के दौरान 187.92 एल.एम.टी. गेहूं की खरीद की गई, जिससे लगभग 17 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं, जिनका एम.एस.पी. मूल्य करीब 38 हजार करोड़ रुपए था। रबी खऱीद 2013-14 में 251 एल.एम.टी. थी, जो 2021-22 में बढ़कर 433.44 एल.एम.टी. हो गई है (73 प्रतिशत वृद्धि)। आठ साल में खऱीद मूल्य में 152 प्रतिशत की वृद्धि हुई है (अब कुल मूल्य लगभग साढ़े 85 हजार करोड़ रु. है)।

            तोमर ने बताया कि वर्ष 2014-15 में खाद्यान्न (गेहूं, धान और दालों सहित) की कुल खरीद 759.44 लाख टन थी, जो 2021-22 में बढ़कर 1345.45 लाख टन हो गई। इसी तरह, 2014-15 में एम.एस.पी. के मूल्य व कुल खरीद के हिसाब से खर्च 1.06 लाख करोड़ रुपये था, जो मोदी सरकार में 2021-22 में बढ़कर 2.75 लाख करोड़ रुपए हो गया।  वर्ष 2015-16 में खाद्यान्न उपार्जन से 78.3 लाख किसानों को लाभ हुआ, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर 194 लाख (किसानों की संख्या) हो गया। इसी तरह सालभर में 7 राज्यों में 13 लाख टन मोटे अनाज की खऱीदी भी की गई है।

            तोमर ने बताया कि भारतीय चीनी उद्योग महत्वपूर्ण कृषि आधारित उद्योग है, जिससे 5 करोड़ गन्ना किसान जुड़े हैं। आज भारतीय चीनी उद्योग का वार्षिक उत्पादन लगभग 1,40,000 करोड़ रुपए है। शुगर सीजन 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में 6.2 एल.एम.टी., 38 एल.एम.टी. व 59.60 एल.एम.टी. चीनी का निर्यात किया गया है। चीनी सीजन 2020-21 में 60 एल.एम.टी.के लक्ष्य के मुकाबले लगभग 70 एल.एम.टी. का निर्यात किया गया है। चीनी सीजन 2021-22 में, भारत ने 110 एलएमटी से अधिक चीनी का निर्यात किया है और दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। सरकार द्वारा 29 नवंबर 2022 तक किए उपायों के परिणामस्वरूप चीनी सीजन 2021-22 के लिए कुल 118271 करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य बकाया में से किसानों को 114981 करोड़ रुपए चुका दिए गए, इस प्रकार 97 प्रतिशत से अधिक गन्ना बकाया चुकाया गया है। पेट्रोल में एथेनॉल सम्मिश्रण योजना के बारे में श्री तोमर ने बताया कि सरकार ने 2022 तक पेट्रोल के साथ ईंधन ग्रेड इथेनॉल के 10 प्रतिशत सम्मिश्रण और 2025 तक 20 प्रतिशत सम्मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है। देश में एथेनॉल उत्पादन की मौजूदा क्षमता (31.10.2022 तक) बढ़कर 925 करोड़ लीटर हो गई है। उन्होंने बताया कि विश्व बैंक की ईज आफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) रैंकिंग में भारत की उल्लेखनीय छलांग लगी है। ई.ओ.डी.बी. रिपोर्ट 2020 में 190 देशों में, वर्ष 2013 में 134वें स्थान से छलांग लगाते हुए 63वें स्थान पर, अर्थात वर्ष 2013 से 71 रैंक की छलांग है।

अगर कृषि और व्यापार को फायदे का सौदा बनाने पर ध्यान नहीं दिया गया तो पंजाब बर्बाद हो जाएगा : बिट्टू बादल

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो, 23 दिसम्बर :   

            भारतीय व्यापार मंडल के प्रदेेशाध्यक्ष राजीव गोयल बिट्टू बादल, प्रांतीय उपाध्यक्ष राजेश मरवाहा व प्रांतीय सचिव बुदीश अग्रवाल ने एक संयुक्त वक्तव्य मे मुख्यमंत्री भगवंत मान से आग्रह यदि वह कृषि और व्यापार को प्रोत्साहित करें तो प्रदेश की कई समस्याओं का हल हो सकता है।

            उन्हे  कृषि संबंधित नए उद्योग स्थापित करने वालों को प्रोत्साहित करना चाहिए उन्हें भी पड़ोसी प्रदेशों के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध करवाएं।भारत में यदि रामराज्य की बात होती हैं तो उसका विशेष कारण यह हैं कि भगवान श्री राम के राज में हर नागरिक सुखी तथा खुशहाल था वैसा ही राज महाराजा रंजीत सिंह के कार्यकाल में स्थापित हुआ जिसे खालसा राज के नाम से भी जाना गया उसी खालसा राज को पुनः स्थापित करने के सब्जबाग दिखाकर खालसा राज की बातें होने लगी जिसे ही शायद तोड़ मरोड़ कर खालिस्तान का नाम दे दिया गया लेकिन आज पंजाब के हालात देखकर यह लगता है यहां पर खालसा राज या खालिस्तान कभी स्थापित हो या न हो, परंतु जिस रफ्तार से यहां से लोग पलायन कर रहे हैं उससे तो यही लगता हैं कि यहां जल्द ही खाली स्थान हो जाएगा। नई जनरेशन का विदेशों की ओर पलायन करना तथा व्यापारियों का अपने आप को असुरक्षित महसूस करना हमारी बात रखने की ठोस वजह है।

