संस्थागत भ्रष्टाचार कांग्रेस की देन: स्मृति ईरानी

राजनीति कब किस करवट बैठे यह कह पाना बहुत ही मुश्किल है। कल गुजरात में प्रधानमंत्री को चोर बताने वाले राहुल गांधी आज एक निजी चैनल द्वारा किए गए कुछ ज़मीन घोटालों के उजागर होने के पश्चात टीवी पत्रकारों से भागते नज़र आए।

नयी दिल्ली-

कांग्रेस पर फैमिली पैकेज भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने बुधवार को दावा किया कि 70 सालों में संस्थागत भ्रष्टाचार कांग्रेस की देन रहा है और पिछले 24 घंटों में समाचार माध्यमों से सामने आए तथ्य दर्शाते हैं कि कैसे गांधी-वाड्रा परिवार ने पारिवारिक भ्रष्टाचार को परिभाषित किया है।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संवाददाताओं से कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में रक्षा से संबंधित सौदे और पेट्रोलियम संबंधित सौदे में संजय भंडारी और सी सी थंपी के तार जुड़े हैं।

उन्होंने दावा किया कि इन सौदों की जांच में पता लगता है कि जीजाजी :राबर्ट वाड्रा: के साथ साले साहब :राहुल गांधी: भी पारिवारिक भ्रष्टाचार में शामिल हैं ।

“बीते 24 घंटे में कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो गांधी-वाड्रा परिवार के पारिवारिक भ्रष्टाचार को उजागर करते हैं। राहुल गांधी और हथियार कारोबारी संजय भंडारी के बीच रिश्ता साबित हो गया है। संजय भंडारी के रॉबर्ट वाड्रा के साथ करीबी रिश्ते भी जांच के घेरे में हैं। भंडारी ने यूपीए शासन के दौरान भी कई रक्षा सौदों में हिस्सा लिया। सीसी थांपी और एचएल पाहवा के बीच 54 करोड़ की कड़ी का खुलासा भी हुआ है। यूपीए शासन के दौरान सीसी थांपी का नाम न सिर्फ पेट्रोल सौदों बल्कि दिल्ली में हुए 280 करोड़ के जमीन सौदे से जुड़े वित्तीय अनियमितताओं में भी सामने आया। थांपी और भंडारी के बीच रिश्ता भी सबको पता है।” स्मृति ईरानी

कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि जमीन की खरीददारी से संबंधित इन दस्तावेजों से ये बात सामने आई कि एच एल पाहवा के साथ राहुल गांधी के आर्थिक संबंध हैं स्मृति ईरानी ने जोर दिया कि एच एल पाहवा के यहां हुई छापेमारी में चौकाने वाली बात ये है कि उनके पास जमीन की खरीद फरोख्त के लिए पैसे नहीं थे। उन्हें जमीन खरीदने के लिये रुपये दिये गए थे ।

उन्होंने दावा किया कि एक समाचार सूत्र के माध्यम से राष्ट्र को जानकारी मिली है कि एच एल पाहवा नाम के एक व्यक्ति के यहां प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी में उसके पास से राहुल गांधी के साथ लेनदेन के दस्तावेज मिले हैं ।

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि 70 सालों में संस्थागत भ्रष्टाचार कांग्रेस की देन रही है। लेकिन पिछले 24 घंटों में समाचार माध्यमों से जो तथ्य आए हैं वो दर्शाते हैं कि कैसे गांधी-वाड्रा परिवार ने पारिवारिक भ्रष्टाचार को परिभाषित किया है ।

उन्होंने जोर दिया कि रार्बट वाड्रा के खिलाफ जांच जारी है और मीडिया में जो रिपोर्ट आ रही है, उसमें मिसेज वाड्रा का उल्लेख भी मिलता है।

वहीं रिपब्लिक भारत के खुलासे पर स्मृति ईरानी ने कहा यूपीए सरकार में रक्षा से संबंधित सौदे और पेट्रोलियम संबंधित सौदे में संजय भंडारी और सी सी थंपी के तार जुड़े हैं। इन सौदों की जांच में पता लगता है जीजा जी के साथ साले साहब भी पारिवारिक भ्रष्टाचार में शामिल हैं।

राजनाथ सिंह नोएडा से और महेश शर्मा राजस्थान से लड़ सकते हैं चुनाव

नई दिल्ली: मौजूदा लोकसभा में लखनऊ सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे गृहमंत्री राजनाथ सिंह मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा के स्थान पर प्रतिष्ठित गौतम बुद्ध नगर संसदीय सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं महेश शर्मा को राजस्थान के अलवर भेजा जा सकता है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी(सपा)-बहुजन समाज पार्टी(बसपा) गठबंधन के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब अध्यक्ष अमित शाह सत्ता विरोधी लहर से पार पाने के लिए मौजूदा सदस्य को टिकट नहीं देने के अपने आजमाए गए फॉर्मूले के तहत काम कर रहे हैं.

