राजस्थान की 18 सीटों के चुनाव परिणाम और पल पल के नतीजे

टोक से सचिन पायलट जीते 41000 से

राजगढ से कृष्णा पूनिया चुनाव जीती

ये है 18 सीटों का परिणाम-

1. सांचोर से कांग्रेस के सुखाराम विशनोई जीते.

2. मांडल से रामलाल जाट कांग्रेस उम्मीदवार जीते.

3. डग से बीजेपी प्रत्याशी कालूलाल मेघवाल जीते.

4. जालोर से बीजेपी के जोगेश्वर गर्ग जीते.

5. आहोर से बीजेपी के छगन सिंह राजपुरोहित जीते.

6. भीनमाल से बीजेपी के पूराराम चौधरी जीते.

7. रेवदर से बीजेपी के जगसीराम कोली जीते.

8. मसूदा से कांग्रेस के राकेश पारिक जीते.

9. मावली में बीजेपी के धर्मनाराणय जोशी 25000 मतों से जीते.

10. किशनगढ़ से निर्दलीय प्रत्याशी सुरेश टांक जीते, बीजेपी प्रत्याशी विकास चौधरी को हराया.

11. सिरोही से निर्दलीय प्रत्याशी संयम लोढ़ा जीते.

12. अजमेर दक्षिण से बीजेपी के वासुदेव देवनानी जीते.

13. बाड़मेर डेगाना से कांग्रेस के मेवाराम जैन जीते.

14. पचपदरा से कांग्रेस के मदन प्रजापत जीते.

15. जयपुर के सिविल लाइंस से कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास 14,191 वोटों से जीते

16. भरतपपुर कामां से कांग्रेस की जाहिदा खान ने दर्ज की जीत

17. पिंडवाड़ा- आबू से बीजेपी के समाराम गरासिया जीते. करीब 27 हजार वोटो से जीत दर्ज की.

18. झालरापाटन से बीजेपी की उम्मीदवार और सीएम वसुन्धरा राजे जीतीं।

एससी/एसटी कानून में संशोधन का फैसला आत्मघाती था: सुरेन्द्र सिंह गहरवार


सुरेंद्र सिंह ने कहा, एससी/एसटी कानून में संशोधन का फैसला आत्मघाती था


भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेंद्र सिंह ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन का ठीकरा एससी/एसटी कानून में संशोधन पर फोड़ा है. बीजेपी के बैरिया क्षेत्र से विधायक सुरेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि बीजेपी सवर्णों का अपमान करके जीत का सफर तय नहीं कर सकती.

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार का एससी/एसटी कानून में संशोधन का फैसला आत्मघाती था. उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम अपेक्षा के अनुरूप ही हैं. जनता ने बीजेपी को आंशिक सबक दिया है. बीजेपी ने एससी, एसटी कानून पर अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सुधार नहीं किया तो लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ेगा.

उन्होंने कहा, ‘सवर्ण वर्ग बीजेपी का परंपरागत मतदाता है और जो अपनों को छोड़ कर पराए पर विश्वास करता है तो अपना भी चला जाता है और पराया भी.’

सुरेंद्र सिंह पहले भी अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहे हैं. इससे पहले उन्होंने बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत पर पुलिस को कटघरे में खड़ा किया था. उन्होंने कहा था, इंस्पेक्टर सहित एक कार्यकर्ता की हत्या पुलिस की लापरवाही से हुई है. अगर पुलिस गोहत्या करने वालों को समय से गिरफ्तार करती तो ऐसा नहीं होता.

मध्यप्रदेश नतीजे शिवराज उतारचढ़ाव के बीच सरकार बनाने के जुगाड़ में


खबर आ रही है कि बीजेपी घटते-बढ़ते आंकड़ों को देखकर जोड़-तोड़ करके सरकार बनाने की तैयारी में है


पांचों चुनावी राज्यों में मध्य प्रदेश ही ऐसा राज्य है, जहां से कोई भी साफ तस्वीर निकलकर नहीं आ रही. यहां कांग्रेस और बीजेपी आगे-पीछे हो रही हैं. अभी तक किसको बहुमत मिलेगा, ये साफ नहीं हो पा रहा है.

मध्य प्रदेश में बहुमत की सरकार के लिए 116 का नंबर चाहिए. रुझानों में अभी तक कांग्रेस को 111 सीटें मिली हैं और बीजेपी को 108 मिली हैं. वहीं अन्य 11 सीटें अन्य दलों के हिस्से में जा रही हैं. नतीजे आने तक ये आंकड़े बदलेंगे.