            पंजाब में बैठे छोटे व्यापारी तथा छोटे उद्योगपति जिनका जन्म यहां पर हुआ है उन्हें यहां की मिट्टी से आज भी लगाव है वह नहीं चाहते कि उनके बच्चे विदेशों की ओर अग्रसर हो परंतु  राज्य में बढ़ रही है असुरक्षा की भावना से प्रेरित होकर वह अपने बच्चों को ना चाहते हुए भी विदेश भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से अपील है कि वह बड़े उद्योगपतियों को पंजाब में लाने के प्रयास छोड़कर यहां पहले से ही बैठे छोटे उद्योगपतियों व व्यापारियों को जहां से जाने से रोकने की ओर कदम बढ़ाएं यह छोटे व्यापारी तथा उद्योगपति आपकी सरकार को कर एकत्रित करके देते हैं तथा स्वयं भी उपभोक्ता के तौर पर आपको टैक्स देते हैं। आपके द्वारा आमंत्रित बड़े उद्योगपति बड़े बड़े उद्योग लगाकर उत्पादन तो कर लेंगे तथा आपको टैक्स भी पे कर देंगे लेकिन जब यहां पर उपभोक्ता ही नहीं होगा तो वह यह सामान किसे बेचेंगे। दूसरा बड़े उद्योगपति आपको अपने मन मुताबिक चलाएंगे और यह छोटे व्यापारी तथा छोटे उद्योगपति सरकार के मुताबिक चलने वाले हैं यह तो केवल सुरक्षा चाहते हैं अपनी तथा अपने परिवार की।

            पुरातन समय में एक कहावत मशहूर थी “उत्तम खेती मध्यम बान, नीच चाकरी कुक्कर निदान” इसका अर्थ कुछ इस तरह समझाया जाता है की खेती सबसे उत्तम कार्य है और व्यापार मध्यम इस कहावत में नौकरी करने को भीख मांगने के समान बताया गया है परंतु इसके विपरीत ना ही खेती में भविष्य नजर आ रहा है और ना ही व्यापार में, आज तो सरकारी नौकरी ही सबसे उत्तम कार्य दिख रहा है क्योंकि उसी में भविष्य सुनिश्चित नजर आता है। आज तो रिश्ते के लिए लड़का देख रहे परिवार भी अच्छे उद्योगपति वह व्यापारी को छोड़कर अच्छी सरकारी नौकरी वाले को पहल देते हैं।

            विदेशों की तरह हर बूढ़े व्यक्ति के लिए पेंशन लागू होनी चाहिए, खासकर व्यापारियों और किसानों के लिए क्योंकि वे जीवन भर देश के लिए काम करते हैं, लेकिन उम्र बढ़ने के बाद भी उन्हें एक आरामदायक जीवन जीने का मौका नहीं मिलता है। यह भी नौजवान पीढ़ी का विदेशों की तरफ झुकाव होने का एक मुख्य कारण है।

नगर निगम की बैठक में धरने पर बैठे आप और कांग्रेस पार्षद, मार्शल ने उठाकर किया बाहर

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

              मेयर सरबजीत कौर के कार्यकाल की अंतिम सदन बैठक शुरू से लेकर अंत तक हंगामेदार रही। कांग्रेस-आप के विपक्षी पार्षदों ने नारेबाजी कर मेयर को अपनी तरफ से फेयरवैल देने में कसर नहीं छोड़ी। सुबह 11 बजे शुरू हुई सदन बैठक के भीतर दोपहर 1.30 बजे तक हाई वोल्टेज ड्रामा से भरा हंगामा होता रहा। नारेबाजी और हंगामे का नजारा सदन खत्म होने तक भी जारी रही। हालांकि इस पूरे हंगामे में बाउंसर की ओर से हंगामा करने वाले पार्षदों को सस्पैंड किए जाने के साथ सदन के बाहर खदेड़ कर प्रस्ताव महज पांच से दस मिनट के भीतर पारित कराए गए। आलम यह रहा कि हंगामे के बीच सदन के सचिव को एक्ट तक पढ़कर सुनाना पड़ा। अमूमन किसी भी मेयर की अंतिम सदन बैठक में उसकी पूरे वर्ष की उपलब्धि, कार्यकाल को देखते हुए धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाता रहा है। जबकि इस बार त्रिंशकु सदन में विपक्षी पार्षद मेयर को घेरने के लिए पूरी तैयारी के साथ आए थे। जिनकी योजना धन्यवाद प्रस्ताव पर कुठराघात करने की थी।


              विपक्ष ने काफी समय तक मेयर समेत भाजपा को कई मुद्दों पर घेर कर रखा। स्थिति काफी तनावपूर्ण होने पर विरोध कर रहे पार्षदों को उठाने के लिए सिविल ड्रेस में मार्शल पहुंच गए। विपक्ष ने कहा कि यह भाजपा के गुंडे हैं। इनके पहचान पत्र चैक किए जाएं। जवाब में भाजपा पार्षदों ने भी आप को गुंडे बोल कर संबोधित किया। एक तरफ हाय-हाय शर्म करो को लेकर नारेबाजी जारी रही तो दूसरी तरफ मेयर के बचाव में भाजपा पार्षदों ने जिंदाबाद के नारे लगाए।


