नगराधीश गौरव गुप्ता ने किया पत्रकारों के लिए दो दिवसीय कोविड-19 पत्रकार टीकाकरण कैंप का शुभारंभ

– कैंप में मीडिया कर्मियों ने लिया बढचढ कर भाग, पहले दिन 125 से अधिक ने वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई

सतीश बंसल सिरसा, 22 जून:
नगराधीश गौरव गुप्ता ने कहा कि कोरोना संकट अभी पूरी तरह से टला नहीं है, इसलिए जिलावासी कोरोना बचाव के सभी प्रभावी उपायों की नियमित रुप से पालना करें। कोविड नियमों की पालना के साथ-साथ टीकाकरण जरूर करवाएं। वैक्सीन संक्रमण से बचाव के लिए बेहद जरूरी है। जिला में अबतक तीन लाख से अधिक लाभार्थियों को वैक्सीन का टीका लगाया जा चुका है।
नगराधीश मंगलवार को स्थानीय संयुक्त निदेशक (कपास) कृषि तथा किसान कल्याण विभाग सिरसा कार्यालय में मीडिया कर्मियों के लिए आयोजित टीकाकरण कैंप का शुभारंभ करने उपरांत पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। नगराधीश ने टीकाकरण प्रक्रिया की जानकारी लेते हुए वैक्सीनेशन करवा रहे लाभार्थियों को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र वर्मा, एआईपीआरओ संजय बिढलान, लेखाकार मक्खन सिंह भी मौजूद थे। कैंप में मीडिया बंधुओं ने टीकाकरण कैंप में बढचढ कर भाग लिया, कैंप के पहले दिन 125 से अधिक पत्रकारों ने वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई।
नगराधीश ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसी के तहत पत्रकारों के लिए विशेष रुप से वैक्सीनेशन कैंप का आयोजन किया गया है। इससे पहले गत माह 20 व 21 मई को वैक्सीनेशन कैंप का आयोजन कर पत्रकारों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई थी। इसी कड़ी में मंगलवार को दूसरी डोज के लिए दो दिवसीय वैक्सीनेशन कैंप लगाया गया है। उन्होंने सभी पत्रकारों से अपील करते हुए कहा कि वे आगे आकर अपना वैक्सीनेशन जरूर करवाएं ताकि दूसरेे नागरिक भी प्रेरित होकर वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं।
उन्होंने कहा कि मीडिया कर्मियों ने कोरोना काल में फ्रंट लाइन वर्कर की भूमिका निभाते हुए आमजन को संक्रमण से बचने के लिए जागरूक करने का काम किया है। इन विपरीत परिस्थितियों में मीडिया ही एक ऐसा माध्यम है, जो लोगों तक शासन एवं प्रशासन का संदेश जनता तक पंहुचाकर सही मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने पत्रकारों से आह्वान किया कि वे लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के प्रचार-प्रसार में पूर्ण सहयोग करें ताकि आमजन वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि हिदायतों की पालना व बचाव उपायों को गंभीरता से अपना कर नागरिक कोरोना संक्रमण से बच सकते है। सभी लोगों को मास्क का प्रयोग करना चाहिए, दो गज की दूरी बना कर रखें तथा समय-समय पर हाथों को सैनिटाइज करते रहें, स्वयं व दूसरों की सुरक्षा के लिए ये नियम अपनाना बहुत जरूरी है।

नहीं रहे उड़न सिक्ख मिलखा सिंह

मिल्खा सिंह 20 मई को कोविड सककरण को कोविड संक्रमण के चलते तीन जून को पीजीआईएमईआर के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। वे 13 जून तक आईसीयू में भर्ती रहे और इस दौरान उन्होंने कोविड संक्रमण को हरा दिया। 13 जून को कोविड टेस्ट में निगेटिव होने के बाद कोविड संबंधी मुश्किलों के चलते उन्हें फिर से आईसीयू में दाख़िल कराना पड़ा. लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी चिकित्सकों की टीम उन्हें बचा नहीं सकी।

