पाकिस्तान में इमरान खान की पारी का ‘THE END’,  सरकार सिर्फ 3 साल 7 महीने 23 दिन चली

पाकिस्तान में इमरान खान को आखिरकार प्रधानमंत्री पद गंवाना ही पड़ा। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से पारित हो गया। इसके बाद शहबाज शरीफ के नेतृत्व में नई सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। पाकिस्तान के अगले संभावित प्रधानमंत्री और संसद में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कहा, ‘हम किसी से बदला नहीं लेंगे, किसी के साथ अन्याय नहीं करेंगे और किसी को जेल में नहीं डालेंगे। कानून अपना रास्ता खुद बना लेगा।’ 69 साल के इमरान खान 2018 में सत्ता में आए थे। उन्होंने देश की व्यवस्था में बड़े सुधारों का वादा किया था ताकि भ्रष्टाचार खत्म हो और देश आर्थिक तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े। लेकिन उन पर आर्थिक कुप्रबंधन और विदेश नीति के मोर्चे पर गलतियां करने के आरोप लगे। देश में आसमान छूती महंगाई, तेजी से बढ़ती बेरोजगारी, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की दुर्गति और देश पर बढ़ते कर्ज ने उनकी लोकप्रियता को भारी नुकसान पहुंचाया है।

इस्लामाबाद/नयी दिल्ली/चंडीगढ़, डेमोक्रेटिक फ्रंट : 

इमरान खान को आखिरकार पाकिस्तान की सत्ता से बेदखल होना पड़ ही गया। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 9 अप्रैल की देर रात अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में इमरान को विपक्ष के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 174 सांसदों ने मतदान किया, जो बहुमत के आंकड़े से 2 मत ज्यादा हैं। पाकिस्तान की 342 सदस्यों वाली संसद में बहुमत का आंकड़ा 172 है. इमरान खान के प्रधानमंत्री पद से बेदखल होने के बाद विपक्षी दल के नेताओं ने खुशी का इजहार किया।

इमरान खान 18 अगस्त 2018 को चुनाव में जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद सत्ता में आए थे। इस प्रकार उनकी सरकार 3 साल 7 महीने 23 दिन चली। आखिरी दिन इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली में 12 घंटे से अधिक समय तक बहस चली और इसके बाद पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति ने अलग मोड़ ले लिया। आखिरी समय में इमरान के साथ 26 साल के करीबी रिश्ते का जिक्र करते हुए स्पीकर असद कासिर ने पद से इस्तीफा दे दिया। अयाज सादिक को इसके बाद अध्यक्ष के आसन पर बैठाया गया और इमरान खान के भाग्य का फैसला हो गया।

इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के परिणाम की घोषणा अध्यक्ष के चेयर पर बैठे अयाज सादिक ने की। उन्होंने कहा कि 174 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में अपने वोट किए हैं, जिसके तहत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के प्रस्ताव को बहुमत से पारित किया गया है। मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सदन के विपक्षी सदस्यों ने विजय भाषण दिए। इसके बाद संसद के सत्र को सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

इमरान खान से पहले पाकिस्तान के दो प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था, लेकिन उसे पास नहीं कराया जा सका। बेनजीर भुट्‌टो और शौकत अजीज के खिलाफ पूर्व में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन इन दोनों प्रधानमंत्रियों ने अविश्वास प्रस्ताव को पास नहीं होने दिया। इससे उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं आया। इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव को पास होने से रोक नहीं पाए। इस प्रकार वे देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए, जिनको अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हार का सामना करना पड़ा है।

विपक्षी सदस्य अयाज सादिक ने स्पीकर का पद संभाला और अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई। इसके मुताबिक 174 सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन किया जो बहुमत से दो ज्यादा है। इसका मतबल है कि अब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं रहे। अब संसद अपना नया नेता चुनेगी। इस तरह विपक्षी नेता शहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय है। वह पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं और आबादी के लिहाज से पाकिस्तान के सबसे बड़े सूबे पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद शहबाज शरीफ ने संसद में कहा कि नई सरकार बदले की भावना से काम नहीं करेगी. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कानून अपना काम करेगा और अदालतों के काम में कोई बाधा नहीं डाली जाएगी। शरीफ के सहयोगी और पाकिस्तानी पीपल्स पार्टी के नेता बिलावल भट्टो जरदारी ने 10 अप्रैल को पाकिस्तान के इतिहास का अहम दिन बताया, जब किसी प्रधानमंत्री को पहली बार अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता ने बेदखल किया गया है।

