राहुल गांधी से ED की पूछताछ जारी, जांच एजेंसी ने कल फिर बुलाया

गौरतलब है कि राहुल गांधी आज सुबह 11:15 बजे ईडी के दफ्तर पहुंचे थे। इससे पहले वह अपने घर से प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस मुख्यालय पहुुंचे थे और फिर वहां से पैदल ही मार्च करते हुए ईडी दफ्तर तक आए। इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता मौजूद थे। हालांकि पुलिस ने ईडी के दफ्तर तक सिर्फ राहुल गांधी और प्रियंका को ही जाने की परमिशन दी। भूपेश बघेल, अशोक गहलोत, रणदीप सुरजेवाला, पी. चिदंबरम समेत तमान नेताओं को बाहर ही रोक लिया गया। धोखाधड़ी की साजिश रचने, फंड का गबन करने… आदि-इत्यादि का आरोप राहुल गाँधी पर लगा है। ध्यान दीजिए सिर्फ आरोप लगा है, साबित नहीं हुआ है। क्या करना चाहिए ऐसे में? आरोप का सामना कीजिए। जो भी जाँच एजेंसी है, उसके सामने बिना झुके खड़े हो जाइए। जितना पूछा जाए, सब कुछ खोल कर बता दीजिए… लेकिन नहीं! अपने ही बाप-दादा के बनाए कानूनों-संस्थानों के खिलाफ खड़ा होना है इन्हें। “राहुल गाँधी झुकेगा नहीं, सत्य झुकेगा नहीं” वाला फिल्मी डायलॉग मारना है। नेता यंग हो ना हो, एंग्री यंग मैन बने रहना है।

  • एक तरफ जहां कांग्रेस नेताओं ने सड़क पर उतरकर मार्च किया तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने जोरदार निशाना साधा है।
  • सड़क पर मार्च की पुलिस की तरफ से इजाजत नहीं मिलने के चलते पार्टी नेता रणदीप सुरजेवाला समेत कई बड़े नेताओं को हिरासत में लिया गया।

नई दिल्‍ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली: 

नैशनल हेरल्‍ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछताछ की। राहुल सुबह करीब 11.30 बजे APJ अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी के मुख्यालय पहुंचे। ED सूत्रों के हवाले से ANI ने बताया कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्‍ट (PMLA) की धारा 50 के तहत गांधी का बयान दर्ज कराया गया। पहले राउंड में राहुल से तीन घंटे से ज्‍यादा तक पूछताछ चली। इसके बाद उन्‍हें लंच के लिए बाहर जाने दिया गया। राहुल इस दौरान अपनी बहन प्रियंका के साथ मां सोनिया गांधी को देखने सर गंगाराम अस्‍पताल पहुंचे। सोनिया को कोविड-19 से जुड़ी दिक्‍कतों के चलते रविवार को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। ईडी ने पूछताछ के लिए उन्‍हें भी तलब किया है।

राहुल से ईडी के सवाल-

  1. यंग इंडियन कंपनी बनाने का निर्णय किसका था? क्या आप उस बैठक में शामिल थे यदि शामिल थे तो डिटेल?
  2. आपने यंग इंडियन की शुरुआती कितनी बैठकों में भाग लिया? इस कंपनी में आप डायरेक्टर कैसे बने?
  3. आपने शेयर किस तरह से खरीदें?
  4. शेयर खरीद के लिए कोई पैसा दिया था?
  5. यदि दिया था तो किस बैंक खाते से किस तरह?
  6. राहुल गांधी से सवालों के पहले बंच में पूछा जाएगा कि आपके कितने बैंक अकाउंट हैं ?
  7. किस किस बैंक में एकाउंट है ?
  8. क्या कोई बैंक अकाउंट विदेश में भी है?
  9. यदि है तो उसकी जानकारी?
  10. आपकी जायदाद कहां कहां हैं? क्या विदेश में भी जायदाद हैं ? यदि हां तो उनकी डिटेल

इसस पहले, ईडी दफ्तर के लिए राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय से थोड़ी दूर तक पैदल ही चले. पुलिस ने इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोक दिया। सुबह करीब 11 बजे राहुल गांधी का काफिला ईडी ऑफिस पहुंचा. इससे पहले, पार्टी के प्रस्तावित मार्च के मद्देनजर पुलिस ने कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और पार्टी मुख्यालय के आसपास धारा 144 लगा दी गई। मुख्य विपक्षी दल के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ईडी को बीजेपी का ‘इलेक्शन मैनेजमेंट डिमार्टमेंट’ करार दिया और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के ‘सत्याग्रह’ को रोकने के लिए नयी दिल्ली के इलाके में अघोषित आपातकाल लगा दिया है।

पूछताछ में राहुल गांधी कई सवालों का जवाब देने में असमर्थ रहे। जिस कंपनी से एक करोड़ का लोन आया था, राहुल गांधी ने उस शेल कंपनी के प्रोपराइटर्स के बारे में जानकारी होने से इंकार किया। शाम तक हुई पूछताछ के दौरान कुछ सवालों के जवाब में राहुल ने कहा कि अपने लोगों से पूछ कर बताऊंगा। साथ ही कुछ दस्तावेज देने को भी कहा।

कांग्रेस ने आरोपों को निराधार बताया

कांग्रेस का कहना है कि उसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं तथा ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति के तहत की जा रही है। उसने यह भी कहा है कि वह एवं उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस एक राजनीतिक दल है और एक राजनीतिक दल किसी कंपनी में हिस्सेदारी नहीं खरीद सकता. इसलिए, ‘यंग इंडियन’ के नाम से एक गैर-लाभकारी कंपनी (नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी) को ‘नेशनल हेराल्ड’ एवं एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के शेयर दिए गए, ताकि 90 करोड़ रुपये का कर्ज खत्म हो सके।’’