धक्का-मुक्की के बीच पुलिस बल और मर्शाल पहुंचे

              वहीं, हंगामा बढ़ता देख, मौके पर सैक्टर 17 थाने के एसएचओ ओम प्रकाश समेत पुलिस फोर्स भी पहुंच गई। पार्षद वेल से हटने को तैयार नहीं थे, जिन्हें जबरन खदेड़ा गया। कांग्रेसी पार्षद गुरप्रीत सिंह ने आरोप लगाया कि महिला पार्षदों के साथ धक्का-मुक्की की गई। विपक्षी पार्षदों ने आरोप लगाया कि यह बीजेपी का बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का असल नारा और चेहरा है।
मेयर ने साफ किया है कि जो भी पार्षद बाहर निकाले गए, वह अगली बैठक तक सस्पैंड रहेंगे। इनमें ज्यादातर आप के पार्षद थे। वहीं बाद में आप-कांग्रेस ने हाउस का वॉकआउट कर दिया। मेयर ने दो मनोनित पार्षद  सतेंद्र और गीता चाहौन को भी सदन से बाहर का रास्ता दिखाया, जबकि जो महिला आप पार्षद सदन के भीतर सीट पर से बोल रही थी, उन्हें महिला बाउंसर से सदन से बाहर किया गया।

ये ये एजेंडे हुये पारित

            अगले वर्ष फरवरी में होने वाले 51वे रोज फैस्टिवल के लिए भारी-भरकम बजट को मंजूरी दे दी गई। वीरवार को निगम सदन बैठक में रोज फैस्टिवल से जुड़े सप्लीमेंट्ररी एजेंडो को मंजूरी प्रदान की गई। इस बार निगम ने फैस्टिवल को और अधिक आर्कषक बनाए जाने की दिशा में तीन दिवसीय लाइट एंड साइट इवेंट रखने का निर्णय लिया है। सप्लीमेंट्ररी एजेंडे में जो बजट मंजूरी के लिए आया था उसके लिए अनुमानित बजट 169.91 लाख था, जिसमें 50 लाख की बढ़ौतरी की मंजूरी प्रदान कर दी गई। इस लिहाज से फैस्टिवल अब 2 करोड़ के आस पास पहुंच गया। सदन बैठक में चर्चा के दौरान पार्षदों ने फैस्टिवल को और अधिक आर्कषक बनाए जाने के लिए कई तरह के सुझाव दिए।

            वहीं, निगम कमिश्नर अनिंदिता मित्रा ने अपने विंग के अधिकारियों को सुझाव पर अमल किए जाने की हिदायत दी। पार्षदों ने यह भी कहा कि सभी चुने हुए और मनोनित पार्षदों के मान सम्मान का भी ख्याल रखा जाए।
आजादी के अमृत महोत्सव पर आधारित रोज फैस्टिवल स्वच्छता सर्वेक्षण की गाइड लाइन पर रहेगा। पिछले वर्ष फैस्टिवल के लिए 87 लाख का बजट था, जो कि लाइट एंड साइट शो के चलते इस बार बढ़ गया है।

13 गांव और मनीमाजरा में सफाई कंपनी को ठेका देना का प्रस्ताव पारित 

            वहीं, सदन बैठक में 13 गांव और मनीमाजरा में सफाई कंपनी को ठेका दिए जाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। इस प्रस्ताव को लेकर सफाई यूनियन लामबंद्ध थी। जिन्होंने अपने अधिवेशन में मेयर को भी बुलाया था, तब मेयर ने मंच से आश्वासन दिया था कि सदन का फैसला मान्य होगा लेकिन इस प्रस्तव को रद्द करवाने का प्रयास किया जाएगा। अब क्यों कि प्रस्ताव पारित हो चुका है जाहिर है सफाईकर्मियों की तरफ से विरोध के स्वर उठ सकते हैं। पार्षद हरदीप सिंह के एक सवाल के जवाब में मेयर ने कहा कि किसी की भी नौकरी नहीं जाएगी।

जोन-1 का काम संभाल रही कंपनी को 32 पेड पार्किंग की जिम्मेवारी दिए जाने का प्रस्ताव डेफर :

            वहीं, सदन में जोन-1 का काम रही कंपनी को 32  पेड पार्किंग का जिम्मेवारी दिए जाने का प्रस्ताव डेफर कर दिया गया। दरसरल जोन-2 की कंपनी 32 पेड पार्किंग का जिम्मेवारी संभाल रही थी, जिनकी पार्किंग फीस ब्याज मिलाकर 31 दिसंबर तक 6,76,81,928 रुपये बनता है। इसी तरह चालान की राशि 6,18,000 रुपये बकाया है। सदन में प्रस्ताव लाया गया कि पहले से शहर की 57 पार्किंग की जिम्मेवारी संभालते हुए  समय पर शुल्क अदा करने वाली जोन-1 कंपनी को जोन-2 कंपनी की 32 पार्किंग की जिम्मेवारी सौंप दी जानी चाहिए। इस पर पार्षदों ने विरोध जता दिया। दोनोें कंपनियों के अनुबंध अगले वर्ष जनवरी में समाप्त होने जा रहे हैं। जोन-1 कंपनी लाइसेंस फीस जमा करवाए जाने के साथ 32 पार्किंग की जिम्मेवारी संभालने के लिए तैयार थी। पार्षदों ने इसे पॉलिसी से जुड़ा मसला गिनाया। जिसमें कहा गया कि एक कंपनी को ही पूरे शहर की पार्किंग की जिम्मेवारी नहीं दी जानी चाहिए बल्कि जोन-2 के लिए फिर से ऑक्शन या टेंडर किया जाएं।  एक पार्षद का मत था कि अनुबां में एक्टेंशन तीन महीने के लिए तब तक दे दिया जाना चाहिए जबकि कोई कंपनी आॅक्शन में फाइनल नहीं हो जाती। जिनका तर्क था कि तीन महीने पार्किंग खाली होने से पहले जैसे हालात बन सकते हैं।

