मोदी टीवी पर इतना क्यूँ दीखते हैं


सेल्फ गोल में माहिर खिलाड़ी राहुल गाँधी कि एक और बेक किक

पीएम की मार्केटिंग उनके उद्योगपति मित्र कर रहे हैं जिन्हें पीएम करोड़ों रुपए देते हैं

और जब राहुल गाँधी टीवी पर दिखाई देते हैं तब उनकी मार्केटिंग के लिए टीवी को पैसे कौन देता है?


चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दो दिनों की राजस्थान यात्रा पर हैं. राहुल गांधी ने राजस्थान के बारी में आज एक जनसभा को संबोधित किया और बीजेपी पर जमकर हमला बोला.

राहुल गांधी ने कहा कि- मोदी जी 24 घंटे टीवी पर आते रहते हैं. उनके पोस्टर हर जगह दिखाई देते हैं. कोई भी टीवी पर फ्री में नहीं दिख जाता. अगर ऐसा होता तो हर कोई टीवी पर दिखाई दे रहा होता. मार्केटिंग के लिए करोड़ों रुपए लगते हैं. और पीएम की मार्केंटिंग उद्योगपतियों द्वारा की जा रही है जिन्हें पीए करोड़ों रुपए दे रहे हैं.

इससे पहले धौलपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी ने किसानों और गरीबों की जेब से 45 हजार करोड़ रुपए निकालकर अनिल अंबानी को दे दिए. मैंने संसद में पूछा कि पीएम ने उन्हें कॉन्ट्रैक्ट क्यों दिया?’

राहुल ने कहा, ‘मैंने पीएम की आंखों में देखकर सवाल किया लेकिन वह इधर-उधर देखते रहे. पूरे देश ने देखा कि पीएम देश के युवा से नजरें नहीं मिला सकते.’ उन्होंने कहा, ‘आप लोग सेल्फी लेते हैं लेकिन जब फोन पलटकर देखते हैं तो उस पर मेड इन चाइना लिखा होता है. मैं चाहता हूं कि उस पर मेड इन धौलपुर लिखा हो, मेड इन राजस्थान लिखा हो, मेड इन जयपुर लिखा हो.’

राहुल ने यह भी कहा, ‘मैं चाहता हूं कि जब कोई चीन में सेल्फी ले तो वह पूरी दुनिया को दिखा सके कि फोन के पीछे मेड इन धौलपुर लिखा है. इससे विदेशी लोगों के मन में धौलपुर के बारे में जानने की इच्छा होगी. वो टूरिस्ट के रूप में यहां आएंगे. आपकी जेब में पैसा होगा और हम उन्हें दोबारा फ्लाइट से वापस भेज देंगे.’

Nikki Haley resigns as US ambassador to the UN


Mr. Trump said she had done an “incredible job.”


Indian American Nikki Haley resigned as the United States ambassador to the United Nations (UN) on Tuesday amid speculation that she might be a candidate in the 2020 presidential election. She was governor of South Carolina when President Donald Trump offered her the job of ambassador to the UN. Elected as the state’s first woman governor in 2010, she was a staunch opponent of Mr. Trump within the Republican Party during the 2016 presidential election.

As governor twice and ambassador to the UN, Ms. Haley has carved out a space for herself in the Republican politics in America. She spoke out against racism and on issues of gender. Her tenure at the UN has been marked by her strident campaign against Russia, Iran and Syria. She has also overseen the Trump administration’s hostile approach to the UN.

Talking to reporters after a meeting with Ms. Haley at the White House on Tuesday morning, Mr. Trump said she had done an “incredible job.” “You have been very special to me,” she told Ms. Haley who was sitting to his right. Mr. Trump said Ms. Haley came to him about six months ago to express a desire to leave at the end of the first two years. The President lauded her accomplishments on issues ranging from North Korea to China at the United Nations, saying, “she got to know the players.” “They like her, except for maybe a couple, but that’s normal,” said Mr. Trump. Ms. Haley said she was a “lucky girl” for having been able to serve as governor of South Carolina and ambassador to the U.N.

It remains unclear what prompted Ms. Haley to quit and who will succeed her at as ambassador to the UN. Mr. Trump said “many people” were interested in succeeding Ms. Haley and a replacement will be named in two or three weeks or maybe sooner.”

