जो वाड्रा हित कि बात करेगा वही राजस्थान पर राज करेगा

 


राजस्थान में ‘कौन बनेगा मुख्यमंत्री’ पर पेंच फंसा हुआ है।


राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के 2 दावेदार हैं सचिन पाइलट और अशोक गहलोत दोनों ही का अपना अपना जनाधार और अपना अपना समर्थक दल है, वह दल अपने अपने कुनबे के ही पात्र को मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं। कांग्रेस में मुख्य मंत्री पद पर कौन सुशोभित होगा यह विधायक दल से प्रमुख परिवार द्वारा कहलवा दिया जाएगा।

आज दोपहर ही से मुख्यमंत्री पद के लिए माथापच्ची हो रही है। कांग्रेस का मुख्य परिवार अपने अपने विचारों को आस में बाँट रहे हैं। सभी हैरान हो रहे हैं की सोनिया राहुल का आपस में विचार विमर्श करना तो ठीक और समझ में आने वाला है प्रतु प्रियंका वाडरा के आने के बाद सुगबुगाहट बढ़ गयी है। अब तो वहाँ उपसिथित लोग भी प्रियंका के आने का औचित्य समझने में लग गए हैं।

जहां राहुल गांधी सचिन पाइलट को राजस्थान का मुख्य मंत्री देखना चाहते हैं और वहीं दूसरी ओर सोनिया गांधी गहलोत को राजस्थान का मुख्य मंत्री पद देना चाहते हैं। प्रियंका का आगमन भी यही संदेश देता है कि श्रीमती रोबर्ट वाड्रा वहाँ अपने निजी स्वार्थ हेतु उपस्थित हुईं हैं।

असल में तीन राज्यों के चुनाव परिणाम के साथ ही आल कमान जागृत हो उठा था, कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता हों या फिर साधारण कार्यकर्ता उन्हे आला कमान कि बात को ही ब्रहम वाक्य मानना होता है। यही परंपरा है ।

अब बात करें मुख्यमंत्री पद कि, तो गहलोत कांग्रेस के प्रथम परिवार के मुख्य मंत्री के रूप में पहली पसंद हैं राहुल को छोड़ कर। श्रीमति वाड्रा को यकीन है कि उनके परिवार पर छाए ईडी के बादल छांट सकते हैं। सनद रहे कि वाड्रा पर कई करोड़ के जमीनी घोटाले में फंसे हुए ईडी कि गिद्ध दृष्टि पद रही है। उसके बचाव का एक ही उपाय है कि अहमद पटेल गुट के व्यक्ति को ही मुख्य मंत्री पद सौंपा जाये।

मध्य प्रदेश में कमल खिला


राहुल गांधी ने ट्विटर पर कैप्शन लिखा है कि दो सबसे शक्तिशाली योद्धा धैर्य और समय हैं


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात के बाद एक ट्वीट किया है जो एमपी में सीएम पद के लिए चल रही चर्चा पर सबकुछ बयां कर रही है. इस तस्वीर के साथ उन्होंने कैप्शन लिखा है कि दो सबसे शक्तिशाली योद्धा धैर्य और समय हैं.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मध्यप्रदेश में कमलनाथ सीएम हो सकते हैं. हालांकि राजस्थान में अभी तक सीएम पद के लिए रेस चल रही है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सस्पेंस अब तक बरकरार है.

राहुल गांधी से मीटिंग के बाद कमलनाथ ने कहा, ‘मैं भोपाल जा रहा हूं. विधायकों के साथ बैठक के बाद सीएम का ऐलान होगा.’

वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘यह कोई दौड़ नहीं है. यह कुर्सी की बात नहीं है. हम मध्य प्रदेश के लोगों की सेवा के लिए हैं. मैं भोपाल जा रहा हूं और आज आपको फैसले की जानकारी मिल जाएगी.’