नवाज शरीफ की बेटी और पीएमएल (एन) की नेता मरियम नवाज ने ताजा घटनाक्रम पर ट्वीट कर कहा है कि पाकिस्तान का दुस्वप्न खत्म हो गया है और अब इसे संभालने और संवारने का समय है।

इससे पहले, इमरान खान ने शनिवार को कहा कि वह नेशनल असेंबली को बहाल करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं लेकिन वे इसे स्वीकार करते हैं। इमरान खान लगातार इस बात को कहते आ रहे हैं कि उन्हें ‘अमेरिकी साजिश’ के तहत से सत्ता से बाहर किया जा रहा है। उनके मुताबिक उन्होंने विदेश नीति पर अमेरिकी दबाव को मानने से इनकार कर दिया है और इसीलिए अमेरिका नहीं चाहता कि वह सत्ता में रहें। दूसरी तरफ, अमेरिका ने पाकिस्तान की घरेलू राजनीति में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से इनकार किया है।

इमरान खान के आलोचकों का कहना है कि वह जनता की सहानुभूति पाने के लिए झूठी कहानियां रच रहे हैं। वहीं इमरान खान ने अपने समर्थकों से रविवार को सड़कों पर निकलने और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, “मैं संघर्ष करने को तैयार हूं।” इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ पार्टी के नेता और मौजूदा विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ट्वीट कर कहा है कि उन्हें अपने नेता के साथ खड़े रहने पर गर्व है।

69 साल के इमरान खान 2018 में सत्ता में आए थे। उन्होंने देश की व्यवस्था में बड़े सुधारों का वादा किया था ताकि भ्रष्टाचार खत्म हो और देश आर्थिक तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े। लेकिन उन पर आर्थिक कुप्रबंधन और विदेश नीति के मोर्चे पर गलतियां करने के आरोप लगे। देश में आसमान छूती महंगाई, तेजी से बढ़ती बेरोजगारी, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की दुर्गति और देश पर बढ़ते कर्ज ने उनकी लोकप्रियता को भारी नुकसान पहुंचाया है।

 

गांधीनगर में पुलिसकर्मी को अपनी कार के बोनट पर बैठाकर घसीटने वाले आप नेता की हुई गिरफ़्तारी , भेजे गए जेल

5 अप्रैल को गांधी नगर में सहायक प्रोफेसर पद के उम्मीदवार बिना अनुमति के प्रदर्शन कर रहे थे जिसके चलते उन्हें हिरासत में लेकर पुलिस मुख्यालय लाया गया था वही नेता युवराज सिंह जडेजा प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने पहुंचे हुए थे । आप नेता युवराज सिंह को जब पुलिस रोकने का प्रयास कर रही थी तो उन्होंने अपनी कार नहीं रोकी इसी दौरान एक पुलिसकर्मी खुद को बचाने के लिए उनकी कार के बोनट पर सवार हो गया लेकिन इसके बावजूद आप नेता ने अपनी कार नहीं रोकी और गाडी चलाती रही।

गांधी नगर डेमोरेटिक फ्रंट स्टाफ :

गुजरात में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता युवराज सिंह जडेजा को कथित तौर पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला करने और एक कांस्टेबल को कार के बोनट पर घसीटने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया कि जडेजा को गांधीनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

जडेजा आम आदमी पार्टी के यूथ विंग के नेता है। हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर जडेजा को साबरमती जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि यह गिरफ्तारी 5 अप्रैल 2022 (मंगलवार) को हुई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जडेजा की गिरफ्तारी गाँधी नगर पुलिस ने की है। पुलिस ने कोर्ट से आरोपित आप नेता का रिमांड नहीं माँगा। इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में साबरमती जेल भेज दिया गया। जडेजा के साथ उनका एक साथी भी जेल भेजा गया है। पुलिस ने सबूतों को फॉरेंसिक जाँच के लिए भेजा है। जडेजा पर IPC की धारा 332 (ऑन ड्यूटी स्टॉफ पर हमला करने) और 307 (जान से मारने के प्रयास) के तहत केस दर्ज किया गया है। गाँधी नगर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अभय चुडासमा ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है।

