ED probes Congress leader Kamal Nath’s nephew in AW chopper case

04 Apr 2019

  • While Ratul Puri denied involvement in AgustaWestland case, the Congress blamed BJP for misusing probe agencies
  • Ratul Puri was summoned by ED after he was named by Dubai-based businessman Rajeev Saxena and Sushen Mohan Gupta, alleged middleman in the chopper scam

New Delhi: The Enforcement Directorate (ED) on Thursday summoned Hindustan Power Projects Pvt. Ltd chairman Ratul Puri in the AgustaWestland chopper scam case.

With Puri being the nephew of Madhya Pradesh chief minister and senior Congress leader Kamal Nath, the move could hand the ruling National Democratic Alliance (NDA) a potential tool to target the opposition ahead of the general elections.

A person familiar with the developments said requesting anonymity that Dubai-based businessman Rajeev Saxena, who turned approver last week, has allegedly named Puri in connection with the case.

The person said the ED, which has intensified its investigation in the case, is now trying to “piece together all the information on the basis of investigations” and allegations that Puri had a role in the channelling of kickbacks.

Puri was summoned by the probe agency after he was named by Saxena and Sushen Mohan Gupta, another alleged middleman in the chopper scam. While Puri told reporters in New Delhi that he had no “connections with any defence deals or to my relatives,” the Congress blamed the Bharatiya Janata Party for misusing investigation agencies.

“Since 2016, the BJP cries about Agusta everyday. Since the last 4.5 years, the BJP, its ED and Central Bureau of Investigation (CBI) have not found any evidence against any Congress leader,” said party spokesperson Jaiveer Shergill.

Hindustan Power also issued a denial. “Ratul Puri issues a categorical denial of having any connection or involvement of any kind in defence, in the AgustaWestland case. He would be fully cooperating with the ED investigation and provide any clarification or information as may be required.”

The ED on Thursday also filed a supplementary charge sheet, contents of which have not been made public, against alleged middleman Christian Michel. The agency has also named Michel’s partner David Syms, as an accused in the case. The charge sheet was filed before special judge Arvind Kumar of the Patiala house court.

पाकिस्तान ने इंडियन टी20 लीग के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है

चोरी और सीनाजोरी पाकिस्तान की पुरानी रिवायत है। पाकिस्तान आज भारत के ढर्रे पर ही चल निकला है। हर तरफ से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने अपने देश में IPL के प्रसारण पर रोक लगा दी है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने मंगलवार को देश में इंडियन टी20 लीग (आईपीएल) के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया. पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान में खेल को ‘नुकसान पहुंचाने के लिए संगठित प्रयास’ किया है. 

फवाद चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कहर कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि भारत ने पाकिस्तान क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने का कोई मौका नहीं छोड़ा है. चौधरी ने कहा, ‘भारत ने पाकिस्तान में क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने का संगठित प्रयास किया है और यह हमारे यहां भारत के घरेलू टूर्नामेंट का प्रचार करने की स्वीकृति देने का कोई मतलब नहीं है.’ 

उन्होंने साथ ही कहा कि पाकिस्तान में लीग और क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने के लिए भारतीय आधिकारिक प्रसारणकर्ता पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के चौथे सत्र के प्रसारण से टूर्नामेंट के बीच में पीछे हट गया था. भारत में पीएसएल के आधिकारिक प्रसारणकर्ता डीस्पोर्ट ने सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत के बाद पुलवामा हमले (Pulwama Attack) के विरोध में टूर्नामेंट की कवरेज रोक दी थी. भारतीय कंपनी आईएमजी रिलायंस भी दुनिया भर में पीएसएल की टीवी कवरेज करने के करार से पीछे हट गई थी. इसके बाद इस टी20 लीग को टूर्नामेंट के बीच में नई प्रोडक्शन कंपनी ढूंढनी पड़ी थी. 

फवाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान इलेक्ट्रानिक मीडिया नियामक प्राधिकरण सुनिश्चित करेगा कि आईपीएल (IPL) के किसी मैच का पाकिस्तान में प्रसारण नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार का मानना है कि खेल और संस्कृति का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए लेकिन भारत ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों और कलाकारों के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया है.  पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से पहले भी आईपीएल को बैन करने की बात कही गई थी. लेकिन यह पहला मौका है, जब प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने यह फैसला लिया है. 

भारतीय विमानों ने पाकिस्तान के दु:साहस पर पानी फेरा

चीन की शाह पर पाकिस्तान दु:sआहस दिखने की कोशिश में है। चीन द्वारा प्राप्त ड्रोन का उस पर इस्तेमाल न करने का कोई उत्तरदायित्व नहीं है। चीन पाकिस्तान को भारत में उकसावे के लिए प्रयोग कर रहा है। F-16 का भारतीय सीमा के नजदीक उड़ान भरना द्योतक है की अमेरिका भी पाकिस्तान के छ्द्म युद्ध में उसका परोक्ष रूप से साथ दे रहा है।

नई दिल्‍ली: भारत और पाकिस्‍तान के बीच चल रहे तनाव के बीच सीमा पर पाक की ओर से तनाव बढ़ाने की कोशिशें जारी हैं. हालांकि भारतीय सेना उसका जवाब उसी ढंग से दे रही है. अब रिपोर्ट सामने आई है कि पाकिस्‍तान की ओर से सोमवार को सीमा के पास बड़ी संख्‍या में ड्रोन और 4 एफ 16 लड़ाकू विमान भेजे गए. लेकिन इन्‍हें भारत के राडार ने पकड़ लिया. इसके बाद भारतीय लड़ाकू विमानों ने इन्‍हें पाकिस्‍तान की ओर खदेड़ दिया.

भारतीय वायुसेना ने सोमवार को पंजाब के खेमकरण सेक्टर में भारत-पाकिस्तान सीमा के समीप एक पाकिस्तानी ड्रोन नजर आने के बाद वहां सुखोई -30 लड़ाकू जेट विमानों को लगा दिया. इस घटना के बाद सीमा के समीप दो पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमान भी देखे गये.

सूत्रों ने बताया कि सीमा पर मानवरहित यान के उड़ते हुए नजर आने के शीघ्र बाद सुखोई -30 एमकेआई जेट विमान तैनात कर दिए गए. जेट के हरकत में आने के बाद ड्रोन पाकिस्तानी क्षेत्र में लौट गया. यह घटना दिन में तीन बजकर 10 मिनट पर हुई. बालाकोट हवाई हमले के बाद पिछले चार हफ्ते में विभिन्न क्षेत्रों में पाकिस्तानी ड्रोनों के भारत-पाकिस्तान सीमा के बिल्कुल करीब आ जाने की कई घटनाएं सामने आयी हैं.

पिछले महीने एक मानवरहित यान राजस्थान के गंगानगर में घुस आया था जिसे सेना ने मार गिराया. पिछले महीने ही भारत-पाक सीमा के बीकानेर सेक्टर में भारतीय वायुसेना के सुखोई -30 लड़ाकू जेट ने हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल की मदद से पाकिस्तानी सैन्य ड्रोन को नष्ट कर दिया था.

पाकिस्तान के बालाकोट में 26 फरवरी को जैश ए मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर भारतीय वायुसेना के जंगी विमानों द्वारा बमबारी करने के बाद दोनों देशों में तनाव बहुत बढ़ गया था. पाकिस्तान ने अगले दिन भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी लेकिन भारतीय वायुसेना ने उसकी योजना नाकाम कर दी थी.

बालाकोट हवाई हमले से 12 दिन पहले कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. जैश ए मोहम्मद ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी.

अलगाववादी संगठनों पर कसा शिकंजा

नई दिल्‍ली: 

आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए मोदी सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला किया. केंद्र सरकार ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक के संगठन JKLF (जम्‍मू कश्‍मीर लिबरेशन फ्रंट) पर प्रतिबंध लगा दिया है. कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक में ये फैसला किया गया. सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत ये कार्रवाई की है.