बीजेपी सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व और स्थानीय आरएसएस इकाइयों द्वारा कराए गए शुरुआती सर्वेक्षण में गौतम बुद्ध नगर की ग्रामीण आबादी में पार्टी के प्रति गुस्सा था, जोकि क्षेत्र की कुल आबादी का 40 प्रतिशत है. संसदीय क्षेत्र में नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहर तो ग्रामीण इलाकों के विधानसभा क्षेत्र खुर्जा, सिंकदराबाद और जेवर आते हैं. राजनीति पार्टियों द्वारा ऊपरी तौर लगाए गए अनुमान के अनुसार, संसदीय क्षेत्र के 19 लाख मतदाताओं में से 12 लाख मतदाता ग्रामीण इलाके से आते हैं.  शहरी मतदाताओं की संख्या 7 लाख है.  इन सब में मुस्लिम, गुज्जर और जाटों के बाद राजपूतों की संख्या सबसे अधिक है.

यह जातीय समीकरण था, जिसने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां की पांच सीटों पर जीत दर्ज करने में मदद की थी.  पार्टी के तीन विधायक -राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, बिमला सोलंकी और धीरेंद्र सिंह- राजपूत हैं. संसदीय क्षेत्र का सामाजिक समीकरण हमेशा राजनाथ सिंह के पक्ष में रहा है. 

यह भी जानें: राजनाथ सिंह के खिलाफ पूनम सिन्हा होंगी सपा की उम्मीदवार: सूत्र

उन्हें 2009 लोकसभा चुनाव में गौतम बुद्ध नगर से चुनाव लड़ने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने गाजियाबाद से चुनाव लड़ा.  2014 लोकसभा चुनाव में, पार्टी ने लखनऊ से उन्हें चुनाव लड़वाया, जिस सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी करते थे. शर्मा ने 2014 में यहां से सपा के नरेंद्र भाटी को 2,80,212 मतों के अंतर से हराया था. 

बसपा के सतीश कुमार को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था. लेकिन पार्टी के सर्वेक्षण में यहां के ग्रामीण इलाकों में शर्मा के प्रति गुस्से की वजह से पार्टी पेशे से डॉक्टर शर्मा को अलवर सीट से चुनाव लड़वाने की सोच रही है.  उनका जन्म अलवर के मनेठी गांव में हुआ था. भाजपा के महंत चंद नाथ ने अलवर से 2014 लोकसभा चुनाव में भंवर जितेंद्र सिंह को 2,83,895 मतों के अंतर से हराया था.

भाजपा के जसवंत सिंह यादव को हालांकि कांग्रेस के करण सिंह यादव के हाथों यहां 2018 में हुए उपचुनाव में हार का स्वाद चखना पड़ा था.  सांसद नाथ का 2017 में कैंसर की वजह से निधन हो गया था. राजस्थान भाजपा के एक पदाधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “अलवर और अजमेर को छोड़कर 23 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों के बारे में आंतरिक चर्चा हुई है.

दोनों सीटों पर शीर्ष नेतृत्व फैसला लेगा. ” सपा व बसपा के बीच समझौते की वजह से, गौतम बुद्ध नगर बसपा के पास है, जहां से गठबंधन प्रभारी सतवीर नागर चुनाव लड़ेंगे. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल भी इस सीट के लिए अपना दावा ठोक रहे हैं.  पेशे से चार्टर अकाउंटेंड अग्रवाल को 2014 में इस सीट से टिकट देने का वादा किया गया था, लेकिन अंतिम मौके पर पार्टी ने शर्मा को यहां से टिकट दे दिया.

