तुलसीदासजी ने क्यों लिखा, ढोल गंवार शूद्र पशु नारी

तुलसीदासजी रामायण में लिखते हैं कि “ढोल गंवार शूद्र पसु नारी, सकल ताडऩा के अधिकारी…।” इस कथन को लेकर बहुत से लोगों ने तुलसीदासजी पर शुद्रों और नारियों के प्रति भेदभाव और असम्मान की भावना रखने का आरोप लगाया। कहा कि वे तो शुद्रों और नारियों को डांटने- फटकराने और प्रताडि़त करने का पक्ष लेते हैं। पर वास्तव में  देखें तो तुलसीदास जी नहीं बल्कि इस चौपाई का अपने हिसाब से मतलब निकालने वाले लोग गलत है। दरअसल ताडऩा का अर्थ किसी को देखते रहना, सीख, शिक्षा या संरक्षण देने के अर्थ में भी लिया जाता है। और संतों की व्याख्या के अनुसार तुलसीदास जी यहां यही कहना चाहते हैं कि ढोल, गंवार, शुद्र और नारी को शिक्षा व सीख देने के साथ उनके कार्यों को देखते रहना चाहिए। वरना दोष उनका नहीं, बल्कि उनके संरक्षकों का होगा। जैसे शादी के बाद यदि बहु कोई गलत काम करती है तो उलाहना आज भी उसकी मां को ही दिया जाता है कि उसने अच्छी सीख नहीं दी। इसी तरह ढोल ठीक नहीं बजेगा तो दोष ढोल वादक का होगा। गवांर गवांरुपन दिखाए तो दोष उसके शिक्षक का होगा और शुद्र यानी सेवक सलीका नहीं रखे और पशु भी ठीक नहीं है तो दोष उनके मालिकों का ही माना जाएगा कि उनकी सीख में कोई कमी है। इसलिए तुलसीदासजी की चौपाई का अर्थ यही निकालना चाहिए कि वे ढोल, गवांर, सेवक, पशु व नारी को शिक्षा और संरक्षण पाने का अधिकारी मानते हैं। ना कि प्रताडऩा का।

ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी सकल ताड़ना के अधिकारी' चौपाई का सही अर्थ क्या  है? - Quora

पीयूष पयोधी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, बिहार :

ढोल गंवार शूद्र पशु नारी

मुझे आज तक यह समझ नहीं आया कि कोटि विध बध लागहिं जाहू/ आएँ सरन तजउ नहि ताहू – “जिसे करोड़ों ब्राह्मणों की हत्या लगी हो, शरण में आने पर मैं उसे भी नहीं त्यागता जैसे कथनों के आधार पर अब तक किसी ने तुलसी को ब्राह्मण विरोधी क्यों नही बताया?

किसी ने जैसे उस एक कथन को शास्त्र से निकालना चाहा, वैसे इस एक कथन को क्यों नहीं निकलवाना चाहा।

पहला कथन तो समुद्र जैसे जड़ पात्र के द्वारा तुलसी ने कहलवाया हैइन्ह कइ नाथ सहज जड़ करनी। वह भी ऐसे जड़ के जो गहरी आत्म-ग्लानि में ग्रस्त है।

पर ‘कोटि बिप्र बध’ वाला उद्गार साक्षात ‘प्रभु’ के मुखारविंद से कहते हुए बतलाया है।

संवेदना का यह कौन सा ध्रुवांत है जिसके तहत एक का ‘ताड़न’ भी सहन योग्य नहीं दूसरे का ‘वध’ भी आपत्ति के लायक  नहीं लगता।

संवेदना की यह कौन-सी सरहद है जहां ‘एक’ और ‘कोटि’ का भी फर्क समाप्त हो जाता है।

कोटि बिप्र बध तो एक तरह का जेनोसाइड हुआ!

यदि वह एक कोटि( श्रेणी) है तो यह कोटि भी कोटि है। संख्या नहीं, वर्ग। संवेदना के ये कौन से कोष्ठक हैं? करुणा के ये कौन से कारागार हैं?

क्या इनकी पूर्ति यह कहकर हो सकती है कि अन्यत्र ‘द्विज-पद-प्रेम’ की बात कहकर इसका परिहार किया है? तो यह परिहार गुह निषाद केवट शबरी आदि से क्यों नहीं संभव हुआ?

क्या तुलसी को यह आशंका रामचरितमानस समय लिखते समय बहुत पहले से नहीं थी?कि ‘पैहहिं सुख सुनि सुजन सब खल करिहहिं उपहास’- इस रचना को सुनकर सज्जन सभी सुख पावेंगे और दुष्ट सब हंसी उड़ावेंगे।

संवेदना का स्वस्तिक एक गतिमय स्वस्तिक है। उसकी गति चक्रानुगमन करती है और वही विष्णु का सुदर्शन चक्र हो जाता है।

यदि ईश्वर की करुणा जातिभेद करती होती तो ईश्वर भी करुणा का कोटा निर्धारित कर रहा होता। ‘कोटि’ से कोटे तक पहुंचने में वक्त कितना लगता है।

लेकिन तुलसी वर्ग-भेद का लक्ष्य लेकर नहीं चल रहे। उनके रामराज में जो बात सबसे ज्यादा ध्यान देने योग्य है, वह है ‘सब’ शब्द का उपयोग। ‘सब नर करहिं परस्पर प्रीती।’ ‘सब सुन्दर सब बिरुज सरीरा।’ सब निर्दंभ धर्मरत पुनी/नर अरु नारि चतुर सब गुनी’ / सब गुनग्य पंडित सब ग्यानी/सब कृतग्य नहिं कपट सयानी।’ यदि तुलसी की निष्पत्ति किसी पूंजीवादी, किसी वर्ग-वैषम्यवादी, किसी सर्वहारा की तानाशाही वाले समाज की होती तो वे ‘सब’ की यह रट नहीं लगा रहे होते। वे ‘सब उदार सब पर उपकारी’ भी नहीं कह रहे होते।

विप्रों ने इस करोड़ों विप्रों के वध वाली पंक्ति पर आक्षेप नहीं किया तो इसलिए कि उन्हें किसी महाकाव्य को कैसे पढ़ा जाता है, इसका पता था और है।

जिन्हें यह कला नहीं मालूम और पढ़ाई लिखाई की गहराई से जिनका दूर दूर तक वास्ता नहीं, उनकी ही व्यभिचारिणी बुद्धि के तमाशे चलते रहे हैं।

