पंजाब में आतंक फैलाने की बड़ी साजिश बेनकाब, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की हत्या का षडयंत्र, यूपी पुलिस का बड़ा खुलासा

शामली पुलिस की पिकेट पर हमला कर हथियार लूटने वाले बदमाशों के मंसूबे खतरनाक निकले। इनकी योजना प्रकाश सिंह बादल पर हमले की थी।

नरेश शर्मा भारद्वाज:

 

उत्तर प्रदेश के शामली जिले में यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में पुलिसकर्मियों से ही लूटी गई राइफल और दूसरे असलहे बरामद कर लिए हैं। मामले में गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि उनका मकसद अलगे कुछ दिनों पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की रैली में आतंक फैलाना और उनकी हत्या करने का था।मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि झिंझाना थाना क्षेत्र के गांव रंगाना में रविवार देर रात हुए पुलिस एनकाउंटर में पकड़े गए बदमाशों से पुलिसकर्मियों से लूटी हुई इंसास और थ्री नॉट थ्री की इंसास राइफल बरामद कर ली गई है। वहीं भारी मात्रा में कारतूस और दूसरे असलहा भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि दो अक्टूबर की रात को झिंझाना थाना क्षेत्र में ​कमालपुर चौकी के पास पुलिस पिकेट पर हमला कर अपराधियों ने असलहा लूटा था।

एक इंसास राइफल, 20 कारतूस, एक 303 राइफल और 10 कारतूस थे
इसमें एक इंसास राइफल, 20 कारतूस, एक 303 राइफल और 10 कारतूस थे। मामले में रविवार देर रात 3 बजे के करीब अपराधियों की पुलिस से मुठभेड़ हुई। इसमें तीन बदमाश गिरफ्तार किए गए हैं, जिसमें से दो पुलिस की गोली लगने से घायल हुए हैं, वहीं इस मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। लूट के बाद ये राइफलें पूजा ​स्थल पर छुपा रखी गई थीं, जिसे देर रात पंजाब शिफ्ट किया जाना था। हालांकि इस दौरान पुलिस को दौरान ये मुठभेड़ हुई।

लूट के हथियारों से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का मारने का था प्लान
एडीजी ने बताया कि बदमाशों ने कबूला है कि उनका मकसद आने वाले समय में लूट के हथियारों से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की रैली में आतंक फैलाना था। यही नहीं वह उनकी हत्या भी करना चाहते थे। एडीजी मेरठ ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों का मास्टरमाइंड जर्मन नाम का अपराधी है। वह अभी भी फरार है। शुरुआती जांच में उसकी फेसबुक आईडी की शिनाख्त की गई, जिससे खालिस्तान की मांग से जुड़े आतंकी संगठन से संपर्क की पुष्टि हुई है। एडीजी ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों का जनपद में कोई भी अपराधिक इतिहास नहीं है।

उन्होंने बताया कि इस मामले का खुलासा होते ही देश की सभी एजेंसियों को सूचित कर दिया गया है। इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को भी सूचित कर दिया है। वहीं मास्टरमाइंड जर्मन की भी तलाश तेज कर दी गई है। एडीजी ने बताया कि घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 50 हजार रुपए का ईनाम दिया गया है।

BJP’s long march ends with resolve to continue campaign against Sabarimala verdict


LDF plans campaign highlighting constitutional responsibility to implement Supreme Court ruling.


A long march taken out by the BJP-led National Democratic Alliance from Pandalam, opposing the Supreme Court verdict allowing entry of women of all ages into the Sabarimala hill shrine, concluded here on Monday.

Though the BJP leaders have been reiterating that the party would not resort to violence to push its demand, any bid by Sangh Parivar organisations to stop women pilgrims from entering the shrine on Thursday could lead to a showdown. Also the issue would come in handy for the BJP as well as the Congress-led United Democratic Front to lash the Left Democratic Front government.

The BJP leaders plan to meet soon to discuss the future course of action, which means the party would like to keep the issue alive till the Lok Sabha election due early next year.

The government has clarified that it would offer protection to all pilgrims, including women and also that it is committed to protecting the ritualistic tradition of Sabarimala and other places of worship.