कॉंग्रेस नेताओं के बयान-

  1. रणदीप सुरजेवाला: केसी वेणुगोपाल पर जानलेवा हमला किया गया।
  2. अशोक गहलोत: शांतिपूर्ण मार्च से सरकार को दिक्कत क्या है?
  3. भूपेश बघेल: आप इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन विचारों को कैद नहीं कर सकते।
  4. प्रमोद तिवारी: राहुल गांधी पर फर्जी केस लगाया गया।
  5. दिग्विजय सिंह: मोदी जब डरते हैं ED को आगे करते हैं।
  6. सचिन पायलट: केंद्र सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
  7. शिवसेना नेता संजय राउत: राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई गैरकानूनी है। जो भी BJP के खिलाफ बोलता है, उस पर कार्रवाई होती है।
  8. रॉबर्ट वाड्रा: राहुल गांधी तमाम निराधार आरोपों से बरी होंगे और सत्य की जीत होगी।
  9. कार्ति चिदंबरम: मुझे ED के नोटिस सबसे ज्यादा बार मिले हैं। मैं ED के मामलों में कांग्रेस का विशेषज्ञ हूं।

राहुल का ED से सवाल –

भाजपा नेताओं के ब्यान :

  1. स्मृति ईरानी: जो लोग जेल से बेल पर है, वो जांच एजेंसियों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
  2. संबित पात्रा : कैसे भ्रष्टाचार भी ‘सत्याग्रह’ कर सकता है
  3. मुख्तार अब्बास नकवी : कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक दूजे के लिए बने हैं इससे एक बात साफ है कि कितनी बुरी तरह से कांग्रेस पार्टी फैमिली फोटो फ्रेम में फिक्स हो चुकी है।
  4. हेमंत विस्वा शर्मा CM असम: राहुल गांधी ने अपने नाटक के जरिए साबित कर दिया है कि उन्होंने कुछ गलत किया है।
  5. अनुराग ठाकुर : समय-समय पर कांग्रेस पार्टी संवैधानिक संस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह खड़े करती रही और जिन्होंने लंबे समय तक देश पर राज किया, उनके ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं आज वो जांच एंजेसियों से डर रहे हैं। 

कांग्रेस को पंजाब और चंडीगढ़ के बाद हरियाणा में बड़ा झटका लग सकता है

कांग्रेस को पंजाब के बाद हरियाणा में बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की है। ये मुलाकात केवल दोनों नेताओं के बीच हुई है, इस दौरान कोई अन्य नेता उपस्थित नहीं था। बीजेपी ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अब कुलदीप बिश्नोई को तय करना है कि कांग्रेस में मिल रहीं उपेक्षा के बाद भी वो किसके साथ रहना चाहते हैं। दरअसल, कुलदीप बिश्नोई पार्टी से प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर पार्टी से नाराज चल रहे हैं। ये नाराजगी अब कांग्रेस पर भारी पड़ती हुई दिखाई दे रही है।

सारिका तिवारी राजनैतिक विशेषज्ञ, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला :

राज्य सभा चुनावों से पहले सियासी गलियारों में उथल-पुथल मची हुई हैं। वही सूत्रों के अनुसार हरियाणा के सीएम खट्टर से कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने मुलाकात की।हालांकि इस मुलाकात को सिर्फ एक विधायक और मुख्यमंत्री के बीच की ही बता रहे है। बीजेपी के मुताबिक बिश्नोई को तय करना है कि वह किस पार्टी में रहना चाहते हैं, क्योंकि कांग्रेस में भी बिश्नोई की उपेक्षा देखी जा रही है।

राज्यसभा चुनाव में राजस्थान और हरियाणा की लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है। दोनों ही जगहों पर कांग्रेस की चिंता बढ़ती ही जा रही है। पार्टी को क्रॉस वोटिंग का खतरा सता रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को सुरक्षित स्थान पर घेराबंदी कर ली है। इस बीच हरियाणा कांग्रेस के नेता और विधायक कुलदीप बिश्नोई ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कहा है कि वह किसी के दबाव में आकर वोट नहीं करने जा रहे हैं।

हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों पर 10 जून को होने वाले मतदान से पहले कांग्रेस ने अपने विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है। हरियाणा से कांग्रेस के 31 में से 28 विधायक गुरुवार दिल्ली पहुंचे। आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई हाईकमान के बुलावे के बावजूद नहीं आए।

कुलदीप की नाराजगी से बढ़ी चिंताएं
कांग्रेस के पास हरियाणा में 31 विधायक हैं, लेकिन कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी के कारण कांग्रेस हाईकमान की चिंता बढ़ गई है। कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष न बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं और इसी कारण पार्टी मीटिंग में नहीं पहुंच रहे। अगर 10 जून को कुलदीप ने कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन के पक्ष में मतदान नहीं किया तो कांग्रेस के पास महज 30 विधायक रह जाएंगे।

कांग्रेस को आशंका है कि इन 30 में से भी कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। ऐसे में अजय माकन की जीत कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है।

कुलदीप बिश्नोई ने कहा, ‘मैं एक मजबूत कांग्रेसी रहा हूं और मैं किसी और से बात नहीं कर रहा हूं। राहुल गांधी से मिलने से पहले कोई फैसला नहीं करूंगा। तब तक मैं कांग्रेस के किसी मंच पर खड़ा नहीं होऊंगा। मैंने राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग पर फिलहाल फैसला नहीं किया है। मैं अपनी मर्जी से वोट करूंगा, किसी के दबाव में नहीं।”

