जगदीश असीजा, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, उकलाना – 03 जून :
विश्व साइकिल दिवस देश ही नहीं विश्व में इसलिए मनाया जाता है कि साईकिल के प्रति लोगों में उत्साह हो। जिससे साइकिलिंग के प्रति लोगों में रुझान बढ़े। वही आज हम ऐसे दिन पर एक ऐसे खिलाड़ी का जिक्र कर रहे हैं जो उधार की साईकिल से एशिया में अपना जलवा दिखाने जा रहा है। वह है मुगलपुरा का सुभाष पुत्र जगदीश चंद्र का चयन 14 मई को आयोजित ट्रायल के आधार पर 7से 13 जून को थाईलैंड के रयान में हरि 42 वी सीनियर 29 वी जूनियर एशियन रोड साइक्लिंग प्रतियोगिता के लिए भारतीय टीम में किया गया है, इस प्रतियोगिता के लिए लिए वही खिलाड़ी हिस्सा ले सकते थे जिन्होंने राष्ट्रीय रोड साइकिलिंग प्रतियोगिता अपने अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
सुभाष ने जनवरी में शिर्डी में आयोजित राष्ट्रीय रोड़ साइकिलिंग प्रतियोगिता में 1 स्वर्ण तथा दो रजत पदक जीतकर प्रदेश का नाम ऊंचा किया था। उसी के आधार पर इस प्रतियोगिता के लिए ट्रायल दिया था। ट्रायल में देश के दो चुनिंदा खिलाड़ियों में उसका चयन किया गया है इस प्रतियोगियों ने सुभाष में जिला हिसार से खेलते हुए अनेक बार प्रदेश में परचम लहराने का काम किया था था तथा राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी गत वर्ष पदक जीतकर हरियाणा प्रदेश का नाम ऊंचा किया।
ओलंपिक में पदक लाने का रखा है सपना संजोए सुभाष ने साक्षात्कार में बताया कि उसका सपना है कि ओलंपिक में वह देश के लिए पदक लाए और तिरंगे के साथ सम्मान प्राप्त करें इस लक्ष्य के साथ वह मेहनत प्रतिदिन कर रहा है। इस प्रतियोगिता में भी देश के लिए पदक लाए ऐसी उम्मीद लगाए हुए हैं।
माता-पिता ना होते हुए मौसी मौसा व दादी कर रही है लालन पालन बचपन में ही माता पिता की मृत्यु होने पर मौसी मौसी मौसा व दादी लालन-पालन कर रही है वही चचेरा भाई राजेश कुमार जो आजकल सेना में साइकिलिंग पद सही चयनित होने पर उसकी मदद कर रहा है कहीं भी प्रतियोगिता है तो उसको किसी ना किसी साइकिलिस्ट से साइकल उपलब्ध करवाने का काम भी कर रहा है जिससे वह अपना उम्दा प्रदर्शन कर रहा है। खुद की नहीं है आज तक कोई साइकिल अगर हम जमीनी स्तर पर देखें तो सुभाष ने बताया कि उसके पास कोई अच्छी साईकिल नहीं है जिससे उसका उत्कृष्ट प्रदर्शन हो जहां भी प्रतियोगिता होती है भाई सेना में होने के कारण उसको अन्य सहयोगी साईकिल प्रतियोगिता में उपलब्ध करवा देते हैं। जिससे प्रतियोगिता में भी वह अच्छा प्रदर्शन कर पाता है।
स्कूल की स्टेट में मांगी हुई साइकिल टूट गई नहीं कि कोई विभाग ने मदद
स्कूल स्टेट में जब मांगी गई साइकिल से कंपटीशन लड़ा तो कुत्ता आगे आने से साईकिल का फ्रेम टूट गया तो स्कूल खेल विभाग की ओर से आज तक उसको कोई सहयोग उपलब्ध नहीं हुआ जबकि उस साइकिल की कीमत ₹350000 थी। और जिसका भुगतान उनके परिवार ने किस्तों में करना पड़ रहा है। जबकि इस विषय को लेकर उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी तथा अन्य अधिकारियों को पत्र देकर भी अवगत करवाया था। परंतु विभाग की ओर से किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं दी गई।
सुभाष ने 2018 में शुरू की थी साइकलिंग
सुभाष के प्रशिक्षक हैप्पी असीजा ने बताया कि 2018 में साइकिलिंग की शुरुआत की थी और उसने राज्य स्तर पर अनेक पदक प्राप्त की है वही इसी वर्ष शिर्डी में आयोजित राष्ट्रीय रोड साइकिलिंग प्रतियोगिता में भी एक स्वर्ण तथा दो रजत जीतकर हरियाणा प्रदेश का नाम ऊंचा किया है इसके अतिरिक्त स्कूली राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता में भी कांस्य पदक जीता है। उम्मीद है एशियन प्रतियोगिता में पदक जीतेगा और एक उत्कृष्ट खिलाड़ी है जो ओलंपिक में भी अपना आने वाले समय में जलवा दिखाएगा।
हरियाणा ओलंपिक संघ के सचिव, भारतीय साइकिलिंग संघ के संयुक्त सचिव व हरियाणा राज्य साइकिलिंग संघ के महासचिव नीरज तंवर ने सुभाष को बधाई दी और कहा हरियाणा राज्य साइकलिंग संघ खिलाड़ियों का उत्थान करता रहा है। जिससे आज साइकिलिंग अव्वल दर्जे पर पहुंची है साइकिलिंग संघ द्वारा जो भी मदद होगी वह समय पर की जाएगी और ऐसे भी खिलाड़ियों को स्थान में कोई कोर कसर साइकिलिंग से नहीं छोड़ रहा।जिला साइकिलिंग संघ के अध्यक्ष कुलबीर सिंह ने कहा सोहल ने कहा की जिला साइकिलिंग संघ के अध्यक्ष कुलबीर सिंह सोहन ने कहा प्रतियोगिता से वापस आने पर साइकिलिस्ट सुभाष का सम्मान किया जाएगा । सुभाष ने जिला हिसार का नाम एशिया में चमकाने का काम किया है। जिला साइकिलिंग संघ उसके उज्जवल भविष्य की कामना करता है।