Exit Poll 2018: Telangana
Telangana Rashtra Samithi led by K Chandrashekhar Rao is expected to get a clear majority as exit polls predict the party’s win, with the Congress-led Prajakutami trailing behind.
Telangana Rashtra Samithi led by K Chandrashekhar Rao is expected to get a clear majority as exit polls predict the party’s win, with the Congress-led Prajakutami trailing behind.
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में टाइम्स नाउ के मुताबिक बीजेपी को 46 तो कांग्रेस को 35 सीटों मिलती हुई दिखाई गई हैं. रिपब्लिक टीवी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बीजेपी 40-48 सीटें और कांग्रेस को 37-43 सीटें मिल सकती हैं. इंडिया टुडे-एक्सिस के छत्तीसगढ़ के एग्जिट पोल में बीजेपी को 21-31 सीटें और कांग्रेस को 55-65 सीटें मिलती हुईं दिखाई गई हैं. न्यूज एक्स-नेटा के मुताबिक बीजेपी को 43 और कांग्रेस को 40 सीटें मिलने का अनुमान हैं. वहीं एबीपी के जरिए बीजेपी को 52 और कांग्रेस को 35 सीटें मिलने की बात कही गई है. ऐसे में पांच एजेसियों के एक्जिट पोल के मुताबिक छत्तीसगढ़ में चार बीजेपी की सरकार बनने की तरफ इशारा कर रहे हैं तो एक कांग्रेस की सरकार बनने का संकेत दे रही है.
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म हो चुके हैं. 7 दिसंबर को 200 विधानसभा सीटों वाले राजस्थान में 199 सीटों के लिए वोट डाले गए. जिसके बाद एग्जिट पोल भी सामने आ चुके हैं. हालांकि एग्जिट पोल वसुंधरा राजे सरकार की वापसी का संकेत नहीं कर रहे हैं बल्कि एग्जिट पोल में इस बार राजस्थान में कांग्रेस अपनी सरकार बनाते हुए दिखाई दे रही है.
एग्जिट पोल पर अगर नजर दौड़ाई जाए तो इस बार कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने की ओर इशारा किया गया है. इंडिया टुडे के मुताबिक राजस्थान में बीजेपी को 57 से 72 सीटें मिल सकती है तो वहीं कांग्रेस को 119 से 141 सीटें मिल सकती है. वहीं न्यूजएक्स के मुताबिक राजस्थान में बीजेपी 80 सीटों पर ही सिमट सकती है तो दूसरी तरफ कांग्रेस 112 सीटों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आ सकती है.
इसके अलावा टाइम्स नाउ-सीएनएक्स के एग्जिट पोल में राजस्थान में बीजेपी को 85 सीटें जीतते हुए ही दिखाया गया है तो वहीं कांग्रेस के 105 सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया है. ऐसे में तीनों एग्जिट पोल में ही राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने की बात कही गई है और दूसरी तरफ राज्य में बीजेपी का सूपड़ा साफ होता दिखाई दे रही है.
ऐसे में अगर एग्जिट पोल का अनुमान सही साबित होता है तो पांच साल बाद एक बार फिर राज्य में कांग्रेस की वापसी हो सकती है. वहीं बीजेपी के हाथ से सत्ता फिसल सकती है. राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम 11 नवंबर को सामने आएंगे.
हाल ही में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था. जिसके एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ चुके हैं. छत्तीसगढ़ में फिलहाल बीजेपी की सरकार है और एग्जिट पोल की मानें तो एक बार फिर से वहां बीजेपी अपनी सरकार बना सकती है.
विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में 12 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था. 90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के लिए 46 सीटों की दरकार है. ऐसे में एग्जिट पोल फिर से बीजेपी सरकार बनने की ओर इशारा कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में टाइम्स नाउ के मुताबिक बीजेपी को 46 तो कांग्रेस को 35 सीटों मिलती हुई दिखाई गई हैं. वहीं रिपब्लिक टीवी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बीजेपी 40-48 सीटें और कांग्रेस को 37-43 सीटें मिल सकती हैं.
