राष्ट्रपति की उम्मीदवारी से नितीश ने झाड़ा पल्ला

खबर आई कि केसीआर चाहते हैं कि नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया जाए। बता दें कि प्रशांत किशोर इस बार तेलंगाना के चुनाव केसीआर की पार्टी टीआरएस के लिए काम करेंगे। केसीआर और पीके की मुलाकात के बाद नीतीश और प्रशांत किशोर की मुलाकात हुई। ऐसे में थर्ड फ्रंट की सुगबुगाहट तेज हो गई है। हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक ऐलान अभी नहीं हुआ है। CM नीतीश कुमार को राष्ट्रपति बनाए जाने को लेकर हो रही चर्चा के बीच नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। CM ने इस बयान पर आश्चर्य जताया, कहा कि- मुझे घोर आश्चर्य है कि इस तरह की बातें हो रही हैं। इस तरह की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि कहां कोई इस तरह की बात करता है, कहीं से भी इस बात की कोई चर्चा नहीं है। यह सब बातें ऐसे ही होते रहती है। इन सब चीजों से हम लोगों को कोई लेना-देना नहीं है। कोई जानकारी नहीं है। मैंने पेपर में पढ़ा तो मुझे घोर आश्चर्य हुआ।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, पटना(ब्यूरो) :

राष्ट्रपति उम्मीदवारी को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है। समाज सुधार यात्रा के तहत भागलपुर पहुंचे सीएम नीतीश कुमार पटना लौटने के क्रम में पत्रकारों से मुखातिब हुए। इस दौरान पत्रकारों ने विपक्ष द्वारा राष्ट्रपति कैंडिडेट बनाए जाने की अटकलों पर सीएम नीतीश से सवाल पूछ लिया। इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे दिमाग में अभी ये आइडिया भी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि ना मेरे दिमाग में इसका विचार है, ना ही इसकी कल्पना की।

विपक्ष द्वारा साझा उम्मीदवार बनाने की संभावनाओं पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। ना ही ऐसा कोई आइडिया है। वैसे एनडीए में शामिल हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने की पहल का समर्थन किया है। उधर, जदयू नेताओं ने कहा है कि यह बिहार के लिए गौरव की बात होगी। 

चर्चा के मुताबिक प्रशांत किशोर पहले चरण के गैर भाजपा और गैर कांग्रेस दलों को इस मुद्दे पर सहमत करने के प्रयास में हैं। इस सिलसिले में वे तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से सहमति ले ली है। जल्द वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा प्रमुख शरद पवार से मिलने वाले हैं। चर्चा की मानें तो क्षेत्रीय दलों में सहमति बनने पर प्रशांत किशोर का अगला कदम कांग्रेस से सहमति लेने का होगा। इसमें वे सफल हुए तो भाजपा को भी मनाएंगे। इसके पीछे का तर्क है कि नीतीश कुमार के नाम पर सर्वसम्मति बन सकती है।

गौरतलब है कि सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर यह चर्चा छाई रही, मगर प्रशांत किशोर ने न तो इसका खंडन किया और न ही इसकी पुष्टि की है। इससे भी उनकी ओर से की जा रही इस पहल को बल मिलता है। उधर, हम सुप्रीमों और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि कोई भी बड़ा पद हो नीतीश कुमार उसके लायक हैं। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि अभी राष्ट्रपति पद के लिए कोई वेकैंसी नहीं है। वहीं राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘राष्ट्रपति मटेरियल’ के रूप में देखा जा रहा है। नीतीश कुमार की सोच राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का है, इसलिए उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाना सही होगा। 

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि अगले राष्ट्रपति के लिए चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार पर फैसला विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा सामूहिक रूप से लिया जाएगा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर विचार किया जा सकता है, लेकिन केवल तब, जब उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) भाजपा से नाता तोड़ ले। बहरहाल, प्रशांत किशोर ऐसा प्रयास कर रहे हैं तो इसे आकार लेने में वक्त लगेगा। यह बात इतर है कि नीतीश कुमार का कद और उनका व्यक्तित्व ही इस चर्चा को बल देने में अहम भूमिका निभा रहा है। 

एक साथ हो जाओ पंजाबियों, यूपी के, बिहार के, दिल्ली के भइये यहां आकर राज करना चाहते हैं न, उन्हें फटकने नहीं देना है : चन्नी

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की यूपी-बिहार के लोगों पर की गई टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल चन्नी ने पंजाब में प्रियंका गांधी के साथ विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा और आम आदमी पार्टी को निशाना बनाते हुए कहा था कि, “यूपी, बिहार, दिल्ली वाले भैया को पंजाब में न आने दें।” चन्नी जब ये बयान दे रहे थे तब प्रियंका भी पास खड़ी थीं। अब जब पंजाब में चुनाव को कुछ ही दिन बचे हैं तो इस बयान को लेकर चन्नी विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं।

  • यूपी और बिहार के लोगों को टारगेट करने वाले बयान पर घिरे चन्नी
  • वायरल वीडियो में उस समय ताली बजाती दिख रही हैं प्रियंका गांधी
  • 15 फरवरी को प्रचार करने पहुंची थीं प्रियंका गांधी
क साथ हो जाओ पंजाबियों, यूपी के, बिहार के, दिल्ली के भइये यहां आकर राज करना चाहते हैं न, उन्हें फटकने नहीं देना है

रूपनगर संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट :

पंजाब के रूपनगर के चुनावी रैली में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा यूपी और बिहार के लोगों के खिलाफ दिए बयान के बाद सियासी घमासान छिड़ गया है। भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी हमलावर हो गई है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सीएम चन्नी के साथ-साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर भी निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट करते हुए कहा कि मंच से पंजाब के मुख्यमंत्री यूपी, बिहार वालों को अपमानित करते हैं और प्रियंका वाड्रा बगल में खड़ी होकर हंस रही हैं। तालियां बजा रही हैं। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या ऐसे कांग्रेस देश और यूपी का विकास करेगी? लोगों को आपस में लड़ाकर? दरअसल, प्रियंका को  पंजाब की बहू बताकर चन्नी रोड शो के दौरान इतना उत्साहित हो गए कि उन्होंने विवादित बयान दे दिया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि पंजाब, पंजाबियों का है इसलिए यूपी और बिहार के के भईये को पंजाब में फटकने नहीं देना है।

चरणजीत सिंह चन्नी के साथ प्रियंका गांधी भी पहुंची थीं। रैली के बाद वे मंच तक आईं। हाथों में माइक लेकर अपनी बातें शुरू कीं। प्रियंका उत्साहित होते हुए बोलीं- समझदारी का इस्तेमाल करो। चुनाव का समय है। लंबी-लंबी बातें नहीं कहनी चाहिए। लेकिन पंजाब के लोगों, बहनों-भाइयों जो आपके सामने है, उसे ठीक से पहचानो। आपमें बहुत विवेक है। समझदारी है। उस समझदारी का इस्तेमाल करो। फिर बोलीं- पंजाब पंजाबियों का है। पंजाब को पंजाबी चलाएंगे। अपनी सरकार बनाओ। यहां कोई नई राजनीति नहीं मिलेगी। ये बाहर से जो आते हैं। आपके पंजाब में उन्हें सिखाइए पंजाबियत क्या है। पंजाब मेरी ससुराल है।

बस प्रियंका के इतना बोलते ही चन्नी और जोश में आ गए और अपने हाथ में माइक  लेकर जोरदार आवाज में बोले- प्रियंका पजाबियों की बहू है। यूपी दे, बिहार दे, दिल्ली दे भईए आके इते राज नई कर दे। यूपी के भइयों को पंजाब में फटकने नहीं देना है। चन्नी के इतना कहते ही जो बोले सो निहाल के नारे लगने लगते हैं। प्रियंका मुस्कुराती रहती हैं और खुद भी नारे लगाना शुरू कर देती हैं।

यूपी-बिहार के भइये…. चन्नी के बोल पर प्रियंका की ताली देख भाजपा भड़की, आपस में लड़ाकर विकास होगा क्या?