राजस्थान में सीएम पद के लिए चर्चाओं पर कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, ‘मैं समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. हमने बहुत मेहनत की और जो भी फैसला आएगा, हम उसे मानेंगे. राहुल जी सभी नेताओं से बात कर रहे हैं.’

दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष हो सकते हैं


चुनावी जीत के साथ ही जो राजनीतिक हालात बने हैं वे भी बयां कर रहे हैं कि कमलनाथ के साथ सिंह को भी समानांतर पावर के साथ देखा जा रहा है


अब इस बात के राजनीतिक कयास शुरू हो गए हैं कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के चाणक्य साबित हुए दिग्विजय सिंह क्या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बन सकते हैं. कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही ये पद खाली होगा. 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए सिंह इस पद के लिए सबसे प्रबल दावेदार दिखाई दे रहे हैं.

पिछले तीन दिन का घटनाक्रम भी इस बात के साफ संकेत दे रहा है कि दिग्विजय सिंह किसी पद पर नहीं रहते हुए भी एक समानांतर पावर में आ गए हैं. भावी मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ उनका समन्वय और मध्यप्रदेश में दस साल मुख्यमंत्री रहने के कारण वो प्रशासनिक जमावट से लेकर कई मामलों में अहम रोल निभा रहे हैं.

टकराहट नहीं

राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर जितनी टकराहट है वैसा माहौल मध्यप्रदेश में नहीं है. इसका एकमात्र कारण कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का एक होना है. 90 से ज्यादा विधायक इन दोनों के समर्थक हैं.

कांग्रेस के स्टार कैंपेनर ज्योतिरादित्य सिंधिया इस दौड़ में पीछे रह गए हैं. कांग्रेस हलकों में चर्चा है कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही पहला फैसला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर करना होगा. मुख्यमंत्री रहते हुए वे एक साथ दो पद पर काबिज नहीं हो सकते.

2019 की चुनौती

चार महीने बाद ही लोकसभा का चुनाव है. जो कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा चुनौती वाला है. फिलहाल यहां की 29 में से 26 सीट बीजेपी के पास हैं. विधानसभा चुनाव का रिजल्ट बता रहा है कि कांग्रेस ने करीब 14 सीट को कवर कर लिया है.

2019 में भी कांग्रेस इतनी ताकत झोंकती है तो बीजेपी का किला ढहाना उसके लिए मुश्किल नहीं है. हालात बता रहे हैं कि ऐसे में कमलनाथ किसी रबर स्टेंप अध्यक्ष के साथ संगठन चलाने का जोख़िम नहीं ले सकते

रबर स्टेंप नहीं चल सकता

अरुण यादव, अजय सिंह, सुरेश पचौरी के नाम भी अध्यक्ष पद की दौड़ में हो सकते हैं. लेकिन इनकी संभावना कम नज़र आती है.

2019 के मद्देनजर कांग्रेस को ऐसे अध्यक्ष की ज़रूरत होगी जो सभी गुटों पर अपना प्रभाव और दमखम रखता हो. वहां दिग्विजय सिंह जैसे कद्दावर नेता का नाम ही सामने आ रहा है.

सिंह की राय खास

चुनावी जीत के साथ ही जो राजनीतिक हालात बने हैं वे भी बयां कर रहे हैं कि कमलनाथ के साथ सिंह को भी समानांतर पावर के साथ देखा जा रहा है. कई मुद्दों पर कमलनाथ स्वयं सिंह से राय लेने या मिलने के लिए कह रहे हैं.

खास तौर पर प्रशासनिक मामलों में सिंह की राय को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. टीम कमलनाथ में कौन अधिकारी होंगे इसका फैसला सिंह की सहमति के साथ होता दिखाई दे रहा है.

प्रदेश से दूर रहे

कमलनाथ मध्यप्रदेश से सांसद रहे, केंद्र में मंत्री रहे लेकिन मध्यप्रदेश में उनकी इस तरह मौजूदगी या दखल कभी नहीं रहा. दिग्विजय सिंह का दस साल तक मुख्यमंत्री रहते हुए संपर्क और कई पुराने अधिकारियों के साथ उनके अनुभव को देखते हुए वे उनके साथ हर बात साझा कर रहे हैं.