NDA leaders leading the long march in Thiruvananthapuram on Monday on the Sabarimala issue.

 

The ruling LDF government is embarking on a campaign of its own from Tuesday.

Public meetings are to be held, with Chief Minister Pinarayi Vijayan and other leaders participating. The campaign will highlight the government’s constitutional responsibility to implement the verdict and explain the proposal it has submitted to the Supreme Court to constitute a panel comprising experts in rituals and eminent citizens to study the issue before taking a call.

The government also plans to expose the ‘contradictory positions’ adopted by the national leaders of the BJP and the RSS on the issue. It is confident of mobilising public opinion to match or even outdo the protests launched by the NDA and the UDF.

Clearing the post flood debris in Pamba and its precincts itself was a tough ordeal for the temple board. Caught in the row, it could not mobilise all its resources to put in place infrastructure facilities for debutante pilgrims as planned earlier. But it would do its best to provide all facilities to the pilgrims, sources said.

The Pandalam Palace as well as the Ayyappa Seva Sanghom and such others who focus on the service of the pilgrims have reiterated that they would not foment trouble. But women from different parts of the State collectively and individually have expressed their resolve to have `darshan’ and if the Sangh Parivar organisations decide to block them at Nilakkal, the base camp, it would lead to a commotion.

आल हरियाणा एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ वैलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में हरियाणा सरकार का पुतला जलाया

फोटो ओर खबर RK


1.एक्सटेंशन लेक्चरर की पोस्ट को खाली न समझा जाए
2. समान काम समान वेतन यूजीसी और 7वें वेतन आयोग के अनुसार 57700 दिए जाएं।


RK
पंचकुला ,  दिनांक 13/10/2018:

आल हरियाणा एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ वैलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में हरियाणा सरकार का पुतला जलाओ अभियान के तहत गुरूग्राम जिला के द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय, राजकीय महिला महाविद्यालय सैक्टर 14 , राजकीय महाविद्यालय सैक्टर 9 राजकीय महाविद्यालय जटोली हैलीमण्डी , राजकीय महाविद्यालय रिठौज़ा में कार्यरत एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ ने शिक्षण कार्य पुरा करने व काॅलिज ड्यूटी के बाद के बाद हरियाणा सरकार का पुतला जलाकर नारे बाजी की और हरियाणा सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया।

राजकीय महिला महाविद्यालय सैक्टर 14 की एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ के एसोसिएशन की प्रधान राधा का कहना कि एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ ने अपनी मांगों को लेकर अन्याय, शोषण 8 अक्टूबर को पूरे हरियाणा में हजारों एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ ने अपनी मुख्य मांग जॉब सिक्योरिटी और समान काम समान वेतन 57700/- रूपए प्रति महिने के लिए शांतिपूर्वक हरियाणा मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था । मुख्यमंत्री आवास में प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल की मीटिंग माननीय मुख्यमंत्री के पर्सनल सेक्रेटरी श्री राजकुमार जी से करवाई गई जहां उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला जिससे नाराज एक्सटेंशन लेक्चरर पंचकूला में शिक्षा सदन के पीछे हुड्डा पार्क में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं ।

राजकीय महाविद्यालय सैक्टर 9 की एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ एसोसिएशन के पदाधिकारी सुशील कुमार का कहना है कि हरियाणा में शिक्षा जगत में सबसे ज्यादा शोषण एक्सटेंशन लेक्चरर का हो रहा है और सबसे कम वेतन भी एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ को मिल रहा है । द्रोणाचार्य राजकीय महाविद्यालय गुरूग्राम की एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ वैलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी नीशू जाखड़ का कहना है कि हरियाणा सरकार प्राइमरी गेस्ट टीचर्स को 26000/- महीना, पीजीटी स्कूल गेस्ट लेक्चरर को 36000 प्रति महीना दे रही है जबकि उनकी योग्यता एम ए, बी एड है और कॉलेज कंप्यूटर्स इंस्ट्रकटर को 35,400 प्रति महीना दे रही है ।वही एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ जिनकी योग्यता यूजीसी के अनुसार नेट जेआरएफ और पीएचडी है उन्हें मात्र 25000/-प्रति महीना दिए जा रहे हैं जो सरासर एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ के साथ धोखा, अन्याय, शोषण और अत्याचार है।

