उत्पाद शुल्क के नाम पर मोदी ने 13 लाख करोड़ लूटे: सुरजेवाला


कांग्रेस का मानना है कि टैक्स मोदी के जेब में जाते है.

सरकार ने रूपये 2.50 कि कटौती कि है, और राज्य सरकारों से भी उम्मीद जताई है कि वह भी 2.50 रूपये की कटौती करें कुल मिला कर उपभोक्ता को 5 रूपये कि राहत मिले. कांग्रेस शासित राज्य इस पर क्या फैसला लेंगे इस पर सुरजेवाला मौन हैं. 

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने हजारों घाव देने के बाद अब बैंडएड लगाया है और जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश की है.


सरकार के जरिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2.50 रुपए प्रति लीटर की कटौती किए जाने पर कांग्रेस ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में हार सामने देखकर और जनता की भारी नाराजगी की वजह से नरेंद्र मोदी सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में नाममात्र कमी की है. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने हजारों घाव देने के बाद अब बैंडएड लगाया है और जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश की है. पार्टी का कहना है कि 29 देशों को सस्ता पेट्रोल और डीजल क्यों बेच रहे हैं?

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘पांच राज्यों में चुनावी हार को सामने देख और जनता के भयंकर गुस्से से घबराकर मोदी सरकार ने मामूली मात्रा में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उत्पाद शुल्क कम करने की घोषणा की. मोदी जी आप जनता का बेवकूफ अब नहीं बना सकते. आपको पेट्रोल-डीजल की लूट पर जवाब देना पड़ेगा.’ उन्होंने सवाल किया, ‘पिछले 52 महीने में मोदी सरकार ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क के नाम पर देश की जनता की जेब काटकर 13 लाख करोड़ क्यों लूटा? उत्पाद शुल्क में 52 महीने में 12 बार इजाफा क्यों किया?’

सुरजेवाला ने कहा, ‘मोदी जी और जेटली जी, क्या आप भूल गए कि कच्चे तेल की कीमत कांग्रेस सरकार में औसतन 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक रही. 2008 में जब कांग्रेस की सरकार थी और जब आप गैस सिलेंडर और पेट्रोल पंप पर विरोध करते थे तो कच्चे तेल की कीमत 147 डॉलर प्रति बैरल तक गई. आज तो 86 डॉलर पहली बार पहुंची है और आप आज ही दुहाई दे रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘जब 107 डॉलर कच्चे तेल की कीमत थी तो पेट्रोल की कीमत 71 रुपया 41 पैसे प्रति लीटर थी और डीजल की कीमत 55 रुपया 49 पैसे लीटर थी, जो आज क्रमश: 84 रुपया और 75 रुपया को पार कर गई है. इसका जवाब कब देंगे?’

सुरजेवाला ने कहा, ‘मोदी जी ये जवाब देना पड़ेगा कि जहां आप भारत के लोगों के ऊपर अनाप-शनाप पेट्रोल और डीजल की कीमतों का बोझ डाल रहे हैं, आप 29 देशों को सस्ता पेट्रोल और डीजल क्यों बेच रहे हैं?’ उन्होंने कहा, ‘मई, 2014 में गैस सिलेंडर 414 रुपए का था और मोदी सरकार में इसे 879 रुपए का कर दिया गया. इसका मतलब यह है कि 52 महीने में 414 रुपए का सिलेंडर 879 रुपए का किया है, 465 रुपए का इजाफा. 465 रुपये 52 महीने में बढ़ा दिए, 112 प्रतिशत से भी अधिक कीमतों में इजाफा.’

व्यवस्था के तहत कटौती

सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एक व्यवस्था के तहत 2.50 रुपए प्रति लीटर कटौती की घोषणा की. इसमें 1.50 रुपए की कमी उत्पाद शुल्क में कटौती से हुई है, जबकि पेट्रोलियम का खुदरा कारोबार करने वाली सरकारी कंपनियों को एक रुपए प्रति लीटर का बोझ वहन करने के लिए कहा गया है.

