उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह को सौंपा उपहारों की नीलामी से मिले 2 करोड़ 58 लाख रुपए का चेक

नई दिल्ली :

विधायक और मंत्री के तौर पर सम्मान के तौर पर मिले उपहारों की नीलामी से मिले 2 करोड़ 58 लाख का चेक उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह को सौंप दिया। इसी साल की शुरुआत में जनवरी में उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने फरीदाबाद के सूरजकुंड में 200 से ज्यादा उपहारों की नीलामी की थी जिससे 2 करोड़ 58 लाख की रकम एकत्रित हुई। उपहार खरीदने वाले लोगों से पैसा आने के बाद उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने प्रधानमंत्री राहत कोष में पैसा जमा करवा दिया। इस मौके पर पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के लिए ऐसा करना एक उदाहरण है और जनता से मिला सम्मान जनता के ही काम आ सके तो उससे बेहतर और क्या हो सकता है। इस मौके पर विपुल गोयल ने कहा कि उन्हें ऐसा करने की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली जिन्होंने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए कई बार अपने उपहारों की नीलामी की और जनहित में उस पैसे का इस्तेमाल किया। विपुल गोयल ने उन सभी लोगों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने 3 साल में विपुल गोयल को मिले उपहारों को खरीदकर जनसेवा में सहयोग करने का कार्य किया। विपुल गोयल ने कहा कि इतने उपहारों को घर में सजाने से बेहतर है कि मानव सेवा के कार्यों में इनका इस्तेमाल किया जाए । उन्होंने कहा कि आगे भी समय-समय पर एक जन प्रतिनिधि के तौर पर मिले तोहफों को वो जन सेवा में समर्पित करते रहेंगे ।इस मौके पर विपुल गोयल के साथ 1 करोड़ में एक प्रतिमा खरीदने वाले उद्योगपति एपी गर्ग भी मौजूद रहे।

माँ दुर्गा का पांचवां रूप : स्कंदमाता

 

 

नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंद माता की पूजा करनी चाहिए। यह दिन इस बार नवरात्रि 2018  में 14  अक्टूबर को आएगी। देवी स्कंद माता वात्सल्य की मूर्ति है। दरअसल माता के इस रूप से साधक यह विचार कर सकते हैं कि उन्हें किसी तरह की हानि कोई भी व्यक्ति नहीं पहुंचा सकता है, अन्यथा मां क्रोध में आकर अपने साधक, भक्त या पुत्र को नुकसान पहुंचाने वाले का सर्वस्व मिटा सकती है। जब इंद्र कार्तिकेय को परेशान कर रहे थे, तब मां ने उग्र रूप धारण कर लिया। चार भुजा और शेर पर सवार मां प्रकट हुई। मां ने कार्तिकेय को गोद में उठा लिया। इसके बाद इंद्र आदि देवताओं ने मां की स्कंदमाता के रूप में आराधना की।

संतान सुख देती है स्कंदमाता 

स्कंद माता की आराधना करने से संतान सुख की प्राप्ति भी होती है। नवरात्रि के पांचवें दिन लाल चुनरी, पांच तरह के फल, सुहाग का सामान आदि से धान/ चावल से मां की गोद भरनी चाहिए। इससे मां खुश होती है और भक्तों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती है।

बच्चे खुश तो मां खुश

स्कंद माता की कृपा तभी प्राप्त होती है, जब उनके भक्तों को नहीं सताया जाए। अनावश्यक मां के भक्तों को परेशान करने वालों से मां नाराज हो जाती है। इस दिन कार्तिकेय की पूजा का भी विधान है। लोगों को चाहिए कार्तिकेय की पूजा के बाद मां की पूजा करें और पांच कन्याओं के साथ छोटे बालकों को भी खीर का प्रसाद खिलाएं।

