सुप्रीम कोर्ट ने बंद की जंतर-मंतर वाले पहलवानों की फाइल : ‘FIR हो गई, सुरक्षा मिल गई’

सर्वोच्च न्यायालय में महिला पहलवानों का केस बंद : कोर्ट ने कहा – बृजभूषण पर FIR की मांग पूरी, कोई और मसला हो तो हाईकोर्ट जाएं,  जंतर-मंतर पर बुधवार रात हुई झड़प हुई थी।इसमें रेसलर राकेश यादव का सिर फट गया था।विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत भी घायल हुएअब अंदर की बात भी बताएं जैसा कि माना जाता है भारतीय एथलीट्स या यूं कहें कि रेसलर्स के सेलेक्शन में खींच-तान नया नहीं है। ऐसा ही एक वाकया है, जब 2016 में सुशील कुमार और नरसिंह यादव के चयन को लेकर विवाद हो गया। यह मुद्दा भी हरियाणा (सुशील कुमार) बनाम उत्तर प्रदेश (नरसिंह यादव) बना दिया गया। सुशील कुमार ओलंपिक्स मेडलिस्ट रह चुके हैं और वह चाहते थे उनको ओलंपिक्स में भेजा जाए, जबकि कुश्ती संघ नरसिंघ यादव के समर्थन में था। बाद में यह विवाद हाई कोर्ट तक पहुंच गया और नरसिंघ यादव को जीत मिली, लेकिन इससे पहले वह ओलंपिक्स के लिए जा पाते उन्हें डोप टेस्ट में फेल पाया गया। नरसिंघ यादव ने आरोप लगाया था कि सुशील कुमार और हरियाणा कुश्ती संघ ने उनके खाने में कुछ मिला दिया था, हालांकि तब नरसिंह यादव को तत्कालीन CM अखिलेश यादव का साथ मिला था। एक और विवाद वर्ष 2020 का है, जब विनेश फोगाट को अपनी जर्सी पर नेशनल लोगो की जगह अपने स्पॉन्सर्स का लोगो लगाकर रिंग में उतरने के लिए ससपेंड कर दिया गया था। क्योंकि यह ओलंपिक्स नियमों के खिलाफ है और इसके लिए भारतीय ओलंपिक्स संघ को नोटिस थमा दिया गया था। टोक्यो ओलंपिक्स के दौरान भी विनेश फोगाट ने अपनी टीम के अन्य महिला रेसलर्स के साथ रहने से माना कर दिया था, जिसके बाद उन्हें अलग से एकोमोडेट करना पड़ा था. बावजूद इसके विनेश एक भी मेडल नहीं जीत सकीं।

पुलिस और पहलवानों के बीच झड़प की यह फोटो बुधवार देर रात की है।
पुलिस और पहलवानों के बीच झड़प की यह फोटो बुधवार देर रात की है

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 04 मई :

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण’-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच के सामने दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर में क्या प्रगति हुई है, इसकी रिपोर्ट दाखिल की. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है। नाबालिग शिकायतकर्ता का बयान दर्ज हो चुका है। याचिका का उद्देश्य एफआईआर था, जो पूरा हो गया है। सभी शिकायतकर्ताओं को सुरक्षा भी दे दी गई है। इन सब तथ्यों को देखते हुए इसकी सुनवाई यहीं पूरी की जाती है। अगर आगे कोई और मसला आता है, तो पहलवान हाईकोर्ट या संबंधित मजिस्ट्रेट की कोर्ट में जा सकते हैं।

आगे किसी भी प्रकार की शिकायत या माँग के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को स्थानीय मजिस्ट्रेट के समक्ष जाने की सलाह भी दी है। पहलवानों की तरफ से पेश वकील नरेंद्र हुड्डा ने पूरी जाँच प्रक्रिया की निगरानी करने का अनुरोध सुप्रीम कोर्ट से किया, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इसे नकारते हुए कहा कि अन्य मुद्दों के लिए दिल्ली हाईकोर्ट या मजिस्ट्रेट के समक्ष जाइए। दिल्ली पुलिस ने न सिर्फ पीड़िताओं का बयान दर्ज किया है, बल्कि उन्हें सुरक्षा भी प्रदान की है।