कांग्रेस ने नहीं भाजपा को NOTA ने हराया


कांग्रेस ने नहीं भाजपा को नोटा ने हराया उपरोक्त तालिका इसका समर्थन करती है

यह सच है की आप सबको खुश नहीं रख सकते, पर किसे रखना है यह तो तय कर सकते हैं।


राजवीरेन्द्र वासिष्ठ

चुनाव निकल चुके हैं, 5 राज्य भाजपा मुक्त हो चुके हैं। हार की कारणों की खोज जारी है, पर्यवेक्षकों के दिमाग की दहि हो रही है, अभूत जल्दी ही समीक्षक अपनी अपनी राय ले कर आएंगे और हमें बड़े बड़े आंकड़ों से समझाएँगे की भाजपा क्यों और कैसे हारी।

सच्चाई हमारे सामने है भाजपा राहुल के बारे में कहती रही की ” पप्पू सेल्फ गोल करते हैं” बस इस मुगालते में भाजपा ने अपने कुछ लोगों को अनदेखा कर दिया, वही इसकी हार का कारण बने।

एक बात जो लोगों को हज़म नहीं होती वह है भाजपा का जुमला,” मामला न्यायालय में है” किसी भ्रष्टाचारी को सज़ा दिलवानी हो, किसी मंदिर की बात हो तो बस यह जुमला उनकी ज़ुबान पर चासनी की तरह चिपका रहता है।

पर जब बात सावर्णों की हो, समाज में फैले अभिशप्त क़ानूनों की हो और सर्वोच्च न्यायालय के किसी सवर्ण राहत के फैसले की हो तो अध्यादेश आ कर इन्हे दलित विरोधी होने से रोकता है।

भाजपा को भाजपाइयों ने ही हराया है।

यह सच है की आप सबको खुश नहीं रख सकते, पर किसे रखना है यह तो तय कर सकते हैं।

विजय माल्या के लौटे अच्छे दिन, ट्वीट कर दी पाइलट और सिंधिया को बधाई


  • देश के कई बड़े बैंकों का पैसा लेकर भागने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या ने भी ज्योतिरादित्य सिंध्या और सचिन पायलट को बधाई दी

  • क्या दिन थे UPA सरकार वाले.. जब बैंक के पैसे भी लूट लेते थे और राज्य सभा की सीट भी मिल जाती थी.. क्या खूब दिन थे ! 


छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में शानदार जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी टीम के अहम सदस्यों को चारों ओर से बधाइयां मिल रही हैं. इसी कड़ी में देश के कई बड़े बैंकों का पैसा लेकर भागने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या ने भी ज्योतिरादित्य सिंध्या और सचिन पायलट को बधाई दी है. माल्या ने ट्वीट कर कहा कि यंग चैंपियंस सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया को बहुत बधाई. विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के एक दिन बाद माल्या ने ये ट्वीट किया है.

Vijay Mallya

@TheVijayMallya

Young Champions @SachinPilot and @JM_Scindia Many congratulations.

इस ट्वीट के लोग अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं. ट्विटराती इसे लेकर खूब मजे ले रहे हैं और कांग्रेस पर निशाना भी साध रहे हैं. माल्या के इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि भारत वापस आने के बाद आप पायलट और सिंधिया पर्सनली मिल लेना.


Vijay Mallya

@TheVijayMallya

Young Champions @SachinPilot and @JM_Scindia Many congratulations.

Deepjyoti Pal@speedmystic

Once you are back meet them personally and wish them…


See Deepjyoti Pal’s other Tweets

वहीं एक अन्य व्यक्ति ने कमेंट किया है कि बीजेपी के चुनाव हारते ही माल्या की अपने अच्छे दिन की उम्मीद जाग उठने लगी है.