Ms. Haley said she had no plans to run for President in 2020. “I will say this. For all of you that are going to ask about 2020, no, I’m not running for 2020….I can promise you what I’ll be doing is campaigning for this one. So I look forward to supporting the president in the next election,” she said. “That’s so good. Thank you Nikki,” Mr. Trump said in response.

Merger Couldn’t Yield Positive Results : Sanjay Sharma

More than 10 lakh officers and employees of various Banks across the country  joined the protest against the government’s decision of merger of Vijaya Bank, Dena Bank, Bank of Baroda .

Today large number of employees and officers gathered and demonstrated in front of Regional Office of  Bank of Baroda against government’s irrational decision. While addressing the bankers UFBU Convener Sanjay Sharma said that government’s previous experiments of merger have been proved futile. Merger also associated bank with the largest nationalized bank couldn’t yield any positive result; on the contrary SBI has posted a net loss in year 2017-18 and has yet to come out of the red. He further said  public sector banks have vital role in the development of the country. The merger is against the spirit of welfare state as it will not only cut the employment opportunities for youth but also open the flood gates for the banks of Foreign origin. the merger undeniable paves the way for gradual shift toward the era of private sector banks.

merger will lead to the closure of many branches  at both rural and urban area depriving the people from availing banking facilities.

Sharma also said that government should learn from the global scenerio ; even the merger of Merrill Lynch Bank, Bank of America,Dresden Bank etc proved to be the big failure.

Senior leaders of various banks  including Sanjiv Bandlish, Ashok Goyal, Deepak Sharma, T. S. Saggu,Vipin Berri, B. S. Gill, H.S. Loona, Jotinder Singh, A.P Sharma,Pankaj Sharma , Harvinder singh and Kranti Rai were also present during the demonstration

 

चुनाव आयोग पर दलित नायक खड्गे का गुस्सा फूटा

खड्गे का फाइल फोटो


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘जो भी उपचुनाव में उम्मीदवार होंगे उन्हें सिर्फ 5-6 महीने के मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल के लिए चुनाव का भारी-भरकम खर्च वहन करना होगा’

आचार संहिता के बहाने अब सरकारी मशीनरी को कुछ दीं और आराम के मिल जायेंगे


कर्नाटक के 3 संसदीय क्षेत्रों में उपचुनाव की घोषणा को लेकर चुनाव आयोग कांग्रेस के निशाने पर आ गया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनाव आयोग ने बिना राज्य सरकार को भरोसे में लिए उपचुनावों के तारीखों की घोषणा की.

उन्होंने आयोग के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा, ‘जो भी उपचुनाव में उम्मीदवार होंगे उन्हें सिर्फ 5-6 महीने के मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल के लिए चुनाव का भारी-भरकम खर्च वहन करना होगा.’

खड़गे ने कहा, ‘वो (चुनाव आयोग) इसे रोक सकते थे लेकिन उन्होंने पहले भी ऐसा किया है, वो जब चाहते हैं तब चुनाव की तारीखें टाल देते हैं या उसे घोषित समय से पहले कर देते हैं. कुछ क्षेत्र सूखे की चपेट में हैं, कुछ बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. अब आचार संहिता लागू हो जाने के कारण यहां किसी तरह का काम नहीं हो सकेगा.’

बता दें कि चुनाव आयोग ने शनिवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही कर्नाटक की तीन संसदीय क्षेत्रों (शिमोगा, बेल्लारी और मांडया) में भी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया था.

कर्णाटक में उपचुनावों कि घोषणा के साथ जेडीएस पर छाये चिंता के बादल

तीन लोकसभा सीटों और दो विधानसभा चुनावों पर उप चुनाव की घोषणा ने कर्नाटक की जेडीएस सरकार की परेशानी को बढ़ा दिया है. शनिवार को चुनाव आयोग ने शिमोगा, बेल्लारी और मांड्या लोकसभा सीटों और जामखंडी और रामनगर विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को चुनाव कराने की घोषणा करके राज्य सरकार को चौंका दिया है. आम चुनाव से महज चार महीने पहले होने वाले इन उपचुनावों को लेकर कांग्रेस और जेडीएस भ्रम की स्थिति में आ गई है.