  • कॉमनवेल्थ गेम्स में ट्रैंक ऐंड फील्ड में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय
  • 1958 के तोक्यो एशियन गेम्स में 200 मीटर और 400 मीटर में गोल्ड मेडल
  • 200 मीटर की दौड़ में मिल्खा ने पाकिस्तान के अब्दुल खालिद को हराया

खेल और स्वस्थ्य डेस्क : चंडीगढ़

भारत के महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह का एक महीने तक कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद शुक्रवार को निधन हो गया। उन्होंने शुक्रवार रात 11:30 बजे अस्पताल में अंतिम सांस ली। 13 जून को उनकी पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था. पद्मश्री मिल्खा सिंह 91 वर्ष के थे. उनके परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं। ‘फ्लाइंग सिख’ के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़, पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण समेत कई हस्तियों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।

200 मीटर और 400 मीटर के नैशनल रेकॉर्ड
मिल्खा सिंह ने 1956 के मेलबर्न ओलिंपिक में बिलकुल रॉ टैलंट के रूप में पहुंचे। उस साल उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। लेकिन आने वाले वर्षों में मिल्खा ने न सिर्फ खुद को निखारा और तराशा बल्कि कई रेकॉर्ड भी अपने नाम किए। 200 मीटर और 400 मीटर के नैशनल रेकॉर्ड मिल्खा के नाम थे। हालांकि मिल्खा सिर्फ रोम ओलिंपिक के कारण ही महान नहीं थे। भारतीय ट्रैंक ऐंड फील्ड में मिल्खा की उपलब्धियां काफी अधिक हैं।

एशिया में चलता था मिल्खा का सिक्का
मिल्खा सिंह की पहचान एक ऐसे ऐथलीट के रूप में थी जो बेहद जुनूनी और समर्पित ऐथलीट के रूप में थी। 1958 के तोक्यो एशियन गेम्स में उन्होंने 200 मीटर और 400 मीटर में गोल्ड मेडल हासिल किया। मेलबर्न ओलिंपिक में मिल्खा फाइनल इवेंट के लिए क्वॉलिफाइ नहीं कर पाए थे। लेकिन उनमें आगे बढ़ने की तलब थी। उन्होंने अमेरिका के चार्ल्स जेनकिंस से बात की। जेनकिंस 400 मीटर और 4×400 मीटर रिले के गोल्ड मेडलिस्ट थे। उन्होंने जेनकिंस से पूछा कि वह कैसे ट्रेनिंग करते हैं। उनका रूटीन क्या है। जेनकिंस ने बड़ा दिल दिखाते हुए मिल्खा के साथ सारी बातें साझा कीं।

एशियन गेम्स में बनाया था नैशनल रिकॉर्ड
मिल्खा की उम्र तब 27 साल थी। अगले दो साल वह बड़ी शिद्दत के साथ जेनकिंस के रूटीन पर चले। इसका फायदा भी हुआ। मिल्खा ने 1958 के एशियन गेम्स में नैशनल रेकॉर्ड बनाया। मिल्खा सिंह को 400 मीटर की दौड़ बहुत भाती थी। यहां उन्होंने 47 सेकंड में गोल्ड मेडल हासिल किया। सिल्वर मेडल जीतने वाले पाब्लो सोमब्लिंगो से करीब दो सेकंड कम वक्त लिया था मिल्खा सिंह ने।

चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के अब्दुल खालिद को हराया
दूसरा गोल्ड मेडल और खास था। 200 मीटर की दौड़ में मिल्खा ने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के अब्दुल खालिद को हराया था। खालिद ने गेम्स के नए रेकॉर्ड के साथ 100 मीटर में गोल्ड मेडल जीता था। खालिद को एशिया का सर्वश्रेष्ठ फर्राटा धावक कहा जाता था। मिल्खा, लेकिन शानदा फॉर्म में थे। उन्होंने महज 21.6 सेकंड में गोल्ड मेडल जीतकर एशियन गेम्स का नया रेकॉर्ड बना दिया। फिनिशिंग लाइन पर टांग की मांसपेशियों में खिंचाव आने की वजह से गिर गए थे। वह 0.1 सेकंड के अंतर से जीते और लोगों ने मान लिया कि इस ऐथलीट ने काफी मुकाम हासिल करने हैं।

