विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर रविवार को पान खाकर लाल चंदन, गुड़ और लड्डू का दान देकर यात्रा करें।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/12/Hindu-Panchang-1.jpg388997Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-20 02:50:062019-01-20 02:50:07आज का पांचांग
मल्लिकार्जुन जी जिन विभागों की बात कर रहे हैं वह सभी विभाग भ्रष्टाचार, अनाचार करने वाले लोगों और उनके कार्यों पर रोकथाम के लिए हैं, मज़ेदार बात यह है की इस विभाग की नज़र हमेशा विपक्ष के काले कारनामों पर होती है और सत्ता जाते ही अपने पुराने आकाओं के प्रति लाम बंद हो जातीं हैं। अब प्रश्न है कि क्या खडगे जी कि पार्टी इसी प्रकार अपने विरोधियों को त्रस्त करती थी?दूसरे जब आप सभी लोगों कि छवि ईमानदारी कि है तो फिर आपको घबराहट कैसी?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह कर्नाटक में उनकी पार्टी के विधायकों को ‘काबू में करने’ का प्रयास कर रहे हैं. इसके साथ ही खड़गे ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार को अस्थिर करने के बीजेपी के कथित प्रयास में सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग का उपयोग उन विधायकों को ‘आतंकित’ करने के लिए किया जा रहा है.
खडगे ने एक कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘वे सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर छापों के द्वारा हमारे विधायकों को धमकी देने जैसी कई चीजों की कोशिश कर रहे हैं.’
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी हमारे विधायकों पर नियंत्रण करने का प्रयास कर रहे हैं. लोकसभा में कांग्रेस के नेता खड़गे ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता ‘मजबूत और प्रतिबद्ध’ हैं तथा वे किसी दबाव में नहीं आएंगे.
उन्होंने गठबंधन सरकार को गिराने के बीजेपी के कथित प्रयास ‘ऑपरेशन लोटस’ को रेखांकित करने के लिए एक घटना का जिक्र किया. खड़गे ने कहा कि वह, मोदी, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी 16 जनवरी की शाम को गांधी शांति पुरस्कार पर फैसला करने के लिए एकत्र हुए थे. उन्होंने कहा कि जब वे लोग बैठे थे, प्रधानमंत्री ने उनसे कर्नाटक के घटनाक्रम के बारे में पूछा.
खड़गे ने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि मैं नहीं आप बेहतर जानते हैं कि आप क्या कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि सूचना है कि बीजेपी के विधायकों को दल बदलने के लिए लालच दिया गया है.’
‘मैंने जवाब दिया कि आपके लोग और आपकी सरकार यह कर रही है. तब उन्होंने कहा कि आपके लोग (कांग्रेस विधायक) यहां-वहां घूम रहे हैं.’
सीबीआई घटनाक्रम के बारे में खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने चयन समिति को विश्वास में लिए बिना ही अवैध रूप से आलोक वर्मा को एजेंसी प्रमुख के पद से हटा दिया था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अगले सीबीआई निदेशक का चयन करने के लिए 24 जनवरी को एक बैठक बुलाई है.
खड़गे ने कहा, ‘जब मैंने नोटिस दिया (सीबीआई निदेशक के चयन के लिए), तब 24 जनवरी को एक बैठक बुलाई गई है. मुझे पता है कि इसका परिणाम क्या होगा क्योंकि उन्हें बहुमत मिला है और वे जो चाहते हैं करेंगे.’