हालांकि, बिश्नोई ने रणदीप सुरजेवाला की तारीफ की है। उन्होंने कहा, ”सुरजेवाला बहुत अच्छे राजनेता हैं, ऐसे व्यक्ति का राज्यसभा में होना जरूरी है। मैं राजस्थान के सभी कांग्रेस नेताओं से अनुरोध करता हूं कि वे सब कुछ भूलकर उनकी योग्यता के आधार पर उन्हें वोट दें।”

90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में राज्य सभा की 2 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस ने यहां से अजय माकन को टिकट दिया है। वहीं भाजपा ने कृष्णलाल पंवार को प्रत्याशी बनाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है। हरियाणा में राज्यसभा सीट जीतने कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं, लेकिन कार्तिकेय शर्मा की दावेदारी ने पेंच फंसा दिया है।

कार्तिकेय के ससुर कुलदीप शर्मा हरियाणा कांग्रेस पार्टी से विधायक हैं। गुरुवार को केंद्रीय नेतृत्व ने सभी विधायकों को दिल्ली बुलाया था। उसके बाद सभी लोगों को रायपुर रवाना किया गया। सभी विशेष विमान से देर शाम रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे। 

भाजपा के पास 40 व कांग्रेस के पास अपने 31 विधायक हैं। 31 विधायकों के समर्थन से कांग्रेसी प्रत्याशी की जीत तय है, लेकिन कांग्रेस को खतरा क्रॉस वोटिंग से है। ऐसा इसलिए कि कहीं 2016 की तरह की अप्रत्याशित घटना यानी पेनकांड न हो जाए। कोई विधायक अपना वोट रद्द ना करवा ले।

कार्तिकेय के पास भाजपा, जजपा, निर्दलीय और गोपाल कांडा का समर्थन है। हालांकि यह सभी मिलकर 31 तक नहीं पहुंचते हैं और गिनती में 28 ही बनते हैं, लेकिन कांग्रेस में जिस तरीके से पार्टी के अंदर ही कई नेताओं में नाराजगी चल रही है, उसे देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि कार्तिकेय उलटफेर कर सकते हैं। 

राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की उम्मीदवारों की सूची

बीते दिनों उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर में तमाम फैसले किए गए थे। इनमें से युवाओं पर दांव लगाना भी एक अहम फैसला था। यह अलग बात बात है कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस अपने ही लिए तमाम फैसले लागू नहीं कर सकेगी। इसकी एक बड़ी वजह यही है कि कांग्रेस पार्टी के पास राज्यसभा सीट कम और दावेदार कहीं ज्यादा हैं। इसके साथ ही पार्टी को एकजुट रखने के लिए आलाकमान पर कई वरिष्ठ नेताओं को राज्यसभा भेजने का भी दबाव है। ऐसे में पार्टी के लिए युवा नेताओं को राज्यसभा भेजना आसान नहीं होगा। दूसरी तरफ जिन राज्यों में कांग्रेस ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई है, वह भी राज्यसभा चुनाव को लेकर आंखे तरेर रहे हैं।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली :

कांग्रेस ने आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। 10 नामों की जो सूची जारी की गई है, उसमें छत्तीसगढ़ से राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन का नाम है। वहीं, हरियाणा से अजय माकन, कर्नाटक से जयराम रमेश, मध्य प्रदेश से विवेक तन्खा, महाराष्ट्र से इमरान प्रतापगढ़ी, राजस्थान से रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी का नाम है। तमिलनाडु से पी चिदंबरम के नाम का ऐलान हुआ है।

10 उम्मीदवारों की सूची में कांग्रेस पार्टी ने अजय माकन को हरियाणा से, जयराम रमेश को कर्नाटक से, पी चिदंबरम को तमिलनाडु से, प्रमोद तिवारी, रणदीप सुरजेवाला और मुकुल वासनिक को राजस्थान, विवेक तन्खा को मध्य प्रदेश से उम्मीदवार बनाया है। वहीं, इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से और राजीव शुक्ला को छत्तीसगढ़ से उम्मीदवार घोषित किया है।

बीजेपी ने आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए 16 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। इनमें केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और निर्मला सीतारमण को महाराष्ट्र और कर्नाटक से उम्मीदवार बनाया गया है। इन 16 उम्मीदवारों में से छह उत्तर प्रदेश से हैं।

कपिल सिब्बल हाथ छोड़ कर हुए साइकल सवार, अब रजाया सभा जाने की तैयारी

अखिलेश ने हिंदू धर्म का उड़ाया मजाक, कहा- ज्ञानवापी मामला BJP बढ़ा रही है

एक तरफ अदालत में ज्ञानवापी को लेकर बहस जारी है कि वो मस्जिद है या फिर मंदिर है, दावे अपने-अपने हैं और इन दावों को झुठलाने और सही साबित करने के लिये वार और पलटवार भी किया जा रहा है। जिला अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सुनवाई जारी है, तो वहीं सियासत भी तेज हो चुकी है। हालांकि अखिलेश यादव से उनकी पार्टी के लोग ही सहमत नहीं दिख रहे। अखिलेश ने आगे कहा कि “मुख्यमंत्री योगी जी गरीबों की दुकान हटाना चाहते है, होर्डिंग हटाना चाहते है। पहले गरीब को राशन दिया। अब उनकी महंगे दाम में वसूली करना चाहते है। प्रदेश में बिजली कटौती जारी है। इसके बीच लोगों के घरों में बिजली का बिल पहुंचने लगा है। बिजली का बिल न देने पर उन्हें धमकाया जा रहा है।” समाजवादी पार्टी की नेता रूबीना खानम ने कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाना गलत है।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, अयोध्याजी/ नयी दिल्ली :  