राजकीय महाविद्यालय जटोली हैली मण्डी की एसोसिएशन के पदाधिकारी त्रिलोक कुमार और हेमलता का कहना है कि  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुसार नियमित असिस्टेंट प्रोफ़ेसर की बेसिक सैलरी 57700 प्रति महीना है । हरियाणा सरकार ने नियमित असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफ़ेसर को यूजीसी के अनुसार 7वें वेतन आयोग लागू कर दिया है जबकि एक्सटेंशन लेक्चरर की मांगों को लगातार अनदेखा करने के कारण एक्सटेंशन लेक्चरर में भारी रोष है ।

आज पांचवें दिन भी एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ साथी ईश्वर सिंह रेवाडी, कल्याण सिंह भारत गुरूग्राम, वेद प्रकाश महेन्द्रगढ़, राजेन्द्र सिंह सिरसा, शेर सिंह हिसार , सरोज दहिया पंचकूला सैक्टर 5 हुडडा पार्क में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे हैं। आज धरना स्थल पर अजय प्रकाश महेन्द्रगढ़, बलराज कनीना, रविन्द्र महेन्द्रगढ़, प्रवीण कुमार महेन्द्रगढ़, राजेश कासनिया सिरसा, संजीत सिरसा, आदि मौजूद रहे ।

एक्सटेंशन लेक्चर॔ रूषतम का कहना है कि यदि हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग ने एक्सटेंशन लेक्चरस॔॔ आमरण अनशनकारियों की मांगो पर कोई ध्यान नहीं दिया तो हरियाणा के सभी एक्सटेंशन लेक्चरर ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि अगर सरकार ने इस सप्ताह उनकी मांगों जॉब सिक्योरिटी और समान काम समान वेतन 57700 प्रति महीना का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया तो अगले सप्ताह पूरे हरियाणा से सभी एक्सटेंशन लेक्चरर अपने परिवार और छात्र संगठनों सहित पंचकूला में अनशनकारियों के साथ महापंडाल डाल देंगे । इस अवसर पर , रश्मि, कविता यादव, , बीना, प्रतिभा, राजकुमारी , सुमन, मंजू खटाना, अंजु शर्मा, पूजा ,हंसा वर्मा,राखी यादव, इनु यादव अंजू कुमारी प्रियंका धवान, पुष्पा धवान, अन्नू चौहान , शशि, विजय , हेमलता, कमल , रीना, सूमेश, रितू फोगाट , रवि देशवाल, शैली पूनम आदि मौजूद रहे ।

AIIEA gave a call for one day salary in Kerala relief fund

 

LIC Employees and Officers contribution towards Kerala Flood Relief of Rs 7,00,00,000 (SEVEN CRORE RUPEES) handed over to Chief Minister of Kerala Pinarayi Vijayan today by Chairman of LIC, alongwith Managing Director, Zonal Manager and others.
AIIEA gave a call for one day salary in this regard..

★LONG LIVE INSURANCE EMPLOYEES UNITY WITH TOILING & DISTRESSED PEOPLE OF KERALA★

Officers Association Condemns the Unfair Arrest of fellow officers.


  • Complainant is a bank defaulter
  • Actual Jurisdiction of said case should be Chandigarh, how punjab police can register the case and make arrests.

State Bank of India Officers’ Association which is affiliated to All India Bank Officers’ Confederation, having a membership of more than 3,20,000 officers strongly condemns the unfortunate harassment and police investigation against Bank Officers in connection with the FIR lodged by Smt. Sonia Bawa, owner of Ikaum Impex firm against her partner Sh. Sukhwinder Singh, alleging a fraud of Rs 6 crore by forging documents. Three officials of the State Bank of India surrendered before the court of Chief Judicial Magistrate, Kapurtala on 08.10.2018 and were sent to 14-day judicial custody in the Rs 6 crore loan fraud case. Another lady official had surrendered before the CJM court already on 05.10.2018. It would be pertinent to mention here that one lady officer is in final leg of pregnancy and another has undergone bypass surgery very recently. All their bail plea has been rejected. A case was registered against 14 people, including nine bank officials of three banks. Sonia Bawa had alleged that as per the partnership deed, her
partner was supposed to get her signatures while dealing with a bank or a financial institution, but he did not do so in connivance with bank officials while applying for a loan.