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/07/khadge.jpg498885Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-19 18:04:452019-01-19 18:04:48सीबीआई,ईडी और आयकर विभागों को इस्तेमाल कर भाजपा कर्नाटक हथियाना चाहती है
बोले: प्रदेश में स्वाईन फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं,मगर सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है
पंचकूला,19 जनवरी:
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक पर टिव्टर के जरिए टिप्पणी करने वाले हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को जरा प्रदेश के हालात की ओर भी ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आए दिन टिवटर पर लोगों के प्रति टिप्पिणयां कर अपनी भड़ास निकालने वाले विज को देश दुनिया की तो खबर है,मगर अपने विभाग और प्रदेश में क्या हो रहा है,इसकी न तो कोई खबर है और न ही कोई चिंता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वाईन फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं,मगर सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। पार्टी का कहना है कि प्रदेश में इस समय स्वाइन फ्लू जान लेवा हो गया है। हरियाणा प्रदेश में इस बीमारी की वजह से अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि तो खुद स्वास्थ्य विभाग कर चुका है। अगर गैर सरकारी आंकड़ों की बात करें तो यह संख्या अधिक है।
यहां जारी एक ब्यान में आम आदमी पार्टी के अंबाला लोकसभा एवं जिला पंचकूला के अध्यक्ष योगेश्वर शर्मा ने हरियाणा सरकार को लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर घेरते हुए कहा कि हरियाणा प्रदेश में स्वाइन फ्लू के रोगियों की संख्या 180 और संदिग्ध की संख्या एक हजार से भी ऊपर पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि जिला पंचकूला भी इससे अछूता नहीं है। यहां भी सरकारी एवं गैरसरकारी अस्पतालों में रोगी आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आसपास के प्रदेशों में स्वाइन फ्लू कहर मचाने के बाद हरियाणा में बड़ी तेजी से फैल रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में जबकि प्रदेश सरकार को स्वाइन फ्लू रोग से संबंधित जानकारी के लिए जागरूकता अभियान छेडऩा चलाना चाहिए, उस वक्त प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ट्विट करने में बिजी हैं तो मुख्यमंत्री जींद में चुनाव मेंं। उन्होंने कहा कि ऐसे गंभीर हालात में प्रदेश सरकार ने हरियाणा की जनता को लावारिस छोड ़दिया है। जिसके चलते स्वाइन फ्लू हरियाणा में बड़ी तेजी से फैल रहा है और ना ही तो स्वास्थ्य मंत्री इसकी गंभीरता को समझते हैं और ना ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी। उन्होंने कहा कि विभाग में किसी भी अधिकारी से बात करेंगे तो पता चलता है कि अधिकारी आंकड़ों में फेरबदल करने में बिजी हैं कोई भी अधिकारी सटीक आंकड़ा सही आंकड़े देने में असमर्थ हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जागरूकता अभियान चलाने के दावे कर रहा है। लेकिन प्रदेश में जिस स्तर पर स्वाइन फ्लू पर मौत हो रही हैं और मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है उससे साफ हो जाता है कि विभाग जागरूकता अभियान के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभागीय जानकारी के अनुसार ही प्रदेश में स्वाइन फ्लू के कारण हिसार में,फतेहाबाद में 1-1 मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि गैरसरकारी आंकड़ों के अनुसार यह संख्या ज्यादा है। इसके आलावा पंचकूला, हिसार,भिवानी,रोहतक,फतेहाबाद,पानीपत,झज्जर और सिरसा जिले ऐसे में हैं जहां 30 से भी ज्यादा मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार खासकर प्रदेश के स्वास्थ्यमंत्री अनिल विज को दूसरों की खामियां गिनवाने की बजाये अपने विभाग के काम काज की ओर ध्यान देना चाहिए जिसके लिए उन्हें सरकार ने यह विभाग सौंपा है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/yogeshwar-AAP.jpg400400Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-19 17:48:472019-01-19 17:48:50टवीट्टर छोड़ स्वाइन फ्लू पर नज़र रखें, योगेश्वर की ‘विज’ को नसीहत