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अखिलेश यादव जो यादवों के प्रतिनिधि हिन्दू धर्म के बारे में जो सोचते हैं वही उनके बयानों में सामने आता है। वाराणसी के ज्ञानवापी सर्वे पर पूछे गए सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि हिंदू धर्म में में कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया। अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके उन्होंने इशारों ही इशारों में बाबरी मस्जिद को लेकर भी बड़ी बात कह दी। उन्होंने कहा कि एक समय था जब रात के समय मूर्तियां रख दी गई थी। अखिलेश यादव के इस बयान के बाद से सियासी राज छिड़ा हुआ है। भाजपा ने इसे समाजवादी पार्टी की तुष्टिकरण की राजनीति बताया।

सिद्धार्थनगर से लौटते समय अखिलेश अयोध्या में रुके थे, यहां पर उन्होंने एक होटल में प्रेस कांफ्रेंस की। कहा कि देश में महंगाई बढ़ी है, वह भाजपा ने बढ़ाई है। भाजपा ज्ञानवापी का मुद्दा जानबूझकर उठा रही है। अभी तक एक योजना चला रही थी, कि वन नेशन वन राशन, लेकिन अब योजना चला रही है कि वन नेशन वन उद्योगपति। सभी का ध्यान ज्ञानवापी मस्जिद की ओर करके भाजपा उद्योगों को बेच रही है।

अखिलेश ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के बहाने सरकार गेहूं को विदेश भेजकर कुछ लोगों को फायदा पहुंचा रही है। सभी ने निर्यात पर रोक लगाए जाने का समाचार पढ़ा और सुना होगा, लेकिन गेहूं विदेश भेजने का नहीं सुना होगा। देश के बंदरगाहों पर खड़े हजारों ट्रक गेहूं रोक के बावजूद भी विदेश भेज दिए गए।

अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या जैसे पवित्र स्थान पर 5 साल की बच्ची से रेप होता है। वहां बुलडोजर नहीं चलाया गया। केवल गरीब पर चलता है। एक व्यक्ति सब्जी लेने गया था, उस पर भी बुलडोजर चल गया। अखिलेश ने बिजली को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गरीबों की दुकान हटाना चाहते है, होर्डिंग हटाना चाहते हैं। पहले गरीब को राशन दिया। अब उनकी महंगे दाम में वसूली करना चाहते है। प्रदेश में बिजली कटौती जारी है।

उधर ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जमीयत उलेमा ए हिन्द (महमूद मदनी ग्रुप) ने भी खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने बयान जारी कर कहा है कि ऐसे मामलों को लेकर सार्वजनिक प्रदर्शन करने से बचना होगा।

उलेमा, वक्ताओं और गणमान्य व्यक्तियों और टीवी पर बहस करने वालों से अपील है कि वह टीवी डिबेट और बहस में भाग लेने से परहेज करें। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए सार्वजनिक डिबेट में भड़काऊ बहस और सोशल मीडिया पर भाषणबाजी किसी भी तरह से देश और मुसलमानों के हित में नहीं है।

मौलाना महमूद मदनी

प्रेस नोट में लिखा है कि ज्ञानवापी मस्जिद जैसे मुद्दे को सड़क पर न लाया जाए और सभी प्रकार के सार्वजनिक प्रदर्शनों से बचा जाए। इस मामले में मस्जिद इंतेजामिया कमेटी एक पक्षकार के रूप में विभिन्न अदालतों में मुकदमा लड़ रही है। उनसे उम्मीद है कि वे इस मामले को अंत तक मजबूती से लड़ेंगे। देश के अन्य संगठनों से अपील है कि वे इसमें सीधे हस्तक्षेप न करें। जो भी सहायता करनी है, वह अप्रत्यक्ष रूप से इंतेजामिया कमेटी की की जाए।

बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर मंगलवार को मौलाना राबे हसन नदवी के नेतृत्व में आपातकालीन बैठक की थी। उस बैठक में बोर्ड से जुड़े देशभर के 45 सदस्य शामिल हुए थे, जिसमें तय हुआ कि बाबरी मस्जिद की तरह देश की दूसरी मस्जिदों को हाथ से नहीं जाने देंगे, वो चाहे काशी की ज्ञानवापी मस्जिद हो या फिर मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद।

सपा प्रमुख ने केंद्र पर भी निशाना साधते हुए कहा कि देश में उद्योगपतियों को बड़ी-बड़ी चीजें बेची जा रही हैं। कंपनियाँ बिक रही हैं, बैंक मर्ज हो रहे हैं, एलआईसी का निजीकरण हो रहा है, एयरपोर्ट बिक रहे हैं, राज्य का गेहूँ विदेशों में बेचा जा रहा है… अखिलेश के अनुसार, ज्ञानवापी का मामला इन्हीं सब मामलों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए उठाया गया है।

वह वर्तमान सरकार पर ‘फूट डालो राज करो’ वाली नीति पर चलने का इल्जाम मढ़ते हैं। वह कहते हैं कि अंग्रेजों ने जिस तरह से डिवाइड एंड रूल किया उसी तरीके से भाजपा भी यही नियम अपना रही है। ये सिद्धांत कई साल पुराना जिसे अंग्रेज इस्तेमाल करते थे। जनता के साथ इतना अन्याय और उत्पीड़न कभी नहीं हुआ, जितना इस सरकार में हो रहा है। ये सरकार केवल डरा कर धर्म और जाति के नाम पर डरा रही है।

‘सती अनुसूया’ जयंती

भगवान विष्णु के अवतार दत्तात्रेय के जन्म के बारे में कथा के अनुसार सती अनुसूया की कोख से ब्रह्मा जी के अंश से चंद्रमा, विष्णु जी के अंश से दत्तात्रेय और शिव जी के अंश से दुर्वासा मुनि ने जन्म लिया था।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, धर्म डेस्क, चंडीगढ़ – 20 अप्रैल :