सीएम चन्नी के बयान को लेकर भाजपा ने हमला बोला है। पार्टी का कहना है कि चन्नी ने यूपी और बिहार के लोगों का अपमान किया है। कल प्रचार के दौरान चन्नी की टिप्पणी पर प्रियंका गांधी ताली बजाते देखी गईं। भाजपा-AAP ने इस पर जोरदार हमला बोला है।

सीएम चन्नी ने कहा कि एक साथ हो जाओ पंजाबियों। यूपी के, बिहार के, दिल्ली के भइये यहां आकर राज करना चाहते हैं न, उन्हें फटकने नहीं देना है। हाथों के इशारे से चन्नी के यह कहते ही नारे लगने लगे और खुद प्रियंका गांधी हाथ उठाकर ताली बजाने लगीं। आम आदमी पार्टी और भाजपा ने चन्नी के इस बयान और प्रियंका के रिएक्शन पर सवाल उठाए हैं।

पंजाबियों की बहू हैं प्रियंका गांधी… पंजाबन हैं, पंजाबियों की बहू हैं, पूरी ताकत के साथ एक तरफ हो जाओ पंजाबियो… यूपी के, बिहार के, दिल्ली के भइया जो पंजाब में आकर राज करना चाहते हैं उन्हें घुसने नहीं देंगे।सीएम चन्नी

(इसी बयान पर विवाद)

सीएम चन्नी के ‘यूपी, बिहार के भइया को पंजाब में जमने मत दो’ वाली टिप्पणी पर AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक है। किसी भी व्यक्ति या विशेष समुदाय को निशाना बनाकर की गई टिप्पणियों की हम कड़ी निंदा करते हैं। प्रियंका गांधी भी यूपी से ताल्लुक रखती हैं तो वह भी एक ‘भइया’ हुईं।

चन्नी जी, आपने ये जो बिहार, यूपी और दिल्ली के लोगों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है। मैं इसकी निंदा करता हूं। हर पूर्वांचली पंजाब को प्यार करता है लेकिन आपकी इस छोटी सोच के बाद ये सवाल उठता है कि उत्तर प्रदेश में आपकी प्रियंका दीदी कैसे प्रचार करेंगी? कैसे यूपी में वोट मांगेंगी? ये कांग्रेस की वही सोच है कि फूट डालो और राज करो।

भाजपा सांसद मनोज तिवारी

मंगलवार को रोडशो के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा था कि उनका ससुराल पंजाब में है और उन्हें गर्व है कि उनके बच्चों में पंजाब का खून है। सीएम चन्नी ने भी कहा था कि प्रियंका गांधी पंजाब की बहू हैं और पंजाबी हैं।

ये बहुत ही शर्म की बात है। ये पूरा देश एक है। किसी भी व्यक्ति के बारे में, वर्ग के बारे में गलत टिप्पणी करना, हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।सीएम केजरीवाल

(चन्नी के बयान पर)

भाजपा के नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने लिखा, ‘मंच से पंजाब के मुख्यमंत्री यूपी, बिहार वालों को अपमानित करते हैं और प्रियंका वाड्रा बगल में खड़े होकर हंस रही हैं, तालियां बजा रही हैं…ऐसे करेगी कांग्रेस यूपी और देश का विकास? लोगों को आपस में लड़ा कर?’

यूपी-बिहार में भइया कहकर एक दूसरे को सम्मान के साथ संबोधित किया जाता है, लेकिन बाल ठाकरे के समय में कुछ साल पहले मुंबई में यूपी-बिहार के लोगों को ‘भइया’ शब्द कहते हुए एक गाली के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा। बाद में यह दूसरे राज्यों में भी कहा जाने लगा।

चारा घोटाला मामले में लालू यादव दोषी करार, 21 फरवरी को होगा सजा का ऐलान

डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के इस मामले में पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर पर ढोने की कहानी है। यह उस वक्त का देश का पहला मामला माना गया जब बाइक और स्कूटर पर पशुओं को ढोया गया हो। यह पूरा मामला 1990-92 के बीच का है। CBI ने जांच में पाया कि अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़े का अनोखा फॉमूर्ला तैयार किया। 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से कथित तौर पर स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया, ताकि बिहार में अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पैदा की जा सकें। पशुपालन विभाग ने 1990-92 के दौरान 2,35, 250 रुपए में 50 सांड़, 14, 04,825 रुपए में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदीं।

डेमोरेटिक फ्रंट, रांची :

इस वक्त की बड़ी खबर झारखंड की राजधानी रांची से आ रही है, जहां चारा घोटालाके सबसे बड़े यानी डोरंडा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट के फैसले के अनुसार लालू प्रसाद यादव इस मामले में दोषी करार दिये गए हैं। हालांकि अभी इस मामले में सजा का ऐलान होना बाकी है। सूत्रों के अनुसार लालू प्रसाद यादव को इस मामले में कितने साल की सजा होगी या उन्हें बेल मिलेगी, इसको लेकर 21 फरवरी को फैसला होगा।

चारा घोटाले से जुड़ी सबसे बड़ी 139.35 करोड़ रुपए अवैध निकासी के मामले में CBI स्‍पेशल कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आखिरकार आज आ गया। CBI स्‍पेशल कोर्ट ने लालू यादव समेत 75 आरोपियों को दोषी करार दिया है।विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने मामले में छह महिलाओं समेत 24 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। दोषी करार दिए जाने के बाद सजा पर बिंदुवार बहस चल रही है। कोर्ट ने 36 आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है। लालू प्रसाद यादव सहित 39 आरोपियों की सजा पर फैसला 21 फरवरी को आएगा। गौरतलब है कि करोड़ों रुपयों के चारा घोटाले से जुड़े पांच में से चार मामलों में लालू यादव को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है। 