आज पंचकूला में माता मनसा देवी मन्दिर परिसर में माता मनसा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित भण्डारा ( ग्रेन मार्किट) के प्रांगण में आज दो दिवसीय जयोतिष कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। लक्ष्य ज्योतिष संस्थान द्वारा एवं ग्रेन मार्किट भण्डारा द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों से आए ज्योतिषी भाग ले रहे हैं।
वास्तु, लाल किताब, वैदिक ज्योतिष, नाड़ी ज्योतिष, टैरो, अंक ज्योतिष, हस्त रेखा, योग, आभा मण्डल, बिशेषज्ञ, विचारक और विद्वान इस कार्यशाला में निःशुल्क परामर्श दे रहे हैं।
लक्ष्य ज्योतिष की अध्यक्ष बीना शर्मा ने बताया कि संस्था द्वारा पिछले पाँच वर्षों से इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। इसका मकसद है कि ज्योतिष से सम्बंधित विभिन्न विधाओं के बारे में लोगों को जानकारी देना और उनकी समस्याओं का निवारण करना।
नेचुरोपैथ , ज्योतिषविद एवम् योगाचार्य अश्विनी गौतम ने बताया कि कार्यशाला में शरीर और मन से जुडी समस्याओं का निवारण करने का प्रयास किया जाता है। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि प्रत्येक शरीर की अलग संरचना होती है उसी को ध्यान में रखते हुए समस्याओं का समाधान किया जाता है।
इसी कड़ी में दिल्ली से आईं टैरो विशेषज्ञा पूनम ठाकुर ने www.demokraticfront.com से बातचीत के दौरान बताया कि टैरो विधा आत्मिक शक्तियों के सम्बंधों पर आधारित है।जो कि प्रश्नों के उत्तर देने के आलावा व्यक्तिगत सलाहकार और मार्गदर्शक का भी काम करती है।
पंचकूला में रेकी विशेषज्ञ के तौर पर जाने जाने वाले विजय मिश्रा कार्यशाला में रेकी के ज़रिये लोगो के मन और आत्मा के रोगों का निःशुल्क इलाज कर रहे हैं। उनका दावा है कि इस विद्या से लोगों का बहुत कल्याण हो रहा है।
न्यूमरोलॉजी यानि अंक गणित विद आरती भारद्वाज गणना से आपके भूत,वर्तमान और भविष्य के बारे में जानकर आपकी जीवनशै
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/50f6a0bf-efad-4498-a03e-4a1d69b5d7e9.jpg7801040Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-19 17:39:172019-01-19 17:39:20माता मनसा देवी परिसर में 2 दिवसीय ज्योतिष कार्यशाला का शुभारंभ
बेनीवाल के व्यवहार के अलावा इनदिनों राजस्थान में एक मुद्दा और चर्चा में छाया है. चुनावी सभाओं में राहुल गांधी जीतने के 10 दिन के अंदर किसानों के पूरे कर्ज को माफ करने का ऐलान करते थे
हनुमान बेनीवाल राजस्थानी कहावत जिसका हिंदी मतलब होता है कि नया नया रईस अपनी गर्दन ज्यादा ही ऊंची करके चलता हैको चिरतार्थ करते दिख पड़ते हैं। इस बार चुनाव जीतने के साथ ही वे अजीबो गरीब तरीके से अपनी ओर ध्यान खींचने की कोशिश कर रहे हैं.
चुनाव नतीजों के बाद पहले तो उन्होंने कांग्रेस में चल रही मुख्यमंत्री की जंग में टांग फंसाने की कोशिश की. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उन्होंने चुनौती दे डाली कि अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया तो लोकसभा चुनाव में उनके समर्थक कांग्रेस की ईंट से ईंट बजा देंगे. दूसरी पार्टी को अपनी बिन मांगी सलाह देना जबरदस्ती गले पड़ने वाली बात ही रही. कांग्रेस ने उनको कोई तवज्जो न देते हुए अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बना दिया.
इसके बाद, एक दिन बेनीवाल पुलिस मुख्यालय पहुंचे. पुलिस महानिदेशक और दूसरे बड़े अधिकारियों से मुलाकात की. बाद में मीडिया के पास पहुंचे और पुलिस पर उन्हें जबरन इंतजार करवाने का आरोप मढ़ दिया. शायद उनको ऐतराज हो कि जब एक जनप्रतिनिधि आए तो अधिकारी सारा कामकाज छोड़कर उसे क्यों नहीं अटेंड करे.
राज्यपाल पर बेहूदा टिप्पणी
अब विधानसभा सत्र शुरू होने पर भी बेनीवाल की बेतुकी हरकतें नहीं रुक रही हैं. शपथ ग्रहण समारोह में जब उनका नंबर आया तो दर्शक दीर्घा में बैठे उनके समर्थक तालियां बजाने लगे. पूर्व संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ ने इस पर टोका तो बेनीवाल ने तंज कसते हुए कहा कि आप चुप कराके दिखा दो.