The loan under reference was sanctioned as per the bank’s lending norms. M/s Ikaum Impex – a partnership firm (Partners Shri Sukhwinder Singh and Smt. Sonia Bawa), registered at Kapurthala having its office at Chandigarh and engaged in the business of Import & sale of metal scrap, availed working capital (cash Credit) limit of Rs.0.50 crores and letter of Credit (LC) limit of Rs.3.50 crores from Canara bank, Kapurthala. In June 2012, the firm applied to SBI, SME Branch, Chandigarh for takeover of limits from Canara Bank. Cash Credit limit of Rs. 2.50 Crores and letter of Credit limit (LC) of Rs. 5.00
Crores was sanctioned after following due procedure. Loan was collaterally secured by Equitable Mortgage of house property in the name of Shri Kiranjit Singh Bawa (husband of Smt. Sonia Bawa, partner in the firm). Equitable mortgage was created by Mr. Kiranjeet Singh Bawa, owner of mortgaged property and guarantor to the firm. Mortgage was further confirmed by Mr Kiranjeet Singh Bawa by sending letter confirming deposit of title deeds. All the accounts were being conducted satisfactorily till August 2013. Bills under the LC were being paid by the firm. In September 2013, the Account started showing signs of stress as the firm was failing to deposit their sales proceeds in the cash credit accounts, thus leading to non-payment of bills under the LC’s issued. In an attempt to recover over dues & after all efforts of bank officials to get the accounts regularized by meeting the partners personally and by way of correspondence and to protect public money involved, Bank served legal notice to the partners in year 2013. As there was no response to the notices which were returned with remarks ‘REFUSED TO ACCEPT’, the Bank issued notice under section 13(2) of SARFAESI Act 2002 on borrowers & guarantors. Meanwhile Sh. Kiranjit Singh Bawa (guarantor to the loan) filed an FIR at City Thana Kapurthala against Sh. Sukhwinder Singh (partner of Ikaum Impex) that he has stolen car of the firm. Ms Sonia Bawa (one of the partners) also filed complaint and FIR with the Police Authority at Kapurthala against the other partner, Mr. Sukhwinder Singh and his family members for defrauding her while transacting in partnership. Bank officials of the branch were called at police station Kapurthala for investigation and recording of statements. After attending the investigations on many occasions, on the presentation of Ms Bawa, the police accused Bank officials of conniving with Mr. Sukhwinder Singh and defrauding her. This was in reaction to Bank notice to her, for sale of the Mortgaged property. Bank authorities also requested to transfer the case from Punjab Police to Chandigarh Police or any other independent investigating agency like CBI to book the real culprits and provide justice to officials who have been falsely implicated in the case. The case was shifted to Cyber Crime Branch, SAS Nagar for further investigation. The Bank officers have always co-operated and joined the investigation whenever required. They have also provided the documents, which have been requested from them time and again by the investigating officers. However, the Cyber Crime Cell Mohali implicated six officers in its report

This is a case of a conspiracy as the officials of the bank have been arrested for criminal conspiracy. The borrower had defaulted the loan and when Bank started action to pledge their property, a false case was got registered. The case even does not fall in the jurisdiction of Punjab Police because the same was sanctioned by SME, Branch situated at Chandigarh. In the internal investigations of the Bank, it has been proved that there is no malafide on the part of Bank officials.
Here, we would also like to throw light on the following facts which the Police Investigation Report has not considered.

1. Why there are contradictory FIRs registered by Sh. Kiranjit Singh Bawa on 27.04.2014 and Ms. Sonia Bawa on 24.05.2014? Both the FIRS are against Mr. Sukhwinder Singh.