यासीन मलिक पर आरोप है कि 1994 से भारत विरोधी गति‍विधियां चलाते थे. वह देश के पासपोर्ट पर पाकिस्‍तान जाते और वहां पर देश विरोधी गतिविधि‍यों में लिप्‍त रहते थे.  इससे पहले मोदी सरकार ने जमाते इस्‍लामी पर भी प्रति‍बंध लगाया था. बैन लगाने के बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में गृह सचिव ने कहा, जेकेएलएफ देश की सुरक्षा के लिए खतरा है.  उन्होंने बताया कि संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया गया है। इसके प्रमुख यासीन मलिक गिरफ्तार हैं और फिलहाल वह जम्मू की कोट बलवल जेल में बंद हैं.

1988 से हिंसा में शामिल
सरकार ने इस पर बैन लगाते हुए कहा है कि ये संगठन घाटी में 1988 से हिंसा में शामिल है. गृह सचिव के अनुसार, कश्‍मीरी पंडितों को घाटी से भगाने का मास्‍टर माइंड यासीन मलिक ही है. उसका संगठन कश्‍मीर में पत्‍थरबाजों को पैसे देता है. वह इसके लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग करता है.

पूरी घाटी में तिरंगे का विरोध करते थे
यासीन मलिक की गिनती उन अलगाववादी नेताओं में होती है, जो घाटी में भारत विरोधी गत‍िव‍िधियों को हवा देते हैं. वह घाटी में त‍िरंगा के खि‍लाफ अभियान चलाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यासीन मलिक जैसे नेताओं पर बहुत पहले बैन लगाया जाना चाहिए था. लेकिन ये बहुत देर में हुआ है. यासीन मल‍िक को सरकार ने करोड़ों रुपए देकर पाला है.

जमात ए इस्‍लामी को कि‍या था बैन
28 फरवरी को केंद्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी (JIA) पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि जम्‍मू कश्‍मीर के राजनीतिक दल इस पर बैन हटाने की मांग लगातार कर रहे हैं. गृह मंत्रालय की कार्रवाई में जेईआइ के प्रमुख हामिद फैयाज सहित 350 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. केंद्र के निर्देश पर अलगाववादी संगठनों और उनके नेताओं पर कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्तियां भी जब्त कर लीं या सील कर दीं.

हुरियत नेता गिलानी पर कसा शिकंजा, फेमा के तहत मामला दर्ज
हुरियत कान्फ्रेंस नेता सैयद अली शाह गिलानी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कसा है. ईडी ने शुक्रवार को बताया कि गिलानी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत आरोपित किया गया है. ईडी निदेशक संजय मिश्रा ने कहा कि गिलानी के जम्मू-कश्मीर स्थित घर से बिना हिसाब-किताब की विदेशी मुद्रा जब्त करने के बाद उन पर 14.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.

29 मार्च तक नीरव जाईल में, जमानत रद्द

साभार : NEWS18

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लंदन की अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने नीरव को 29 मार्च तक लंदन पुलिस की हिरासत में भेज दिया है. जज ने अपने आदेश में कहा कि यह मामला मोटी रकम की जालसाजी से जुड़ा हुआ है और आरोपी के भागने का भी डर है.

नीरव ने जमानत याचिका दायर कर कहा था कि उसके पास बचाव में कई दलीलें हैं. उसने पांच लाख पाउंड सिक्‍योरिटी जमानत के रूप में देने का प्रस्‍ताव रखा. लेकिन कोर्ट ने इस नामंजूर कर दिया और जमानत याचिका खारिज की दी. नीरव मोदी को मंगलवार को लंदन पुलिस ने भारतीय अधिकारियों के निर्देश पर गिरफ्तार किया था.

सीबीआई नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए लगातार कोशिश में लगी हुई है.