सबसे बड़ी घटना तो राज्यपाल कल्याण सिंह के अभिभाषण के दौरान घटित हुई. बेनीवाल सदन के वेल में आ गए और मूंग खरीद के लिए नारेबाजी करने लगे. उन्होंने सीधे राज्यपाल को अपशब्द कह दिए. बेनीवाल ने राज्यपाल से कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री का नाम तक तो याद नहीं रहता. बेहतर होगा कि पहले वे अपना इलाज कराएं. इस दौरान मुख्यमंत्री अपनी सीट पर बैठे मुस्कुराते रहे. बीजेपी ने बेनीवाल के इस बेहूदा कमेंट पर कड़ा ऐतराज जताया. पूर्व गृहमंत्री और अब नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने सवैंधानिक पदाधिकारी पर अशोभनीय टिप्पणी को सुधारे नहीं जाने पर सदन न चलने देने की धमकी तक दे डाली. लेकिन न बेनीवाल को इससे कुछ फर्क पड़ा और न ही सत्ता पक्ष ने कटारिया के बयान को कोई तवज्जो दी.
कौन है हनुमान बेनीवाल?
हनुमान बेनीवाल नागौर जिले की खींवसर सीट से विधायक हैं. राजनीति उन्होंने छात्र जीवन में ही शुरू कर दी थी. 1996 में वे राजस्थान के सबसे बड़े विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान के छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे. कभी वे बीजेपी में हुआ करते थे. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से अनबन के बाद 2013 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते.
2018 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक पार्टी बनाई और राज्य में तीसरी ताकत खड़ी करने की कोशिश की. पहली बार में अध्यक्ष बेनीवाल समेत इस पार्टी के 3 विधायक चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं. बेनीवाल का पश्चिम राजस्थान, विशेषकर उनके गृह जिले नागौर और आसपास के इलाके में अच्छा प्रभाव है.
इसमे कोई शक नहीं कि जाट युवाओं के बीच उनकी गहरी पैठ है. वे लगातार चुनाव जीत रहे हैं और अपनी पार्टी की जड़ें भी जमाने में सफल रहे हैं. लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि उनका उग्र व्यवहार कहीं न कहीं नुकसान भी पहुंचा सकता है. युवा समर्थकों को एंग्री यंग मैन छवि आकर्षित करती है. लेकिन द्विदलीय व्यवस्था वाले राज्य में तीसरी ताकत बनने के लिए उन्हें सौम्य और जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार का परिचय देना होगा. वैसे भी, उनपर समाज के कई समूह घोर जातिवादी राजनीति का आरोप लगाते रहे हैं.
जुमला तो नहीं बन जाएगी किसानों की कर्जमाफी?
बेनीवाल के व्यवहार के अलावा इनदिनों राजस्थान में एक मुद्दा और चर्चा में छाया है. चुनावी सभाओं में राहुल गांधी जीतने के 10 दिन के अंदर किसानों के पूरे कर्ज को माफ करने का ऐलान करते थे. वे दावा करते थे कि अगर उनका मुख्यमंत्री इस वादे को पूरा नहीं करेगा तो वे मुख्यमंत्री ही बदल देंगे. राजस्थान में कांग्रेस को चुनाव जीते हुए सवा महीने से ज्यादा हो गया है लेकिन अभी तक कर्जमाफी पर बहस ही चल रही है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब किसानों की कर्जमाफी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. गहलोत ने लिखा है कि पूरे देश के किसानों की आर्थिक हालत चुनौतीपूर्ण है. गहलोत के मुताबिक, कांग्रेस की तरह वे भी कर्जमाफी का ऐलान करें. 2 जनवरी को लिखे इस पत्र को उन्होंने 18 जनवरी को सोशल मीडिया पर शेयर किया तो विधानसभा में भी पढ़ कर सुनाया. बीजेपी ने अब कांग्रेस पर किसानों को गुमराह कर चुनाव जीतने का आरोप लगाया है. शुक्रवार को इस मुद्दे पर हुई गर्मागर्मी के कारण विधानसभा को 3 बार स्थगित करना पड़ा. नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के आदेश को लंगड़ा बता दिया. कटारिया का आरोप है कि 19 और 25 दिसंबर को इस संबंध में निकाले गए आदेशों की भाषा में विसंगति है. एक आदेश में अल्पकालीन फसली ऋण को माफ करने की बात है तो दूसरे में अलग शब्द इस्तेमाल किए गए हैं.