बुद्धिमता, ज्ञान की देवी : माँ स्कंदमाता

देवी माँ का पाँचवाँ रूप स्कंदमाता के नाम से प्रचलित्त है। भगवान् कार्तिकेय का एक नाम स्कन्द भी है जो ज्ञानशक्ति और कर्मशक्ति के एक साथ सूचक है। स्कन्द इन्हीं दोनों के मिश्रण का परिणाम है। स्कन्दमाता वो दैवीय शक्ति है,जो व्यवहारिक ज्ञान को सामने लाती है – वो जो ज्ञान को कर्म में बदलती हैं।

शिव तत्व आनंदमय, सदैव शांत और किसी भी प्रकार के कर्म से परे का सूचक है। देवी तत्व आदिशक्ति सब प्रकार के कर्म के लिए उत्तरदायी है। ऐसी मान्यता है कि देवी इच्छा शक्ति, ज्ञान शक्ति और क्रिया शक्ति का समागम है। जब शिव तत्व का मिलन इन त्रिशक्ति के साथ होता है तो स्कन्द का जन्म होता है। स्कंदमाता ज्ञान और क्रिया के स्रोत, आरम्भ का प्रतीक है.इसे हम क्रियात्मक ज्ञान अथवा सही ज्ञान से प्रेरित क्रिया, कर्म भी कह सकते हैं।

प्रायः ऐसा देखा गया की है कि ज्ञान तो है, किंतु उसका कुछ प्रयोजन या क्रियात्मक प्रयोग नहीं होता। किन्तु ज्ञान ऐसा भी है, जिसका ठोस प्रोयोजन, लाभ है, जिसे क्रिया द्वारा अर्जित किया जाता है। आप स्कूल, कॉलेज में भौतिकी, रसायन शास्त्र पड़ते हैं जिसका प्रायः आप दैनिक जीवन में कुछ अधिक प्रयोग करते। और दूसरी ओर चिकित्सा पद्धति, औषधि शास्त्र का ज्ञान दिन प्रतिदिन में अधिक उपयोग में आता है। जब आप टेलीविज़न ठीक करना सीख जाते हैं तो अगर कभी वो खराब हो जाए तो आप उस ज्ञान का प्रयोग कर टेलीविज़न ठीक कर सकते हैं। इसी तरह जब कोई मोटर खराब हो जाती है तो आप उसे यदि ठीक करना जानते हैं तो उस ज्ञान का उपयोग कर उसे ठीक कर सकते हैं। इस प्रकार का ज्ञान अधिक व्यवहारिक ज्ञान है। अतः स्कन्द सही व्यवहारिक ज्ञान और क्रिया के एक साथ होने का प्रतीक है। स्कन्द तत्व मात्र देवी का एक और रूप है।

हम अक्सर कहते हैं, कि ब्रह्म सर्वत्र, सर्वव्यापी है, किंतु जब आपके सामने अगर कोई चुनौती या मुश्किल स्थिति आती है, तब आप क्या करते हैं? तब आप किस प्रकार कौनसा ज्ञान लागू करेंगे या प्रयोग में लाएँगे? समस्या या मुश्किल स्थिति में आपको क्रियात्मक होना पड़ेगा। अतः जब आपका कर्म सही व्यवहारिक ज्ञान से लिप्त होता है तब स्कन्द तत्व का उदय होता है। और देवी दुर्गा स्कन्द तत्व की माता हैं।

 

इस मंत्र से करें मां की पूजा- 

 

सिंहसनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।

शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥

 

 इसके बाद इस मंत्र का जाप करना सुखद होता है।

या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

 

 

स्कंदमाता को प्रसन्न करके मूर्ख व्यक्ति भी ज्ञान प्राप्त कर सकता है 

भगवान स्कंद ‘कुमार कार्तिकेय’ नाम से भी जाने जाते हैं। पुराणों में स्कंद को कुमार और शक्ति कहकर इनकी महिमा का वर्णन किया गया है। देवी स्कन्दमाता की तीन आंखें और चार भुजाएं हैं। स्कंदमाता अपने दो हाथों में कमल का फूल धारण करती हैं और एक भुजा में भगवान स्कन्द या कुमार कार्तिकेय को सहारा देकर अपनी गोद में लिये बैठी हैं जबकि मां का चौथा हाथ भक्तों को आशीर्वाद देने की मुद्रा मे होता है। ऐसा कहा जाता है कि मां स्कंदमाता की पूजा करने से, मूर्ख व्यक्ति भी ज्ञानी या बुद्धिमान बन सकता है। जीवनमें परिवर्तन पाने के लिए आज ही मेरु पृष्ठ श्री यंत्र का प्रयोग करें।