कुछ लोगों ने इस पंक्ति की व्याख्या यों की है कि वह व्याख्या नहीं, सफ़ाई अधिक लगती है। ज़रूरत टीका की है लेकिन दिए स्पष्टीकरण जा रहे हैं। मसलन एक बंधु यह कहते हैं कि तुलसी के समय हिंदी में अंग्रेज़ी का हाइफन नहीं होता था।

इस कारण तुलसी के जिन शब्दों को 5 वर्ग समझा जाता है- ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी वे वस्तुतः तीन वर्ग हैं : एक ढोल, दूसरा गंवार-शूद्र और तीसरा पशु-नारी ये तीनों प्रताड़ना, दंड, पिटाई के योग्य हैं। हर शूद्र पिटाई के लायक नहीं है। पहले एक विशेषण उसे क्वालिफाई करता है हर नारी भी पिटाई के लायक नहीं है। पहले एक विशेषण उसे भी क्वालिफाई करता है। गंवार-शूद्र और पशु-नारी पृथक- पृथक संज्ञाएं नहीं हैं। उनके बीच विशेषण- विशेष्य संबंध है।

यह व्याख्या इन पंक्तियों की कर्कशता को कम करने की और उन्हें सहय बनाने की कोशिश है। एक तरह की नैरोकास्टिंग। लेकिन यह उचित नहीं है, औचित्यीकृत है।

एक पल को इसे मान भी लिया जाए कि बात गंवार-शूद्र के बारे में कही जा रही है तो उससे समाधान जितना नहीं होता, सवाल उतने ज्यादा उठते हैं। प्रतिप्रश्न ये है कि यदि गंवार शूद्र ताड़ना के काबिल हैं तो गंवार ब्राह्मण क्यों नहीं? मनु तो अपमान को ब्राह्मण का पथ्य कहते थे। स्मृतियों में तो यहाँ तक कहा गया कि अर्चित और पूजित ब्राह्मण दुही जाती हुई गाय के समान खिन्न हो जाता है। गंवार ब्राह्मण को तो शास्त्रों में पंक्तिदूषक ब्राह्मण या अपांक्तेय ब्राह्मण के रूप में वर्णित किया गया है। वेदव्यास ने महाभारत के वनपर्व में ‘चतुर्वेदोऽपि दुर्वृत्तः स शूद्रादतिरिच्यते’ क्यों कहा था? देवी भागवत में ‘यस्त्वाचार विहीनोऽत्र वर्तते द्विजसत्तमः’ को बहिष्कार योग्य क्यों कहा गया? गंवार-शूद्र ही क्यों, गंवार वैश्य और गंवार- क्षत्रिय को भी ताड़ना मिलनी चाहिए। बात तो आचरण की है।

वाल्मीकि ने यही तो कहा था : कुलीनमकुलीन वा वीरं पुरुषमानिनम् / चारित्र्यमेव व्याख्याति शुचि वा यदि वाशुचिम– मनुष्य का चरित्र ही यह बतलाता है कि वह कुलीन है या अकुलीन, वीर है या कायर, अथवा पवित्र है या अपवित्र तो गंवार शूद्र को किसी विशेष ताड़ना का हिस्सा बनाना कवि तुलसीदास का अभिप्रेत नहीं हो सकता था।

यही बात पशु-नारी के संदर्भ में है। क्या तुलसी उत्तरपूर्वी कंबोडिया के जंगलों में अभी जनवरी 2007 में पाई गई उस स्त्री के बारे में बात कर रहे थे जो 6 साल की उम्र में जंगलों में खो गई, 19 साल जंगलों में जानवरों के बीच रही और जब पुलिस ने उसे बरामद किया तो वह पूर्णतः जानवरों जैसी हरकतें कर रही थी ? क्या वे ‘वाइल्ड वोल्फ वूमन’ (जंगली भेड़िया – स्त्रियों) के बारे में प्रतिक्रिया दे रहे थे ? क्या तुलसी अरस्तू की तरह स्त्री को ‘आत्म विहीन’ प्राणी मान रहे थे ? क्या नारी की ‘एनीमलिटी’ पुरुष के पशुत्व से विशेष बदतर है ? तुलसी पशु-पुरुष को प्रताड़ना योग्य क्यों नहीं मानते ? क्या तुलसी ‘पशु-नारी’ के रूप में किन्हीं ‘गुरिल्ला नारियों’ को ताड़ना योग्य बता रहे थे?

स्त्रीवादी लेखिका एलिजाबेथ स्पेलमेन ने ‘सोमाटोफोबिया’ नामक एक मानसिक व्याधि की चर्चा की है जिसमें स्त्री को पशु से समीकृत किया जाता है। क्या तुलसी इस सोमाटोफोबिया के शिकार थे? क्या ‘पशु- नारी’ शब्द अपने आप में ही पशु और मनुष्य के बीच में किसी द्वैत के होने का परिचायक नहीं है? शैव दर्शन में पशुपति की संकल्पना ‘पशु’ की व्याख्या किस तरह से करती है ? क्या अंग्रेजी में स्त्रियों को ‘कैटी’ (Catty ), श्रू (Shrew), काउ (cow), बिच (bitch), डम बन्नी (Dumb bunny), ओल्ड क्रौ (old crow), विक्सन (vixen) कहने वाले अभिधान इसी ‘ पशु-नारी’ के बारे में हैं? जोरू के गुलाम के लिए अंग्रेजी में जो ‘हेन्पेक्ड’ शब्द चलता है वह स्त्री को ‘मुर्गी’ मानता है। ये तो नकारात्मक अर्थों वाले शब्द हैं लेकिन ‘फॉक्सी’ जैसे स्त्री-विश्लेषण भी स्त्री की पशु-पहचान को ही उभारते हैं।