एक वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में जाँच आगे बढ़ रही है। उधर दिल्ली की सीमाओं पर फिर से अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी सीमावर्ती जिलों के DCP को निर्देश दिया गया है कि वो विष सतर्कता बरतें। सेन्ट्रल दिल्ली की तरफ जाने वाली सड़कों पर सख्त निगरानी रखने को कहा गया है। कई जगहों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। सूत्रों से खबर मिली है कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर पर पहलवानों का समर्थन करने पहुँच सकते हैं।

उधर प्रदर्शनकारी पहलवानों ने अब अपने मेडल्स लौटाने की भी घोषणा कर दी है। बजरंग पूनिया ने कहा कि अगर पहलवानों के साथ ऐसा ही व्यवहार होता रहा तो फिर हमे इन मेडल्स का क्या करेंगे? उन्होंने कहा कि इससे अच्छा है कि हम इन मेडल्स को लौटा कर एक सामान्य ज़िन्दगी जिएँ। उन्होंने सारे मेडल्स और अवॉर्ड्स भारत सरकार को लौटाने की घोषणा कर डाली। पहलवानों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उन्हें बुलाने की माँग की और कहा कि ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है। उन्होंने IT सेल पर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया।

डीएफसी बना ग्रुप चैम्पियन, आईलीग सेकेंड डिवीजन के फाइनल राउंड में टीम

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़  –  04     मई  :

आईलीग सेकंड डिविजन-2023 में दिल्ली एफसी (डीएफसी) ने अंतिम मैच को ड्रॉ कराते हुए फाइनल राउंड में जगह पक्की कर ली है। अंतिम लीग मैच में टीम डीएफसी ने डाउनटाउन हीरोज के साथ उन्हीं के घर में ड्रॉ खेला। मैच का स्कोर 1-1 रहा।

कश्मीर में खेलने उतरी टीम डीएफसी ने शानदार आगाज किया। हेड कोच अनवर अली ने महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को चुना और शुरुआती लाइनअप को मैदान पर उतारा। डीएफसी ने खेल की सकारात्मक शुरुआत की, लेकिन ये ज्यादा देर तक जारी नहीं रह सका। मैच के 20 मिनट के अंदर ही टीम के कप्तान को यलो कार्ड मिला और टीम को सावधानी के साथ खेलना पड़ा। 31वें मिनट में मेजबान टीम के पर्वराज को यलो कार्ड मिला और साथ ही उन्होंने गोल भी दाग दिया। डाउनटाउन हीरोज ने महत्वपूर्ण मुकाबले में बढ़त बना ली और इस बढ़त ने डीएफसी को परेशानी में डाल दिया। मेजबान टीम हाफ टाइम तक लीड पर रही। हाफ के अंत में स्कोर 1-0 रहा।

खेल अभी खत्म नहीं हुआ था। दूसरे हाफ में टीम डीएफसी ने साबित कर दिया कि क्यों उन्हें कभी हार न मानने वाली टीम माना जाता है। वॉरियर्स दूसरे हाफ में कमबैक को पूरी तरह से तैयार थे। उन्होंने वापसी की कोई कसर नहीं छोड़ी और कोच ने टीम में कई अहम बदलाव किए। वे बॉल पर कंट्रोल करते रहे।

लगातार हो रहे आक्रमण का टीम को फायदा भी मिला। 58वें मिनट में टीम को पेनल्टी मिली, जिसे लेने के लिए कप्तान आए। कप्तान बलवंत ने गलती नहीं की और शानदार गोल करते हुए स्कोर 1-1 कर दिया। टीम के स्टार ने 5 मैचों में 5 गोल दागे, साथ ही 2 असिस्ट भी अपने नाम किए। अब बोर्ड पर स्कोर बराबर था और दोनों पक्षों के लिए मौके आते रहे। इसके बाद गोल नहीं हो सका और मैच का अंत 1-1 स्कोर लाइन के साथ हुआ।

