59 मिंट में पा सके हैं 1 करोड़ का ओद्योगिक लोन


इसके लिए एक स्पेशल पोर्टल भी लॉन्च किया गया है. जिसके मदद से आसानी आप एक घंटे से भी कम समय में लोन पा सकते हैं 


प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए 59 मिनट में 1 करोड़ का लोन देने की घोषणा की है. इस बीच पीएम मोदी ने ईज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत की उछाल की भी तारीफ की.

इसके लिए एक स्पेशल पोर्टल भी लॉन्च किया गया है. जिसके मदद से आसानी आप एक घंटे से भी कम समय में लोन पा सकते हैं. लोन लेने के लिए आपका छोटा या मध्यम उद्योग का जीएसटी रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. पीएम ने कहा कि पहली बार लोन लेने पर GST रजिस्टर्ड MSMEs पर ब्याज दर में 2 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. पहली बार लोन लेने पर इसकी ब्याज दर 3 प्रतिशत होगी इसके बाद यह 5 प्रतिशत हो जाएगा. केंद्र सरकार ने MSMEs को बूस्ट करने के लिए 12 अहम फैसले लिए हैं.

यह जरूरी है कि वो सभी कंपनियां जिनकी टर्नओवर 500 करोड़ से ज्यादा है वह TReDS प्लेटफॉर्म यानी व्यापार प्राप्तियां ई-छूट प्रणाली में शामिल हों. ताकि MSMEs को कैश फ्लो में कोई परेशानी ना उठानी पड़े.

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, मैं 59 मिनट में लोन अप्रूव करने वाली यह पोर्टल आपको समर्पित कर रहा हूं. यह अभी से ही एमएसएमई बिजनेसमैन को फायदा पहुंचाने लगी है.

पीएम ने कहा, यह हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत ने इज ऑफ डूइंग बिजनेस में 77 वें नंबर पर अपनी जगह बना ली है. 4 साल पहले जब हमारी सरकार सत्ता में नहीं थी तो हम 142 वें रैंक पर थे. वो दिन ज्यादा दूर नहीं जब हम अपनी जगह टॉप 50 में बना लेंगे.

सिंधिया की राह में रुकावट बन रहे हैं परंपरागत विरोधी


राज्य में मैदानी कार्यकर्ता लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग कर रहा है. लेकिन, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य में किसी भी नेता को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट न करने का फैसला कर लिया है


सारिका तिवारी

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण के कुछ घंटे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कथित तौर पर हुई तू-तू,मैं-मैं की खबर से कांग्रेस की राजनीति में एक बार फिर गुटबाजी हावी होती दिखाई दे रही है. हालांकि कांग्रेस के प्रवक्ता किसी भी विवाद से इनकार कर रहे हैं. लेकिन, विवाद की खबरों को कांग्रेसी असामान्य घटना भी नहीं मानते हैं. सिंधिया-दिग्विजय सिंह का विवाद अक्सर सामने आता रहता है. सिंधिया का संसदीय क्षेत्र और दिग्विजय सिंह का गृह जिला एक ही है.

सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच विवाद दूरी होने के कुछ एतिहासिक कारण हैं जो राजे-रजवाड़ों के दौर से जुड़े हुए हैं. ग्वालियर के महल और राघोगढ़ के किले के बीच स्थिति हमेशा टकराव की रही है. दिग्विजय सिंह राघोगढ़ के राज परिवार से हैं. इसका असर आज भी कांग्रेस और बीजेपी की राजनीति में देखने को मिलता है. राज्य कांग्रेस में पिछले चार दशक से राजनीति सिंधिया के समर्थन और विरोध के बीच ही चल रही है. माधवराव सिंधिया भी इसी राजनीति के चलते कभी राज्य के मुख्यमंत्री नहीं बन पाए थे.