BSP से गठबंधन न होने से कांग्रेस पर नहीं पड़ेगा असर: कमलनाथ


मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि मायावती ऐसी 50 सीटें मांग रहीं थीं जहां उनके वोट न के बराबर है, ऐसे में इससे कांग्रेस को ही नुकसान होता


मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि बीएसपी के साथ गठबंधन नहीं होने से हमारी पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, हमारी तैयारी पूरी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी (एसपी) से हमारी बातचीत चल रही है और हो सकता है कि कांग्रेस-एसपी का गठबंधन राज्य में देखने को मिले.

कमलनाथ ने कहा कि बहुजन समाजवादी पार्टी (बीएसपी) उन सीटों की मांग कर रही थी जहां उसका वोट बैंक लगभग न के बराबर है. उन्होंने कहा कि मायावती की पार्टी ऐसी लगभग 50 सीटों की मांग कर रही थी. ऐसी सीटें उन्हें देने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान होता और इसका सीधा लाभ बीजेपी को मिलता.

बीएसपी से मध्य प्रदेश में गठबंधन नहीं हो पाने और मायावती के आरोप पर कमलनाथ ने यह जरूर कहा कि वो दिग्विजय सिंह से पूछेंगे कि उन्होंने ऐसा क्या कहा था. कमलनाथ ने साफ किया कि गठबंधन नहीं होने से कांग्रेस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला और राज्य की जनता समझदार है. वो सोच-समझकर फैसला लेगी.



राज्य में कांग्रेस-एसपी गठबंधन को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैंने कुछ दिन पहले ही अखिलेश यादव से बात की थी. हमारी बातचीत जारी है.

बुधवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि दिग्विजय सिंह जो बीजेपी के एजेंट हैं. उन्होंने स्टेटमेंट दिया है कि मायावती को केंद्र की तरफ से प्रेशर है इसलिए वह गठबंधन करना नहीं चाहतीं. यह निराधार है. दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेसी नेता नहीं चाहते कि कांग्रेस-बीएसपी का गठबंधन हो. वह सीबीआई, ईडी की तरह डरे हुए हैं.

वहीं मायावती के आरोपों को खारिज करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं पहले ही साफ कर चुका हूं कि मैं मायावती का सम्मान करता हूं. मैं कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन का समर्थक हूं. छत्तीसगढ़ में गठबंधन को लेकर बात हो रही थी लेकिन वो (मायावती) इसके लिए तैयार नहीं हुईं. मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी लेकिन यहां उन्होंने 22 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया.

माया मोह से परे कांग्रेस भाजपा कि राह आसान करती हुई


बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने साफ कर दिया है, ‘कांग्रेस पार्टी के रवैये को देखते हुए अब हमारी पार्टी कांग्रेस पार्टी के साथ किसी भी कीमत पर मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी.’


बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने साफ कर दिया है, ‘कांग्रेस पार्टी के रवैये को देखते हुए अब हमारी पार्टी कांग्रेस पार्टी के साथ किसी भी कीमत पर मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी.’ पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती का यह ऐलान सियासी हलचल मचाने वाला है. हलचल विपक्षी खेमे में कहीं ज्यादा है, क्योंकि इस ऐलान के बाद बीएसपी ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में कांग्रेस के साथ किसी भी सहमति की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया है.

लेकिन, इस ऐलान का मतलब सिर्फ विधानसभा चुनावों तक ही नहीं है. मायावती के इस ऐलान में दिख रही तल्खी से साफ है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी वो कांग्रेस को पटखनी देने की पूरी कोशिश करेंगी यानी यूपी में भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना भी अब खत्म हो गई है.

मायावती की गुगली से कांग्रेस चित

 

मायावती ने कांग्रेस पर उनकी पार्टी बीएसपी को खत्म करने का आरोप लगाया है. उनके मुताबिक, कांग्रेस पार्टी के नेताओं के रवैये से लगता है कि वे लोग बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए गंभीर होने के बजाए, बीएसपी को ही खत्म करने में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं. मायावती का आरोप है कि बदनामी मोल लेने के बावजूद भी बीएसपी ने बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस का साथ दिया लेकिन, बदले में कांग्रेस ने बीजेपी की तरह ही हमेशा दगा दिया है और पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है.