राजनाथ सिंह के खिलाफ पूनम सिन्हा होंगी सपा की उम्मीदवार: सूत्र

अटकलों के बाज़ार और राजनैतिक सरगरमियों का चोली दामन का साथ है। विगत पाँच वर्षों में अपने “मोदी प्रेम” को जहा तहां बयान करते दीख पड़ते शत्रु को पार्टी ने अभी तो शत्रु की तरह नहीं देखा परंतु शत्रु को “शत्रु” का अंजाम पता है तभी वह कभी लालू तो कभी अखिलेश को गलबहियाँ डाले दीखते हैं। ताज़ा मामला शत्रुप्रिया श्रीमति पूनम सिन्हा का है जो अटकलों की मानें तो सपा की उम्मीदवार होंगी, राजनाथ सिंह के खिलाफ। यदि एस होता है तो सभी समीकरण साफ हैं।

नई दिल्ली: 

लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद रोज़ राजनीति के नए-नए समीकरण देखने को मिल रहे हैं. बीजेपी के सांसद शत्रुघ्‍न सिन्‍हा के जिस तरह के तेवर पिछले पांच साल में रहे हैं, उससे इतना तो तय है कि बीजेपी उन्‍हें अपना उम्‍मीदवार नहीं बनाएगी. वह किसी दूसरी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन उनसे जुड़ी एक और खबर सामने आ रही है कि यूपी में समाजवादी पार्टी शत्रघुन सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्‍हा को लखनऊ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी गृहमंत्री राजनाथ सिंह के ख़िलाफ़ इस बार मजबूती से चुनाव लड़ना चाहती है और इसीलिए सपा शत्रुघ्‍न सिन्हा की पत्‍नी पर दांव लगा रही है. इसके ज़रिए सपा लखनऊ के कायस्थ और वैश्य वोट बैंक के अपने पाले में लाने की कोशिश करेगी. यूपी की राजधानी लखनऊ में हाल ही में शत्रुघन सिन्हा ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. सूत्र बता रहे हैं कि इसी मुलाकात में शत्रुघ्‍न सिन्हा और अखिलेश यादव के बीच लखनऊ लोकसभा सीट से पूनम सिन्हा को चुनाव लड़ाने की चर्चा हुई.

पूनम सिन्हा को अगर समाजवादी पार्टी लोकसभा का टिकट देती है तो लखनऊ सीट पर मुकाबला बेहद रोमांचक होगा, क्योंकि एक तरफ जहां बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह चुनावी मैदान में होंगे तो वहीं दूसरी तरफ सपा बसपा की संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर शत्रुघन सिन्हा की पत्नी चुनावी मैदान में होंगी. सूत्र बता रहे हैं कि समाजवादी पार्टी ने पूनम सिन्हा की उम्मीदवारी को लेकर लखनऊ की लोकल पार्टी यूनिट से रिपोर्ट मांगी है और बूथ लेवल तक क्या प्रभाव पड़ेगा, इस पर भी रिसर्च कर रही है.

आपको बता दें कि महिला दिवस के मौके पर अखिलेश यादव ने 3 महिलाओं के टिकट की घोषणा की थी, जिसमें डिम्पल यादव को कन्नौज, डॉ पूर्वी वर्मा को लखीमपुर खीरी और ऊषा वर्मा को हरदोई (सु) सीट से टिकट दिया था. कुल मिलाकर अभी तक सपा ने यूपी में 11 उम्मीदवारों की घोषणा की है.

समाजवादी पार्टी ने 2 और सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणी की
समाजवादी पार्टी ने हाथरस से लालजी सुमन को टिकट दिया है. मिर्ज़ापुर से राजेन्द्र एस बिंद को लोकसभा टिकट दिया गया है. सपा अब तक कुल 11 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है.

“कांग्रेस के साथ कहीं भी गठबंधन नहीं करेगी बीएसपी” मायावती

मायावती ने अपनी रणनीति साफ राखी है, की वह किसी भी प्रकार के गठबंधन में स्व्यम को छोटा सांझीदार नहीं बनाने देगी। इसीलिए वह किसी भी बड़े दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। हाँ यह अवश्य ही उनके दिमाग में है कि चुनावों के पश्चात मोदी विरोधी किसी भी गठबंधन को आवश्यकता हुई तो वह अपनी शर्तों पर संजीवनी का काम कर सकतीं हैं।

मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि देश में कहीं भी गठबंधन नहीं करेगी. लखनऊ में बीएसपी की अखिल भारतीय बैठक में मंगलवार को लोकसभा चुनाव की तैयारियों और पार्टी प्रत्याशियों के चयन पर चर्चा की गई. इस बैठक में एक बार फिर स्पष्ट किया गया कि बीएसपी किसी भी राज्य में कांग्रेस पार्टी के साथ कोई चुनावी समझौता नहीं करेगी.

लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के काफी समय पहले ही बीएसपी ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया था. इस गठबंधन में कांग्रेस पार्टी को शामिल नहीं किया गया. हालांकि सीट बंटवारे के समय इस गठबंधन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की सीटों पर अपने प्रत्यार्शी नहीं उतारे थे. इस गठबंधन ने यूपी की 80 में से कुल 76 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

गौरतलब है कि बीएसपी ने हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. लेकिन चुनाव बाद तीन राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़) में बीएसपी ने कांग्रेस पार्टी को समर्थन दिया. इन तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार है.

गांधी-पटेल की भूमि में सीडबल्यूसी की बैठक से मोदी पर गरजीं सोनिया

58 साल बाद कांग्रेस फिर गांधी की शरण में आ ही गयी। पिछले पाँच वर्षों से मोदी अमित शाह की जोड़ी ने जिस तरह कांग्रेस से छीन कर गांधी और पटेल को भारतीय जनमानस के विचारों में बैठाया है उससे कांग्रेस बहुत घबरा गयी है। महात्मा गांधी के विचारों को कांग्रेस ही के खिलाफ अपने अंदाज़ में बयां करते हुये मोदी सड़क से लेकर संसद तक कॉंग्रेस पर तंज़ कसते दीखते हैं। पटेल को भी विश्व भर में महिमा मंडित कर जिस प्रकार मोदी ने गुजरात में उनकी प्रतिमा का लोकार्पण किया उससे भी कांग्रेस में बहुत खल बाली मची है। इसी लिए प्रियंका गांधी वाड्रा के पदभार संभालने के बाद पहली सीडबल्यूसी की बैठक गांधी पटेल की कर्मभूमि में राखी गयी है। जहां प्रियंका ने स्वयम माना की वह पहली बार साबरमती आश्रम आयीं हैं। ठीक भी है आतंकवाद प्रेम पर चहुं ओर से घिरी कांग्रेस को गांधी पटेल के चरणों में अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।

लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस मंगलवार यानी आज गुजरात में अपनी वर्किंग कमेटी की बैठक जारी है. इस बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा होगी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत पार्टी के बड़े दिग्गज इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं.

कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि सरकार की खराब नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था गिरी है. साथ ही मनमोहन सिंह ने कहा कि आज लोगों को यूपीए सरकार की उपलब्धियां बताने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार आज झूठा प्रचार कर रही है. वहीं यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर पीड़ित बनने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

सोनिया गांधी ने कहा, राष्ट्रीय हित से समझौता करके राजनीति हो रही है. मोदी पीड़ित बनने की कोशिश करते हैं जबकि असली पीड़ित जनता है. बता दें कि कांग्रेस कमिटी की बैठक आज गुजरात में 58 साल बाद हो रही है. बता दें कि बैठक से पहले सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने अहमदाबाद में सरदार बल्लभ भाई पटेल के राष्ट्रीय संग्रहालय में उन्हें श्रद्धांजली दी.

राहुल के मन में आतंकियों के लिए सम्मान: भाजपा

आज तक सभी कांग्रेस के नेताओं को आतंकी, पाकिस्तानी अथवा देशद्रोही प्रेमी नेताओं के तौर पर जाना जाता था। ध्यान दिलाने अथवा आलोचना की स्थिति में कांग्रेस “निजी विचार” का सहारा ले कर कट लेती थी। कांग्रेस के अय्यर, दिग्विजय, सुरजेवाला इत्यादि सभी बड़े नेता कभी न कभी अपने उद्गारों से राष्ट्र की आत्मा को छलनी कर चुके हैं। हर बार कांग्रेस उन्हे किसी न किसी तरह से बचाती रही है। परंतु आज जब भाजपा ने राहुल गांधी की विडियो जारी की तो कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता चुप हैं। मुसीबत यह की पार्टी लाइन प्रकट हो गयी, निजी विचार का सहारा भी नहीं लिया जा पा रहा।

नई दिल्‍ली: चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही पक्ष और विपक्ष के बीच आरोपों की बौछार शुरू हो गई है. दिल्‍ली में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने एयर स्‍ट्राइक के जवाब में राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल पर निशाना साधा. उन्‍होंने कहा, अजित डोवाल खुद मसूद अजहर जी को हवाई जहाज में बिठाकर कंधार लेकर गए थे. हालांकि वह यहां पर एक गलती कर गए. उन्‍होंने आतंकी मसूद अजहर के नाम के साथ जी लगाकर संबोधित किया. बीजेपी ने अब उनका ये वीडियो शेयर कर उन पर निशाना साधा है.