वहां के हालात देखकर लग रहा है कि वहां त्रिशंकु विधानसभा बनेगी. अगर दोनों पार्टियों में से किसी को भी बहुमत नहीं मिलेगा तो सत्ता की चाबी मायावती और निर्दलीय विधायकों के हाथ में होगी.

न्यूज18 के मुताबिक खबर आ रही है कि बीजेपी घटते-बढ़ते आंकड़ों को देखकर जोड़-तोड़ करके सरकार बनाने की तैयारी में है. खबर है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घर पर बीजेपी की अहम बैठक हो रही है. बीजेपी जरूर निर्दलीय विधायकों को अपने साथ लाने की कोशिश करेगी.

वहीं बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायवती के कदम पर भी सबकी नजर है. बीजेपी बीएसपी को अपनी तरफ मिलाने की कोशिश कर सकती है. लेकिन एबीपी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि बीएसपी एमपी में बीजेपी से हाथ नहीं मिलाएगी. खबर है कि मायावती ने राज्य में लड़ रहे अपने उम्मीदवारों को दिल्ली बुलाया है, ताकि उन्हें जोड़-तोड़ से बचाया जा सके.

मध्य प्रदेश में बीजेपी की पिछले 15 सालों से सरकार है. हालांकि इस बार जनता में बदलाव का माहौल बन गया था.

Five points to note, even before the last vote is counted for analysis

Madhya Pradesh, Chattisgarh and Rajasthan are three States where the Congress and the BJP are face to face.

Trends continue to fluctuate in Rajasthan and Madhya Pradesh, into the afternoon on the counting day, but one thing is clear — Amarinder Singh, the leader of the lean club of Congress chief ministers will have some new members joining. It is not yet clear, how many.

Madhya Pradesh, Chhattisgarh and Rajasthan are three States where the Congress and the BJP are face to face, like Gujarat. In Telangana and Mizoram,the Congress is up against regional parties.

There are five points to be noted even before the results are complete

First, the BJP’s strongholds are under challenge. Madhya Pradesh, Rajasthan and Chhattisgarh, surrounding the Gujarat laboratory, are critical to Hindutva politics. The BJP has been in power since 2013 in MP and Chhattisgarh. The party sought to overcome anti-incumbency and corruption charges in these States by a high dose of Hindutva, generously deploying Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath for campaigning. Perhaps that strategy worked to some extent and prevented a complete collapse of the party, though not enough to secure a comfortable win anywhere. What lesson will the BJP learn from this, for its 2019 campaign? A likely scenario will be that it will go for a mix of fresh populist government schemes and a sharp escalation of its Hindutva rhetoric. The mandir slogan is dusted and ready, for relaunch any time. We can’t be sure of its outcome.

Second point to be noted is the impact of the results on Mr. Modi’s individual standing. It can be argued that it was Mr. Modi’s personal appeal that prevented a complete rout of the BJP in Madhya Pradesh and Rajasthan. It is possible that when the 2019 election will be framed as a verdict on Mr. Modi and his politics, the scenario could be different from what we see today. But the news scenario of a weakened BJP at the state level in critical regions will force Modi to place himself at the centre of the campaign as he had done in 2014 too. The difference now is that he is no longer a challenger to the regime. He is the regime. He will double down on attempts to contrast himself with Rahul Gandhi. And that strategy as we know by now, can cut both ways. That strategy will require a progressive degeneration of his vocabulary and could turn off at least some sections of the electorate. Moreover, Mr. Modi has to now outsmart Mr. Yogi in the Hindutva game. A more detailed analysis of how the Modi factor worked in comparison with the Yogi factor in these core regions of Hindutva is likely to be done by the RSS. The internal dynamics of Hindutva politics will now play out less subtly in the coming months.

Thirdly, this election proves that there is limit to cleverness. In Chhattisgarh, the BJP talked up the Ajit Jogi-Mayawati alliance as a third force and its government tacitly supported it. At the end of the day, the new formation took down the BJP that finished third in Bilaspur and surrounding region. Far from harming the Congress, Mr. Jogi’s exit turned out to be boon for the Congress and his new party and the coalition contributed to the BJP’s downfall.

Fourth point is about Congress. This election puts the Congress party, and more specifically its president Rahul Gandhi, as the central character of opposition politics nationally. How the Congress will process its new status, how it will try to project that into other states where it is not the principal opponent of the BJP such as U.P and negotiate with regional partners are critical factors to track as India shifts gear to the campaign for the 17th general election next year.