सामाजिक-धार्मिक समारोह जोरो वेस्ट इवेंट 

            वहीं, सदन में स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 को ध्यान में रखते हुए शहर भर में सामाजिक-धार्मिक समारोह के दौरान जीरो वेस्ट इवेंट को प्रमोट किए जाने के अहम प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। सभी इवेंट में स्वच्छ भारत मिशन स्वच्छता सर्वेक्षण गाइड लाइन का अनुसरण किया जाएगा।

भाजपा पार्षदों ने की नारेबाजी


              इससे पहले भाजपा पार्षदों ने भी विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। भाजपा ‘आप के गुंडे शर्म करो नहीं तो डूब मरो’ के नारे लगा रहे थे। हाल ही में प्रशासन द्वारा शहर के संपर्क सेंटर्स में 18 सेवाओं पर प्रति ट्रांजैक्शन 20 से 25 रुपए चार्ज वसूलने के आदेशों का विरोध किया जा रहा था।

              मेयर ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह फोटो सैशन के लिए यह सब कर रहे हैं। उन्हें अपनी कुर्सियों पर जाकर बैठने और प्रस्ताव पर चर्चा करने को कहा गया है। सैक्टरों में घरों के बाहर खड़ी गाड़ियों की पर्ची काटने के मुद्दे पर भी विपक्ष ने भाजपा को घेरा। मेयर ने कहा कि उन्हें मजबूर होेकर यह सब करना पड़ रहा है।

मेयर रूम-सदन के बाहर अंत तक डटे रहे, मीडिया गैलेरी में आए, बाउंसर-पुलिस बल ने खदेड़ा 

              हंगामे की स्थिति यह रही कि जिन पार्षदों को सस्पेंड कर सदन के बाहर खदेड़ दिया गया था, वह मेयर रूम के बाहर जमकर बैठ गए, जिन्होंने नारेबाजी की और जमीन पर लेट भी गए। इस बाद जब भीतर सदन की बैठक जारी रही तो आप पार्षद मीडिया गैलेरी में अचानक आए और बोलना शुरू कर दिया। इस पर मेयर ने संस्पैंड किए जाने के आदेश दे दिए और मौके पर पहुंचे बाउंसर और पुलिस बल ने उन्हें वहां से भी बाहर खदेड़ दिया।

मेयर रूम के एरिया के इर्द-गिर्द डटे रहे, मेयर सहित जो भी पार्षद सदन समाप्त होने के बाद बाहर आया शेम-शेम के नारे लगाए 

              हंगामे के हालात यह रहे कि मेयर रूम के एरिया के इर्द-गिर्द विपक्षी पार्षद डटे रहे। मेयर रूम के बाहर आप पार्षद और उनके नेताओं प्रेम गर्ग और प्रदीप छाबड़ा डेरा जमा लिया। इसी तरह सदन के बाहर कांग्रेस के पार्षद एकत्रित होकर नारेबाजी करने लगे।

मेयर पर लगाए गम्भीर आरोप

हाउस में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पार्षदों ने साफ कर दिया था कि वह तब तक हाउस नहीं चलने देंगे, जब तक लोगों पर थोपे जा रहे टैक्स को लेकर कोई जवाब नहीं दिया जाता। वहीं हाउस में आप की पार्षद प्रेम लता ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मेयर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचा रही है।

लोगों की जेब पर भाजपा डाका डाल रही : AAP

              AAP पार्षद दमनप्रीत ने कहा कि मेयर ने वादा किया था कि शहर में पानी के रेट नहीं बढ़ने देंगी। इसके बावजूद पानी के रेट बढ़े और इसके साथ सीवरेज टैक्स भी जुड़ कर आ रहा है। भाजपा लोगों की जेब पर डाका डालने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एक आम आदमी सरकार को बिजली का बिल जमा करवाने जा रहा है। रेवेन्यू दे रहा है और उसे भी उसके लिए सर्विस चार्ज देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में लगातार ऐक्सपैरिमैंट किए जा रहे हैं।

नॉमिनेटिड पार्षद पर गरीबों का हक मारने का आरोप

               दमनप्रीत ने कहा कि नॉमिनेटिड पार्षद गीता चौहान बेनिफिशरी स्कीम के तहत राशन लेकर गरीबों का हक मार रही है। उन्होंने कहा कि गीता की बेटी कनाडा में पढ़ती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने लोगों को फायदा पहुंचाने में लगी हुई है।

हाथों में बैनर लेकर प्रदर्शन

              वहीं इससे पहले हंगामे की शुरूआत तब हुई, जब भाजपा पार्षदों ने मेयर के एक साल के कार्यकाल के दौरान हुए बेहतरीन कामों की प्रशंसा की। इसी बीच कांग्रेस पार्षदों ने मेयर की कुर्सी के सामने आकर हाथों में बैनर लेकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। काफी देर तक हंगामा जारी रहा। मेयर ने विपक्ष से कहा है कि वह हाउस को चलने दें। हालांकि देर तक विपक्ष कुर्सियों से उठ कर वेल में प्रदर्शन करते रहे।
 