इसके साथ ही #RahulLovesTerrorists भी ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा. केंद्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए लिखा, राहुल गांधी और पाकिस्‍तान में क्‍या कॉमन है. दोनों ही आतंकियों से प्‍यार करते हैं. इससे पहले मध्‍यप्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्‍व‍िजय सिंह ने ओसामा बिन लादेन को भी जी कहकर संबोधित किया था. अब कांग्रेस राहुल गांधी के इस बयान का बचाव कर रही है.

Embedded video

देश के 44 वीर जवानों की शहादत के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना के लिए राहुल गांधी के मन में इतना सम्मान! #RahulLovesTerrorists5,2326:36 PM – Mar 11, 20194,226 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

अब तय करना है कि गांधी का हिंदुस्तान चाहिए या गोडसे का : राहुल
राहुल गांधी ने सोमवार को भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला बोला और कहा कि लोगों को तय करना है कि उन्हें गांधी का हिंदुस्तान चाहिए या फिर गोडसे का हिंदुस्तान चाहिए. उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि इस लोकसभा चुनाव के बाद देश में कांग्रेस की सरकार बनेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा, ‘पांच साल पहले देश में एक चौकीदार आया और कहा कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने आया हूँ, मेरा 56 इंच का सीना है. अब किसी से भी पूछ लीजिये चौकीदार क्या है तो वह बता देगा कि चौकीदार चोर है.’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कमाल है कि आप लोग देश के कोने-कोने में सच्चाई पहुंचा देते हो.

Afzal Guru ji : Randeep Pressconwala

Hafeez Saeed Saab: Digvijay Singh

Masood Azhar Ji: Rahul Gandhi

If they show so much respect in open then wonder what all they do in private. #RahulLovesTerrorists1,5967:34 PM – Mar 11, 20191,149 people are talking about thisTwitter Ads info and privacy

राहुल गांधी ने राफेल मामले का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और कहा, ‘हमने कुछ सवाल किए थे. चौकीदार संसद में डेढ़ घन्टे बोला, लेकिन अनिल अंबानी के बारे में नहीं बोला. प्रधानमंत्री आंख से आंख नहीं मिला पाए.’ उन्होंने कहा, ‘कुछ महीने पहले तीन प्रदेशों में चुनाव हुए। हमने वहां कहा कि मोदी जी ने झूठे वादे किए. हम आपसे झूठे वादे नहीं करेंगे और 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ किया. हमने दो दिन में यह काम कर दिया.’ गांधी ने कहा, ‘पुलवामा हमला जैश-ए मोहम्मद ने किया. इनकी पिछली सरकार ने मसूद अजहर को जेल से छोड़ा. कांग्रेस ने दो प्रधानमंत्री खोये हैं। हम किसी के सामने नहीं झुकते हैं.” उन्होंने कहा कि आप को तय करना है कि आप गांधी का हिंदुस्तान चाहते हैं या गोडसे का हिंदुस्तान चाहते है.? एक तरफ प्यार है और दूसरी तरफ नफरत है. गांधी ने दावा किया कि 2019 में कांग्रेस की सरकार आने वाली है. हम निर्णय ले चुके हैं कि हम न्यूनतम आय गारंटी देंगे.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने के साथ भारत रोजगार सृजन के मामले में चीन से स्पर्धा शुरू कर देगा.

पिनाक बढ़ी क्षमता के साथ सेना में शामिल

पोखरण: 

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भारतीय धर्मग्रंथों के अनुसार देवी देवताओं के साथ साथ मनुष्यों द्वारा प्रयोग में लाये गए अस्त्रों शास्त्रों के भी नाम हुआ करते थे। जहां अर्जुन को अपने गाँडीव(धनुष) पर बहुत विश्वास था वहीं प्रभु श्री राम के धनुष को सारंग कहा जाता था। परंतु इन सबसे ऊपर एक और धनुष माना जाता है जिसका नाम “पिनाक” है। पिनाक महादेव शिव के अनेकों अस्त्रों में श्रेष्ठ है। आज भी जब हम अपने आयुधों का नामकरण करते हैं तो पुराणों में वर्णित अस्त्रों शस्त्रों से ही प्रेरित होते हैं। महादेव के धनुष पिनाक की विशेषता उसके द्वारा संधान किए गए शस्त्रों के साथ उसका सामंजस्य माना जाता है। पिनाक पर संधान हुए शस्त्र अपना लक्ष्य भेद कर ही लौटते थे। आज भारतीय सेना में एक आयुध का नामकरण इसी पिनाक के नाम से प्रेरित हो “पिनाका” रखा गया है।