ज्योतिरादित्य सिंधिया को नहीं बनने दिया मुख्यमंत्री का चेहरा

राज्य में मैदानी कार्यकर्ता लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग कर रहा है. लेकिन, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य में किसी भी नेता को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट न करने का फैसला कर लिया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्य में कांग्रेस की कमान थामने के लिए भी तैयार थे. लेकिन, विरोध कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की ओर से हो रहा था. ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्य की राजनीति में रोकने के लिए ही कमलनाथ ने मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी को आगे बढ़ाया था. कमलनाथ की इस दावेदारी को दिग्विजय सिंह का पूरा समर्थन था. दिग्विजय सिंह दस साल तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. उन्हें कमलनाथ का खुला समर्थन मिला हुआ था.

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दिग्विजय सिंह को अर्जुन सिंह गुट का ही माना जाता रहा है. अस्सी के दशक से राज्य कांग्रेस की राजनीति दो गुटों में बंटी रही है- अर्जुन सिंह और माधवराव सिंधिया. दिल्ली की राजनीति में अर्जुन सिंह को कमलनाथ का साथ हमेशा ही मिलता रहा है. कमलनाथ की मदद से ही अर्जुन सिंह हमेशा ही माधवराव सिंधिया को मुख्यमंत्री बनने से रोकने में सफल होते रहे हैं. साल 1989 में चुरहट लाटरी कांड में हाईकोर्ट के फैसले के बाद अर्जुन सिंह को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था. तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी, माधवराव सिंधिया को राज्य का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन विधायकों के बहुमत के आधार पर अर्जुन सिंह, सिंधिया के नाम पर सहमत नहीं हुए. तीन दिन तक भोपाल में कांग्रेसी विधायक अर्जुन सिंह के करीबी माने जाने वाले हरवंश सिंह के निवास पर नजरबंद रहे. बाद में सहमति मोतीलाल वोरा के नाम पर बनी.

चार दशक बाद भी राज्य की राजनीति में कोई बड़ा परिवर्तन दिखाई नहीं दिया है. कांग्रेस की राजनीति अभी भी सिंधिया विरोधी और सिंधिया समर्थकों के बीच बंटी हुई दिखाई दे रही है. कमलनाथ-दिग्विजय सिंह के अलावा राज्य की राजनीति में प्रतिपक्ष के नेता अजय सिंह भी लड़ाई का महत्वपूर्ण चेहरा हैं. अजय सिंह, स्वर्गीय अर्जुन सिंह के पुत्र हैं. दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह कांग्रेस के विधायक हैं. पीढ़ी बदलने के बाद भी राज्य की राजनीति में गुटिय लड़ाई में बदलाव नहीं आया है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया को अलग-थलग करने की राजनीति

राज्य के कांग्रेसी नेताओं के बीच की गुटबाजी पर लगाम लगाने के लिए हर बड़े नेता को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है. कमलनाथ को अध्यक्ष बनाने के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रचार समिति का अध्यक्ष और दिग्विजय सिंह को समन्वय की जिम्मेदारी दी गई. पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस को मिली हार के पीछे जो बड़ी वजह सामने आई थी, उसमें दिग्विजय सिंह समर्थकों द्वारा भितरघात करना प्रमुख था. दिग्विजय सिंह राज्य के अकेले ऐसे नेता हैं, जिनके समर्थक गांव-गांव में हैं. दिग्विजय सिंह के समर्थक पिछले पंद्रह साल में उनको (दिग्विजय सिंह) लेकर वोटरों की नाराजगी को दूर नहीं कर पाए हैं.

भारतीय जनता पार्टी हर चुनाव में दिग्विजय सिंह शासनकाल की याद दिलाकर अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रही है. साल 2003 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद दिग्विजय सिंह ने अपनी प्रतिज्ञा के चलते दस साल तक राज्य की राजनीति में कोई सक्रिय भूमिका अदा नहीं की. साल 2008 का विधानसभा चुनाव पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के नेतृत्व में लड़ा था. उस वक्त भी टिकट के बंटवारे को लेकर विवाद की स्थिति बनी थी. सुरेश पचौरी ने दस जनपथ के अपने संपर्कों के आधार पर समर्थकों को टिकट तो दिला दिए लेकिन, सरकार बनाने लायक बहुमत नहीं जुटा सके. सुरेश पचौरी को भी राज्य की राजनीति का महत्वपूर्ण चेहरा माना जाता है. किसी दौर में वे मोती-माधव एक्सप्रेस का हिस्सा रहे थे. वर्तमान में वे कमलनाथ के ज्यादा नजदीक माने जा रहे हैं. वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भी तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया था.