कॉमनवेल्थ गेम्स में रचा था इतिहास
एशियन गेम्स में दो गोल्ड मेडल जीतने के बाद मिल्खा के हौसले बुलंद थे। अब बारी थी कॉमनवेल्थ गेम्स की। यहां मिल्खा ने वह मुकाम हासिल किया जो आज तक भारतीय ऐथलेटिक्स की दुनिया के सबसे यादगार लम्हों में दर्ज है। एशियन गेम्स में उनकी उपलब्धि कमाल थी। लेकिन कॉमनवेल्थ गेम्स, जिन्हें उस समय ‘एम्पायर गेम्स’ कहा जाता था, में मिल्खा के पास दुनिया के कुछ बेहतरीन ऐथलीट्स के सामने खुद को साबित करने का मौका था।

गोल्ड मेडल जीत का नहीं था यकीन
मिल्खा ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को कई साल बाद दिए एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मुझे यकीन नहीं था कि मैं कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत पाऊंगा। मुझे यकीन इसलिए भी नहीं था क्योंकि मैं वर्ल्ड रेकॉर्डधारी मेलकम स्पेंस के साथ दौड़ रहा था। वह 400 मीटर के बेस्ट धावक थे।’मिल्खा के अमेरिकी कोच डॉक्टर आर्थर हावर्ड ने स्पेन्स की रणनीति पहचान ली थी। उन्होंने देखा था कि वह आखिर में तेज दौड़ता है। और ऐसे में उन्होंने मिल्खा से पूरी रेस में दम लगाकर दौड़ने को कहा। मिल्खा की यह चाल कामयाब रही। और 440 गज की दौड़ में मिल्खा शुरू से अंत तक आगे रहे। इस दौरान उन्होंने 46.6 सेकंड का समय लेकर नया नैशनल रेकॉर्ड भी बनाया।

52 साल तक कायम रहा मिल्खा का रिकॉर्ड
मिल्खा कॉमनवेल्थ गेम्स में ट्रैंक ऐंड फील्ड में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने। उनका यह रेकॉर्ड 52 साल तक कायम रहा। डिस्कस थ्रोअर कृष्णा पूनिया ने 2010 के गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद विकास गौड़ा ने 2014 में सोने का तमगा हासिल किया। मिल्खा सिंह के सोने के तमगे का खूब जश्न हुआ। उनके अनुरोध पर तब के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने एक दिन का राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया था।

एक बार फिर एशियन गेम्स में जलवा
1958 मिल्खा के करियर का सर्वश्रेष्ठ साल रहा। इसके बाद 1959 में उन्होंने कई यूरोपियन इवेंट्स में जीत हासिल की। वह 1960 के रोम ओलिंपिक के लिए तैयार हो रहे थे। यहां वह जीत तो नहीं सके लेकिन 45.73 सेकंड का समय निकालकर उन्होंने 400 मीटर का नया राष्ट्रीय रेकॉर्ड बनाया। यह इवेंट मिल्खा की पहचान के साथ जुड़ गया।

जब मिल्खा सिंह को मिली थी चुनौती
1960 की इस घटना के बाद मिल्खा सिंह ने एक बार फिर जोश दिखाया। और 1962 के जकार्ता एशियन गेम्स में दो और गोल्ड मेडल जीते। मिल्खा के लिए बड़ी चुनौती उभरता हुआ सितारा माखन सिंह था। माखन ने उस साल नैशनल चैंपियनशिप में मिल्खा को हराया था। मिल्खा ने बाद में कहा भी था, ‘अगर ट्रैक पर मुझे किसी से डर लगता था तो वह माखन था। वह शानदार ऐथलीट था। उसने मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाया।’

