तीन तलाक के मुद्दे पर नक़वी ने कांग्रेस्स की निंदा की


केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा, ‘तीन तलाक एक सामाजिक कुरीति और कुप्रथा है और इसे धार्मिक और राजनीतिक नजरिए से देखना ठीक नहीं है’


केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मोदी सरकार का विकास का मसौदा, वोट का सौदा नहीं है. और तीन तलाक संबंधी विधेयक के पारित होने के मार्ग में बाधा डालकर कांग्रेस पार्टी वही गलती दोहरा रही है जो उसने 1985 में शाह बानो मामले में किया था.

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी ने कहा, ‘तीन तलाक एक सामाजिक कुरीति और कुप्रथा है और इसे धार्मिक और राजनीतिक नजरिए से देखना ठीक नहीं है.’

उन्होंने कहा कि तीन तलाक संबंधी विधेयक में मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक न्याय दिलाने और संवैधानिक अधिकारों को मजबूत बनाने की पहल की गई है. लेकिन कांग्रेस पार्टी और उनके कुछ साथी दल इस विधेयक को लेकर बहानेबाजी कर रहे हैं और शुरू से ही इस विधेयक को रोकने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी की पृष्ठभूमि कुछ कट्टरपंथी निहित स्वार्थी तत्वों के सामने घुटने टेकने वाली पार्टी की रही है. विपक्ष की आपत्तियों पर नकवी ने कहा, दुरुपयोग तो किसी भी चीज का, कोई भी कर सकता है. धारा 302 का भी गलत इस्तेमाल हो सकता है. लेकिन इसकी वजह से हम कोई कानून ना बनाएं, किसी के साथ न्याय की बात न करें, अन्याय होता रहे, ऐसा नहीं हो सकता.

बता दें कि तीन तलाक संबंधी विधेयक बजट सत्र में लोकसभा में पारित हुआ था लेकिन राज्यसभा में यह अब तक पारित नहीं हो पाया था. सरकार ने हाल ही में इस विधेयक में संशोधन किया है जिसके तहत मुस्लिमों में तीन तलाक से जुड़े प्रस्तावित कानून में आरोपी को सुनवाई से पहले जमानत जैसे कुछ संरक्षणात्मक प्रावधानों को शामिल किया गया है.

प्रदेश के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष प्रभात झा ने दावा किया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का एक बार फिर सफाया हो जाएगा

 

मध्य प्रदेश के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष प्रभात झा ने कांग्रेस को आधारहीन, अर्थहीन और बिना जनसमर्थन वाली पार्टी करार दिया है. झा ने कहा, कांग्रेस ऐसी पार्टी है जिसके पास न तो कोई चेहरा है, न कोई आधार है, न कोई अर्थ है और न ही इसके पास कोई जन नेता है. उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी का एक बार फिर सफाया हो जाएगा.

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद ने दावा किया कि मध्य प्रदेश में कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है और पिछले 15 वर्षों से बीजेपी को जनता का स्नेह और जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है.

कांग्रेस ने किया फिर से सरकार बनाने का दावा

उन्होंने कहा, ‘हम यहां फिर से सरकार बनाएंगे. हम लगातार चौथी बार राज्य में सरकार बनाएंगे और शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे.’ उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 26 सीटें बीजेपी के पास हैं. जबकि केवल 3 कांग्रेस के पास हैं.

झा ने कहा, ‘इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस के पास राज्य में कुछ नहीं बचा है. वो पहले ही यहां कई धड़े में बंटी हुई है. उनके पास कोई चेहरा (मुख्यमंत्री पद के लिए) नहीं है, अर्थ नहीं है और आधार नहीं है. पार्टी का सफाया हो जाएगा.’

‘जनता बीजेपी के साथ है’

झा ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रति समर्थन दिखाते हुए बीजेपी की जनआशीर्वाद यात्रा के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में 25 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जिससे यह सबित होता है कि जनता हमारे साथ है.

मंत्रियों और विधायकों के टिकट बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी इस पर उचित निर्णय लेगी. साथ ही यह उम्मीदवार के जीतने की संभावनाओं पर भी निर्भर करेगा.