Vijay Mallya

@TheVijayMallya

Young Champions @SachinPilot and @JM_Scindia Many congratulations.

Raju Choudhary@jatraju

भाजपा के चुनाव हारते ही मालया को अपने अच्छे दिनों की उम्मीद जाग उठी है..

क्या दिन थे UPA सरकार वाले.. जब बैंक के पैसे भी लूट लेते थे और राज्य सभा की सीट भी मिल जाती थी.. क्या खूब दिन थे ! 


आपको बता दें कि पीएनबी समेत देश के कई बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपए लेकर फरार होने वाले विजय माल्या को लंदन की वेस्टमिनिस्टर कोर्ट ने भारत भेजने की इजाजत दे दी है. ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत की मुख्य मजिस्ट्रेट जज एम्मा आर्बुथनॉट ने सोमवार को माल्या के भारत प्रत्यर्पण की अनुमति दी, ताकि उनके खिलाफ भारतीय जांच एजेंसियों, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के आधार पर मुकदमा चलाया जा सके.

ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने कहा है कि उसे माल्या के भारत प्रत्यर्पण को लेकर वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत का फैसला मिल गया है. भारत सरकार का पक्ष रखने वाले क्राउन प्रोसक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के प्रवक्ता ने कहा था कि ‘इस मामले पर गौर करने के बाद गृह मंत्री को लगता है कि प्रत्यर्पण को हरी झंडी दी जा सकती है तो इसके लिए उनके पास दो महीने का समय होगा. उनके फैसले के बाद हारने वाला पक्ष 14 दिन के भीतर हाईकोर्ट में अपील कर सकता है.’

Royal Enfield launches the all new Interceptor INT 650 and Continental GT 650 Motorcycles 


  • The Interceptor INT 650 to be available starting at Rs. 2,50,000/- and the Continental GT 650 to be available starting at  Rs. 2,65,000/-  (ex-showroom, Chandigarh and Punjab)
  • The 650 Twin motorcycles will come with a 3-year warranty and Roadside Assistance Service

December 12th, 2018; Chandigarh, : The oldest motorcycle brand in continuous production, Royal Enfield, today launched highly anticipated twins motorcycles in Chandigarh and Punjab. The Interceptor INT 650 and the Continental GT 650 are available across all dealerships in Chandigarh currently, and will be available across 9 dealerships in Punjab by end of December 2018. Royal Enfield has also begun Online Motorcycle Booking facility with the launch of the 650 Twins.  Consumers across the world, can log into www.royalenfield.com and book their favourite Twin motorcycle or other Royal Enfield motorcycles, by paying the booking amount, for deliveries across 750 dealerships in India to begin with.

  Price in Chandigarh & Punjab  (in INR*) 
Interceptor INT 650 – Standard

[Orange Crush | Silver Spectre | Mark Three]

250,000
Interceptor INT 650 – Custom

[Ravishing Red | Baker Express]

257,500
Interceptor INT 650 – Chrome

[Glitter & Dust]

270,000
Continental GT 650 – Standard

[Black Magic | Ventura Blue]

265,000 
Continental GT 650 – Custom

[Ice Queen | Dr. Mayhem]

272,500 
Continental GT 650 – Chrome

[Mister Clean]

285,000

(Prices are ex-showroom)

Commenting about the launch of the Royal Enfield Twins, Rudratej Singh, President, Royal Enfield, said, “Royal Enfield has had a sustained track record of profitable, competitive and consistent growth, on the back of its single cylinder portfolio for many decades. Today, we are proud to add the next chapter to what, we’re certain, will be the next wave of momentum to Royal Enfield’s growth story. Our first ever global and simultaneous launch – of the Continental GT and Interceptor 650 Twins ushers in the next chapter to our journey. We launched them in California, followed by Europe, then Asia Pacific and now across our homeland, in India. The introduction of the 650 Twin motorcycles makes our portfolio even more comprehensive, and puts the stamp on us as a serious global player with the core objective to expand the middle weight segment worldwide. In India as well,  it does a significant job for us. We already have a pool of close to 3.5 million Royal Enfield owners in India, many of whom have been waiting for the next wave of pure motorcycling offers from Royal Enfield. We see them being the early adopters to the twins. I am humbly confident that our labour of love of many years in bringing the Twin motorcycles to launch will be equally appreciated by our large and involved community of riders and owners. Alongside, I also believe there are many purists and leisure motorcyclists who will buy Royal Enfield for the first time via the twins”