टीम को इसी पल का इंतजार था और ड्रॉ के साथ मिला 1 अंक डीएफसी को अंतिम दौर तक पहुंचाने के लिए काफी था। अंक तालिका पर टीम ने शीर्ष स्थान पर कब्जा करते हुए फाइनल राउंड का टिकट हासिल किया। डीएफसी के लिए ये बड़ी उपलब्धि थी, उन्हें ग्रुप-ए का चैम्पियन टैग मिला।


आत्मविश्वास से भरी डीएफसी के लिए अंतिम दौर में पहुंचने के साथ बड़ी चुनौतियां इंतजार कर रही हैं। अगले दौर की शुरुआत में 6 मई को डीएफसी का सामना बेंगलुरू यूनाइटेड से अवे मैच में होगा, जबकि 11 मई को मिनर्वा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में शिलोंग लाजोंग के साथ टीम खेलेगी। डीएफसी के योद्धा मुकाबले के लिए तैयार हैं। फाइनल राउंड के आखिरी दो मैच के लिए, डीएफसी 16 मई को कल्याणी स्टेडियम में यूनाइटेड स्पोर्ट्स क्लब का सामना करेगी और फिर घर में अंबरनाथ यूनाइटेड से भिड़ेगी। टीम बड़े स्टेज के लिए पूरी तरह से तैयार है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के पचास दिन पूर्व योग महात्सव कार्यक्रम आयोजित

  • 15,000 से अधिक लोगों ने सामूहिक योगाभ्यास कर रचा इतिहास

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़  – 02    मई  :

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 के 50 दिन शेष रहने के अवसर पर शहर के भवानी निकेतन शिक्षा समिति के खेल मैदान में केन्द्रीय आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में 15 हजार से भी अधिक लोगों ने 45 मिनट का योग एक साथ किया और जयपुर शहर के हर उम्र के उत्साही योगप्रेमियों ने एक इतिहास रच दिया। इस मौके पर प्रदेश के राज्यपाल और अनेक केन्द्रीय मंत्रियों, राजस्थान की धरती से जुड़े सांसदों, स्थानीय मेयर, प्रदेश सरकार के आयुष से जुड़े अधिकारियो, स्थानीय योग-संस्थाओं के ओजस्वी योग साधक उपस्थित थे।

आयुष मंत्रालय के तहत कार्यरत स्वायत्त संस्था मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान ने राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के साथ मिलकर तथा राजस्थान सरकार, स्थानीय अधिकारियों और योग से जुड़े स्थानीय संस्थानों के सक्रिय सहयोग से यह आयोजन किया। राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्री बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग और आयुष सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री, अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री , कैलाश चौधरी, केंद्रीय आयुष और महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई के साथ-साथ कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों और अतिथियों ने हजारों स्थानीय लोगों के साथ मिलकर योग को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से इस विशाल महोत्सव में सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया।

इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल, कलराज मिश्र ने कहा, योग और आयुर्वेद का सदियों पुराना इतिहास है। योग का सबसे पहला उल्लेख सबसे पुराने पवित्र ग्रंथों में से एक ऋग्वेद में मिलता है। यह आध्यात्मिक अनुशासन एक सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित है जिसका उद्देश्य शरीर और मन के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। कोविड-19 के कठिन समय से गुजर रही दुनिया को योग और आयुर्वेद ने महामारी को नियंत्रित करने में मदद की है। हमारे  प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई मोदी की दीक्षा और प्रेरणा पर, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया। तभी से पूरा विश्व उत्साह और उल्लास के साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है। मैं योग के 50वें काउंटडाउन के इस मेगा इवेंट का हिस्सा बनकर बेहद खुश हूं। मैं गुलाबी नगरी जयपुर में इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयुष मंत्रालय को बधाई देता हूं।

लितानी बॉक्सिंग अकेडमी के खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट,  हिसार – 02    मई  :

डिस्ट्रिक्ट यूथ बॉक्सिंग एसोसिएशन द्वारा करवाई गई जिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप में लितानी बॉक्सिंग अकेडमी के खिलाड़ियों ने मैडलों की झड़ी लगाकर शानदार प्रदर्शन किया।