तो तुलसीदास किसी सैक्सुअल हैरासमेंट के समर्थक थे? क्या तुलसीदास भारत में पशु और मनुष्य के बीच सांस्कृतिक रिश्तेदारी से अनभिज्ञ थे? पशु नारी हमेशा ही नकारात्मक हो, यह भी कैसे मान लिया जाए? मेरी वेब का उपन्यास ‘गोन टू अर्थ’ (1917) पढ़िए जिसमें उसने हेज़ेल नामक एक ऐसे स्त्री पात्र की रचना की है जिसमें जंगली निर्दोषिता और ऊर्जस्विता है, जो अपने आसपास के सामाजिक विश्व को जैसे ‘बिलांग’ ही नहीं करती, क्या वह ‘पशु-नारी’ ताड़ना योग्य लगती है ? हेज़ेल पशुओं की मूक वेदना को समझती है और एक छोटी लोमड़ी को बचाने की कोशिश में प्राण भी दे देती है। क्या तुलसी जैसा संवेदनशील कवि ऐसी प्रकृत सहज नारी की प्रताड़ना के बारे में कभी सोच भी सकेगा? जब ‘बैटमैन’, स्पाइडर मैन, एनीमल मैन आदि के रूप में आधुनिक कॉमिक हीरो लोकप्रिय हो रहे हैं तो पशु-नारी में ऐसी क्या कमी है कि आधुनिक व्याख्याकार उसे प्रताड़नीय समझ रहे हैं ?

 क्रमशः….

(सहयोग : अश्विनी कुमार तिवारी)

चेतन भारत लर्निंग का हरियाणा पब्लिक सर्विस की परीक्षा में धमाल

                        कमल परिवार में दूसरे नंबर पर हैं। उसने तमिलनाडु से बीटेक की पढ़ाई की हुई है। पिता के कहने पर उन्होंने दिल्ली स्थित एक निजी संस्थान से सिविल सर्विसेज की तैयारी की थी। पहली बार में ही उन्होंने पूरे हरियाणा में पहला स्थान हासिल किया है। पूरे गांव पर हमेशा ही माता जयंती देवी का आशीर्वाद रहा है। वहीं कमल के पिता ने बताया कि उनके घर पर गांव के लोग बधाई देने के लिए आ रहे हैं। बेटे की सफलता में गांव के सभी लोग एवं उसकी शिक्षकों का पूरा सहयोग रहा है श। पूरे गांव में मिठाई बांटकर इसकी खुशी मनाई जा रही है।

कमल के HCS बनने के बाद मुंह मीठा कराता परिवार। - Dainik Bhaskar
कमल के HCS बनने के बाद मुंह मीठा कराता परिवार
  • हाल ही में हुए एचसीएस, डीएसपी, ईटीओ और डीएफएससी के 156 पदों में सीबीएल के 80 परीक्षार्थियों का चयन 
  • मुफ्त शिक्षा का प्रावधान करता है सीबीएल :  रैंक 1 कमल चौधरी ने भी सीबीएल से ली है कोचिंग 

अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, मोहाली – 07 फरवरी :

                        चेतन भारत लर्निंग (सीबीएल ) ने हरियाणा पब्लिक सर्विस के हाल ही में 156 पदों के लिए हुए चयन में 80 परीक्षार्थी उत्तीर्ण कर धमाल कर दिया। पहले 10 रैंक में सीबीएल के 5 बच्चों का चयन हुआ। सीबीएल के कमल चौधरी ने पहला रैंक हासिल किया। चेतन भारत लर्निंग ने इससे पहले पीसीएस और आईएएस में भी क्रमशः 48 और 4 बच्चों का चयन करवा चुके हैं।  सीबीएल ने इनके लिए मुफ्त शिक्षा का प्रावधान किया।

                        प्राप्त जानकारी के अनुसार देशराज चौधरी हरियाणा ट्रांसपोर्ट विभाग में सहायक के पद पर कार्यरत हैं। वह अपने दफ्तर में अधिकारियों को आते-जाते देख अपने बच्चों को भी इसी पद पर पहुंचाना चाहते थे। उनके तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ी उनकी बेटी कामिनी ने भी हरियाणा न्यायिक सेवा की परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन लेकिन साक्षात्कार में उन्हें सफलता नहीं मिली। वह आजकल पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत के साथ आगे की तैयारी कर रही हैं।

                   कमल परिवार में दूसरे नंबर पर हैं। उसने तमिलनाडु से बीटेक की पढ़ाई की हुई है। पिता के कहने पर उन्होंने दिल्ली स्थित एक निजी संस्थान से सिविल सर्विसेज की तैयारी की थी। पहली बार में ही उन्होंने पूरे हरियाणा में पहला स्थान हासिल किया है।

                        कमल का छोटा भाई अभी ग्रेजुएशन कर रहा है। वह भी इसी साल 26 जनवरी की परेड में नेशनल कैडेट कोर एनसीसी की तरफ से शामिल हुआ था। उसकी टीम को पूरे देश में तीसरा स्थान हासिल हुआ था। कमल की मां एक ग्रहणी है। कमल की मां संतोष का कहना है कि उनके बेटे को मिली सफलता माता जयंती देवी का आशीर्वाद है।

                        पूरे गांव पर हमेशा ही माता जयंती देवी का आशीर्वाद रहा है। वहीं कमल के पिता ने बताया कि उनके घर पर गांव के लोग बधाई देने के लिए आ रहे हैं। बेटे की सफलता में गांव के सभी लोग एवं उसकी शिक्षकों का पूरा सहयोग रहा है श। पूरे गांव में मिठाई बांटकर इसकी खुशी मनाई जा रही है।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा में OBC क्रीमी लेयर की आय सीमा केंद्र द्वारा निर्धारित 8 लाख करने की मांग का नोटिस दिया

  •         अपनी ही पार्टी की केंद्र सरकार की बात भी न मान कर पिछड़ा वर्ग से कौन सी दुश्मनी निकाल रही है हरियाणा सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा
  •         हरियाणा में कांग्रेस सरकार आने पर OBC क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ाकर 10 लाख करेंगे – दीपेन्द्र हुड्डा
  •         दीपेन्द्र हुड्डा ने पिछड़ा वर्ग के लिए सकल वार्षिक आय की गणना में वेतन और कृषि आय को बाहर करने की मांग की

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ –  7 फरवरी :