कोर्ट का फैसला आते ही बाहर मौजूद राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई। कई नेता और कार्यकर्ता रोने लगे। सुनवाई और फैसला सुनाए जाते समय लालू यादव की बेटी और सांसद मी‍सा भारती उनके साथ मौजूद रहीं। लालू के साथ इस केस के 98 अन्‍य आरोपियों पर आज फैसला आया है। सीबीआई कोर्ट में जज एसके शशि के फैसले को सुनने के लिए लालू यादव उनके ठीक सीधे बैठे हुए थे। कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई। सबसे पहले एक-एक कर सभी अभियुक्‍तों की हाजिरी लगाई गई। कोर्ट ने इन सभी को फैसले के वक्‍त मौजूद रहने को कहा था। इनमें से ज्‍यादातर आरोपी 75 की उम्र पार कर चुके हैं। बहुचर्चित चारा घोटाला में झारखंड के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी को लेकर आज आने वाले फैसले को सुनने के लिए लालू यादव रविवार को ही पटना से रांची आ गए थे। रांची पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्‍वागत किया। लालू को अब तक करोड़ों रुपयों के चारा घोटाले से जुड़े पांच में से चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका था। पांचवें मामले में आज फैसला आया। लालू को चारा घोटाले के चार मामलों-देवगढ़, चाईबासा, रांची के डोरंडा कोषागार और दुमका मामले में जमानत मिल गई थी। 

लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री रहते 1990 से 95 के बीच बिहार के सरकारी खजाने के पशु चारा के नाम पर 950 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। इसका खुलासा 1996 में हुआ और जांच बढ़ने के साथ लालू प्रसाद पर आंच आ गयी। झारखंड में चारा घोटाले के कुल पांच मुकदमों में लालू प्रसाद यादव अभियुक्त बनाये गये। इनमें से चार मामलों में कोर्ट का फैसला आ चुका है। इन सभी मामलों में अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। चारा घोटाले के सबसे बड़े और पांचवें मामले में आज फैसला आने वाला है। यह केस रांची के डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है। इस मामले में शुरूआत में कुल 170 लोग आरोपी थे जिनमें से 55 आरोपियों की अबतक मौत हो चुकी है। जबकि सात आरोपी इस कांड के सरकारी गवाह बन गए। इस कांड के 6 आरोपी अभी भी कानून की पकड़ से बाहर हैं। आज मामले के 99 आरोपियों पर सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। 

लालू प्रसाद रविवार को ही कोर्ट का फैसला सूनने के लिए रांची पहुंच गए थे। वह स्‍टेट गेस्‍ट हाउस में ठहरे थे जहां मंगलवार की सुबह से ही राजद के तमाम वरिष्‍ठ नेताओं का जमावड़ा लगा था। लालू प्रसाद की बेटी सांसद मीसा भारती भी वहीं उनसे मिलने पहुंचीं थीं जो फैसला सुनाए जाने के समय लगातार उनके साथ रहीं। 

लालू यादव का परिवार और समर्थक लगातार उम्‍मीद जता रहे थे कि सीबीआई कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आएगा। समर्थकों का कहना था कि लालू यादव की बड़ी उम्र और पूरे केस के दौरान सामने आए तथ्‍यों के आधार पर कोर्ट उन्‍हें राहत देगी। लालू के वकीलों का कहना था कि वह बीमार हैं। इसके अलावा उन्‍होंने कभी भी न्‍यायालय के आदेशों या कानूनी प्रक्रिया का उल्‍लंघन नहीं किया है। उम्र, स्‍वास्‍थ्‍य और अन्‍य पहलुओं को ध्‍यान में रखते हुए भरोसा है कि कोर्ट लालू यादव को राहत देगी।

24 लोगों को इस मामले में बरी किया गया है। बरी होने वालों में राजेंद्र पांडेय, साकेत बिहारी लाल, दीनानाथ सहाय, राम सेवक, ऐनल हक, सनाउल हक, मो हुसैन, कलशमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजित सिन्हा,अनिल सिन्हा, अनिता प्रसाद, रमावतार शर्मा, चंचल सिन्हा, रामशंकर सिंह, बसंत सिन्हा, क्रांति सिंह, मधु मेहता शामिल हैं।

विरोध कर रहे छात्रों के समर्थन में उतरे राहुल-प्रियंका और अखिलेश

रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की परीक्षा 2021 परिणाम 14-15 जनवरी को जारी किये गए थे। इन परीक्षाओं में 1 करोड़ 40 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे और नतीजे आने के बाद से ही छात्रों के बीच असंतोष छाया हुआ है। इसके विरोध में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध बिहार, उत्तर प्रदेश और देश के कई अन्य हिस्सों में छात्रों द्वारा किया जा रहा है। मंगलवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने कई स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया, कई घंटे तक रेलों को बाधित किया। बुधवार को बिहार के गया और आरा में छात्रों ने ट्रेन की बोगियों में आग भी लगा दी।

डेमोक्रेटिक फ्रंट(ब्यूरो) पटना :

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी बुधवार को रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा 2021 के परिणाम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समर्थन में सामने आए औक उन्होंने गिरफ्तार छात्रों की रिहाई की मांग की।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘छात्रों, आप देश की व अपने परिवार की उम्मीद हैं। भाजपा सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़, सत्य के पक्ष में मैं आपके साथ हूं और रहूंगा, लेकिन हिंसा हमारा रास्ता नहीं है। अहिंसक विरोध से स्वतंत्रता ले सकते हैं तो अपना अधिकार क्यों नहीं?’’

राहुल गांधी ने बिहार में एक ट्रेन रोककर राष्ट्रगान गा रहे युवाओं का एक वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘‘अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने को हर नौजवान स्वतंत्र है, जो भूल गए हैं, उन्हें याद दिला दो कि भारत लोकतंत्र है, गणतंत्र था, गणतंत्र है!’’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘रेलवे, एनटीपीसी व ग्रुप डी परीक्षा से जुड़े युवाओं पर दमन की जितनी निंदा की जाए, कम है। सरकार दोनों परीक्षाओं से जुड़े युवाओं से तुरंत बात करके उनकी समस्याओं का हल निकाले। छात्रों के हॉस्टलों में घुसकर तोड़फोड़ और सर्च की कार्रवाई पर रोक लगाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ गिरफ्तार किए गए छात्रों को रिहा किया जाए। विरोध- प्रदर्शन करने के चलते उनको नौकरी से प्रतिबंधित करने वाला आदेश वापस लिया जाए। प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं से मेरी अपील है कि सत्याग्रह में बहुत ताकत होती है। शांतिपूर्ण ढंग से सत्याग्रह के मार्ग पर चलते रहिए।’’

भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार रोजगार मांगने वाले युवाओं पर अत्याचार कर रही है।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘देश के संविधान ने हर नागरिक को विरोध करने का अधिकार दिया है, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार में युवाओं के साथ जो बर्बरता की गई है, वो सिर्फ जंगलराज में संभव है। सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि वह युवाओं की आवाज नहीं दबा सकती। उसे झुकना होगा।’’

रेलवे ने अपनी भर्ती परीक्षाओं की चयन प्रक्रिया को लेकर परीक्षार्थियों के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणी (एनटीपीसी) और लेवल-1 की परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी।

प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे ने एक उच्च स्तरीय समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी।

चयन प्रक्रिया को लेकर बिहार के कई स्थानों पर युवाओं ने विरोध- प्रदर्शन किया और कई ट्रेनों को रोका। इस दौरान पुलिस ने भी बल प्रयोग किया।