क्योंकि अगले ही साल लोकसभा चुनाव होने हैं तो तीनों बड़े दल बीजेपी, जेडीएस और कांग्रेस को बिल्कुल अंदेशा भी नहीं था कि चुनाव आयोग बीएस येद्दयुरप्पा, बी श्रीमलुरु और सीएस पुत्ताराजू द्वारा छोड़ी गई इन सीटों के लिए भी उपचुनाव की तारीख तय कर देगा. कांग्रेस के विधायक सिद्धू न्यामगौड़ा की मृत्यु और मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की दो सीटों पर जीत के बाद रामनगर विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद इन सीटों में भी उपचुनाव की जरूरत पड़ी.

इन दोनों विधानसभा सीटों पर अपनी जीत को लेकर जेडीएस-कांग्रेस ज्यादा फिक्रमंद नहीं दिख रही. हालांकि आम चुनाव से महज चार महीने पहले कर्नाटक में लोकसभा की तीन सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और जेडीएस भ्रम की स्थिति में है.

इतने कम समय के लिए चुनाव की जरुरत नहीं थी:

तीनों पार्टियों के नेताओं का कहना है कि इतने कम समय के लिए इस उपचुनाव की कोई जरूरत नहीं थी. हालांकि इनमें से दो लोकसभा सीटें बीजेपी के पास हैं और उसने शिमोगा के लिए पहले से ही उम्मीदवार को घोषित कर रखा है. येदियुरप्पा के बेटे और पूर्व सांसद राघवेंद्र यहां से चुनाव लड़ेंगे. पार्टी ने बी श्रीरालुरु को बेल्लारी से अपनी पसंद का उम्मीदवार घोषित करने को कहा है. इसके अलावा बीजेपी मंड्या सीट पर जेडीएस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच मतभेदों का फायदा उठाने की योजना बना रही है.

मांड्या सीट पर जेडीएस काबिज है, इसलिए गौड़ा ने कांग्रेस से इसे उन्हें देने के लिए कहा है. हालांकि कांग्रेस का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा है और दावा कर रहा है कि कांग्रेस की मौजूदा सांसद राम्या दिव्या स्पंदना 2014 में जेडीएस उम्मीदवार से सिर्फ 5,000 वोटों से हारी थीं.

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता न कहा, ‘अगर हम जेडीएस के खिलाफ मंड्या से अपना उम्मीदवार उतारते हैं, तो गठबंधन सरकार गिर जाएगी और अगर हम जेडीएस को मंड्या में वापस लाते हैं तो हमारी पार्टी वहां पर पूरी तरह से खत्म हो जाएगी. हम वहां काफी मजबूत हैं और यह हमारे लिए यह सुनहरा मौका हो सकता है.’

मंड्या से स्थानीय कांग्रेस नेता चेलुवरया स्वामी ने जिले में जेडीएस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से साफ इनकार किया है. इसके अलावा ऐसी भी खबर है कि बीजेपी उन्हें लुभाने की कोशिश कर रही है

रामनगर सीट को लेकर कांग्रेस जेडीएस में द्वंद:

स्थानीय कांग्रेस नेता कुमारस्वामी द्वारा खाली की गई रामनगर विधानसभा सीट पर भी जेडीएस के समर्थन का विरोध कर रहे हैं. मुख्यमंत्री की पत्नी और पूर्व विधायक अनीता कुमारस्वामी वहां से चुनाव लड़ेंगी.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विधायक लिंगप्पा का कहते हैं कि हालिया चुनाव में पार्टी को 60,000 से ज्यादा वोट मिले थे. ऐसे में पार्टी को जेडीएस के खिलाफ उम्मीदवार उतारना चाहिए.

कांग्रेस अभी भी बेल्लारी और शिमोगा लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवारों की तलाश में है. ये दोनों सीटें बीजेपी के पास हैं. इसलिए गठबंधन को दोनों सीट पर जीत हसिल करने के लिए ताकतवर उम्मीदवार उतारने की जरूरत है. हालांकि कोई भी बड़ा नेता 6 महीने से भी कम कार्यकाल के लिए इन सीटों पर लड़ने में अपनी रुचि नहीं दिखा रहा. कांग्रेस नेता ने कहा कि इतने कम कार्यकाल के लिए कौन पैसा खर्च करना चाहेगा? इसके अलावा उनकी फिक्र यह भी कि है अगर पार्टी इन सीटों पर ठीक से नहीं लड़ती है तो इसका आगामी आम चुनावों पर असर पड़ेगा.