                        सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज राज्य सभा में हरियाणा में OBC क्रीमी लेयर की आय सीमा केंद्र द्वारा निर्धारित आय सीमा के बराबर कम से कम 8 लाख करने की मांग का नोटिस दिया। अपने नोटिस में उन्होंने कहा कि हरियाणा में मौजूदा सरकार ने नॉन-क्रीमीलेयर की वार्षिक आय सीमा केंद्र द्वारा निर्धारित 8 लाख की बजाय 6 लाख रुपये कर रखी है। जिसमें वेतन और कृषि आय समेत सभी स्रोतों से प्राप्त आय को सकल वार्षिक आय की गणना में जोड़ा जा रहा है। यह विसंगति केंद्र द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का भी खुला उल्लंघन है। दीपेन्द्र हुड्डा ने सवाल किया कि अपनी ही पार्टी की केंद्र सरकार की बात भी न मान कर पिछड़ा वर्ग से कौन सी दुश्मनी निकाल रही है हरियाणा सरकार। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करी कि केंद्र द्वारा क्रीमी लेयर की मौजूदा परिभाषा एवं आय सीमा को हरियाणा में भी लागू किया जाए ताकि एकरूपता बनी रहे और पिछड़ा वर्ग को उनका अधिकार मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार आने पर OBC क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ाकर 10 लाख करेंगे।

                        उन्होंने हरियाणा में क्रीमी लेयर के लिए सकल वार्षिक आय की गणना में वेतन और कृषि आय को बाहर करने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 14 अक्टूबर, 2004 को जारी स्पष्टीकरण के अनुसार क्रीमी लेयर को तय करते समय वेतन और कृषि से हुई आय को नहीं जोड़ा जाता। क्रीमी लेयर की मौजूदा परिभाषा वही है जो कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने 8 सितंबर 1993 के नोटिफिकेशन और 14 अक्टूबर 2004 के स्पष्टीकरण में जारी किया था।

            इसके अलावा उन्होंने आय सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के अधीन कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) हर तीन साल में आय सीमा को लेकर बदलाव करता है। जैसे 8 सितंबर 1993 को यह 1 लाख रुपए सालाना थी जिसे बढ़ाते हुए सितंबर 2017 में 8 लाख किया गया था। लेकिन अब 6 वर्ष बीत गए आय सीमा की समीक्षा नहीं हुई। इतना ही नहीं, हरियाणा में आय सीमा बढ़ाना तो दूर, इसके विपरीत केंद्र द्वारा निर्धारित 8 लाख की आय सीमा को घटाकर 6 लाख रुपये कर दिया है जिससे पिछड़ा वर्ग में भारी रोष है। 6 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय होने पर हरियाणा में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं मिलता, जो पिछड़ा वर्ग के साथ घोर अन्याय है।

देसी गाय की खरीद पर मिलेगा किसानों को 25 हजार रुपये का अनुदान : शिक्षा मंत्री 

 सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर –  07 फरवरी :

                        जगाधरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जगाधरी शहर की शिवपुरी सोसायटी कॉलोनी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे हरियाणा भाजपा सरकार में शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने बताया कि हरियाणा भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय की खरीद पर 25 हजार रुपए तक अनुदान देने और जीवामृत का घोल तैयार करने के लिए चार बड़े ड्रम किसानों को नि:शुल्क उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है।

                        हरियाणा भाजपा सरकार की इस योजना से किसानों को प्राकृतिक खेती के साथ-साथ स्वदेशी गाय खरीदने में मदद मिलेगी। शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में हरियाणा पहला राज्य होगा, जहां प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की पहल की गई है। प्राकृतिक खेती का मूल उद्देश्य खान-पान को बदलना है। प्राकृतिक खेती का प्रदर्शन प्लांट लगाने वाले किसानों के लिए पोर्टल बनाया जाएगा। इस पर जमीन की पूरी जानकारी देने के साथ-साथ किसान स्वेच्छा से फसल विविधीकरण अपनाने के बारे में जानकारी देंगे।

                        इस प्रकार विभाग के पास पूरी जानकारी होगी तो उसकी आसानी से मॉनिटरिंग की जा सकेगी। प्राकृतिक खेती के तहत किसी भी तरीके के कृषि रसायन या उर्वरक का प्रयोग नहीं किया जाता है, बल्कि इसकी पूरी प्रक्रिया प्राकृतिक संसाधनों पर ही निर्भर करती है। हरियाणा भाजपा सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को प्रदेशभर में प्रोत्साहित किया जा रहा है।

                        इस दौरान भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष निश्चल चौधरी, भाजपा जिला मीडिया प्रमुख कपिल मनीष गर्ग साथ रहे।

नगर निगम पंचकूला का पेश होगा 242 करोड़ रुपये का बजट – कुलभूषण गोयल

  • शहर की डेवलपमेंट पर खर्च होंगे 103 करोड़ रुपये

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, पंचकूला  –  6 फरवरी :

नगर निगम पंचकूला की बजट बैठक 15 फरवरी को किसान भवन सेक्टर 15 पंचकूला में होगी। नगर निगम पंचकूला द्वारा अब तक का सर्वाधिक बजट पेश किया जाएगा। नगर निगम पंचकूला इस बार 242 करोड़ रुपये का बजट पेश करने जा रहा है। पिछले साल यह बजट 157 करोड़ रुपये था। इस बार खर्च के मुकाबले आय 25 करोड़ रुपये अधिक रहने की संभावना जताई जा रही है। पंचकूला के महापौर कुलभूषण गोयल ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में बताया कि नगर निगम का बजट लगातार बढ़ रहा है। विभिन्न संसाधनों से नगर निगम को अच्छी आय हो रही है, जिसके चलते शहर में डेवलपमेंट पर भी अधिक पैसा खर्च किया जाएगा। शहर में विकास कार्यों के लिए पैसे की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। शहर की डवलपमेंट पर 103 करोड़ रुपये खर्च होंगे।


कुलभूषण गोयल ने बताया कि नगर निगम को विभिन्न आय स्रोतों में प्रापर्टी टैक्स से 25 करोड़ रुपये, स्टांप ड्यूटी से 35 करोड़, तहबाजारी से एक करोड़ रुपये, डेवलपमेंट चार्ज एक करोड़ रुपये रोड कट रिचार्ज 3 करोड़ रुपये पार्कों की बुकिंग से डेढ़ करोड़ रुपये, विज्ञापनों से 10 करोड़ रुपये, टावर फीस से 15 करोड़ रुपये मोबाइल लाइंस से 15 करोड़ रुपये, नगर निगम की विभिन्न जमीनों को बेचने से 10 करोड़ रुपये, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से शेयर के रूप में 25 करोड़ रुपये, खड़े पेड़/सरकंडा बेचने से एक करोड़ रुपये, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट (डोर टू डोर) से एक करोड़ रुपये, पेड पार्किंग फीस से 1 करोड़ 17 लाख रुपये, एससीएफ से 60 करोड़ रुपये और सीएफसी से 15 करोड़ रुपये आने की संभावना है।


