सूत्रों की मानें तो यह आरोप ओर इस्तीफा मात्र चुनावी स्टंट है।
कांग्रेस द्वारा एनएसयूआई के मुखिया से इस्तीफा लेकर बीजेपी को आइना दिखाने की कोशिश की है. आने वाले पांच राज्यों के चुनाव में यह मुद्दा कांग्रेस के खिलाफ जा सकता है. इसलिए पार्टी ने सोच-समझकर यह कदम उठाया है
पूरे देश में #MeToo का असर साफ दिखाई दे रहा है. केंद्रीय राज्य मंत्री एमजे अकबर को हटाने के लिए प्रधानमंत्री पर दबाव है. कांग्रेस भी मोदी सरकार पर दबाव बना रही है. कांग्रेस ने अपने घर को दुरूस्त करने के लिए एनएसयूआई के मुखिया फिरोज खान को पद से हटा दिया है. माना जा रहा है कि राहुल गांधी से इशारा मिलने के बाद इस तरह की कार्रवाई की गई है.
क्या था आरोप?
एनएसयूआई के मुखिया फिरोज खान के खिलाफ छत्तीसगढ़ की कार्यकर्ता ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. पीड़िता ने बीते जून में इसकी शिकायत की थी. बाद में पीड़िता ने राहुल गांधी से मिलकर अपनी बात कही थी. पीड़िता ने फिरोज खान पर अपनी बहन और कुछ और महिलाओं के उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
फिरोज खान पर लगे आरोपों की जांच कांग्रेस की तरफ से की जा रही थी. इस बीच यह मामला थाने में पहुंच गया है. संसद मार्ग थाने में पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि फिरोज खान खुद को बेगुनाह बता रहे हैं. फिरोज का कहना है कि पार्टी हित में उन्होंने इस्तीफा दिया है. फिरोज खान की तरफ से कहा जा रहा है कि अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ते रहेंगे.
कांग्रेस की जांच
यह मामला सामने आने के बाद राहुल गांधी की तरफ से जांच कमेटी गठित की गई थी. पूरे मामले की जांच महिला कांग्रेस की मुखिया सुष्मिता देब कर रही थीं. इस कमेटी में दीपेंद्र हुड्डा और रागिनी नायक सदस्य हैं. बताया जा रहा है कि पिछले हफ्ते यह रिपोर्ट राहुल गांधी को सौंप दी गई थी. जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है. इस रिपोर्ट में भी फिरोज खान को क्लीन चिट नहीं दी गई है. माना जा रहा है कि पीड़िता अपने आरोप पर कायम है. यह कथित उत्पीड़न का मामला बेंगलुरु के होटल का बताया जा रहा है. उस समय वहां एनएसयूआई का कोई कार्यक्रम चल रहा था.
महिला कार्यकर्ता के शोषण के आरोपों में घिरे फिरोज खान ने एनएसयूआई के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया है जिसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वीकर कर लिया
कांग्रेस पर सवाल
कांग्रेस इस पूरे मामले को लेकर सवालों के घेरे में थी. #MeToo को लेकर राहुल गांधी ने काफी तीखा बयान दिया है. इस अभियान का समर्थन किया है. जिसके बाद यह सवाल उठ रहा था कि कांग्रेस इन शिकायतों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? कांग्रेस के लिए जवाब देना मुश्किल हो रहा था. पार्टी ने मौके की नजाकत को समझा और यह एक्शन लिया है. कांग्रेस में यह पहला वाकया नहीं है जियमें यौन उत्पीड़न का आरोप लग रहा है. कांग्रेस के वॉर रूम में सोशल मीडिया हेड पर भी उत्पीड़न का आरोप लगा है. जिसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है. पीड़िता सोशल मीडिया टीम में काम कर रही थी.