उधर जमखंडी विधानसभा सीट को लेकर जेडीएस और कांग्रेस के बीच कोई विवाद नहीं दिखता. जेडीएस ने पिछले चुनाव में एक हज़ार से भी कम वोट पाए और कांग्रेस ने दिबंगत विधायक सिद्धू न्यामुगड़ा के बेटे आनंद नय्मुगड़ा को वहां से उतारने का फैसला किया है.

जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा और राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने कहा कि सभी मुद्दों को एक या दो दिनों में हल किया जाएगा और वे संयुक्त रूप से सभी पांच सीटों में बड़ी लड़ाई करेंगे.

40,000 people, mostly from Uttar Pradesh, Madhya Pradesh and Bihar, have fled Gujarat


Gujarat Home Minister Pradeepsinh Jadeja said that the state government has asked the police to take action on anyone threatening migrant workers forcing them to flee the state.

Ahead of elections in 5 states it seems to be pretty strategic move to disturb immigrant voters in the states


Gujarat Home Minister Pradeepsinh Jadeja said that the state government has asked the police to take action on anyone threatening migrant workers forcing them to flee the state.

“Thirty-five FIRs have been lodged and the number of attacks on migrants has decreased in the last 24 hours,” Jadeja said, adding, “We appeal to people to not be frightened as we are taking appropriate actions.”

In a statement issued today, Gujarat Chief Minister Vijay Rupani assured the safety of migrant workers and promised appropriate action against those involved in attacks.

He also appealed for the unity “which is the culture and identity of Gujarat”.

Reports say that around 40,000 people, mostly from Uttar Pradesh, Madhya Pradesh and Bihar, have fled Gujarat following days of violence against them by unidentified groups.

In a press conference held on Monday, Jadeja acknowledged that there have attacks on the people from the three states in the last 4-5 days adding that action has been taken against the perpetrators.

“Police are interrogating the people who have been arrested for these attacks. We have registered three cases under the IT Act for spreading hatred on social media,” Jadeja told the media.

He said that the ruling Bharatiya Janata Party (BJP) government in the state is committed to provide security to those who come to Gujarat for employment.

“We have submitted a report to the central govt regarding every incident,” the state home minister said.

Railways stations in northern parts of Gujarat witnessed crowds of migrant workers boarding trains bound for their home state to escape targeted attacks on them.

The attacks on the migrants began after a labourer from Bihar was arrested for allegedly raping a 14-month-old girl in a village in Sabarkantha district on 28 September.

Hate messages on Whatsapp were circulated calling for attacks on people from Bihar and Uttar Pradesh. Around 170 people were arrested in connection with the attacks till 6 October. Though the intensity of attacks has reduced stray incidents continue to be reported from seven districts in north Gujarat.

Bihar Chief Minister Nitish Kumar said that he had spoken to his Gujarat counterpart on Sunday.

“I spoke to Gujarat CM yesterday. We’re in touch with them. They’re monitoring situation. Those who’ve committed a crime should be punished but no bias should be harboured for others,” Kumar was quoted as saying by ANI on Monday.

In a letter written to Gujarat High Court Chief Justice R Subhash Reddy, Deputy Chief Minister Nitin Patel had requested the setting up of a special fast-track court in the case.

Addressing reporters on Saturday in Ahmedabad, Patel said, “I have written to the chief justice with request to set up a special fast-track court so that trial in rape cases at Himmatnagar (in Sabarkantha district) and Surat are held there and completed in a month or so.”

Meanwhile, the state government blamed Congress MLA Alpesh Thakor for the violence. According to reports, the toddler who was raped belonged to the Thakor community.

His group, the Thakor Sena, have been staging protests in north Gujarat demanding justice for the girl. Thakor had on Sunday called the attacks “unfortunate” and stated that his group “never advocated violence and only talked peace”.

Thakor had on 3 October announced a fast outside Ahmedabad’s Sabarmati Ashram on 8 October to seek justice

Vijayan accused the RSS of disturbing the law and order in the state by taking advantage of the SC verdict.