महापौर कुलभूषण गोयल ने बताया कि खर्च का विवरण देते हुए बताया कि इस्टैब्लिशमेंट पर 54 करोड़ 40 लाख रुपये खर्च होंगे। शहर में साफ सफाई के लिए सबसे अधिक बजट रखा गया है। कूड़े को घर से उठाने, लिफ्टिंग और डायरेक्शन पर  36 करोड़ 30 लाख रुपये, नगर निगम कार्यालय की नई बिल्डिंग के लिए 10 करोड़ रुपये, मीट मार्केट कंस्ट्रक्शन और रिपेयर के लिए 1 करोड़ रुपये, स्ट्रीट लाइट बिल कंटीजेंसी साढ़े चार करोड़ रुपये, नगर निगम कर्मचारियों के मकानों की रिपेयर पर 50 लाख रुपये, सामुदायिक केंद्र और धर्मशाला की कंस्ट्रक्शन और रिपेयर पर 15 करोड़ रुपये, श्मशान घाटों की डेवलपमेंट के लिए 2 करोड़ रुपए, स्ट्रीट लाइट्स के मेंटेनेंस के लिए 2 करोड़ रुपये नई मशीनरी खरीदने के लिए 3 करोड़ रुपये, शहर से दूध की डेयरियों को शिफ्ट करने के लिए एक करोड रुपये, लाइब्रेरी रिपेयर और निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपये, शहर में सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉलेशन परचेज और मेंटेनेंस के लिए 1 करोड़ रुपये, बागवानी विभाग वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 3 करोड़ रुपये, रोड स्वीपिंग मशीन के लिए 2 करोड़ रुपये, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए 50 लाख खर्च किए जाएंगे।

सन्त शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी की बाणी सर्वसमाज के लिए अनुकरणीय : श्याम सुंदर बतरा 

 सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 06 फरवरी :

                        श्री गुरु रविदास जी के 646 वें प्रकाश पर्व पर बलाचौर, कनालसी , दादुपुर, फतेहगढ़ , माली माजरा , मेहरमाजरा, , शेखुपुर की टापरियाँ आदि गाँव मे  हाजरी लगाई कोर्डिनेटर जिला काँग्रेस कमेटी एवं पूर्व चेयरमैन जिला परिषद यमुनानगर  श्याम सुन्दर बतरा द्वारा लगाई गई।

                        बतरा ने कहा कि श्री गुरु रविदास जी महाराज जी के विचार और उनकी बाणी सर्वसमाज के लिए शिक्षा प्रदान करते हैं श्री गुरु रविदास सर्वसमाज के सन्त थे उन्होंने सारे  समाज को समानता और समरस्ता का संदेश दिया । उनके उपदेश और बाणी को गुरु ग्रन्थ साहिब में स्थान मिला और उन्हें सन्त शिरोमणि कहा जाता है उन्होंने कहा सन्तजनों के उपदेश समाज का मार्गदर्शन करते हैं सन्तजनों हमेशा समाज को प्यार  और इंसानियत और आपसी भाईचारे का संदेश दिया और खास तौर पर श्री गुरु रविदास जी महाराज ने सर्वसमाज के भले की बात कही और कहा तभी गुरु रविदास प्रसन्न रह सकते हैं  । सबको आपसी ईर्ष्या द्वेष को भुलाकर आपसी भाईचारे और प्रेम से रहकर ही सबका भला हो सकता है । 

                        इस मौके पर गाँव के लोगों ने उनका स्वागत किया और गाँव के सभी लोगों द्वारा श्री गुरु रविदास जी महाराज का प्रकाश पर्व पूरी धूमधाम और उत्साह से भव्य तरीके से मनाया गया । श्री बतरा ने मन्दिर कमेटी के प्रधान और सदस्यों और गाँव वासियों का गुरु महाराज की हजारी लगाने का मौका देने के लिए हृदय से धन्यवाद किया ।

                        इस मौके पर सदस्य जिला परिषद वार्ड नं 7 श्रीमती भानू बतरा,आकाश बतरा युवा कांग्रेस नेता , अशोक कुमार पूर्व जिला परिषद सदस्य , पूरनचंद,मनप्रीत सिंह लवली , बालक राम नंबरदार, विजय , फूलचंद , रोशन आदि मौजूद रहे।

आम आदमी पार्टी जिला यमुनानंगर ने द्वार-जनसेवादर कार्यक्रम की शुरुआत : सुशील जैन

 सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 06 फरवरी :

                        हर सोमवार आपके द्वार-जनसेवादार” जिसकी शुरुआत आप नेता सुशील जैन व पार्टी के सक्रिय साथियो ने नगर निगम कार्यालय के बाहर आज “समस्या समाधान कैम्प” लगा कर की, जिसमे देखने मे आया कि आम जनमानस को परिवार पहचान पत्र व प्रोपर्टी आई. डी. के नाम पर बहुत परेशान किया जा रहा है जिसमे मजदूरी करने वाले व्यक्ति की आमदनी ढाई से 5 लाख दिखा कर व किसी गरीब का पेशा गलत दिखा कर उनकी आमदन ज्यादा दिखा कर उनके राशन कार्ड व पेंशन तक काट दिए गए हैं जिसके लिए गरीब व्यक्ति दर दर भटकने के लिए मजबूर हैं।

                        इस अवसर जानकारी देते हुए पूर्व संगठन मंत्री दिलीप दड़वा व आप नेता बहन रुक्मणि कश्यप ने बताया कि इसके अलावा आम जनता की प्रॉपर्टी आई. डी. बनाने में बहुत ज्यादा त्रुटियां देखने मे आ रही है जिसे ठीक करवाने के चक्कर मे आम आदमी को अपना काम काज छोड़ कर निगम के चककर लगाने पड़ रहे हैं जो कि अन्याय है । आप नेता विशाल अत्तरी ने कहा कि इस सब के लिये भाजपा सरकार जिम्मेदार है।