वहीं इस मामले पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी छात्रों के समर्थन में आए हैं। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में अपने रोजगार के लिए हक की आवाज बुलंद करने वाले बेगुनाह छात्रों पर पुलिस द्वारा हिंसक प्रहार शर्मनाक और घोर निंदनीय है। बीजेपी सरकार में छात्रों के साथ जो दुर्व्यवहार हुआ है, वो बीजेपी के ऐतिहासिक पतन का कारण बनेगा। सपा संघर्षशील छात्रों के साथ है।

दरअसल रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की परीक्षा 2021 परिणाम 14-15 जनवरी को जारी किये गए थे। इन परीक्षाओं में 1 करोड़ 40 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे और नतीजे आने के बाद से ही छात्रों के बीच असंतोष छाया हुआ है। इसके विरोध में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध बिहार, उत्तर प्रदेश और देश के कई अन्य हिस्सों में छात्रों द्वारा किया जा रहा है। मंगलवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने कई स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया, कई घंटे तक रेलों को बाधित किया। बुधवार को बिहार के गया और आरा में छात्रों ने ट्रेन की बोगियों में आग भी लगा दी।

फिलहाल इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए रेल मंत्रालय ने एक समिति गठित की है जो परीक्षा में पास हुए और फेल किए गए छात्रों की बातों को सुनेगी और इसकी रिपोर्ट तीन सप्ताह में रेल मंत्रालय को सौंपेगी। उसके बाद रेल मंत्रालय आगे का निर्णय लेगा। छात्रों के विरोध के मद्देनजर फिलहाल रेलवे की आगामी परीक्षाओं पर रेल मंत्रालय ने रोक लगा दी है।

PMRBP: प्रधान मंत्री मोदी ने इस साल 29 बच्चों को किया सम्मानित

सरकार ने इस साल 29 बच्‍चों को राष्‍ट्रीय बाल पुरस्‍कार 2022 के लिए चुना है। इस साल विजेताओं को डिजिटल सर्टिफिकेट्स दिए गए हैं हर साल प्रधानमंत्री यह पुरस्‍कार पाने वाले बच्‍चों से नई दिल्‍ली में मिलते हैं मगर कोरोना की वजह से इस बार ऐसा नहीं हो पाया इन बच्‍चों के साथ उनके माता-पिता और संबंधित जिलों के डीएम भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाल पुरस्कार के विजेताओं से कहा आज हमें गर्व का होता है, जब हम भारत के युवाओं को नवाचार करते और देश को आगे ले जाते हुए देखते हैं। नेताजी से हमें जो राष्ट्रप्रथम की प्रेरणा मिलती है, उससे आपको देश के लिए अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ना है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट(ब्यूरो) नयी दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ (PMRBP) का वितरण किया. इस दौरान पीएम मोदी ने बच्चों को डिजिटल सर्टिफिकेट और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए पुरस्कार राशि सौंपी. बता दें कि इन पुरस्कारों के लिए इस साल देशभर से 29 बच्‍चों को अलग-अलग कैटिगरीज में चुना गया है. इन 29 बच्‍चों की लिस्‍ट कुछ इस प्रकार है-

कैटिगरी                            जगह का नाम             बच्चों का नाम

कला एवं संस्कृति                   अजमेर                कुमारी गौरी माहेश्वरी
                                          बैंगलुरु                 सईद फतीन अहमद
                                         कर्नाटक                 रिमोना ईवेट परेरा 
                                       ईस्ट इंफाल              दौलस लेम्बा मायूम 
                                         मल्लापुर                    देवी प्रसाद
                                   शिवसागर, असम           धृतिश्मान चक्रवर्ती
वीरता                              श्रीकाकुलम                 गुरुगु हिमाप्रिया 
                                         जलगांव                    शिवांगी काले
                                    पश्चिमी चंपारण                धीरज कुमार
नवाचार                            विरुधुनगर                     विशालिनी
                                          पुणे                    जुई अभिजीत केसकर
                                  ऊधम सिंह नगर                शिवम रावत
                                  नवरंग ओडिसा                  बनिता दास
                                   पश्चिमी त्रिपुरा                  पुहाबी चक्रवर्ती
                            चेंगलपट्टू तमिलनाडु               अश्वथा बीजू
                                       सिरसा                        तनिश सेठी
शैक्षिक उपलब्धि                 इंदौर                          अवि शर्मा
समाज सेवा                      करनाल                      आकर्ष कौशल
                                      जालंधर                    मेधांश कुमार गुप्ता
                                    मुरादाबाद                अभिनव कुमार चौधरी
                                   सारण बिहार                     पल साक्षी
खेल                                मुंबई                             जिया राय  
                                   हैदराबाद                     तेलुकुंटा विराट चंद्र
                          मंडी, हिमाचल प्रदेश                  श्रिया लोहिया
                                     सूरत                      अन्वी विजय झांझरुकिया

इस कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी मौजूद थीं। केंद्रीय मंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जिन बच्चों को सम्मानित किया गया है, उनका जिक्र किया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के चंद्राय सिंह चौधरी के बारे में शेयर करते हुए लिखा, “सिर्फ 13 वर्ष की आयु में चंद्राय सिंह ने अपना नाम एशिया बुक और गिनीज़ बुक में दर्ज करवाया है। रोलर स्केटिंग खेल में 48 घंटे चलने वाला प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले चंद्राय को खेल के क्षेत्र में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया है।”

हरियाणा के आकर्ष कौशल के बारे में स्मृति ईरानी कहती हैं कि वह एक प्रतिभावान नवाचारी हैं। कोरोना से निपटने में सहायतार्थ उन्होंने MIS RTPCR पोर्टल और बेड की उपलब्धता के लिए एक डैशबोर्ड का विकास किया, जो काफी उपयोगी सिद्ध हुआ। उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया है।

केंद्रीय मंत्री बिहार के पाल साक्षी के बारे में लिखती हैं कि उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में मिसाल कायम की है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ‘PM CARES Fund’ में अपने योगदान के लिए पाल ने ऑनलाइन म्यूजिकल चैरिटी शो का आयोजन किया। उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया है।

उन्होंने आगे लिखा, “5 वर्षीय धृतिश्मन चक्रवर्ती ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2021 हासिल कर सबसे कम उम्र के बहुभाषी गायक के रूप में मिसाल कायम की है। वह संस्कृत सहित 5 भाषाओं में गा सकते हैं। धृतिश्मन को कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया है।”

मीधानश गुप्ता के बारे में स्मृति ईरानी लिखती हैं। पंजाब के 11 वर्षीय मीधानश गुप्ता को समाज सेवा के क्षेत्र में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्होंने एक वेब पोर्टल बनाया है, जो एक ही मंच पर सभी कोविड-19 संबंधित जानकारी प्रदान करता है। उनके वेब-प्लेटफॉर्म देश भर में लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

याद अरवा दें दें कि इस वर्ष विभिन्न श्रेणियों के तहत देश भर से 29 बच्चों को PMRBP-2022 के लिए चुना गया है। पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लेते हैं। पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है।

मैनगुड़ी में बीकानेर एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई है, हादसे में कई लोगों के घायल होने की खबर है

