पत्रकारों के आवास पर छापामारी लोकतंत्र की हत्या : योगेश्वर शर्मा

देश में घोषित इमरजेंसी लग चुकी है और पत्रकारों की आवाज को भी दबाया जा रहा है : योगेश्वर शर्मा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 03अक्टूबर :

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में पत्रकारों के घरों पर छापामारी और उन्हें अवैध रूप से हिरासत में लिए जाने की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने इसे अघोषित इमरजेंसी बताते हुए भाजपा सरकार का तानाशाही रवैया बताया है। पार्टी का कहना है कि भाजपा सरकार के हाथों की कठपुतली बनी एजेसियो द्वारा यह कार्रवाई सिर्फ उन्हीं पत्रकारों पर की गई है, जो सरकार से सवाल पूछते हैं या सरकार की नाकामियों को उजागर करते हैं। यह उनकी आवाज दबाने का एक प्रयास है।

आज यहां जारी एक बयान में पार्टी के हरियाणा के संयुक्त सचिव योगेश्वर शर्मा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार का जहाज डूबने की कगार पर है, क्योंकि आने वाले पांच राज्य विधानसभा चुनाव के जो सर्वे सामने आ रहे हैं, उनमें भाजपा बुरी तरह से हारती हुई दिखाई दे रही है। स्वयं भाजपा या उनके गोदी चैनल भी सर्वे में पार्टी को हारता हुए दिखा रहे हैं। ऐसे में भाजपा की यह छटपटाहट स्वाभाविक ही है। मगर इसकी खीझ ईमानदारी से काम कर रहे पत्रकारों पर निकलना लोकतंत्र का अपमान है। क्योंकि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में कुछ गिने-चुने पत्रकार ही अपने दायित्व को पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं।

योगेश्वर शर्मा ने कहा कि कई देशों से पत्रकारिता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार उर्मलेश,भाषा सिंह,अभिसार शर्मा इत्यादि के घर आज सुबह की गई छापेमारी ने यह बता दिया है कि देश में एक तानाशाही सरकार चल रही है। क्योंकि छापामारी करने गई पुलिस के पास मांगने पर वारंट भी नहीं था। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के लैपटॉप मोबाइल व मैगजीन तक जपत कर लिए गए। उन्होंने कहा कि आखिर सरकार इन पत्रकारों के घर छापामारी कर किस तरह का दबाव डालना चाहती है। उन्होंने इसे पत्रकारो की बोलने और लिखने की आजादी पर सीधा हमला बताते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी पत्रकारों के साथ पूरी तरह से खडी है और जरूरत पड़ने पर उनकी आवाज सड़क से सांसद और विधानसभा में भी उठाने से पीछे नहीं हटेगी।

विधि आयोग से आई ये बड़ी खबर, क्या 2029 में एक साथ होंगे लोकसभा और विधानसभा के चुनाव? 

देश में 1952, 1957, 1962 और 1967 में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव हुए हैं। इस व्यवस्था के तहत चार बार चुनाव हुए, जिसमें राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ होते थे। इसके बाद 1968-1969 के बीच कुछ राज्यों की विधानसभा भंग हो गई, जिससे ये सिलसिला टूट गया। वहीं, वर्ष 1971 में भी समय से पहले लोकसभा चुनाव कराए गए। अब पब्लिक-पॉलिसी से जुड़े मुद्दों के थिंक टैंक IDFC इंस्टीट्यूट की एक स्टडी में सामने ये रोचक तथ्य सामने आया। तो क्या ‌BJP ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के जरिए इसी वोटिंग पैटर्न को अपने फायदे के लिए भुनाना चाहती है? राजनीतिक जानकारों का कहना है कि केंद्र के लिए PM मोदी का चेहरा सबसे मजबूत है। अगर लोकसभा के साथ विधानसभा के चुनाव भी होते हैं तो इसका फायदा BJP को मिल सकता है। खासकर UP, MP, राजस्थान जैसे काऊ बेल्ट वाले राज्यों में।

एक राष्ट्र एक चुनाव
  1. देश में चार बार हुए हैं एक साथ लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव।
  2. 1952, 1957, 1962 और 1967 में एक देश-एक चुनाव की व्यवस्था।
  3. एक देश-एक चुनाव की व्यवस्था की विधि आयोग ने की थी सिफारिश।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 29 सितम्बर :

विधि आयोग (Law Commission of India) मौजूदा विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाकर या घटाकर 2029 से लोकसभा चुनाव के साथ सभी के चुनाव एक साथ कराने के फॉर्मूले पर काम कर रहा है। आयोग के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सरकार पहले ही लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने के वास्ते एक उच्च – स्तरीय समिति का गठन कर चुकी है, इसलिए विधि आयोग को राष्ट्रीय और राज्यों के लिए अपनी वर्तमान सिफारिश के साथ-साथ स्थानीय निकाय चुनावों को भी शामिल करने को कहा जा सकता है।

भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कहा जाता है क्योंकि चीन सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद साम्यवादी देश है। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के आम चुनाव पांच साल के अंतराल पर होते हैं। लेकिन देखा गया है कि भारत में चुनाव पूरे साल चलने वाली प्रक्रिया है।

सरकार विभिन्न चुनावों के संचालन पर बहुत सारा पैसा, समय और ऊर्जा खर्च करती है। यही कारण है कि भारत सरकार भारत में “एक राष्ट्र एक चुनाव” प्रणाली के बारे में सोच रही है।

“एक राष्ट्र एक चुनाव” प्रणाली क्या है?

भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के आम चुनाव 5 साल के अंतराल पर होते हैं। लेकिन इसके अतिरिक्त; कुछ राज्यों में अलग-अलग राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव अलग-अलग होते हैं जिससे सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है। अब एनडीए सरकार 5 साल के अंतराल में पूरे देश में सिर्फ एक चुनाव कराना चाहती है.

एक देश एक चुनाव के फायदे

अगर देश में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाए, तो चुनाव पर होने वाले खर्च कम होंगे। इसके साथ ही हमेशा चुनाव की वजह से प्रशासनिक अधिकारी व्यस्त रहते हैं, उससे भी छुटकारा मिलेगा।

आंकड़े के मुताबिक, देश में जब पहली बार चुनाव हुए थे, तब करीब 11 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। वहीं, 17वीं लोकसभा चुनाव में 60 हजार करोड़ से अधिक रुपये खर्च हुए थे। इससे अंदाजा लगाया लगाया जा सकता है कि अगर सिर्फ लोकसभा चुनाव में इतने पैसे खर्च हो रहे हैं, तो विधानसभा चुनावों में कितने रुपये खर्च होते होंगे।  

भारत में “एक राष्ट्र एक चुनाव” का इतिहास

अगर आप सोचते हैं कि “एक राष्ट्र एक चुनाव” की अवधारणा भारत के लिए नई है तो आप गलत हैं क्योंकि “एक राष्ट्र एक चुनाव” हमारे देश में कोई अनोखा प्रयोग नहीं है। भारत में 1952, 1957, 1962 और 1967 में एक साथ लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराए गए हैं।