Revealing the price of the 650 Twin motorcycles  Rudratej Singh, said “Chandigarh is an important market for us, where Royal Enfield and Bullet enjoy immense equity. ‘Bullet’ has retained the ‘most preferred motorcycle’ tag for decades. We are confident that consumers in Punjab & Chandigarh, as our time tested patrons, will extend an overwhelming response to the 650 Twin motorcycles, Available at a price of Rs 2,50,000/ – for the Interceptor INT 650, and  Rs. 2,65,000/-  for the Continental GT 650 (ex-showroom, Chandigarh), these motorcycles will allow for expansion of the middle-weight segment in Chandigarh, Punjab and in India. The 650 Twin motorcycles will come with a 3-year warranty and Roadside Assistance Service. Our consumers can also choose from a collection of 40 Genuine Motorcycle Accessories that will have a 2-year warranty.”

At the heart of every Royal Enfield Continental GT 650 Twin and Interceptor INT 650 Twin, is the built-in fun factor provided by each model’s special combination of an agile chassis (developed at the company’s UK Technology Centre with legendary sports motorcycle frame builder Harris Performance) and a simple but state-of-the-art air-cooled, 650cc engine producing a punchy yet user-friendly 47 horsepower.

As well as emitting a gorgeous exhaust note, the engine offers ample pulling power to make the motorcycle  unfussy to ride in urban traffic and exhilarating on the open road – meaning the Continental GT 650 and Interceptor INT 650 offer the perfect motorcycling package for both experienced and novice owners.

  

The Continental GT 650 will appeal especially to sporting riders with its optional single seat, sculpted fuel tank, rearset footrests and race-style clip-on handlebars, all of which have been ergonomically designed to remain comfortable in the city, on the highway or on the twisting back roads where the motorcycle really comes alive.

The Interceptor INT 650, meanwhile, harks back to Royal Enfield’s 1960s twins through its teardrop tank with traditional knee recesses, comfortable, quilted dual seat and wide, braced handlebars reminiscent of the street scrambler style that emerged in ’60s California. Its comfortable and commanding riding position make the Interceptor both fun and practical on all types of terrain, from curving coastal roads to the urban jungle, for heading out of town two-up or for cruising down to the beach.

With individuality being key to today’s riders, both the Continental GT 650 and the Interceptor INT 650 can be had in Standard, Custom or Chrome versions with a wide range of retro options ranging from special paint colours and pin stripes to retro-cool bar-end mirrors, optional fly screens and alternative finishes for items such as wheels, lights and suspension components.

Both motorcycles, come with a range of Royal Enfield Gear and apparel that are inspired by the 60’s and reflect the cuts and silhouettes from the cultural contexts and the era of these motorcycles. Comprising of Clymer and Spirit jackets, a curated range of t-shirts, helmets, leo boots, ankle-high sneakers, and covert Cordura jeans and Streetborn Gloves, the range of Gear, aesthetically fuses classic styling with contemporary functionality.

The Interceptor INT 650 and Continental GT 650, also come with a suite of Genuine Motorcycle Accessories, that in addition to providing comfort, styling and protection, also lend as a means to self expression for the rider. The range comprises of new functional and protective accessories such as engine guards, lifting handle, pannier mounts and an auxiliary electrical port, and also includes styling accessories such as chrome and stainless steel silencer slip ons, acrylic fly screen, single and twin seat cowls, and soft canvas panniers.