प्रदेश कांग्रेस की कमान कांतिलाल भूरिया को सौंपी गई थीं. भूरिया आदिवासी नेता हैं. वे भी दिग्विजय सिंह गुट के ही माने जाते रहे हैं. भूरिया के नेतृत्व में हुए चुनाव में सिंधिया के चेहरे का उपयोग गुटबाजी के चलते नहीं किया गया. नतीजा कांग्रेस फिर एक बार चुनाव हार गई. स्थिति में कोई बड़ा बदलाव अभी भी देखने को नहीं मिल रहा है. सिंधिया, प्रचार समिति के प्रमुख जरूर हैं लेकिन, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रचार के लिए उनका उपयोग अब तब नहीं किया है. सिंधिया ने राज्य के बीस से अधिक जिलों में रैलियां की हैं.

टिकट के बंटवारे से पक्की करना चाहते हैं मुख्यमंत्री की कुर्सी

ज्योतिरादित्य सिंधिया, पिता माधवराव सिंधिया की विमान दुर्घटना में हुई मौत के बाद वर्ष 2002 में कांग्रेस की सक्रिय राजनीति में आए. राज्य में उनका मुकाबला पिता माधवराव सिंधिया के परंपरागत विरोधियों से हो रहा है. पिछले सोलह साल में कई मौकों पर सिंधिया को अलग-थलग करने की कोशिश विरोधी गुट द्वारा की जाती रही है. सिंधिया चुनाव के बाद मुख्यमंत्री न बन जाएं इसकी कवायद विरोधी गुट ने टिकट वितरण में ही करना शुरू कर दी.

दिग्विजय सिंह अपने कुछ समर्थकों को कमलनाथ के जरिए टिकट दिलाना चाहते हैं. अजय सिंह भी कमलनाथ की मदद ले रहे हैं. सुरेश पचौरी, सिंधिया और कमलनाथ दोनों के ही जरिए अपने समर्थकों को टिकट दिलाने में लगे हुए हैं. ऊपरी तौर देखा जाए तो यह लगता है कि कांग्रेस छोटे-छोटे गुटों में बंटी हुई है. वास्तविक रूप में आज भी कांग्रेस में दो गुट ही दिखाई दे रहे हैं. एक गुट सिंधिया का है. दूसरा गुट दिग्विजय सिंह का है, जिसका नेतृत्व कमलनाथ कर रहे हैं. सिंधिया विरोधी गुट अपने आपको अलग-अलग दिखाकर ज्यादा टिकट हासिल करना चाहता है.

इसके पीछे रणनीति यह है कि चुनाव बाद यदि बहुमत आता है तो विधायकों की संख्या के आधार पर मुख्यमंत्री का चुनाव हो सके. यहां उल्लेखनीय है कि साल 1980 में जब अर्जुन सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया था, उस वक्त बहुमत शिवभानु सिंह सोलंकी के साथ था. लेकिन, कमलनाथ ने संजय गांधी की मदद से अर्जुन सिंह को मुख्यमंत्री बनवा दिया था. वर्तमान राजनीति में राहुल गांधी के सबसे करीबी नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिया जाता है.