IG चुडासमा के मुताबिक, “मंगलवार (5 अप्रैल) को सहायक प्रोफेसर पद के उम्मीदवार बिना अनुमति के प्रदर्शन कर रहे थे। इसके चलते उन्हें हिरासत में ले कर पुलिस मुख्यालय लाया गया था। आरोपित जडेजा उनको ही समर्थन देने आए थे। पुलिस ने उन्हें रोका तो उन्होंने अपनी कार एक कॉन्स्टेबल की तरफ बढ़ा दी। इस दौरान खुद को बचाने के लिए सिपाही लक्ष्मण बसावा कार की बोनट पर चढ़ गया। इतने के बाद भी आप नेता ने कार न रोकी।” इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।

न्यूज़ 18 गुजराती पर बहस करते हुए आम आदमी पार्टी के युवा मोर्चा प्रदेश प्रमुख प्रवीण ने युवराज सिंह जडेजा पर कार्रवाई को सरकार की साजिश बताया। उन्होंने बताया, “पुलिस भी तो अक्सर लाठीचार्ज करती है। हमारे नेता युवराज जडेजा युवाओं की आवाज उठा रहे थे। उन पर धारा 307 की कार्रवाई करना युवाओं के मनोबल पर प्रहार के समान है। ये सब गुजरात सरकार की साजिश है।”

सुप्रीम कोर्ट में इमरान को झटका, 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग

गुरुवार को पाकिस्तान के इतिहास में बड़ा फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन अप्रैल को पाकिस्तान संसद में अविश्वास प्रस्ताव रद्द करना संविधान के खिलाफ था। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पाक संसद फिर से बहाल होगी और 9 अप्रैल को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर फिर वोटिंग होगी। अगर संसद में यह प्रस्ताव सफल हो जाता है तो पाकिस्तान के इतिहास में यह पहली बार होगा कि किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सफल होगा।

  • इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के मामले पर थोड़ी देर में फैसला
  • पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट कर रही सुनवाई, रजिस्ट्रार जनरल और विपक्ष के वकील दे रहे दलील
  • चीफ जस्टिस बोले- आज ही सुनाएंगे फैसला, इमरान खान को लगेगा तगड़ा झटका

नई दिल्ली.

 पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली को बहाल कर दिया है और 9 अप्रैल को नेशनल असेंबली की बैठक बुलाने का आदेश दिया गया है। इसमें अविश्वास प्रस्ताव से पाकिस्तान की अगली सरकार का फैसला होगा. सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर द्वारा नेशनल असेंबली को भंग करने को असंवैधानिक करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को नेशनल असेंबली को सुझाव देने का कोई अधिकार नहीं है। यह गैर कानूनी है। कोर्ट ने कहा कि इमरान सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नेशनल असेंबली में जो कुछ भी किया वह पूरी तरह से असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली को बहाल करते हुए 9 अप्रैल को साढ़े नौ बजे तक वोटिंग कराने का आदेश दिया है। इस मामले की सुनवाई 5 जजों की पीठ कर रही थी। मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल इस पीठ की अगुवाई कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान स्पीकर संविधान के मुताबिक काम करेंगे।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट कुछ देर में फैसला सुनाने वाला है। इस बीच इमरान खान ने कहा है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट का हर फैसला मंजूर है। सुप्रीम कोर्ट के बाहर भारी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया गया है। फैसला सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग के सचिव को तलब किया है। पीएमएल-एन के शहबाज शरीफ और पीपीपी के बिलावल भुट्टो जरदारी समेत बड़ी संख्या में विपक्षी नेता भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।

सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने कहा कि ने कहा कि नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी का 3 अप्रैल का फैसला गलत था। दरअसल, पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव के सरकार को गिराने की विदेशी साजिश से जुड़े होने का हवाला देते हुए रविवार को खारिज कर दिया था। जिसके कुछ मिनट बाद, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था।

पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने कहा कि नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी का फैसला पहली नजर में अनुच्छेद 95 का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के मिनट्स से अधिकारियों के नाम गायब होने पर नाराजगी जताई। नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर और डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी की तरफ से पेश हुए वकील नईम बोखारी ने सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक का राउंडअप प्रस्तुत किया।

गुरुवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस बंदियाल ने कहा कि असली सवाल यह है कि अब क्या होगा। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी पीएमएल-एन के वकील और पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल (एजीपी) खालिद जावेद खान अदालत का मार्गदर्शन करेंगे कि कैसे आगे बढ़ना है। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें राष्ट्रीय हित को देखना होगा और अदालत आज फैसला सुनाएगी।

पाकिस्तान के नेशनल असेंबली में हुए इस घटनाक्रम के कुछ देर बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस घटनाक्रम पर स्वत संज्ञान लिया। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई शुरू कर दी। पीठ की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल कर रहे हैं और इसमें न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मोहम्मद अली मजहर, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखाइल शामिल हैं।

हरियाणा में सत्ता पक्ष और कांग्रेस की जमीन खिसकने लगी है- डा सुशील गुप्ता

  • दलगत राजनीति से उठकर व सेवा के इरादे से पार्टी में लगातार जुड रहे है प्रदेश के लोग-डा सुशील गुप्ता, राज्यसभा सांसद व हरियाणा प्रभारी आम आदमी पार्टी
  • दिल्ली, पंजाब के बाद अब हरियाणा मंे बदलाव चाहती है जनता-डा सुशील गुप्ता गुप्ता


नई दिल्ली, 28 मार्च :

दलगत राजनीति से उपर उठकर जो भी व्यक्ति हमारे साथ प्रदेश की जनता के लिए कुछ करना चाहता है तो उसके लिए आम आदमी पार्टी के दरवाजे हमेशा खुले है। यह बात आज यहां अपने निवास पर हरियाणा से आम आदमी पार्टी में शामिल होने आए कार्यकर्ताओं को हरियाणा प्रदेश के प्रभारी व राज्यसभा सांसद डा सुशील गुप्ता ने कही।
उन्हांेने कहा कि दिल्ली व पंजाब में आम आदमी पार्टी के प्रचंड बहुमत के बाद हरियाणा की राजनीति में भी बदलाव साफ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस-भाजपा में खुद को उपेक्षित महसूस करने वाले कार्यकर्ता और नेता आम आदमी पार्टी का दामन थाम रहे है। जिससे साफ है कि हरियाणा विधानसभा के चुनाव 2024 में होने वाले चुनावों का असर दिखेगा। हरियाणा में अगली सरकार आम आदमी पार्टी की होगी। इसके लिए हमारे कार्यकर्ता अभी से ही जी जान स जुट गए है। वहीं आप की सक्रियता को देखते हुए सत्ता पक्ष व कांग्रेस के पैरो तले से जमींन खिसकने लगी है।

हरियाणा प्रभारी डा गुप्ता ने कहा अरविंद केजरीवाल के विकास मॉडल को आज दिल्ली, पंजाब ही नही अपूति देशभर में पूछा जा रहा है। देश का नागरिक केजरीवाल के मॉडल को अपने प्रदेश में लागू करवाने के लिए आम आदमी पार्टी के साथ जुडता जा रहा है। इसी कडी मंे आज हरियाणा के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में लोग डा गुप्ता से मिलने और आम आदमी पार्टी में जुडने के लिए दिल्ली स्थित उनके निवास स्थान पर पहुंचे। इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि शिखा गर्ग साहित पार्टी के कई उच्चपदाधिकारी उपस्थित थे।