हादसे के शिकार लोगों को ट्रेन की बोगियों से निकालने के बाद स्थानीय अस्पताल भेजा जा रहा है। इस हादसे में कई जख्मी हो गए हैं। राहत-बचाव कार्य जारी है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और राहत बचाव कार्य में जुट गए। जो तस्वीरें आई है उसमें लोगों को निकाला जा रहा है। इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। हेल्पलाइन नंबर जारी- 8134054999

नयी दिल्ली/ पटन :

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी से बड़ी खबर सामने आई है। यहां मैनगुड़ी में बीकानेर एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतर गई है। हादसे में कई लोगों के घायल होने की खबर मिली है। घायलों को बचाने के लिए रेस्क्यू आपरेशन चलाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार ट्रेन बिहार की राजधानी पटना से असम के गुवाहाटी जा रही थी। तभी मैनागुड़ी पार करते समय यह हादसा हुआ। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और रेलवे विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और राहत व बचाव कार्य शुरू कराया।  हादसे के शिकार लोगों को ट्रेन की बोगियों से निकालने के बाद स्थानीय अस्पताल भेजा जा रहा है। इस हादसे में 3 लोगों की मौत होने की खबर आ रही है।

बीकानेर से गुवाहाटी इस ट्रेन के मैनागुड़ी पार करते समय यह हादसा हुआ। हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे के संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंच गए और राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। जलपाईगुड़ी की जिला मजिस्ट्रेट मोमिता गोडाला बसु के मुताबिक हादसे में कम से कम 3 लोगों की मौत हुई है और 20 लोग घायल हुए हैं. हादसे में घायल हुए लोगों को बोगियों से निकालकर प्राथमिक उपचार के बाद जरूरत के मुताबिक नजदीकी अस्पताल भेजा जा रहा है।

महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के बाद हरियाणा और यूपी में रात्रि कर्फ्यू

शोधकर्ताओं ने संभावित तीसरी लहर की भविष्यवाणी के लिए भारत में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों और अलग-अलग देशों में ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों का भी इस्तेमाल किया है। रिसर्च करने वाली टीम में आईआईटी कानपुर की गणित और सांख्यिकी विभाग के सबरा प्रसाद राजेशभाई, सुभरा शंकर धर और शलभ शामिल थे। MedRxiv में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर के रुझानों के बाद आईआईटी कानपुर के प्रोजेक्ट में कहा गया कि भारत में तीसरी लहर दिसंबर के मध्य में शुरू हो सकती है और ये फरवरी की शुरुआत में चरम पर होगी। बता दें कि शोधकर्ताओं ने तीसरी लहर की भविष्यवाणी करने के लिए गौसियन मिक्सचर मॉडल नाम के सांख्यिकीय उपकरण का इस्तेमाल किया था। गौरतलब है कि गुरुवार को पीएम मोदी ने कोविड-19 संक्रमण को लेकर एक समीक्षा बैठक की थी। केंद्र की इस बैठक में कोविड टास्क फोर्स के सदस्य भी शामिल हुए थे। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यों को पत्र लिखा गया है जिसमें संक्रमण से बचने के लिए सख्ती लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम पंचकुला :

देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के प्रसार को देखते हुए हरियाणा सरकार ने पाबंदियों का ऐलान किया है। राज्य में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया गया है तो सार्वजनिक स्थानों पर 200 से अधिक लोगों के जुटने पर रोक लगा दी गई है। हरियाणा से पहले मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे बीजेपी शासित राज्यों ने भी नाइट कर्फ्यू की घोषणा कर दी है।

राज्य में कोरोना से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा बैठक के बाद खट्टर ने कहा, ”राज्य में ओमिक्रॉन केसों के बढ़ने की संभावना को देखते हुए और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए 1 जनवरी 2022 से सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों में प्रवेश के लिए वैक्सीन की दोनों खुराक को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों पर 200 से अधिक लोगों के एकत्रित होने और रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक गाडियों की आवाजाही को सख्ती से बैन कर दिया गया है।”

खट्टर ने कहा, ”ओमिक्रॉन के प्रभाव को रोकने के लिए जरूरी है कि लोगों को और अधिक जागरूक बनाया जाए। सभी को टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। कोविड के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग को तैयारी पूरी कर लेनी चाहिए। 23 दिसंबर को दो लाख से अधिक लोगों को कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक मिली। इसके अलावा हर दिन 30 से 32 हजार मरीजों की जांच की जा रही है और जो पॉजिटिव पाए जा रहे हैं उनकी जीनोम स्वीकेंसिंग कराई जा रही है।”

हरियाणा सरकार ने लोगों को क्रिसमस का त्यौहार और नए साल का जश्न मनाने की छूट देते हुए 1 जनवरी से नाइट कर्फ्यू लागू करने के आदेश दिए हैं। हरियाणा सरकार के रात्रि कर्फ्यू के दौरान रात 11 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक आवागमन पूरी तरह से बंद रहेगा। इसके साथ ही 1 जनवरी से हरियाणा के सराकरी संस्थानों में एंट्री करने के लिए वैक्सीनेशन की दोनो डोज को अनिवार्य बना दिया गया है।

हरियाणा और गुजरात से पहले यूपी सरकार की तरफ से राज्य में नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया गया है। सरकार की  तरफ से जारी आदेश में 25 दिसंबर से रात्रि 11 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।  वहीं शादी-विवाह आदि सार्वजनिक आयोजनों में कोविड प्रोटोकॉल के साथ अधिकतम 200 लोगों के भागीदारी की अनुमति दी गई है। आयोजनकर्ता इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को देंगे।

मध्य प्रदेश सरकार ने भी तीसरी लहर की आशंका के चलते राज्य में नाइट कर्फ्यू को लागू कर दिया है। कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक जारी रहेगा. सरकार की तरफ से कोरोना संक्रमण से बचने के लिए नई गाइडलाइंस भी जारी की गई है। नए आदेश के बाद सभी सिनेमाहॉल, मल्टीप्लेक्स, थियेटर, जिम, कोचिंग सेंटर, क्लब और स्टेडियम में 18 साल से अधिक उम्र के सिर्फ वो ही लोग प्रवेश पा सकेंगे जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। सभी विभागाध्यक्षों, ऑफिस हेड को ये देखना होगा कि उनके स्टाफ ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवायीं या नहीं। अगर नहीं लगवायीं तो उन्हें ऐसा करने के प्रेरित करें।

गौरतलब है कि गुरुवार को पीएम मोदी ने कोविड-19 संक्रमण को लेकर एक समीक्षा बैठक की थी। केंद्र की इस बैठक में कोविड टास्क फोर्स के सदस्य भी शामिल हुए थे। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यों को पत्र लिखा गया है जिसमें संक्रमण से बचने के लिए सख्ती लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