The National Ayyappa Devotees (Women’s) Association had challenged the earlier verdict of the apex court allowing the entry of women of all ages into the Sabarimala temple.

Hundreds of Ayyappa devotees, including women in various parts of Kerala have been protesting against the Supreme Court verdict.

Over 4000 women held protests in Kerala and demanded the Kerala government to file a review petition.


Kerala government on Monday reiterated its stand stating that it will implement the Supreme Court verdict on the entry of women in Sabarimala temple.

This comes on the heels of a review petition filed by the National Ayyappa Devotees (Women’s) Association which challenged the earlier verdict of the apex court allowing the entry of women of all ages into the Sabarimala temple.

Chief Minister Pinarayi Vijayan said filing a review petition was against the stand. He said it was the responsibility of the government to implement the verdict of the Supreme Court.

Addressing a press conference, Vijayan said it was not the policy of the government to fight with believers.

However, the chief minister said the interest of the believers will be protected and that the government was ready for a discussion.

Vijayan also accused the RSS of disturbing the law and order in the state by taking advantage of the SC verdict.

The petitioner, president of the National Ayyappa Devotees Association said the verdict cannot be a match for the voice of the people.

“The petitioners believe that no legal luminary, not even the greatest of jurists or a judge, can be a match to the common sense and wisdom of the masses. No judicial pronouncement, even of the highest judicial tribunal in this country… can be a match for ‘the voice of the people’,” the petition read.

According to a Live Law report, Shylaja Vijayan, in her petition said the petitioners in the original case before the Supreme Court were not devotees of Lord Ayyappa and hence, there was no ‘cause of action’ at all in existence for invocation of the jurisdiction of the court.

She claimed that the judgment has sent “shock waves among millions of Ayyappa devotees”.

The chief priest of the Sabarimala temple and the Pandalam palace that is closely linked to the legend of the Sabarimala deity, have decided to skip the meeting called by the chief minister to discuss the 28 September Supreme Court verdict.

Hundreds of Ayyappa devotees, including women in various parts of Kerala have been protesting against the Supreme Court verdict.

Over 4000 women held protests in Kerala and demanded the Kerala government to file a review petition.

The protests gained momentum after the Pinarayi Vijayan-led LDF government last week refused to file review petition against the Sabarimala temple verdict.

A rally ‘Ayyappa Nama Japa Yatra’ was held on Sunday at Delhi’s Jantar Mantar where the devotees protested against the top court ruling.

In a landmark judgement on September 28, a five-judge constitution bench headed by Chief Justice Dipak Misra lifted the ban on entry of women of menstrual age into the shrine.

The apex court in a 4:1 ruling, said women were equally entitled to enter and worship in the temple.

Prior to the verdict, girls below the age of 10 and women over 50 were only permitted to enter the shrine.

BrahMos Aerospace engineer arrested for leaking “technical information” to Pakistan


Nishant Agrawal was nabbed in a joint operation by the Uttar Pradesh and Maharashtra Anti-Terrorism Squads


An engineer with the BrahMos Aerospace unit near here was arrested on Monday for allegedly leaking “technical information” to Pakistan, an official said.

Nishant Agrawal was nabbed in a joint operation by the Uttar Pradesh and Maharashtra Anti-Terrorism Squads (ATS) at BrahMos’ Wardha Road facility, an ATS official said.

The engineer was living in a rented accommodation on Wardha Road since the last year, his landlord Manohar Kale said.

Mr. Kale said the police team arrived at the building at 5.30 a.m and was there till 5 p.m.

Mr. Kale said Agrawal hails from Roorkee and got married two months ago. “He was staying with his wife here and had given his Aadhaar card copy and a certificate from his employer to me while moving in,” he said.

BrahMos Aerospace was formed as a joint venture between India’s Defence Research and Development Organisation (DRDO) and the ‘Military Industrial Consortium’ ‘NPO Mashinostroyenia’ of Russia.