राकेश भडाना महासचिव राष्टृीय किसान कांग्रेस,प्रदेश प्रभारी, उत्तर प्रदेश, गोवा व लोकसभा प्रभारी गुरूग्राम, अखिल भारतीय दलित महासंघ अंबाला के ओमप्रकाश बल्ली,हरिपाल पूर्व सरपंच चरूडमाजरा कैथल,दीपा शर्मा अध्यक्ष आल इंडिया कांग्रेस महिला विंग हरियाणा,गुलशन सैनी पूर्व विधानसभा प्रत्याशी,सतपाल सिठाना सरपंच सिंगपुरा,रणबीर सिंह सरपंच इसराना पानीपत,गुरमेज सिंह पूर्व सरपंच, बलंवत कुमार पूर्व सरपंच, रामनिवास शर्मा उपप्रधान ब्राहमण सभा,मनजीत फरमाना, जिला महासचिव जिला कांग्रेस सेवा दल जिला संगठन सोनीपत, शिव कुमार पूर्व पार्षद, नगर पालिका सांपला को राज्यसभा सांसद डा सुशील गुप्ता ने  पार्टी की टोपी पहनाकर सदस्यता दिलाई।
इस अवसर पर डा गुप्ता ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद हरियाणा की राजनीति में भी बदलाव होना तय है। हरियाणा का बड़ा हिस्सा दिल्ली तथा दूसरी ओर पंजाब के साथ लगता है। किसान आंदोलन के समय हरियाणा-पंजाब के लोगों का आपस में काफी जुड़ाव हुआ। प्रदेश के कांग्रेसी, भाजपा, जजपा के नेताओं में आपसी टकराव है। पार्टी के वरिष्ठ नेता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। जो तीसरे विकल्प के तौर पर आम आदमी पार्टी को अपना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दिन प्रतिदिन गुरुग्राम, फरीदाबाद, सिरसा, फतेहाबाद, अंबाला ,कैथल, पंचकूला, जींद,कैथल, सोनीपत,पानीपत, रोहतक, हिसार, बेरी सहित सभी जिलों से लोग लगातार पार्टी में जुडने के लिए आ रहे है।

होलिका दहन के दिन ना करें ये गलतियां

धर्म/संस्कृति डेस्क, चंडीगढ़ – डेमोक्रेटिक फ्रंट:

फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन का उत्सव मानाया जाता है। होलिका दहन की पूजा शुभ मुहूर्त में करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि शुभ मुहूर्त में किया गया काम शुभ फल देता है। धार्मिक मान्यता है होलिका की पूजा से जीवन के सारे कष्टों से छुटाकारा मिलता है। इस साल होलिका दहन गुरुवार 17 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन के दिन कुछ कार्यों को करना बेहद अशुभ माना जाता है। ऐसे में जानते हैं कि होलिका दहन के दिन क्या नहीं करना चाहिए।

होलिका दहन के दिन ना करें ये गलतियां

https://youtu.be/NJw0wHz8CPg
  • होलिका दहन की अग्नि को जलती हुई चिता का प्रतीक माना गया है. इसलिए नए शादीशुदा जोड़ों को होलिका दहन की अग्नि को जलते हुए नहीं देखना चाहिए। दरअसल ऐसा करना अशुभ माना गया है. माना जाता है कि ऐसा करने में जीवन में वैवाहिक जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता ह।
  • होलिका दहन के दिन किसी भी व्यक्ति को उधार नहीं देना चाहिए. ऐसा करने से घर में बरकत नहीं होती है. साथ ही आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
  • माता-पिता के इकलौते संतान को कभी भी होलिका में आहुति नहीं देनी चाहिए. दरअसल इसे अशुभ माना जाता है।  अगर दो बच्चे हैं तो होलिका की अग्नि को जला सकते हैं।
  • होलिका की अग्नि में भूलकर भी पीपल, बरगद और आम की लकड़ी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।  ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा करने से जीवन में नकारात्मकता आती है. होलिका दहन के लिए गूलर और एरंड की लकड़ी शुभ मानी जाती है।  
  • होलिका दहन के दिन भूल से भी किसी महिला का अपमान नहीं करना चाहिए।  इस दिन माता-पिता का आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए. ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है।

साभार ज्योतिष विद् पार्मिंदर सिंह

राज्य के नतीजों के जरिए विपक्ष के खिलाफ एक मनोवैज्ञानिक धारणा बनाने का काम किया जा रहा है : प्रशांत