बता दें कि नीरव मोदी मंगलवार को लंदन की सड़कों पर आराम से टहलता दिखा था. NEWS18 की टीम ने नीरव मोदी को लंदन की ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट पर खुलेआम टहलते हुए देखा. इस दौरान NEWS18 ने नीरव मोदी से एक के बाद एक कई सवाल पूछे, लेकिन उसने किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया.

पिछले हफ्ते  प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नई चार्जशीट दाखिल की थी. भारतीय एजेंसियों ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए पिछले साल से ही यूके सरकार के पास अर्जी दे रखी है. प्रत्यर्पण की अर्जी मिलने की पुष्टि यूके सरकार ने भी की है. वहां की सरकार ने शनिवार को यह भी बताया था कि भारतीय एजेंसियों की मांग को कोर्ट को रेफर कर दिया गया है.

खबर यह भी थी कि नीरव मोदी लंदन के 80 लाख पाउंड (करीब 70 करोड़ रुपये) के आलीशान अपार्टमेंट में रह रहा था और सोहो में हीरे का नया कारोबार भी शुरू किया है.

अधिक पासपोर्ट के कारण नीरव मोदी की मुसीबतें बढ़ी

लंदन: भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी के पास तीन पासपोर्ट हैं. लंदन पुलिस की गिरफ्तारी के बाद जब उसे शहर के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, तब उसके पास तीन पासपोर्ट होने का पता चला. लंदन पुलिस (स्काटलैंड यार्ड) ने भारतीय जांच एजेंसियों की तरफ से कारोबारी को गिरफ्तार किया है. नीरव मोदी के वकीलों की टीम की अगुवाई कर रहे जार्ज हेपबर्न स्काट ने अदालत से जमानत के लिये आग्रह करते समय कई यात्रा दस्तावेज होने की बात कही. जमानत अर्जी को जिला न्यायाधीश मारी मैलोन ने खारिज कर दिया.

भारतीय एजेंसियों ने 48 वर्षीय हीरा कारोबारी का पासपोर्ट को रद्द कर दिया था. उसके पास जो पासपोर्ट हैं, उसमें एक अब मेट्रोपोलिटन पुलिस के पास है, दूसरा पासपोर्ट ब्रिटेन के गृह विभाग के पास पड़ा है. इसकी समयसीमा समाप्त हो चुकी है. तीसरा पासपोर्ट ब्रिटेन के ड्राइविंग एंड व्हीकल लाइसेंसिंग आथोरिटी के पास है.

अदालत को यह भी बताया गया कि नीरव मोदी के पास पासपोर्ट के अलावा कई निवास कार्ड भी हैं. इनमें से कुछ की मियाद समाप्त हो गयी है. उसके पास जिन देशों के निवासी (रेसिडेंसी) कार्ड हैं, उनमें संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर तथा हांगकांग के हैं. यह अभी साफ नहीं है कि करीब 2 अरब डालर के मनी लांड्रिंग आरोप का सामना कर रहे हीरा कारोबारी के पास कैसे इतने पासपोर्ट आये. 

स्वामी असीमानंद के दोषमुक्त होने पर पाकिस्तान में मची खलबली

भारत के प्रति 1000 घाव जो रिसते रहें की नीति वाले पाकिस्तान ने हमेशा अपनी सरजमीं पर आतंक को पोषित किया है। दाऊद हो, मसूद अज़हर हो या फिर हफीज हो पाकिस्तान हमेशा इन्हे अपने सुरक्षा घेरे में रखता रहा है और आगे भी रखेगा। आज जब भारत की सरजमीं पर हुये एक आतंकवादी हमले में जिसमें दो पाकिस्तानी नागरिकों की संदिग्ध संलिप्तता भी कही जाती रही है उस मामले में निर्दोष लोग जो 10 साल तक बिना सज़ा के कैद भुगतते रहे, भारतीय कानून के अनुसार दोष सिद्ध न हो पाने के कारण उन्हे दोषमुक्त किया गया तो पाकिस्तान तिलमिला उठा।