दिवंगत इनेलो विधायक के पुत्र ने भाजपा में जताई आस्था : मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात के बाद लिया निर्णय


चंडीगढ़:

वीरवार देर शाम जींद विधानसभा से दो बार प्रतिनिधित्व करने वाले दिवंगत डॉ हरिचन्द मिड्डा के पुत्र कृष्ण मिड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात उपरांत भाजपा में आस्था जताने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनका पार्टी में आने पर स्वागत किया और कहा कि भाजपा की नीतियों और व्यवस्था परिवर्तन की स्वीकार्यता निरन्तर बढ़ रही है। उन्होंने कृष्ण मिड्डा को पूरा मान-सम्मान दिलाने का भरोसा दिया।
इनेलो से दो बार विधायक डॉ हरिचन्द मिड्डा के निधन उपरांत आज उनके पुत्र कृष्ण मिड्डा ने मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। उन्होंने उनके विधायक पिता के निधन उपरांत विधानसभा सत्र के लिए लगाए गए प्रश्नों को पूरा अधिमान दिए जाने और मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा इस दिशा में की गई घोषणाओं से उनके मन पर बड़ा असर पड़ा। मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं सदन के दिवंगत जनप्रतिनिधि के प्रति इतना सम्मान दिखाने और उनके निरन्तर बदलाव की नीतियों पर सोच-विचार करते हुए इनेलो छोड़कर भाजपा की सदस्यता लेने का मन बनाया और वीरवार शाम भाजपा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कृष्ण मिड्डा के भाजपा में शामिल होने पर खुशी जताते हुए कहा कि उन्हें भरपूर मान-सम्मान दिया जाएगा। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर एवं कृष्ण मिड्डा के समर्थक मौजूद रहे।

पेरेंट्स एजुकेशन लोन नहीं चुका पाएंगे तो माफ कर दिया जाएगा: नीतीश


नीतीश कुमार ने कहा है कि हमें बिहार का वही पुराना गौरवशाली सम्मान दोबारा हासिल करना है


‘कभी बिहार का गौरवशाली इतिहास था. इसे ज्ञान की धरती कहा जाता था. आज हमें वही पुराना गौरवशाली सम्मान दोबारा हासिल करना है.’ गोपालगंज जिले को पॉलिटेक्निक कॉलेज की सौगात देते हुए सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को ये बातें कही. सीएम ने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट से छात्रों को पढ़ने के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. छात्रों को कम ब्याज पर पैसे उपलब्ध कराए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि अगर पढ़ाई के बाद भी छात्रों के अभिभावक पैसे वापस करने में सक्षम नहीं होंगे तो उनके ऋण भी माफ कर दिए जाएंगे.इस अवसर पर उन्होंने जिले में एक इंजीनियरिंग कॉलेज भी खोलने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि करीब 5 एकड़ भूमि में निर्मित इस कॉलेज भवन के निर्माण के लिए भवन निर्माण विभाग को 44 करोड़ 90 लाख की राशि आवंटित की गई थी, लेकिन भवन निर्माण विभाग ने कॉलेज का निर्माण महज 34 करोड़ रुपए की लागत से ही रिकॉर्ड समय में कर दिखाया है.

मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों को बधाई भी दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबू बृज किशोर नारायण सिंह के नाम से यह पॉलिटेक्निक कॉलेज उनको श्रद्धांजलि है. आपको बता दें कि बैकुंठपुर के मान टेंगराही गांव में बृज किशोर नारायण सिंह राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना की गई है.

बिहार की लड़कियां देश के बाहर भी जाकर कर सकेंगी काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शैक्षणिक संस्थानों को विकसित किया जा रहा है. सात निश्चय के तहत उच्च शिक्षण संस्थान खोले जा रहे हैं. पूरे देश में केरल से नर्स आती हैं, लेकिन अब बिहार में ही नर्सों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ट्रेनिंग के बाद बिहार की लड़कियां दूसरे राज्यों में जाकर काम तो करेंगी ही अगर वे चाहेंगी तो देश के बाहर भी जाकर काम कर सकेंगी.

सीएम ने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट से छात्रों को पढ़ने के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. छात्रों को महज चार प्रतिशत, जबकि छात्राओं को महज एक प्रतिशत ब्याज दर पर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से पैसे उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर पढ़ाई के बाद भी छात्रों के अभिभावक पैसे वापस करने में सक्षम नहीं होंगे तो वे ऋण भी माफ कर दिए जाएंगे. सीएम ने कहा कि इंटर के बाद ही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड देने का प्रावधान था, लेकिन अब मैट्रिक के बाद भी पॉलिटेक्निक करने वाले छात्रों को इस क्रेडिट कार्ड का लाभ मिलेगा.