मिल्खा के नाम 10 एशियन गोल्ड
हालांकि एशियन गेम्स के 400 मीटर के फाइनल के दिन मिल्खा ने फिर सोने का तमगा जीता और युवा साथी को आधे सेकंड के अंतर से मात दी। यह जोड़ी 4×400 मीटर की टीम में साथ आई। इनके साथ दलजीत सिंह और जगदीश सिंह बी थे। इन्होंने एशियन गेम्स का रेकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 3:10.2 सेकंड का समय लिया। इस तरह मिल्खा के नाम कुल 10 एशियन गोल्ड मेडल हो गए।

जुमलों कि राजनीति में पिस रही हरियाणा की खेल प्रतिभाएं

मोदी सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के जुमले हरियाणा की भाजपा सरकार में खूब चर्चित है। खट्टर सरकार की नाक के ठीक नीचे प्रतिभा शाली बेटियों की दुर्गति किसी से छुपी नहीं है। हालिया मामला रोहतक के सीसर गांव निवासी स्ट्रेंथ लिफ्टिंग की खिलाड़ी सुनीता का है। इस भारत गौरव को हरियाणा का गौरव भी नहीं मान पाये हरियाणा के राजनीतिज्ञ। गरीबी की ज़िंदगी जीने को मजबूर है कुमारी सुनीता। घर भी जर्जर हालत में है और चूल्हा भी मजदूरी से जलता है, लोगों के घरों में झाड़ू पोंछा कर अपना और परिवार का जीवन यापन कर रही सुनीता का जुझारूपन देखते ही बनता है। अपने अधिकारों के प्रति उदासीन परंतु कर्तव्यों से विमुख न होते हुए अभी भी अगले पदक की तैयारियों में जुटी है यह बालिका। । सुनीता ने मात्र तीन साल में ही 20 से अधिक मेडल जीत कर देश व प्रदेश का गौरव बढ़ाया है।

‘पुरनूर’ कोरल, चंडीगढ़:

हरियाणा प्रदेश के रोहतक जिले से सरकार को शर्मसार कर देने वाली यह खबर सामने आई रोहतक के सीसर गांव में सुनीता जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं जिन्होंने न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया बल्कि स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम और भी रौशन , या वह आज अपने गुजारे के लिए लोगों के घरों में जा जाकर साफ सफाई का काम कर रही हैं, का परिवार आज आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। उनके पिता मजदूरी करते हैं, और उनकी माता भी लोगों के घरों में काम करके अपने परिवार योग्य पैसे कमाती हैं। सुनीता के माता-पिता ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए देश के सम्मान के लिए खुद को डेढ़ लाख रुपए के कर्ज में डुबा लिया ताकि सुनीता सिंगापुर जाकर ओलंपिक में भाग ले सके और वह स्ट्रेंथ लिफ्टिंग कंपटीशन जीत सके जो कि उन्होंने जीता भी अरे इतनी बड़ी जीत हासिल करने के बाद भी देश को इतना बड़ा सम्मान देने के बाद भी सुनीता को खुद क्या मिला” कुछ भी नहीं। रात में एक रोटी और वह bhi मिर्ची के साथ खा रही है। कसरत करने के लिए पेड़ की टहनी का इस्तेमाल कर प्रैक्टिस कर रही है।

तमाम द्श्वारियों के बावजूद लोगों की झाड़ पहुंच कर रही है और इनकी इस दशा के बारे में स्थानीय विधायक कुंडू और हमारे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी पता है और इन दोनों ने सहायता प्रदान करने का वादा भी किया था लेकिन सुनीता को अभी तक कोई सहायता नहीं मिली आखिर क्यों इतनी मतलबी हो रही है हरियाणा सरकार

बेटी ने हर बार बढ़ाया है मान :

सुनीता की माता जमना व पिता ईश्वर ने कहा कि पिछले वर्ष उन्होंने ब्याज पर लाखों रुपये उठाकर बेटी को खेलने भेजा था। हालांकि बेटी ने गोल्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया। लेकिन लाकडाउन में अब दिहाड़ी भी नहीं मिल पा रही है। पिछले ब्याज की रकम भी नहीं दी जा सकी है। सरकार से भी कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है। वे मजदूरी करते हैं। सुनीता भी शादी ब्याह में मजदूरी करती है। ऐसे में उनके सामने आर्थिक संकट बना हुआ है।