मेनका गाँधी को ₹100 करोड़ की मानहानि का नोटिस

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राधारमण दास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि आज हमने इस्कॉन के खिलाफ पूरी तरह से निराधार आरोप लगाने के लिए मेनका गांधी को 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। उन्होंने आगे कहा कि इस्कॉन के भक्तों, समर्थकों और शुभचिंतकों का विश्वव्यापी समुदाय इन अपमानजनक, निंदनीय और दुर्भावनापूर्ण आरोपों से बहुत दुखी है।

भगवान कृष्ण गायों के हितैषी और रक्षक हैं
  1. भाजपा सांसद मेनका गांधी को ISKCON ने भेजा 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस
  2. मेनका गांधी ने ISKCON पर लगाए थे कई गंभीर आरोप
  3. ISKCON ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को किया खारिज
  4. “सनातन धर्म विरोधी पार्टियों में जल्दी प्रवेश पाने के लिए सनातनी संगठन को निशाना बनाना एक फैशन बन गया है। हम उन्हें इस्कॉन को उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए एक सीढ़ी के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देंगे।” : राधा रमण दास
  5. सूत्र कि माने तो यह दल बद्लने कि एक चाल है

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 29 सितम्बर :

मेनका गांधी के इस्कॉन के खिलाफ दिए बयान को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री की परेशानी बढ़ सकती है। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा है कि वह मेनका गांधी के खिलाफ सौ करोड़ रुपये का मानहानि का दावा करेंगे। इस संबंध में मेनका गांधी को नोटिस जारी कर दिया गया है। दास ने कहा कि कोई सांसद बिना किसी तथ्य के ऐसा झूठा आरोप कैसे लगा सकता है? राधारमण दास ने कहा कि ‘मेनका गांधी का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे दुनियाभर में फैले हमारे अनुयायियों को दुख पहुंचा है। हम मेनका गांधी के खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि का केस कर रहे हैं। हमने उन्हें नोटिस भेजा है। कोई सांसद, जो केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं, वह बिना किसी तथ्य के इतनी बड़े वर्ग के खिलाफ झूठ कैसे बोल सकता है।’ 

दरअसल, मेनका गाँधी का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह कह रही हैं, “मैं आपको बता देती हूँ, सबसे बड़े धोखेबाज जो हैं वह है इस्कॉन है। मैं उनके अनंतपुर गौशाला गई, जहाँ एक भी सूखी (बिना बच्चे की और दूध नहीं देने वाली) गाय और बछड़े हमें नहीं मिले। मतलब सब सूखी गायें और बछड़े बूचड़खानों को बेचे गए।”

मेनका गाँधी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से सांसद हैं और पशु अधिकारों के लिए आवाज उठाती रहती हैं। धार्मिक संस्था ISKCON ने उनके इन आरोपों को खारिज किया था और एक बयान जारी करके गायों को लेकर किए जाने वाले प्रयासों के बारे में बताया था।

ISKCON कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने इस मामले पर कहा, “मेनका गाँधी द्वारा दिया गया बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। विश्व भर में हमारे अनुयायी काफी दुखी हैं। हम 100 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा कर रहे हैं। हमने इस विषय में आज नोटिस भेज दिया है। कैसे एक सांसद, जो कभी केन्द्रीय मंत्री थीं, बिना किसी सबूत के एक बड़े संस्थान के विरुद्ध झूठ बोल सकती हैं।”

इससे पहले ISKCON के प्रवक्ता राधा रमण दास ने मेनका गाँधी को चिड़चिड़ी महिला बताया था। उन्होंने मेनका से माफ़ी माँगने को कहा था और माफ़ी ना माँगने की स्थिति में उनके ऊपर मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात कही थी। राधा रमण दास ने मेनका गाँधी पर राजनीतिक फायदा लेने के लिए यह बयान देने का आरोप लगाया था।

राधा रमण दास ने लिखा था, “सनातन धर्म विरोधी पार्टियों में जल्दी प्रवेश पाने के लिए सनातनी संगठन को निशाना बनाना एक फैशन बन गया है। हम उन्हें इस्कॉन को उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए एक सीढ़ी के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देंगे। बीजेपी से अनुरोध है कि उनके खिलाफ कार्रवाई करे। मोहम्मद जुबैर जैसे जिहादियों द्वारा उनका समर्थन करना ही पूरी कहानी बयाँ करता है।”

इस्कॉन ने कहा- पिछले 50 सालों में इस्कॉन दुनियाभर में गाय संरक्षण और शाकाहार में अग्रणी रहा है और कई देशों में गौशालाओं का निर्माण और रखरखाव कर रहा है। भारत में इस्कॉन 60 से ज्यादा गौशालाओं का रखरखाव कर रहा है, जहां सभी गायों, बैलों और बछड़ों की प्यार और देखभाल के साथ सेवा की जाती है।

इनमें से कई गौशालाओं में गाय-बैल को घायल या रोगग्रस्त अवस्था में लाया जाता है, इस्कॉन गौशाला में स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं की टीम उनकी देखभाल भी करती है। गौसेवा की सनातन प्रथा को पुनर्जीवित करने के लिए भारत भर में गाय की देखभाल और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए इस्कॉन और इसकी पहल की तारीफ की है।

भगतसिंह के सपनों के भारत निर्माण में स्वंम भूमिका सुनिश्चित करें युवा : सुशील जैन

सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 28 सितम्बर :

आज आम आदमी पार्टी जिला कार्यालय जैन मार्बल्स पर आम आदमी पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं ने शहीद ए आजम भगत सिंह जी के 116 वां जन्मदिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ लड्डू बांटकर मनाया गया। आम आदमी पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। मौके पर बोलते हुए लोकसभा उपाध्यक्ष सुशील जैन ने कहा कि देश की आजादी में लाखों क्रान्तिकारियों का योगदान है। शहीद-ए-आजम भगत सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जैन ने देशवासियों विशेष रूप से युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि भगतसिंह जी विचारधारा पर चलते हुए देश के लिए समर्पित रहना ही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि मानी जाएगी तथा भगतसिंह के सपनों के भारत निर्माण में युवा स्वंम की भागीदारी सुनिश्चित करें।

दलीप दड़वा वरिष्ठ संयुक्त सचिव यमुनानगर ने बताया कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्म लायपुर जिले में हुआ 28 सितंबर 1907 को हुआ था। 13 अप्रैल 1919 को बेसाखी के दिन जलियांवाला बाग हत्याकांड से आहत शहीद भगत सिंह जी ने देश आजादी के गतिविधियों में भाग लेना प्रारंभ कर दिया। शहीद भगतसिंह के “इंकलाब जिंदाबाद” के नारे ने अंग्रेजी हुकूमत की चूलें हिला कर रख दिया। मौके पर योगेश सेठी व क्रान्तिकारी कार्यकर्ताओ ने आजादी के गीत की मेरा रंग दे बसंती चोला -2 गाकर सच्ची श्रद्धांजलि दी। 