सती अनुसुया को पतिव्रता धर्म के लिए जाना जाता है। इस वर्ष इनकी जयंती 20 अप्रैल 2022 को मनाई जाएगी। देवी अनुसुईया की पवित्रता और उनका साध्वी रुप सभी विवाहित महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहा है। देवी अनुसुईया जयंती के अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा आरती की जाती है। विवाहित महिलाएं इस दिन के व्रत का पालन कर, सती अनुसुईया के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेती है। देवी अनुसुईया प्रसन्न होकर अपने भक्तों के दुख दूर करती हैं और उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का वर देती है। भारत वर्ष के उतराखंड राज्य में देवी अनुसुईया का एक प्रसिद्ध व प्राचीन मंदिर है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह वहीं स्थान है जहां माता देवी की परीक्षा त्रिदेवों ने ली थी। माता अनुसुईया के जन्मदिवस के अवसर पर स्त्रियां अपने वैवाहिक स्त्री धर्म का पालन करते हुए सती अनुसुईयां जयंती का पूजन करती है।

यह माना जाता है कि उत्तराखंड में स्थित माता अनुसुईया के मंदिर में रात्रि में जप और जागरण करने की परंपरा है। इस मंदिर में निसंतान दंपत्ति जप और जागरण कर पूजा अर्चना कर संतान कामना करते है। यह जप-तप, अनुष्ठान शनिवार की रात्रि में करने का प्रावधान है। इस मंदिर को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है कि इस मंदिर में त्रिदेव माता की परीक्षा लेने के लिए बालक रुप में आए थे और तीनों देवों ने देवी से भोजन कराने की प्रार्थना की। देवी ने अपने सतीत्व से त्रिदेवों को पहचान लिया, इससे त्रिदेव असली रुप में आ गए। माता अनुसुईया से भगवान शिव दुर्वासा के रुप में मिले थे।

दक्ष प्रजापति की चौबीस कन्याओं में से एक थी अनुसूया जो मन से पवित्र एवं निश्छल प्रेम की परिभाषा थीं इन्हें सती साध्वी रूप में तथा एक आदर्श नारी के रूप में जाना जाता है. अत्यन्त उच्च कुल में जन्म होने पर भी इनके मन में कोई अंह का भाव नहीं था.

इनका संपूर्ण जीवन ही एक आदर्श रहा है. पौराणिक तथ्यों के आधार की यदि बात की जाए तो माता सीता जी भी इनके तेज से बहुत प्रभावित हुई थी तथा उनसे प्राप्त भेंट को सहर्ष स्वीकार करते हुए नमन किया. अनुसूया जी का विवाह ब्रह्मा जी के मानस पुत्र परम तपस्वी महर्षि अत्रि जी के साथ हुआ था. अपने सेवा तथा समर्पित प्रेम से इन्होंने अपने पति धर्म का सदैव पालन किया.

कहा जाता है कि देवी अनसुया बहुत पतिव्रता थी जिस कारण उनकी ख्याती तीनों लोकों में फैल गई थी. उनके इस सती धर्म को देखकर देवी पार्वती, लक्ष्मी जी और देवी सरस्वती जी के मन में द्वेष का भाव जागृत हो गया था. जिस कारण उन्होंने अनसूइया कि सच्चाई एवं पतीव्रता के धर्म की परिक्षा लेने की ठानी तथा अपने पतियों शिव, विष्णु और ब्रह्मा जी को अनसूया के पास परीक्षा लेने के लिए भेजना चाहा.

भगवानों ने देवीयों को समझाने का पूर्ण प्रयास किया किंतु जब देवियां नहीं मानी तो विवश होकर तीनो देवता ऋषि के आश्रम पहुँचे. वहां जाकर देवों ने सधुओं का वेश धारण कर लिया और आश्रम के द्वार पर भोजन की मांग करने लगे. जब देवी अनसूया उन्हें भोजन देने लगी तो उन्होंने देवी के सामने एक शर्त रखी की वह तीनों तभी यह भोजन स्वीकार करेंगे जब देवी निर्वस्त्र होकर उन्हें भोजन परोसेंगी. इस पर देवी चिंता में डूब गई वह ऎसा कैसे कर सकती हैं. अत: देवी ने आंखे मूंद कर पति को याद किया इस पर उन्हें दिव्य दृष्टि प्राप्त हुई तथा साधुओं के वेश में उपस्थित देवों को उन्होंने पहचान लिया. तब देवी अनसूया ने कहा की जो वह साधु चाहते हैं वह ज़रूर पूरा होगा किंतु इसके लिए साधुओं को शिशु रूप लेकर उनके पुत्र बनना होगा.साधुओं का अपमान न हो इस डर से घबराई अनुसूइया ने पति का स्मरण कर कहा कि यदि मेरा पतिव्रत्य धर्म सत्य है तो ये तीनों साधु 6 मास के शिशु हो जाएं। इस बात को सुनकर त्रिदेव शिशु रूप में बदल गए जिसके फलस्वरूप माता अनसूइया ने देवों को अनुसूइया ने माता बनकर त्रिदेवों को स्तनपान  भोजन करवाया. इस तरह तीनों देव माता के पुत्र बन कर रहने लगे.