2. Police investigation and report is silent against all those persons against whom FIR has been registered. Investigation has been diverted towards bank’s officials of SBI with the sole purpose to save the property mortgaged with the bank, which the bank wants to sell to recover its dues. Where are the main accused against whom FIR was registered? Police Investigation report is silent on the same. What efforts have been made by the police to trace the persons are not known?

3. Whether Mrs. Sonia Bawa solely signed the authority to debit the cash credit account with SBI and remit appox. Rs.46 lacs to Canara Bank? If yes, then why she is raising issue now that the account should have been operated jointly and the Bank has tampered with the documents.

4. Who received the first cheque book of the account? It was delivered at residential address of Mrs. Sonia Bawa. If all the cheques were signed by Mr. Sukhwinder Singh to make transactions, who delivered the cheque book to Sukhwinder Singh, when the same was sent at residential address of Ms. Sonia Bawa and received by her? Docket number was also provided to the police.

5. Ikaum Impex applied for adhoc limit of Rs.1.50 crore in April/May 2013. Both the partners and guarantor have signed the documents on 13.05.2013 and arrangement letter for availing adhoc limit. While signing the documents on 13.05.2013, Ms. Sonia Bawa signed the link letter and ratified all previous documents and all previous transactions. Then, why the issue of not knowing about the affairs of the firm is being raised now?

6. Mrs. Sonia Bawa was drawing salary from the firm. It means she was active partner of the firm and was fully aware about the affairs of the firm.

7. Mrs. Bawa was in prior knowledge of addendum to the partnership deed, which has changed the share from 80:20 to 20:80. Mail was sent to Chartered Accountant by her office staff only. Whether she filed her Income Tax return for FY 2012-13 on the basis of her share being 20% in the firm? If yes, why the issue of change of her share is being raised now and bank officials are being held liable for not advising this to Mrs. Bawa whereas it is clear that change was done with her consent.

8. When the account was under stress, notices were sent to both partners and guarantor as well as address of the firm. Some of the notices have been received by partners and guarantor. How can they say that they were never told about the affairs of the firm?

8. When the account was under stress, notices were sent to both partners and guarantor as well as address of the firm. Some of the notices have been received by partners and guarantor. How can they say that they were never told about the affairs of the firm?

9. If Mrs. Sonia Bawa was not aware of the affairs of the firm as claimed by her, why all the documents were signed by her? Why no complaint was made by her to bank or to any other authority after executing the documents thrice that the affairs of the firm are not known to her? She was accepting the salary and other benefits from the firm. Why police complaint was made only in May 2014 when whereabouts of another partner Sukhwinder Singh was not known?

10. When bank issued notice under section 13(2) of SERFEASI Act for recovery of its loan, whether any counter notice was given to bank under section 13 (3) of SARFEASI Act on the behest of the firm and guarantor? Whether any statement of that advocate was ever taken who gave notice on behalf of firm and guarantor? Later on, the same notice was withdrawn by the firm. This notice itself shows that Mrs. Sonia Bawa and Sh. Kiranjit Singh Bawa knew about all the affairs of the firm.

11. Loan has been sanctioned at Chandigarh. Documents were executed in SME Branch Sector17 Chandigarh on all occasions. Business address of the firm was at Chandigarh. Why FIR was registered at Kapurthala? Whether Punjab Police has jurisdiction to lodge FIR in this case and conduct enquiry against Bank’s officials?

Through this piece of communication, we demand that the case should be transferred to CBI so as to conduct proceedings in a fair & impartial manner. Moreover, the case also falls under the  jurisdiction of Chandigarh since the registered address of the firm was at Chandigarh and its accounts were being operated from Chandigarh. The lending Bank (SBI SME Branch, Sector 17, Chandigarh) is also in Chandigarh. It is very clear that both the partners (Mr. Sukhwinder Singh and Ms. Sonia Bawa) together joined the partnership and jointly applied for the loan. Estrangement of one partner with the other partner subsequently has no bearings on the responsibility of the partners, singly and severally to repay the Bank’s loans, failing which the Bank is legally bound to approach Courts
for recovery of dues. It is for the Courts to decide and issue orders accordingly. It would not be an exaggeration recalling the contribution of the public sector bankers’ community in the successful implementation of all the Govt. sponsored schemes and the officials have discharged their roles and responsibilities with honesty and sincerity beyond doubt. It is also well known that the people with high level politial connections implicate the bank officials
to avoid recovery process. The bank officials must have the protection from ill-treatment otherwise entire banking sector will collapse.
We also demand a detailed response from Bank Management on the issue as repeated publication of news with ulterior motives is not only tarnishing the image of our beloved Bank but also demoralising the entire officer community who are working day in and day out for the business development and growth of the Bank.