भारतीय सेना की ताकत में सोमवार को और इजाफा हुआ है. दरअसल, राजस्थान के पोखरण में सोमवार को आधुनिक गाइडेड रॉकेट पिनाका के दो सफल परीक्षण किए गए. इसे सेना के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस बार पिनाका रॉकेट की मारक क्षमता बढ़कर 90 किमी हो गई है. परीक्षण के दौरान गाइडेड पिनाका रॉकेट ने अपने लक्ष्यों को भेद दिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, रॉकेट ने 90 किमी दूर स्थित अपने निशानों को एकबार में ध्वस्त कर दिया.

पिनाका देश की पहली स्वदेशी निर्मित मिसाइल है. बता दें कि इससे पहले पिनाका मार्क-2 रॉकेट की क्षमता 60 किमी थी. वहीं, इस बार यह बढ़कर 90 किमी हो गई है. बताया जा रहा है कि पिनाका के इस आधुनिक वर्जन की मारक क्षमता बढ़ाई गई है. इसके साथ ही इसे दिशानिर्देशित (गाइड) करने के लिए इंप्रूव गाइजलाइन सिस्टम भी लगाया गया है. बता दें कि सबसे पहले पिनाका मार्क-2 रॉकेट में इसे गाइड करने का सिस्टम लगा था. वहीं, पिनाक मार्क-2 रॉकेट की क्षमता भी 60 किमी थी. सूत्रों के अनुसार, इस बदलाव से पिनाक की मारक क्षमता और सटीकता बढ़ गई है. 

बता दें कि पिनाका रॉकेट का प्रयोग सेना द्वारा युद्ध के दौरान किया जाता है. पिनाका एमएलआर संयुक्त रूप से विकसित मल्टी-बैरल रॉकेट लांचर है. 90 किमी रेंज तक रॉकेट दागने वाला ये हथियार 12 रॉकेट दाग सकता है युद्ध की स्थिति में ये त्वरित प्रतिक्रिया और त्वरित हमले करने में सक्षम है.

कार्यकारिणी समिति की बैठक के एक दिन पहले वल्लभ ने छोड़ा हाथ का साथ

Left MLA Vallabh Dharaviya

अहमदाबाद: 

गुजरात में कांग्रेस के एक के बाद एक विधायक पार्टी का साथ छोड़ते जा रहे हैं. पिछले चार दिन में तीन विधायक पार्टी से नाता तोड़ चुके हैं. कांग्रेस कार्य समिति की बैठक अहमदाबाद में कल बैठक होने वाली है. बैठक से एक दिन पहले सोमवार को जामनगर (ग्रामीण) से विधायक वल्लभ धारविया ने पार्टी छोड़ दी. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी को सोमवार दोपहर को इस्तीफा सौंप दिया. सूत्रों के मुताबिक, धारवरिया भी सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. त्रिवेदी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, “धारविया ने जामनगर (ग्रामीण) के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने मुझे बताया कि वह स्वेच्छा से इस्तीफा दे रहे हैं.” 

धारविया के इस्तीफे से पहले उनकी पार्टी के पूर्व सहयोगी परषोत्तम सबारिया ने आठ मार्च को ध्रांगधरा विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया था. वह सत्तारूढ़ बीजेपी में शामिल हो गए थे. सबारिया को सिंचाई घोटाले के संबंध में गत वर्ष अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था और गुजरात हाईकोर्ट से उन्हें फरवरी में जमानत मिली थी.

सबारिया ने कहा कि उन पर बीजेपी में शामिल होने का दबाव नहीं था और साथ ही दावा किया था कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए पार्टी बदल रहे हैं. आठ मार्च को माणवदर से कांग्रेस विधायक जवाहर चावड़ा ने भी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था और वह भी बीजेपी में शामिल हो गए थे. उन्हें नौ मार्च को विजय रुपाणी सरकार में मंत्री बनाया गया था. 

पिछले कुछ महीनों में पांच विधायकों ने तोड़ा नाता
पिछले कुछ महीने में गुजरात में इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायकों की संख्या पांच हो गई है. इन पांच विधायकों के अलावा कांग्रेस ने एक और विधायक गंवा दिया जब भगवान बराड़ को पांच मार्च को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया. उन्हें अवैध खनन मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. पिछले साल जुलाई में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक कुंवरजी बावलिया ने भी इस्तीफा दे दिया था और उन्हें बाद में राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया वह तब बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव जीते थे.