मेयर ने यह पांच पार्षद किए सस्पेंड 

              सदन की बैठक मैं आज मेयर सरबजीत कौर ने पांच पार्षदों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए।  इन में कांग्रेस के गुरप्रीत सिंह गाबी ,जसबीर बंटी  ,आम आदमी पार्टी के दमनप्रीत सिंह , राम चंद्र यादव , अंजू कत्याल  शामिल थे। ये सभी पार्षद   प्रशासन द्वारा शहर के संपर्क सेंटर्स में 18 सेवाओं पर प्रति ट्रांजेक्शन 20 से 25 रुपए चार्ज वसूलने के आदेशों का विरोध कर रहे थे।  मेयर ने पहले तो इन्हे समझाया की बैठक कर मामले पर चर्चा की जाये लेकिन ये पार्षद हो हल्ला करते हुए मेयर आसन के समक्ष पहुंच गये और नारे बाजी करते हुए बैठक चलने मैं खलल डालने लगे।  जब मेयर ने देखा की वे नहीं मान रहे तो मेयर ने सदन मैं मार्शल बुला लिए और उन्हें निर्देश दिया की इन पार्षदों को सदन से बाहर किया जाये।  मार्शलों को  इन पार्षदों को सदन से बाहर ले जाने मैं खासी मशक्क्त का सामना करना पड़ा।  

मनोनीत पार्षदों ने निभाया चुने हुए पार्षदों का रोल 

              सदन बैठक में निगम में 9 मनोनीत पार्षदों में से अधिकतर पार्षदों ने अपने आप को चुने हुए पार्षदों जैसा दिखाया।  बैठक मैं आप और कांग्रेसी पार्षद जब अपनी मांगों को लेकर हल्ला मचा रहे थे तब मनोनीत पार्षद गीता चौहान और सतिंदर सिंह खुले तौर पर भाजपा पार्षदों के समर्थन में उतर आये और उनके विरुद्ध नारेबाजी करते हुए टेबल थपथपाने लगे। सदन में   एक बार तो ऐसा महसूस हुआ जैसे ये मनोनीत पार्षद ना होकर भाजपा की टिकट से ही जीत कर सदन में पहुंचे हों । बताया गया की मनोनीत पार्षदों को निगम में सलाह मशवरे के लिए नियुक्त किया जाता है लेकिन आज बैठक मैं इन पार्षदों की ओर से खुले तौर पर भाजपा के हक में बोलना दर्शा रहा था की ये सभी पार्षद कैसे भाजपा से जुड़े हुए हैं।  

Covid 19 Review: ‘कोरोना को लेकर मजबूत निगरानी की ज़रूरत’ PM मोदी

            प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री को जानकारी दी गई कि 22 दिसंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में भारत में मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है, औसत दैनिक मामले 153 तक गिरे हैं और साप्ताहिक सकारात्मकता 0.14% तक हो गई है। चीन समेत दुनिया के कई देशों में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच भारत सरकार भी एक्टिव मोड में आ गई है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर कोरोना के मौजूदा स्थिति पर पैनी नजर रखने की बात कही है। कोरोना की गंभीरता को इस बात से भी समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। प्रधानमंत्री उच्च अधिकारियों की इस बैठक में कोरोना से संबंधित स्थिति की समीक्षा करेंगे साथ ही संक्रमण से बचाव के लिए किए गए इंतजामों का भी जायजा लेंगे। आपको बता दें कि कल केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोरोना को लेकर उच्च स्तरीय बैठक ली थी, जिसमें उन्होंने लोगों से भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने की अपील की थी। 

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोविड-19 की स्थिति पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और सभी राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिव शामिल हुए। इस दौरान कोरोना के नए वैरिएंट के खिलाफ लड़ाई के एक्शन प्लान पर चर्चा हुई।

            प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 पर एक उच्च-स्तरीय बैठक में भीड़ भरे सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने, टेस्टिंग बढ़ाने और जीनोमिक सीक्वेंसिंग का आग्रह किया। उन्होंने कमजोर और बुजुर्ग समूहों के लोगों के लिए ‘एहतियात खुराक’ को प्रोत्साहित करने पर भी ज़ोर दिया।

            प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री को जानकारी दी गई कि 22 दिसंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में भारत में मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है, औसत दैनिक मामले 153 तक गिरे हैं और साप्ताहिक सकारात्मकता 0.14% तक हो गई है।  

            जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि सभी स्तरों पर संपूर्ण कोविड बुनियादी ढांचा, उपकरण, प्रक्रियाओं और मानव संसाधन के मामले में तैयारियों के उच्च स्तर बने रहे। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को बताया गया कि दवाओं, टीकों और अस्पताल के बेड के संबंध में पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और कीमतों की नियमित निगरानी करने की सलाह दी है।

            इस बीच यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब और तमिलनाडु ने भी कोरोना पर समीक्षा बैठकें बुलाई। दूसरी तरफ संसद में आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया देश में कोरोना के हालात को लेकर बयान दिया।

            प्रधानमंत्री मोदी ने चीन और अमेरिका सहित कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी परमेश्वरन अय्यर सहित स्वास्थ्य व गृह मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

            चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और अमरीका में कोविड के बढते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। इस सिलसिले में केंद्र सरकार ने बुधवार को एक समीक्षा बैठक की थी। विश्व के कुछ देशों में पिछले दिनों कोविड-19 के बढ़ते मामलों के परिप्रेक्ष्य में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने इस बैठक से ठीक पहले संसद के दोनों सदनों में बयान भी दिया। उन्होंने कहा कि देश में स्थिति नियंत्रण में है और वैश्विक स्थिति पर सरकार नजर बनाए हुए हैं।

            इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चीन में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसू ने कहा कि चीन में जोखिम के आकलन के लिए उनके संगठन को स्थिति की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या और आईसीयू की जरूरतों पर विस्तृत जानकारी चाहिए। उन्होंने चीन से अनुरोध किया है कि वह संगठन को सभी आंकड़े उपलब्ध कराए।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने हेतु प्रतिबंध है : रत्नलाल कटारिया 