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है और इन राज्यों में बीजेपी की सरकार बनना लगभग तय है।  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है। बीजेपी के इस प्रदर्शन पर भारतीय राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया आई है।  प्रशांत किशोर ने इस जीत पर कहा है कि भारत की असली लड़ाई के नतीजे साल 2024 में आएंगे।

नई दिल्ली(ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट :

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि भारत की असली लड़ाई और उसका फैसला 2024 में होगा न कि राज्य के किसी विधानसभा चुनावों से।

प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘साहेब ये जानते हैं. इसलिए राज्य के नतीजों के जरिए विपक्ष के खिलाफ एक मनोवैज्ञानिक धारणा बनाने का काम किया जा रहा है।’

किशोर ने कहा कि इस झूठे नैरेटिव में न फंसे और इसका हिस्सा भी न बनें/

बीजेपी की जीत के बाद प्रशांत किशोर ने बैन जारी करते हुए कहा कि बीजेपी चार राज्यों में जीत के बाद विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। कुमार ने कहा कि दिल्ली में सत्ता की असली लड़ाई साल 2024 में लड़ी जाएगी ना कि किसी राज्य के चुनाव के जरिए बता देंगे हाल के दिनों में प्रशांत हर चुनाव के बाद बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी करते आए हैं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह अमित शाह से मिले, पंजाब को लेकर हुई चर्चा

कैप्टन अमरिंदर सिंह से बातचीत को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह गृह मंत्री के साथ सामान्य चर्चा थी। पंजाब चुनाव को लेकर परिणाम आने के बाद विस्तृत चर्चा होगी। बैठक में पंजाब के विषयों पर चर्चा हुई है। उन्होंने साफ तौर पर इस बात से इंकार कर दिया कि बैठक में चुनाव को लेकर कोई चर्चा हुई है। सूत्रों की मानें तो दोनों नेताओं की मुलाकात को पंजाब में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की अटकलों के बीच जोड़-तोड़ की राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :

पंजाब चुनाव नतीजों से महज तीन   दिन पहले सोमवार को पंजाब के पूर्व CM और पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह  दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मिले। खबर है कि कैप्टन और शाह की यह मुलाकात पौना घंटा चली. मतगणना से पहले दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात सियासी गलियारों में चर्चा का विषय है। दोनों नेताओं की मुलाकात को पंजाब में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की अटकलों के बीच जोड़-तोड़ की राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है।

नतीजों को लेकर जब कैप्टन अमरिंदर सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं कोई पंडित नहीं हूं। मैं कोई ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो भविष्यवाणी कर सके। लेकिन जहां तक मेरी राय है मेरी पार्टी ने अच्छा किया है। बीजेपी ने अच्छा किया है। देखते हैं नतीजों में क्या होता है। आपको बता दें कि पंजाब में 117 सीटों पर 20 फरवरी को मतदान हुए थे। 10 मार्च को इसके लिए नतीजे भी आएंगे। पंजाब में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी के बीच देखी जा रही है। हालांकि अकाली दल और भाजपा गठबंधन भी लगातार चुनौती दे रही है।

कांग्रेस से अलग होने के बाद अमरिंदर सिंह ने पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया था। पंजाब लोग कांग्रेस में पंजाब में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है। इस चुनाव में भाजपा के कई नेताओं ने लगातार प्रचार की जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह शामिल रहे। कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद पंजाब में पटियाला सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में उनकी किस्मत भी दांव पर है। 

Pakistan में IMF Loan पर फूटा गुस्सा, ‘परमाणु-संपन्न मुल्क पाकिस्तान, जो दशकों से दुनिया के सामने भीख मांग रहा है’

आईएमएफ ने जुलाई-2019 में 6 अरब डॉलर (लगभग 1,056 अरब पाकिस्तानी रुपये) का कर्ज-कार्यक्रम मंजूर किया था, ताकि पाकिस्तान अपनी रोजमर्रा की वित्तीय जरूरतें पूरी कर सके। यह पैसा किश्तों में मिल रहा है। इसके साथ कुछ सख्त शर्तें भी हैं, जो पाकिस्तान को पूरी करनी होती हैं।