पंजाब में श्रीमद्भगवद्गीता के अपमान पर किसी को चांटा त नहीं पड़ा

पंजाब में श्रीमद्भगवद्गीता के अपमान का मामला प्रकाश में आया है। बीते दिनों अमृतसर के स्वर्ण मंदिर और कपूरथला के निजामपुर गुरुद्वारे में बेअदबी के इल्जाम में सिख भीड़ ने दो युवकों को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था। जहाँ दरबार साहिब में हुई घटना में हत्या की निंदा करने की जगह तमाम नेता सिर्फ ‘बेअदबी’ की ही निंदा कर रहे हैं। किसी में इतना साहस नहीं कि मॉब लिंचिंग की आलोचना कर सके। वहीं, कपूरथला में तो एक बेचारा मानसिक रूप से विक्षिप युवक, जो भूखा था और रोटी की तलाश में गुरुद्वारा चला गया था, किन्तु उस पर ‘निशान साहिब’ की बेअदबी का इल्जाम लगा कर मार डाला गया। हालाँकि, सिख भीड़ ने इसकी परवाह न तो ‘किसान आंदोलन’ के दौरान दलित लखबीर सिंह के शरीर के टुकड़े करने में की, न ही स्वर्ण मंदिर में घुसे युवक की उँगलियाँ तोड़ कर उसकी हत्या करने में और न ही एक बीमार युवक पर झूठा आरोप लगा कर कपूरथला में उसके मॉब लिंचिंग के दौरान। इन सब में कॉमन ये है कि ऐसा करने वालों को पछतावा नहीं और वो कहते हैं कि ‘बेअदबी’ होगी तो फिर ऐसा करेंगे।

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम (ब्यूरो) चंडीगढ़ :

श्रीमद्भगवद्गीता के अपमान की खबर के बाद इस तरह की कोई घटना नहीं है। ऐसा नहीं है कि पंजाब में हिन्दू नहीं रहते हैं या हिन्दू संगठन सक्रिय नहीं हैं, लेकिन हिन्दू समाज सहिष्णु है। ताज़ा घटना लुधियाना की है, जहाँ मंगलवार (21 दिसंबर, 2021) को पुलिस कमिश्नर कार्यालय के समक्ष हिन्दू हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ कटी-फटी अवस्था में मिले। ‘शिव सेना पंजाब’ के कार्यकर्ताओं ने इसे पुलिस को सौंपा और साथ ही इस मामले में जाँच की माँग की।

पुलिस कमिश्नर कार्यालय के सामने एक ‘शिव ढाबा’ है, जहाँ पर एक शिव मंदिर भी है। वहीं एक पीपल के पेड़ के नीचे श्रीमद्भगवद्गीता और गरुड़ पुराण की पुस्तकें पड़ी हुई थीं। हिन्दू कार्यकर्ताओं ने इन्हें उठा कर पुलिस को सौंपा। इससे पहले फोकल पॉइंट क्षेत्र में गोहत्या की बात भी सामने आई थी। हिन्दू संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बावजूद पुलिस किसी को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है। हाँ, मॉब लिंचिंग क्या इसी को चाँटा तक मारने का आरोप हिन्दुओं पर नहीं लगा।

हिन्दू संगठनों ने ऐलान किया है कि पुलिस अगर कार्रवाई करने में सक्षम नहीं होती है तो वो इसके लिए संघर्ष करेंगे। अब हिन्दू ग्रंथों के अपमान के मामले में सीसीटीवी फुटेज चेक कर के कार्रवाई की जाएगी। सिख भीड़ की मॉब लिंचिंग को जायज ठहरा रहे लोग पूरे भारत और हिन्दू समाज को असहिष्णु बताने लगते और अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों में लेख आने लगते, अगर हिन्दुओं ने गुस्से में आकर किसी को एक थप्पड़ भी लगा दिया होता। लोगों को भारत में रहने और हिन्दू समाज में जन्म होने पर शर्म आने लगती।

ये हाल में इस तरह की कोई पहली घटना नहीं है। इसी तरह जुलाई 2021 में अहमदगढ़ के सरौंद के मालेरकोटला मार्ग पर शिवलिंग के साथ छेड़छाड़ किए जाने की खबर सामने आई थी। हिन्दुओं ने बस आक्रोश भर जताया। पुलिस ने घटनास्थल का दौरा कर के इतिश्री कर ली। अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज हुई, बस। हिन्दू भी भूख हड़ताल कर के संघर्ष करते रहे। कोई मॉब लिंचिंग नहीं हुई। शिवलिंग के साथ तोड़फोड़ हुई, लेकिन हिन्दुओं ने किसी को छुआ तक नहीं। क्योंकि हिन्दू सहिष्णु होते हैं।

पंजाब के कॉन्ग्रेस पार्षद सुखराज औलख ने अगस्त 2021 में यज्ञ, व जाप के अलावा ब्राह्मण समाज व महिलाओं पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी कर डाली। हिन्दुओं की भीड़ ने मॉब लिंचिंग नहीं, सड़कों पर कीर्तन कर के अपना विरोध जताया। उनके बॉयकॉट की माँग की गई। कॉन्ग्रेस पार्टी का विरोध हुआ। सब कुछ लोकतांत्रिक तरीके से। हिन्दुओं को पता है कि जब झूठे मामले बना कर उन्हें सांप्रदायिक रंग देकर दुनिया भर में उन्हें रोज बदनाम किया जाता है, तो फिर किसी दिन कोई गलती हो भी गई तो नैरेटिव बनाने वाला गिरोह क्या कर सकता है।

हालाँकि, सिख भीड़ ने इसकी परवाह न तो ‘किसान आंदोलन’ के दौरान दलित लखबीर सिंह के शरीर के टुकड़े करने में की, न ही स्वर्ण मंदिर में घुसे युवक की उँगलियाँ तोड़ कर उसकी हत्या करने में और न ही एक बीमार युवक पर झूठा आरोप लगा कर कपूरथला में उसके मॉब लिंचिंग के दौरान। इन सब में कॉमन ये है कि ऐसा करने वालों को पछतावा नहीं और वो कहते हैं कि ‘बेअदबी’ होगी तो फिर ऐसा करेंगे। उन्हें गिरोह विशेष का भय नहीं। नैरेटिव बनाने वाला गिरोह सिख भीड़ के साथ है।

300 वर्ष आयु के श्री तैलंग स्वामी…..

महान् हठयोगी तैलंग स्वामी का जन्म विशाखापट्टनम् के खोलिया नामक गाँव में हुआ था। बचपन से ही इनका झुकाव वैराग्य की ओर था, लेकिन माता के आग्रह पर उन्होंने विवाह कर लिया। 48 वर्ष की अवस्था में माँ के निधन के पश्चात् पुनः इनका झुकाव वैराग्य की ओर हुआ। श्मशान के जिस स्थान पर माँ की क्रिया हुई थी, वहीं ये रहने लगे। परिवारवालों ने इनके लिए वहीं एक कुटिया बनवा दी एवं ये वहीं साधना करने लगे। लगभग 70 वर्ष की उम्र में भागीरथ नाम एक योगीराज इनके पास आए एवं इनको अपने साथ भ्रमण के लिए ले गए। अब इनका नाम दीक्षा के पश्चात् त्रैलंग स्वामी हुआ। साधना के द्वारा इनको ऋद्धियाँ-सिद्धियाँ प्राप्त हुईं।

त्रैलंग स्वामी (1607-1887)