नेताओं के बीच फुटबॉल बन रहे किसान!
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष की भाषा पर कड़ा ऐतराज जताते हुए दावा किया कि सहकारी बैंकों से लिए 2 लाख तक के कर्ज माफ किए जाएंगे. उन्होंने बीजेपी पर जनता को गुमराह करने के आरोप लगाए. हालांकि चुनाव से पहले कांग्रेस ने सभी किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था. लेकिन अब इसमें नित नई शब्दावलियों का प्रयोग किया जा रहा है.
पहले सिर्फ डॉफाल्टर किसानों की बात कही गई. पार्टी में ही विरोध उठा तो सभी किसानों की बात कही जाने लगी. अब सिर्फ सहकारी बैंकों का नाम लिया जा रहा है. किसानों के सामने यूरिया की खरीद और मूंग की उपज बेचने की समस्या भी विकराल हो चुकी है. एक बात स्पष्ट है, चुनाव आयोग ने मार्च में लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान की घोषणा कर दी है. अगर जल्द ही कांग्रेस सरकार ने स्थिति साफ नहीं की तो याद रखना चाहिए भारतीय मतदाताओं के मतदान व्यवहार को ग्रेनविल ऑस्टिन ने ‘अनप्रेडिक्टेबल’ भी ठहराया था.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/Rajasthan-Farm-Loan-Waiver-Scheme.jpg300544Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-19 16:44:092019-01-19 16:44:11राजस्थान: चर्चा में हनुमान बेनीवाल और कर्ज़ माफी
कांग्रेस खेमे में मचे सियासी घमासान के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदुरप्पा ने पार्टी के सभी विधायकों को बेंगलुरु वापस आने के लिए कहा है.
नई दिल्ली : कर्नाटक में 2 निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने का बाद मचा सियासी घमासान थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस खेमे में मचे सियासी घमासान के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदुरप्पा ने पार्टी के सभी विधायकों को बेंगलुरु वापस आने के लिए कहा है. इसी के साथ कर्नाटक की सियासत के नाटक का फिलहाल अंत माना जा रहा है. कर्नाटक में ड्रामे की शुरुआत से ही बीजेपी के सभी विधायक गुरुग्राम के एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए थे.
गुरुग्राम हैं कई विधायक बता दें कि निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद बीजेपी के कई विधायक एनसीआर के गुरुग्राम में रह रहे थे. येदुरप्पा के बेंगलुरु वापस बुलाए जाने के पीछे कहा जा रहा है कि यह किसी सियासी गठजोड़ हो सकता है. कयास लगाए जा रहे हैं कि येदुरप्पा बेंगलुरु में रविवार को विधायकों के साथ बैठक कर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
कांग्रेस-जेडीएस को चिंता की आवश्यकता नहीं- येदुरप्पा कर्नाटक के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि गुरुग्राम में मौजूद हमारे सभी विधायक बेंगलुरु लौट रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम राज्य का दौरा करेंगे और सूखे की स्थिति का विश्लेषण करेंगे. हम किसी भी कीमत पर इस सरकार को अस्थिर नहीं करेंगे. कांग्रेस और जेडीएस को चिंता करने की जरूरत नहीं है.
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे 4 विधायक इससे पहले शुक्रवार को कर्नाटक में सत्तारुढ़ गठबंधन में दरार उजागर करते हुए चार नाराज कांग्रेसी विधायक यहां पार्टी विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में शामिल नहीं हुए. यह बैठक भाजपा द्वारा कथित तौर पर एच डी कुमारस्वामी सरकार को हटाने के लिए की जा रही कोशिशों के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा था.