हालांकि इंडिया टुडे-एक्सिस के छत्तीसगढ़ के एग्जिट पोल में बीजेपी को 21-31 सीटें और कांग्रेस को 55-65 सीटें मिलती हुईं दिखाई गई हैं. न्यूज एक्स-नेटा के मुताबिक राज्य में बीजेपी को 43 और कांग्रेस को 40 सीटें मिलने का अनुमान हैं. वहीं एबीपी के जरिए बीजेपी को 52 और कांग्रेस को 35 सीटें मिलने की बात कही गई है. ऐसे में पांच एजेसियों के एक्जिट पोल के मुताबिक छत्तीसगढ़ में चार बीजेपी की सरकार बनने की तरफ इशारा कर रहे हैं तो एक कांग्रेस की सरकार बनने का संकेत दे रही है. हालांकि बहुमत में बीजेपी की सरकार बनने के एग्जिट पोल ज्यादा हैं.
साल 2003 से छत्तीसगढ़ की सत्ता बीजेपी के हाथ में है और इस बार फिर मुख्यमंत्री रमन सिंह की सरकार बनने के संकेत मिल रहे हैं. वहीं राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 11 दिसंबर को सामने आएंगे.
भोपाल।
मध्यप्रदेश के चुनावी एग्जिट पोल में अलग-अलग अनुमान सामने आए हैं। आज तक के सर्वे में कांग्रेस और भाजपा की कड़ी टक्कर बताई गई है। वहीं सीएसडीएस-लोकनीति के सर्वे में कांग्रेस को बढ़त होना बताया गया है।
आज तक के सर्वे में मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर का अनुमान बताया है। एमपी में कांग्रेस 104-122 सीटें, बीजेपी को 102 से 120 सीटें और अन्य को 4-11 सीटें मिलने का अनुमान बताया गया है। मध्य प्रदेश में भाजपा को 40 फीसदी वोट, कांग्रेस को 41 फीसदी वोट मिलने का अनुमान बताया है।
एबीपी, लोकनीति और सीएसडीस के एग्जिट पोल में मध्यप्रदेश के चम्बल संभाग में 34 सीटों में से भाजपा को 10 सीटें, कांग्रेस को 21 सीटें और अन्य को तीन सीटें मिलेगी। विंध्य की 56 सीटों पर भाजपा को 20 सीटें, कांग्रेस को 33 सीटें और अन्य को 3 सीटें मिलेगी। महाकौशल की 49 सीटों पर भाजपा को 21 सीटें, कांग्रेस को 26 सीटें और अन्य को 2 सीटें मिलेगी। एमपी में 230 कुल सीटों में से भाजपा को 94 सीटें, कांग्रेस को 126 सीटें और अन्य को दस सीटें मिलने का अनुमान जताया है। इस सर्वे के अनुसार भाजपा को 40 प्रतिशत वोट, कांग्रेस को 43 प्रतिशत वोट और अन्य को 17 प्रतिशत वोट देने का अनुमान जताया है।
New Delhi:
India will import crude oil from Iran using a rupee-based payment mechanism, an industry source told media persons on Thursday, adding that 50 percent of those payments will be used for exporting items to Tehran.
The United States last month re-imposed sanctions on Iran’s oil exports to punish Tehran for its involvement in several Middle Eastern conflicts.
Accordingly, India has signed an agreement with Iran to pay for crude oil it imports from the Persian Gulf nation in rupees, sources in know of the development said.
The memorandum of understanding (MoU) was signed following the US letting India and seven other nations to keep buying Iranian oil despite sanctions were reimposed on the Islamic state on 5 November.
Sources said Indian refiners will make rupee payments in a UCO Bank account of the National Iranian Oil Co (NIOC).
Half of these funds would be earmarked for settling payments for exports of Indian goods to Iran, they said.
Under the 180-day exemption, India is allowed to import a maximum of 300,000 barrels a day of crude oil. This compares to an average daily import of about 560,000 barrels this year.
India, which is the second biggest purchaser of Iranian oil after China, has since then restricted its monthly purchase to 1.25 million tonne or 15 million tonne in a year (300,000 barrels per day), down from 22.6 million tonne (452,000 barrels per day) bought in 2017-18 financial year, sources said.
Two of its refiners — Indian Oil Corp (IOC) and Mangalore Refinery and Petrochemicals Ltd (MRPL) — bought 1.25 million tonne of oil from Iran in November and December.