जब 1998 में भारत ने खुद को एक पूर्ण परमाणु राष्ट्र घोषित किया था तो पाकिस्तान में हाहाकार मच गया था। भारत की बराबरी करने के लिए पाकिस्तान ने भी कुछ ही सप्ताह बाद खुद को परमाणु राष्ट्र घोषित कर दिया। लेकिन इससे उसकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई। 

पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने कभी कहा था कि चाहे उनके लोगों को हजार वर्षों तक घास खानी पड़े, पाकिस्तान परमाणु शक्ति बनकर रहेगा। भुट्टो की ये बात फिलहाल सही साबित होती दिख रही है। पाकिस्तान इस समय अथाह विदेशी कर्ज में डूब चुका है।

गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान के लिए ऋण की एक नई किश्त जारी की है। लेकिन इस बार पाकिस्तानी सरकार को अपने नागरिकों से गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।

‘इस्लाम खबर’ ने दावा किया कि वित्तीय कुप्रबंधन और देश को चलाने के लिए विदेशी पैसों पर अधिक निर्भरता के कारण सरकार में जनता का विश्वास नए निचले स्तर पर है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तारिन द्वारा आईएमएफ ऋणों की छठी किश्त को मंजूरी देने की घोषणा के एक ट्वीट के बाद लोगों ने गुस्से में प्रतिक्रियाएं दी हैं।

तारिन ने ट्वीट किया, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आईएमएफ बोर्ड ने पाकिस्तान के लिए उनके कार्यक्रम की छठी किश्त को मंजूरी दे दी है।”

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह आश्चर्यजनक ही नहीं बल्कि खेदजनक भी है कि वित्त मंत्री ने देश को गुलाम बनाकर आईएमएफ से नई किस्त मिलने पर खुशी जाहिर की है।” पाकिस्तान में एक मीडिया संपादकीय लेख में कहा गया कि पाकिस्तान “शायद एकमात्र परमाणु देश है जिसे अपने हर दिन के खर्च के लिए लोन की आवश्यकता होती है, हर दिन सहायता के लिए भीख माँगता है और यह दशकों से जारी है।”

पाकिस्तानी लोगों में सरकार के प्रति ये गुस्सा ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान को आईएमएफ द्वारा 1 बिलियन अमरीकी डालर की लोन राशि जारी की गई है। इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान में ईंधन की कीमतें और बिजली की दरें ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं।

ताजा फंड 6 बिलियन अमरीकी डालर के बेलआउट पैकेज की एक किस्त का हिस्सा है। IMF के कार्यकारी बोर्ड ने 3 जुलाई, 2019 को पाकिस्तान के लिए बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी थी।

वीर हकीकत राय के बलिदान दिवस पर मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की धर्म की रक्षा के लिए दिया था बलिदान वीर हकीकत राय ने : रुबी गुप्ता

चण्डीगढ़ :

आज वीर हकीकत राय के बलिदान दिवस के बलिदान दिवस पर वॉइस ऑफ वूमेन, चण्डीगढ़ की अध्यक्ष रुबी गुप्ता के नेतृत्व में उनको मौन धारण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम सेक्टर 46, चण्डीगढ़ में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रुबी गुप्ता ने कहा कि बसंत पंचमी के ही दिन मुस्लिम धर्म ना अपनाने के कारण  वीर हकीकत राय का सर धड़ से अलग कर दिया गया था।

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उन्होंने बालयवस्था में ही हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर बलिदान दे दिया था। बालक वीर हकीकत राय का जन्म सियालकोट में हुआ था और मात्र 15 वर्ष की उम्र में उन्होंने हिंदू धर्म ना छोड़ने एवं मुस्लिम धर्म ना अपनाने के कारण अत्याचारी मुगल शासकों ने मौत की नींद सुला दिया था। इन महान वीर महापुरुषों की यश पूर्ण जीवनियाँ आज की नई पीढ़ी के लिए देश धर्म के प्रति प्रेरणा का स्त्रोत सदा उपलब्ध रहेगी। इस अवसर पर घोषणा की गई कि प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी के दिन वीर हकीकत राय के बलिदान दिवस पर बच्चों की भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।