उन्होंने कहा कि राज्य की 230 विधानसभा सीटों में बीजेपी का लक्ष्य 200 सीटों का है और पार्टी का चुनावी नारा ‘अबकी बार 200 पार’ है.

बिहार यूथ कांग्रेस प्र्देशाध्यक्ष, गुंजन पटेल बोध गया धमाकों का संदिग्ध


शुक्रवार को यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गुंजन पटेल को चुना गया तो पार्टी नेताओं ने ही आरोप लगाया कि पटेल 7 जुलाई 2013 को बोधगया में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के संदिग्ध रहे हैं


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लोकसभा में दिए भाषण से देश को भले ही भूकंप के झटके महसूस नहीं हुए, लेकिन बिहार की कांग्रेस पार्टी को उस दिन से भूकंप के झटके लग रहे हैं. कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार जब लोकसभा में भाषण दे रहे थे तो ठीक उसी समय भागलपुर में कांग्रेस के कई बड़े नेता आपस में झगड़ रहे थे.

बहरहाल, उस भूकंप के झटके अभी भी पार्टी को महसूस हो रहे हैं. शुक्रवार को यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गुंजन पटेल को चुना गया तो पार्टी नेताओं ने ही आरोप लगाया कि पटेल 7 जुलाई, 2013 को बोधगया में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के संदिग्ध रहे हैं. गुंजन पटेल ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा था कि केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उनसे इस मामले में पूछताछ भी की थी, लेकिन एफआईआर में उनका नाम नहीं है. इस बम ब्लास्ट में 5 लोग घायल हुए थे जिनमें 2 बौद्ध भिक्षुक थे.

मामले की जांच के लिए सारे तथ्य दिल्ली भेज दिए हैं

शिकायत का संज्ञान लेते हुए मतदान कराने वाली जे.के राव और जी.एम लिंडा एजेंसी ने परिणामों पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि यूथ कांग्रेस में संगठन चुनावों के लिए पार्टी ने एक एजेंसी को हायर किया था. चुनाव के रिटर्निंग अफसर तेलंगाना निवासी नशीर अहमद ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि यह बात सही है कि पटेल की बम ब्लास्ट में बतौर संदिग्ध नामित होने की लिखित शिकायत मिली है. हालांकि इसकी सफाई में पटेल ने एनआईए की दर्ज की गई एफआईआर की कॉपी भेजी है जिसमें उनका नाम नहीं है. फिर भी हमने मामले की जांच के लिए सारे तथ्य दिल्ली भेज दिए हैं. सोमवार तक इस पर फैसला हो जाएगा.

बिहार प्रदेश यूथ कांग्रेस के प्रभारी सर्वेश तिवारी का कहना है कि ‘कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है. पार्टी में कुछ लोग इस फैसले से खुश नहीं हैं जो इस बात का बतंगड़ बना रहे हैं. राजनीति में एक दूसरे की टांग खींचने का काम लगातार होता रहता है. इस प्रकार का खेल केवल जिला या प्रांत तक सीमित नहीं है बल्कि देश की राजधानी दिल्ली में भी चलता है.’

राज्य यूथ कांग्रेस पद के 3 प्रत्याशियों के खिलाफ गंभीर शिकायत 28 जुलाई को ही एजेंसी के पास भेज दी गई थी. उसी शिकायत के आधार पर एक प्रत्याशी राकेश यादव को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. जिसके बाद चुनाव की तारीख 6 अगस्त से बढ़ाकर 9 अगस्त कर दी गई थी. मतदान के दिन विरोधी पक्ष के भीषण आक्रोश को ध्यान में रखकर रिजल्ट की घोषणा रोक दी गई और इस संगीन मामले को दिल्ली भेज दिया गया है.

विरोधियों का आरोप है कि कांग्रेस नेता ब्रजेश पांडेय किसी भी शर्त पर गुजंन पटेल को यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं. पांडेय बेतिया लोकसभा से चुनाव लड़ना चाहते हैं. बतौर यूथ कांग्रेस अध्यक्ष गुंजन पटेल को अधिकार होगा कि वह किसी एक व्यक्ति का नाम अपने स्तर से लोकसभा के लिए आगे कर सकते हैं. इसके बाद ब्रजेश पांडेय को अपने रसूख के बल पर दिल्ली से अनुमति लेने में आसानी होगी. बता दें कि यह वही ब्रजेश पांडेय हैं जिनका नाम पिछले दिनों एक तथाकथित सेक्स स्कैंडल में उभरा था.