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 22 दिसंबर  :

            पूर्व केंद्रीय  मंत्री व अंबाला लोक सभा सांसद रतनलाल कटारिया ने लोकसभा में बोलते हुए बताया कि आदरणीय प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व में सरकार मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने हेतु प्रतिबंध है। मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार ने द्वि-आयामी रणनीति अपनाई है: (1) मादक पदार्थों की आपूर्ति में कमी लाना (2) मादक पदार्थों की मांग में कमी लाना। उन्होंने कहा कि जहां ड्रग्स की अवैध खेती की रोकथाम के लिए कार्य योजना एवं रणनीति तथा सेटेलाइट से मुआयना जैसे कदम उठाए गए हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मादक पदार्थों की तस्करी की समस्या से निपटने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार ने 27 देशों के साथ द्विपक्षीय समझौता किया है। 15 देशों के साथ समझौता ज्ञापन किया है। जर्मनी और सऊदी अरब के साथ सुरक्षा सहयोग पर करार किया है। 

            उन्होंने ने कहा हालांकि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय मादक पदार्थों को रोकने के लिए नोडल एजेंसी बनाई गई है परन्तु गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और वित मंत्रालय सामूहिक कार्य योजना पर काम कर रहे हैं। उन्होंने ने बताया कि राज्य मंत्री रहते हुए 15 अगस्त 2020 में उन्होंने 272 जिलों में मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए कार्य योजना प्रारंभ की थी। जिसके अंतर्गत देशभर में जागरूकता बढ़ाने के लिए “जीवन को हां, ड्रग्स को ना” शीर्षक से https://pledge.mygov.in पर ई-प्रतिज्ञा अपलोड किया गया है तथा मशहूर हस्तियों द्वारा नशीली दवाओं के विरुद्ध “एक युद्ध नशे के विरुद्ध” जैसे स्लोगनो के माध्यम से जन जागरण किया जा रहा है।

            माननीय गृहमंत्री अमित शाह जी की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन और गुवाहाटी और गांधीनगर में दो क्षेत्रीय सम्मेलन किए गए, जो कि मादक पदार्थों की तस्करी विरोधी अभियान को प्रोत्साहित करने तथा राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वय बढ़ाने में मददगार साबित हुए हैं। इस मुद्दे पर 27-28 अक्टूबर 2022 को सूरजकुंड के चिंतन शिविर (गृह मंत्रियों का सम्मेलन) में विचार विमर्श किया गया। जिसमें माननीय प्रधानमंत्री ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया था और मादक पदार्थों की तस्करी के प्रति शून्य सहिष्णुता का दृष्टिकोण रखने का निर्देश दिया था।अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान यह बात सामने आई है कि नार्को आतंकवाद सभी देशों के लिए चिंता का विषय है।

            कटारिया ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी के लिए केंद्र सरकार कई बड़ी कार्रवाई कर चुकी है 2006 से 2013 के मध्य 22,,45,178 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई थी, वहीं 2014 से 2022 के मध्य 62,60,230 किलोग्राम ड्रेस जब्त की गई है, जिसमें क्रमश: 1,45,062 (2006-13) और 4,14,697 (2014-22) मामले दर्ज किए गए और क्रमश: 1,62,908 (2006-14) और 5,23,234 (2014-22) गिरफ्तारियां की गई हैं। पिछले 3 वर्षों में 32,182 एकड़ अफीम की खेती और 79,234 एकड़ भांग की अवैध खेती को नष्ट किया गया है। इसी दौरान एनडीपीएस अधिनियम से संबंधित 1,80,769 मामले दर्ज किए गए और 2,41,188 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई हैं। कटारिया ने कहा कि ड्रग्स की लत में पड़े व्यक्तियों को परामर्श केंद्रों के माध्यम से उपचार और पुनर्वास के साथ साथ परामर्श, नशा मुक्ति के बाद सहायता और मुख्यधारा से जुड़ने में भी सहयोग करता है।

भाजपा के जगाधरी में 25 दिसंबर के पन्ना प्रमुख सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रत्येक पन्ना प्रमुख को मिलेगा पहचान पत्र : कंवरपाल गुर्जर

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 22 दिसंबर  :

            हरियाणा सरकार में शिक्षा ,वन, पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने जगाधरी विधानसभा में होने वाले भारतीय जनता पार्टी के 25 दिसंबर के पन्ना प्रमुख सम्मेलन की तैयारियों को लेकर पन्ना प्रमुखों के साथ  बूथ नंबर 18, 19 ,20, 73, 74, 75, 76 , गढ़ी मुंडो ,शिवपुरी कॉलोनी, दुर्गा गार्डन ,सेक्टर 18, सेक्टर 17, मुखर्जी पार्क ,गांव भंगेडा, मुजाफत कलां, बलौली ,शाहपुर, रायपुर, मांडखेडी,कुटीपुर, बहादुरपुर ,प्रतापनगर में पन्ना प्रमुखों के साथ स्वयं बैठकें की व सभी को 25 दिसंबर के भाजपा पन्ना प्रमुख सम्मेलन में पहुंचने के लिए आमंत्रित किया,शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने भाजपा कार्यकर्ताओं व पन्ना प्रमुखो को बताया कि भाजपा संगठन सदा सक्रिय रहता है ,भाजपा संगठन में हर कार्यकर्ता को अलग-अलग कार्यभार सौंपा जाता है।