 

देवी स्कंदमाता अपने अमोघ भक्तों को मुक्ति प्रदान करती है 

नवरात्रि के पांचवें दिन, भक्त का मन विशुद्धा चक्र तक पहुंच जाता है और इसी में रहता है। इस स्थिति में, भक्त का मन अत्यधिक शांत रहता है। स्कंदमाता  की पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इसके अलावा ये भक्त के लिए मुक्ति का रास्ता खोलती है और सूर्य की भांति अपने भक्तों को असाधारण तेज और चमक प्रदान करती है।

मां स्कंदमाता का मंत्र और संबंधित तथ्यः 

 

ध्यान

 

स्कंदमाता का मंत्रः ॐ ह्रीं सः स्कंदमात्रये नमः , इस मंत्र का 108 बार जाप करें। 

 

पांचवें दिन का रंग : क्रीम

 

पांचवें दिन का प्रसादः केसर पिश्ता वाला श्रीखंड

पूजा मे उपयोगी वस्तु

पंचमी तिथि के दिन पूजा करके भगवती दुर्गा को केले का भोग लगाना चाहिए और यह प्रसाद ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य की बुद्धि का विकास होता है।

स्कन्द माता की आरती

जय तेरी हो अस्कंध माता
पांचवा नाम तुम्हारा आता
सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी
तेरी ज्योत जलाता रहू मै
हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै
कई नामो से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा
कही पहाड़ो पर है डेरा
कई शेहरो मै तेरा बसेरा
हर मंदिर मै तेरे नजारे
गुण गाये तेरे भगत प्यारे
भगति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इन्दर आदी देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये
तुम ही खंडा हाथ उठाये
दासो को सदा बचाने आई
‘भक्त’ की आस पुजाने आई

 

 

बढती पेट्रोल कि कीमतों का असर आगामी विधान सभा चुनाव में देखने को मिलेगा

अलवर (राजस्थान):
पैट्रोल-डीजल के दामों में शुक्रवार को अचानक हुई बढ़ौत्तरी का असर अलवर शहर में भी साफ देखने को मिला। शाम ढलते ही पैट्रोल पंपों पर वाहन चालकों की कतार लग गई। अधिकांश लोगों ने इस नए निर्णय की वजह से पैट्रोल-डीजल लेने के लिए पम्पों पर आने की बात कही। लोगों का कहना है कि राजस्थान में आने वाले डेढ माह में विधानसभा का चुनाव होने वाला है और उस पर इस निर्णय का सीधा प्रभाव पड़ेगा।
लोगों का कहना है कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में 37 रूपए पैट्रोल होने के बावजूद देश में सरकार और पैट्रोलियम कंपनियां अधिक मुनाफे के लिए लगातार दाम बढा रही हैं। इस वजह से आम जन जीवन पर सीधा असर पड रहा है। सरकार ने अगर जल्द इस संबंध में ठोस कदम नहीं उठाए तो सत्ताधारी पार्टी को इसका आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

#MeToo movement, those accused of sexual harassment and misconduct may well sail to safety because of the law


#Me Too is something dicey very very, is it a propaganda against few successful celebrities or just few lines by lesser known celebrities.

Earlier I(the victim) was ashamed of it but now I’m telling it shamelessly rather tromping it out


Named and shamed by India’s growing #MeToo movement, those accused of sexual harassment and misconduct may well sail to safety because of the law. Identifying journalists, television actors and more, several women have blown the lid off old cases of sexual harassment — some dating back to the early 1990s — involving scribes, actors, comedians, writers and a journalist-turned-politician.