जो यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष होगा उसको विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा

एजेंसी को भेजी गई आरोप पत्र में गुजंन पटेल से हारने वाले निकटतम उम्मीदवार सिराजुद्दौला उर्फ दौलत इमाम का नाम भी है. पत्र में लिखा है कि दौलत इमाम के खिलाफ भी कई अपराधिक मुकदमे पटना के सुल्तानगंज थाने में दर्ज हैं. नियम के अनुसार यूथ कांग्रेस के सांगठनिक पद के लिए वही प्रत्याशी हो सकता है जिसके खिलाफ कोई अपराधिक मुकदमा दर्ज न हो और जिसकी उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच हो. प्रदेश यूथ कांग्रेस के प्रत्याशी के लिए मानक है कि पूर्व में वो ब्लॉक से लेकर प्रांतीय स्तर पर संगठन के किसी पद पर रहा हो. गुंजन पटेल किसी पद पर नहीं रहे हैं. पहले वो जनता दल में थे. बम ब्लास्ट में नाम आने के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया तो कांग्रेस ने हाथों हाथ लपक लिया. पांडेय की कृपा से पटेल कम समय में ही प्रदेश यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता और फिर एआईसीसी सदस्य बना दिए गए.

बीते 7, 8 और 9 जुलाई को बिहार में यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष, महासचिव, प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था. यह चुनाव टेबलेट के माध्यम से कुल 38 जिलों में एजेंसी की देखरेख में बिलकुल नए तरीके से कराए गए थे. कम से कम एक दर्जन जिलों में विरोधियों के बीच जमकर मारपीट भी हुई थी. हिंसक झड़प में समस्तीपुर जिला में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के भाई का सिर फट गया तो बक्सर में कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी के खिलाफ प्रत्याशी अजय ओझा ने थाने में केस किया कि ‘विधायक कहते हैं कि चुनाव से हट जाओ नहीं तो जान से मार देगें.’ उसी तरह चुनाव के दिन बेगूसराय में कांग्रेस बिधायक रामदेव राय और अमृता भूषण के समर्थकों बीच हिंसक झड़प होते-होते बच गई.

जानकार बताते हैं कि यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए लाखों रुपए खर्च करते हैं. प्रत्येक प्रत्याशी अपना पैसा खर्च कर यूथ कांग्रेस का साधारण सदस्य बनाते हैं. ऑनलाइन सदस्य बनने में 75 रुपए, ऑफलाइन 125 रुपए और तिथि विस्तार की अवधि में 140 रुपए जमा कराने होते हैं. एक हारे हुए प्रत्याशी ने बताया, ‘हमलोग अपनी जेब से पैसा लगाकर सदस्य बनाते हैं. इसबार मेरे 7 लाख रुपए लग गए हैं.’

दसअसल, ऐसी परंपरा रही है कि जो यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष होगा उसको विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा. संभवतः इसीलिए इस पद को पाने लिए इतनी बेचैनी है.

Meerut resident detained for spying in Rajasthan

 

A man allegedly active in several Pakistani WhatsApp groups has been detained in Rajasthan’s Banswara district.

Ayan, a resident of Meerut in Uttar Pradesh, had been staying in a hotel for the last few days after coming to Rajasthan in search of a job, Banswara Superintendent of Police Kaluram Rawat told PTI.

He was working in a garment factory.

“When his mobile phone was checked during routine checking, he was found active in several groups operated from Pakistan,” said Rawat.

SHO, Kotwali police station, Shaitan Singh said he was interrogated jointly by the local police and the Anti-Terrorist Squad.

“He came in touch with the owner of the factory through WhatsApp,” he said.

Doklam report will be binned if not tabled by 31st August


Congress leader meets Minister as Standing Committee’s report could not be tabled in Parliament.