सब जूनियर लड़कियों में  अन्नू ने 31-33 किग्रा में गोल्ड मैडल, खुशिका 43-46 किग्रा में गोल्ड, अंजलि 49-52 किग्रा में गोल्ड मैडल प्राप्त किया। सब जूनियर लड़के में यश 43-46 किग्रा में गोल्ड, परमजीत ,52-58 ने गोल्ड, दिवस  ने 49-52 किग्रा में सिल्वर व युवा वर्ग  में अजय ने 54–57 किग्रा में गोल्ड, जश्नदीप 67–71 किग्रा में सिल्वर व शिखा ने 52–54 किग्रा में सिल्वर मैडल जीतकर अपना व अकेडमी का नाम रोशन किया है।

बरनाला के सुखप्रीत सिंह ने जूनियर फेडरेशन कप में स्वर्ण पदक जीता

  • खेल मंत्री मीत हेयर ने एथलीट सुखप्रीत सिंह को दी मुबारकबाद
  • जूनियर एशियन एथलैटिक्स चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई किया

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 01मई  :

पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने जूनियर फेडरेशन कप में लड़कों के तीहरी छलांग (ट्रिपल जंप) मुकाबले में स्वर्ण पदक जीतने वाले सुखप्रीत सिंह को मुबारकबाद दी है।

बरनाले जिले के गाँव पंधेर के सुखप्रीत सिंह ने थिरूवनामलाई (तमिलनाडु) में जूनियर फेडरेशन कप 15.76 मीटर तीहरी छलांग लगा कर स्वर्ण पदक जीता। जूनियर नेशनल चैंपियन बनने के इलावा सुखप्रीत सिंह ने अगले महीने दक्षिणी कोरिया में होने वाली जूनियर एशियन एथलैटिक्स चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई भी कर लिया।

मीत हेयर ने सुखप्रीत सिंह की इस उपलब्धि पर मुबारकबाद देते हुये भविष्य के मुकाबलों के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि का श्रेय एथलीट की सख़्त मेहनत और उसके कोचों और माता-पिता को दिया।

खेल मंत्री ने आगे कहा कि बरनाला जिले के लिए भी गर्व वाली बात है कि एथलैटिक्स में थोड़े से समय के दौरान अकशदीप सिंह और दमनीत सिंह की उपलब्धि के बाद सुखप्रीत सिंह ने चमक बिखेरी है। तीनों उभरते एथलीटों के इवेंट भी पैदल तौर, थ्रोअर और जंपर अलग-अलग हैं।

मलिक पंकज आनंद मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से 3 से 5 मई तक क्रिकेट टूर्नामेंट होगा आयोजित

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 01   मई  :

मलिक पंकज आनंद मेमोरियल ट्रस्ट की एक विशेष बैठक ट्रस्ट की ट्रस्टी व हरियाणा राज्य समाज कल्याण बोर्ड की चेयरपर्सन मलिक रोज़ी आनंद के निवास स्थान पर हुई।

इस बैठक में ट्रस्ट के सभी सदस्य उपस्तिथ रहे। मलिक रोज़ी आनंद ने बताया की यह बैठक 3 मई से 5 मई तक होने वाले इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर की गई हुई यह टूर्नामेंट तेजली स्टेडियम में होगा। इस दौरान 15 -15 ओवर के मैच खेले जाएंगे और इस प्रतियोगिता में जिले के आठ स्कूल हिस्सा लेंगे तथा यह मैच नॉक आउट होंगे।

उन्होंने बताया कि यह टूर्नामेंट मलिक साहब की याद में करवाया जाता है तथा बच्चो के मानसिक विकास के साथ साथ शारीरिक विकास करना इन टूर्नामेंट का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आज बच्चे मोबाइल गेम्स में बहुत ज्यादा रूचि दिखा रहे है जिससे उनका शारीरिक विकास तो रुक ही रहा है साथ ही मानसिक विकास पर भी गहरा आघात हो रहा है । उन्होंने बताया कि कुछ युवा नशे की चपेट  में बहुत तेजी से आ रहे है औऱ इसी की रोक थाम के लिए हम ये टूर्नामेंट्स करवाते है।मलिक ने बताया कि हमारे बच्चे गलत दिशा में ना जाकर इन प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले जिससे वे अपनी दिनचर्या को अच्छी दिशा में ले जाया जा सके।