इस अवसर पर पार्टी के जिला युवाध्यक्ष अनिल पंजेटा,सुभाष  काम्बोज भगवानपुर किसान नेता, पवनदीप सिंह शैरी,मनोज रोहट, अश्विनी चौधरी,दलीप दड़वा,योगेश सेठी, कर्मचंद पूर्व सरपंच बुढेड़ी, राजिंदर काम्बोज साबापुर, दिनेश दड़वा,पवन दड़वा,मन्नी सिंह, अनुराधा शर्मा,रचना दड़वा उपस्थित रहे।

भाजपा से त्रस्त हैं लोग : सुरेंद्र राठी

संदीप सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 26 सितम्बर :

आज मंगलवार को आम आदमी पार्टी बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की एक बैठक प्रकोष्ठ के जिला प्रधान जगमोहन बट्टू की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मुख्य अतिथि हरियाणा स्टेट बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ प्रधान सरदार गुणचरण सिंह रहे। बैठक में पार्टी ने परिवार जोड़ो आंदोलन के तहत घर-घर जाहकर परिवार को जोडऩे पर जोर दिया। पार्टी के राष्ट्रीय परिषद सदस्य सुरेंद्र राठी ने बताया कि आम आदमी पार्टी का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बिजली आंदोलन भी बहुत कामयाब रहा। लोग आम आदमी पार्टी की नीतियों से बहुत खुश है और भारतीय जनता पार्टी से जनता बहुत परेशान हो चुकी हैं। सुरेंद्र राठी ने कहा कि लोगों के राशन कार्ड काटे जा चुके हैं। बिजली के इतने भारी भरकर बिल आ रहे हैं, जिन्हें भरने में लोग है समर्थ हैं। आने वाले चुनावों में हरियाणा में भी पंजाब और दिल्ली की तर्ज पर आम आदमी पार्टी की सरकार बनाएंगे।

इस मौके पर प्रवक्ता सुखबीर तंवर, बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की संयुक्त सचिव इंदु बाला, दीपक सिंगल,संयुक्त सचिव सरिता, देवेंद्र कौर, लतिका शर्मा, जेबी धारीवाल, अजय कुमार कंचन दिनेश कुमार,युवा सचिव विनोद कुमार, मंजेश कुमार दिनेश कुमार भी उपस्थित थे।

राजस्थान पुलिस ने मोनू मानेसर दी क्लिन चिट

राजस्थान पुलिस के महानिदेशक (DGP) उमेश मिश्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कई सवालों के जवाब दिए हैं। उन्होंने राजस्थान पुलिस की कार्रवाइयों और राज्य में अपराध को लेकर स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने NCRB का हवाला देते हुए कहा कि अपराध में बढ़ोतरी का मतलब ये नहीं है कि पुलिस निष्क्रिय है। उन्होंने कहा कि अपराध के आँकड़े बढ़ने और इसके पंजीकृत होने की संख्या बढ़ने – दोनों में अंतर है। उन्होंने कहा कि 2022 की तुलना में इस साल अपराध में 0.6% की नगण्य वृद्धि हुई है।

राजस्थान पुलिस, DGP उमेश मिश्रा, मोनू मानेसर
  • आप मेरी सिक्योरिटी की गारंटी लेते हैं तो मैं पुलिस के पास चला जाऊंगा : मोनू मानेसर
  • मैं प्रशासन से अपील करता हूं कि विधायक को मेरे साथ अंदर कर दो। शर्त यही है कि जब विधायक मामन खान को पकड़ा जाएगा, तभी मैं सरेंडर करूंगा : मोनू मानेसर

हरियाणा ब्युरो, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 14 अगस्त :

खुद को गो रक्षक बताने वाले मोनू मानेसर इन दिनों फिर सुर्खियों में है। मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है और वो बजरंग दल से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के नूंह में सोमवार को ब्रजमंडल शोभायात्रा के दौरान हुए विवाद के लिए मोनू मानेसर का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस शोभायात्रा से पहले मोनू ने एक वीडियो जारी किया था। जिसमें उसके कहा था कि वो भी इस यात्रा में शामिल होगा। इस बात से मेवात के कुछ लोग नाराज थे। बताया जा रहा है कि यही वजह थी नूंह में शोभायात्रा के प्रवेश करते ही पत्थरबाजी और फायरिंग की गई।

उमेश मिश्रा ने कहा कि डकैती की घटनाओं में 25% की कमी आई है। उन्होंने कहा कि इस साल हत्या, अपहरण और लूट जैसी घटनाओं में कमी आई है। महिला अत्याचार के विषय में उन्होंने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इसमें आंशिक कमी आई है। उन्होंने कहा कि कन्विक्शन प्रतिशत रेप के मामलों में राजस्थान पुलिस का 48% है, जबकि राष्ट्रीय औसत 30% है। उन्होंने बताया कि पॉक्सो के मामले में भी ये आँकड़ा 48% है।

राजस्थान पुलिस ने बढ़ाया कन्विक्शन रेट, अपराधियों मर भय : DGP

उन्होंने बताया कि 2019-23 में 1590 प्रकरणों में सज़ा हुई है, जिनमें 13 में फाँसी की सज़ा, 255 में आजीवन कारावास और 386 में 20 वर्ष की सज़ा दिलाई गई। उन्होंने बताया कि औसतन 54 दिनों में जाँच पूरी की जा रही है। दलित-जनजातीय समाज विरोधी अपराध के मामले में भी उन्होंने कहा कि औसतन 64 दिनों में जाँच पूरी कर ली जाती है और सज़ा का प्रतिशत 41% है, इसे और बेहतर किया जाएगा। उन्होंने इसे पड़ोसी राज्यों से बेहतर करार दिया।

उन्होंने राजस्थान पुलिस को संवेदनशील और प्रोफेशनल करार दिया। उन्होंने दावा किया कि अपराधियों में पुलिस का भय बढ़ा है। उन्होंने बताया कि 45 इनामी अपराधी गिरफ्तार किए हैं, जिसमें माफिया कमल राणा प्रमुख है। हिस्ट्रीशीटर्स के अर्थतंत्र पर प्रहार की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वैधानिक दायरे में रह कर 12 अपराधियों की संपत्तियाँ ध्वस्त की गई हैं। उन्होंने 56,000 से भी अधिक अपराधियों की गिरफ़्तारी की बात की, जिनमें 4475 सामान्य प्रकरण के अपराधी थे।

DGP ने आगे बताया, “एक दूसरी जो भूमिका होती है बैकग्राउंड से, उसकी तफ़तीश जारी है। हम उसके लिए कोशिश भी कर रहे हैं। हम ये नहीं कह सकते कि हरियाणा पुलिस कितना सहयोग कर रही है और कितना नहीं – कई चीजें सार्वजनिक नहीं की जाती। लेकिन, ये सच है कि अब तक मोनू मानेसर हमारे सामने नहीं आया है। दूसरे अपराधियों को लेकर भी हमने हरियाणा पुलिस से निवेदन किया है। हो सकता है उनके पास भी कोई इंटेलिजेंस न हो, हम कोई टिप्पणी करने से बचेंगे।”