Chairman of the Standing Committee on External Affairs Shashi Tharoor on Friday met External Affairs Minister Sushma Swaraj to resolve the stand-off over the panel’s report on the Doklam crisis.

The panel failed to table the report in the just-concluded monsoon session, though it had met on August 7 and 9. At both meetings, sources said, BJP members had a series of objections and did not let the panel adopt the draft report.

‘No objections’

According to sources, Mr. Tharoor submitted the report to the Ministry of External Affairs to give the government an opportunity to study it before tabling it in Parliament. “It seems that the ruling party has no objections with the recommendations of the panel but with the testimonies of MEA and Defence Ministry officials, which were candid and many of them unflattering towards the government,” a Committee member said.

The report contains testimonies of former Foreign Secretary S. Jaishankar, present Foreign Secretary Vijay Gokhale, Defence Secretary Sanjay Mitra and former Army chief General Deepak Kapoor (retd.). In parts, the testimonies from the MEA and the Defence Ministry contradict each other. Both sides, however, agreed that there was a build-up of Chinese troops at the other side of the border.

Sources told The Hindu that Mr. Tharoor had explained the entire situation to Ms. Swaraj. The MEA will study and, if need be, redact the “problematic” portions.

The panel however, would take the final call on the amendments suggested by the government.

The report could be discarded if it is not submitted before the panel’s term expires on August 31. If the report was not submitted before its term ends, then the report could easily be binned. Congress president Rahul Gandhi is also a panel member.

In the last two consecutive meetings, the report could not be adopted because of protests from the BJP members. The members in a meeting on August 7 first complained that they got the copy of the draft report too late and did not have enough time to give it a thorough reading.

In the second meeting on August 9, the lone BJP MP Sharad Tripathi, left the meeting mid way citing ‘lack of qorum’.

The military face off at Doklam between India and China started on June 16, 2017, when a Chinese road construction party tried to build a road in the Doklam region and was stopped by Indian troops.

Noble laureate V S Naipaul passes away at 85


In an extraordinary career, Naipaul traveled as a self-described “barefoot colonial” from his rural Trinidad childhood to upper class England


V.S. Naipaul, the Trinidad-born Nobel laureate whose precise and lyrical writing in such novels as A Bend in the River and A House for Mr. Biswas and brittle, misanthropic personality made him one of the world’s most admired and contentious writers, died on Saturday at his London home, his family said. He was 85.

Naipaul’s work reflected his personal journey from Trinidad to London and various stops in developing countries. He was awarded the Nobel Prize for Literature in 2001 “for having united perceptive narrative and incorruptible scrutiny in works that compel us to see the presence of suppressed histories.”

In an extraordinary career spanning half a century, Naipaul traveled as a self-described “barefoot colonial” from his rural childhood to upper class England, and was hailed as one of the greatest writers of the 20th century. From A Bend in the River to The Enigma of Arrival to Finding the Centre, Naipaul’s books explored colonialism and decolonization, exile and the struggles of the everyman in the developing world.

 “If you come from the New World, as I in large measure do, you see all the absurd fantasies people have taken there and the troubles they have wrought as a result,” Naipaul told The Associated Press in 2000. “We were not given a proper history of the New World itself. This was not out of wickedness. It was out of ignorance, out of indifference, out of the feelings that the history of this very small island was not important. These aspects one had to learn and writing took me there. One didn’t begin with knowledge. One wrote oneself into knowledge.”

Naipaul prided himself on his candor, but he had a long history of offensive remarks. Among his widely quoted comments- He called India a “slave society,” quipped that Africa has no future, and explained that Indian women wear a colored dot on their foreheads to say “my head is empty.” He laughed off the 1989 fatwa by Iran’s Ayatollah Khomeini against Salman Rushdie as “an extreme form of literary criticism.”

The critic Terry Eagleton once said of Naipaul- “Great art, dreadful politics.” Caribbean Nobel Laureate Derek Walcott complained that the author’s prose was tainted by his “repulsion towards Negroes.”

C. L. R. James, a fellow Trinidadian writer, put it differently- Naipaul’s views, he wrote, simply reflected “what the whites want to say but dare not.”