पिछले महीने उंझा से पहली बार विधायक बनी आशा पटेल ने सदन और कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और वह सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गई थीं. बीजेपी के पास अब 182 सदस्यीय विधानसभा में 100 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 71 विधायक हैं. 

गुजरात में कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक कल 
आगामी लोकसभा चुनावों पर चर्चा के लिए गुजरात में मंगलवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक होगी. बैठक के बाद गांधीनगर के अडालज में एक रैली होगी जिसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा राजनीति में आने के बाद पहली बार जनसभा को संबोधित कर सकती हैं. कांग्रेस की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक गुजरात में 58 साल बाद हो रही है. इससे पहले 1961 में बैठक हुई थी. 
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल पार्टी में शामिल होंगे. एक महीने के भीतर राहुल गांधी का गुजरात का यह दूसरा दौरा होगा। इससे पहले उन्होंने 14 फरवरी को वलसाड जिले में रैली को संबोधित किया था. हालांकि बैठक से पहले चार विधायकों ने इस्तीफे ने मजा किरकिरा कर दिया है. 

“हवाई प्रहार” के बाद पाकिस्तान पर भारत का “जल प्रहार”

पाकिस्तान जाने वाली नदियों के पानी से पंजाब और राजस्थान में होगी सिंचाई

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई लगातार जारी है. बालाकोट में आतंकी कैम्पों में हवाई हमले, पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने के बाद अब भारत ने पाकिस्तान पर पानी से प्रहार किया है. भारत ने पाकिस्तान जाने वाली नदियों का पानी रोकने का ऐलान किया हैं. केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि पाकिस्तान की ओर जाने वाली तीन नदियों का पानी भारत ने रोक दिया है.


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राजस्थान में बीकानेर पहुंचे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल मेघवाल ने बताया कि पाकिस्तान में बहने वाली पूर्वी नदियों के 0.53 मिलियन एकड़ फीट पानी को रोक दिया गया है और इसे संग्रहित किया गया है. जब भी राजस्थान या पंजाब को इसकी जरूरत होगी, उस पानी का उपयोग पीने और सिंचाई के लिए किया जा सकता है.

14 फरवरी को पुलवामा अटैक के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान की ओर जाने वाली तीन नदियों ब्यास, रावी और सतलज का अपने हिस्से का पानी रोकने की बात कही थी.

पुलवामा हमले के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि सिंधु समझौते के तहत भारत अपने हिस्से का पानी पाकिस्तान जाने से रोक देगा. केंद्र सरकार का यह कदम 1960 की सिंधु जल संधि का उल्लंघन नहीं करता है, क्योंकि भारत ने केवल अपने हिस्से के पानी को रोका है. भारत अपने हिस्से के पानी का उपयोग करने का हकदार है.

भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था. यह समझौता पूर्व की ओर बहने वाली नदियों- ब्यास, रावी और सतलज के पानी के प्रयोग के लिए हुआ है. इस समझौते के तहत भारत को 3.3 करोड़ एकड़ फीट (एमएएफ) पानी मिला है, जबकि पाकिस्तान को 80 एमएएफ पानी दिया गया है. यहां इस बात पर विवाद है कि इस संधि के तहत पाकिस्तान को भारत से अधिक पानी मिलता है, जिससे यहां सिंचाई में भी इस पानी का सीमित उपयोग हो पाता है. केवल बिजली उत्पादन में इसका अबाधित उपयोग होता है. साथ ही भारत पर परियोजनाओं के निर्माण के लिए भी सटीक नियम बनाए गए हैं.

सीमा पार से आई याचिका ने टाला फैसला

सारिका तिवारी, पंचकुला
11 मार्च 2019

देश में आम चुनावों के ऐलान के साथ ही बने राजनीतिक माहौल के बीच सोमवार को हरियाणा के पंचकूला की स्पेशल एनआईए कोर्ट समझौता ब्लास्ट केस मामले में फैसला सुनाना था लेकिन इसे 14 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है.

इस केस में फाइनल बहस पूरी हो चुकी है और कोर्ट ने अपना फैसला 11 मार्च, सोमवार के लिए सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के लिए सोमवार को मामले के आरोपी असीमानंद, कमल चौहान, लोकेश शर्मा और राजिंदर चौधरी पूंचकूला कोर्ट में पहुंच गए. कोर्ट के बाहर आरोपियों के समर्थकों ने भारत माता की जय के नारे लगाए.