रेलवे की 5000 प्रवासी भारतीयों को इलाहाबाद से नई दिल्ली ले जाने के लिए चार-पांच विशेष ट्रेनें चलाने की योजना है


कुंभ मेले के लिए रेलवे ने दी सौगात, शुरू कीं 700 करोड़ की योजनाएं


भारतीय रेलवे ने अगले साल जनवरी में इलाहाबाद(प्रयागराज) में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के लिए 41 परियोजनाएं शुरू की हैं, जिन पर 700 करोड़ रुपए की लागत आएगी.

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि 41 परियोजनाओं में से 29 पूरी हो चुकी हैं. अन्य अंतिम चरण में हैं और जल्द पूरी होने वाली हैं.

उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बताया कि इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन पर चार बड़े कंपाउंड का निर्माण किया गया है जिनमें 10,000 तीर्थयात्रियों को सुविधाएं प्रदान की जा सकती हैं. इनमें वेडिंग स्टॉल, पानी के बूथ, टिकट काउंटर, एलसीडी टीवी, सीसीटीवी, महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग- अलग शौचालय होंगे. इसी तरह से अन्य स्टेशनों पर भी यात्री कंपाउंड बनाए गए हैं.

कुंभ मेले के दौरान मेले में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए इलाहाबाद जिले के विभिन्न स्टेशनों से करीब 800 विशेष ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है. यह ट्रेनें एनसीआर की ओर से चलाई जाने वाली नियमित ट्रेनों से अलग होंगी.

रेलवे की 5000 प्रवासी भारतीयों को इलाहाबाद से नई दिल्ली ले जाने के लिए चार-पांच विशेष ट्रेनें चलाने की योजना है. ये प्रवासी भारतीय वाराणसी में होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस में शिरकत करने जाएंगे और वाराणसी से कुंभ मेले में हिस्सा लेने के लिए इलाहाबाद जाएंगे.

चौधरी ने बताया कि रेलवे, मेले के दौरान इस पवित्र शहर में यात्रियों की भारी भीड़ से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर टेक्नालॉजी का इस्तेमाल करेगा. उन्होंने कहा कि आईबीएम भीड़ नियंत्रण के लिए वीडियो विश्लेषण सेवा प्रदान करेगा, वहीं स्थिति पर नजर रखने के लिए बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे होंगे और एलईडी स्क्रीन भी लगाई जाएंगी.

विशेष तौर पर रेल मंत्रालय ने यह फैसला किया है कि इलाहाबाद क्षेत्र में पड़ने वाले 11 स्टेशनों से अनारक्षित रेलवे टिकटों की 15 दिन पहले से बुकिंग की इजाजत दी जाएगी. इलाहाबाद में उत्तर मध्य रेलवे ने रेल कुंभ सेवा मोबाइल ऐप का भी शुभारंभ किया है.

Vijay Mallya case: UK Home Office gets receipt of extradition order


Vijay Mallya’s date with jail fast approaching as lawyers deploy last remaining legal tricks to stall extradition


London:

Springtime in the new year ought to see fugitive economic offender and ex-liquor baron Vijay Mallya back in a comfortable jail cell in Mumbai. The “long process” of law he spoke of after London’s Westminster Magistrates’ Court ordered his extradition on 10 December is unlikely to turn out to be that long after all. The legal moves left to his legal team to stall his extradition are few and far between and even they appear feeble.

But, first the timetable. Mallya must appeal against the extradition order within two weeks, so just short of Christmas. The court will consider whether he can be allowed to leave the United Kingdom (UK) and whether he has any legal basis to challenge the court’s order. Mallya is expected to be granted his wish to file an appeal. A February hearing date is likely, and the appeals court may typically hear arguments for no more than a day: certainly these wouldn’t take a year or more as they did in the Westminster court. The appeals court may announce a decision within a few weeks.