उन्होंने कहा कि मेरा और मलिक साहब का हमेशा से यही मानना था कि हमारे देश के युवा की अगर दशा और दिशा ठीक रहेगी तभी हमारा देश विश्व गुरु बन पाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार हरियाणा में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेलो इंडिया के माध्यम से आज युवाओं को सही दिशा देने के प्रयास में लगी हुई है। कर्मशील मुख्यमंत्री मनोहर लाल का एक ही सपना है कि हरियाणा का युवा अपने देश व प्रदेश का नाम पुरे विश्व में रोशन करें। इन बातों को भी ध्यान में रखते हुए यह प्रतियोगिताएं करवाई जा रही है। 

इस बैठक में हरितम शर्मा, गौरव दत्त, रचित शर्मा, प्रिंस, शक्ति अरोड़ा, अनिल ठकराल, नवीन गुलाटी, जगदीश बब्बर, दीपाल सरकार, सतीश दुबे, नीरज शर्मा, नरिंन्द्र यादव, गीता कपूर, सावित्री छेत्रि, रीतू कश्यप, दिव्या सिंघल, नम्रता नागी आदि मौजूद रहे।

मिनर्वा एकेडमी में युवाओं से मिले एमएमए हैवीवेट चैंपियन अर्जन सिंह भुल्लर

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़  – 29   अप्रैल :

मीना कप जीतने की पहली सालगिरह के महीने में मिनर्वा के युवा फुटबॉलर्स को एक शानदार सरप्राइज मिला। विश्व के सबसे बड़े फाइटर्स में से एक अर्जुन सिंह भुल्लर उनसे मिलने के लिए मिनर्वा एकेडमी पहुंचे। मौजूदा वन एमएमए हैवीवेट वर्ल्ड चैंपियन ने युवाओं से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया।

अर्जन सिंह भुल्लर न केवल मौजूदा वन एमएमए हैवीवेट चैंपियन हैं, बल्कि राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भी हैं। एकेडमी में उनका शानदार स्वागत हुआ। युवा फुटबॉलर उनके स्वागत के लिए फूल माला लेकर इंतजार कर रहे थे।

कैनेडा के दिग्गज फाइटर ने सभी खिलाड़ियों से मुलाकात की। उन्हें अर्जन को न केवल लाइव देखने बल्कि उनके साथ बातचीत करने का भी मौका मिला। वह न केवल पंजाब का गौरव रहे हैं बल्कि देश का गौरव उन्होंने बढ़ाया है।

अर्जुन सिंह ने एकेडमी का दौरा किया और वे यहां के बुनियादी ढांचे से बहुत प्रभावित हुए। फिटनेस और रिकवरी खेल का एक प्रमुख महत्वपूर्ण पहलू है, वे यहां पर बने नए फिजियोथेरेपी सेंटर और इनडोर रिहैब पूल को देखकर खुश दिखे।

इसके अलावा 3000 वर्ग फुट इनडोर जिम और मैदान खिलाड़ियों की प्रतिभा को विकसित करने के लिए पूरी तरह से बेस्ट हैं। यहां का माहौल शानदार है और विश्व चैंपियन सुविधाओं से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने काफी देर तक एकेडमी में युवा फुटबॉलरों को ट्रेनिंग करते हुए भी देखा।

उनके दौरे का खास मौका तब आया जब उन्होंने अपनी विश्व चैम्पियन की बेल्ट मिनर्वा एकेडमी डायरेक्टर रंजीत बजाज को थमा दी। वे दोनों अच्छे दोस्त हैं। उन्होंने कहा ,”मिनर्वा मेरा घर है, आप लोग मेरा हिस्सा हैं और यह बेल्ट भी आप लोगों का हिस्सा है।” अर्जन ने सभी के चेहरों पर मुस्कान दे दी।