वॉर रूम की घटना
कांग्रेस के वॉर रूम में भी इस तरह की घटना सामने आई है. जिसमें एक लड़की ने सोशल मीडिया हेड चिराग पटनायक पर यौन दुर्रव्यवहार का आरोप लगाया है. इस मामले में पीड़िता का आरोप था कि मार्च से मई के बीच उसको बेवजह परेशान किया गया था. जिसकी पुलिस में शिकायत जुलाई में दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने इस पूरे मामले में कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है.
हालांकि कांग्रेस ने रूचिरा चतुर्वेदी की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया है. जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है. इस कमेटी को लेकर पीड़िता से संपर्क किया गया तो उसने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
इस कमेटी को लेकर सवाल जरूर खड़ा किया जा रहा है. रूचिरा चतुर्वेदी सोशल मीडिया टीम की सर्वेसर्वा दिव्या स्पंदना के अधीन काम करती हैं. ऐसे में न्यूट्रल रिपोर्ट की उम्मीद बेमानी है. हालांकि इस टीम में एक बाहरी सदस्य हैं. लेकिन इस टीम की जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है. जिससे पूरी जांच सवालों के घेरे में है. जबकि पुलिस की तरफ से जांच पूरी कर ली गई है. चिराग पटनायक के खिलाफ जिस एक्शन की दरकार थी वो नहीं हुई है.
भारत में #MeToo कैंपेन के जोर पकड़ने के बाद से कई महिलाओं ने सामने आकर पूर्व में अपने साथ हुए उत्पीड़न की घटनाएं बयां की है
कांग्रेस का बीजेपी पर हमला
कांग्रेस की तरफ से बीजेपी पर हमला तेज हो गया है. बीजेपी बैकफुट पर है. एमजे अकबर को ना हटाना सरकार के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है. सरकार पर चारों तरफ से हमला हो रहा है. जिस तरह से प्रिया रमानी पर अपराधिक मानहानि का मुकदमा किया गया है. उससे यह आरोप लगाया जा रहा है कि पीड़िता प्रिया रमानी की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है.
कांग्रेस ने एनएसयूआई के मुखिया से इस्तीफा लेकर बीजेपी को आइना दिखाने की कोशिश की है. कांग्रेस ने मोरल हाई ग्राउंड लेने के लिए फिरोज खान का इस्तीफा लिया है. आने वाले 5 राज्यों के चुनाव में यह मुद्दा कांग्रेस के खिलाफ जा सकता है. इसलिए पार्टी ने गनीमत समझी है. दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के चुनाव में यह मुद्दा उठाया गया था. जिसका असर भी हुआ और एबीवीपी को चुनाव में कामयाबी मिल गई.
बीजेपी पर दबाव
कांग्रेस के इस कदम से बीजेपी पर दबाव बढ़ गया है.बीजेपी ने एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं के सामने आने के बाद भी विदेश राज्य मंत्री पर कोई कार्यवाई नहीं की है.एम जे अकबर सरकार में मंत्री बने हुए हैं.जबकि पहले ऐसा लग रहा था कि पार्टी एम जे का बचाव नहीं करेगी,लेकिन बीजेपी ने बाद में मन बदल लिया है.कांग्रेस ज़ोर शोर से इस मुद्दे को उठा रही है.बीजेपी पर महिला सशक्तीकरण को लेकर सवाल उठ रहा है.
#MeToo में कई नाम
#MeToo अभियान से कई सफेदपोशों की कलई खुल रही है. अब तक कई लोग शर्मसार हो चुके हैं. मीडिया जगत के कई लोगों को अपने पद से हटना पड़ा है. नाना पाटेकर, आलोक नाथ जैसे अभिनेताओं की ‘डर्टी पिक्चर’ सबके सामने है. बॉलीवुड की कई अनकही कहानी लोगों की जुबान पर है. साजिद खान जैसे कई नाम लोगों के भी नाम सामने आए हैं.
जाने-माने लेखक चेतन भगत भी इसकी चपेट में आ गए हैं. राजनीति भी इससे अछूती नहीं है अभी कुछ महिलाएं हिम्मत करके सामने आई हैं. यह #MeToo का असर है आगे कई प्रभावशाली लोगों की करतूत सामने आ सकती है.