मायावती के हमले में कांग्रेस को चारों खाने चित करने की तैयारी है क्योंकि जो कांग्रेस बीजेपी पर जातिवादी और साम्प्रदायिक होने का आरोप लगाती रही है, अब मायावती ने सीधे कांग्रेस पर भी वही आरोप लगा दिए हैं.

बीएसपी सुप्रीमो मायावती की तरफ से किया गया कांग्रेस पर वार बीजेपी के लिए राहत है, कांग्रेस के लिए बाधक है, जबकि, खुद बीएसपी सुप्रीमो मायावती के लिए एक अगले लोकसभा चुनाव से पहले खुल कर खेलने का मौका है, यानी बंधन मुक्त मायावती जो कि आने वाले दिनों में अपने हिसाब से सौदा भी कर सकें और हालात के हिसाब से सियासी गोटी भी फिट कर सकें.

बीजेपी के लिए राहत

बात पहले बीजेपी की करें तो पार्टी मायावती के इस कदम से राहत की सांस ले रही है. कम-से-कम उन प्रदेशों में बीजेपी के लिए फिलहाल राहत है जहां कांग्रेस के साथ उसकी सीधी टक्कर है. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी सत्ता में है और विधानसभा चुनाव में उसे एक साथ कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

एंटीइंकंबेंसी फैक्टर के अलावा एससी-एसटी एक्ट के विरोध में बीजेपी के परंपरागत वोटर रहे सवर्ण समाज के विरोध ने पार्टी को परेशान कर दिया है. ऐसे वक्त में कांग्रेस के साथ बीएसपी के गठबंधन से पूरा का पूरा माहौल बदल सकता था. लेकिन, ऐसा हो न सका. बीजेपी के लिए यह राहत भरी बात है. तीसरी ताकत के तौर पर मायावती का मैदान में उतरना इन राज्यों में बीजेपी को फायदा पहुंचाने वाला रहेगा.

2013 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में बीएसपी को 6.29 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 4.30 फीसदी जबकि राजस्थान में 3.40 फीसदी था. ऐसे में कांग्रेस के साथ बीएसपी का वोट प्रतिशत जुड़ जाने पर यह आंकड़ा बीजेपी के लिए परेशान कर सकता था. खासतौर से छत्तीसगढ़ में और भी ज्यादा परेशानी हो सकती थी जहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच वोट प्रतिशत का अंतर महज एक से डेढ़ फीसदी का ही रहा था.

महागठबंधन की कोशिशों को झटका

बात अगर कांग्रेस की करें तो कांग्रेस के लिए अब मायावती का रुख बड़ा बाधक बन सकता है. खासतौर से कांग्रेस ने जिस तरह महागठबंधन बनाने के लिए विपक्षी एकता की बात की थी, उससे देश भर में एक माहौल बनाने की कोशिश हो रही थी. यह कोशिश बीजेपी विरोधी सभी दलों को साथ रखकर चलने की थी. लेकिन, मायावती ने कांग्रेस की इन सभी उम्मीदों पर फिलहाल पानी फेर दिया है.

कांग्रेस के लिहाज से यूपी में एसपी-बीएसपी के साथ गठबंधन करना ज्यादा जरूरी था. लेकिन, न ही मायावती और न ही अखिलेश यादव की तरफ से कांग्रेस को लेकर उत्साह दिखाया जा रहा है. कांग्रेस अगर यूपी में महागठबंधन नहीं बना पाई तो फिर लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता की उसकी कोशिश परवान नहीं चढ़ पाएगी. मायावती की गुगली से कांग्रेस इस वक्त बुरी तरह से फंस गई है, क्योंकि कांग्रेस के ही जातिवादी-साम्प्रदायिक तीर से मायावती ने उसे घेर दिया है.