In an attempt to shield honest bankers from prosecuting agencies, the Parliament recently ej amended the revention of Corruption Act, 1988. Consequently, agencies are also required to seek prior nod from appropriate authorities before proceeding to arrest a bank official accused of misdemeanor. Central Vigilance Commission (CVC) is overall responsible for the vigilance of public sector including banks, the approval of CVC has been mandated to give protection to the bankers.
With this communication, we condemn the arrest of the bank officials for “taking bona fide decisions” and demand for their immediate release from the custody. We also demand that the government and the RBI for that matter should conform to the prevailing rules and regulations of the country and stop their atrocities on the bankers’ community.

 

# mee too आरोपों पर एमजे अकबर लेंगे कानूनी सलाह.


जब युवा थी तब मेरे साथ कुकृत्य किया गया तब मैं लाज और अपने करियर के डर से चुप थी, पर आज जब मैं कहीं भी नहीं हूँ और मुझे कहीं कोई शर्म या डर भी नहीं रहा तो मुझे एक विकल्प मिला #me too.

भेड़िया आया भेड़िया आया के शोर में असल पीड़ितों कि भी आवाज़ का मज़ाक बन जाएगा.


#MeToo कैंपेन के तहत हाल ही में एक अमेरिकी महिला पत्रकार समेत 10 महिला पत्रकारों ने पत्रकार से राजनेता बने पर छेड़छाड़ और यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसके बाद एमजे अकबर ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि वो यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ लीगल एक्शन लेंगे.

एमजे अकबर ने पहली बार #MeToo पर अपना बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं. वो पहले इस मामले में नहीं बोल पाया क्योंकि वो विदेश के दौरे पर थे.

एमजे अकबर का कहना है, ‘यह लहर आम चुनाव से ठीक पहले उठने की क्या वजह है. क्या यह कोई एजेंडा है? आप जज हैं. ये झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं ताकि मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया जा सके.’

एमजे अकबर ने कहा, ‘बिना सबूत के आरोप लगाना वायरल फीवर की तरह बढ़ रहा है. जो भी मामला हो, अब मैं लौट आया हूं. मेरे वकील इस बेबुनियाद मामले की जांच कर रहे हैं और मैं इसके खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा.’

एमजे अकबर का कहना है कि झूठ के पैर नहीं होते हैं लेकिन उनमें जहर होता है.

उन्होंने कहा कि प्रिया रमानी ने एक साल पहले एक मैगजीन में लेख लिखकर यह कैंपेन शुरू किया था. तब उन्होंने मेरा नाम नहीं लिया था क्योंकि उन्हें पता था कि यह झूठी कहानी है. हाल ही में उनसे पूछा गया कि उन्होंने नाम क्यों नहीं लिया तो उन्होंने ट्वीट करके जवाब दिया था, ‘उनका नाम कभी इसलिए नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ किया ही नहीं है.’ अकबर का कहना है कि अगर उन्होंने कुछ नहीं किया तो ये कहानी क्या है ?

 

मनोहर पर्रीकर एम्स से गोवा लौटे, हालत गंभीर

 

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को आज यानी रविवार को दिल्ली के एम्स से छुट्टी दे दी गई. इसके बाद वो अपने गृह प्रदेश गोवा लौट गए हैं.

एम्स के सूत्रों ने बताया कि रविवार को सुबह उनकी हालत खराब होने के बाद थोड़ी देर के लिए उन्हें आईसीयू में रखा गया. हालांकि इसके कुछ वक्त बाद अस्पताल प्रशासन ने उन्हें छुट्टी देने का निर्णय लिया.