             भाजपा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें सभी कार्यकर्ताओं को एक समान माना जाता है, भाजपा में मेहनत करके कोई भी कार्यकर्ता किसी भी उच्च पद तक पहुंच सकता है,शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बताया कि जगाधरी विधानसभा स्तरीय पन्ना प्रमुख सम्मेलन में  जगाधरी विधानसभा क्षेत्र के पन्ना प्रमुखों को ही आमंत्रित किया गया है ,इसमें जगाधरी विधानसभा क्षेत्र के तीनों मंडलो से हजारों पन्ना प्रमुख हिस्सा लेंगे ,भाजपा पन्ना प्रमुखों को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मार्गदर्शन मिलेगा,25 दिसंबर के पन्ना प्रमुख सम्मेलन की तैयारियों को लेकर शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने बताया कि सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं ,25 दिसंबर को जगाधरी में होने वाले कार्यक्रम में पहुंचने वाले भाजपा पन्ना प्रमुखों के लिए भोजन ,जलपान की विशेष रूप से अच्छी व्यवस्था की गई है।

            इस दौरान भाजपा नेता निश्चल चौधरी ,जगाधरी मंडल अध्यक्ष विपुल गर्ग ,छछरौली मंडल अध्यक्ष कल्याण सिंह, भाजपा जिला मीडिया प्रमुख कपिल मनीष गर्ग,भाजपा नेता सतीश चौपाल, चेयरमैन बलविंद्र मुजाफत,मंडल महामंत्री सीमा गुलाटी व  प्रियंक शर्मा, मंडल महामंत्री डॉक्टर जगदीश धीमान व शिवकुमार लेदी,व्यापार कल्याण जिला प्रधान मनोज गुप्ता,ओबीसी मोर्चा मंडल अध्यक्ष अध्यक्ष रिंकू धीमान,एससीमोर्चा जिलाध्यक्ष धर्मसिंह मट्टू,युवा मंडल अध्यक्ष राहुल गढी बंजारा,अंकित गोयल,सचिव मनी गुप्ता,जिला कोषाध्यक्ष जगदीश विधार्थी,शक्ति केंद्र प्रमुख कुलदीप राणा मांडखेडी, प्रदीप मित्तल, ललित गुप्ता ,भाजपा नेता अजय मंगला टोनी ,अजैब सिंह लेदा खादर आदि साथ रहे।

अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला संगठन, चण्डीगढ़ ने अंगदान-महादान का संदेश दिया

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ :  

            अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन, सृजन शाखा, चण्डीगढ़ द्वारा अंगदान जागरूकता रैली निकाली गई। रैली रॉक गार्डन से शुरू होकर सुखना झील पर समाप्त हुई। रैली के कार्यक्रम को मारवाड़ी महिला सम्मेलन की सदस्यों ने सफल बनाने में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिय। अंगदान महादान के नारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा। वक्ताओं ने बताया कि अंगदान से किसी को नया जीवन दिया जा सकता है।

            संस्था की अध्यक्ष प्रेमलता शाह, सचिव मधु रावत व अंगदान शाखा प्रमुख स्वीटी खंडेलवाल ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं और अन्य वाहनों द्वारा प्रतिदिन हजारों मृत्यु होती है। यदि उनके अंग जरूरतमंदों को मिल जाए तो उन्हें नया जीवन मिल सकता है। हजारों लोग अंग ना मिलने के कारण मृत्यु को गले लगाने को विवश हो जाते हैं।

            रैली को सफल बनाने में सभी मारवाड़ी महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान रहा जिनमें लता खंडेलवाल, अनीता, सीमा, सुनीता, ज्योति, प्रभा, लता अग्रवाल, वंदना, अंजू, गीता, संतोष गुप्ता, संतोष रावत, शांति, सुशीला गुप्ता, बीना रावत, जय श्री, कांता, रश्मि व श्वेता इत्यादि शामिल थीं।

बच्चों को बिगाड़ रहा स्कूलों के बाहर सरेआम बिकता नशा अब स्कूलों के बाहर तंबाकू नहीं बिकेगा

            सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 की धारा 6 के अनुसार किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज की परिधि के भीतर नशीले पदार्थ खरीद और बेच नहीं हो सकती। वहीं 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को सिगरेट, तंबाकू व अन्य उत्पादों को बेचना गैर-कानूनी है। जबकि चंडीगढ़ के कॉलोनी और गांवों के स्कूलों के पास तंबाकू, गुटखा, सिगरेट सरेआम बिक रहा है। सरकार के नियम सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं। जमीनी धरातल पर स्कूलों के बाहर दुकानों पर ही बच्चों को नशा बेचा जा रहा है।

स्कूल के पास बीड़ी, सिगरेट बेच रहे दुकानदार नपे

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

            चंडीगढ़ पुलिस ने नशे के खिलाफ अभियान शुरू किया है। इस अभियान में शहर के स्कूल और कालेजों के स्टूडेंट्स को भी साथ जोड़ा गया है। अभियान के तहत शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अवेयरनेस कैंप लगाकर स्टूडेंट्स को नशे के खिलाफ जागरूक किया जा रहा है। वहीं स्टूडेंट्स भी इस कैंपेन में हिस्सा लेने के लिए आगे आ रहे हैं। 

            वहीं कहा गया है कि तंबाकू फ्री एजुकेशनल इंस्टीट्यूट गाइडलाइंस रिवाइज्ड (ToFEI), 2020 को लागू किया जाए। बीते 18 दिसंबर को चाइल्ड पार्लियामेंट में उठा था मुद्दा।