US President Donald Trump in May withdrew from the 2015 nuclear accord with Iran, re-imposing economic sanctions on the Persian Gulf nation. Some sanctions took effect from 6 August, while those affecting the oil and banking sectors will start from 5 November.
Prior to this, India paid its third largest oil supplier in euros using European banking channels. These channels got blocked from November.
During the first round of sanctions when EU joined the US in imposing financial restrictions, India initially used a Turkish bank to pay Iran for the oil it bought. Beginning February 2013, India paid 45 percent of the oil import bill in rupees while keeping the remainder pending till the opening of payment routes. It began clearing the dues in 2015 when the restrictions were eased.
Sources said New Delhi may export goods, including wheat, soybean meal and consumer products, to Iran during the exemption period.
Iran was the India’s second biggest supplier of crude oil after Saudi Arabia till 2010-11 but Western sanctions over the Persian Gulf nation’s suspected nuclear programme relegated it to the seventh spot in the subsequent years. In 2013-14 and 2014-15, India bought 11 million tonne and 10.95 million tonne crude, respectively from Iran.
Sourcing from Iran increased to 12.7 million tonne in 2015-16, giving it the sixth spot. In the following year, the Iranian supplies jumped to 27.2 million tonne to catapult it to the third spot.
Iranian oil is a lucrative buy for refiners as the Persian Gulf nation provides 60 days of credit for purchases, terms not available from suppliers of substitute crude — Saudi Arabia, Kuwait, Iraq, Nigeria and the US.
Besides blocking of banking channels from November, shipping firms are unwilling to transport Iranian oil. To get around this, Iran is using its own ships to transport crude to India. Its insurance companies are also providing insurance cover for such shipments, sources added.
The BJP is considering fielding Bollywood actor Madhuri Dixit-Nene from the Pune Lok Sabha constituency in the 2019 general elections, the party sources said.
In June this year, BJP chief Amit Shah had met the actor at her residence in Mumbai during his party’s ‘Sampark for Samarthan’ (Contact for Support) programme and briefed her on the achievements of the Narendra Modi government.
A senior state BJP leader today told PTI that the actress name has been shortlisted for the Pune Lok Sabha seat.
“The party is seriously considering giving candidature to Madhuri Dixit in the 2019 general elections. We think the Pune Lok Sabha constituency will be better for her,” he said.
“The party is in the process of finalising the list of probables for several Lok Sabha seats and Dixit’s name has been shortlisted for the Pune Lok Sabha constituency…she is being seriously considered for it,” the leader said.
The 51-year-old actor has featured in many Bollywood films, including Hum Aapke Hain Koun..!, Dil To Pagal Hai, Saajan and Devdas.
In the 2014 Lok Sabha elections, the BJP had snatched the Pune Lok Sabha seat from the Congress, with Anil Shirole winning by a margin of over three lakh votes.
On the plans to field the actor, a senior BJP functionary said, “Such tactics were implemented by Narendra Modi in Gujarat when he became the chief minister for the first time. He changed all the candidates in local bodies election and the party reaped benefits of that decision.”
“As fresh faces were introduced, there was nothing to criticise them with. It left the opposition shocked and the BJP won maximum seats and retained power,” he said.
According to the leader, a similar experiment was also successfully carried out in Delhi local bodies polls in 2017, where all the sitting Councillors were denied tickets. The BJP won the seats and retained the control, he said.
The Bharatiya Janata Party on Thursday accused the Congress of defending British national Christian Michel in a CBI court in the Rs. 3,600-crore AgustaWestland VVIP chopper deal case and described removal of his counsel Aljo K. Joseph from the party as “drama”.
“Besides Joseph, there are two other lawyers of Christian Michel. They are Vishnu Shankar who is the son of a Kerala Congress leader and Sriram Parakkat who has been an NSUI member. All three have worked under big Congress lawyers like Salman Khurshid and Kapil Sibal,” Bharatiya Janata Party (BJP) Spokesperson Sambit Patra told a press conference.
He said the Congress is completely “rattled” after the extradition of Michel and have sent their team to defend Michel in the court.
“The extended hand of Congress is protecting Michel. This is not a self goal but a calculated move by the Congress to protect Michel,” he said.
The BJP leader said the Congress’ move was a signal to the probe agencies that the party stands “rock solid” behind Christian Michel.