धर्म संस्कृति डेस्क, चंडीगढ़ :

वाराणसी की गलियों में एक दिगम्बर योगी घूमता रहता है गृहस्थ लोग उसके नग्न वेश पर आपत्ति करते हैं फिर भी पुलिस उसे पकड़ती नहीं वाराणसी पुलिस की इस तरह की तीव्र आलोचनाएं हो रही थीं आखिर वारंट निकालकर उस नंगे घूमने वाले साधू को जेल में बंद करने का आदेश दिया गया।

पुलिस के आठ-दस जवानों ने पता लगाया, मालूम हुआ वह योगी इस समय मणिकर्णिका घाट पर बैठा हुआ है। जेष्ठ की चिलचिलाती दोपहरी जब कि घर से बाहर निकलना भी कठिन होता है एक योगी को मणिकर्णिका घाट के एक जलते तवे की भाँति गर्म पत्थर पर बैठे देख पुलिस पहले तो सकपकायी पर आखिर पकड़ना तो था ही वे आगे बढ़े। योगी पुलिस वालों को देखकर ऐसे मुस्करा रहा था मानों वह उनकी सारी चाल समझ रहा हो। साथ ही वह कुछ इस प्रकार निश्चिन्त बैठे हुये थे मानों वह वाराणसी के ब्रह्मा हों किसी से भी उन्हें भय न हो। मामूली कानूनी अधिकार पाकर पुलिस का दरोगा जब किसी से नहीं डरता तो अनेक सिद्धियों सामर्थ्यों का स्वामी योगी भला किसी से भय क्यों खाने लगा तो भी उन्हें बालकों जैसी क्रीड़ा का आनन्द लेने का मन तो करता ही है यों कहिए आनंद की प्राप्ति जीवन का लक्ष्य है बाल सुलभ सरलता और क्रीड़ा द्वारा ऐसे ही आनंद के लिए “श्री तैलंग स्वामी” नामक योगी भी इच्छुक रहे हों तो क्या आश्चर्य ?

पुलिस मुश्किल से दो गज पर थी कि तैलंग स्वामी उठ खड़े हुए ओर वहाँ से गंगा जी की तरफ भागे। पुलिस वालों ने पीछा किया। स्वामी जी गंगा में कूद गये पुलिस के जवान बेचारे वर्दी भीगने के डर से कूदे तो नहीं, हाँ चारों तरफ से घेरा डाल दिया कभी तो निकलेगा साधु का बच्चा- लेकिन एक घंटा, दो घंटा, तीन घंटा-सूर्य भगवान् सिर के ऊपर थे अब अस्ताचलगामी हो चले किन्तु स्वामी जी प्रकट न हुए कहते हैं उन्होंने जल के अंदर ही समाधि ले ली। उसके लिये उन्होंने एक बहुत बड़ी शिला पानी के अंदर फेंक रखी थी और यह जन श्रुति थी कि तैलंग स्वामी पानी में डुबकी लगा जाने के बाद उसी शिला पर घंटों समाधि लगायें जल के भीतर ही बैठे रहते हैं।

उनको किसी ने कुछ खाते पीते नहीं देखा तथापि उनकी आयु 300 वर्ष की बताई जाती है। वाराणसी में घर-घर में तैलंग स्वामी की अद्भुत कहानियां आज भी प्रचलित हैं। निराहार रहने पर भी प्रतिवर्ष उनका वजन एक पौण्ड बढ़ जाता था। 300 पौंड वजन था उनका जिस समय पुलिस उन्हें पकड़ने गई इतना स्थूल शरीर होने पर भी पुलिस उन्हें पकड़ न सकी। आखिर जब रात हो चली तो सिपाहियों ने सोचा डूब गया इसीलिये वे दूसरा प्रबन्ध करने के लिए थाने लौट गये इस बीच अन्य लोग बराबर तमाशा देखते रहे पर तैलंग स्वामी पानी के बाहर नहीं निकले।

प्रातः काल पुलिस फिर वहाँ पहुँची। स्वामी जी इस तरह मुस्करा रहे थे मानों उनके जीवन में सिवाय मुस्कान और आनंद के और कुछ हो ही नहीं, शक्ति तो आखिर शक्ति ही है संसार में उसी का ही तो आनंद है। योग द्वारा सम्पादित शक्तियों का स्वामी जी रसास्वादन कर रहे हैं तो आश्चर्य क्या। इस बार भी जैसे ही पुलिस पास पहुँची स्वामी फिर गंगा जी की ओर भागे और उस पार जा रही नाव के मल्ला को पुकारते हुए पानी में कूद पड़े। लोगों को आशा थी कि स्वामी जी कल की तरह आज भी पानी के अंदर छुपेंगे और जिस प्रकार मेढ़क मिट्टी के अंदर और उत्तराखण्ड के रीछ बर्फ के नीचे दबे बिना श्वाँस के पड़े रहते हैं उसी प्रकार स्वामी जी भी पानी के अंदर समाधि ले लेंगे किन्तु यह क्या जिस प्रकार से वायुयान दोनों पंखों की मदद से इतने सारे भार को हवा में संतुलित कर तैरता चला जाता है उसी प्रकार तैलंग स्वामी पानी में इस प्रकार दौड़ते हुए भागे मानों वह जमीन पर दौड़ रहे हों । नाव उस पार नहीं पहुँच पाई स्वामी जी पहुँच गये। पुलिस खड़ी देखती रह गई।

स्वामी जी ने सोचा होगा कि पुलिस बहुत परेशान हो गई तब तो वह एक दिन पुनः मणिकर्णिका घाट पर प्रकट हुए और अपने आपको पुलिस के हवाले कर दिया। हनुमान जी ने मेघनाथ के सारे अस्त्र काट डाले किन्तु जब उसने ब्रह्म-पाश फेंका तो वे प्रसन्नता पूर्वक बँध गये। लगता है श्री तैलंग स्वामी भी सामाजिक नियमोपनियमों की

अवहेलना नहीं करना चाहते थे पर यह प्रदर्शित करना आवश्यक भी था कि योग और अध्यात्म की शक्ति भौतिक शक्तियों से बहुत आगे चढ़-बढ़ कर है तभी तो वे दो बार पुलिस को छकाने के बाद इस प्रकार चुपचाप ऐसे बैठे रहे मानों उनको कुछ पता ही न हो। हथकड़ी डालकर पुलिस तैलंग स्वामी को पकड़ ले गई और हवालात में बंद कर दिया। इन्सपेक्टर पूरी रात गहरी नींद सोया क्योंकि उसे स्वामी जी की गिरफ्तारी की सफलता लग रही थी।

प्रस्तुत घटना “मिस्ट्रीज आँ इंडिया इट्स योगीज” नामक लुई-द-कार्टा लिखित पुस्तक से अधिकृत की जा रही है। कार्टा नामक फ्राँसीसी पर्यटक ने भारत में ऐसी विलक्षण बातों की सारे देश में घूम-घूम कर खोज की। प्रसिद्ध योगी स्वामी योगानंद ने भी उक्त घटना का वर्णन अपनी पुस्तक “आटो बाई ग्राफी आँ योगी” के 31 वे परिच्छेद में किया है।