Then, he’d have only 10 days to appeal to the Supreme Court (SC), if the appeals court upholds the magistrate’s order. The SC decides within a few days whether to consider the appeal. The SC is not a third state of review open to any party; it only takes on cases that involve fundamental legal issues of wider public interest. Mallya’s plea wouldn’t appear a SC matter.

But the home secretary still has a hand to play as a joker in the legal pack: Mallya could appeal to him to block extradition on grounds of ill health. “I have my rights,” Mallya said after the extradition order. His right to appeal, and to appeal further in the SC, add this too. But the home secretary still can’t take a unilateral decision to block his extradition on grounds of ill health. He will have to send the case back to the appeals court for a decision.

Could Mallya use his diabetes as an excuse to stay on in the UK? Under British law, the home secretary would be bound to review any decision to order physical extradition if there were to be a change of circumstances. “The most common type of change we see is where someone’s health has deteriorated significantly between the date on which the court decided he should be extradited and the time the matter gets to the secretary of state,” said Nick Vamos, former head for extradition at the Crown Prosecution Service (CPS), and now partner at legal firm Peters & Peters. “So they’ll then try to renew a human rights argument to say that looking at my state of health now, the potential risk to my human rights if I was now extradited is far greater than it was when the court looked at it. Under those circumstances, the secretary of state would return the case to the court to look at that argument.”

The hearing in the appeals court will be limited. No witnesses can be produced: Mallya produced six and the Indian government none at the Westminster court. What the Indian government did produce was some clinically sharp cross-examination of those witnesses by Mark Summers representing the CPS, and in turn, the Indian government. “The high court will be very slow to interfere with findings based on live evidence that senior district judge Emma Arbuthnot heard,” said Vamos. “If they’re not going to hear the same witnesses, they’re not going to interfere with her (magistrate Arbuthnot’s) assessment of them. If it’s about documentary evidence, the high court is just as able to reach its own view. It doesn’t start from scratch, it doesn’t hear the whole case again. It looks at findings, the evidence, and decides — whether she made a mistake — and if not, it won’t reach a different conclusion.”

And does Vamos think the magistrate made a mistake? “I didn’t hear the evidence, and I didn’t read every single document that she (Arbuthnot) did, but I didn’t see anything obviously wrong with her judgment,” Vamos added. “The threshold for evidence remains just as low for the appeals court as it did for the magistrate’s court; it will still be only prima-facie evidence. The appeals court is not looking for guilt or innocence, it is not looking to prove anything beyond reasonable doubt. The sliver of hope for Mallya is whether on balance of probabilities he has a case to answer. There lies the theoretical possibility of producing new evidence, but I find it unlikely there could be new evidence.”

Mallya’s team will clearly be looking for weak points to pick on and mount a last-ditch bid to stall his extradition. And despite the victory, the Indian government didn’t quite get everything right in their preparation. The magistrate, in her order, noted some lapses. “The judge did comment on the state of the evidence, the way it was presented, and that this did not show a high level or clarity and organisation on Indian authorities,” said Vamos. “But she found there was sufficient evidence. I think they’ll have another go at that, to say there was a jumble of papers. But the heart of the judgment was that there was enough evidence there.” The Westminster judge also said she wasn’t going to give a separate ruling on abuse of the legal process, because she dealt with that in the principal motivation argument. The Mallya team is likely to pick on this as well.

Inevitably, said Vamos, the prison conditions argument will be raised again, despite the video evidence presented of near elite detention conditions set up for Mallya in Mumbai’s Arthur Road Jail. “I think he’ll try to suggest that even if you accept that this is the cell he would be held in, and this is what it looks like, the Indian government can’t be trusted to keep their assurance. It’s not the best argument he has but he doesn’t have that many arguments left because I don’t think he can really challenge the findings on the evidence, so he has to try where he can to chip away at the findings made by the Westminster court. Ultimately, it’s a question of whether the court believes it. At the Westminster court they did, and I think the high court will uphold it as well.”