Calling the removal of Joseph from the party as a “drama”, Mr. Patra claimed the top Congress leaders were having sleepless nights after Michel was extradited from Dubai.
“The Congress went to the shroud of removing Joseph from the party. This is the real face of the Congress. While there is a family within the Congress which is having sleepless nights, the same family has appointed its own pointsman to defend Michel,” he said.
He said the Congress has done such “drama” in the past by removing Mani Shankar Aiyer and Sandeep Dixit.
The Congress expelled Joseph on Wednesday after a controversy erupted over his representation in the AgustaWestland chopper deal case.
“Later they were promoted to senior posts in the party. Sibal appeared in the Ram temple case and withdrew from it after a controversy. In Kerala lottery case, Abhishek Manu Singhvi earlier appeared and later withdrew himself. But in the case of Joseph, they did not ask him to withdraw from the case. Instead, they removed him from the party which is nothing less than a drama,” he said.
Sandeep Dikshit, however said that Patra’s claim was a blatant lie.
“No such thing happened. I give him 24 hours to apologise or else I will send a legal notice,” he said.
Mallya must be aware of developments in the extradition proceedings of Michel and his landing in Delhi, as also the scenario of him being put through the rigour of custodial interrogation and possibly an extended term in jail. He had possible also heard of Prime Minister Narendra Modi’s statement at a public rally asserting that “those who ran away thought they would be saved, but they should know that this is Modi. Whoever has looted my country, I will bring them back one by one”.
Mallya’s current offer to pay the principal and forgo the interest — an offer he claims he has been making since 2016 — will obviously not be acceptable to the government, agencies and the banks concerned. What he did not mention in his tweet is the fact that the Westminster court is expected to deliver its verdict on December 10.
The possibility of the court ruling for his extradition must be frightening to him but even then given to a high-society lifestyle, flamboyance and entitlement, he is seeking special treatment for himself:
Hours before campaigning came to a halt for the Rajasthan Assembly polls, Modi spoke at a public rally in Pali about the “helicopter kaand“, VVIP helicopters, Michel’s extradition and “Madam Sonia Gandhi’s letter”. Pointing out that his government brought back to India ‘the man who had all the secrets’, the prime minister continued to refer to Michel as ‘Rajdar’. He took thinly-veiled shots at the Gandhi family and made references to the bribes paid to political leaders as kachhi (payments without receipts).It will take months or even years for the courts to come to a conclusion on the case, but Modi was quick to take it to the people’s court, claiming credit and seeking an instant verdict.
It would be unrealistic to assume that the issue and Modi’s oratory thrust could swing the electoral outcome of the Rajasthan Assembly election but the move and the way this has been executed — the foreign middleman brought to India — will go in Modi’s personal credit kitty. Michel’s extradition will help the prime minister to strengthen his image as a tough administrator who will not spare the high and mighty while taking on the corrupt and corruption. During the course of travel to Rajasthan for the coverage of these elections, this writer met several people who believed that Modi was “sincerely working to uproot corruption and make the corrupt” face the tough side of the law.
His central message was that he feared no one because people had mandated him to take on the corrupt and corruption of all hues and in all places. P Chidambaram, the most prominent minister of the UPA-1 and UPA-2 was also mentioned by Modi, who claimed that the senior Congress leader would soon be lodged in a jail.
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी डील में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को 5 दिनों की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है. मिशेल को बुधवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. पटियाला हाउस के कोर्ट न. 6 की विशेष सीबीआई अदालत ने सीबीआई की आपील पर क्रिश्चियन मिशेल को पांच दिनों की रिमांड पर भेजा है. बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी से पहले बीती रात से ही क्रिश्चियन मिशेल से सीबीआई मुख्यालय में लंबी पूछताछ चल रही थी.
मिशेल बीती रात को ही दुबई से दिल्ली लाया गया था. जानकारों का मानना है कि मिशेल को भारत लाना सीबीआई के लिए बड़ी कामयाबी है. भारत आने से पहले दुबई अथॉरिटी के समक्ष क्रिश्चियन मिशेल ने बताया था, ‘मैं जांच में दिए गए अपने पिछले बयान पर जोर देता हूं और कंफर्म है कि मेरे ऊपर लगे आरोपों के पीछे कारण है कि मैंने इस डील में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के साथ काम किया था. अब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने मुझे पिछली सरकार पर प्रेशर डालने के लिए इस केस में घसीट रही है. इस डील में कोई भी फ्रॉड नहीं हुआ था और न ही मैंने रिश्वत ली थी. मैं कंपनी की भारत स्थित ब्रांच में काम नहीं कर रहा था. मैं कंपनी की यूके स्थित ब्रांच में काम कर रहा था. विशेष रूप से उस समय जब ऊंचाई में बदलाव कर 6000 मीटर से 4000 मीटर किया गया.’