उन्होंने कहा कि जब तक अपराधी गिरफ्तार न हो, हम ये नहीं कह सकते कि जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने पड़ोसी राज्यों पर भरोसा जताने की बात करते हुए कहा कि उन्हें मदद मिली भी है और सीनियर लेवल पर वार्ता होती रहती है। क्या राजस्थान पुलिस की टीम वहाँ जाएगी? इस पर डीजीपी ने कहा कि ऐसे डिटेल्स प्रेस कॉन्फ्रेंस में उजागर नहीं किए जा सकते। बता दें कि नासिर और जुनैद के ज़िंदा जलने के केस में मोनू मानेसर का हाथ होने का आरोप लगाया गया था।

नासिर और जुनैद के ज़िंदा जलने की घटना, गौ-तस्करी का था आरोप

ये दोनों राजस्थान के भरतपुर के पहाड़ी थाना क्षेत्र के घाटमीका गाँव के रहने वाले थे। आरोप है कि नासिर और जुनैद का अपहरण किया गया, फिर बोलेरो में ज़िंदा जला कर मार डाला गया।इस मामले में रिंकू सैनी को मुख्य आरोपित बनाया गया, जिसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने 30 आरोपितों की सूची तैयार की थी। इनमें से 3 के खिलाफ चार्जशीट भी दायर कर दी गई थी। भरतपुर के गोपालगढ़ में ये केस दर्ज हुआ था।

15 फरवरी, 2023 को अपहरण का मामला दर्ज हुआ और अगले दिन हरियाणा के भिवानी में दोनों के शव और जली हुई गाड़ी मिली। नासिर-जुनैद के भाई जाबिर के एकाध बार टावर पर चढ़ कर आत्महत्या की धमकी भी दी थी, जिसके लिए उसे हिरासत में भी लिया गया था। बताया गया कि ये दोनों गायों की तस्करी करते थे। राजस्थान पुलिस के हवाले से ये भी चला कि कुछ आरोपित यूपी-हरियाणा चले गए, जहाँ पंचायतों ने उनकी रक्षा की। इसी मामले में मोनू मानेसर का नाम भी आया था।

इस्लामी कट्टरपंथी गिरोह ने इस घटना में मोनू मानेसर के शामिल होने को लेकर खूब हो-हल्ला मचाया था। मोहम्मद ज़ुबैर ने भी एक के बाद एक कई ट्वीट कर के कहा था कि मोनू मानेसर का नाम आरोपितों की सूची में है। इसके बाद उसने मोनू मानेसर के पिछले वीडियो को शेयर करना शुरू कर दिया। साथ ही गोरक्षकों के खिलाफ भी ज़हर उगला। अब राजस्थान पुलिस खुद कह रही है कि इस घटना में मोनू मानेसर की सीधी संलिप्तता नहीं थी।

मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, अधीर रंजन लोकसभा से निलंबित, अगला अविश्वास प्रस्ताव 2028 में

आज मोदी के भाषण की बड़ी बातें देश के कई हिस्सों में कांग्रेस को जीत दर्ज करने में अनेक दशक लग गए हैं। तमिलनाडु में कांग्रेस की आखिरी बार 1962 में जीत हुई थी, 61 साल से वहां के लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस नो-कॉन्फिडेंस। बंगाल में 1972, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार 1985 में। त्रिपुरा में 1988 में, ओडिशा में 1995 में और नगालैंड में 1998 में आखिरी जीत मिली। दिल्ली, आंध्र प्रदेश, बंगाल में एक भी विधायक खाते में नहीं है। जनता ने कांग्रेस के प्रति लगातार नो-कॉन्फिडेंस घोषित किया है। साथ हि कहा कि कांग्रेस वालों ने तो गांधी नाम भी चुरा लिया वोटरों को भुलाने के लिए गांधी नाम भी… हर बार वो भी चुरा लिया। चुनाव चिह्न देखिए दो बैल, गाय बछड़ा, फिर हाथ का पंजा। ये सारे उनके कारनामे हैं। हर मनोवृत्ति को दिखाते हैं। सबकुछ एक परिवार के हाथों में केंद्रित हो चुका है।

पीएम मोदी
विपक्ष के नए नामकरण पर PM मोदी ने कसा तंज, कहा- UPA का क्रियाकर्म कर खंडहर पर लगा रहे प्लास्टर
  1. यह सरकार का नहीं, विपक्ष का फ्लोर टेस्ट : पीएम मोदी
  2. लोकसभा में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिरा
  3. वीपक्ष अ‍ॅपॅने द्वारा पेश कीये गये अविश्वास प्र्स्ताव से हि दौड गये
  4. पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर जमकर साधा निशाना
  5. मणिपुर में जल्द ही शांति बहाल होगी : पीएम मोदी

सारिका तिवरी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़/ नयी दिल्ली – 10 अगस्त :

लोकसभा में विपक्ष की तरफ से लाया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को गिर गया। इस तरह से भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के लिए यह दूसरा मौका है, जब विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी है। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने विपक्षी दलों के गठबंधन ‘I.N.D.I.A.’ पर ना सिर्फ हमला बोला, बल्कि इसे घमंडिया गठबंधन करार दिया। पीएम मोदी ने मणिपुर के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी और देश को भरोसा जताया कि वहां जल्द ही शांति का सूरज उगेगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि मणिपुर हिंसा के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

इधर, मोदी के भाषण शुरू होने के एक घंटे बाद विपक्षी दलों ने वी वॉन्ट मणिपुर के नारे लगाए। 90 मिनट बाद विपक्षी सांसद सदन से वॉकआउट कर गए। विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर 26 जुलाई को केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया था। अगले दिन यानी 27 जुलाई को लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार किया था।

अधीर रंजन चौधरी के बयान को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आपत्ति जताई। उन्होंने मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कांग्रेस सांसद को सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट आने तक अधीर रंजन को निलंबित किया जाए। लोकसभा अध्यक्ष ने जोशी के प्रस्ताव पर मतदान कराया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। 

मोदी के भाषण की बड़ी बातें :

यह सरकार का नहीं, विपक्ष का फ्लोर टेस्ट
मैं भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि उन्होंने विपक्ष को सुझाया और वे इसका प्रस्ताव लेकर आए। 2018 में भी वे अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। तब मैंने कहा था कि यह हमारी सरकार के लिए फ्लोर टेस्ट नहीं है। उन्हीं का फ्लोर टेस्ट है। हुआ भी वही। जब मतदान हुआ, तो विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने भी जमा नहीं कर पाए थे।

विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए शुभ होता है
इतना ही नहीं, जब हम सब जनता के पास गए तो जनता ने भी पूरी ताकत के साथ इनके लिए नो कॉन्फिडेंस घोषित कर दिया। चुनाव में एनडीए को कहीं ज्यादा सीटें मिलीं। एक तरह से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है। एनडीए और बीजेपी 2024 के चुनाव में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर जनता के आशीर्वाद से वापस आएगी।

आपके लिए राजनीति प्राथमिकता
विपक्ष के प्रस्ताव पर 3 दिनों से यहां काफी चर्चा हुई है। अच्छा होता कि सत्र की शुरुआत के बाद से ही विपक्ष गंभीरता के साथ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेता। बीते दिनों इसी सदन ने और दोनों सदनों ने जनविश्वास बिल, मेडिकल बिल, डेंटल कमीशन बिल जैसे कई महत्वपूर्ण बिल यहां पारित किए। लेकिन आपके लिए राजनीति प्राथमिकता है। देश की जनता ने जिस काम के लिए उन्हें यहां भेजा, उस जनता से भी विश्वासघात किया गया है।