The important question is to what extent these cases can be pursued and proved in a court of law. Under criminal law, the concept of limitation or a time bar applies in a very restricted manner and never in cases of registering a complaint or first information report (FIR). An offence may have been committed several years ago, but the aggrieved can always register an FIR or complaint. There is no time bar under Sections 154, 155 and 156 of the Code of Criminal Procedure (CrPC) for registering an FIR, however old the offence may be.

Time bar is mentioned only in Section 468 of the CrPC, which mandates that no court shall take cognisance of an offence punishable up to three years of imprisonment after the expiry of limitation period. The time bar varies with the length of imprisonment prescribed for any offence.

Representational image

Section 468 has two important elements:

First, it prohibits the court from taking cognisance of an offence. The stage of taking cognisance under Section 190 of the CrPC arrives much after the registration of an FIR. The entire process of a criminal trial starts from the stage of registration of an FIR followed by investigation. If the police finds sufficient evidence and materials against the accused during the investigation, it files a chargesheet. In case of lack of any evidence, the police files a final report recommending the acquittal of the accused.

A chargesheet or final report can only be filed after the judicial magistrate takes cognisance of the same. Taking cognisance is a discretionary power for which application of judicial mind by the magistrate is essential. Once the magistrate takes cognisance of a chargesheet, the case is committed to a relevant court and trial begins in that court with framing of charges. Section 468, however, prohibits the cognisance — taking power of the court in certain cases if they are reported after expiry of the limitation period. But the prior stages of registration of the FIR and investigation are still allowed even in respect of such offences as mentioned in the section. It’s only that the trial of such offences cannot proceed in view of the time bar.

In the landmark Lalita Kumari case, the Supreme Court held that the registration of an FIR is mandatory under Section 154 of the CrPc if the information discloses commission of a cognisable offence — in which the police does not require a warrant to arrest the accused — and no preliminary inquiry is permissible. If the information received does not disclose a cognisable offence but necessitates an inquiry, the same may be conducted only to ascertain whether any cognisable offence is disclosed or not.

In the current situation, several women have narrated their experiences of sexual harassment that occurred a long time ago. Typically, acts of considered to be sexual harassment are covered under Sections 354A and voyeurism and stalking under Section 354C and D respectively of the Indian Penal Code(IPC).

Interestingly, Sections 354 A, C and D prescribe imprisonment of one to three years for first-time offenders but categorises them as “cognisable” offences at the same time. With the apex court verdict making registration of FIR mandatory in cases of cognisable offences, legally there is no bar on victims of sexual harassment from lodging an FIR against the accused irrespective of the time when the offence was committed.

However, since the maximum sentence prescribed for these offences is three years, they will fall under Section 468 of the CrPC. Therefore, while these women can register FIRs, they are unlikely to see criminal trials because of the time factor.

Another hurdle in starting a trial is that Sections 354A, 354C and 354D were introduced via an amendment in 2013 following the Jyoti Singh gangrape case. Many of the acts included as sexual harassment under Section 354A and voyeurism and stalking under Sections 354C and 354D respectively were not treated as offences under the IPC before the amendment.

Therefore, prosecution for any act committed before 2013 which was not an offence earlier could be prohibited under the mandate of Article 20(1), which states that no one can be punished for an act that was not punishable when the said act took place. Effectively, it means that criminal law amendments which prescribe a heavier punishment for an existing offence or introduce new categories of offences which affects the substantial rights of an accused cannot have retrospective effect and will only apply prospectively.

Since acts considered to be sexual harassment now were not an offence back in the early 2000s and 1990s, in my view, persons accused of such acts cannot be prosecuted now.

Two Hizbul Mujahideen Terrorists, Including Manan Bashir Wani, Killed By Security Forces At Handwara


  • Two terrorists, including top Hizbul commander, Manan Wani, were killed in a gunfight encounter with the security forces in Handwara area of North Kashmir
  • A police official, while confirming the killing of two terrorists in a gunfight said identity of the slain terrorists is being ascertained

Two terrorists, including top Hizbul commander, Manan Wani, were killed in a gunfight encounter with the security forces in Handwara area of North Kashmir’s frontier district Kupwara on October 11.