खिलाड़ियों के समर्थन में जंतर-मंतर पहुंचे सांसद दीपेंद्र हुड्डा

  • खिलाड़ियों को न्याय मिलना चाहिए, न्याय दिलाने के लिये जो कुर्बानी देनी पड़ेगी हम पीछे नहीं हटेंगे – दीपेंद्र हुड्डा
  • धर्म, जाति और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्रवाई करे सरकार – दीपेंद्र हुड्डा

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़  – 28   अप्रैल :

सांसद दीपेंद्र हुड्डा दिल्ली के जंतर मंतर स्थित धरनास्थल पर खिलाड़ियों के समर्थन में पहुंचे। उन्होंने खिलाड़ियों की मांगों और धरने का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि न्याय के लिये तीन महीने बाद फिर से खिलाड़ियों को सड़कों पर आना पड़ा। इससे सरकार की नीयत पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आरोपी को बचाने में पूरा सिस्टम लग गया है। जो लोग अन्याय को ढंकने में आरोपी को बचाने में आज चुप हैं या उस अन्याय के साथ खड़े हैं वो भी दोषी हैं। ये खिलाड़ी हैं, पीछे हटने वाले नहीं इन्होंने तो मैट पर मेडल जीतने के लिये दुनिया को झुका दिया। बड़े खेद की बात है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में जो खिलाड़ी स्टेडियम में प्रदर्शन करते थे और उनके प्रदर्शन से दुनिया में तिरंगा फहराया जाता था, राष्ट्रगान की धुन बजती थी, सारा देश तालियां बजाता था; क्या वजह है कि आज उनको मजबूर होकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक बेटियों को न्याय नहीं मिलेगा न तो हम चैन से सोयेंगे न ही इस सरकार को चैन से सोने देंगे। बेटियों को न्याय दिलाने के लिये कोई भी कुर्बानी देनी पड़ेगी तो हम पीछे नहीं हटेंगे। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि FIR दर्ज हो और सीबीआई जांच हो।

उन्होंने कहा कि खिलाड़ी की न कोई जाति होती है न धर्म होता है न ही प्रदेश होता है, खिलाड़ी देश के होते हैं। उन्हें किसी धर्म, जाति या दलगत राजनीति से देखने की बात नहीं होनी चाहिए। खुद के गुनाहों को छुपाने के लिये इस तरह की बात करना उससे भी बड़ा अन्याय है। खिलाड़ियों का इससे ज्यादा अपमान देश में पहले कभी नहीं हुआ। देश में अगर ऐसा वातावरण बनाया जायेगा तो कौन माता-पिता अपने बच्चों को खेल की तरफ प्रोत्साहित करेगा।

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पिछले 4 ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेडल हमारे पहलवानों ने जीते हैं। ये वही खिलाड़ी है जिन्होंने ओलंपिक व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तिरंगे का मान बढ़ाया है। 3 महीने पहले कुश्ती संघ अध्यक्ष पर आरोप लगने के बाद से न्याय माँग रहे खिलाड़ियों की इज्जत को दलगत राजनीति की दृष्टि से कैसे देखा जा सकता है? दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज बेटियाँ न्याय मांग रही हैं, न्याय से ज्यादा कुछ नहीं मांग रही। सरकार धर्म, जाति और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्रवाई करे।

खिलाड़ियों के संबंध में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष व राज्य सभा सांसद पीटी उषा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि ये आपराधिक मामला है और देश की गरिमा को ठेस तो उन लोगों ने पहुंचायी है जिन्होंने इस तरह का अपराध किया है और जो लोग आज आरोपी को बचाने के लिये उसके साथ खड़े हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हम अपने देश के खिलाड़ियों के साथ हैं और न्याय की इस गुहार को देश के कोने-कोने में लेकर जायेंगे।

डीएफसी ने जगत सिंह पलाही को हराकर आईलीग सेकेंड डिवीजन में शीर्ष स्थान हासिल किया

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़   25   अप्रैल :

आईलीग सेकंड डिविजन-2023 में दिल्ली फुटबॉल क्लब(डीएफसी) ने मिनर्वा एकेडमी स्थित होम ग्राउंड पर जगत सिंह पलाही एफसी को 2-0 से हराया। टीम ने लगातार चौथी जीत दर्ज की और ग्रुप में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया।