Early struggles

Vidiadhar Surajprasad Naipaul Vidia, to those who knew him, was born on Aug. 17, 1932 in Trinidad, a descendant of impoverished Indians shipped to the West Indies as bonded laborers.

“I was born there, yes,” he said of Trinidad to an interviewer in 1983. “I thought it was a great mistake.”

In 1950, Naipaul was awarded one of a few available government scholarships to study in England, and he left his family to begin his studies in English literature at University College, Oxford.

There he met his first wife, Patricia Hale, whom he married in 1955 without telling his family.

After graduation, Naipaul suffered a period of poverty and unemployment- he was asthmatic, starving and depending on his wife for income. Despite his Oxford education, he found himself surrounded by a hostile, xenophobic London.

“These people want to break my spirit … They want me to know my place,” he wrote bitterly to his wife.

Naipaul eventually landed a radio job working for BBC World Service, where he discussed West Indian literature and found his footing as a writer. His breakthrough came in 1957 with his first published novel The Mystic Masseur, a humorous book about the lives of powerless people in a Trinidad ghetto.

Breakthrough novel

Naipaul caught the eye of book reviewers, and in 1959 he won the Somerset Maugham Award with the story collection Miguel Street. In 1961, Naipaul published the celebrated A House for Mr. Biswas. That novel, about how one man’s life was restricted by the limits of colonial society, was a tribute to Naipaul’s father.

“If he had been born in another culture, not a colonial agricultural society, his talent would have given him a reasonable chance somewhere and he would have flourished,” Naipaul told the AP in 2000. “Part of his pathos was that he was born in the wrong place.”

In the years that followed, Naipaul was to travel for extensive periods to pen journalistic essays and travel books. He flew three times to India, his ancestral home, to write about its culture and politics. He spent time in Buenos Aires, Argentina to write about its former First Lady Eva Peron, and went to Iran, Pakistan and Indonesia for books about Islam.

Years before the Sept. 11, 2001 attacks, Naipaul devoted attention to Islamic radicalism in books including Among the Believers and Beyond Belief.

In its Nobel citation, the Swedish Academy called him “a literary circumnavigator, only ever really at home in himself.”

Naipaul’s nonfiction often provoked much anger, and many were offended by his views about Islam and India. Rushdie, for example, thought Naipaul was promoting Hindu nationalism.

Africa also provided the setting for his 1979 novel “A Bend in the River.” His life of travel and transitions was reflected in the 1987 novel The Enigma of Arrival, which some considered his masterpiece.

Knighthood

Naipaul received a knighthood in 1990, and in 2001 was awarded the Nobel Prize in Literature.

As his literary stature grew, so did his reputation as a difficult, irascible personality. Naipaul was a private man and did not have many friends, but his personal life entered the public domain when the American writer Paul Theroux, a one-time friend whose relationship with Naipaul turned sour, published a stinging memoir about Naipaul in 1998.

Sir Vidia’s Shadow described Naipaul as a racist, sexist miser who threw terrifying tantrums and beat up women.

Naipaul ignored Theroux’s book, but he did authorise a candid biography that confirmed some of Theroux’s claims. The biography, published in 2008, devoted chapters to how Naipaul met and callously treated his mistress, an Anglo-Argentine woman who was married and about a decade younger than he was. It recalled Naipaul’s confession to The New Yorker that he bought sex and was a “great prostitute man,” and recorded Naipaul’s frank and disturbing comments on how that destroyed his wife, Hale, who died of breast cancer in 1996.

“It could be said that I had killed her,” he told biographer Patrick French. “I feel a little bit that way.”

Two months after Hale died, Naipaul married his second wife, Pakistani newspaper columnist Nadira Khannum Alvi. Naipaul’s later books lost their playful humor, and some say much of their appeal.