A police official, while confirming the killing of two terrorists in a gunfight that raged intermittently since 3:00 am in Shatgund, Handwara, following a cordon-and-search-operation (CASO), said identity of the slain terrorists is being ascertained.

While speaking to मीडिया पर्सन्स, top Police senior officer, while wishing anonymity, said that Wani was enrolled as a PhD scholar with the AMU before joining the ranks in January this year. However, sources said Wani along with two of his accomplice had come to the area to receive a group of recently infiltrated terrorists. “There is possibility that the infiltrated group is hiding in the nearby forest area and the operation may take longer than usual,” he revealed. 

Meanwhile, authorities have suspended the Internet services in the Kupwara district “as a precautionary measure”. Schools and colleges have also been closed in the district and also in South Kashmir.

Reports said clashes erupted near the gunfight site with youth pelting the forces with stones who responded by firing tear gas. Clashes were also reported in Lal Chowk, Anantnag. This is the first encounter reported in the valley after municipal election began in J&K.

On 27th September, encounter was reported from Panzan , Budgam district of South Kashmir. In an encounter at Panzan in Budgam district, security forces had “neutralised” two terrorists. The slain terrorists were identified as Sheeraz Ahmad Bhat and Irfan Ahmad Dar of terror outfit Hizbul Mujahideen.

“Dar was working as an SPO before deserting the police force a couple of months ago,” police spokesman claims. 

The police spokesman that time had said the terrorists fired on a search party from a mosque, prompting the security personnel to cordon off the area. “The local Auqaf Committee was engaged to convince the hiding terrorists to come out. Security forces too appealed the terrorists to come out,” said the police spokesperson.

But they turned down the offer, forcing the security personnel to launch the operation. The forces carried out the operation “very cautiously”, ensuring that the sanctity of the mosque is not breached, he said.

राजस्थान जार के राकेश कुमार शर्मा अध्यक्ष, संजय सैनी महासचिव निर्वाचित

जयपुर। जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) के द्विार्षिक प्रदेशस्तरीय चुनाव आज बुधवार को जयपुर में सम्पन्न हुए। चुनाव अधिकारी योगेश सैन ने बताया कि चुनाव में सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ। कार्यकारिणी के सभी पदों पर एक-एक ही नामांकन दाखिल हुए, जिसके आधार पर सभी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया।

राजस्थान जार के प्रदेश अध्यक्ष पद पर राकेश कुमार शर्मा, प्रदेश महासचिव पद पर खासखबर डॉट काम के संजय सैनी, प्रदेश कोषाध्यक्ष रामबाबू सिंघल निर्वाचित हुए है। इसी तरह प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर अजमेर से विजय मौर्य, भरतपुर से दीपक लवानिया, बीकानेर से श्याम सुंदर शर्मा, जयपुर से गौरव शर्मा, जोधपुर से ललित परिहार, कोटा से कुश कुमार मिश्रा, उदयपुर से सुभाष शर्मा निर्विरोध निर्वाचित हुए है। वहीं प्रदेश सचिव पद पर अजमेर से संतोष खाचरियावास, भरतपुर से वेदप्रकाश, बीकानेर से दिलीप भाटी, जयपुर से भाग सिंह, जोधपुर से कमल वैष्णव, कोटा से रिछपाल पारीक, उदयपुर से कौशल मूंदडा निर्वाचित हुए है। कार्यकारिणी सदस्य में गोपाल शर्मा, मृत्युंजय त्रिवेदी, राजेन्द्र राज, दीपक गोस्वामी, अजय नागर, विनोद पाठक, राकेश वर्मा, जितेन्द्र शर्मा, देवेन्द्र गर्ग, भवानी सिंह, संजीव माथुर, गिर्राज शर्मा, दामोदर रैगर, राम सिंह, महेश शर्मा निर्वाचित हुए है।