प्रातः काल ठंडी हवा बह रही थी थानेदार जी हवालात की तरफ आगे बढ़े तो पसीने में डूब गया- जब उन्होंने योगी तैलंग को हवालात की छत पर मजे से टहलते और वायु सेवन करते देखा। हवालात के दरवाजे बंद थे, ताला भी लग रखा था। फिर यह योगी छत पर कैसे पहुँच गया ? अवश्य ही संतरी की बदमाशी होगी। उन बेचारे संतरियों ने बहुतेरा कहा कि हवालात का दरवाजा एक क्षण को खुला नहीं फिर पता नहीं साधु महोदय छत पर कैसे पहुँच गये। वे इसे योग की महिमा मान रहे थे पर इन्सपेक्टर उसके लिए बिलकुल तैयार नहीं था आखिर योगी को फिर हवालात में बंद किया गया। रात दरवाजे में लगे ताले को सील किया गया चारों तरफ गहरा पहरा लगा और ताला लगाकर थानेदार थाने में ही सोया। सवेरे बड़ी जल्दी कैदी की हालत देखने उठे तो फिर शरीर में काटो तो खून नहीं। सील बंद ताला बाकायदा बंद। सन्तरी पहरा भी दे रहे उस पर भी तैलंग स्वामी छत पर बैठे प्राणायाम का अभ्यास कर रहे। थानेदार की आँखें खुली की खुली रह गईं उसने तैलंग स्वामी को आखिर छोड़ ही दिया।

श्री तैलंग स्वामी के बारे में कहा जाता है कि जिस प्रकार जलते हुये तेज कड़ाहे में खौल रहे तेल में पानी के छींटे डाले जाएं तो तेल की ऊष्मा बनाकर पलक मारते दूर उड़ा देती है। उसी प्रकार विष खाते समय एक बार आँखें जैसी झपकती पर न जाने कैसी आग उनके भीतर थी कि विष का प्रभाव कुछ ही देर में पता नहीं चलता कहाँ चला गया। एक बार एक आदमी को शैतानी सूझी चूने के पानी को ले जाकर स्वामी जी के सम्मुख रख दिया और कहा महात्मन् ! आपके लिए बढ़िया दूध लाया हूँ स्वामी जी उठाकर पी गये उस चूने के पानी को, और अभी कुछ ही क्षण हुये थे कि वो कराहने और चिल्लाने लगा वह आदमी जिसने चूने का पानी पिलाया था। स्वामी जी के पैरों में गिरा, क्षमा याचना की तब कहीं जाकर पेट की जलन समाप्त हुई। उन्होंने कहा भाई मेरा कसूर नहीं है यह तो न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया अवश्य होती है। उसकी दिशा उलटी और ठीक क्रिया की ताकत कितनी होती है।

मनुष्य शरीर एक यंत्र, प्राण उसकी ऊर्जा, ईंधन आदि शक्ति, मन इंजन और ड्राइवर चाहे जिस प्रकार के अद्भुत कार्य लिए जा सकते हैं इस शरीर से भौतिक विज्ञान से भी अद्भुत पर यह सब शक्तियाँ और सामर्थ्य योग विद्या, योग साधना में सन्निहित हैं जिन्हें अधिकारी पात्र ही पाते है और आनन्द लाभ प्राप्त करते हैं।

तेजस्वी यादव ने अपनी बचपन की क्रिश्चियन दोस्त रिचेल गोडिन्हो से शादी कर ली, मामा नाराज़

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गुरुवार को बड़े गोपनीय ढंग से अपनी पुरानी दोस्त के साथ दिल्ली में शादी की। तेजस्वी की शादी को लेकर लोगों ने बधाई दी, मामा साधु यादव इससे खासे नाराज हैं। साधु यादव ने कहा है कि लालू यादव दूसरे को भकचोन्हर कहते हैं, लेकिन सबसे बड़ा भोकचोन्हर तो तेजस्वी यादव है। उसकी दूसरे धर्म में शादी से परिवार ही नहीं, पूरा समाज कलंकित हुआ है। क्‍या उसे अपने समाज में लड़की नहीं मिली? अब तेजस्‍वी यादव बिहार का मुख्‍यमंत्री बनने का सपना छोड़ दें।

राजविरेन्द्र वसिष्ठ, चंडीगढ़/नयी दिल्ली :

राजद नेता और बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव की हरियाणा की रहने वाली रेचल के साथ शादी सुर्खियों में है। इस शादी से पहले सबसे ज्यादा चर्चा रेचल के क्रिश्चियन होने को लेकर थी, लेकिन अब एक और बात सामने आ रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बचपन की दोस्त से शादी करने के लिए तेजस्वी को उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मनाना पड़ा। रेचल ने शादी से पहले क्रिश्चियन धर्म छोड़कर हिंदू धर्म को कबूल किया है। इसके चलते उनका नाम भी बदल गया है। लालू परिवार में शामिल होने से पहले ही वे रेचल से राजेश्वरी यादव हो गई थीं। हालांकि इस बारे में लालू परिवार के किसी भी सदस्य ने अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

रिपोर्ट के मुताबिक, साधू यादव का कहना है कि आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने बिहार पर 21 फीसदी यादवों के बल पर राज किया था। लेकिन, अब यादव समाज इनका विरोध करेगा। उन्होंने ये भी कहा कि लालू अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को भकचोंहर कहते हैं, लेकिन ये तो सबसे बड़ा भकचोंहर है। उन्होंने ये भी कहा कि हम सभी ने मिलकर आरजेडी को खड़ा किया है, लेकिन अगर ये लोग इसे बर्बाद करने की कोशिश करेंगे तो हम उसमें ताला लगा देंगे।

साधू यादव के मुताबिक, बिहार का जो यादव समाज है वो लालू परिवार को अपना नेता मानता है। तेजस्वी के इस कार्य से यादवों का सपना टूट गया है। एक क्रिश्चियन लड़की से शादी करने के बाद अब तेजस्वी यादव से क्रिश्चियन बन चुके हैं। इसलिए मुख्यमंत्री बनने का सपना तो छोड़ ही दें।

अपने जीजा लालू प्रसाद यादव के संस्कार पर सवाल उठाते साधू यादव ने कहा कि वो (तेजस्वी) एक ईसाई लड़की के साथ 8 साल से रिलेशन में था और समाज और बिहार को ठगने का काम कर रहा था। लालू ने अपने बच्चों को संस्कार नहीं दिया, जिस कारण सारे बच्चे बिगड़ गए। उन्होंने सभी की पोल खोलने की धमकी दी और कहा कि अब बर्दाश्त की सीमा समाप्त हो गई है। ये केवल तेजस्वी की ही बात नहीं रह गई। मीसा भारती, चंदा यादव और अन्य सभी ने क्या-क्या किया, इसकी पोल खोलेंगे।

गौरतलब है कि 9 दिसंबर 2021 को लालू के छोटे लाल तेजस्वी यादव ने अपनी बचपन की दोस्त रिचेल गोडिन्हो से शादी कर ली। रिपोर्ट के मुताबिक, अब वो राजेश्वरी यादव के नाम से पहचानी जाएँगी।