                        जनता की इन सभी समस्याओं को देखते हुए पूर्व प्रवक्ता कुलविंदर राणा ने आज भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द ही इन समस्याओं का संज्ञान नहीं लिया गया और समस्या निदान करने की समय सीमा निश्चित नही की गई तो आम आदमी पार्टी इसके खिलाफ सड़को पर उतर कर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी।

                        आज के समस्या निदान कैम्प में बोलते हुए सुशील जैन ने सरकार को चेताते हुए कहा कि सरकार अपने अफसरों पर लगाम कसे व आम जनता का काम समय सीमा में कर उनके समय पैसे को खराब होने से बचाये नही तो आने वाले चुनाव में जनता इनको सबक सिखाने के लिये तैयार है।

चंद्रमोहन की अगवाई मै जीवन बीमा निगम एवं भारतीय स्टेट बैंक सेक्टर 5 के कार्यालयों के सामने  रोष मार्च व  विरोध प्रदर्शन किया

डेमोक्रेटिक फ्रंट समवाददाता, पचकुला – 06 फरवरी :

विधायक व कांग्रेस के ज़िला पचकुलां प्रभारी  वरुण मोलना की मोजुदगी व पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन जी की अगवाई मै जीवन बीमा निगम एवं भारतीय स्टेट बैंक सेक्टर 5 के कार्यालयों के सामने  रोष मार्च व  विरोध प्रदर्शन किया


कांग्रेस के ज़िला पचकुलां के प्रभारी व विधायक वरुण मौलाना ने कहा  केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा अपने करीबी दोस्तों और चुनिंदा अरबपतियों को फायदा पहुंचाने की नीतियों से पूरा देश, खासकर मध्यम वर्ग चिंतित है। मोदी सरकार द्वारा अडानी समूह में एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकारी संस्थानों के बेहद जोखिम भरे लेनदेन और निवेश ने भारत के निवेशकों (एलआईसी के 29 करोड़ पॉलिसी धारकों और एसबीआई के 45 करोड़ खाताधारकों) पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने कहा हम जानते हैं कि एलआईसी और एसबीआई जैसे पीएसयू हमारे देश का गौरव हैं और करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई से बने हैं। अपने सबसे अच्छे दोस्त की मदद करने के इरादे से मोदी सरकार ने जबरदस्ती एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अडानी समूह में निवेश किया है जिससे पिछले कुछ दिनों में एलआईसी के 39 करोड़ पॉलिसीधारकों और निवेशकों को 33,060 करोड़ का नुकसान हुआ है। भारतीय स्टेट बैंक और अन्य भारतीय बैंकों ने अडानी समूह को भारी मात्रा में ऋण दिया है और अडानी समूह पर भारतीय बैंकों का लगभग 80,000 करोड़ बकाया है।

भाई चन्द्रमोहन ने कहा कांग्रेस  पार्टी कभी भी किसी खास भारतीय कॉर्पोरेट घराने के खिलाफ नहीं रही है। हम चुनिंदा अरबपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए नियम बदलने के विचार के खिलाफ हैं। हम हमेशा गरीब और आम आदमी के साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे। कांग्रेस पार्टी एलआईसी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा बाजार मूल्य खोने वाली कंपनियों में करोड़ों भारतीयों की गाढ़ी कमाई को खतरे में डालने के मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए संसद में लड़ रही है। कांग्रेस पार्टी ने इस सबके खिलाफ जमीनी स्तर पर आंदोलन करने का फैसला किया है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने सरकार से यह दो माँगे रखी

1.             सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के द्वारा हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट पर विस्तार से एक निष्पक्ष जांच कारवाई जाए।
2.             एलआईसी, एसबीआई और अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के अडानी समूह में किए गए जबरदस्त निवेश पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए और निवेशकों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।
इस अवसर पर कई बड़े कांग्रेस नेता उपस्थित थे पूर्व प्रधान सिटी कांग्रेस व पूर्व पार्षद आर के कक्कड़,कांग्रेस की टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ चुकी व पूर्व मेयर मनवीर कौर गिल, हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्षा सुधा भरद्वाज, पूर्व चेयरमैन विजय बंसल, राजनीतिक सचिव चन्द्रमोहन हेमंत किंगर,हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पवन जैन,पार्षद पंकज, पार्षद अकक्षदीप चोधरी,प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका सिंह हुड्डा,धार्मिक समाजिक व राजनीतिक वरिष्ठ कांग्रेस नेता विजय धीर , प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संजीव भरद्वाज,कांग्रेस पार्षद पद के उम्मीदवार रहै नवीन बंसल,ज़िला महिला कांग्रेस की अध्यक्षा सुषमा खन्ना,पूर्व ज़िला अध्यक्ष युथ कांग्रेस आदर्श यादव जैलदार,राष्ट्रीय मज़दूर कांग्रेस (इटकं ) के  ज़िला अध्यक्ष ओम शुक्ला ,सुनील सरोहा जिला उपाध्यक्ष, युवा कांग्रेस , कांग्रेस नेता अंकुर गुलाटी, पूर्व ब्लॉक कोंग्रेस अध्यक्ष पिजोर, इंद्रवीर सिंह,अमरिंदर धीमान (राजू)इंटक जिला उपाध्यक्ष,कांग्रेस नेता राहुल खड्ग मगोली,राज कुमार सैनी पूर्व सरपंच व ज़िला कांग्रेस प्रधान ( ओबीसी सैल)अभिषेक सैनी,पूर्व उपाध्यक्ष ज़िला पचकुलां कांग्रेस कमेटी अनुप सिंह,ब्रिज भूषण,विवेक,सोमपल प्रधान कालोनी,राजेश कथुरीया, अंकुश निषाद, अनील चौहान,
पुषपा, परमल , मनजीत, राजेश कुमार , हरी राम , व अन्य भी उपस्थित थे

देश को नई दिशा देने का काम करेगा बजट : संदीप गोयल

मुनीश सलूजा , डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार/ उकलाना – 04 फरवरी :

                        केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया  आम बजट देश को नई दिशा देने का काम करेगा। यह सबका साथ, सबका प्रयास, सबका विश्वास, सबको साथ लेकर चलने वाला बजट है।

                        यह बात आज भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष संदीप गोयल ने एक बयान जारी कर कही। बयान में  उन्होंने कहा कि यह बजट रोजागारोन्मुख, मध्यम वर्ग के लिए राहतकारी, गरीबों के उत्थान के लिए शानदार साबित होगा। उन्होंने कहा कि बजट में आयकर छूट सीमा सात लाख रुपये करके कर्मचारी वर्ग और छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत देने का काम किया गया है।

