‘विश्व पर्यावरण दिवस’ पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगा संत निरंकारी मिशन
परमात्मा की प्रकृति का संरक्षण – सबका कर्तव्य, मानव ने हमेशा अपने विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों का किया दोहन :संत निरंकारी मिशन
देश भर में ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ पर पर्वतीय – पर्यटन स्थलों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगा संत निरंकारी मिशन
रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो, 01 जून :
मानव ने हमेशा अपने विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया है, उसी का परिणाम है कि आज हम अपने पर्यावरण में पतन देख रहें है। इस क्षति से पृथ्वी को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागृति लाने हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रति वर्ष ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ का आयोजन किया जाता है।आज संत निरंकारी सत्संग भवन जैतो पर जोन फिरोजपुर के जोनल इंचार्ज एन. एस. गिल और जैतो ब्रांच के मुखी अशोक धीर ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आदेशानुसार संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा संयुक्त राष्ट्र की थीम ‘बीट प्लास्टिक पोल्युशन’ के विषय अनुरूप, 5 जून, बुधवार को संपूर्ण भारत वर्ष के पर्वतीय पर्यटक स्थलों पर विशाल वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियान का आयोजन कर रहा है। पर्यावरण संकट के मध्य जहां प्रदूषण से निपटने हेतु समस्त मानवजाति एक साथ, एक मंच पर एकत्रित हो गयी है, वहीं निरंकारी मिशन अपने इन अभियानों द्वारा आज की युवा पीढ़ी को सकरात्मक ऊर्जा प्रदान कर रहा है जो निसंदेह कल का उज्जवल भविष्य है। संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के स्वयंसेवक, सेवादल सदस्य, भक्त और संबंधित शहरों के निवासी संग मिलकर इस महाअभियान का हिस्सा बनने जा रहे हैं,जिससे प्रकृति संरक्षण को एक अर्थपूर्ण लक्ष्य तक पहुंचाया जा सके।संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के सचिव श्री जोगिंदर सुखीजा ने जानकारी देते हुए बताया कि मिशन वर्ष 2014 से ही संयुक्त राष्ट्र के ‘युनाईटेड नेशन एनवाईरनमेंट प्रोग्राम‘ पर्यावरण कार्यक्रम की थीम पर ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ आयोजित कर रहा है। हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी निरंकारी मिशन द्वारा संपूर्ण भारतवर्ष के 18 पर्वतीय एवं पर्यटक स्थलों, जिनमें मुख्यतः उत्तराखंड से मसूरी, ऋषिकेश, लैंसडाउन, नैनीताल, चकराता, भवाली; हिमाचल प्रदेश का शिमला, मनाली, धर्मशाला; गुजरात के सापुतारा; महाराष्ट्र के महाबलेश्वर, पंचगनी, खंडाला, लोनावाला, पन्हाला, सोमेश्वर; सिक्किम के गीजिंग शहर और कर्नाटक की नंदी हिल्स जैसे पर्वतीय स्थल शामिल है।इस कार्यक्रम का आयोजन प्रातः 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक किया जायेगा जिसमें सभी स्वयंसेवक सम्मिलित होकर सर्वप्रथम निरंकार प्रभु से प्रार्थना करेंगे ताकि कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हो। मिशन के युवा स्वयंसेवक ‘बीट प्लास्टिक पोल्युशन’ की थीम पर नुक्कड़ नाटिकाओं की सुंदर प्रस्तुति करके लोगों को पर्यावरण संकट के प्रति जागरूक करेंगे। सभी स्वयंसेवक तख्तियां एवं बैनर पर्यावरण संरक्षण के संदेशों का उपयोग करके मानव श्रृंखला बनायेंगे।संत निरंकारी मिशन निरंतर आध्यात्मिक जागृति के साथ-साथ मानवता की सेवा में प्रतिपल समर्पित है। इन सेवाओं में मुख्यतः ‘अमृत प्रोजेक्ट’-जल निकायों का संरक्षण, ‘वननेस वन’-वृक्षारोपण, तलासरी-बाँध परियोजना, स्वच्छता अभियान, रक्तदान शिविरों का आयोजन इत्यादि प्रमुख है। इसके अतिरिक्त समाज के उत्थान हेतु महिला सशक्तिकरण एवं युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक मागर्दशन देने के लिए अनेक कल्याणकारी परियोजनाओं को भी संचालित कर रहा है और परमार्थ हेतु यह सभी सेवाएं सतगुरु के निर्देशन में विश्वभर में निरंतर जारी है।