आरएसएस प्रमुख की सुरक्षा में कैप्टन सरकार की भरी चूक जालंधर के सीटी शिक्षण संस्थान में AK 47 के साथ पकड़े गए पांच संदिग्ध

updated at 4:22 pm


सीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के डाइरेक्टर माणबीर सिंह ने माना की उनके इंस्टीट्यूट के हॉस्टल से एके47 के साथ 3 मुस्लिम युवक पकड़े गए हैं  ओर उनके ही हास्टल के 2 छात्र भी आतंकी गतिविधियों में गिरफ्तार गए हैं  यह 3 मुस्लिम युवक उनके इंस्टीट्यूट के हास्टल में कैसे प्रवेश पा गए ओर हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्ञ्च्न्ह लग रहे हैं।

क्या इन युवको का जालंधर में इसी इंस्टीट्यूट में पाया जाना वह भी तब जब संघ प्रमुख भागवत जैसी अति विशिष्ट व्यक्तित्व पहली बार जालंधर आए हों, किसी खास साजिश की ओर इशारा करता है। 

कैप्टन सरकार क्या सिर्फ जुमले बोल कर रह जाएगी या फिर कुछ ठोस कदम भी उठाएगी।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के पंजाब प्रवास के दौरान इन युवकों का पकड़े जाना वह भी गवर्नर शासित जम्मू ओर कश्मीर की पुलिस द्वारा कैप्टन सरकार की मंशाओं ओर नियत पर प्रश्न चिन्ह लगती है।


फोटो ओर ख़बर नरेश शर्मा भारद्वाज, जालंधर:
शहर के एक बड़े शिक्षण संस्थान में बुधवार को काउंटर इंटेलिजेंस, सी.आर्इ.एफ. स्टाफ और जे.एंड.के. की पुलिस ने रेड कर 5 लड़कों को खतरनाक हथियारों सहित गिरफ्तार किया है। ये शिक्षण संस्थान जालंधर शहर से बाहर शाहपुर इलाके का बताया जा रहा है।

संघ प्रमुख की सुरक्षा में जालंधर सील  
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत जालंधर में 3 दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे हुए है, जिसके चलते पुलिस द्वारा शहर को सील किया गया है।  फिर भी जालंधर में विस्फोटक सामग्री सहित पकड़े गए संदिग्ध जालंधर पुलिस की लापरवाही को दर्शाते है। उक्त संदिग्धों को अमृतसर की काउंटर इंटेलिजेंस टीम, सी.आर्इ.एफ. स्टाफ और जे.एंड.के. की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर रेड करके  हिरासत में लिया है।

गिरफ्तार छात्रों में 4 मुसलमान और 1 पंजाबी नौजवान शामिल है। सूत्रों अनुसार हिरासत में लिए गए छात्रों के किसी गैंग या किसी आतंकी गतिविधि से जुड़ें होने की आशंका है। छात्रों से AK 47 भी पकड़े जाने की बात सामने आर्इ है लेकिन फिलहाल इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। पुलिस अब सभी छात्रों को हिरासत में लेकर जांच में जुट गर्इ है। वहीं इस खबर के बाद छात्रों में दहशत का माहौल है।

विडियो: सीटी इंस्टीट्यूट में अब इतनी अधिक सख्ती कर दी गयी है कि पत्रकारों को भी बाहर ही खड़े हो कर संतोष करना पड़ रहा है।  पत्रकार इसी रोष में है कि आतंकवादियों को सुरक्षशित स्वर्ग बनाने वाले इंस्टीट्यूट में उन्हे (पत्रकारों) से कोई मिल कर कुछ भी बताने को तैयार नहीं।