आप लोग तैयारी करके नहीं आए
आप जुटे तो अविश्वास प्रस्ताव पर जुटे। कट्टर भ्रष्ट साथी की सलाह पर मजबूर होकर जुटे। इस अविश्वास प्रस्ताव पर भी आपने कैसी चर्चा की। सोशल मीडिया पर आपके दरबारी भी बहुत दुखी हैं। मजा इस डिबेट का…फील्डिंग विपक्ष ने ऑर्गनाइज की, लेकिन चौके-छक्के यहीं से लगे। विपक्ष नो-कॉन्फिडेंस पर नो बॉल कर रहा है और इधर से सेंचुरी हो रही है। आप तैयारी करके क्यों नहीं आते जी।

देश के लिए यह समय बेहद अहम
हम सब ऐसे टाइम पीरियड में हैं, चाहे हम हों या आप… ये टाइम पीरियड बेहद अहम है। कालखंड जो गढ़ेगा, उसका प्रभाव इस देश पर आने वाले 1000 साल तक रहने वाला है। इस कालखंड में हम सबका दायित्व है, एक ही फोकस होना चाहिए कि देश का विकास, सपने पूरे करने का संकल्प, सिद्ध करने के लिए जी-जान से जुटना।

अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता का आत्मविश्वास तोड़ा
हमने युवाओं को घोटालों से रहित सरकार दी है। दुनिया में भारत की बिगड़ी हुई साख को संभाला है। अभी भी कुछ लोग कोशिश में हैं कि साख को दाग लग गए। विश्व का विश्वास भारत में बढ़ता चला जा रहा है। इस दौरान हमारे विपक्ष ने क्या किया। इन्होंने अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता के आत्मविश्वास को तोड़ने की विफल कोशिश की है।

भारत की उपलब्धियों पर विपक्ष को अविश्वास
पिछले 5 साल में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए। IMF लिखता है कि भारत ने अति गरीबी को करीब-करीब खत्म कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है जल जीवन के जरिए 4 लाख लोगों की जान बच रही है। यूनीसेफ ने कहा कि स्वच्छ भारत के कारण हर साल गरीबों के 50 हजार रुपए बच रहे हैं। इन उपलब्धियों पर कांग्रेस समेत विपक्ष के कुछ दलों को अविश्वास है। जो सच्चाई दुनिया दूर से देख रही है, वो यहां रहकर नहीं देख पा रहे हैं।

देश के मंगल पर आपने काले कपड़े पहने, इसका धन्यवाद
अविश्वास और घमंड इनकी रगों में रच-बस गया है। वे जनता के विश्वास को कभी देख नहीं पाते। ये जो शुतुरमुर्ग एप्रोच है, इसके लिए देश क्या कर सकता है। जब शुभ, मंगल होता है, बच्चा साफ-सुथरा होता है तो काला टीका लगा देते हैं। आज जो देश का मंगल हो रहा है, वाहवाही हो रही है, आपका धन्यवाद करता हूं कि काले टीके के रूप में, काले कपड़े में सदन में आकर आपने इस मंगल को निश्चित करने का काम किया।

जिन चीजों की बुराई की, उनका भला हुआ
विपक्ष के लोगों को एक सीक्रेट वरदान मिला है। ये लोग जिसका बुरा चाहेंगे, उसका भला ही होगा। मैं 3 उदाहरण से सिद्ध कर सकता हूं।

पहला- इन लोगों ने कहा था कि बैंकिंग सेक्टर डूब जाएगा। पब्लिक सेक्टर बैंक का नेट प्रॉफिट दोगुने से ज्यादा हो गया। फोन बैंकिंग घोटाले की बात की। देश को एनपीए के गंभीर संकट में डुबो दिया था। आज जो एनपीए का अंबार लगाकर गए थे, हम उसके पार निकल चुके हैं। निर्मलाजी ने बताया कि कितना प्रॉफिट हुआ।

दूसरा- डिफेंस के हेलिकॉप्टर बनाने वाली सरकारी कंपनी एचएएल के लिए कितनी भली-बुरी बातें कही थीं। एचएएल तबाह हो गया है, खत्म हो गया है, भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री खत्म हो गई है। लेकिन आज एचएएल सफलता की नई बुलंदियां छू रहा है। हाईएस्ट एवर रेवेन्यू रजिस्टर किया है। वहां के कामगारों को उकसाने की कोशिशों के बावजूद एचएएल देश की आन-बान-शान बनकर उभरा।

तीसरा- एलआईसी के लिए कहा कि डूब रही है। दरबारियों ने इतने कागज पकड़ा दिए और नेता सारे बोल लेते थे। एलआईसी मजबूत हो रही है। शेयर मार्केट के लिए भी गुरुमंत्र है, जिस सरकारी कंपनियों को ये लोग गाली दें, उस पर पैसा लगा दीजिए अच्छा ही होगा।

तीसरी बार सरकार बनेगी तो हम दुनिया की तीसरी इकोनॉमी बनेंगे
ये वो लोग हैं, जिन्हें देश के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं है। हमारी सरकार के अगले टर्म में यानी तीसरे टर्म में भारत दुनिया की तीसरी टॉप अर्थव्यवस्था होगा। ये जिम्मेदार विपक्ष ऐसे में पूछता कि मोदीजी, निर्मलाजी, ये कैसे करोगे। ये भी मुझे सिखाना पड़ रहा है। यहां वो कुछ सुझाव दे सकते थे या कहते हम चुनाव में जनता के बीच जाकर बताएंगे कि ये तीसरे की बात करते हैं और हम एक पर लेकर आएंगे।

दूसरे की बात को कैच कर लेते हैं, अपनी वैक्सीन पर भरोसा नहीं
कांग्रेस को हुर्रियत, अलगाववादियों पर भरोसा था। भारत ने आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक किया, एयर स्ट्राइक किया। इन्हें भारतीय सेना नहीं, दुश्मन के दांव पर भरोसा था। आज दुनिया में कोई भी भारत के लिए कोई भी अपशब्द बोलता है तो तुरंत विश्वास हो जाता है, तुरंत कैच कर लेते हैं। कोरोना की महामारी आई, भारत के वैज्ञानिकों ने मेड इन इंडिया वैक्सीन बनाई, उस पर भरोसा नहीं था।

कई हिस्सों में कांग्रेस को जीतने में सालों लगे यानी कांग्रेस नो-कॉन्फिडेंस
देश के कई हिस्सों में कांग्रेस को जीत दर्ज करने में अनेक दशक लग गए हैं। तमिलनाडु में कांग्रेस की आखिरी बार 1962 में जीत हुई थी, 61 साल से वहां के लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस नो-कॉन्फिडेंस। बंगाल में 1972, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार 1985 में। त्रिपुरा में 1988 में, ओडिशा में 1995 में और नगालैंड में 1998 में आखिरी जीत मिली। दिल्ली, आंध्र प्रदेश, बंगाल में एक भी विधायक खाते में नहीं है। जनता ने कांग्रेस के प्रति लगातार नो-कॉन्फिडेंस घोषित किया है।