इस पर अधिक समय बीत जाने के पश्चात भी त्रिदेव देवलोक नहीं पहुँचे तो पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती जी चिंतित एवं दुखी हो गई  तब नारद ने त्रिदेवियों को सारी बात बताई। त्रिदेवियां ने अनुसूइया से क्षमा याचना की। तब अनुसूइया ने त्रिदेव को अपने पूर्व रूप में ला दिया। प्रसन्नचित्त त्रिदेवों ने देवी अनुसूइया को उनके गर्भ से पुत्र रूप में जन्म लेने का वरदान दिया। तब ब्रह्मा अंश से चंद्र, शंकर अंश से दुर्वासा व विष्णु अंश से दत्तात्रेय का जन्म हुआ।

इस पर तीनों देवियों ने सती अनसूइया के समक्ष क्षमा मांगी एवं अपने पतियों को बाल रूप से मूल रूप में लाने की प्रार्थना की ऐस पर माता अनसूया ने त्रिदेवों को उनका रूप प्रदान किया और तभी से वह मां सती अनसूइया के नाम से प्रसिद्ध हुई. स्त्रियां मां सती अनसूया से पतिव्रता होने का आशिर्वाद पाने की कामना करती हैं. प्रति वर्ष सती अनसूइया जी जयंती का आयोजन किया जाता है. इस उत्सव के समय मेलों का भी आयोजन होता है. रामायण में इनके जीवन के विषय में बताया गया है जिसके अनुसार वनवास काल में जब राम, सीता और लक्ष्मण जब महर्षि अत्रि के आश्रम में जाते हैं तो अनुसूया जी ने सीता जी को पतिव्रत धर्म की शिक्षा दी थी

हिमाचल में AAP पर AAP ने चलाया ‘झाड़ू’, प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी समेत 3 बड़े नेता BJP में शामिल हुए

आम आदमी पार्टी के नेताओं के भाजपा में शामिल हो जाने से प्रदेश में भाजपा का कुनबा और बढ़ गया है। हिमाचल विधान सभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। AAP के हिमाचल के प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी और संगठन मंत्री भाजपा में शामिल हो गए हैं। इस मौके पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, प्रदेश में भाजपा और मजबूत हुई है। आने वाले विधानसभा चुनावों में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) से असंतुष्ट इन नेताओं के भाजपा में शामिल होने से प्रदेश में पार्टी की ताकत बढ़ी है।

नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट :

आम आदमी पार्टी को हिमाचल विधान सभा चुनाव से पहले AAP को बड़ा झटका लगा है। AAP पार्टी के हिमाचल के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन मंत्री ने भाजपा में शामिल हो गए हैं। AAP के प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी, संगठन महामंत्री सतीश ठाकुर समेत कई नेता भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने तीनों नेताओं को नड्डा के आवास पर शुक्रवार देर रात भाजपा में शामिल करवाया। अनुराग ने ट्वीट कर इसकी जानकारी शेयर की। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने तीनों नेताओं को नड्डा के आवास पर शुक्रवार देर रात भाजपा में शामिल करवाया। अनुराग ने ट्वीट कर इसकी जानकारी शेयर की।

AAP के महासचिव सतीश ठाकुर और ऊना जिला प्रमुख इकबाल सिंह के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में भाजपा की सदस्यता लेने के बाद केसरी ने कहा कि केजरीवाल पार्टी नेताओं से मिलते तक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में रैली के दौरान केजरीवाल ने स्थानीय नेताओं की तरफ देखा भी नहीं।

बकौल केसरी, “हिमाचल प्रदेश में हम पार्टी के लिए 8 वर्षों से पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ काम कर रहे थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने मंडी में रैली और रोड शो के दौरान स्थानीय कार्यकर्ताओं की अनदेखी की। राज्य के AAP कार्यकर्ताओं ने इस अनदेखी को अपना अपमान माना और पार्टी छोड़ दी।”

मंडी में रोड शो के दौरान कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने को लेकर केसरी ने कहा कि जो दिन-रात पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, उन लोगों की तरफ केजरीवाल ने देखा तक नहीं। रोड शो के दौरान केवल अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मुख्य आकर्षण थे।

अनुराग ठाकुर ने अपने अगले ट्वीट में लिखा है, “आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की नीति व नेतृत्व में विरोधी भी आस्था जता रहे हैं, क्योंकि उपेक्षा की, उत्पीड़न की, प्रताड़ना की नहीं बल्कि सबका साथ, सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र के साथ जोड़ने में भरोसा रखते हैं।”

भाजपा के साथ आए इन नेताओं ने हिमाचल प्रदेश से आने वाले भाजपा के कद्दावर नेता अनुराग सिंह ठाकुर और जेपी नड्डा (JP Nadda) के साथ मिलकर काम करने और भाजपा को मजबूत करने का आश्वासन दिया है।

आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। हिमाचल प्रदेश में फिलहाल भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और इस बार आम आदमी पार्टी वहां पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंडी जिले में रोड शो किया और कहा कि पंजाब की तरह हिमाचल प्रदेश में भी इस बार बदलाव होगा। वहीं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी अरविंद केजरीवाल से घबराई हुई है और इसलिए चुनाव से पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को हटाकर अनुराग ठाकुर को सीएम बना सकती है।

होलिका दहन के दिन ना करें ये गलतियां

धर्म/संस्कृति डेस्क, चंडीगढ़ – डेमोक्रेटिक फ्रंट:

फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन का उत्सव मानाया जाता है। होलिका दहन की पूजा शुभ मुहूर्त में करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि शुभ मुहूर्त में किया गया काम शुभ फल देता है। धार्मिक मान्यता है होलिका की पूजा से जीवन के सारे कष्टों से छुटाकारा मिलता है। इस साल होलिका दहन गुरुवार 17 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन के दिन कुछ कार्यों को करना बेहद अशुभ माना जाता है। ऐसे में जानते हैं कि होलिका दहन के दिन क्या नहीं करना चाहिए।