सिटी में पुलिस की बड़ी रेड हुई है. सिटी में जेएंडके पुलिस की तरफ से रेड किए जाने की सूचना है. बताया जा रहा है कि काउंटर इंटेलिजेंस के साथ ज्वाइंट आपरेशन में पुलिस को सूचना था कि जालंधर सिटी में एक गैंग आपरेट हो रहा है. सूचना के आधार पर सिटी के इंस्टीच्यूट में रेड की गई है. बताया जा रहा है कि अब पुलिस पर दबाव है कि इनका लिंक इंस्टीच्यूट से न दिखाया जाए. हालांकि अपुष्ट सूचना है कि उनसे खतरनाक हथियार भी मिले है और राउंडअप युवकों में कश्मीरी भी है.
जालंधर के सिटी इंस्टीच्यूट शाहपुर कैंपस में कुछ संदिग्ध शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके में ब्लास्ट करने की साजिश रच रहे थे। संभवता ये ब्लास्ट दीवाली के आस-पास होनी थी। लेकिन पुलिस ने उनके मंसबूों पर पानी फेर दिया। अमृतसर की काउंटर इंटेलिजेंस, सी.आर्इ.एफ. स्टाफ और जे.एंड.के. की पुलिस ने रेड कर 4 लड़कों को खतरनाक हथियारों सहित गिरफ्तार किया है जबकि 1 व्यक्ति को बस्ती मिट्ठू से हिरासत में लिया गया है। इनके पास करीब 1 किलो आर.डी.एक्स. जैसी विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गर्इ है।
पुलिस टीम में शामिल ए.एस.आई. मोहन सिंह के मुताबिक गिरफ्तार किए गए तीनों छात्र मुस्लिम हैं और इनके पास से इटेलियन मेड पिस्टल, 2 मैगजीन, एक AK 47 बरामद की गई है। छात्र दीवाली के करीब बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के लिए 3 थानों की पुलिस सी.आर्इ.ए. थाने पहुंच चुकी है।

पढ़ें क्या बोले डायरैक्टर मनबीर सिंह:
सीटी इंस्टीच्यूट के डॉयरेक्टर मनबीर सिंह ने कहा है कि देर रात पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने मिलने के लिए कहा, जिसके बाद उन्होंने आतंकी साजिश की आशंका जताते हुए होस्टल का दरवाजा खुलवाने की बात कही। मामला देश की सुरक्षा से जुड़ें होने के कारण सीटी इंस्टीच्यूट की मैनेजमेंट ने पुलिस का पूरा सहयोग किया। उन्होंने बताया कि चैकिंग के दौरान पुलिस ने 2 छात्रों के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात कही थी लेकिन होस्टल के एक कमरे से 3 मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया गया।

Our organization will start working in Islamic countries-HS Ranauta

 

Chandigarh: The Grand Lodge of India organized a two-day event on the issue of free masonry   role in world peace in world peace. On the second day of the program, the Asia Pacific Masonic Confederation Conference was held in Hotel Lalit on Sunday. The program was launched by welcoming all foreign and local members By Grand Master Harcharan Singh Ranauta Grand Lodge of India. The Grand Master of 42 Grand Lodge from, 20 countries to attend this conference

On the event Grand Master H S Ranauta said the  main motive of this conference was to spared massage of peace in world. Now our organization will start working in Islamic countries. We will make some intellectual person. Who can guide the people and spared the message of peace in their country. It will very help to crate peace in world and I think this small contribution of our organization.

Apart from this he describes all social work which were done by society this year. He also describe the future project in front of society members. He added freemasonry do various work  for society. But our main work are Mukti , Invisible prisoners, Senior’s day care centre.

For attend this Event various Grand Master of Grand Lodges came from 20 Countries. The main  Foreign Grand Lodges  MW Bro. Keith Murray, Grand Master of Grand Lodge of Victoria, Australia,  RW Bro Chris Craven, Representative of the Grand Master of United Grand Lodge of NSW & ACT, Australia ,  MW Bro Andrey Bogdanov, Grand Master of Grand Lodge of Russia ,  MW Bro Pavel Stroganov, Grand Chancellor of Grand Lodge of Russia , RW Bro Marco Vidal, Grand Chancellor of Grand Lodge of Chile , MW Bro Norihiro Inomata, Past Grand Master of Grand Lodge of Japan also appreciated the work in India of Society. They also describe their lodges work and future project. End of the Event all the members of freemasonry take oath to do social work for nation and humanity.