The company was established in India through an inter-governmental agreement signed on February 12, 1998, between India and Russia. The name BrahMos represents the fury of the Brahmaputra and the grace of the Moskva rivers

समाज परिवर्तन के कार्यों को गति दें कार्यकर्ता : मोहन भागवत


तीन दिवसीय प्रवास के दौरान उत्तर क्षेत्र (दिल्ली, पंजाब, जम्मू- कश्मीर, हिमाचल, हरियाणा व केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़) प्रांत के संघ अधिकारियों से इन सभी छह प्रांतों की वर्तमान राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक परिस्थितियों पर विचार करेंगे। पिछले दो सालों में पंजाब में संघ नेताओं को जिस तरह से हत्या की गई, उससे संघ की कार्यशैली भी कमजोर पड़ गई है।


नरेश शर्मा भरद्वाज

हरियाणा:

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत के दो दिवसीय फरीदाबाद प्रवास पर संघ ने दिल्ली एवं हरियाणा की प्रांत कार्यकारिणी के कार्यकर्ताओं की बैठक का आयोजन किया। बैठक में पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, ग्राम विकास के आयाम, सामाजिक समरसता और जैविक खेती जैसे विषयों पर किए गए कार्य की समीक्षा व आगामी योजना पर विस्तारपूर्वक मंथन किया गया। वर्ष में एकबार होने वाली इस बैठक में संघ कार्य की समीक्षा करते हुए कार्य के विस्तार और दृढीकरण का विचार किया जाता है।

फरीदाबाद के सेक्टर 16 स्थित किसान भवन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की दिल्ली एवं हरियाणा के प्रांत कार्यकारिणी बैठक में प्रबुद्धजनों से श्रेणी अनुसार संपर्क किया गया जिसमें शिक्षाविद, डॉक्टर, उद्योगपति और समाज में सेवा संस्थाओं के प्रमुख उपस्थित रहे। बैठक के दूसरे दिन प्रात फरीदाबाद की सभी शाखाओं के मुख्य शिक्षक, कार्यवाहों से शाखाओं द्वारा उनके कार्य क्षेत्र में किस प्रकार के सेवा कार्य चल रहे हैं और व्यक्ति निर्माण के नाते किस प्रकार के कार्यक्रम शाखाओं में हो रहे हैं।

इन सभी विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इसके उपरांत हरियाणा और दिल्ली प्रांत स्तरीय कार्यकर्ताओं के साथ बैठक का क्रम रहा जिसमें पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन (परिवार से अ’छे संस्कार देने की व्यवस्था)जैसे विषयों पर प्रांत की विस्तृत योजना की समीक्षा की गई। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम विकास के आयाम,सामाजिक समरसता और जैविक खेती जैसे विषयों पर कार्य करने का आहवान करते हुए उन्होंने कहा कि युवा किसानों को प्रशिक्षित करते हुए उन्हें आगे लाया जाए। इस प्रकार उनका प्रवास सभी कार्यकर्ताओं के लिए उत्साह वर्धक रहा।

पंजाब प्रवास पर मोहन भागवत

विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव में करारी हार के बाद पंजाब में अब लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की पैनी नजर है। जिससे पंजाब के जालंधर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत तीन दिवसीय प्रवास पर हैं। मोहन भागवत आज जालंधर के विद्या धाम में पहुंच रहे हैं।

तीन दिवसीय प्रवास के दौरान उत्तर क्षेत्र (दिल्ली, पंजाब, जम्मू- कश्मीर, हिमाचल, हरियाणा व केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़) प्रांत के संघ अधिकारियों से इन सभी छह प्रांतों की वर्तमान राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक परिस्थितियों पर विचार करेंगे। पिछले दो सालों में पंजाब में संघ नेताओं को जिस तरह से हत्या की गई, उससे संघ की कार्यशैली भी कमजोर पड़ गई है।

राजस्थान कोर्ट में मनु महाराज की मूर्ति पर कालिख पोतने की शर्मनाक घटना

महाराष्ट्र से आईं दो स्त्रियॉं द्वारा मनुस्मृति के रचयिता आदिपुरुष मनु जी की कालिख पुती मूर्ति


मनु कहते हैं- जन्मना जायते शूद्र: कर्मणा द्विज उच्यते। अर्थात जन्म से सभी शूद्र होते हैं और कर्म से ही वे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र बनते हैं। वर्तमान दौर में ‘मनुवाद’ शब्द को नकारात्मक अर्थों में लिया जा रहा है। ब्राह्मण वाद  भी  मनुवाद के ही पर्यायवाची के रूप में उपयोग किया जाता है। वास्तविकता में तो मनुवाद की रट लगाने वाले लोग मनु अथवा मनुस्मृति के बारे में जानते ही नहीं है या फिर अपने निहित स्वार्थों के लिए मनुवाद का राग अलापते रहते हैं। दरअसल, जिस जाति व्यवस्था के लिए मनुस्मृति को दोषी ठहराया जाता है, उसमें जातिवाद का उल्लेख तक नहीं है। 