Fifth point is how will the regional parties process the new status of the Congress as they are themselves wary of any improvement in the fortunes of India’s Grand Old Party. For their continuing prominence in their respective regions, they need the BJP as an enemy more than they need Congress as a friend. In 2004, this apparent contradiction was overcome by the genius and authority of Harkishan Singh Surjeet, then general secretary of the CPI (M). The CPI(M)’s own standing as a national party, without any claim for itself helped. In the absence of such a figure amongst them, can non-Congress parties forge an understanding that will bring them together around a Congress nucleus to form a national anti-BJP coalition? That question remains open today.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने साल 2019 में केंद्र में सत्ता परिवर्तन का दावा किया है।


 नवजीवन अखबार 1919 में महात्मा गांधी ने शुरु किया था।

राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी को हराएंगे और उसे उसकी जगह दिखाएंगे।


चुनाव में बीजेपी को हराना हमारा अंतिम लक्ष्य नहीं है। हमारा अंतिम लक्ष्य किसानों के संकट और रोजगार के संकट को हल करना है। ये शब्द राहुल गांधी ने आज मोहाली में कहे।

राहुल गांधी तीन राज्यों के चुनावों को लेकर आए एग्जिट पोल को लेकर खासे उत्साहित है। उनका कहना है कि चुनाव परिणाम से जो संदेश निकलेगा वह पूरे देश तक पहुंचेगा। वहीं, राहुल ने कहा है कि सदी कोई भी हो किसानों के बिना ये देश आगे नहीं बढ़ सकता है। राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री बोझ मानते हैं।

बीजेपी के विजन में किसान शामिल नहीं हैं। किसानों के बिना, यह देश प्रगति नहीं कर सकता है।’कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि हम जल्द से जल्द बीजेपी और मोदी सरकार को दिल्ली से हटाने जा रहे हैं। राहुल गांधी ने पंजाब के मोहाली में ये बात कही। कांग्रेस अध्यक्ष आज पंजाब में नवजीवन अखबार के रीलॉन्च कार्यक्रम में पहुंचे हैं। इसी मौके पर एक बार फिर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, ‘देशभर में प्रत्येक संस्थान पर हमला किया जा रहा है और कांग्रेस और विपक्ष इन हमलों के खिलाफ है। 2019 में हम दिल्ली से बीजेपी सरकार को हटाने के बाद ही रुकेंगे। जल्दी से जल्दी बीजेपी और मोदी जी की सरकार को हम दिल्ली से हटाने जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट को स्वतंत्र रूप से काम करने की इजाजत नहीं है, राजनीतिक लाभ के लिए सेना का इस्तेमाल किया जाता है। यह सब 2019 में बंद कर दिया जाएगा।’

इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी उपस्थिति रहे। महात्मा गांधी के 150वीं जन्म जयंती के साल के मौके पर नवजीवन को री-लॉन्च किया गया है। राहुल ने यहां एक बार फिर मीडिया की स्वतंत्रता पर बात की। उन्होंने कहा कि मीडिया को बड़े लोगों ने कैप्चर कर रखा है। मीडिया की स्वतंत्रता खत्म हो गई है और ये भारत ही नहीं दुनियाभर में हो रहा है। उन्होंने कहा कि अखबारों से किसान और बेरोजगारी जैसे मुद्दे गायब हैं। रोजगार और किसानों के मुद्दे को हल करना होगा।

राहुल ने कहा, ‘प्रेस के लोगों को निडर होकर सच को सामने रखना चाहिए। चाहे वो कांग्रेस के बारे में ही क्यों न हो, क्योंकि हम आरएसएस नहीं हैं। हम आलोचनाओं को भी स्वीकारते हैं।

कड़े मुक़ाबले के बावजूद भाजपा का पलड़ा भारी

दिनेश पाठक अधिवक्ता, राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर। विधि प्रमुख विश्व हिन्दु परिषद

*एक विश्लेषण :-

राजस्थान के विधानसभा 2013 चुनाव में 74 प्रतिशत मतदान हुआ था जहाँ भाजपा को लगभग 45 प्रतिशत मत मिले थे और कॉंग्रेस को 33 प्रतिशत , मतलब लगभग 12 प्रतिशत का अंतर !!!