मुख्यमंत्री ने शराबबंदी का भी जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग उनका मजाक उड़ाते हैं, लेकिन बता दें कि शराब पीना उनका मौलिक अधिकार नहीं है. संविधान में लिखा है कि शराब पीना अपराध है. सीएम ने सोशल मीडिया पर हेट कैंपेन चलाने वालों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कुछ लोग देश में कटुता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. वे सोशल मीडिया पर झूठ फैला रहे हैं, लेकिन इससे सचेत रहने की जरूरत है.

सीटों के बंटवारों को लेकर ज्योतिरादित्य से अनबन की बात से दिग्विजय सिंह ने किया इंकार


दिग्विजय सिंह ने कहा है कि जो खबरें मीडिया में दिखाई जा रही हैं वो पूरी तरह गलत हैं


मध्यप्रदेश में टिकट के बंटवारे को लेकर कांग्रेस में मतभेद की खबरें तेज हैं. कहा जा रहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह में भी सीटों को लेकर बहस हुई है, लेकिन दिग्विजय सिंह ने खुद इन खबरों को गलत करार दिया है.

उन्होंने कहा, ‘जो खबरें मीडिया में दिखाई जा रही हैं वह पूरी तरह से गलत हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में हम सब एक हैं और भ्रष्ट बीजेपी सरकार को हराने के लिए दृढ़ हैं.’

इससे पहले यह खबर तेज थी कि राहुल गांधी के सामने ही दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया में जमकर तू-तू मैं-मैं हुई है. दोनों के बीच बहस इतनी तेज़ होने लगी कि राहुल गांधी भी नाराज़ हो गए. बाद में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोनों के बीच मतभेद सुलझाने के लिए अहमद पटेल और अशोक गहलोत सरीखे वरिष्ठ नेताओं की एक कमेटी बना दी. शिवराज चौहान को हराने के लिए पूरा दम लगाने का दावा करने वाले राहुल के लिए पार्टी नेताओं में फूट बड़ी समस्या बन गई है.

सिंधिया के गढ़ गुना और दिग्गी के गढ़ राघोगढ़ में ज्यादा दूरी नहीं है लिहाज़ा आस-पास की विधानसभा सीटों पर दोनों के समर्थक टिकट मांग रहे हैं. इसके अलावा भी राज्य के कई हिस्सों में दोनों के समर्थकों के बीच तनातनी है. यही तनातनी राहुल गांधी के सामने खुलकर आ गई.

अपनी पसंद के उम्मीदवार को टिकट दिलाने को लेकर प्रदेश के दो बड़े नेताओं में राहुल गांधी के सामने ही झगड़ा हो गया. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सीएम बनने की चाह रखने वाले सिंधिया ने अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए राहुल की अध्यक्षता वाली बैठक में ही तू-तू मैं-मैं कर लिया.

कजरी ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बीजेपी के कहने पर लाखों मतदाताओं के नाम हटाए जाने का आरोप लगाया


आरोपों कि राजनीति करने वाले अरविन्द आज फिर आरोपों कि नयी फेरहिस्त लेकर सामने आये, निशाने पर मतदाता सूची 


दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत को पत्र लिखा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बीजेपी के कहने पर लाखों मतदाताओं के नाम हटाए जाने का आरोप लगाया.

उन्होंने इस मामले में बातचीत करने के लिए रावत से समय मांगा. केजरीवाल ने पत्र में लिखा, ‘हमारे संज्ञान में आया है कि दिल्ली में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद लाखों मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं. अधिकतर नाम दुर्भावना के साथ हटवाए गए हैं. नाम हटाने के लिए कानून में अंकित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.’

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मतदाताओं को मतदान से रोकने के लिए बीजेपी के कहने पर कुछ अधिकारियों द्वारा यह किया गया हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘यह बड़ा घोटाला लगता है. लोकतंत्र पर इसके प्रभाव गंभीर हैं.’ केजरीवाल ने चुनाव आयोग द्वारा समयबद्ध तरीके से पारदर्शी जांच की मांग की.