अब जीत चुकी हैं ये मेडल :

  • जून 2018 में 52 किलाग्राम भार में राज्य स्तर पर बहादुरगढ़ में गोल्ड मेडल।
  • जून 2019 में सोनीपत में राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल।
  • अक्टूबर 2019 में लोहारू में राज्यस्तरीय चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल।
  • अक्टूबर 2019 में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में हुई नार्थ इंडिया चैंपियनिशप में गोल्ड मेडल।
  • फरवरी 2019 में छत्तीसगढ में हुई राष्टीय स्तर की चैंपियनिशप में भी गोल्ड मेडल।
  • फरवरी 2020 में थाईलैंड के बैंकाक में हुई विश्वस्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल।
  • फरवरी 2021 में लोहारू में हुई स्टेट चैंपियनशिप में 58 केजी में गोल्ड मेडल

एक से पांच अक्टूबर तक होने वाली विश्वस्तरीय चैंपियनशिप के लिए लाकडाउन में वे घर पर रहकर ही तैयारी कर रही हैं। चैंपियनशिप के लिए जुलाई में रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा। उसके लिए लगभग डेढ़ लाख का खर्च होगा। लेकिन इस बार अभिभावकों ने भी कर्ज उठाने से मना कर दिया है। 58 किलो वर्ग में भाग लेने वाली ये खिलाड़ी इसी कारण आर्थिक संकट में हैं।

यदि देखा जाय तो सुनीता के घर का कर्ज़ और उसके परिवार कि तमाम मुसीबतें खट्टर सरकार के एक दिन के विज्ञापन के खर्च से ही दूर हो जाती हैं।

संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा में बाबा गुरबचन सिंह मैमोरियल क्रिकेट टूर्नामैंट का शुभांरम्भ


चण्डीगढ़ /मोहाली , 3 अप्रैल, 2021:

सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से बाबा गुरबचन सिंह मैमोरियल 21वें क्रिकेट टूर्नामैंट का शुभारंभ, संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा ग्राउंड में आज किया गया। इस वर्ष क्रिकेट टूर्नामैंट का मुख्य विषय ‘स्थिर मन, सहज जीवन’ है। यह क्रिकेट टूर्नामैंट आज से 25 अप्रैल, 2021 तक चलेगा। इस प्रतियोगिता में देश के अनेक राज्यों से, जैसे- दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश इत्यादि से आये हुए युवाआें ने पंजीकरण कराया। जिनमें से 48 टीमें प्रतियोगिता के लिए चयनित हुई; जिनका उत्साह देखते ही बनता है। चंडीगढ़ ब्रांच के संयोजक ने बताया  की चंडीगढ़ , मोहाली से भी एक- एक टीम इसमें हिसा  ले रही है।


क्रिकेट टूर्नामैंट में सम्मिलित होने वाले सभी प्रतिभागियों की कोविड की जाँच भी कराई गई है। इसके अतिरिक्त कोविड-19 के सन्दर्भ में सरकार द्वारा जारी किए गए सभी दिशा-निर्देशों का उचित रूप से पालन किया जा रहा है।  इस क्रिकेट टूर्नामैंट का आरम्भ बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा बाबा गुरबचन सिंह जी की स्मृति में किया गया था। बाबा गुरबचन सिंह जी ने युवाआें की ऊर्जा को नया आयाम देने के लिए उन्हें सदैव ही खेलों के लिए प्रेरित किया ताकि उनकी ऊर्जा को उपयुक्त दिशा देकर; देश एवं समाज का सुंदर निर्माण तथा समुचित विकास किया जा सके।


समालखा में आयोजित इस क्रिकेट टूर्नामैंट के अवसर पर संत निरंकारी मण्डल के पदाधिकारी, केन्द्र योजना एंव सलाहकार बोर्ड के सदस्य एवं कार्यकारिणी समिति के सदस्य भी सम्मिलित हुए और भाईया गोबिंद सिंह जी, प्रधान संत निरंकारी मण्डल ने इस क्रिकेट टूर्नामैंट का शुभारंभ ध्वजारोहण करके किया। तथा सुखदेव सिंह जी, चैयरमेन केन्द्र योजना एंव सलाहकार बोर्ड ने शांति प्रतीक के रूप में गुब्बारे आकाश में छोडे़।