इससे पहले गोवा के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया था, ‘मुख्यमंत्री को एक विशेष विमान से रविवार को दिल्ली से गोवा लाया जा सकता है. अस्पताल में उनका इलाज कर रहे डॉक्टर रविवार की सुबह बताएंगे कि वो घर लौटने के लिए स्वस्थ हैं या नहीं.’ उन्होंने बताया कि अगर पर्रिकर गोवा लौटते हैं तो वह पणजी में अपने निजी आवास में रहेंगे.

अपनी खराब सेहत के चलते मुख्यमंत्री कार्यालय में गैर-मौजूदगी के दौरान सरकार के सुचारू रूप से काम करने के तरीकों पर चर्चा के लिए शुक्रवार को पर्रिकर ने बीजेपी की गोवा इकाई की कोर कमिटी के सदस्यों और गठबंधन के सहयोगी दलों के मंत्रियों से एम्स में मुलाकात की थी.

हालांकि, पर्रिकर से मुलाकात के बाद बीजेपी और अलग से मिलने वाले सहयोगी दलों के नेताओं ने गोवा में नेतृत्व में किसी भी तरह के बदलाव से इनकार किया था.

गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं मनोहर पर्रिकर

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर बीते 15 सितंबर से दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती थे. 62 वर्षीय पर्रिकर को उनकी बिगड़ती सेहत के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर विशेष विमान से दिल्ली लाया गया था.

पर्रिकर पिछले कुछ महीनों से गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. इसी साल के शुरू में बीमारी का पता चलने पर बीते वो 3 बार अमेरिका से इलाज कराकर लौटे हैं. इसके अलावा इसे लेकर उन्हें मुंबई के भी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था.

पत्रकार, सम्पादक, प्रवक्ता और राजनेता: एम् जे अकबर


एम जे अकबर एक प्रमुख भारतीय पत्रकार, लेखक और राजनेता हैं, वह विदेश मामलों के राज्य मंत्री और मध्य प्रदेश से राज्यसभा में संसद सदस्य भी हैं, 5 जुलाई 2016 को उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय मंत्री परिषद में शामिल किया गया था


एम जे अकबर (मोबासर जावेद अकबर) का जन्म 11 जनवरी 1951 में हुआ था. वह एक प्रमुख भारतीय पत्रकार, लेखक और राजनेता हैं. एम जे अकबर विदेश मामलों के राज्य मंत्री और मध्य प्रदेश से राज्यसभा में संसद सदस्य भी हैं. आपको बता दें कि 5 जुलाई 2016 को उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय मंत्री परिषद में शामिल किया गया था. आपको बता दें कि अक्टूबर 2012 में अपने इस्तीफे तक लिविंग मीडिया समूह द्वारा प्रकाशित भारत के प्रमुख साप्ताहिक अंग्रेजी समाचार पत्रिका ‘इंडिया टुडे’ के संपादकीय निदेशक रह चुके हैं. इस दौरान उन्हें मीडिया कंपनियों के संगठन तथा अंग्रेजी समाचार चैनल ‘हेडलाइंस टुडे’ की देखरेख के लिए एक अतिरिक्त जिम्मेदारी भी मिली हुई थी.

2010 में साप्ताहिक समाचार पत्र ‘दि संडे गार्जियन’ का शुभारंभ किया

एम जे अकबर ‘द टेलीग्राफ’ के संपादक भी रह चुके हैं. एक समय तो यह भी कहा जाता था कि मंत्री और मुख्यमंत्री लोग मनाते थे कि एम जे अकबर उनकी कवर स्टोरी न छापें क्योंकि कवर स्टोरी छपी नहीं कि कुर्सी गई, जैसा माहौल बन गया था. उन्होंने 2010 में साप्ताहिक समाचार पत्र ‘दि संडे गार्जियन’ का शुभारंभ किया था और वह लगातार इसके प्रधान संपादक रहे. इससे पहले वह दक्षिण भारत की प्रमुख अंग्रेजी पत्रिका ‘एशियन एज’ के संस्थापक और वैश्विक परिप्रेक्ष्य के साथ इसके दैनिक मल्टी संस्करण भारतीय समाचार पत्र के प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं. वह हैदराबाद के दैनिक समाचार पत्र ‘डेक्कन क्रॉनिकल’ के प्रधान संपादक भी रह चुके हैं. एम जे अकबर साल 2002 में ‘स्टार न्यूज’ (अब एबीपी न्यूज ) के लिए ‘अकबर का दरबार’ कार्यक्रम करते थे. एम जे अकबर नैरेटिव जर्नलिज्म के बेताज बादशाह रहे हैं.