मिशेल ने कहा ‘मैंने यह भी उल्लेख किया था कि मेरे खिलाफ पहले भी केस भारत सरकार के द्वारा दर्ज कराया गया था और इटैलियन जज के निधन के बाद आरोप इतालवी अधिकारियों द्वारा लगाया गया था.’
बता दें कि 8 फरवरी, 2010 को रक्षा मंत्रालय ने अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ इस समझौते की मंजूरी दी थी. इसका ठेका 55.62 करोड़ यूरो में दिया गया था. मिशेल के अलावा इस मामले में कई भारतीय अधिकारी भी आरोपी हैं. इनमें तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके परिवारिक सदस्य प्रमुख हैं.
इस सौदे के तीन बिचौलिए में से एक मिशेल पर आरोप है कि षड्यंत्र के तहत उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की उड़ान भरने की ऊंचाई की सीमा को 6,000 मीटर से घटाकर 4,500 करवा दिया था.
इस साल की शुरुआत में ही सीबीआई ने 3 हजार 767 करोड़ रुपए के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील मामले में वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस.पी. त्यागी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. तीनों इस समय जमानत पर बाहर हैं. ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि सीबीआई एक बार फिर से वायु सेना के पूर्व प्रमुख एस.पी. त्यागी सहित तीनों लोगों को दोबारा से पूछताछ करेगी. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि सीबीआई बहुत जल्द ही एस.पी. त्यागी और मिशेल से आमने सामने बैठा कर पूछताछ करने वाली है.
बता दें कि इसी साल सितंबर महीने में इस सौदे से जुड़े तीन यूरोपीय बिचौलियों में से एक कार्लोस गेरोसा को भी इंटरपोल ने इटली से गिरफ्तार किया था. यह गिरफ्तारी भारतीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर हुई थी. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि गेरोसा के प्रत्यर्पण को लेकर भी भारत के कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए हैं. ऐसा माना जा रहा है बहुत जल्द ही गेरोसा का भी प्रत्यार्पण हो जाएगा.
इसी साल जनवरी महीने में देश के इतिहास में पहली बार कोई पूर्व वायुसेना प्रमुख को गिरफ्तार किया गया था. अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले के मामले में इटली के मिलान शहर की अदालत ने कंपनी के दो अधिकारियों को घूस देने का दोषी पाया था. इटली की अदालत के फैसले के बाद ही भारत में सीबीआई ने यूपीए सरकार के समय केस दर्ज कर इस केस की जांच शुरू की थी.
इटली की अदालत में सबूतों के आधार पर यह साबित हुआ था कि भारत को बेचे गए 12 अगस्ता हेलिकॉप्टर सौदे में 7 करोड़ यूरो की राशि (लगभग 3 हजार 767 करोड़) घूस दी गई है. ब्रिटेन की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 3 हजार 767 करोड़ रुपए की लागत से खरीदे गए 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर रिश्वतकांड में भारतीय जांच एजेंसियों को बड़ी कामयाबी हाथ लगी थी.
दिलचस्प बात यह है कि इटली में रिश्वत देनेवाले को तो सजा मिल गई. लेकिन भारत में रिश्वत लेने वालों की पहचान करने में सीबीआई को इतने साल तक खाक छाननी पड़ रही है. सीबीआई पिछले कई सालों से इस केस की जांच कर रही है.
इस हेलिकॉप्टर घोटाले के तार वाजपेयी सरकार से लेकर मनमोहन सरकार तक जुड़े हैं. सौदे को अंतिम रूप मनमोहन सरकार के दौरान दिया गया था. जबकि इसकी शुरुआत अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय ही हो गई थी.