  
खेलों से हमें अनेक प्रकार की सीख मिलती है और यह हमें जीवन जीने की कला भी सिखाती है। जिस प्रकार एक खिलाड़ी में सच्ची खेल की भावना होती है और वह केवल खेल को ही महत्व देता है। वह स्वयं से खेल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है। उसके लिए हार जीत का कोई मूल्य नहीं होता। वह विनम्रता से अपनी असफलता को स्वीकार कर लेता है। जीतने वाले में भी किसी प्रकार का अहम भाव नहीं होता और हारने वाले में किसी प्रकार की कोई द्वेष भावना नहीं होती। यहीं एकजुटता का अद्भुत रूप, प्रेम एवं मिलर्वतन की भावना मिशन हमें सीखाता है।


साथ ही इन खेलों का उद्देश्य एकाग्रता और सामुदायिक सामंजस्य की भावना को बढ़ाना एवं शारिरिक व मानसिक रूप में युवाआें को स्वस्थ बनाना है। जिससे कि सभी स्वस्थ रहे और सत्संग, सेवा एंव सुमिरण में सजगता के साथ अपना और अधिक योगदान दे पायें। यही मिशन का प्रयास भी है।


वर्तमान समय में सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज भी समय-समय पर एक नई ऊर्जा के साथ विभिन्न खेलों का आयोजन करके युवाआें को प्रोत्साहित कर रहे हैं। जिसमें निरंकारी यूथ सिम्पोजिय़म एन.वाई.एस और निरंकारी सेवादल सिम्पोजिय़म एन.एस.एशा. जैसे एवैंट की महत्वपूर्ण भूमिका रही हंै। वह सदैव ही शरीरिक व्यायाम एवं खेलों के प्रति प्रोत्साहन पर बल देते आ रहे हंै।


निरंकारी प्रदर्शनी भी इस क्रिकेट टूर्नामैंट का एक महत्वपूर्ण अंग है जो बाबा गुरबचन सिंह जी के प्रेरणादायी जीवन एवं उनकी शिक्षाआे पर आधारित है।


इस टूर्नामैंट में प्रतिभागियों एवं उनके सहयोगियों के लिए उचित प्रबंध व्यवस्था भी की गई – जैसे डिस्पेंसरी, आपातकालीन चिकित्सा सुविधा, जलपान, पीआऊ, सुरक्षा एवं पार्किंग इत्यादि।


इन खेलों का मुख्य उद्देश्य यही है कि सभी पृष्ठभूमि और क्षमताआें से आए हुए लोगों को एकजुट करके, व्यवहारिक एवं सत्कार रूप में विश्वबन्धुत्व के संदेश को संसार में स्थापित किया जा सके।

Vidhan Sabha Speaker, Gian Chand Gupta today inaugurated the three-day 15th Ashwani Gupta Memorial District Badminton Championship at Tau Devi Lal Sports Stadium

Panchkula, April 2:

              Haryana Vidhan Sabha Speaker, Gian Chand  Gupta today inaugurated the three-day 15th Ashwani Gupta Memorial District Badminton Championship at Tau Devi Lal Sports Stadium, Sector-3 here today.

 About 125 sports persons including the winners of National Championship, 2019 (Under-17) Devika Sihag and Riddhi Kaur Toor  and the silver medalist of  2015 National Games, Akshit Mahajan are participating in this championship being organized under the aegis of Ashwani Gupta Memorial Trust and District Badminton Association, from April 2 to 4, 2021 .

On this occasion, Vidhan Sabha Speaker, Sh. Gian Chand Gupta, Mayor, Municipal Corporation Sh. Kulbhushan Goyal and other dignitaries paid floral tributes to late Sh. Ashwani Gupta.