नई दिल्ली: 

पाकिस्तान ने समझौता ट्रेन में विस्फोट के आतंकी मामले में सभी चार आरोपियों के बरी किए जाने को लेकर भारतीय राजदूत को तलब किया. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान ने भारतीय राजदूत को तलब किया और समझौता ट्रेन में विस्फोट के आतंकी मामले में सभी चार आरोपियों के बरी किए जाने को लेकर कड़ी निंदा करते हुए विरोध जताया है. 2007 में हुए इस धमाके में 68 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे. भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली इस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत के नजदीक धमाका हुआ था. 

असीमानंद को बरी किये जाने पर बोलीं महबूबा- दोहरा मापदंड क्यों?
उधर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को एक अदालत द्वारा समझौता ट्रेन धमाका मामले के आरोपियों को बरी किये जाने के आधारों पर सवाल उठाया. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने बुधवार को कहा, “महत्वपूर्ण सबूत होने के बावजूद आरएसएस के एक पूर्व सदस्य समेत आरोपियों को बरी कर दिया गया. भगवान न करे, अगर वह कश्मीरी या मुस्लिम होते तो उन्हें दोषी ठहरा दिया जाता और निष्पक्ष सुनवाई के बिना ही जेल में डाल दिया जाता. भगवा आतंक को लेकर ऐसी नर्मी और दोहरे मापदंड क्यों? महबूबा मुफ्ती का यह बयान हरियाणा की एक विशेष अदालत द्वारा समझौता ट्रेन धमाका मामले में स्वामी असीमानंद तथा अन्य तीन आरोपियों को बरी किये जाने के बाद आया है. 

पाकिस्तान के लिए भी अहम था फैसला
भारत-पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 में बम धमाका हुआ था. ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी. विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था. हादसे में 68 लोगों की मौत हो गई थी. ब्लास्ट में 12 लोग घायल हो गए थे. धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे इसलिए पाकिस्तान की नज़रे भी इस मामले पर टिकी हुई थी. मारे जाने वाले 68 लोगों में 16 बच्चों समेत चार रेलवे कर्मी भी शामिल थे.

न भूले हैं, न भूलेंगे: अजित डोवाल

डोभाल ने कहा ‘हमें क्या करना चाहिए ? हमारा रास्ता, हमारा उद्देश्य, हमारी प्रतिक्रिया और जवाब देने का समय क्या होना चाहिए ? इन सबके लिए देश का नेतृत्व सक्षम और साहस से भरा है

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मंगलवार को कहा कि देश का नेतृत्व आतंकवाद के किसी भी कृत्य और इसे बढ़ावा देने वाले लोगों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है.

सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के 80वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में डोभाल ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को भारत न तो भूला है और न ही भूलेगा. 14 फरवरी को हुए इस हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे.

उन्होंने कहा ‘मैं आपको आश्वासन देता हूं कि देश का नेतृत्व इस तरह के (पुलवामा जैसे) आतंकी हमलों से और इसे बढ़ावा देने वालों से कारगर तरीके से निपटने में पूरी तरह सक्षम है.’ डोभाल की, पुलवामा हमले के जवाब में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक में अहम भूमिका मानी जाती है. पुलवामा हमला बीते तीन दशक में कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हुए भीषण हमलों में से एक है.

डोभाल ने कहा ‘हमें क्या करना चाहिए ? हमारा रास्ता, हमारा उद्देश्य, हमारी प्रतिक्रिया और जवाब देने का समय क्या होना चाहिए ? इन सबके लिए देश का नेतृत्व सक्षम और साहस से भरा है. देश हर तरह की चुनौती से निपट सकता है और इसके लिए हमारे अंदर साहस है.’

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि यह ‘बेहद त्रासदीपूर्ण घटना थी.’ उन्होंने कहा कि देश इन जवानों और इनके परिवारों का हमेशा ही ऋणी रहेगा.