यह मोदीलहर थी , निसंदेह ! भाजपा ने स्वयं के प्रदर्शन में भी 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी जिसमे से साढ़े तीन प्रतिशत उसने कॉंग्रेस से खिंचा था 4-5 प्रतिशत निर्दलीयों व अन्य पार्टियों से और लगभग 2 प्रतिशत विंडफॉल गेन मतलब नए वोटरों का 90 प्रतिशत समर्थन जो कुल वोट का 2 प्रतिशत के करीब था।

मतदान प्रतिशत ही सीधे 9.5 प्रतिशत बढ़कर 74 प्रतिशत हो गया था , जहाँ भाजपा को सीधे सीधे 37 लाख मतों की बढ़त थी कॉंग्रेस पर !!
चलिए अब मान लेते है कि भाजपा ने जो कॉंग्रेस के साढ़े तीन प्रतिशत लुटे थे वे इस बार कांग्रेस ने reclaim कर लिए तो मत प्रतिशत पहुंचा भाजपा 41.5 और कॉंग्रेस 36.5 प्रतिशत !

चलिए मान लेते है कि एन्टी इनकंबेंसी है तो 2 प्रतिशत और वोट भाजपा से सीधे कॉंग्रेस ने झटक लिए तब भी टैली पहुंची 39.5 भाजपा और 38.5 कॉंग्रेस

यहाँ एक बात नोट कर लीजिये की चाहे कुछ भी हो इन पांच साल में नए जुड़े वोटर जो कि 20 लाख के करीब है उनका 90 ना सही 75 प्रतिशत अब भी मोदी का मुरीद है जो भाजपा को मिलेगा विंडफॉल के रूप में जो प्रतिशत मे जाकर हुआ 4.85 प्रतिशत (वोट पड़े 3.5 करोड़ (74 % turnout 4.75 करोड़ का , नवयुवा वोटर 20 लाख जिसका 85 प्रतिशत मतदान होता हैं है मतलब 17 लाख हुआ 4.85 प्रतिशत )
ये मानकर चलिए की सभी सीटों पर फैले इस गेमचेंजर 4.85 नए वोटरों का 75 फीसदी कम से कम हुआ 3.7 प्रतिशत !!

लिखकर लें लीजिये की एन्टी एन्टीइनकम्बेंसी की लहर “मोदीलहर” के बराबर भी हो तो भी उंसके नकारात्मक असर को केवल ये नवयुवा वोटर ही ठिकाने लगा देगा और भाजपा कम से कम 2-3 प्रतिशत आगे ही रहेगी कांग्रेस से फिर भी क्लोज टैली के चलते 5-7 सीट कम ज्यादा हो सकती है , कम से कम भी मानकर चले तो भाजपा- कांग्रेस 95- 90 या 90-95 से नीचे नही जाएगी लिख कर ले लीजिए , ज्ञातव्य है कि 2008 की भाजपा के विरुद्ध की भयंकर एन्टीनकंबेंसी लहर तक मे भाजपा 78 सीट लाई थी जबकि मोदी फैक्टर जैसा कुछ नही था जो कि अब हर चुनाव में महत्वपूर्ण होता है ।

सबसे अंत मे वह जनसमर्थन जो मोदीजी /योगीजी की रैलियों में दिखा वह है, स्मरण रखिये की राजस्थान में युही कोई केवल चेहरा देखने/दिखाने नही आ जाता दिन बिगाड़ के या चुटुकुले सुनने राहुल के दर्शकों की तरह !
इसे अज्ञात बोनस मानकर चलिये कम से कम !

मोदी जी की झोली में कम हो या ज्यादा डालेंगे जरूर, राजस्थानी उन्हें खाली नही भेजेंगे कभी !

बाकी एग्जिट पोल मात्र वो पॉपकॉर्न है जो फ़िल्म चालू होने से पहले टाइमपास के लिए है कमर्शियल ads देखते देखते ।

भाजपा टक्कर में है और सरकार बनाएगी फिर से ……

रिपब्लिकन टीवी के पत्रकार पर अपहरण, शोषण और मारपीट का केस दर्ज़


एफआईआर के अनुसार चुटिया पर आईपीसी की कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है. चुटिया को दो दिन तक पुलिस हिरासत में रखने के बाद सीआरपीसी की धारा 41 के तहत 3 दिसंबर को रिहा कर दिया गया था


रिपब्लिक टीवी के रिपोर्टर अनिरुद्ध भक्त चुटिया पर गुवाहाटी की एक महिला ने अपहरण और मारपीट करने का आरोप लगाया गया है. महिला की शिकायत के आधार पर 1 दिसंबर को गुवाहाटी के दिसपुर पुलिस स्टेशन में चुटिया के खिलाफ केस दर्ज की गई है. चुटिया 3 दिसंबर को रिहा हुए इसके पहले दो दिन तक वो पुलिस हिरासत में थे.