होलिका दहन के दिन ना करें ये गलतियां

https://youtu.be/NJw0wHz8CPg
  • होलिका दहन की अग्नि को जलती हुई चिता का प्रतीक माना गया है. इसलिए नए शादीशुदा जोड़ों को होलिका दहन की अग्नि को जलते हुए नहीं देखना चाहिए। दरअसल ऐसा करना अशुभ माना गया है. माना जाता है कि ऐसा करने में जीवन में वैवाहिक जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता ह।
  • होलिका दहन के दिन किसी भी व्यक्ति को उधार नहीं देना चाहिए. ऐसा करने से घर में बरकत नहीं होती है. साथ ही आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
  • माता-पिता के इकलौते संतान को कभी भी होलिका में आहुति नहीं देनी चाहिए. दरअसल इसे अशुभ माना जाता है।  अगर दो बच्चे हैं तो होलिका की अग्नि को जला सकते हैं।
  • होलिका की अग्नि में भूलकर भी पीपल, बरगद और आम की लकड़ी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।  ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा करने से जीवन में नकारात्मकता आती है. होलिका दहन के लिए गूलर और एरंड की लकड़ी शुभ मानी जाती है।  
  • होलिका दहन के दिन भूल से भी किसी महिला का अपमान नहीं करना चाहिए।  इस दिन माता-पिता का आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए. ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है।

साभार ज्योतिष विद् पार्मिंदर सिंह

प्रियंका वाड्रा को राज्यसभा में क्यों लाना चाहते हैं कांग्रेस के ‘वफादार’?

कांग्रेस के कुछ नेता यह भी याद कर रहे हैं कि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद कैसे इंदिरा गांधी ने राज्यसभा के जरिए संसद में प्रवेश किया था। लेकिन अगर प्रियंका राज्यसभा में जाने की राह चुनती हैं तो यह गांधी परिवार के वफादारों के लिए खुशी का एक कारण होगा। कांग्रेस इस बार अपने उम्मीदवारों को मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक से राज्यसभा भेज सकती है। इन राज्यों में कांग्रेस की या उसके गठबंधन वाली सरकार है। पश्चिम बंगाल और बिहार से पांच- पांच और गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से चार-चार सीटें रिक्त होंगी। कांग्रेस राजस्थान से खाली हो रही राज्यसभा की तीन में से दो सीटें रख सकती है, जबकि मध्य प्रदेश से तीन में से दो, छत्तीसगढ़ से दो, महाराष्ट्र और कर्नाटक से एक-एक सीट जीत सकती है। पार्टी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मेघालय और असम से सीटें गवाएगी। इससे एक ‘बड़ा फायदा’ यह होगा कि संसद में आने से प्रियंका के घर को लेकर आशंका समाप्त हो सकती है। हाल ही में एसपीजी सुरक्षा हटने और सिक्यॉरिटी के मापदंड के तहत आधिकारिक निवास के नियम कड़े होने से प्रियंका के परिवार का आधिकारिक निवास वापस लिए जाने की संभावना है।

  • अप्रैल में राज्यसभा की 51 सीटें हो रही हैं खाली
  • कांग्रेस अपने महासचिव प्रियंका गांधी को राज्यसभा भेजने की कर रही है तैयारी
  • अभी प्रियंका उत्तर प्रदेश में पार्टी का प्रभाव बढ़ाने के लिए कर रही हैं कोशिश
  • राज्यसभा जाने के लिए प्रियंका ने अभी नहीं भारी है हामी

नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट:

विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी में बड़ा हेरफेर होने की संभावना है। कई नए चेहरों को बड़ी कमान देते हुए उन्हें राज्यसभा में भेजा जा सकता है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को भी राज्यसभा भेजने पर विचार किया जा रहा है। उन्हें छत्तीसगढ़ से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। हालांकि इस साल राज्यसभा में विपक्ष की ताकत और कम होगी, क्योंकि इस साल 68 सीटें खाली हो रही हैं और इनको भरने के लिए होने वाले चुनावों में कांग्रेस को अपनी कुछ सीटों का नुकसान हो सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, कुछ राज्यों में कांग्रेस की क्षमता कम होने के कारण पार्टी उच्च सदन के लिए होने वाले चुनावों में शामिल अपनी करीब 19 में से नौ सीटें तक गवां सकती है। इस तरह की अटकलें हैं कि पार्टी प्रियंका गांधी वाड्रा, ज्योतिरादित्य सिंधिया और रणदीप सुरजेवाला जैसे बड़े नेताओं को राज्यसभा में लाने पर विचार कर रही है। कांग्रेस को अपने दम पर नौ सीटों को बरकरार रखने का भरोसा है और अपने सहयोगियों की मदद से एक या दो से अधिक सीटें जीत सकती है।

पार्टी उन राज्यों से सीटें हासिल कर सकती है, जहां वह सत्ता में है। कांग्रेस छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में सत्ता में है या सरकार में हिस्सेदार है। सूत्रों ने कहा कि अप्रैल, जून और नवंबर में 68 रिक्तियों को भरने के लिए चुनाव होने के बाद विपक्ष की ताकत में गिरावट आएगी, जिससे सत्तारूढ़ राजग धीरे-धीरे ऊपरी सदन में बहुमत की ओर बढ़ सकता है। राज्यसभा की 51 सीटें अप्रैल में खाली हो रही हैं, जून में पांच और जुलाई में एक और नवंबर में 11 सीटें रिक्त होंगी।

मोतीलाल वोरा, मधुसूदन मिस्त्री, कुमारी शैलजा, दिग्विजय सिंह, बी के हरिप्रसाद और एम वी राजीव गौड़ा कांग्रेस के उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, जिनका कार्यकाल अप्रैल और जून में समाप्त हो रहा है। उनमें से, वोरा, शैलजा और दिग्विजय सिंह को पार्टी द्वारा फिर से नामित किए जाने की संभावना है। इसके अलावा, कांग्रेस नेता राज बब्बर और पीएल पुनिया को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से फिर से नामित किए जाने की संभावना नहीं है। इन राज्यों में भाजपा की सरकार है और भगवा दल को बड़ा लाभ होगा। उत्तराखंड से राज्यसभा की एक सीट और उत्तर प्रदेश से 10 सीटें इस साल नवंबर में खाली हो रही हैं।