 

आंध्र कि 5 सीटों पर उपचुनाव कि कोई आवश्यकता नहीं : चुनाव आयोग


आयोग ने स्पष्ट किया कि आंध्र प्रदेश की पांच सीटें इस साल 20 जून को खाली हुई थी, जबकि लोकसभा का कार्यकाल अगले साल तीन जून को खत्म होगा


चुनाव आयोग ने लोकसभा के कार्यकाल में एक साल से कम समय बचने की दलील देते हुए आंध्र प्रदेश की 5 सीटों पर उपचुनाव कराने की जरूरत से इनकार किया है.

आयोग ने मंगलवार को जारी बयान में स्पष्ट किया कि आंध्र प्रदेश की पांच सीटें इस साल 20 जून को खाली हुई थी, जबकि लोकसभा का कार्यकाल अगले साल तीन जून को खत्म होगा. इसलिए जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 151 ए के अनुसार लोकसभा के कार्यकाल की अवधि एक साल से कम बची होने पर किसी सीट के रिक्त होने की स्थिति में उपचुनाव कराने की जरूरत नहीं है.

आयोग ने कर्नाटक की तीन लोकसभा सीटों के साथ ही आंध्र प्रदेश की पांच रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव घोषित नहीं करने संबंधी कुछ मीडिया रिपोर्टों पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कर्नाटक में उपचुनाव वाली तीनों सीटें 18 और 21 मई को रिक्त हुई थी. आयोग ने कहा कि लोकसभा के शेष कार्यकाल की अवधि से एक साल पहले इन सीटों के खाली होने के कारण इनके रिक्त होने के छह महीने के भीतर तीनों सीटों पर उपचुनाव कराने की कानूनी अनिवार्यता का पालन करते हुए उपचुनाव कार्यक्रम घोषित किया गया है.

पिछले सप्ताह शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों के साथ कर्नाटक की बेल्लारी, शिमोगा और मांड्या सीट के लिए उपचुनाव कार्यक्रम भी घोषित किया था.

आयोग ने स्पष्ट किया कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत लोकसभा की सीट रिक्त होने से छह महीने के भीतर उपचुनाव कराना अनिवार्य है. लेकिन अगर कोई सीट लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने से एक साल की अवधि में रिक्त होती है तो उस पर उपचुनाव कराने की कोई जरूरत नहीं है. आयोग ने कहा कि इस आधार पर अब आंध्र प्रदेश की 20 जून को खाली हुई पांच सीटों पर उपचुनाव कराना जरूरी नहीं रह गया है

गुजरात निकाय चुनाव में भाजपा ने 24/33 जीत कर कायम रखा दबदबा

 

गुजरात में नगरपालिकाओं और पंचायतों की 46 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी ने बाजी मार ली है. इन चुनावों में बीजेपी ने 24 सीटें जीतीं जबकि कांग्रेस के हिस्से में 19 सीटें आईं. मंगलवार को इन चुनाव के नतीजे घोषित किए गए. ये उपचुनाव सात अक्टूबर को हुए थे जो मौजूदा प्रतिनिधियों के निधन या इस्तीफे के कारण ये सीटें खाली हो गई थीं.

आठ नगरपालिकाओं की 11 सीटों, मेहसाणा और खेड़ा जिला पंचायत की दो सीटों और 33 तालुका पंचायतों की 33 सीटों के लिए ये उपचुनाव हुए थे. राज्य निर्वाचन आयोग की विज्ञप्ति के अनुसार, नगरपालिकाओं की 11 में से पांच बीजेपी ने और तीन सीटें कांग्रेस ने जीतीं. जबकि अन्य तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने कब्जा किया.

वहीं मेहसाणा और खेड़ा जिला पंचायत की दोनों सीटें कांग्रेस प्रत्याशियों के हिस्से में गई. बीजेपी ने 33 तुलाका पंचायत सीटों में से 19 सीटों पर कब्जा जमाया तो कांग्रेस ने 14 सीटों पर जीत का परचम लहराया.

हालांकि हार तो हार होती है. लेकिन पीएम मोदी को अपने ही गढ़ में इस तरह की कड़ी टक्कर मिलने से बीजेपी के लिए संकेत साफ है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को आसान जीत नहीं मिलने वाली.