राहुल ने अपनी लोकसभा सदस्यता बहाल करने पर स्पीकर ओम बिड़ला को धन्यवाद दिया।

कांग्रेस वालों ने तो गांधी नाम भी चुरा लिया
वोटरों को भुलाने के लिए गांधी नाम भी… हर बार वो भी चुरा लिया। चुनाव चिह्न देखिए दो बैल, गाय बछड़ा, फिर हाथ का पंजा। ये सारे उनके कारनामे हैं। हर मनोवृत्ति को दिखाते हैं। सबकुछ एक परिवार के हाथों में केंद्रित हो चुका है।

परिवार के बाहर का पीएम मंजूर नहीं
दरबारवाद के कारण इन्होंने कितने ही महान लोगों को तबाह कर दिया। जो दरबारी नहीं थे, उनके पोट्रेट तक पार्लियामेंट में लगाने से इन्हें झिझक थी। 1991 में उनके पोट्रेट सेंटर हॉल में तब लगी, जब भाजपा समर्थित गैर कांग्रेसी सरकार सामने आई। नेताजी की पोट्रेट 1978 में हॉल में लगी, जब जनता पार्टी की सरकार थी। शास्त्री और चरण सिंह का पोट्रेट 1993 में गैर परिवार की सरकार में लगा।

फिल्म शराबी के गाने का जिक्र
मोदी अगर भाषण करते वक्त बीच में पानी पिए तो देखिए मोदी को पानी पिला दिया। अगर मैं गर्मी में कड़ी धूप में पसीना पोंछता हूं तो कहते हैं कि मोदी को पसीना ला दिया। एक गीत की पंक्ति है- डूबने वाले को तिनके का सहारा ही बहुत, दिल बहल जाए फकत इतना इशारा ही बहुत, इतने पर भी आसमां वाला गिरा दे बिजलियां, कोई बता दे जरा ये, डूबता फिर क्या करे। मैं कांग्रेस की मुसीबत समझता हूं, बरसों से एक ही प्रोडक्ट बार-बार लॉन्च करते हैं। लॉन्चिंग फेल हो जाती है।

विपक्षी सांसदों के वॉकआउट पर निशाना
लोकतंत्र में जिनका भरोसा नहीं होता है, वो सुनाने के लिए तो तैयार होते हैं, लेकिन सुनने का धैर्य नहीं होता है। अपशब्द बोलो भाग जाओ, कूड़ा फेंको भाग जाओ, झूठ फैलाओ भाग जाओ। कल अमित जी ने विस्तार से मणिपुर पर बात की तो देश को भी इनके झूठ का पता चला। अविश्वास प्रस्ताव पर इन्होंने हर विषय पर बोला। हमने कहा था कि अकेले मणिपुर पर आओ, लेकिन साहस नहीं था, पेट में पाप था, और ठीकरा फोड़ रहे थे हमारे सिर। सिवाय राजनीति के इन्हें कुछ करना नहीं है।

मणिपुर में फिर शांति का सूरज उगेगा
मणिपुर में अदालत का एक फैसला आया, हम जानते हैं। उसके पक्ष-विपक्ष में जो स्थितियां बनी, हिंसा का दौर शुरू हुआ, परिवारों ने अपने स्वजन खोए, महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुए, ये अक्षम्य हैं, दोषियों को सजा दिलवाने के लिए केंद्र-राज्य मिलकर प्रयास कर रहे हैं। मैं सभी देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो कोशिशें चल रही हैं, निकट भविष्य में शांति का सूरत जरूर उगेगा। मणिपुर फिर नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा। मैं मणिपुर के लोगों से भी कहना चाहता हूं, बेटियों-माताओं-बहनों से कहना चाहता हूं कि देश और सदन साथ है। हम मिलकर इस चुनौती का समाधान निकालेंगे, फिर शांति की स्थापना होगी। मणिपुर के लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि वो राज्य फिर विकास पर आगे बढ़े, उसमें कमी नहीं रहेगा। नॉर्थ ईस्ट हमारे जिगर का टुकड़ा है।

कांग्रेस ने भारत को तोड़ा
वंदे मातरम गीत ने हिंदुस्तान के हर कोने में चेतना फैलाई, तुष्टिकरण की राजनीति के चलते वंदे मातरम गीत के भी टुकड़े कर दिए। ये लोग भारत तेरे टुकड़े होंगे गैंग को बढ़ावा देने के पहुंच जाते हैं। ये उन लोगों की मदद कर रहे हैं, जो कहते हैं कि सिलिगुड़ी के पास जो कॉरिडोर है, उसे काट दें तो नॉर्थ ईस्ट अलग हो जाएगा। ये उनका समर्थन करते हैं। जो बाहर गए हैं, उनसे पूछें- कच्छतिवू क्या है। इतनी बड़ी बातें करते हैं। डीएमके वाले उनकी सरकार उनके मुख्यमंत्री चिट्ठी लिखते हैं और कहते हैं- मोदीजी कच्छतिवू वापस ले आइए। ये किसने किया। तमिलनाडु से आगे श्रीलंका से पहले एक टापू किसने किसी दूसरे देश को दिया था, कब दिया था। तब वो मां भारती का अंग नहीं था? इसको भी आपने तोड़ा, कौन था उस समय। श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व में ये हो रहा था। कांग्रेस का इतिहास मां भारती को छिन्न-भिन्न करने का रहा।

manipur in crisis and how mizoram also became heaven for myanmar refugees -  India Hindi News - मणिपुर में हिंसा पर मिजोरम में भी संकट कम नहीं, म्यांमार  और बांग्लादेश के हजारों

कांग्रेस ने ही मिजोरम-पंजाब में हमला करवाया
मेरा नॉर्थ-ईस्ट से इमोशन अटैचमेंट है। पहली घटना 5 मार्च 1966 की है। इस दिन कांग्रेस ने मिजोरम में असहाय नागरिकों पर अपनी वायुसेना से हमला करवाया था। गंभीर विवाद हुआ। क्या किसी दूसरे देश की वायुसेना थी, क्या मिजोरम के लोग देश के नागरिक नहीं थे। निर्दोष नागरिकों पर हमला करवाया। आज भी मिजोरम में 5 मार्च को शोक मनाया जाता है। उस दर्द को भूल नहीं पा रहा है। इन्होंने मरहम लगाने की कोशिश नहीं की। कांग्रेस ने इस सच को देश से छिपाया है। अपने ही देश में वायुसेना से हमला करवाना। कौन था उस वक्त इंदिरा गांधी। अकाल तख्त पर हमला स्मृति में है, उन्हें मिजोरम में यह आदत पहले ही लग गई थी। यहां हमें उपदेश दे रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट में वहां के लोगों के विश्वास की हत्या की है। घाव हमेशा समस्या के रूप में सामने आते हैं, उन्हीं के कारनामे हैं।