मायावती 

अब, बात मायावती की करें तो वो कांग्रेस पर पूरी तरह से ठीकरा फोड़ रही हैं. मायावती को पता है कि उनपर सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियों के डर से कांग्रेस से दूर रहने के का आरोप लगेगा. कांग्रेस इन आरोपों को लगाकर बीजेपी के साथ मायावती की मिली-भगत का आरोप लगाएगी, लिहाजा, पहले से ही कांग्रेस पर उनका प्रहार शुरू हो गया है.

लेकिन, हकीकत यही है कि मायावती ने बड़ा सियासी दांव खेला है. मायावती ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में अपनी उपेक्षा के बहाने कांग्रेस को कायदे से किनारे लगा दिया है. मायावती को इन राज्यों के विधानसभा चुनावों से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. लेकिन, यूपी में लोकसभा चुनाव से पहले उनकी तरफ से जो दांव खेला गया है, उससे कांग्रेस खेमे में हड़कंप है. अगर एसपी के साथ बीएसपी का गठबंधन बन भी जाता है तो उस हालात में चुनाव बाद भी मायावती अलग अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होगी. लेकिन, चुनाव से पहले गठबंधन बनने से मायावती के लिए गठबंधन का ठप्पा लगा रहेगा जिससे बीएसपी के मुकाबले फायदा कांग्रेस को ही होगा.

 

 

राजस्थान में जाट आंदोलन

जयपुर:

राजस्थान में जाट आरक्षण का मु्द्दा गर्मा गया है। राज्य के जाट नेताओं ने शुक्रवार को आंदोलन करने की धमकी दी है। नेताओं का कहना है कि सरकार से आज शाम को बातचीत का आश्वासन मिला है। यदि सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो कल से जाट आंदोलन होगा।

भरतपुर से जाट नेता और कुम्हेर डीग से कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह ने सरकार को आज शाम तक का अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि यदि सरकार शाम तक हमारी मांगों को पूरा करने की तरफ सकारात्मक कदम नहीं उठाती है तो कल से जाट आंदोलन शुरू होगा। इसके अलावा उनका कहना है कि इस बार का आंदोलन इतना बड़ा होगा जिसे कि नियंत्रित नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने कहा, ‘पिछले आंदोलनों के दौरान मैंने जनता को मना लिया था लेकिन इस बार जनता नहीं मानेगी

आरएसएस ने पार्थ चटर्जी को उनके बयान की वजह से कानूनी नोटिस भेजा है


इस्लामपुर के दारीभीत गांव में आईटीआई के छात्र राजेश सरकार और तृतीय वर्ष के कॉलेज छात्र तपस बर्मन की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई थी


पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राज्य शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को उनके बयान की वजह से कानूनी नोटिस भेजा है. चटर्जी ने कहा था, ‘आरएसएस सीधे तौर पर इस्लामपुर में आग भड़का रही है जहां 2 लोगों की मौत हो गई.’

पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर में 2 छात्रों की मौत के विरोध में बीजेपी ने 12 घंटे का बंद बुलाया था. कोलकाता से सटे हावड़ा में बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने सरकारी बसों में तोड़फोड़ और आगजनी की थी.

बंद के दौरान उपद्रव की आशंका को देखते हुए राज्य भर के बस ड्राइवरों ने अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट पहना था. इस्लामपुर के दारीभीत गांव में आईटीआई के छात्र राजेश सरकार और तृतीय वर्ष के कॉलेज छात्र तपस बर्मन की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई थी.

Chanda Kochhar quits as ICICI Bank CEO; Sandeep Bakhshi to take over

file photo of Chanda Kochhar and Sandeep Bakshi


Sandeep Bakhshi’s appointment will be for a period of five years until October 3, 2023, subject to various approvals.


ICICI Bank Managing Director Chanda Kochhar has resigned from the bank with immediate effect. The board of the bank has accepted the request of Kochhar to seek early retirement, according to a regulatory filing.“The board accepted this request with immediate effect. The enquiry instituted by the board will remain unaffected by this and certain benefits will be subject to the outcome of the enquiry,” the bank said Thursday.

