लोकतन्त्र के 4थे स्तम्भ के आत्मीयों की निर्मम हत्याएँ पीड़ादायक तो हैं ही साथ ही घोर दुर्भाग्यपूर्ण हैं: सारिका तिवारी

www.demokraticfront.com ग्रुप सरकार के दोगले रवैये और इस घटना की कड़े शब्दों में निन्दा करता है। और इंसाफ के लिए बिहार सरकार से मांग करता है।

कमल कलसी, बोधगया, (बिहार):

अखिल भारतीय पत्रकार समिति संघ के दिनेश पंडित अजय कुमार पांडे, संतोष कुमार ,राजेश कुमार द्विवेदी, शुभम कुमार विश्वनाथ आनंद, अविनाश कुमार, सहित सैकड़ों पत्रकारों ने बैठक कर नालंदा के शेखपुरा से हिंदुस्तान अखबार के ब्यूरो चीफ आशुतोष कुमार आर्य के पुत्र को निर्मम हत्या किए जाने को लेकर शोक सभा का आयोजन किया गया।

उपस्थित पत्रकारों ने 2 मिनट का मौन रखकर उसकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की एवं इस दुख की घड़ी में ईश्वर शक्ति प्रदान करें और साथ में एकजुटता का परिचय देते हुए हत्यारा की गिरफ्तारी करने की अपील जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन एवं सरकार से की है l बैठक में पत्रकारों ने निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए कहा है कि एक तरफ सरकार पत्रकारों की परिजनों की सुरक्षा करने की बात करती है वहीं दूसरी तरफ लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों पर एवं पत्रकार के परिजनों पर जिस प्रकार से हत्यारा ओं द्वारा निर्मम हत्या की जा रही है हमला किया जा रहा है जो देश लोकतंत्र के लिए खतरा है ।

ज्ञातव्य शेखपुरा हिंदुस्तान अखबार के ब्यूरो चीफ आशुतोष आर्य के पुत्र को रविवार की शाम जब घर पर नहीं लौटा वह लोगों में घबराहट होने लगी खोजबीन किया गया, बाद में पता चला कि गांव के कुछ दूर पर ही हत्या कर फेका हुआ है। इस प्रकार से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के परिजनों के साथ जिस प्रकार से हत्या हमला किया जा रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है सरकार को चाहिए कि ऐसे लोगों को कठोर से कठोर कार्रवाई कर दंडित करें। पत्रकारों ने इसका पुरजोर विरोध किया है एवं जल्द से जल्द हत्यारों की गिरफ्तार करने की मांग की है।

पत्रकारों ने कहा है कि परिजनों की हत्या करने से कलम की लेखनी कम नहीं पड़ सकता। पत्रकारों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि हत्यारों को 2 दिन के अंदर गिरफ्तारी नहीं किया जाता है को चरणबद्ध आंदोलन पूरे देश में चलाई जाएगी पहले प्रखंड मुख्यालय जिला मुख्यालय में किया जाएगा।

महिला आयोग आरोपों को साबित करे: आज़म खान

समाजवादी सुप्रीमो अखिलेश यादव की उपस्थिती में आज़म खान ने जयाप्रदा पर अभद्र टिप्पणी की तो भाजपा ने अखिलेश यादव से माफी मांगने की बात कही। लेकिन समाजवादियों केतिहास में न तो आज तक एस कभी हुआ है न ही आगे इस बात की उम्मीद है। महिला आयोग ने इस घटना का स्वत:संग्यान लेते हुए आजम खान को नोटिस भेजा और उनका नामांकन रद्द करने की मांग भी की। इधर आज़म खान अपने चीर परिचित अंदाज़ में कहते सुनाई दिये की ‘कोई साबित कर दे मैं चुनाव नहीं लड़ूँगा’

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने रामपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रही भाजपा प्रत्याशी और फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा के खिलाफ एक विवादास्पद टिप्पणी की है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने खान की टिप्पणी को ”बेहद शर्मनाक” करार दिया और कहा कि महिला आयोग उन्हें एक कारण बताओ नोटिस भेज रहा है. खान की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये शर्मा ने ट्वीट किया कि एनसीडब्ल्यू चुनाव आयोग से यह भी अनुरोध करेगा कि उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए.