एनआईए ने मामले में कुल 224 गवाह पेश किए जबकि बचाव पक्ष ने अपनी सफाई में कोई भी गवाह पेश नहीं किया, दूसरी ओर एनआईए द्वारा बार बार पाकिस्तान सम्मन भेजने के बावजूद वहाँ से कोई भी गवाह पेश नहीं हुआ, परंतु अब मोमिन मालिक जो अधिवक्ता हैं ने पाकिस्तानी महिला, राहिला एल वकील जिसके पिता कि इस ब्लास्ट में मृत्यु हो गयी थी की ओर से याचिका दायर की कि उसे कोई भी सम्मन नहीं मिला इस यचिका ने बहर हाल फैसले को टाल दिया है और मामले को फिर से सुनवाई कि स्थिति में ला दिया हैसूत्रों के अनुसार एक गैर सरकारी संगठन कि मदद से मोमिन खान ने या याचिका दायर कि है। अब देखना यह है कि क्या यह गैर सरकारी सगठन किसी राजनैतिक दल से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संबन्धित है या नहीं, और पिछले 12 साल से राहिला को सम्झौता ब्लास्ट कि कोई खबर नहीं मिली और अब जबकि फैसला सुनाया जाना था तो कथित एनजीओ और राहिला की नींद कैसे खुली, क्या यह महज़ इत्तिफाक़ है या किसी राजनैतिक दल का दांव

समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के पास धमाका हुआ, इसमें 68 की मौत हुई थी एनआइए ने कुल 224 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया, 6 मार्च को इस केस की सुनवाई पूरी हुई

पानीपत के दीवाना स्टेशन के नजदीक 12 साल पहले हुए समझौता ट्रेन ब्लास्ट मामले में पंचकूला की विशेष एनआईए कोर्ट सोमवार को अपना फैसला सुना सकती है।6 मार्च को इस केस की सुनवाई पूरी हो गई थी। मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंद्र चौधरी है। हालांकि कुल 8 आरोपी थे, जिनमें से 1 की मौत हो चुकी है, जबकि तीन को भगोड़ा घोषित किया जा चुकाहै।

दिल्ली से लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के दीवाना रेलवे स्टेशन के पास धमाका हुआ था। इस धमाके में दो बोगियों में आग लग गई थी, जिसमें 68 लोग जिंदा जल गए थे। मरने वालों में ज्यादातार पाकिस्तान के रहने वाले थे।

पुलिस को घटनास्थल से दो सूटकेस बम मिले, जो फट नहीं पाए थे। 20 फरवरी, 2007 को प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर पुलिस ने दो संदिग्धों के स्केच जारी किए। ऐसा कहा गया कि ये दोनों लोग ट्रेन में दिल्ली से सवार हुए थे और रास्ते में कहीं उतर गए। इसके बाद धमाका हुआ।

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15 मार्च 2007 को हरियाणा पुलिस ने इंदौर से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। यह इन धमाकों के सिलसिले में की गई पहली गिरफ्तारी थी। पुलिस इन तक सूटकेस के कवर के सहारे पहुंच पाई थी। ये कवर इंदौर के एक बाजार से घटना के चंद दिनों पहले ही खरीदे गए थे।

26 जुलाई 2010 को मामला एनआइए को सौंपा गया था। इसके बाद स्वामी असीमानंद को मामले में आरोपी बनाया गया। एनआइए ने 26 जून 2011 को पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पहली चार्जशीट में नाबा कुमार उर्फ स्वामी असीमानंद, सुनील जोशी, रामचंद्र कालसंग्रा, संदीप डांगे और लोकेश शर्मा का नाम था। आरोपियों पर आईपीसी की धारा (120 रीड विद 302) 120बी साजिश रचने के साथ 302 हत्या, 307 हत्या की कोशिश करना समेत, विस्फोटक पदार्थ लाने, रेलवे को हुए नुकसान को लेकर कई धाराएं लगाई गई।

एनआइए ने मामले में कुल 224 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया। केवल अपने दस्तावेज और कई फैसलों की कॉपी ही कोर्ट में पेश की। इस मामले में कोर्ट की ओर से पाकिस्तानी गवाहों को पेश होने के लिए कई बार मौका दिया गया, लेकिन वह एक बार भी कोर्ट में नहीं आए।