अपने पिछले तीन गेम जीतने के बाद, डीएफसी टीम आत्मविश्वास से भरी थी। एक बार फिर से मजबूत लाइनअप के साथ उन्होंने आगाज किया। गोल पोस्ट के करीब नीतीश और कप्तान बलवंत को जगह दी गई, जबकि अभय के साथ गौरव और कार्तिक जैसे युवा भी लाइनअप में मौजूद थे।

डीएफसी ने फ्रंट फुट पर रहते हुए खेल शुरू किया। मेजबान टीम ने जगत सिंह पलाही एफसी के खिलाफ गोल के मौके बनाए और मेहमान टीम को पूरी तरह से बैकफुट पर धकेला। पहले हाफ में काफी मौके बनाने के बावजूद मेजबान स्कोरशीट पर नहीं पहुंच पाए। हाफ टाइम तक स्कोर 0-0 रहा।

दूसरे हाफ में डीएफसी ने हमला करना शुरू किया और टीम को कामयाबी भी मिली। 49वें मिनट में कप्तान बलवंत सिंह ने शानदार गोल दागा। डीएफसी निश्चित रूप से तीन अंक पक्के कर चुकी थी। मैच में 15 मिनट का खेल शेष था और तभी टीम ने दूसरा गोल किया। फहाद तैमूरी ने गोल करते हुए टीम को 2-0 से आगे कर दिया। अंत तक यही स्कोर रहा और डीएफसी ने एकतरफा जीत दर्ज की।

इस जीत के साथ डीएफसी ने प्रतियोगिता में अपनी लगातार चौथी जीत दर्ज की। इससे पहले, उन्होंने टेक्ट्राे स्वदेश युनाइटेड को 4-1 से, मुंबई सिटी एफसी को होम मैच में 4-0 से और उनके घर में 5-0 से हराया था। वे अब 29 अप्रैल को एक अवे गेम में डाउनटाउन हीरोज के साथ खेलेंगे।

कनिष्ठ और वरिष्ठ वर्ग में टैगोर सदन ने मारी बाजी

  • हर विद्यार्थी किसी ना किसी खेल से जुड़े शरीर को बनाए सुढोल : कृष्ण चंद शर्मा

जगदीश असीजा, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, उकलाना – 24   अप्रैल :

आर. डी. एम. सरस्वती पब्लिक स्कूल उकलाना मंडी में साप्ताहिक गतिविधियों के मद्देनज़र अंर्तसदनीय वॉलीवॉल प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया गया। चारों सदनों की टीमों ने भाग लिया। यह वरिष्ठ वर्ग और कनिष्ठ वर्ग में हुई। 

संस्था के चेयरमैन डॉ० के. सी शर्मा ने टॉस जीतकर  टैगोर और नेहरू सदन की टीमों को पहले खेलने का अवसर लिया तत्पश्चात नेता सदन और गांधी सदन का सेमीफाइनल हुआ। जिसमें टैगोर सदन और नेता सदन की टीम विजेता रह कर फाइनल में पहुँची, डी.पी. ई.  जितेन्द्र  के नेतृत्व में खेलती हुई इन टीमों में जमकर प्रतिस्पर्धा हुई जिसमें से टैगोर सदन विजेता बना। 

वहीं कनिष्ठ वर्ग में सेमीफाइनल में गांधी सदन और टैगोर सदन विजेता रहे और फाइनल में टैगोर सदन की टीम सभी को पछाड़ते हुए विजेता बनी। 

इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या  शालू सुवीन कटारिया , अध्यापक गण और कक्षा छठीं से बारहवीं तक के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे। संस्था के चेयरमैन डॉ०के. सी. शर्मा  ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए खेलों के महत्व के बारे में बताया कि प्रत्येक विद्यार्थी को किसी न किसी खेल से आवश्यक रूप से जुड़ना चाहिए, खेलों से शरीर स्वस्थ, स्वस्थ मस्तिष्क और एक स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। उन्होने विजेता टीम को बधाई दी और सभी विद्यार्थियों को खेलों में बढ़-चढ़ कर भाग लेने की प्रेरणा दी।