Speaking on this occasion, Sh Gupta said that Ashwani Gupta Memorial District Badminton Championship has been organized in memory of his late son Sh Ashwani Gupta for the last 15 years. He said that after the demise of Shri Ashwani Gupta, Ashwani Gupta Memorial Trust was formed in his memory.

He said that four programs are organized by the Trust every year in the memory of late Ashwani Gupta which also includes this Badminton Championship. Apart from this, blood donation camp, eye operation camp and kabaddi championship to encourage the youth in the village are also organized by the Trust. He said that with a view to encourage the youth towards sports, prizes of up to Rs 5 lakh are distributed every year. This not only motivates the youth to take up sports in their life by channeling  their energy in the right direction but also helps them  stay away from the bad habit of drugs, he added. Apart from this, the Trust also provides financial assistance to the children of those poor families who could not go to school for studies for the want of money.

        Mr. Gupta said that Ashwani Gupta Memorial District Badminton Championship could not be organized last year due to Corona pandemic. But this year, it has been decided that the sports competitions should be continued by following the Covid-19 guidelines.  He also appealed to the people to maintain social distancing and use masks and sanitizers to protect themselves from this dangerous disease.

He said that our scientists have given a huge gift to all of us by developing corona vaccines to put a strong fight against this Pandemic. He said that the Corona vaccine is necessary to prevent people from Corona.  He said that along with the vaccine, collective efforts are also necessary to prevent the further  spread of Corona. He  called upon the sports persons participating in Badminton Championships to play the games in its true spirit by following the Covid19 guidelines .

Sh Gupta said that Minister of State for Sports and Youth Affairs, Shri Sandeep Singh would felicitate the winners of Championship by giving them trophies on concluding day of the Championship on April 4, 2021.  He hoped that Ashwani Gupta Memorial Trust would continue to give its vital contribution in organizing various social service activities.

On this occasion, Vidhan Sabha Speaker Mr. Gian Chand Gupta and Mayor, Municipal Corporation Mr. Kulbhushan Goyal encouraged the sports persons by playing badminton.

SDM Panchkula Richa Rathi, General Secretary, District Badminton Association, Jatindra Mahajan, Chairman, Sport Promotion Society, D.P. Soni, District BJP President Ajay Sharma, President Mahila Morcha, Paramjit Kaur, General Secretary Umesh Sood, Chairman, Haryana Chambers of Industries and Commerce, Vishnu Goyal, Chairman , Chambers of Industries and Commerce, Panchkula Arun Grover, Councilor Narendra Lubana and  Harendra Malik and other dignitaries were also present.

7 दिवसीय योग महोत्सव के अंतिम दिन मनाई तिलक होली

7 दिवसीय योग महोत्सव के अंतिम दिन मनाई तिलक होली
-कमालिया भवन में मनाए जा रहे योग महोत्सव का हुआ समापन

सतीश बंसल सिरसा:

योग मित्र चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से सी ब्लॉक स्थित कमालिया भवन में 7 दिवसीय योग महोत्सव मनाया गया। योगाचार्य मुकेश कुमार ने बताया कि 7 दिनों में योग के हर पहलु को समझाने का प्रयास किया गया। इंसान के जन्म से लेकर मृत्यु तक के समयकाल में की जाने वाली गलतियों पर चर्चा की गई। इसी के साथ साधकों को योग की विभिन्न क्रियाएं करवाई गई और योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान भी किया गया। अंतिम दिन आज समापन समारोह में तिलक होली मनाई गई। साधकों ने पहले भगवान के चित्रों पर तिलक किया, तदुपरांत एक दूसरे को तिलक कर होली मनाई गई।  मुकेश कुमार ने बताया कि 7 दिन कैसे बीत गए मालूम ही नहीं लगा। उन्होंने आह्वान किया कि अगर हम वास्तव में होली मनाना चाहते है, तो सबसे पहले हमें शरीर को बीमारी मुक्त करना होगा। ट्रस्ट के सचिव जुगती राम ने बताया कि ट्रस्ट का हरसंभव प्रयास रहता है कि योग की अलख को जन-जन में जागृत करें। इसलिए समय समय पर ऐसे महोत्सव मनाए जाते है, ताकि साधक योग को आनंद के साथ कर पाए। योग महोत्सव में ट्रस्ट सदस्य प्रदीप कुमार, तरसेम, विशाल, पंकज, सुशील, निशा, मंजु, शीनू सहित काफी संख्या में साधक मौजूद थे।