ग्वालियर में हिंदू महासभा ने छत्तीसगढ़ की कॉंग्रेस सरकार को चेतावनी दी और गांधी के हत्यारे की पुण्यतिथि मनाई

दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे मोहनदास गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे का साथी था। परचुरे ने ही गवालियर में स्थित अपने घर में नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को शरण दी थी। परचुरे ने मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या के लिए गोडसे और नारायण आप्टे को पिस्टल उपलब्ध कराई थी। इसके ही आरोप में डॉक्टर दत्तात्रेय को आजीवन कारावास हुआ था। हिंदू महासभा की तरफ से छत्तीसगढ़ सरकार को चेतावनी के बाद आज ग्वालियर में महात्मा गांधी के हत्यारे दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे की जयंती मनाई। छतीसगढ़ में सरकार कॉंग्रेस की है जिनहोने म्हात्मा गांधी को अपशब्द बोलने पर एक संत को गिरफ्तार कर लिया था।

दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे(सबसे दायें), नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम, नयी दिल्ली/मध्य प्रदेश :

दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे के साथी थे। परचुरे ने ही ग्वालियर में स्थित अपने घर में गोडसे और आप्टे को शरण दी थी। इन दोनों को महात्मा गांधी की हत्या के लिए पिस्टल भी उसी ने उपलब्ध कराई थी। इसी आरोप में परचुरे को आजीवन कारावास की सजा मिली थी।छत्तीसगढ़ सरकार को चेतावनी के बाद आज ग्वालियर में महात्मा गांधी के हत्यारे दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे की जयंती मनाई गई। यह आयोजन हिंदू महासभा की तरफ से किया गया। हिंदू महासभा ने दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे की 37वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी तस्वीर का अनावरण किया है। इस मौके पर हिंदू महासभा के प्रदेश पदाधिकारी से लेकर सभी कार्यकर्ता मौजूद रहे। कार्यक्रम पूर्व घोषित होने के बावजूद पुलिस प्रशासन की तरफ से इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस मौके पर हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने कहाकि देश का विभाजन मोहनदास करमचंद गांधी ने किया था। इसके चलते 50 लाख हिंदू बेघर हो गए और 10 हिंदुओं का कत्लेआम हो गया।

शहर के बीचों-बीच स्थित हिंदू महासभा कार्यालय में शुक्रवार दोपहर को प्रदेश के सभी हिंदू महासभा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकजुट हुए। इसके बाद यहां विधिवत बापू के हत्यारे गोडसे, नारायण आप्टे और दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे की तस्वीर लगाई गई। इसके बाद पूजा-अर्चना कर आरती उतारी गई। इस दौरान अंबाला की जेल से लाई गई मिट्टी से बापू के तीनों हत्यारों की तस्वीर का अभिषेक किया।

पूजा-अर्चना के दौरान बापू के हत्यारों की अमर होने की आवाज गूंज रही थी। हिंदू महासभा के लोग बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे नारायण आप्टे और परचुरे के अमर रहने के जयकारे लग रहे थे। इसके साथ ही हिंदू महासभा के लोगों ने उनकी आरती भी उतारी। सबसे खास बात यह है हिंदू महासभा का यह कार्यक्रम पहले से ही घोषित था। कल महासभा के लोगों ने खुद शहर में बीच चौराहे पर चुनौती दी थी कि वह बापू के हत्यारों की पुण्यतिथि मनाएंगे। लेकिन इसके बावजूद आज पुलिस प्रशासन बेखबर नजर आया। 

दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे का साथी था। परचुरे ने ही ग्वालियर में स्थित अपने घर में नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को शरण दी थी। परचुरे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को पिस्टल उपलब्ध कराई थी। इसके आरोप में ही डॉ दत्तात्रेय सदाशिव परचुरे को आजीवन कारावास हुआ था।

देश में हिंदू महासभा का गढ़ ग्वालियर रहा है। बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे ने ग्वालियर के हिंदू महासभा कार्यालय में कई दिन गुजारे हैं। नाथूराम गोडसे ने जिस बंदूक से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की थी वह बंदूक भी यहीं से खरीदी थी। उसने इसे चलाने की ट्रेनिंग भी यहीं से ली थी।