                        उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने अपने भाषण में पीएम कौशल विकास योजना का ही 4.0 वर्जन लॉन्च करने की बात कही है और दूसरी ओर युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौकरियों के लिए तैयार करने के लिए अलग-अलग राज्य में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोले जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पीएम कौशल विकास योजना 4.0 के तहत युवाओं को ऑन जॉब ट्रेनिंग मिलेगी।

                        यूनिफाइड स्किल इंडिया डिजिटल प्रोग्राम के तहत अलग-अलग राज्यों में 30 स्किल इंडिया सेंटर खोले जाएंगे।

उन्होंने कहा कि 47 लाख युवाओं को सपोर्ट देने के लिए पैन इंडिया नेशनल एप्रेंटिसशिप स्कीम शुरू की जाएगी, जिसके तहत 3 साल तक स्टाइपेंड/भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा अलावा ट्राइब्स के लिए भी रोजगार देने की बात कही गई है। जिसमें 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति की जाएंगी।

                        जिलाध्यक्ष संदीप गोयल ने कहा कि 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे, जिनमें टीचिंग स्टाफ और सपोर्टिंग स्टाफ की भर्ती होगी। कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने वालों की मदद के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा। केंद्र सरकार ने मत्स्य संपदा की नई सबस्कीम में 6000 करोड़ का निवेश होगा, जिससे नए रोजगार बनेंगे। 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर खोले जाएंगे। इनमें भी अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। संदीप गोयल ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत आम बजट 2023 पूरी तरह से युवाओं को मध्यम के लिए मास्टर स्ट्रोक का काम करेगा।

हरियाणा सरकार द्वारा जगाधरी की नई अनाजमण्डी में मनाई गुरू रविदास जी की 646वीं जंयती, हजारों की संख्या में पंहुचे श्रद्घालु

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 03 जनवरी :

                        श्री रविदास विश्व महापीठ के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष एंव पूर्व राज्यसभा सांसद दुष्यंत गौतम ने संत शिरोमणि गुरू रविदास जी महाराज की 646वीं जयंती के अवसर पर कहा कि देश व प्रदेश की सरकार संत शिरोमणि गुरू रविदास जी के पद चिन्हों पर चल रही है। संत शिरोमणि गुरू रविदास जी महाराज जी ने अपनी वाणी में कहा था च्च्ऐसा चॉहू राज मै, मिले सभी को अन्न, कोई भूखा न सोए, रहे रविदास प्रसन्नज्ज् इसी संदेश को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चरितार्थ कर रहे है। सांसद दुष्यंत गौतम शुक्रवार को नई अनाजमण्डी जगाधरी में हरियाणा सरकार द्वारा महापुरूष सम्मान योजना के तहत आयोजित संत शिरोमणि गुरू रविदास जी महाराज की 646वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में सबसे पहले उन्होंने संत रविदास जी महाराज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया व उपस्थित जनसमूह को इस पावन अवसर पर बधाई दी। उन्होंने उपस्थित संतों को शॉल भेट कर सम्मानित किया। 

                        उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संतों एवं महापुरूषों के जन्मदिवसों को मना कर सामाजिक समरसता का काम किया है। आज पूरा हरियाणा रविदासमय बन गया है। पूरे प्रदेश में तीन स्थानों- गुरूग्राम, नरवाना व जगाधरी में गुरू रविदास जी महाराज की जयंती पर समारोह आयोजित किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि गुरू रविदास जी महाराज ने कहा था कि कोई भी व्यक्ति जाति से छोटा-बड़ा नही होता बल्कि कार्यो से उसकी पहचान होती है।

                        उन्होंने कहा कि गुरू रविदास जीवन पर्यंत सामाजिक बुराईयों से संघर्ष करते रहे और उन्होंने समरसता के कई चमत्कार दिखाए। उन्होंने कहा कि भगवान और इंसान एक ही है और उन्होंने इसे मन चंगा तो कटौती में गंगा कह कर सिद्घ भी किया है।पूर्व राज्य सभा सांसद ने कहा कि वर्तमान केन्द्र व हरियाणा सरकार भारत के संविधान के अनुरूप कार्य कर रही है। देश के निर्माण में बाबा साहेब का विशेष योगदान है जिसको वर्तमान सरकार ने फलीभूत किया है। इससे पहले की सरकारे संविधान के अनुसार काम नही करती थी जिससे गरीबों को रोटी तक का मोहताज रहना पड़ता था। परंतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 80 करोड़ लोगों को मुसीबत के समय कोरोना काल में मुफ्त राशन देकर अपने दायित्व को निभाया है। ईलाज से कोई गरीब न मरे इसके लिए प्रधानमंत्री ने आयुष्मान योजना चलाई है और इस योजना को गति देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा में चिरायु स्वास्थ्य योजना लागू की है जिससे 29 लाख जरूरतमंद को इसका लाभ मिलेगा।

                        उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बनारस में गुरू श्री रविदास मंदिर के नवनिर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि दी है व 30 एकड़ में गुरू रविदास उपवन बन रहा है। उन्होंने कहा कि श्रद्घालुओं के लिए जालंधर से गुरू रविदास जन्म स्थली बनारस के लिए प्रतिदिन दो विशेष ट्रेने चलाई जा रही है।उन्होंने कहा कि डॉ. भीम राव अम्बेडकर वर्तमान भारत के निर्माता थे व वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा नागपुर में 13 एकड़ में डॉ. भीम राव अम्बेडकर संग्रहालय बनाया जा रहा है और यही पर उनकी 10 एकड़ भूमि पर समाधि बनाई जा रही है। जबकि पिछली सरकारों ने उनकी यादों को समेटने के लिए कोई ठोस कदम नही उठाए है।