सत्ता पर पड़ेगा असर! आंकड़ों के लिहाज से चार विधायकों की गैरमौजूदगी से सात महीने पुरानी कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है लेकिन इससे यह संकेत मिलता है कि अब भी असंतोष झेल रही कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है. सीएलपी नेता सिद्धरमैया ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि कांग्रेस अनुपस्थित विधायकों रमेश जारकीहोली, बी नगेंद्र, उमेश जाधव और महेश कुमाताहल्ली को नोटिस जारी करेगी. हाल ही में कैबिनेट फेरबदल में मंत्रीपद से हटाए जाने के बाद से जारकीहोली बेहद नाखुश थे.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/yeddyurappa-kumaramaswamy-7.jpg422759Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-19 05:16:352019-01-19 05:16:37हम किसी भी कीमत पर इस सरकार को अस्थिर नहीं करेंगे. कांग्रेस और जेडीएस को चिंता करने की जरूरत नहीं है: बीएस येदियुरप्पा
2014 के लोकसभा चुनाव में रामकृपाल यादव ने राजद से बगावत कर बीजेपी के टिकट पर राजद की मीसा भारती के खिलाफ पाटलीपुत्रा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीत गये थे.
नई दिल्ली:बिहार की सियासत में इन दिनों बयानबाजी की बयार सी बह रही है. हर कोई अपने प्रतिद्वंदी पर वार करने का एक भी मौका छोड़ना नहीं चाह रहा है. इसी क्रम में आरजेडी से राज्यसभा सांसद और लालू यादव की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती ने पटना के बिक्रम में हो रहे कर्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव पर आपत्तिजनक बयान दिया है.
बिक्रम में आरजेडी के कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान मीसा भारती ने रामकृपाल यादव के हाथ काटने की बात कह डाली. उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक रामकृपाल यादव का वो बहुत सम्मान करती थीं, लेकिन ये सम्मान तब खत्म हो गया, जब उन्होंने सुशील कुमार मोदी के साथ हाथ मिला लिए. उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि जिस दिन वो सुशील मोदी की किताब लेकर वह हाथ में खड़े थे, उस दिन मेरी अंदर से इच्छा हुई कि उसी कुटी काटने वाले गडासे से उसका हाथ काट दें.
मीसा भारती ने राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि राजद के कोई भी संभावित उम्मीदवार अपनी दावेदारी पर खुलकर बात न करें. सीटों पर अभी फाइनल फैसला आना बाकी है. कोई भी निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव हीं लेंगे इसलिए कार्यकर्ता क्षेत्र में अपना काम करते रहें.
आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में रामकृपाल यादव ने राजद से बगावत कर बीजेपी के टिकट पर राजद की मीसा भारती के खिलाफ पाटलीपुत्रा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीत गये थे. 2014 की हार पर मीसा भारती ने कहा कि मैं तब हार गई थी, क्योंकि अचानक रामकृपाल यादव पलटी मार गये थे और कुछ अपने लोग भी नाराज थे.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/753658-misa-ram-kripal.jpg400700Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-19 04:20:182019-01-19 04:20:20Misa Bharti: इस केंद्रीय मंत्री का गंडासे से हाथ काटनी चाहती थी लालू यादव की बेटी मीसा भारती
‘‘विपक्षी दल बार – बार कह रहे हैं कि वे बीजेपी से अकेले नहीं लड़ सकते और इससे उनकी नाकामी उजागर होती है.’ मोदी ने अक्सर ही इस बात पर जोर दिया है कि देश को एक मजबूत सरकार चाहिए, ना कि एक मजबूर सरकार.
नई दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की विपक्षी दलों की रैली का समर्थन करने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर शुक्रवार को बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि यह स्वभाविक है कि ‘बहनजी’ के छोड़ने के बाद वह ‘दीदी’ को याद करेंगे.