            एजुकेशन सेक्रेटरी ने जारी आदेशों में कहा है कि स्कूलों के आसपास सरप्राइज चेकिंग की जाए। इसकी जानकारी चंडीगढ़ पुलिस के साथ भी सांझी की जाए ताकि पुलिस का सहयोग लिया जा सके। बता दें कि चाइल्ड पार्लियामेंट में पैनलिस्ट रहे समाजसेवी अमित शर्मा ने चंडीगढ़ के एडवाइजर, DGP, SSP और एजुकेशन सेक्रेटरी को लेटर लिख मामले में कार्रवाई मांगी थी। चंडीगढ़ अर्बन फेस्टिवल और डोन बोस्को नवजीवन सोसाइटी की ओर से यह चाइल्ड पार्लियामेंट आयोजित की गई थी।


            बता दें कि चंडीगढ़ में कुल 113 गवर्नमेंट स्कूल हैं और इनमें से 43 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। 54 हाई स्कूल और 12 मिडिल स्कूल हैं। इसके अलावा 4 प्राइमरी स्कूल हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने भी देश में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ToFEI के दिशा-निर्देशों की सख्ती से पालना करने के आदेश दिए थे।

            लेटर में कहा गया था कि शहर भर से बच्चे सवाल कर रहे हैं कि स्कूलों के बाहर ड्रग बेची जा रही है। वहीं स्कूलों में डम्मी दाखिले किए जा रहे हैं। कुछ परिजन बच्चों के साथ होने वाली दुर्व्यवहार की घटनाओं में उनकी आवाज को दबा रहे हैं। ऐसे में स्कूलों के बाहर चैकिंग बढ़ा कर ड्रग संकट से बच्चों को बचाया जाए।

            वहीं मांग की गई थी कि पुलिस और शिक्षा विभाग के सीनियर अफसर स्कूलों में बच्चों से मिले और उनकी सुरक्षा एवं शिक्षा से जुड़े मुद्दों को समझें। इससे बच्चों में विश्वास पैदा होगा।

डॉ.मनसुख मांडविया ने पूरे विश्व में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए निगरानी

  • रोकथाम व प्रबंधन के लिए कोविड – 19 की स्थिति और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी की समीक्षा 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो – 21 दिसम्बर :

            केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कुछ देशों में कोविड-19 मामलों की संख्या में हालिया उछाल को देखते हुए आज भारत में कोविड-19 की स्थिति और इसकी निगरानी, रोकथाम व प्रबंधन को लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ.भारती प्रवीण पवार, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल, वरिष्ठ अधिकारी और लोक स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ उपस्थित थे।इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को वैश्विक कोविड-19 स्थिति और घरेलू परिदृश्य के बारे में जानकारी दी गई।

            डॉ. मांडविया ने विश्व के चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और अमेरिका जैसे कुछ देशों में कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या से उत्पन्न चुनौती को रेखांकित किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने विशेष रूप से त्यौहारों के आगामी सीजन को देखते हुए कोविड-19 के नए और उभरते रूप के खिलाफ तैयार और सतर्क रहने के महत्व पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि कोविड अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसे देखते हुए उन्होंने अधिकारियों को पूरी तरह से तैयार रहने और निगरानी को मजबूत करने का निर्देश दिया। उन्होंने लोगों से कोविड उपयुक्त व्यवहार का अनुपालन करने और कोविड के टीके लगवाने का अनुरोध किया।

            डॉ. मनसुख मांडविया ने देश में सक्रिय नए वेरिएंट, अगर कोई हो, का समय पर पता लगाने को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सार्स सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) नेटवर्क के माध्यम से वेरिएंट्स की निगरानी करने के लिए संक्रमित मामलों के नमूने के पूरे जीनोम सिक्वेंसिंग (अनुक्रमण) के लिए निगरानी प्रणाली को मजबूत करने का निर्देश दिया। इससे उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने में सुविधा होगी। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे सभी कोविड-19 संक्रमित मामलों के नमूने को सिक्वेंसिंग के लिए दैनिक आधार पर आईएनएसएसीओजी जीनोम सीक्वेंसिंग प्रयोगशाला (आईजीएसएल) को भेजें, जिससे नए वेरिएंट, अगर कोई हो, का पता लगाया जा सके।

            एक प्रस्तुति के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को यह जानकारी दी गई कि 19 दिसंबर, 2022 को समाप्त सप्ताह में भारत में संक्रमित मामलों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। दैनिक आधार पर यह संख्या घटकर 158 हो गई है। हालांकि, पिछले 6 हफ्तों से वैश्विक दैनिक औसत मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बीते 19 दिसंबर, 2022 को समाप्त सप्ताह में 5.9 लाख दैनिक औसत मामले दर्ज किए गए हैं। चीन में कोविड संक्रमणों के व्यापक उछाल के पीछे ओमिक्रॉन वेरिएंट का एक नया और अत्यधिक संक्रमणीय रुप बीएफ.7 पाया गया है।

            इससे पहले जून, 2022 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने “कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशा-निर्देश” जारी कर दिया था। इसमें नए सार्स-सीओवी-2 वेरिएंट के प्रकोप का पता लगाने और उसे रोकने के लिए संदिग्ध और पुष्ट मामलों का शीघ्र पता लगाने, अलगाव, परीक्षण और समय पर प्रबंधन का आह्वाहन किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को इसका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

            इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव श्री राजेश भूषण, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय सूद, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. आर एस गोखले, आयुष के सचिव श्री राजेश कोटेचा, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. राजीव बहल, डीजीएचएस के डॉ. अतुल गोयल, मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री लव अग्रवाल और टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड कार्यकारी समूह के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा उपस्थित थे।