इटली की अदालत से सीबीआई को डेढ़ लाख पेज के दस्तावेज मिले हैं. इन कागजातों से साफ होता है कि इस घोटाले के तहत भारत में नेताओं, सेना और रक्षा मंत्रालय के अफसरों और पूर्व वायुसेना प्रमुख एस.पी. त्यागी के परिवारवालों को घूस दी गई थी. सीबीआई को एक डायरी भी हाथ लगी है, जिसमें अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी की ओर से दी गई रिश्वत का पूरा ब्योरा है. डायरी में कथित तौर से कांग्रेस के कुछ नेताओं के नाम लिखे गए हैं.
सीबीआई को जो दस्तावेज मिले हैं उसमें पैसों का लेन-देन कोर्ड वर्ड के जरिए होने की बात सामने आई है. सौदे में शामिल विदेशी दलालों से मिले कागजात में एम, एफएएम, पीओएल और बीयूआर कोड वर्ड लिखे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए ये बात आती रही है कि सीबीआई इन कोड वर्ड्स को अहमद पटेल, त्यागी परिवार, दूसरे राजनेताओं और नौकरशाहों की तरफ इशारा मान रही है.
इस मुद्दे पर अहमद पटेल ने कुछ महीने पहले बयान भी दिया था कि यदि उनके खिलाफ कोई आरोप साबित हो जाए, तो वह राज्यसभा और सार्वजनिक जीवन छोड़ देंगे. सीबीआई की कार्यप्रणाली को करीब से जानने वाले कहते हैं कि इस डायरी का हाल भी जैन हवाला डायरी जैसा ही होने वाला है. सीबीआई में पब्लिक प्रोसिक्यूटर रह चुके वरिष्ठ वकील एमपी सिंह कहते हैं, ‘जैन हवाला डायरी मामला देश के लिए और सीबीआई के लिए एक नजीर है’.
वो आगे कहते हैं कि ‘हवाला मुकदमे में भी एक डायरी सामने आई थी. जिसमें लालकृष्ण आडवाणी, मदन लाल खुराना, शरद यादव और चौधरी देवीलाल के नाम शामिल थे. नतीजा यह हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी सभी नेताओं को हवाला मामले से बरी कर दिया.’
एमपी सिंह के मुताबिक सीबीआई के पास एक डायरी है. जिसमें वो सीधे-सीधे किसी का नाम और उसका पूरा पता लिखे होने की बात का जिक्र करते हैं. लेकिन अदालत में ये कैसे साबित किया जाएगा कि किसी आदमी को 25 लाख या 50 लाख रुपए दिए गए हैं. जब हमारे पास लेन-देन की डिटेल नहीं हैं. जबकि मिशेल साफ मना कर रहा है कि वह उसकी डयरी नहीं है. अगस्ता वेस्टलैंड केस की डायरी में तो कोर्ड वर्ड में नाम लिखे हैं. जबकि जैन हवाला डायरी में तो पूरा नाम और रकम लिखी हुई थी. डायरी में नाम या रकम लिखते समय उस आदमी की मानसिक स्थिति क्या थी? कोर्ट इस पहलू पर भी ध्यान देती है.’
भारत की दो एजेंसियां ईडी और सीबीआई मिल कर अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे की जांच कर रही हैं. मिशेल की गिरफ्तारी से उस राज से पर्दा उठेगा जो पिछले कई सालों से राजनेताओं और अफसरशाही के गठजोड़ में दफन है. अगस्ता वेस्टलैंड मामले में तीन भगौड़े बिचौलियों में से एक कार्लोस गेरोसा भी अब भारत सरकार के निशाने पर है.
दूसरी तरफ मिशेल की गिरफ्तारी को मोदी सरकार पूरी तरह से भुनाने में लग गई है. इस चुनावी माहौल में मिशेल के मामले ने अब सियासी रंग लेना शुरू कर दिया है. सत्ता पक्ष के नेताओं का साफ कहना है कि मिशेल की गिरफ्तारी से गांधी परिवार का चेहरा और बेनकाब हो सकता है. देश के प्रधानमंत्री तक ने इसे बड़ी कामयाबी मानते हुए कहा है कि अब सभी राज से पर्दा उठेगा वहीं दूसरी तरफ कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि मिशेल के बहाने सीबीआई उनके बड़े नेताओं को फंसाने का काम करेगी
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