जम्मू कश्मीर बीजेपी के राज्य सचिव अनिल परिहार और उसके भाई की गोली मारकर हत्‍या

Anil Parihar a file photo


परिहार भारतीय जनता पार्टी के जम्मू कश्मीर के राज्य सचिव हैं और उसके भाई सरकारी कर्मचारी हैं


जम्‍मू-कश्‍मीर के किश्तवाड़ में गुरुवार शाम बीजेपी के राज्य सचिव अनिल परिहार और उसके भाई की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई. हमलवारों ने जब उनपर हमला किया तब वे किश्‍तवाड़ के तपन गली इलाके में अपने घर जा रहे थे. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है.

जानकारी के अनुसार जम्‍मू-कश्‍मीर के किश्‍तवाड़ में गुरुवार को बीजेपी के राज्य सचिव अनिल परिहार और उसके भाई की गोली मारकर हमलावरों ने हत्‍या कर दी. परिहार भारतीय जनता पार्टी के जम्मू कश्मीर के राज्य सचिव हैं और उसके भाई सरकारी कर्मचारी हैं. दोनों शाम को किश्तवाड़ के तपन गली इलाके में अपने घर जा रहे थे. तभी अचानक उन पर हमला हुआ. राज्य सरकार ने अनिल परिहार को सुरक्षा भी मुहैया करवाई है.

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा, गुरुवार को रात 8 बजे के करीब आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई.

State will not be cowed down by threats: PM Imran Khan on Asia Bibi’s protests


“I appeal to the people to not give in to them because they are simply trying to increase their own vote bank. To the faction making these threats, I am telling you do not take the state on.” 

He urged the nation to reject agitators . 


ISLAMABAD: Prime Minister Imran Khan has warned agitators that state will not be cowed down by threats and will fulfill its responsibility of  protecting the life and property of people.

“The despicable language used by a small section of the society against the military and judiciary is utterly deplorable. Such language is used by the enemies of a state,” Khan said while addressing the nation in the wake of Asia Bibi’s acquittal by the Supreme Court on Wednesday.

Khan’s address came hours after Tehreek-e-Labaik Pakistan staged protest sit-ins across Pakistan against the Supreme Court’s decision to acquit Asia Bibi, a Christian woman, who was sentenced to death in 2010 for alleged blasphemy.

“I appeal to the people to not give in to them because they are simply trying to increase their own vote bank. To the faction making these threats, I am telling you do not take the state on.”

” It is our duty to protect property, to keep roads open and to keep people safe. The state will then exercise its power if you so as much even decide to incite any kind of violence at a time when the whole country is trying to rise together. Don’t force us into taking action,” Khan warned.

Khan said that the dissent came its way from a small faction.

“Today I am in front of you because of this Supreme Court verdict, and the dissent that came its way from a small faction. The kind of language they used against the state. Pakistan is that only country in the world that was made in the name of Islam,” he said.

He said no laws of this country can go against the Quran or against the Sunnah, and the judgement today was in light of that.

“To declare judges Wajib ul Qatal, to call the army chief a non-Muslim, to tell the troops to rebel against the army, what kind of anti state behaviour is this?”

He urged the nation to reject agitators .

“Those who are inciting people to violence for their political objectives should be rejected. I appeal to you not to start a confrontation with the state.”

“Don’t cause any harm to this country for your petty politics and vote. If you do this, rest assured state will perform its responsibility of life and property of the people,” the prime minister said.

 He lamented that a small section had used foul language after the verdict and incited army generals to revolt against the army chief and judges.

He said Pakistan is the only country after Medina to be established in the name of Islam.

“The verdict given by the judges was according to the Constitution of Pakistan which was made in line with the Sharia.”

“I have said this time and again that Pakistan will become a great nation in accordance with the principles of the state of Medinah. It’s part of my belief that we will transform Pakistan into an Islamic welfare state.”