शर्मा ने यह प्रतिक्रिया एक अन्य व्यक्ति के ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दी, जिसने सपा नेता का कथित वीडियो ट्वीट किया था. खान का ”अपमानजनक” टिप्पणी वाला वीडियो कई सोशल मीडिया साइटों पर साझा किया जा रहा है. वीडियो के मुताबिक रामपुर में एक चुनावी सभा में खान ने कहा “रामपुर वालों, उत्तर प्रदेश वालों, हिंदुस्तान वालों. उसकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लग गए. मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके नीचे का जो अंडरवियर है वह भी खाकी रंग का है. मैं 17 दिन में पहचान गया, आपको पहचानने में 17 बरस लगे, 17 बरस.” 

हालांकि, आजम खान ने इस वीडियो में जयाप्रदा का नाम नहीं लिया है लेकिन भाजपा इसे जया के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के रूप में पेश कर रही है. खान की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शर्मा ने कहा, ”यह बेहद शर्मनाक” है.

नक्सली हमले में भीमा मंडावी की मौत

लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण से पहले छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमला हुआ है भाजपा का बड़ा झटका . छत्तीसगढ़ के अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा में मंगलवार की शाम नक्सलियों ने एक बड़ी घटना को अंजाम दिया। नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आने से हमले में भाजपा विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई। उनके साथ ही घटना में सुरक्षा में तैनात चार जवान भी शहीद हो गए। इस घटना के बाद छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने हाइ लेवल मीटिंग बुलाई है। पीएम मोदी ने हमले की निंदा की है। उन्‍होंने कहा कि भीमा मांडवी भारतीय जनता पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता थे। मेरी संवेदनाएं विधायक के परिवार के साथ है  

रायपुर: 

लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण से पहले छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमला हुआ है. बीजेपी विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर नक्सली हमला हुआ है. 5 जवानों के शहीद होने की खबर है. बस्तर के इकलौते बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की इस नक्सल हमले में मौत हो गई है. एंटी-नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी पी. सुंदर राज ने विधायक की मौत की पुष्टि की. इतना ही नहीं हमले के बाद सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच करीब आधा घंटे तक गोलीबारी भी हुई. 

पी. सुंदर राज ने बताया, “हमारे पास बीजेपी विधायक भीमा मंडावी के मारे जाने की खबर है. उनके ड्राइवर और तीन पीएसओ भी इस हमले में मारे गए हैं. यह शक्तिशाली विस्फोट था.”

नकुलनार के पास विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर नक्सलियों ने हमला किया है. नक्सलियों ने भीमा मंडावी के काफिले की एक गाड़ी को ब्लास्ट कर उड़ा दिया है. हमले में PSO समेत 5 जवानों के शहीद होने की खबर है. उधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दोनदेकला में सभा छोड़कर वापस रायपुर लौट आए हैं. सीएम आवास में थोड़ी देर में उच्च स्तरीय बैठक शुरू होगी. डीजी डीएम अवस्थी, नक्सल डीजी गिरधारी नायक, गृह सचिव अरुणदेव गौतम सीएम हाउस बुलाए गए हैं. 

नक्सलियों ने विधायक के काफिले में बारूदी सुरंग में विस्फोट किया. राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया, “जिले के कुआकोंडा क्षेत्र के श्यामगिरी के करीब नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दंतेवाड़ा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक भीमा मंडावी के वाहन को उड़ा दिया. इस घटना में मंडावी की मौत हो गई तथा चार जवान भी शहीद हो गए. नक्सलियों ने विस्फोट के बाद गोलीबारी भी की है.” 

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है, “भीमा मंडावी का काफिला आज बचेली से कुआकोंडा की ओर रवाना हुए थे. काफिला जब श्यामगिरी के करीब था तब नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया. इस घटना में वाहन क्षतिग्रस्त हो गया तथा उसमें सवार पांच लोगों की मृत्यु हो गई.” उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र के लिए अतिरिक्त बल रवाना किया गया है.