कोलकाता के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड मैदान में आज बीजेपी के खिलाफ होने वाली इस रैली में 20 से अधिक विपक्षी दलों के नेताओं के शरीक होने की उम्मीद है. बीजेपी की इस टिप्पणी में संभवत: बहनजी का जिक्र बसपा प्रमुख मायावती और दीदी का जिक्र पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए किया गया है.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रैली से भगवा पार्टियों के प्रतिद्वंद्वियों के बारे में यह खुलासा होता है कि वे अपने बूते मुकाबला नहीं कर सकते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या ममता को राहुल के समर्थन पत्र से विपक्ष की मजबूती प्रदर्शित होती है, स्मृति ने जवाब दिया, ‘‘जब बहनजी ने उन्हें छोड़ दिया, तब यह स्वभाविक है कि वह दीदी (ममता) को याद करेंगे.’’
उन्होंने उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के हाल ही में गठबंधन की घोषणा किए जाने की ओर संभवत: इशारा करते हुए यह कहा. दरअसल, उप्र में दोनों दलों (सपा और बसपा) ने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया है. केंद्रीय मंत्री ने भरोसा जताया कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि उन्होंने (मोदी ने) अक्सर ही इस बात पर जोर दिया है कि देश को एक मजबूत सरकार चाहिए, ना कि एक मजबूर सरकार.
उन्होंने रैली का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘विपक्षी दल बार – बार कह रहे हैं कि वे बीजेपी से अकेले नहीं लड़ सकते और इससे उनकी नाकामी उजागर होती है.’
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/672065-smriti-irani-visit-to-amethi-pti-1.jpg7201280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-19 02:37:412019-01-19 02:37:42‘‘जब बहनजी ने उन्हें छोड़ दिया, तब यह स्वभाविक है कि वह दीदी (ममता) को याद करेंगे.’’ स्मृति ईरानी
सूत्रों के अनुसार, पार्टी के कम से कम आठ विधायक पाला बदल सकते हैं । विधायकों की गैरमौजूदगी को “गंभीरता” से लिया जाएगा और दल-बदल विरोधी कानून के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बेंगलुरु: कर्नाटक में सत्तारुढ़ गठबंधन में दरार उजागर करते हुए चार नाराज कांग्रेसी विधायक पार्टी विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में शामिल नहीं हुए. हालांकि, कुमारस्वामी ने दावा किया कि गैरहाजिर विधायक उनके संपर्क में हैं और जल्द ही शामिल होंगे. सरकार बचाने के लिए कांग्रेस ने आनन-फानन में अपने विधायकों को रिसॉर्ट में शिफ्ट कर दिया है.
सूत्रों के अनुसार, पार्टी के कम से कम आठ विधायकों पाला बदल सकते हैं. आंकड़ों के लिहाज से चार विधायकों की गैरमौजूदगी से सात महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है लेकिन इससे यह संकेत मिलता है कि अब भी असंतोष झेल रही कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है.
ये 4 विधायक रहे बैठक में गैरहाजिर कांग्रेस विधायक रमेश जारकीहोली, बी नगेंद्र, उमेश जाधव और महेश कुमाताहल्ली पार्टी विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे. पार्टी उन्हें नोटिस जारी करेगी. हाल ही में कैबिनेट फेरबदल में मंत्रीपद से हटाए जाने के बाद से जारकीहोली बेहद नाखुश थे. बैठक में 76 विधायक मौजूद थे. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि जाधव ने लिखकर कहा था कि वह अस्वस्थ होने के कारण बैठक में भाग नहीं ले सकेंगे वहीं नागेंद्र ने कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल से कहा था कि अदालत में एक मामले के कारण वह बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि दो अन्य विधायकों से कोई सूचना नहीं मिली है.