नेहरू ने असम को उसके हाल पर छोड़ा था
दूसरी घटना 1962 में रेडियो प्रसारण हुआ। आज भी शूल की तरह नॉर्थ-ईस्ट को चुभ रहा है। देश पर चीन का हमला था, देशवासी रक्षा की उम्मीद कर रहे थे, लोग हाथों से लड़ाई लड़ रहे थे। दिल्ली के शासन में बैठे हुए नेहरू ने असम के लोगों के लिए जो कहा था, वो आज भी असमियों के लिए नश्तर की तरह चुभता है। उन्होंने असम को उनके भाग्य पर छोड़ दिया था।

मणिपुर समस्या के पीछे सिर्फ कांग्रेस की राजनीति

मेरे मंत्रिपरिषद के मंत्री वहां 400 बार गए, मैं खुद 50 बार गया। ये साधना है, वहां के प्रति समर्पण है। कांग्रेस का हर काम राजनीति, चुनाव के इर्द-गिर्द रहता है। नॉर्थ-ईस्ट में उनकी कोशिश रही कि जहां पर इक्का-दुक्का सीटें होती थीं, वो इलाके उनके लिए स्वीकार्य नहीं थे। वहां के लिए सौतेला व्यवहार कांग्रेस के डीएनए में है। मैं पिछले 9 साल के प्रयासों से कहता हूं कि हमारे लिए नॉर्थ-ईस्ट हमारे जिगर का टुकड़ा है। आज मणिपुर की समस्याओं को ऐसे पेश किया जा रहा है, जैसे बीते कुछ समय में ही वहां यह हालात पैदा हुए। नॉर्थ-ईस्ट की समस्याओं की एकमात्र जननी कांग्रेस है। वहां के लोग इसके जिम्मेदार नहीं है, कांग्रेस की राजनीति जिम्मेदार है।

2028 में तैयारी करके आएं
मेरे किसी भाषण को उन्होंने होने नहीं दिया। मैं झेल लेता हूं, वो थक जाते हैं। एक बात पर उनकी तारीफ करता हूं, मैंने 2018 में उन्हें काम दिया था कि 2023 में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आना और उन्होंने (विपक्ष) मेरी बात मानी। दुख इस बात का है कि 5 साल मिले, थोड़ा अच्छा करते, अच्छे ढंग से करते। लेकिन देश को निराश किया। कोई बात नहीं, 2028 में फिर मौका दूंगा। आग्रह है 2028 में जब आप आएं तो थोड़ी तैयारी करके आइएगा। मुद्दे ढूंढकर आइए, देश की जनता को इतना तो भरोसा हो जाए कि आप विपक्ष के काबिल हो।

राजनीति के लिए मणिपुर का दुरुपयोग ना करें
2047 में हिंदुस्तान विकसित भारत होगा। ये देशवासियों के परिश्रम, विश्वास, संकल्प, सामूहिक शक्ति, अखंड एकराष्ट्र विचार से होगा। ये मेरा विश्वास है। हो सकता है, जो बोला जाता है, वो रिकॉर्ड के लिए तो शब्द चले आएंगे। इतिहास हमारे कर्मों को देखने वाला है। मैंने संयम रखकर, उनके हर अपशब्द को हंसते हुए सुना। 140 करोड़ देशवासियों के सपनों को अपनी आंखों के सामने रखकर चल रहा हूं। सदन के साथियों से निवेदन है देश में मणिपुर से भी गंभीर समस्याएं आईं, लेकिन मिलकर रास्ते निकाले। मिलकर चलें, मणिपुर को भरोसा देकर चलें, राजनीति के लिए मणिपुर का दुरूपयोग ना करें, दर्द की दवा बनकर काम करें। हमारी तरफ से तो समृद्ध चर्चा हुई। ये प्रस्ताव देश से विश्वासघात का प्रस्ताव है।

भाजपा राज में सुरक्षित नहीं है बेटियां, झूठा नारा साबित हो रहा है ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ : बलवान ठाकुर।

सुभाष कोहली, डेमोक्रेटिक फ्रंट, कालका – 10 अगस्त :

भाजपा राज में भाजपा के नेता बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा तो हर मंच से देते हैं लेकिन हमारी बेटियां भाजपा राज में सबसे ज्यादा परेशान है। भाजपा के नेता व उनके करीबी ही बेटियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं, चाहे यूपी में हो, चाहे बिहार में, चाहे दिल्ली में या फिर हरियाणा में। खिलाड़ियों के साथ भी यही हुआ और आज जो ज्वलंत मुद्दा कालका पिंजौर में हुआ वह शर्मसार करने वाला कार्य किया है। जिसने पूरी पंचकूला भाजपा को शर्मिंदा किया हुआ है।

समाजसेवी बलवान ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगर भाजपा यूपी में बड़े-बड़े नेताओं वाले केस पर कोई कार्रवाई करती, तो आज भाजपा का छोटा कार्यकर्ता यह घिनौना कार्य करने से डरता। लेकिन कालका में हुई शर्मनाक घटना कि बार-बार निंदा करते हुए ठाकुर ने कहा कि भाजपा को प्रशासन को साथ लेकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, हम सब प्रशासन के साथ खड़े मिलेंगे। आम आदमी पार्टी के नेता बलवान ठाकुर ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना घटे, दोषी को बड़े से बड़ा दंड देकर अन्य लोगों को भी जागरूक करना चाहिए।

भाजपा राज में बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं है और भाजपा ने ही सबसे पहले ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया था। आज यह नारा भाजपा राज में ही झूठा साबित हो रहा है, बेटियों के साथ अभद्र व्यवहार हो रहे हैं। आम आदमी पार्टी के लोकसभा उपाध्यक्ष बलवान ठाकुर ने कहा आम आदमी पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है।

दिल्ली सेवा बिल लोकसभा मे पास, AAP सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित

बिल को पारित करने के दौरान आम आदमी पार्टी(आआपा) सांसद सुशील कुमार रिंकू द्वारा वेल में आकर कागज फाड़कर आसन पर फेंकने के कारण उन्हें मानसून सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है। आप सांसद के व्यवहार के कारण स्पीकर ने उन्हें नामित किया, संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने निलंबन का प्रस्ताव रखा और उसे सदन ने मंजूर कर दिया।

Delhi Ordinance Bill लोकसभा में हुआ पास, AAP सांसद निलंबित

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़/नयी दिल्ली – 03 अगस्त :

दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश की जगह लेने वाला दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में गुरुवार को ध्‍‍‍‍‍वनि मत से पास हो गया। इस दौरान चर्चा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह  ने कहा कि केंद्र को कानून बनाने का अधिकार है। यह अध्यादेश पूरी तरह से संवैधानिक है। इसके पास होते ही विपक्षी पार्टियों का गठबंधन टूट जाएगा। वहीं, विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया है। बिल पास होने के बाद सदन को कल तक के लिए स्‍थगित कर दिया गया है।

इससे पहले दिल्ली सेवा बिल 2023 पर लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आम आदमी पार्टी समेत पूरे विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा है कि अरविंद केजरीवाल का बंगला बनाने में हुए भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए इस बिल का विरोध हो रहा है। अमित शाह ने यह भी कहा कि गठबंधन बनने से कोई फायदा नहीं होगा। नरेंद्र मोदी फिर से पूर्ण बहुमत से प्रधानमंत्री बनेंगे।