आज का पांचांग

🌷🌷🌷पंचांग🌷🌷🌷
12 अगस्त 2018, रविवार

विक्रम संवत – 2075
अयन – दक्षिणायन
गोलार्ध – उत्तर
ऋतु – वर्षा
मास – श्रावण
पक्ष – शुक्ल
तिथि – प्रतिपदा
नक्षत्र – मघा
योग – वरियान (7:41 तक)
परिध
करण – बव

राहुकाल:-
4:30PM – 6:00PM

🌞सूर्योदय – 05:51 (चण्डीगढ)
🌞सूर्यास्त – 19:04 (चण्डीगढ)
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🚩दिवस -🚩
विश्व युवा दिन।

🚩विशेष -🚩 चन्द्र दर्शन।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
चोघड़िया मुहूर्त- एक दिन में सात प्रकार के चोघड़िया मुहूर्त आते हैं, जिनमें से तीन शुभ और तीन अशुभ व एक तटस्थ माने जाते हैं। इनकी गुजरात में अधिक मान्यता है। नए कार्य शुभ चोघड़िया मुहूर्त में प्रारंभ करने चाहिएः-
दिन का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
लाभ 09:07 10:46 शुभ
अमृत 10:46 12:26 शुभ
शुभ 14:05 15:44 शुभ
रात्रि का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
शुभ 19:03 20:24 शुभ
अमृत 20:24 21:45 शुभ
लाभ 01:46 03:07 शुभ
शुभ 04:28 05:49 शुभ

जो व्यक्ति ‘संसद की गरिमा नहीं रख सकता, वह प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहा है: राजनाथ सिंह


गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी पर करारा प्रहार करते हुए कांग्रेस पर देश को बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया


गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि जो व्यक्ति ‘संसद की गरिमा नहीं रख सकता, वह प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहा है.’ उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस और विपक्षी दलों को नरेन्द्र मोदी सरकार का काम पच नहीं रहा है. और ‘कांग्रेस के काठ की हांडी दोबारा नहीं चढ़ेगी.’ राजनाथ सिंह ने आगे कहा- ‘हम राजनीति सत्त्ता चलाने के लिए नहीं, देश चलाने के लिए करते हैं.’

राजनाथ सिंह मेरठ में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का मस्तक ऊंचा हुआ है. साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की सराहना की. और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शासन चलाने में कामयाब रहे हैं. उन्होंने दावा किया, ‘मेरा विश्वास पक्का हो गया है, सभी को देखने के बाद यह यकीन हो गया है कि जीत का एक्सप्रेस-वे यूपी से गुजरेगा.’

संसद में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गले लगाने की घटना को ‘‘चिपको अभियान’’ करार दिया. सिंह ने कहा, संसद ‘जो संसद की गरिमा नहीं बना (रख) सकता वह प्रधानमंत्री बनने का स्वप्न देख रहा है. कांग्रेस ने जाति-मजहब में बांटने की राजनीति की है. लेकिन हम सत्ता हासिल हो या न हो, समाज को बंटने नहीं देंगे.’

राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) के मामले में उन्होंने कहा कि कितने देशी नागरिक हैं और कितने विदेशी, क्या इसका आंकड़ा नही होना चाहिए. गृहमंत्री ने यह भी दावा किया कि अब सिर्फ आठ जिलों में नक्सलवाद बचा है. आतंक के रास्ते पर जाने वाले युवाओं की संख्या कम हुई है.

इससे पहले, मेरठ में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘हमने प्रदेश में विश्वास कायम करने में सफलता हासिल की है. हमने आंबेडकर जयंती पर निर्णय लिया था कि सबको समान रूप से बिजली दी जाएगी और हम ऐसा कर रहे हैं.’ उन्होंने दावा किया कि पूर्व सरकार के शासनकाल में बिजली पांच छह जिलों में सिमट कर रह गई थी.

बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी मौजूद थे. कार्यसमिति की दो दिन की बैठक का समापन कल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह करेंगे.

 

‘मैंने सोचा नहीं था कि मुसलमानों को पिल्ला बोलनेवाला एक दिन देश का प्रधानमंत्री बन जाएगा’ मणि शंकर ऐयर

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर फिर से एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘मैंने सोचा नहीं था कि 2014 के पहले एक मुख्यमंत्री जो मुसलमानों को पिल्ला (कुत्ते का बच्चा) समझता है, वो देश का प्रधानमंत्री बन जाएगा.’

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार अय्यर ने नाम लिए बगैर नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जो 2002 में मुसलमानों की कुर्बानी पर यह कहेगा कि एक पिल्ला भी गाड़ी के नीचे आ जाए तो दिल में चोट लगती है.’

