राजस्थान पुलिस ने मोनू मानेसर दी क्लिन चिट
राजस्थान पुलिस के महानिदेशक (DGP) उमेश मिश्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कई सवालों के जवाब दिए हैं। उन्होंने राजस्थान पुलिस की कार्रवाइयों और राज्य में अपराध को लेकर स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने NCRB का हवाला देते हुए कहा कि अपराध में बढ़ोतरी का मतलब ये नहीं है कि पुलिस निष्क्रिय है। उन्होंने कहा कि अपराध के आँकड़े बढ़ने और इसके पंजीकृत होने की संख्या बढ़ने – दोनों में अंतर है। उन्होंने कहा कि 2022 की तुलना में इस साल अपराध में 0.6% की नगण्य वृद्धि हुई है।
- आप मेरी सिक्योरिटी की गारंटी लेते हैं तो मैं पुलिस के पास चला जाऊंगा : मोनू मानेसर
- मैं प्रशासन से अपील करता हूं कि विधायक को मेरे साथ अंदर कर दो। शर्त यही है कि जब विधायक मामन खान को पकड़ा जाएगा, तभी मैं सरेंडर करूंगा : मोनू मानेसर
हरियाणा ब्युरो, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 14 अगस्त :
खुद को गो रक्षक बताने वाले मोनू मानेसर इन दिनों फिर सुर्खियों में है। मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है और वो बजरंग दल से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के नूंह में सोमवार को ब्रजमंडल शोभायात्रा के दौरान हुए विवाद के लिए मोनू मानेसर का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस शोभायात्रा से पहले मोनू ने एक वीडियो जारी किया था। जिसमें उसके कहा था कि वो भी इस यात्रा में शामिल होगा। इस बात से मेवात के कुछ लोग नाराज थे। बताया जा रहा है कि यही वजह थी नूंह में शोभायात्रा के प्रवेश करते ही पत्थरबाजी और फायरिंग की गई।
उमेश मिश्रा ने कहा कि डकैती की घटनाओं में 25% की कमी आई है। उन्होंने कहा कि इस साल हत्या, अपहरण और लूट जैसी घटनाओं में कमी आई है। महिला अत्याचार के विषय में उन्होंने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इसमें आंशिक कमी आई है। उन्होंने कहा कि कन्विक्शन प्रतिशत रेप के मामलों में राजस्थान पुलिस का 48% है, जबकि राष्ट्रीय औसत 30% है। उन्होंने बताया कि पॉक्सो के मामले में भी ये आँकड़ा 48% है।
राजस्थान पुलिस ने बढ़ाया कन्विक्शन रेट, अपराधियों मर भय : DGP
उन्होंने बताया कि 2019-23 में 1590 प्रकरणों में सज़ा हुई है, जिनमें 13 में फाँसी की सज़ा, 255 में आजीवन कारावास और 386 में 20 वर्ष की सज़ा दिलाई गई। उन्होंने बताया कि औसतन 54 दिनों में जाँच पूरी की जा रही है। दलित-जनजातीय समाज विरोधी अपराध के मामले में भी उन्होंने कहा कि औसतन 64 दिनों में जाँच पूरी कर ली जाती है और सज़ा का प्रतिशत 41% है, इसे और बेहतर किया जाएगा। उन्होंने इसे पड़ोसी राज्यों से बेहतर करार दिया।
उन्होंने राजस्थान पुलिस को संवेदनशील और प्रोफेशनल करार दिया। उन्होंने दावा किया कि अपराधियों में पुलिस का भय बढ़ा है। उन्होंने बताया कि 45 इनामी अपराधी गिरफ्तार किए हैं, जिसमें माफिया कमल राणा प्रमुख है। हिस्ट्रीशीटर्स के अर्थतंत्र पर प्रहार की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वैधानिक दायरे में रह कर 12 अपराधियों की संपत्तियाँ ध्वस्त की गई हैं। उन्होंने 56,000 से भी अधिक अपराधियों की गिरफ़्तारी की बात की, जिनमें 4475 सामान्य प्रकरण के अपराधी थे।
DGP ने आगे बताया, “एक दूसरी जो भूमिका होती है बैकग्राउंड से, उसकी तफ़तीश जारी है। हम उसके लिए कोशिश भी कर रहे हैं। हम ये नहीं कह सकते कि हरियाणा पुलिस कितना सहयोग कर रही है और कितना नहीं – कई चीजें सार्वजनिक नहीं की जाती। लेकिन, ये सच है कि अब तक मोनू मानेसर हमारे सामने नहीं आया है। दूसरे अपराधियों को लेकर भी हमने हरियाणा पुलिस से निवेदन किया है। हो सकता है उनके पास भी कोई इंटेलिजेंस न हो, हम कोई टिप्पणी करने से बचेंगे।”
उन्होंने कहा कि जब तक अपराधी गिरफ्तार न हो, हम ये नहीं कह सकते कि जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने पड़ोसी राज्यों पर भरोसा जताने की बात करते हुए कहा कि उन्हें मदद मिली भी है और सीनियर लेवल पर वार्ता होती रहती है। क्या राजस्थान पुलिस की टीम वहाँ जाएगी? इस पर डीजीपी ने कहा कि ऐसे डिटेल्स प्रेस कॉन्फ्रेंस में उजागर नहीं किए जा सकते। बता दें कि नासिर और जुनैद के ज़िंदा जलने के केस में मोनू मानेसर का हाथ होने का आरोप लगाया गया था।
नासिर और जुनैद के ज़िंदा जलने की घटना, गौ-तस्करी का था आरोप
ये दोनों राजस्थान के भरतपुर के पहाड़ी थाना क्षेत्र के घाटमीका गाँव के रहने वाले थे। आरोप है कि नासिर और जुनैद का अपहरण किया गया, फिर बोलेरो में ज़िंदा जला कर मार डाला गया।इस मामले में रिंकू सैनी को मुख्य आरोपित बनाया गया, जिसे गिरफ्तार भी कर लिया गया है। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने 30 आरोपितों की सूची तैयार की थी। इनमें से 3 के खिलाफ चार्जशीट भी दायर कर दी गई थी। भरतपुर के गोपालगढ़ में ये केस दर्ज हुआ था।
15 फरवरी, 2023 को अपहरण का मामला दर्ज हुआ और अगले दिन हरियाणा के भिवानी में दोनों के शव और जली हुई गाड़ी मिली। नासिर-जुनैद के भाई जाबिर के एकाध बार टावर पर चढ़ कर आत्महत्या की धमकी भी दी थी, जिसके लिए उसे हिरासत में भी लिया गया था। बताया गया कि ये दोनों गायों की तस्करी करते थे। राजस्थान पुलिस के हवाले से ये भी चला कि कुछ आरोपित यूपी-हरियाणा चले गए, जहाँ पंचायतों ने उनकी रक्षा की। इसी मामले में मोनू मानेसर का नाम भी आया था।
इस्लामी कट्टरपंथी गिरोह ने इस घटना में मोनू मानेसर के शामिल होने को लेकर खूब हो-हल्ला मचाया था। मोहम्मद ज़ुबैर ने भी एक के बाद एक कई ट्वीट कर के कहा था कि मोनू मानेसर का नाम आरोपितों की सूची में है। इसके बाद उसने मोनू मानेसर के पिछले वीडियो को शेयर करना शुरू कर दिया। साथ ही गोरक्षकों के खिलाफ भी ज़हर उगला। अब राजस्थान पुलिस खुद कह रही है कि इस घटना में मोनू मानेसर की सीधी संलिप्तता नहीं थी।