The board has decided to appoint Sandeep Bakhshi as Managing Director and Chief Executive Officer.

His appointment will be for a period of five years until October 3, 2023, subject to various approvals.

Earlier in June, Chanda Kochhar was told to go on leave by the board members of the ICICI Bank until a probe into her role in an alleged conflict of interest while granting loans to the Videocon Group was completed.

The board had appointed Sandeep Bakhshi as its chief operating officer then.

According to Sebi, CEO Chanda Kochhar did not adhere to the code of conduct, which required the disclosure of any conflict of interest in the case involving Videocon Group and NuPower Renewables.

NuPower Renewables is owned by her husband Deepak Kochhar.

ICICI Bank had given Rs 3,250 crore loan to Videocon whose chairman Venugopal Dhoot co-founded a separate company, NuPower Renewables, with Deepak Kochhar. The loans are now considered as non-performing asset on the books of banks.

यूपी के डिप्टी CM केशव मौर्य का शिवपाल को ऑफर, कहा- BJP में कर सकते हैं अपनी पार्टी का विलय

कानपुर (उ.प्र.):

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा से अलग होकर हाल में समाजवादी सेक्युलर मोर्चा गठित करने वाले शिवपाल सिंह यादव को अपनी पार्टी का भाजपा में विलय करने की पेशकश की है।मौर्य ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शिवपाल चाहें तो अपने मोर्चे का भाजपा में विलय कर सकते हैं। उनका स्वागत है। मगर फिलहाल भाजपा के पास किसी दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की गुंजाइश नहीं है।

पेट्रोल डीजल पर केंद्र ने 2.50 रुपये की रिलीफ दी और राज्यों से भी इतनी ही कटौती करने की गुजारिश की


हमने देश मे तेल की कीमत घटाने के की प्रयास किये।

पेट्रोल और डीजल पर 2.50 रुपये की राहत देंगे।


आज वित्त मंत्री ने पत्रकार वार्ता में बताया कि वित्त मंत्रालय पेट्रोल और डीजल पर 2.50 रुपये की राहत देगा.

तेल की बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में 2.50 रुपये कटौती की घोषणा की है। जेटली ने कहा, ‘आज अंतरमंत्रालयी बैठक में हमने तय किया कि एक्साइज ड्यूटी 1.50 रुपये घटाया जाएगा। इसके अलावा ऑइल मार्केटिंग कंपनियां (ओएमसी) एक रुपया घटाएंगी। केंद्र सरकार की तरफ से हम 2.50 रुपये प्रति लीटर तुरंत उपभोक्ताओं को राहत देंगे।’ वित्त मंत्री ने राज्यों से भी इतनी ही कटौती करने की गुजारिश की है ताकि ग्राहकों को 5 रुपये की राहत मिले। वित्त मंत्री ने कहा कि कटौती से एक्साइज रेवेन्यू में इस साल 10,500 करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ेगा।

बोले पिछले 4 साल में कच्चा तेल की कीमत सबसे ज्यादा। अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने का असर पड़ा। शेयर बाजार में गिरावट है। हमारी घरेलू आर्थिक स्तिथि मजबूत। महंगाई के आंकड़े हमारे पक्ष में है।

भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ‘चैंपियन ऑफ अनर्थ’: रणदीप सुरजेवाला


अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत कि उभरती तस्वीर कांग्रेस को हजम नहीं हो रही. पहले तो कांग्रेसी प्रवक्ता भारतीय मतदाताओं कि बुद्धि पर ही कटाक्ष करते थे अब वह अन्तराष्ट्रीय मंच संचालकों कि बुद्धि पर भी तंज़ कसने लग पड़े हैं,

रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ऐसा लगता है कि मोदी ‘चैंपियन ऑफ अनर्थ’ साबित हुए हैं.