                        उन्होंने कहा कि डॉ. भीम राव अम्बेडकर गरीबों को रोटी मांगने वाला नही बल्कि रोटी देने वाला बनाना चाहते थे और उनकी सोच गरीबों, दलितो व पिछड़ों को समाज की मुख्यधारा में जोडऩे की थी। यही कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने शासन में कर रहे है। इस मौके पर कार्यक्रम के संयोजक सांसद रतन लाल कटारिया ने संत शिरोमणि गुरू रविदास जी महाराज को नमन किया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार संत गुरू रविदास जी के सामाजिक समरसता के संदेश को लेकर हिन्दुसतान के कोने-कोने में जा रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्रिय सरकार ने 81 करोड़ 37 लाख लोगों के लिए बजट में अनाज का प्रावधान किया है और कोविड के दौरान भुखमरी से भारत में किसी व्यक्ति ने अपनी जान नही गवाई है यह प्रधान मंत्री की सोच है तथा उन्होंने इस बजट में 45 लाख करोड़ का बजट गरीबों की भलाई के लिए रखा है।

                        उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में सरकार गुरू रविदास जी महाराज व डॉ. भीम राव अम्बेडकर के संविधान में सामाजिक समरसता के सिद्घांत पर चल रही है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को श्री गुरू रविदास जी महाराज के जन्म दिवस की बधाई दी।हरियाणा के शिक्षामंत्री कंवरपाल ने कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए कहा कि देश की पहचान संतो से है और समाज में संतों को विशेष प्रतिष्ठïा प्राप्त है। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष में धर्म निष्पेक्षता महापुरूषों की वजह  से कायम है। उन्होंने कहा कि हम सभी समान है और गुरू रविदास जी ने यह सिद्घ करके भी दिखाया है। उन्होंने कहा कि हमें संतो एव महापुरूषों के दिखाए रास्ते पर चलना होगा व सबको समान समझना होगा।

                        उन्होंने कहा कि संत रविदास जी महाराज द्वारा दिए गए समरसता के संदेश पर केंद्र व हरियाणा सरकार चल रही है व गरीबों के लिए अन्न और स्वास्थ्य रक्षा की योजनाएं शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हर व्यक्ति को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने का निर्णय लिया है। इसके लिए उनके द्वारा एक लाख 80 हजार रुपये से कम आय वाले लोगों के करीब 29 लाख पीले कार्ड बना कर घर भेजे जा रहे है व एक लाख रुपये से कम आमदन वाले परिवारों को पहले चरण में कौशल विकास योजना के तहत रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डॉ. भीम राव अम्बेडकर धारा 370 के पक्ष में नही थे जब इसे लागू किया गया उन्होंने इसका जमकर विरोध किया था। यह धारा हमारे देश को तोडऩे की एक साजिश थी। बाबा साहेब के सपने को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धारा 370 को हटा कर साकार किया है। इससे देश और मजबूत होगा। उन्होंने स्पष्टï किया कि संतो व महापुरूषों के दिखाए गए रास्ते पर चलकर हम देश को विकास पथ पर आगे ले जा सकते है।

                        विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि संत रविदास जी महाराज का लगभग 625 वर्ष पहले समता, समानता, समन्वय व आपसी भाईचारे का संदेश आज भी सार्थक है। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी महाराज कर्मयोगी थे और वह कर्म को प्रधान मानते थे किसी भी कार्य को छोटा-बड़ा नही मानते थे। उन्होंनेे भक्ति आंदोलन में समाज को नई जागृति देने का काम किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संतो, ऋषियों व महापुरूषों का जन्मदिन मनाने का जो अहम निर्णय लिया है उससे युवाओं को प्रेरणा मिल रही है। इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक एवं कार्यक्रम के सह संयोजक चौ. बलवंत सिहं ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया। मंच का संचालन वरिष्ठï भाजपा नेता अरूण कुमार ने किया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग ढोल नगाड़े के साथ पंहुचे। 

                        कार्यक्रम में करनाल के सांसद संजय भाटिया, कुरूक्षेत्र के सांसद नायब सैनी, नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर, भाजपा प्रदेश महामंत्री अमरनाथ सौदा, पूर्व विधायक एवं कार्यक्रम के सह संयोजक पवन सैनी, जितेन्द्र चौधरी, पूर्व विधायक ईश्वर पलाका, पूर्व विधायक अनिल धंतोड़ी,भाजपा की वरिष्ठï कार्यकर्ता बंतो कटारिया, भाजपा नेता सोमनाथ नम्बरदार ने भी संत शिरोमणि गुरू रविदास जी महाराज को नमन किया व अपने विचार रखे तथा गुरू रविदास जी महाराज को महान समाज सुधारक बताया। इस अवसर पर उपायुक्त राहुल हुड्डïा, अतिरिक्त उपायुक्त आयुष सिंहा, सीटीएम अशोक कुमार, ईओ हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण अजय जांगड़ा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

                        इस कार्यक्रम में यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, अम्बाला शहर के विधायक असीम गोयल, थानेसर के विधायक सुभाष सुधा, इंद्री के विधायक राम कुमार कश्यप,जिला परिषद के चेयरमैन रमेश ठसका,पूर्व मंत्री कर्णदेव काम्बोज, पूर्व विधायक राजबीर बराड़ा, लतिका शर्मा, चेयरमैन धर्मबीर मिर्जापुर, पूर्व सांसद कैलाशो सैनी, हरियाणा समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्षा रोजी आनंद मलिक, हरियाणा व्यपारी कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रामनिवास गर्ग, भाजपा के अुनसूचित जाति मोर्चा के सचिव रामपाल पाली, नगर परिषद सढौरा की अध्यक्षा शालीनी शर्मा, भाजपा के जिलाध्यक्ष राजेश सपरा, करनाल भाजपा जिलाध्यक्ष योगेन्द्र राणा, महामंत्री कृष्ण सिंगला, जिला मीडिया प्रभारी कपिल मनिष गर्ग, भाजपा जिला एससी सैल के जिलाध्यक्ष धर्मपाल मट्टïू,भाजपा नेता अरूण भान, दाता राम, डॉ ऋषि पाल सैनी, विपुल गर्ग, देवेन्द्र चावला, कर्मचंद रटोली, नरेन्द्र राणा, गौरव बेदी, सीनीयर डिप्टी मेयर प्रवीण शर्मा पिन्नी, डिप्टी मेयर रानी कालड़ा सहित चार जिलों अम्बाला, पंचकूला, कुरूक्षेत्र व यमुनानगर से भारी संख्या में श्रद्घालुजन उपस्थित थे जिन्होंने संत शिरोमणि गुरू रविदास जी महाराज के चरणों में नमन किया व लंगर चखा।