“It is a part of my faith that till we are not made on the lines of an Islamic welfare state, the country has no future. Our faith is not complete till we are not fully devoted to our Prophet (PBUH). “

“We have taken steps against the insult of our most esteemed leader that no other government ever took. We took up the issue of the caricatures with the Dutch government and made them reverse the contest.”

“We have practically done something which no government has ever done. When the Dutch parliamentarian committed blasphemy, Pakistan was the first country to raise the matter with the Dutch government and force them to withdraw the caricature competition,” he said.

“We also raised the issue at the OIC. And as a result, the EU court of human rights ruled that making blasphemous comments  against Prophet Muhammad can not be conceived as freedom of expression.”

“Who can run the government like this? Who can survive such a crisis. We are already facing a financial crisis. We have been trying hard to pull the country out of crises,” he said.

Earlier in the day, a three-member bench headed by Chief Justice Saqib Nisar today delivered a landmark judgment, acquitting Bibi of charges of blasphemy.

The apex court set aside her conviction and ordered her immediate release from prison.

Shortly after the verdict, TLP supporters and activists took to the streets across Pakistan, burning tyres and blocking roads.

There is no word from any government official about the law and order situation in the country.

According to sources, the prime minister will take the nation into confidence about Bibi’s verdict and his upcoming visit to China.

Nationwide protests continue on second day after Asia Bibi’s acquittal

KARACHI: Islamist protesters blocked roads in Pakistan´s major cities for a second day on Thursday, opposing a Supreme Court decision the previous day to acquit a Christian woman on death row for blasphemy allegations, media said.

Knots of protesters from an ultra-Islamist party blocked roughly 10 key roads in the southern city of Karachi and others in eastern Lahore, Geo TV and other channels said.

Groups of about 200 protesters from the Tehreek-e-Labaik (TLP) party sat under large tents, listening to speeches on two blocked roads in Karachi, a Reuters witness said.

In one speech, a TLP speaker exhorted supporters to light new fires if the police managed to douse burning tyres and other objects they had already set ablaze.

Following the uproar that unleashed across the nation, section 144 was imposed across Punjab, Sindh, Khyber Pakhtunkhwa and Balochistan barring the gathering of more than four persons in public places as well as pillion riding. Section 144 has been imposed from October 31 to November 10.

As part of the protests continuing for the second day, some roads are under closure and have been barricaded for traffic in Karachi, Lahore, Islamabad and Peshawar.

Karachi

Traffic is blocked at 15 points across Karachi by the protesters. Traffic  at Do Talwar, Korangi, at two points at Shahrah-e-Faisal, Star Gate, Bara Board, Baldia no 4, Ranchor Line, Shoe Market, Shahrah-e-Pakistan, Orangi Town, Numaish and Liaquatabad is facing complete blockage. 

Lahore

The main protest led by TLP chief Khadim Hussain Rizvi was being staged at the Charing Cross close to the Punjab Assembly.

According to the Safe City Authority, protests are being carried out at 25 different locations, effectively blocking roads and paralysing vehicular traffic across the city. The affected areas included Ferozpur Road, Ghazi Chowk, Ravi Road, Kahna Kachha, Chungi Amar Sidhu, Shahdara Chowk, Data Darbar, Boota Mahal Chowk, Raiwind Road, Babu Sabu Interchange and several other areas. The Lahore-Islamabad Motorway was blocked at Sheikhupura, while the main thoroughfare, the Grand Trunk Road, is also blocked.

Islamabad

The Rawalpindi-Islamabad Faizabad Interchange is also blocked.

Roads are also blocked at Dhoke Kala Khan, Tramri Chowk and Karal Chowk.

Furthermore, traffic is blocked at routes leading to Taxila, Gujar Khan and Pir Sohawa.

According to a motorways spokesperson, Pindi Bhattian-Lahore, Pindi Bhattian-Faisalabad and Faisalabad-Gojra motorway are blocked for traffic.

Peshawar

In Peshawar, protests are being staged at the Ring Road and GT Road. Roads leading to the motorway have also been blocked.

Educational institutions across Punjab face closure 

Schools and colleges across Punjab will remain closed today (Thursday) in the wake of countrywide protests after the Supreme Court acquitted Asia Bibi in the blasphemy case.