डोभाल ने सीआरपीएफ से पीछे मुड़ कर न देखने और अतीत को लेकर चिंतित न होने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने बल से पेशेवर रूख अपनाने, विश्वसनीय प्रशिक्षण और शारीरिक क्षमता पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा ‘अगर आपका मनोबल ऊंचा है तो देश का भविष्य सुरक्षित है.’

डोभाल ने कहा ‘CRPF को शांति सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभानी है. देश का प्रमुख अंदरूनी सुरक्षा बल होने के नाते CRPF के कंधों पर अपने दायित्व का निर्वाह करने की बड़ी जिम्मेदारी है.’’

ब्रिटिश शासन के दौरान 1939 में ‘क्राउन रिप्रेजेन्टेटिव्स पुलिस’ के तौर पर CRPF की स्थापना की गई थी. देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1950 में इस बल को युद्ध और शांति के दौरान देश में दी गई सेवाओं के लिए सर्वोच्च सम्मान दिया. फिलहाल सीआरपीएफ में तीन लाख कर्मी हैं.

नीरव मोदी के खिलाफ गिरफ्तारी के वारंट जारी, कभी भी हो सकता है गिरफ्तार

मोदी सरकार की आँख की किरकिरी बने वित्तीय भगोड़ों में से एक नीरव मोदी के खिलाफ लंदन में कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं। इंग्लैंड के साथ अपनी कूटनीतिक संधियों से यह संभव हो पाया है। लंदन कोर्ट उसी दोशी को प्रत्यर्पण के लायक मानती है जब दोषी ने वह अपराध किया हो जो इंग्लैंड में भी अपराध की श्रेणी में आता हो।

नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक महाघोटाले के सूत्रधार भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी की गिरफ्तारी 25 मार्च तक किसी भी समय हो सकती है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारियों को लंदन से इस बात के संकेत मिले है. ईडी के अधिकारी लंदन में नीरव मोदी केस से जुड़े अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं. जांच अधिकारियों का मानना है कि नीरव मोदी के केस मामले में थोड़ी तेजी से कारवाई हो सकती है. 

प्रर्त्यपण मामले में विजय माल्या केस से मिलेगी मदद
इसके पीछे का मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि विजय माल्या मामले में लंदन की जांच एजेंसियां और कोर्ट सारी प्रकिया देख चुकी हैं. वहीं, भारत की जांच एजेंसियों को भी लंदन की कानूनी प्रकिया का अंदाजा हो चुका है. लिहाजा इस बात का फायदा नीरव मोदी के प्रर्त्यपण में उठाया जा सकता है. अधिकारियों का कहना है कि नीरव मोदी के प्रर्त्यपण का केस तेजी से चल सकता है.   

लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने जारी किया था गिरफ्तारी वारंट
पंजाब नेशनल बैंक का 13000 करोड़ रुपये लेकर फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. गिरफ्तारी वारंट को नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की दिशा में यह पहला कदम है. पिछले दिनों भगोड़ा नीरव मोदी लंदन में घूमता हुआ दिखाई दिया था. वर्तमान में वह जिस अपार्टमेंट में रह रहा है उसकी कीमत 70 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसका किराया हर महीने करीब 16 लाख रुपये है. इंग्लैंड के मीडिया के मुताबिक, उसने दोबारा हीरे का कारोबार शुरू कर दिया है.

पत्नी के खिलाफ भी जारी हो चुका है वारंट
हाल ही में मुंबई की एक विशेष अदालत ने नीरव मोदी की पत्नी के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किया था. अमि मोदी (नीरव मोदी की पत्नी) पर आरोप है कि उन्होंने 3 करोड़ डॉलर ट्रांसफर करने के लिए इंटरनेशनल बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया था. शक है कि यह पैसा बैंक से लिए गए लोन वाला था. इस पैसे से न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क में एक असेट को खरीदा गया था.