भाजपा के शत्रु अब कांग्रेस के हुए

पूनम सिन्हा स्पा ऊमीद्वार और पति शत्रु कांग्रेस के उम्मीदवार घर में गठबंधन

पत्नी को समाजवादी पार्टी से टिकट दिलवा राजनाथ सिंह के मुक़ाबले चुनाव लड़वायेंगे, और खुद कांग्रेस की पटना सीट से उम्मीदवार बनेंगे। अपनी सुविधा से यशवंत सिन्हा और अरूण शोरिए के साथ मोदी के धूर विरोधी रहे और शिकायत भी मोदी से। जब मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया था तभी से यह मोदी विरोध में उतर पड़े थे। अब मोदी विरोधि पार्टियों में अपने परिवार को उतार यह किसके साथ न्याय कर रहे हैं या फिर यह सभी को महागठबंधन का सच और उत्तरप्रदेश में अखिलेश का झूठ दिखाने जा रहे हैं।

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से लगातार बागी तेवर अपनाए शत्रुघ्न सिन्हा ने आखिरकार अपनी पुरानी पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है. दिल्ली में उन्हें कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेताओं ने सदस्यता दिलाई. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर कई आरोप भी लगाए. उन्होंने इस बात के लिए भी नाराजगी जताई कि 2014 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार बनी तो उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया.

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बीजेपी में अरुण शौरी, मुरली मनोहर जोशी, जसवंत सिंह और यसवंत सिन्हा सरीखे कई काबिल नेताओं को मंत्री नहीं बनाया गया. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या मेरी छवि खराब थी? मेरे ऊपर किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं थे. ऐसे लोगों को मंत्री बनाया गया है, जिन्हें कोई जानता तक नहीं है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार में सिर्फ पीएमओ से सारा काम होता है.

शत्रुघ्न सिन्हा ने आरोप लगाया कि सभी काबिल नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया गया, जिसकी आज तक एक मीटिंग नहीं हुई. साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लाल कृष्ण आडवाणी के करीबी हेने के कारण बीजेपी में उनका पत्ता काटा गया.

कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी की स्थापना दिवस पर बधाई भी दी. साथ ही कहा कि पार्टी में मेरी परवरिश नानाजी देशमुख के देखरेख में हुई. मुझे अटली जी और आडवाणी जी ने मर्गदर्शन दिया. बीजेपी में शामिल होने के बाद सुबोध कांत सहाय मुझे पहली बार पब्लिक लाइफ में लेकर गए.

साथ ही बिहारी बाबू ने कहा कि मुझे कांग्रेस के नेता 25 वर्षों से कह रहे थे कि आपको कांग्रेस में शामिल होना चाहिए. बीजेपी से ट्रेनिंग लेता हुआ मैं सही मायने में लोकशाही का पालन करते हुए आगे बढ़ता गया.

लालू की जमानत याचिका पर सुनवाई 10 को

नई दिल्ली/पटना : 

लालू यादव के वकील कपिल सिब्बल ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दी है कि लालू यादव कि जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई हो, अब सिब्बल कहे और बात ना मानी जाये ऐसा तो हो ही नहीं सकता, उनकी जमानत पर सुनवाई अब 10 अप्रैल को होगी। अटकलें हैं कि उन्हे चुनावों के चलते सेहत के आधार पर जमानत मिल ही जाएगी।

चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में सजा काट करे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई हो सकती है. लालू यादव के वकील कपिल सिब्बल ने जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है. खबर है कि सुप्रीम कोर्ट 10 अप्रैल को जमानत याचिका पर सुनवाई कर सकता है. इससे पहले कोर्ट ने 15 मार्च सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. ज्ञात हो कि लालू यादव ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी है.

इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. दरअसल, लालू प्रसाद यादव ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी है, जिसमें कहा गया है कि उनकी उम्र 71 की हो गई है. उन्हें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग सहित कई अन्य बीमारियां हैं. फिलहाल, उनका रिम्स में इलाज चल रहा है. वह प्रतिदिन करीब 13 प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहे हैं.

चुनाव के लिए अहम है जमानत

लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. ऐसे में लालू प्रसाद यादव का सुप्रीम कोर्ट का रुख करना बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि वह आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी है. इसको लेकर पार्टी नेताओं के साथ उन्हें कई बैठक करनी होगी और रणनीति तय करनी होगी.