द वाइर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित ने आरोप लगाया कि 1 दिसंबर की रात को जब वो काम से लौट रही थी तभी चुटिया उन्हें मिले. चुटिया कथित तौर पर एक अनजान आदमी के साथ था और नशे में धुत्त था. पीड़िता ने बताया, ‘वो नशे में था. उसने मुझे बात करने के लिए रोका. और इससे पहले कि मैं कुछ रिएक्ट कर पाती, उन दोनों ने मेरी गर्दन पर चाकू लगाया और मुझे लेन से सटे अपने घर में खींच लिया. जबर्दस्ती घर में ले जाने के बाद कुर्सी से हाथ बांध दिए गए थे. जब मैंने विरोध किया, तो उन्होंने मेरा यौन उत्पीड़न भी किया. चुटिया की मां भी कमरे में भी मौजूद थीं.’

जैसे ही पीड़िता के हाथ खोले गए तो उसने अपना मोबाइल फोन निकाला और अपने सहयोगियों को घटना के बारे में बताया. इसके बाद वे आए और उसे बचा लिया. पीड़िता का दावा है कि चुटिया उसके घर के पास में ही रहता है. वो दोनों काम के सिलसिले में दो बार मिले भी थे. चुटिया ने पीड़िता से मेलजोल बढ़ाने की कोशिश की लेकिन उसने नजरअंदाज कर दिया.

पुलिस दबाव में काम कर रही है:

एफआईआर के अनुसार चुटिया पर आईपीसी की कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है. चुटिया को दो दिन तक पुलिस हिरासत में रखने के बाद सीआरपीसी की धारा 41 के तहत 3 दिसंबर को रिहा कर दिया गया था. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस ‘दबाव में काम कर रही है’ और चुटिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते समय घटना के विभिन्न विवरण को पुलिस ने जानबूझकर नजरअंदाज कर दिया है. कई समाचार रिपोर्टों का दावा है कि पुलिस अधिकारियों ने इस मामले के बारे में कुछ भी बोलने से मना कर दिया है.

न तो चुटिया और न ही जिस मीडिया संस्थान (रिपब्लिक टीवी) के लिए वो काम करता है ने इस मुद्दे पर किसी तरह का बयान जारी किया है.

MP CM Shivraj Singh Chouhan says BJP will form govt


Exit polls released on Friday predicted a possibility of Congress upsetting the BJP.


Shivraj Singh Chouhan on Saturday expressed confidence that the Bharatiya Janata Party (BJP) would emerge victorious in Madhya Pradesh that recently went to elections. While the counting will take place on December 11, several exit polls have given the Congress an edge in the state.

Speaking to reporters in Umaria, the MP Chief Minister, who is eyeing a second 5-year-term after completing 13 years in power this November, commented on the exit poll results released on Friday.

“There cannot be a surveyor bigger than me, someone who is among the people day in and day out. Therefore I am saying this confidently that BJP will form the government,” Chouhan asserted.

“This is important for people, poor, farmers, children and women,” he added stressing that there cannot be a better bet for the people of his state than the BJP.

According to a majority of the exit polls, the Congress will have the upper hand in the state.

According to India Today-Axis poll, the Congress might win 104-122 seats in the 230-seat assembly thus narrowly surpassing the majority mark of 116. The BJP was given 102-120 seats and others could end up with 4-11 seats.

Similarly CSDS-ABP exit poll suggested that the BJP might end up with 94 seats as against 126 of the Congress and 10 of others.

BJP might get 90-106 seats, according to CVoter-Republic TV, and the Congress between 110 and 126 seats, which would mean a clear victory for the party led by Rahul Gandhi.

In the exit poll conducted by NewsX-Neta, the Congress got higher seats than the BJP but four short of the majority mark. The poll predicted that the Congress might win 114 seats, the BJP might get 106 with 12 seats going to others.

Times Now-CNX, on the other hand, predicted a thumping BJP victory in MP with 126 seats as against 89 of Congress. Republic-Jan Ki Baat exit poll, too, gave the BJP an edge with 108-128 seats over Congress’ 95-115, with seven seats going to others.

India TV gave the BJP 122-130 seats and 86-92 to Congress with 12-18 seats to others.