ईडी ने दायर की नई चार्जशीट
मार्च के दूसरे सप्ताह में ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने नीरव मोदी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. प्रवर्तन निदेशालय ने PMLA के अंतर्गत और CBI की FIR को आधार मानते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में नई चार्जशीट दाखिल की है.

सूरत के लोकल सेकुरिटी गार्ड अब कहलाते हैं “मैं भी चौकीदार”

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी माता सोनिया गांधी एजेएल मामले में 50000/= के मुचलके पर जमानत में बाहर हैं। राहुल गांधी के जीजा करोड़ों के हेरफेर के मामले की जांच झेल रहे हैं, और अब तो उनकी बहिन प्रियंका गांधी वाड्रा के भी जमीनी सौदों में लाभार्थी बताया जा रहा है यह परिवार जब प्रधान मंत्री पर “चौकीदार चोर है” की लांछन लगते हैं तो जन मानस में एक क्षोभ की लहर दौड़ जाती है और वह यह कहने पर मजबूर होते हैं,” मैं भी चौकीदार”।

सूरतः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए चौकीदार का नया नारा दे दिया है. प्रधानमंत्री के इस नए नारे को देश भर में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने हाथो हाथ लिया ही, दूसरी तरफ जनता भी पीएम मोदी के इस नारे से काफी उत्साहित नजर आ रही है. सूरत में मैं भी चौकीदार का टीशर्ट बनाया गया है, जिसे यहां के युवा हाथो हाथ खरीद रहे हैं और बड़े शान से पहन रहे हैं. यहां युवा इस टी-शर्ट के जरिए पीएम के प्रति अपना समर्थन दिखा रहे हैं. युवाओं के साथ ही इस टी-शर्ट को सिक्योरिटी गार्ड्स में खासा पसंद किया जा रहा है.

गुजरात के सूरत शहर जगह-जगह पर सिक्योरिटी गार्ड आज अपनी असली वर्दी छोड़कर टी-शर्ट पहने नज़र आ रहे हैं. सिक्योरिटी गार्ड अब टी-शर्ट पहनकर चौकीदार बन गए हैं. इन सेक्योरिटी गार्ड्स ने जो टी-शर्ट पहनी है, उसमें ‘मैं भी चौकीदार’ लिखा है. सूरत के चौकीदार इस टी-शर्ट को पहनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में उतर आए हैं क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार अपने भाषणों में ‘चौकीदार चोर’ बोलकर अप्रत्यक्ष रूप से पीएम पर हमला करते रहे हैं.

In support of PM Modi security guards of Surat wore 'Main Bhi Chowkidar' t-shirt

ऐसे में सूरत के ये चौकीदार भी पीएम नरेंद्र मोदी के समर्थन में उतर आए हैं और ‘मैं भी चौकीदार’ का स्लोगन लिख कर पीएम मोदी का समर्थन कर रहे हैं. इन सेक्योरिटी गार्ड्स का कहना है कि ‘राहुल गांधी ने चौकीदार को चोर बोलकर ना सिर्फ पीएम का बल्कि उनका भी अपमान किया है.’ वहीं जिस तरह से पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘मैं हूं चौकीदार’ का नारा दिया है उससे कहीं ना कहीं कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है. सूरत में ना सिर्फ सिक्योरिटी गार्ड ‘मैं भी चौकीदार’ की वर्दी में नजर आए बल्कि खुद भाजपा विधायक भी ‘मैं भी चौकीदार’ की टी-शर्ट पहने नजर आए.

सूरत में मजूरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक हर्ष संघवी का कहना है कि देश भर के युवा महिलाओं और चौकीदारों ने पीएम का समर्थन किया है. कांग्रेस ने राजनैतिक फायदा लेने के लिए चौकीदार चोर का सहारा लिया था. बता दें 2014 के लोकसभा चुनाव में ‘चाय पर चर्चा’ काफी चर्चा में रहा था, वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में चाय पर चर्चा की जगह ‘मैं भी चौकीदार’ ने ले ली है.