हाईकोर्ट में दे थी ये दलीलें

झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि इस मामले में तत्कालीन विभागीय मंत्री विद्यासागर निषाद, तत्कालीन विभागीय सचिव बेक जूलियस, नेता आरके राणा, जगदीश शर्मा और जगन्नाथ मिश्र बरी हो गए तो लालू प्रसाद ने किसके साथ मिलकर अवैध निकासी का षड्यंत्र रचा.

साथ वकील ने यह भी दलील दी थी कि कोर्ट ने लालू प्रसाद को षडयंत्र करने का दोषी पाया है, जबकि सीबीआई इसे साबित करने में विफल रही है.यदि यह मामला षड्यंत्र का रहता तो सभी को दोषी करार दिया जाना चाहिए. इससे साबित होता है कि उन्होंने कोई षड्यंत्र नहीं किया.

900 करोड़ रूपये से अधिक के चारा घोटाले से संबंधित तीन मामलों में प्रसाद को दोषी ठहराया गया है. ये मामले 1990 के दशक की शुरुआत में पशुपालन विभाग के कोषागार से पैसे की धोखाधड़ी करने से संबंधित थे. उस समय झारखंड बिहार का हिस्सा था.

अखिलेश अपनी नीतियों के कारण अजमगढ़ खो देंगे : ‘निरहुआ’

नई दिल्ली: 

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ के नाम से जाने जाते हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में निरहुआ भी चुनावी मैदान में हैं और बीजेपी की तरफ से उन्हें यूपी के आजमगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है. इस सीट पर निरहुआ का मुकाबला यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश सिंह यादव से होने वाला है. अब तक अपनी फिल्मी करियर में निरहुआ ने खूब नाम कमाया है और अब वह राजनीतिक गलियारों में भी अपनी पहचान बनाने निकल पड़े हैं.

पूरा आजमगढ़ यही कह रहा है

एक निजी टीवी चैनल के साथ खास बातचीत में निरहुआ ने आजमगढ़ सीट पर चर्चा करते हुए बताया, ‘अखिलेश सिंह हमारे बड़े भाई हैं, साथ ही एक बड़े नेता भी हैं, लेकिन आजमगढ़ में वह सिर्फ अपने नीतियों के कारण हारेंगे. मेरे लिए तो पूरा आजमगढ़ ही मेरा है, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लमान हो, चाहे वो कोई दलित हो या पिछड़ा हो कोई भी हो, सारे मेरे साथ हैं. पूरा आजमगढ़ कह रहा है कि भइया हमें सिर्फ आप ही चाहिए. सच के साथ जो हैं, उसके साथ सभी हैं. अगर मैं गलत राह पर होता तो मेरे साथ कोई नहीं होता.’

आजमगढ़ में चुनाव लड़ना को बताया नियती

आज तक जिसके लिए आप चुनाव प्रचार करते आए हैं और आज उन्हें के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. क्या आप उन्हें हराने की क्षमता रखते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए निरहुआ ने बताया, ‘ईश्वर को कब क्या करना है और नियती में कब क्या लिखा है वो हम लोग नहीं जानते. कहा जाता है कि एक पल में क्या से क्या हो जाएगा ये कोई नहीं जानता है और आज मैं अखिलेश सिंह के खिलाफ चुनाव में खड़ा हूं, यह उसी का उदाहरण है.’

पीएम मोदी ने जो कहा वो कर दिखाया

वहीं, पीएम मोदी के बारे में बातचीत करते हुए निरहुआ ने कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी आज किसी से ये नहीं पूछने जाते हैं कि तुम अगले हो या पिछले हो, तुम मोदी हो या यादव हो. अरे भाई गरीब है तो इसको पेंशन दो, शौचालय दो… सबको दे रहे हैं, सबका साथ सबका विकास. पीएम ने जो कहा, वो करके दिखाया भी. कथनी और करनी में बाकी लोगों का तो बड़ा अंतर है. बाकी लोग तो कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं.’