An average of opinion polls done before 9 November 2018 had predicted that the BJP will end up as the single largest party with 113 seats but without a majority. The exit polls clearly indicated that the BJP’s strength in the state is much weaker than in the last elections when it won 166 seats.

The BJP has been in power in Madhya Pradesh since 2003.

BJP approaches EC over Rahul Gandhi interview calls it ‘Shining example of paid news’


The BJP in the memorandum said that the interview ‘goes against the very spirit and parameters of the permitted coverage in the compendium of poll panel’s compendium of instructions on the media related matters’.


The BJP on Friday approached the Election Commission demanding action against the Congress and its president Rahul Gandhi for his interview published in an English daily on Thursday, claiming it is a “shining example” of paid news.

A delegation including union ministers JP Nadda, Mukhtar Abbas Naqvi and BJP’s media in-charge Anil Baluni submitted a memorandum to the poll panel enclosing a copy of the interview that was published from Hyderabad, saying “the reporting by way of an interview…is shining example of paid news.”

Addressing the media after meeting the poll panel officials, Naqvi said,”Just a day before the polling in Telangana and Rajasthan, Rahul Gandhi through his interview, which was actually a paid news, tried to influence voters and electoral process also. It is a violation of electoral reforms.”

Naqvi further said that Gandhi in his interview cited a survey to claim that the Congress is winning and BJP is losing elections in all the five states.

“This news (interview) comes under the category of paid news. As per the rules no campaigning or such interviews should be done 48 hours before the polling. Gandhi intentionally tried to influence voters and free and fair process of election. We demand an immediate action against him and his party,” he said.

The BJP in the memorandum further said that the interview “goes against the very spirit and parameters of the permitted coverage in the compendium of poll panel’s compendium of instructions on the media related matters”.

पश्चिम बंगाल सरकार ने सत्ता का गलत इस्तेमाल कर पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को दबाया है: अमित शाह


अमित शाह ने कहा ‘सत्ता का गलत इस्तेमाल कर पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को दबाया गया है. मुख्यमंत्री इस ट्रेंड का पालन कर रहे हैं. यह गैर-लोकतांत्रिक है.’


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की कूचबिहार में रैली और रथयात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया था. गुरुवार को इस मुद्दे पर बोलते हुए शाह ने कहा कि बंगाल में यात्रा निकालने से कोई नहीं रोक सकता.

अमित शाह ने कहा ‘सत्ता का गलत इस्तेमाल कर पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को दबाया गया है. मुख्यमंत्री इस ट्रेंड का पालन कर रहे हैं. यह गैर-लोकतांत्रिक है.’


BJP President Amit Shah on permission for Rath Yatra in West Bengal: A democratic process has been suppressed in West Bengal, with the misuse of power. The CM is following this trend. This is non-democratic.


उन्होंने कहा ‘ममता बनर्जी को डर है कि अगर बीजेपी तीनों रैली पश्चिम बंगाल और कोलकाता में करती है तो राज्य में बदलाव की नींव पड़ जाएगी. इसलिए उन्होंने ये रैलियां रोकी हैं.’



बीजेपी अध्यक्ष ने कहा ‘पंचायत चुनाव के बाद, ममता बनर्जी को बीजेपी का डर है और इसलिए उन्होंने रथ यात्रा रोकने का फैसला किया. मवेशी से लेकर कोयला तक माफिया काम कर रहे हैं और टीएमसी के मंत्री उनकी मदद कर रहे हैं.’


BJP President Amit Shah: After the Panchayat elections, Mamata Banerjee is scared of BJP & this is why she has stopped the Rath yatra. In every sector starting from cattle to coal, mafias are working & TMC ministers are supporting them.


उन्होंने कहा ‘हम हर चीज कानून करेंगे और तीन रैली भी आयोजित करेंगे. रैली रद्द नहीं हुई हैं बस तारीख आगे बढ़ गई है. यात्रा अपने समय से पश्चिम बंगाल के प्रत्येक हिस्से में जाएंगी. मैं कल पश्चिम बंगाल जाउंगा.’


BJP President Amit Shah: We will do everything legally and we will conduct three rallies.The rallies have not been cancelled but postponed. Yatra as scheduled will go to every part of West Bengal.I will go to West Bengal tomorrow.


कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक दिन पहले बीजेपी को कूचबिहार में ‘ रथयात्रा ‘ निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था क्योंकि राज्य सरकार ने ऐसा होने पर हिंसा का अंदेशा जताया था.

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए शाह ने आरोप लगाया कि देश में सबसे ज्यादा सियासी हत्याएं राज्य में हुई हैं.