राज्यसभा में महाराष्ट्र से छह सीटें रिक्त हो रही रही हैं, जिनमें राकांपा प्रमुख शरद पवार की सीट भी शामिल हैं। इसके अलावा तमिलनाडु से भी छह सीटें खाली हो रही हैं, जबकि पश्चिम बंगाल और बिहार से पांच- पांच और गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से चार-चार सीटें रिक्त होंगी। कांग्रेस राजस्थान से खाली हो रही राज्यसभा की तीन में से दो सीटें रख सकती है, जबकि मध्य प्रदेश से तीन में से दो, छत्तीसगढ़ से दो, महाराष्ट्र और कर्नाटक से एक-एक सीट जीत सकती है। पार्टी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मेघालय और असम से सीटें गवाएगी।

बघेल और गहलोत ने राहुल गांधी के घर पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों पर विस्तृत चर्चा की, 2017 वाली गलती न हो इसलिए बनाई रणनीति

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज केसी वेणुगोपाल, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अशोक गहलोत के साथ बैठक की। पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों पर विस्तृत चर्चा की गई। 10 मार्च को घोषित होने वाले परिणामों के संबंध में रणनीति पर भी चर्चा की गई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 5 राज्यों में चुनाव और आगे के रास्ते पर विस्तृत चर्चा की गई। वर्तमान सरकार द्वारा संविधान और लोकतंत्र की चुनौतियां खतरे में हैं। कांग्रेस आज एकमात्र विपक्षी पार्टी है, लोगों को उम्मीदें हैं। यह देखना हमारा कर्तव्य है कि हम पार्टी में क्या योगदान दे सकते हैं। वहीं राजस्थान सरकार की कोयले की खदान जिसका MDO है अड़ानी समूह के नाम, इस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने खनन पर लगा रखी है रोक, इसको लेकर दोनों राज्यों के बीच चल रही है खींचतान, इसको लेकर राहुल गांधी की मौजूदगी में चर्चा होने की बात आ रही है सामने, छत्तीसगढ़ से सीएम बघेल और सीएम गहलोत ने इस सवाल का नहीं दिया जवाब।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली(ब्यूरो) :

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है और इस बीच कांग्रेस ने दिल्ली में अहम बैठक बुला ली है। राहुल गांधी के आवास पर पांच राज्यों में हुई वोटिंग को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई। राहुल गांधी के आवास पर हुई इस बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, यूपी महासचिव प्रियंका गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल शामिल थे। बैठक में पांच राज्यों में हुई वोटिंग और उत्तर प्रदेश में बचे 2 चरणों के चुनाव की तैयारी पर चर्चा की गई।

सूत्रों के मुताबिक बैठक में 10 मार्च को होने वाली मतगणना को लेकर भी रणनीति बनाई गई। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को निर्देश दिया गया है कि वो चुनावी प्रदेश के महासचिव और प्रभारी के साथ मंत्रणा कर मतगणना की पूरी तैयारी कर लें। प्रदेश के कार्यकर्ताओं को कहा गया है कि वो काउंटिंग सेंटर पर बराबर नजर बनाए रखें। वहीं अलग-अलग राज्यों के वरिष्ठ नेताओं को भी चुनावी राज्य में निरीक्षण के लिए लगाया जाएगा। 

सीएम गहलोत प्रेस वार्ता में कहा कि 5 राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर भी गंभीर चर्चा की है। इसे योजनाबद्ध तरीके से अमलीजामा पहनाने की कोशिश पार्टी कर रही है। चर्चा इस पर भी की गई कि चुनाव बाद की परिस्थितियों से कैसे डील करना है। सीएम ने कहा कि शहरी रोजगार गारंटी योजना को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति तय करेगी।  छत्तीसगढ़ की गोधन योजना को लेकर पार्टी गंभीर है हाल में बजट में सीएम ने विभिन्न योजनाओं खासकर पुरानी पेंशन योजना की बहाली की बात कही है। उसको कांग्रेस शासित अन्य प्रदेशों में लागू कराने को लेकर भी इस हाइप्रोफाइल मीटिंग में मंथन हुआ।

सीएम गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश का संविधान खतरे में है। सरकार में फासीस्ट लोग है। देश ऐसे माहौल में जी रहा है। मीडिया दबाव में है। देश की जनता देख रही है। पुरानी पेंशन बहाली पर सीएम गहलोत ने कहा कि मानवीय दृष्टिकोण से फैसला लिया गया है।  बुढ़ापे में सरकारी कर्मचारी सुरक्षित रहे। सरकारी कर्मचारियों की भविष्य की चिंता नहीं रहे। इसलिए पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है। सीएम ने कहा कि यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी सुरक्षित महसूस नहीं करेगा तो वह सरकार में अपना योगदान कैसे करेगा? मानवाधिकार आयोग ने भी टिप्पणी की है कि सरकार को अपने निर्णय पर विचार करना चाहिये। ज्यूडिशरी के पे कमीशन इसे नहीं मान रहे, डिफेंस वाले इससे पहले ही अलग किए जा चुके हैं। मानवाधिकार आयोग खुद ये कह रहा है ऐसी स्थिति में लोग दो वर्ग में बंट गए हैं। इन सबको देखते हुए हमारी सरकार ने सोच समझ कर निर्णय लिया है।

सीएम गहलोत ने प्रेस वार्ता में मोदी सरकार की नीति और नीयत को कटघरे में खड़ा किया। मोदी सरकार को फासीवादी करार दिया। सीएम ने कहा कि भाजपा को लोकतंत्र में यकीन नहीं है। संविधान में यकीन नहीं है। जिसके कारण देश के संविधान और लोकतंत्र को खतरा है। सीएम गहलोत ने दावा किया कि साहित्यकार, पत्रकार, लेखक सब दुखी हैं और मीडिया पर भी दबाव है।