अय्यर ने कहा, ‘जिस आदमी ने ऐसा कहा वह 24 दिनों में मुसलमानों के शरणार्थी कैंप में नहीं गया और अहमदाबाद मस्जिद भी तब पहुंचा जब पीएम अटल बिहारी वाजपेयी वहां गए. प्रधानमंत्री वाजपेयी के साथ जाना केवल उनकी मजबूरी थी.’

अय्यर ने कहा, ‘सोचा ही नहीं था कि ऐसा एक व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बन सकता है.’

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया है. पिछले साल दिसंबर में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पीएम मोदी के लिए ‘नीच’ शब्द का उपयोग किया था. इसे लेकर उनकी काफी फजीहत हुई थी.

मणिशंकर अय्यर को उनके इस बयान के लिए राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था. हालांकि, बाद में उनका यह निलंबन वापस ले लिया गया था.

इसके अलावा जनवरी 2014 में दिल्ली में हुए कांग्रेस के अधिवेशन के दौरान उन्होंने सबके सामने नरेंद्र मोदी को ‘चायवाला’ कहकर संबोधित किया था.

केंद्रीय मंत्री और सांसदो की पत्नियों ने सेक्टर 14 में तीज महोत्सव में लगाए चार चांद

फरीदाबाद: सेक्टर 14 आरडब्ल्यूए एसोसिएशन की तरफ से डीएवी स्कूल में मनाए गए तीज महोत्सव में कई सांसदों और मंत्रियों की पत्नियों ने शिरकत की। उद्योग मंत्री विपुल गोयल के बुलावे पर तीज महोत्सव में पहुंची कमल सुखी परिवार की इन खास मेहमानों ने तीज महोत्सव में जमकर मौज मस्ती की। कमल सखी परिवार की सदस्य केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता, धर्मेंद्र प्रधान की पत्नी मृदुला प्रधान ,सांसद राजीव प्रताप रूडी की पत्नी नीलम रूडी, राज्यसभा सांसद डॉक्टर अनिल जैन की पत्नी वंदना जैन, सांसद जितेंद्र सिंह की पत्नी मंजू सिंह और सांसद अश्विनी चोपड़ा की पत्नी किरण चोपड़ा ने तीज महोत्सव में शिरकत की। सभी खास मेहमानों ने ढोलक पर जमकर डांस किया तो वहीं झूला झूलने का भी आनंद लिया।

विधायक और केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता ने कहा कि फरीदाबाद में उन्हें हमेशा प्यार मिलता है और आज तीज महोत्सव में कई सालों बाद उन्होंने झूला झूलने का आनंद लिया। उन्होंने कहा कि आज इस तरह तीज मनाकर उन्हें बचपन के दिन याद आ गए। वहीं मृदुला प्रधान ने कहा कि कमल सखी ग्रुप से जुड़ने के कारण हम बीजेपी नेताओं की पत्नियां अक्सर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जाते रहते हैं और फरीदाबाद में उन्हें सूरजकुंड मेले के बाद दूसरी बार आने का अवसर मिला है और हम दुआ करते हैं कि विपुल गोयल यूं ही तरक्की करते रहें और हमें बुलाते रहे। उन्होंने कहा कि तीज महिलाओं का त्यौहार है और तीज उत्सव महिलाओं को आजादी का संदेश देता है। वहीं उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने इस मौके पर सभी खास महिलाओं का उपहार देकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि तीज का त्यौहार महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है और हरियाणा के साथ देश की सरकार लगातार महिला सशक्तिकरण का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि देश की सरकार से लेकर हर क्षेत्र में महिलाएं भारत का नाम रोशन कर रही है। उन्होंने कहा कि तीज का त्यौहार यह भी संदेश देता है कि घर और बाहर दोनों जगह महिलाओं का सम्मान करें और उन्हें आगे बढ़ने के समान अवसर दें। इस मौके पर सेक्टर 14 आरडब्ल्यूए के प्रधान शंकर खंडेलवाल, आर एस गांधी, केसी लखानी, बीजेपी नेता राजेश नागर और डिप्टी मेयर मनमोहन गर्ग सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।