अकबर ने जवाहर लाल नेहरू की जीवनी ‘द मेकिंग ऑफ इंडिया’ लिखी

उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी है जिसमें जवाहर लाल नेहरू की जीवनी ‘द मेकिंग ऑफ इंडिया’ और कश्मीर पर आधारित ‘द सीज विदिन’ काफी चर्चित रही है. वह ‘दि शेड ऑफ शोर्ड और ए कोहेसिव हिस्टरी ऑफ जिहाद’ के भी लेखक हैं. उनकी हाल ही में प्रकाशित पुस्तक ‘ब्लड ब्रदर्स’ है, जिसमें भारत में घटनाओं की जानकारी और दुनिया, खासकर हिंदू-मुस्लिम के बदलते संबंधों के साथ तीन पीढ़ियों की गाथा का उल्लेख है. उनकी यह पुस्तक ‘फ्रेटेली डी संग’ के नाम से इतालवी में अनुवादित हुई है, जो 15 जनवरी 2008 को रोम में जारी किया गया था. पाकिस्तान में पहचान के संकट और वर्ग संघर्ष पर आधारित उनकी पुस्तक ‘टिंडरबॉक्स: दि पास्ट एंड फ्यूचर ऑफ पाकिस्तान’ जनवरी 2012 में प्रकाशित हुई है.

एम जे अकबर राजनीति में भी काफी सफल रहे

एम जे अकबर राजनीति में भी काफी सफल रहे हैं. वह 1989 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में पहली बार बिहार के किशनगंज से लोकसभा के लिए चुने गए थे. वह किशनगंज से 2 बार सांसद रह चुके हैं. साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के प्रवक्ता भी रहे हैं. मार्च 2014 में वह बीजेपी में शामिल हुए हैं और वर्तमान में उसके प्रवक्ता हैं.

NDA Drill Square for political rallies?

Bison Polo Ground, Secunderabad AP

Ravi Bharti Gupta:

What next? Hiring out Officers’ Messes for weddings? NDA Drill Square for political rallies? The most hallowed institutions of the Armed Forces have become victims of sacrilege. Will this subservience ever end? We have a Chief who talks big of the Teeth to Tail ratio, when his own Tail is tucked between his legs and he is a Toothless Tiger. Only God can help the Armed Forces, because our own senior officers have sold their souls.

Copy of order by DEO (Defence Estate Officer) is also published.

 

When contacted on the given number on Sunday, October 14, 2018 at 12:44 pm the person on the other end refused to connect to the concerned authority and hanged up the call.

Jai Hind!

Wife and son of a Judge shot down in Gurugram

 

The wife and son of a judge were shot allegedly by his personal security staff member in Gurugram’s Sector 49 in broad daylight Saturday. The attacker also fired some shots outside a nearby police station. The police arrested the accused after a search operation.

Police said the incident occurred around 3.30 pm when additional sessions judge Krishan Kant’s wife Ritu and son Dhruv had gone for shopping in the Arcadia market. They were accompanied by the judge’s guard, Mahipal.

DCP-East Sulochna Gajraj said the two have been rushed a hospital in the city where they are in “critical” condition.

“Some locals informed the police about gunshots being fired outside the Arcadia market. When a police team reached the spot, they found Ritu and Dhruv lying in a pool of blood,” Gajraj said.

She said Ritu has suffered a bullet injury in her chest, and Dhruv in his head. “They were taken to the Medanta Hospital where they are undergoing treatment but their condition is critical,” according to the officer.

Visuals from the spot show the attacker trying to put the judge’s son in a car and then abandoning the attempt.

Gurugram Police PRO Subhash Bokan said Mahipal was being interrogated to establish the reason why he opened fire.