Prof. Prashant Kumar Gautam gets Charge of Director, Sports, PU

Chandigarh March 26, 2021

            Prof. Prashant Kumar Gautam, University Institute of Hotel and Tourism Management, Panjab University, Chandigarh, has been given additional charge of Director, Physical Education with immediate effect till further orders.

            Prof. Gautam is presently serving as Dean (Nominated), Faculty of Hospitality, Tourism and Travel Mgt, IK Punjab Technical University (2021-23)         

            Earlier, Prof. Gautam served as Director at Institute of Hotel and Tourism Management (UIHTM), Panjab University w.e.f. 19 August 2015 till 30.04.2019.

            In addition, he is holding prominent positions in various bodies of Tourism and Hospitality.

राज्य स्तरीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में छाए किक बॉक्सिंग एसोसिशन सिरसा के खिलाड़ी

सतीश बंसल सिरसा 24 मार्च :

लाडवा (कुरूक्षेत्र) में बीती 20 एवं 21 मार्च को आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में किक बॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ सिरसा के खिलाडिय़ों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन स्वर्ण पदक एवं एक रजत प्राप्त करके जिले का नाम रोशन किया है। यह जानकारी देते हुए एसोसिएशन के सचिव व कोच अमरजीत ने बताया कि उपरोक्त राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रदेश भर के विभिन्न जिलों से 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें किक बॉक्सिंग एसोसिएशन ऑफ सिरसा की ओर से अभिषेक बिश्नोई, दीपांशु कम्बोज, सुखनदीप सिंह ने स्वर्ण पदक व सुरेन्द्र ने रजत पदक प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त प्रदर्शन के आधार पर इन विजेता खिलाडिय़ों को भविष्य में आयोजित होने वाली नेशनल लेवल प्रतियोगिताओं में भी खेलने का मौका मिलेगा। खिलाडिय़ों की इस उपलब्धि पर किक बॉक्सिंग एसोसिएशन सिरसा के प्रधान डॉ० जगतदीप सिंह, उपप्रधान डॉ० मनदीप सिंह, मेडविन स्पोटर्स अकादमी सिरसा, आर.के. स्कूल खैरपुर के संचालक हरीसिंह अरोड़ा सहित उपरोक्त संस्थाओं के तमाम पदाधिकारियों व सदस्यों ने उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

पंचांग 22 मार्च 2021

आज 22 मार्च है. आज सोमवार है. सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है. शिव जी की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और पापों का नाश होता है. 

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः फाल्गुन, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः अष्टमी प्रातः 09.01 तक है, 

वारः सोमवार, 

नक्षत्रः आद्र्रा सांय 09.28 तक है, 

योगः सौभाग्य दोपहर 12.55 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः मीन, 

चंद्र राशिः मिथुन, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.27, 

सूर्यास्तः 06.29 बजे।

नोटः आज से शक चैत्र एवं संवत् 1943 प्रारम्भ हो रहा है।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

Cycling Event on Womens Day. 5 KM Cycle run

Chandigarh 7th March, 2021

Skater Janvi today performed beautifully at a Women’s Day Cycling event organized by Cycle Giri Group of Chandigarh. Event was supported by Chadigarh Press Club, Kotak, E&B & many more. Hon’ble Mrs. Justice Manjari Nehru Kaul, Punjab & Haryana High Court was the Chief Guest of the Occasion. First Women SSP Traffic of Chandigarh Ms.Manisha Choudhary also graced the occasion. Janvi gave a dance performance alongwith Bhangra on Skates and did fineshed her performance with a mind blowing jump from the stage. All the Girls/Women present there were motivated to have Janvi there. Hon’ble Mrs.Justice Manjari Nehru Kaul facilitated her and prasied her of her achievements.