यूपी में सारी सीटें बीजेपी की

निरहुआ ने कहा, ‘वे लोग कहते हैं कि हम बाबासाहेब अंबेडकर जी को मानते हैं. बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर दलितों को इकट्ठा किए और बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा कि शिक्षत बनो, संघर्ष करो और आगे बढ़ो. ये थोड़ी ही न कहा था कि शिक्षक बनो और दलितों का शोषण करो. ये (मायावती) तो शिक्षक बन गईं और शिक्षक बनने के बाद इन्होंने अपने दिमाग का इस्तेमाल करके सबको एक साथ जुटाकर उनके हक की चीजों को आज क्या कर रही हैं, देखिए आप.’ उन्होंने अंत में कहा, ‘यूपी में सारी सीटें बीजेपी ही जीतेगी. मैं उन लोगों के विचार से बिलकुल भी सहमत नहीं हूं, जो ये सोचते हैं कि नरेंद्र मोदी जी से बेहतर प्रधानमंत्री कोई और हो सकते हैं.

मोदी ने आडवाणी को जूता मार कर स्टेज से उतार दिया: राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू धर्म में गुरु का काफी महत्व है. गुरु शिष्य का रिश्ता बेहद महत्वपूर्ण है. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने गुरु लालकृष्ण आडवाणी को जूता मारकर स्टेज से उतार दिया.

चंद्रपुर :

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं. राहुल अपनी रैलियों में बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर तीखे हमले बोल रहे हैं. शुक्रवार को चंद्रपुर की रैली में राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर लालकृष्ण आडवाणी का अपमान करने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने गुरु लालकृष्ण आडवाणी को जूता मारकर स्टेज से उतार दिया. 

राहुल गांधी ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी पीएम मोदी के गुरु हैं लेकिन यह शिष्य अपने गुरु के सामने हाथ तक जोड़कर नहीं जाता. यह शिष्य अपने गुरु को स्टेज से नीचे उतार देता है.  राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू धर्म में गुरु का काफी महत्व है. गुरु शिष्य का रिश्ता बेहद महत्वपूर्ण है. 

पीएम मोदी ने किए झूठे वादे

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के चंद्रपुर के चांदा क्लब में राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा को संबोधित किया. राहुल गांधी ने कहा कि हर खाते में 15 लाख रुपए जमा करवाने का पीएम मोदी का वादा झूठा था. 

मेरा किया वादा सच्चा है

उन्होंने दावा किया कि उनका गरीबों को हर साल 72 हजार रुपए और पांच साल में 3.60 लाख रुपए देने का वादा सच्चा है. राहुल गांधी ने कहा कि जिनकी आमदनी 12 हजार रुपए से कम है उन्हे ये मदद  दी जाएगी.

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पिछले पांच साल के दोरान पीएम मोदी ने 15 लोगों को लाखों करोड़ों रुपए दिए हैं. पीएम मोदी कहते हैं कि वे चौकीदार हैं लेकिन इन्होंने सिर्फ पैसेवालों की चौकीदारी की है. 

निरहुया अखिलेश के लिए चुनौती बन पाएंगे

राजनीति में कब किसके सितारे बुलंद हो जाए, इसका अनुमान लगाना बेहद मुश्किल होता है. कुछ यूं ही दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ के साथ हुआ है. निरहुआ कभी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने का जुगाड़ लगाया करते थे. अब भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल यादव आज़मगढ़ लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं.

नई दिल्ली: राजनीति में कब किसके सितारे बुलंद हो जाए, इसका अनुमान लगाना बेहद मुश्किल होता है. कुछ यूं ही दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ के साथ हुआ है. भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल यादव को बीजेपी ने पूर्वी यूपी की आज़मगढ़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है. इसी सीट से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. 

भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव एक ज़माने में समाजवादी पार्टी के नेताओं के बेहद करीबी माने जाते थे. निरहुआ सपा के लिए चुनाव प्रचार भी कर चुके हैं. निरहुआ सपा नेता सुभाष पाषी के बेहद अजीज़ दोस्त माने जाते हैं. यूपी की सियासत से जुड़े कई महत्वपूर्ण लोगों ने बताया कि यही निरहुआ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने का जुगाड़ लगाया करते थे. बीजेपी में शामिल होने से कुछ महीनों पहले भी निरहुआ सपा नेता सुभाष पासी के माध्यम से अखिलेश से मिलने का समय मांग रहे थे. यही नहीं एक वक्त ऐसा भी था जब निरहुआ सपा का स्टाक प्रचारक भी बनना चाह रहे थे. 