सिद्धरमैया ने कहा कि अनुपस्थित रहे विधायकों के जवाब मिलने के बाद इस मुद्दे पर पार्टी आलाकमान और राज्य नेताओं के साथ विचार विमर्श किया जाएगा और उसके बाद अगला कदम तय किया जाएगा. बैठक से पहले कांग्रेस विधायकों को जारी नोटिस में सीएलपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने चेतावनी दी थी कि विधायकों की गैरमौजूदगी को “गंभीरता” से लिया जाएगा और दल-बदल विरोधी कानून के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इस बीच, भाजपा के विधायक अब भी गुरुग्राम के एक लग्जरी होटल में ठहरे हुए हैं और पार्टी का कहना है कि विधायकों को कांग्रेसी खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. यह अब भी नहीं पता है कि सोमवार से यहां डेरा डाले विधायक वापस कब लौटेंगे. गठबंधन सरकार को मंगलवार को पहला झटका तब लगा जब दो निर्दलीय विधायकों ने उससे समर्थन ले लिया था.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/Sidda_Kumaraswamy_Yeddyurappa_1.jpeg363647Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-19 02:27:542019-01-19 02:28:40अब कांग्रेस के विधायक पहुंचे रिज़ॉर्ट
पलक कुछ निजी वस्तुओं के आधार पर भय्यू महाराज को ब्लैकमेल कर उन पर शादी के लिए दबाव बना रही थी.
इंदौर:
हाईप्रोफाइल आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज की मौत के सात महीने पुराने मामले में शुक्रवार को अहम मोड़ आ गया, जब उन्हें खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने 25 साल युवती समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया. उनमें भय्यू महाराज के दो सहयोगी शामिल हैं.
डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्रा ने बताया कि मामले में पलक, विनायक दुधाड़े और शरद देशमुख को गिरफ्तार किया गया है. उन पर भारतीय दंड विधान की धारा 306 (आत्महत्या के लिये उकसाना) और अन्य संबद्ध धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
उन्होंने बताया कि पलक (25) पर आरोप है कि वह कुछ निजी वस्तुओं के आधार पर भय्यू महाराज (50) को ब्लैकमेल कर उन पर शादी के लिये दबाव बना रही थी, जबकि आध्यात्मिक गुरु के दो सहयोगी-दुधाड़े और देशमुख इस काम में युवती की कथित तौर पर मदद कर रहे थे. डीआईजी के मुताबिक भय्यू महाराज की पत्नी आयुषी और उनके अन्य नजदीकी संबंधियों ने तीनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस को हाल ही में बयान दर्ज कराए हैं.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक भय्यू महाराज के पूर्व ड्राइवर कैलाश पाटिल ने भी पुलिस को कुछ दिन पहले दिये बयान में कहा था कि पलक यह कहकर आध्यात्मिक गुरू को ब्लैकमेल कर रही थी कि उसके पास उनसे जुडी कुछ निजी वस्तुएं हैं.
भय्यू महाराज का सबसे खास सेवादार दुधाड़े उनकी आत्महत्या के तुरंत बाद चर्चा में आया था. आध्यात्मिक गुरू के कथित सुसाइड नोट में उनके वित्तीय उत्तराधिकार, संपत्ति, बैंक खाते और संबंधित मामलों में दस्तखत का हक दुधाड़े को ही सौंपे जाने का जिक्र था. वह भय्यू महाराज से करीब 15 साल पहले जुड़ा था और साये की तरह उनके साथ रहता था. दुधाड़े मामले में उस समय संदेह के घेरे में आया, जब वह आध्यात्मिक गुरु की खुदकुशी के कुछ समय बाद गायब हो गया था.
पुलिस के मुताबिक, भय्यू महाराज (50) ने यहां अपने बाइपास रोड स्थित बंगले में 12 जून को उनके लायसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
पुलिस ने भय्यू महाराज के घर से छोटी-सी डायरी के पन्ने पर लिखा सुसाइड नोट बरामद किया था. इसमें उन्होंने लिखा था कि “वह भारी तनाव से तंग आकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहे हैं.”
पुलिस को शुरुआत में संदेह था कि भय्यू महाराज ने कथित पारिवारिक कलह से परेशान होकर खुदकुशी की थी. लेकिन भय्यू महाराज के भक्त इस पहलू को खारिज करते हुए लगातार कह रहे थे कि आध्यात्मिक गुरु की मौत के पीछे कोई गहरी साजिश है और इसके खुलासे के लिये मामले की सीबीआई से जांच करायी जानी चाहिये.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2019/01/download-2-1.jpg168301Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2019-01-19 02:15:162019-01-19 02:15:19भय्यू जी महाराज ने ब्लैक मेलिंग के चलते की आत्म हत्या: आरोपी गिरफ्तार
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