According to the Punjab Education Department, all government schools will remain closed. Separately, All Pakistan Private Schools Association also announced that schools would remain closed today (Thursday).

Moreover, a private school body has announced that it will not open schools across Sindh on Thursday in view of the poor law and order situation.

पटेल के गुरु महात्मा गांधी की मूर्ति क्यों नहीं बनवा रही BJP: शशि थरूर


  • कांग्रेस मूर्तिपूजा में विश्वास नहीं करती इसीलिए शायद इतने सालों तक सत्ता में रहने के बावजूद उन्होंने गांधी कि मूर्ती इन्हीं बनवाई

  • अहिंसा वादी गांधी के नाम कि मलाई खाने वाली कांग्रेस के शशी थरूर आपातकाल में जन साधारण कि तो बात ही छोड़ दें जन प्रतिनिधियों पर ढाए अहिंसात्मक कहर को भूल गये

  • अपनी पत्नी कि अहिंसात्मक मृत्यु और उसी कि हत्या के अरूप झील रहे थरूर को सब कुछ माफ़ 


कांग्रेस के नेता शशि थरूर कि पटेल कि मूर्ती पर कि गयी बयानबाजी पर तीखी प्रतिक्रिया आई है, लोगों ने शशि थरूर को निशाना साधते हुए पूछा कि वाकई कांग्रेस गाँधी कि विचारधारा पर चलने वाली पार्टी है या फिर वह गाँधी के नाम का सिर्फ इस्तेमाल करती रही?

अपने अभिव्यक्ति कि आजादी का प्रयोग करते हुए एक नागरिक ने कहा “अपनी पत्नी कि अहिंसात्मक मृत्यु और उसी कि हत्या के अरूप झील रहे थरूर को सब कुछ माफ़”

 

सनद रहे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सवाल उठाया है कि अगर बीजेपी सरदार पटेल की मूर्ति बनवा सकती है तो महात्मा गांधी की क्यों नहीं, वो तो सरदार पटेल के गुरु थे.

थरूर ने ये बात तिरुवनंतपुरम के कांग्रेस कमिटी ऑफिस में हुए एक प्रोग्राम के दौरान कही. उन्होंने कहा कि पूरे देश में महात्मा गांधी की इतनी विशालकाय मूर्ति नहीं है. संसद में एक मूर्ति है लेकिन उनके शिष्य सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति 182 मीटर ऊंची मूर्ति बनाई गई है. फिर जब उनके शिष्य की मूर्ति बनवाई गई है, तो उनके गुरु की मूर्ति क्यों नहीं बनवाई गई है?

थरूर ने कहा कि पटेल बहुत सादगी भरे शख्स थे और उन्हें गांधीजी के शिष्य के तौर पर जाना जाता था.

उन्होंने सवाल उठाया कि ‘क्या ये सही है कि ऐसे शख्स की इतनी भीमकाय और महंगी मूर्ति बनवाना उचित है, जो सादगी की मूर्ति और गांधीवादी था और हमेशा गरीबों के साथ चला?’

थरूर ने कहा कि बीजेपी के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता महात्मा गांधी में इसलिए विश्वास नहीं करते क्योंकि वो अहिंसावादी थे. उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी ने महान राष्ट्रीय नेताओं को ‘हाईजैक’ कर लिया है क्योंकि उनके इतिहास में कोई ऐसा नेता नहीं है. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल कांग्रेसी नेता थे. उन्होंने गांधीजी के साथ काम किया और कांग्रेस को मजबूत किया.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास एक छोटे से टापू साधु बेट पर बनी दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 182 मीटर ऊंचे सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति का उद्घाटन किया.

एक ओर भारत को दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति मिली है, वहीं देश में कई लोगों ने सबका ध्यान नर्मदा जिले के पिछड़ेपन और समस्याओं की ओर भी ये कहते हुए ध्यान दिलाया है कि यहां शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मयस्सर हैं, जबकि केंद्र सरकार ने यहां इस प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए हैं.