कांग्रेस ने दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर किसानों पर बल प्रयोग को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने मोदी को ‘चैंपियन ऑफ अर्थ’ का पुरस्कार दिया है, लेकिन किसानों पर लाठी चलवाकर वह ‘चैंपियन ऑफ अनर्थ’ साबित हुए हैं.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि देश की मोदी सरकार किसान मुक्त भारत का निर्माण करने में जुटी है. मोदी जी चैंपियन ऑफ अनर्थ साबित हुए हैं, जो धरती पुत्र को मारे वह धरती का चैंपियन नहीं नहीं हो सकता.’ दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त राष्ट्र ने अपना सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान ‘चैंपियन ऑफ द अर्थ’ प्रदान किया है.

उन्होंने कहा, ‘मोदी जी, भगोड़ों को देते हैं नोट और किसानों को देते हैं लाठी की चोट. अब तो देश के हर कोने से यही स्वर सुनाई देता है-नरेंद्र मोदी, किसान विरोधी.’ सुरजेवाला ने कहा, ‘मोदी सरकार में कई बार किसानों पर लाठियां और गोलियां चलाईं गई हैं. अब तो यह रोजाना की बात हो गई है.’

सुरजेवाला ने कहा, ‘किसानों को एक बार फिर झूठे वादों को टोकरी पकड़ा दी गई. यह सरकार कब तक किसानों को ठगेगी? प्रधानमंत्री जी जवाब दें.’ उन्होंने सवाल किया, ‘एमएसपी का वादा जुमला क्यों बन गया? जब चार साल में बड़े उद्योगपतियों के 3.17 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया तो 62 करोड़ लोगों का कर्ज माफ क्यों नहीं किया जा सकता?’

कांग्रेस नेता ने पूछा, ‘यूरिया और खाद की कीमतें बढ़ाकर किसानों पर अत्याचार क्यों? डीजल की कीमत लगातार बढ़कर किसान की कमर क्यों तोड़ रहे हैं?’

मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी लेकिन यहां उन्होंने 22 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया : दिग्विजय सिंह


दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं नरेंद्र मोदी, अमित शाह, बीजेपी और आरएसएस का सबसे बड़ा आलोचक हूं. राहुल गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, हम सभी उनका कहा मानते हैं’


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती के उनपर लगाए आरोपों को खारिज किया है.

दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं पहले ही साफ कर चुका हूं कि मैं मायावती का सम्मान करता हूं. मैं कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन का समर्थक हूं. छत्तीसगढ़ में गठबंधन को लेकर बात हो रही थी लेकिन वो (मायावती) इसके लिए तैयार नहीं हुईं. मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी लेकिन यहां उन्होंने 22 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया.’

I’ve already made it clear that I respect Mayawati ji&has been in favour of Congress-BSP alliance from beginning. In Chhattisgarh, there were talks for alliance but she didn’t go for it. In MP too there were talks of alliance, she declared 22 candidates: Digvijaya Singh, Congress

बीजेपी का एजेंट होने के आरोपों पर दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं नरेंद्र मोदी, अमित शाह, बीजेपी और आरएसएस का सबसे बड़ा आलोचक हूं. राहुल गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, हम सभी उनके आदेशों का पालन करेंगे.’

Please ask her, as far as I am concerned, I had been one of the bitterest critics of Modi ji, Amit Shah ji, BJP & RSS. Rahul Gandhi is our Congress chief, we follow his directions: Digvijaya Singh, Congress on BSP chief Mayawati’s statement on him

इससे पहले बुधवार को ही मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि ‘कांग्रेस घमंडी हो गई है और उसे गलतफहमी है कि वो बीजेपी को अकेले अपने दम पर हरा देगी. लेकिन सच्चाई यह है कि लोग कांग्रेस को उसकी गलतियों और भ्रष्टाचार के लिए भूले नहीं हैं.’

बीएसपी अध्यक्ष ने कहा, ‘दिग्विजय सिंह जो बीजेपी के एजेंट हैं. उन्होंने बयान  दिया है कि मायावती को केंद्र की तरफ से प्रेशर है इसलिए वो गठबंधन करना नहीं चाहतीं. यह निराधार है. दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेसी नेता नहीं चाहते कि कांग्रेस-बीएसपी का गठबंधन हो. वो सीबीआई, ईडी की तरह डरे हुए हैं.’