अमित शाह ने कहा कि 1993 के बाद दिल्ली में कभी कांग्रेस और कभी भाजपा की सरकार आई। दोनों में से किसी दल ने दूसरे के साथ झगड़ा नहीं किया, लेकिन 2015 में ऐसी सरकार आई, जिसका मकसद सेवा करना नहीं, झगड़ा करना है। उन्होंने कहा कि इनका मकसद कानून व्यवस्था और स्थानांतरण पर नियंत्रण नहीं, बल्कि विजिलेंस को नियंत्रण में लेकर बंगले और भ्रष्टाचार का सच छिपाना है।

अमित शाह ने इतिहास का आइना भी दिखाया, कहा कि पट्टाभि सीतारमैया समिति ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की सिफारिश की थी। जब यह विषय तत्कालीन संविधान सभा के समक्ष आया, तब पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी (राजगोपालाचारी), डॉ. राजेंद्र प्रसाद और डॉ. भीमराव आंबेडकर ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज दिये जाने का विरोध किया था।

उन्होंने आगे कहा, “मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि 2015 में स्थिति बदली और यहाँ एक ऐसे दल की सरकार आई, जिसका मकसद सेवा करना नहीं, झगड़ा करना है। यहाँ समस्या अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार का नहीं है, बल्कि विजिलेंस को हाथ में लेकर जो बंगला बना दिया है इसकी सच्चाई छिपाना है। जो भ्रष्टाचार हो रहा है, इसकी सच्चाई छुपाना है।”

अमित शाह ने विपक्ष के नए-नवेले I.N.D.I.A. गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा है, “मेरी सभी से विनती है कि चुनाव जीतने के लिए किसी पार्टी का समर्थन या विरोध करना, यह सही राजनीति नहीं है। विधेयक और कानून देश की भलाई के लिए लाया जाता है। इसलिए इसका विरोध और समर्थन दिल्ली की भलाई के लिए करना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “दिल्ली की भलाई के लिए बिल का समर्थन करना चाहिए। मेरी अपील है विपक्ष के सदस्यों को दिल्ली के बारे में सोचना चाहिए। गठबंधन की मत सोचिए। गठबंधन से फायदा होने वाला नहीं है। गठबंधन बनने के बाद भी पूर्ण बहुमत से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे।”

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “विपक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर इस बिल को लाया गया है। मैं सभी को बताना चाहता हूँ कि आपने सुप्रीम के आदेश का अपना मनपसंद हिस्सा ही पढ़ा है। जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में संसद में बताते हैं तो पूरे हिस्से की जानकारी होनी चाहिए। उसका दूसरा हिस्सा भी पारदर्शिता के साथ सदन में रखना चाहिए।”

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट के आदेश में पैरा 86, पैरा 95 और विशेषकर पैरा 164 की ओर वह ध्यान दिलाना चाहते हैं। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि संसद को 239 एए के तहत दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार है। यह अदालत ने अपने जजमेंट में पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है।”

गृहमंत्री ने आगे कहा, “देश की आजादी के बाद पट्टाभि सीतारमैया समिति ने दिल्ली को राज्य स्तर का दर्जा देने की सिफारिश की थी। हालाँकि, जब सिफारिश संविधान सभा के सामने आई, तब पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी, राजेंद्र प्रसाद, भीमराव आंबेडकर जैसे नेताओं ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि ये उचित नहीं होगा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए। मैं यह सब इसलिए बता रहा हूँ, ताकि आप लोगों को पता होगा कि आप किसकी सिफारिश का विरोध कर रहे हैं।”

जाति और धर्म के नाम पर वोट की राजनीति कर रही है भाजपा : अनुराग ढांडा

सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 25 जुलाई :

आम आदमी पार्टी द्वारा एक जनसभा साढौरा विधानसभा के गांव अजीजपुर कलां में आयोजित की गई। जनसभा की अध्यक्षता पार्टी के साढौरा विधानसभा के ब्लॉक अध्यक्ष अंकुर अंसल आहलुवाला द्वारा की गई। जनसभा में मुख्य अतिथि के रूप में आम आदमी पार्टी के हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढाडा,सुशील जैन लोकसभा उपाध्यक्ष अम्बाला, रणजीत उप्पल पंचकूला जिलाअध्यक्ष रहे। इस अवसर पर आम आदमी पार्टी की नीतियों का प्रचार प्रसार किया गया।इस दौरान अजीजपुर कलां गांव के निवासी और आस पास के ग्रामीण सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे।

दलीप दड़वा वरिष्ठ संयुक्त सचिव यमुनानगर ने जनसभा को संबोधित करते हुए, भाजपा जजपा गठबंधन सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है।युवा रोजगार के लिए दर भटक रहा है, हरियाणा में लाखों पद सरकारी विभागों में खाली पड़े हैं, सरकार युवाओं के साथ भद्दा मजाक कर रही है।  मुख्य अतिथि के रूप मे अनुराग ढांडा ने अपने संबोधन में बताया कि हरियाणा पर 3 लाख 11 हजार 779 करोड़ का कर्ज है उन्होंने कहा कि हरियाणा के  मुख्यमंत्री  ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का सड़कों से दौरा न करके हेलीकाप्टर से दौरा किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री बताएं कि हेलिकॉप्टर से न तो फसलों का पता चलता है ,न टूटे मकानों का, फिर खट्टर साहब ने हेलिकॉप्टर से क्यो उड़ानी दौरा किया। ढांडा ने बताया कि बाढ़ से आयी आपदा 10 प्रतिशत प्रकृतिक आपदा है तथा 90 प्रतिशत आपदा अवैध खनन की वजह से हुई है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता अब धर्म व जाति के नाम पर वोट नहीं देगी। हरियाणा में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर बिजली ,शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, महिला सुरक्षा,सभी पर कार्य दिल्ली व पंजाब की तर्ज पर किया जाएगा। ग्रामीणों ने अनुराग ढांडा का पगड़ी पहनाकर जोरदार स्वागत किया।

मौके पर सुशील जैन लोकसभा अम्बाला उपाध्यक्ष,अंकुर अंसल आहलुवाला, दलीप दड़वा यमुनानगर वरिष्ठ संयुक्त सचिव , सुखविंदर गोल्डी ब्लाक प्रेसीडेंट साढौरा, कुलविंदर राणा,अनिल प्रजापति,अनिल पंजेटा, कपिल सांगवान,नायब पूर्व सरपंच मुजाफर कलां, कर्मचंद पूर्व सरपंच बुढेड़ी, विशाल अत्री, राजाराम,रीटा ,आप नेत्री रचना दड़वा,बीरलाल,जियालाल, पवन साहोता,ललित त्यागी, प्रदीप, सुखविंदर बिट्टू, डॉ अमृतपाल, सरदार प्रीतम सिंह आ नेता,दलजीत सिंह बाजवा, सरदार मेहताब सिंह सीबिया,रूपेश पलाका,शिव कुमार शास्त्री, मोहित त्यागी, विशाल यादव व सैंकड़ों महंगें व ग्रामीण मौजूद रहे।