ख़बर फोटो और विडियो: दिनेश पाठक

 

 

राजस्थान हाईकोर्ट बेंच जयपुर मे मुख्य भवन के सामने स्थित मनु की मूर्ति पर महाराष्ट्र से आई दो महिलाओ ने कालिख पोत दी ‌‌‌‌‌‌राजस्थान उच्च न्यायालय परिसर मे आज भारी सुरक्षा वन्दोबस्त मे सेंध लगाकर महाराष्ट्र के औरंगाबाद से आई दो महिलाएं घुस गयी और परिसर मे स्थित मनु की मूर्ति को कालिख पोत दी जिन्हे सीसीटीवी के जरिये उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार द्वारा पुलिस को सूचित कर घटना स्थल से ही गिरफ्तार कर लिया ! ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ ‌ परिसर स्थित चौकी पुलिस ने उक्त दोनो महिलाओ को गिरफ्तार कर अशोक नगर पुलिस के हवाले कर दिया तथा पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनो महिलाओ से पूछताछ शुरू कर जांच शुरु कर दी‌‌ ! ‌हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने रजिस्ट्रार से मिलकर परिसर की सुरक्षा बढाने तथा गिरफ्तार लागो के खिलाफ कडी कार्यवाही की मांग की ‌बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल उपमन एवं महासचिव संगीता शर्मा ने पुलिस आयक्त को पत्र लिखकर घटना मे शामिल स्थानीय लोगो एवं इनके तार कहां कहां जुडे है को मद्देनजर रखकर जांचकर कठोर कार्यवाही की मांग की है ‌! उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट परिसर मे 28 जून 1989 को मनु की प्रतिमा की स्थापना की थी जिसका विरोध दलित संगठनो ने किया जिसके बाद एक पीठ ने उसे हटाने के आदेश दिये जिसके विरोध मे विश्व हिन्दु परिषद के आचार्य धर्मेन्द्र ने ने एक याचिका माननीय न्यायाधीश महेन्द्र भूषण के समक्ष प्रस्तुत की जिसमे उक्त आदेश को स्टे कर दिया ! मनु की प्रतिमा पर कालिख पोतने की घटना का शहर के विभिन्न संघटनो ने कडी निंदा की तथा कायरना हरकत बताया तथा चेतावनी दी कि यदि दोषियो के खिलाफ कठोर कार्यवाही नही की तो आन्दोलन किया जायेगा !

और अंत में 

मनुस्मृति में दलित विरोध : मनुस्मृति न तो दलित विरोधी है और न ही ब्राह्मणवाद को बढ़ावा देती है। यह सिर्फ मानवता की बात करती है और मानवीय कर्तव्यों की बात करती है। मनु किसी को दलित नहीं मानते। दलित संबंधी व्यवस्थाएं तो अंग्रेजों और आधुनिकवादियों की देन हैं। दलित शब्द प्राचीन संस्कृति में है ही नहीं। चार वर्ण जाति न होकर मनुष्य की चार श्रेणियां हैं, जो पूरी तरह उसकी योग्यता पर आधारित है। प्रथम ब्राह्मण, द्वितीय क्षत्रिय, तृतीय वैश्य और चतुर्थ शूद्र। वर्तमान संदर्भ में भी यदि हम देखें तो शासन-प्रशासन को संचालन के लिए लोगों को चार श्रेणियों- प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में बांटा गया है। मनु की व्यवस्था के अनुसार हम प्रथम श्रेणी को ब्राह्मण, द्वितीय को क्षत्रिय, तृतीय को वैश्य और चतुर्थ को शूद्र की श्रेणी में रख सकते हैं। जन्म के आधार पर फिर उसकी जाति कोई भी हो सकती है। मनुस्मृति एक ही मनुष्य जाति को मानती है। उस मनुष्य जाति के दो भेद हैं। वे हैं पुरुष और स्त्री।