The Westminster court’s decision, Vamos said, stands independent of the political storm in India over Mallya’s extradition. “Indians should understand that if Mallya eventually is extradited from the UK it won’t be because India politicians have been publicly shouting or applying pressure, but because of the careful examination of all the issues in a UK court and because the Indian authorities finally have provided sufficient evidence and assurances to meet the required tests,” he added.

And, the final decision of the court would be for the secretary of state to carry out. If the final order emerging from court procedures is to confirm extradition, the secretary of state would order Mallya to present himself at a particular place at an appointed time to board the plane that would fly the dethroned king of good times back to India.

“The Union government at present is not considering any loan waiver scheme for farmers,”Parshottam Rupala


  • Write-offs encourage defaulters, affect credit culture, Union Minister of State for Agriculture Parshottam Rupala tells Lok Sabha. 

  • During the campaign for the Assembly election, Congress president Rahul Gandhi had vowed to waive farmers’ loans in Madhya Pradesh and Chhattisgarh within 10 days of coming to power.


On a day when the BJP’s loss in three State elections was partly attributed to rural distress and the Congress’s promise to waive farm loans, the government told the Lok Sabha that it was not considering any loan waiver scheme as it would affect the credit culture, incentivise defaulters, create a moral hazard and perpetuate demands for further waivers.

In a written reply to Shiv Sena MP Bhavana Gawali Patil, Union Minister of State for Agriculture Parshottam Rupala said “the Union government at present is not considering any loan waiver scheme for farmers.”

During the campaign for the Assembly election, Congress president Rahul Gandhi had vowed to waive farmers’ loans in Madhya Pradesh and Chhattisgarh within 10 days of coming to power.

In his reply on Tuesday, Mr. Rupala listed out the negative consequences of waiving farm loans.

“Such waivers may impact the credit culture of a State by incentivising the defaulters even if they are in a position to repay the loan and thus create/amplify the moral hazard by discouraging those borrowers who have been regular in repaying their loans,” he said. “Further, each waiver granted makes it even more difficult to reject any future similar demand.”

Alternative steps

Mr. Rupala admitted that according to the National Crime Records Bureau data, bankruptcy or indebtedness, and farming-related issues were reported as the major causes for suicides among farmers. While the Centre would not consider loan waivers, it had initiated a number of measures to reduce the debt burden of farmers and to increase availability of institutional credit to farmers, he said.

Mayavati Supported Congress unconditionally but with heavy heart

BSP Supreemo Mayawati addressing press conference at her official residence in Lucknow 


  • ‘apne dil par patthar rakhkar’, much against their wishes, they voted for the Congress after seeing it as the main contender for power

  • To prevent the BJP from sticking to power, she said her party was extending the support to the Congress in government formation in Rajasthan and Madhya Pradesh


BSP supremo Mayawati on Wednesday said that people voted for the Congress much against their wishes because they saw it as the prime challenger to the BJP in Madhya Pradesh, Chhattisgarh, and Rajasthan.

Mayawati told the media that this was unfortunate as the poor, Dalits, marginalized and religious minorities had suffered during the past governments of the Congress.

“So, ‘apne dil par patthar rakhkar’, much against their wishes, they voted for the Congress after seeing it as the main contender for power.”

Charging the Congress with ignoring the path shown by Dalit icon BR Ambedkar, Mayawati said it was because of this that people from the Dalit community had to float parties of their own and even the BJP flourished due to the wrong policies of the Congress.

She admitted that despite the best efforts and hard work of its cadres, the elections in the three states were not that positive to the Bahujan Samaj Party.

But she said the voters in Rajasthan, Chhattisgarh and Madhya Pradesh had given “a befitting reply to the anti-people policies” pursued by the Bharatiya Janata Party (BJP) governments, she said in a statement.

To prevent the BJP from sticking to power, she said her party was extending the support to the Congress in government formation in Rajasthan and Madhya Pradesh.