लेकिन अब वक्त का पहिया कुछ यूं घूमा कि दिनेश लाल यादव उसी नेता के ख़िलाफ़ चुनावी मैदान में उतर रहे हैं, जिनसे मिलने का समय मांगा करते थे. हालांकि निरहुआ के लिए आज़मगढ़ सीट से चुनाव लड़ना बेहद चुनौती भरा होगा. क्योंकि ये सीट सपा की परंपरागत सीट मानी जाती है. फिलहाल आज़मगढ़ लोकसभा सीट से मुलायम सिंह यादव सांसद हैं. पूर्वांचल में आज़मगढ़ को समाजवादियों का गढ़ भी कहा जाता है.

निरहुआ के सामने दूसरी सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी के स्थानीय नेता होंगे. पिछली बार रमाकांत यादव आज़मगढ़ से लोकसभा का चुनाव लड़े थे और हार गए थे. रमाकांत का आज़मगढ़ में अच्छा दबदबा है. इस बार भी रमाकांत आज़मगढ़ से चुनाव लड़ना चाह रहे थे लेकिन बीजेपी ने रमाकांत को टिकट नहीं दिया. रमाकांत की नाराज़गी निरहुआ पर भारी पड़ सकती है. कांग्रेस अखिलेश यादव के ख़िलाफ़ अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी, इससे मुस्लिम वोटों में बंटवारा नहीं होगा. 2017 के विधानसभा चुनाव में आज़मगढ़ की 10 विधानसभा सीट में से सपा- 5, बीएसपी- 4 और बीजेपी सिर्फ 1 सीट जीती थी. आज़मगढ़ लोकसभा सीट का जातीय समीकरण देखें तो यह सीट यादव-मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती है. 

आज़मगढ़ का जातीय समीकरण:
यादव- 3.5 लाख
मुस्लिम- 3 लाख
दलित- 2.5 लाख
ठाकुर- 1.5 लाख
ब्राह्मण- 1 लाख
राजभर- 1 लाख
विश्वकर्मा- 70 हज़ार
भूमिहार- 50 हज़ार
निषाद- 50 हज़ार
चौहान- 75 हज़ार
वैश्य- 1 लाख
प्रजापति- 60 हज़ार
पटेल- 60 हज़ार

अगर आज़मगढ़ के इस जातीय समीकरण का विश्लेषण करें तो यादव, मुस्लिम, दलित, विश्वकर्मा, चौहान और प्रजापति सपा का वोट माना जाता है और ठाकुर, ब्राह्मण, भूमिहार, निषाद, वैश्य, पटेल बीजेपी के परंपरागत वोटर माने जाते हैं. अब देखना ये होगा कि क्या निरहुआ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की साइकिल की पीछा कर पाएंगे?

शीला की कीमत पर गठबंधन होगा??

आम आदमी पार्टी से गठबंधन की बैठक को शीला दीक्षित बीच ही में छोड़ कर क्यों चलीं गईं थीं, कांग्रेस आज सार दिन इस सवाल से बचती नज़र आई। केजरीवाल के शीला दीक्षित को महत्वपूर्ण नेता न मानने पर भी कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई। शाम होते होते 4/3 के फार्मूले पर कयास लगने लग पड़े। लगा की बात तकरीबन बन चुकी है। पूछे जाने पर भी कोई ठीक उत्तर नहीं मिला।

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन के बारे में सवाल को टालते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि पूरे देश में गठबंधनों को लेकर उनकी पार्टी का रुख लचीला है.

राहुल गांधी ने दिल्ली में आप के साथ गठबंधन के सवाल पर सीधे उत्तर नहीं देते हुए कहा,‘इस पर कोई असमंजस नहीं है. स्थिति बहुत स्पष्ट है. देश भर में हमने गठबंधन किए हैं. हमारे दरवाजे गठबंधन के लिए खुले हुए हैं. इस मुद्दे पर हमारा रुख लचीला है.’

राहुल ने की शीला दीक्षित और पीसी चाको के साथ बैठक 
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने मंगलवार को सुबह पार्टी की दिल्ली इकाई की अध्यक्ष शीला दीक्षित और राज्य के पार्टी प्रभारी पीसी चाको के साथ एक बैठक की. गौरतलब है कि आप के साथ गठबंधन को लेकर अब तक दिल्ली कांग्रेस के नेताओं में भिन्न भिन्न राय सामने आई है.

पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक के दौरान डीपीसीसी अध्यक्ष शीला दीक्षित और तीनों कार्यकारी अध्यक्षों राजेश लिलोठिया, देवेंद्र यादव और हारून यूसुफ तथा पूर्व अध्यक्ष जेपी अग्रवाल ने गठबंधन का विरोध किया तो अजय माकन, सुभाष चोपड़ा, अरविंदर सिंह लवली तथा कुछ अन्य नेताओं ने तालमेल के पक्ष में राय जाहिर की. दिल्ली में सभी सात सीटों के लिए 12 मई को वोट डाले जाएंगे. 23 मई को मतगणना होगी.

हालांकि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के लिए नयी दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया है. ‘आप’ प्रमुख ने कहा था कि उन्होंने हाल ही में राहुल गांधी से मुलाकात की थी. कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘आप के साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया.’ 

दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित के उनसे संपर्क ना करने के बयान पर केजरीवाल ने कहा, ‘हमने राहुल गांधी से मुलाकात की थी. दीक्षित इतनी महत्वपूर्ण नेता नहीं हैं.’ केजरीवाल लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए लगातार कांग्रेस से गठबंधन करने की अपील कर रहे हैं.

मैं देश की जनता के पैसों पर पंजा नहीं पड़ने दूंगा: चौकीदार नरेंद्र मोदी

  • मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा मैदान से ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान के तहत समर्थकों को संबोधित किया
  • पाक को छोड़ दो वह अपनी मौत मरेगा, हम आगे बढ़ने पर ध्यान दें
  • कांग्रेस पर तंज कसा- जनता के पैसों पर कोई पंजा नहीं पड़ने दूंगा
  • प्रधानमंत्री बोले- पिछले लोकसभा चुनाव से पहले आलोचकों ने मेरा ज्यादा प्रचार किया

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशेवर, कारोबारियों व चौकीदारों से बातचीत की. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में भाषण की शुरुआत भारत माता की जय के नारे के साथ की. प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं देश की जनता के पैसों पर पंजा नहीं पड़ने दूंगा. उन्होंने कहा कि एक चौकीदार के रूप में मैं अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा.

लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा. पीएम ने कहा कि कुछ लोगों का विकास नहीं हो पाता है. यह विकास बौद्धिक स्तर पर रुक जाता है. उन्होंने कहा कि देश की जनता मुझे चौकीदार के रूप में पसंद करती है. जनता को राजा-महाराजा पसंद नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि चौकीदार न कोई व्यवस्था है, न कोई यूनिफॉर्म की पहचान है. उन्होंने कहा कि चौकीदार एक भावना है. यह भावना देश की जनता में लगातार बढ़ रही है.

उन्होंने कहा कि स्वच्छता का आंदोलन देश की जनता का आंदोलन हो गया है. सवा सौ करोड़ लोगों ने चौकीदारी की जिम्मेदारी निभाई. उन्होंने कहा कि चौकीदारी का सिद्धांत महात्मा गांधी ने देश को दिया था. यह गांधी का सिद्धांत है. 2014 में भाजपा ने मुझे दायित्व दिया उसके बाद मुझे देश के कोने-कोने में जाने की जरूरत पड़ी. तब मैंने देश के लोगों से कहा था कि आप मुझे जो दायित्व दे रहे हैं उसका मतलब है कि आप एक चौकीदार बैठा रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर, नफा-नुकसान को किनारे रखकर देश को सबसे ऊपर रखा. पीएम ने बालाकोट हमले के सवाल पर यह उत्तर दिया. उन्होंने कहा कि पूर्ण बहुमत की सरकार देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. दुनिया में भारत की आवाज सुनाई देने का सीधा अर्थ बहुमत की सरकार है. उन्होंने कहा कि बालाकोट पर कार्रवाई मैंने नहीं की, देश के जवानों ने की, हमारे सुरक्षा बलों ने की. 

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया का कोई नेता जब मुझसे हाथ मिलाता है या गले मिलता है, तो उसे मोदी नहीं दिखता, पूर्ण बहुमत वाली सरकार के माध्यम से सवा सौ करोड़ देशवासी दिखते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए चुनाव नही देश प्राथमिकता है. उन्होंने आतंकवाद पर निशाना साधते हुए कहा कि हम आतंकियों को उन्हीं की भाषा में उनकी ही जमीन पर जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि बहुमत की सरकार ही ऐसे कड़े फैसले ले सकती है.  

पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार के सवाल पर कहा कि हमारी सरकार ने कई लोगों को जेल के दरवाजे तक पहुंचा दिया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जमानत पर चल रहे हैं, कुछ जमानत के लिए कोशिश में लगे हैं. उन्होंने कहा कि लुटेरों को देश की पाई-पाई चुकानी होगी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग विदेश की अदालतों में कहते हैं कि भारत की जेलों की स्थिति अच्छी नहीं है. अब इनको कोई महल में थोड़ी रखेगा. अंग्रेजों ने गांधी जी को जिस जेल में रखा था, मैं उनको उससे अच्छी जेल नहीं दे सकता हूं. उन्होंने कहा कि 2019 के बाद कई और भ्रष्टाचारी जेल जाएंगे.

उन्होंने कहा कि अगर मोदी अपने राजनीतिक भविष्य का सोचता, तो वो मोदी नहीं होता. उन्होंने कहा कि अगर इसी राजनीतिक पैंतरेबाजी से देश चलाना होता, तो मोदी की देश को कोई जरूरत नहीं थी. उन्होंने कहा कि हमारा देश 6वीं आर्थिक ताकत बन गया है.

उन्होंने कहा कि मैंने देश में एक माहौल बनाया है और आगे भी बनाना है कि हमे दुनिया की बराबरी करनी है. हमने बहुत सारा समय भारत-पाकिस्तान करने में ही गुजार दिया. पाकिस्तान अपनी मौत मरेगा उसे छोड़ दो, हमे आगे बढ़ना है बस इसी पर हमारा ध्यान रहना चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के झूठ सीजनल होते हैं. सीजन के हिसाब से वो झूठ बोलते हैं, फिर मैदान में छोड़ते हैं और इनका ईको सिस्टम इसे उठाता है. उन्होंने कहा कि असहिष्णुता जैसे झूठ अब देश में नजर नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि उनके झूठ की उम्र भी ज्यादा नहीं, कुछ झूठ की तो ‘बालमौत’ हो जाती है, लेकिन फिर भी उसे खींचते रहते हैं. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ झूठ की फैक्ट्री चली है, रोज नए-नए झूठ आ रहे हैं.

पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो झूठ बोलता है तो उसके लिए पहली शर्त होती है कि उसकी मेमोरी पावर तेज होनी चाहिए. लेकिन वो एक दिन एक आंकड़ा बोले, अगले दिन दूसरा, उनकी झूठ की फैक्ट्री उन्हें पकड़ा देती है. मेमोरी पावर कम होने के कारण वो पकड़े जाते हैं.

उन्होंने कहा कि आजकल कुछ लोग चुनावी वादों की रेवड़ियां बांट रहे हैं. पहली बार वोट देने वालों से कहना चाहता हूं कि वादे करने वालों का ट्रैक रिकॉर्ड देखिए, उनके टेप रिकॉर्डर को मत सुनिए. उन्होंने कहा कि बीते 5 वर्ष देश की आवश्यकताओं को पूरा करने को मैंने प्राथमिकताएं दी. अगले 5 वर्ष में मेरा फोकस आकांक्षाओं को पूर्ण करने पर होगा. आने वाले दिनों में मेरा पहला काम होगा देश को लूटने वालों के प्रति और ज्यादा कड़क होना और देश को 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के क्लब में ले जाना हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 500 से ज्यादा जगहों पर लाखों लोगों से संवाद करने का मौका मिला. इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद लोगों के सवालों के भी जवाब दिए. 

पीएम मोदी ने मिशन शक्ति पर कहा किहमारे एक बुद्धिमान नेता कहते हैं कि इसे सीक्रेट रखना चाहिए था, सबके सामने नहीं लाना चाहिए था. मैं उन बुद्धिमान से कहना चाहता हूं कि कुछ सामान्य बुद्धि का प्रयोग कर लीजिए. जब अमेरिका, चीन और रूस ने इसे डंके की चोट पर किया तो हम गुपचुप क्यों करें.