पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित इन्द्रधनुष सभागार में आयोजित सबसे बड़े लोक कला उत्सव का शुभारम्भ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा किया गया।

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Ajay Kumar, Panchkula Breaking…….

पंचकूला पहुंचे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर।

पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित इन्द्रधनुष सभागार में आयोजित सबसे बड़े लोक कला उत्सव का शुभारम्भ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा किया गया।

यह एशिया का सबसे बड़ा लोक कला उत्सव है।

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जिसमें 12 देशों के कलाकारों ने अपनी संस्कृति की झलक बिखेरी।

इस कार्यक्रम में जर्मनी, चीन, ब्राजील, रूस, ईटली, साउथ कोरिया, साउथ अफ्रिका, यूक्रेन, थाईलेंण्ड, टरकी, कोलम्बिया, सिंगापुर, चेकगणराज्य समेत कई देशों के कलाकार लोक नृत्यक व नृत्यकियां हिस्सा लें रही हैं।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हरियाणवी लोक नृत्य धमाल की भी  प्रस्तुति की गयी।

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इसमें हरियाणवी धमाल और गायन के साथ एशिया व यूरोप के अनेकों देशों के लगभग 400 कलाकार भाग लें रहे हैं।

CU-Rhythms International Folklore Festival organized at Indradhanush Auditorium

Panchkuka,  September 27:

While describing Haryana’s  culture as rich and vibrant, Haryana Chief Minister Mr Manohal Lal said that the state government has taken several steps to promote our rich culture and tradition at national and international level. Apart from the sending cultural troops to other countries for performance, international Surajkund Crats Mela and Gita Jayani Samaroh are organized every year showcasing our rich culture and tradition.

Mr Manohal Lal was speaking as a Chief Guest at the first CU-Rhythms International Folklore Festival organized at Indradhanush Auditorium at Panchkula near here today. MP Mr Rattan Lal Kataria, Education and Tourism Minister, Mr Ram Bilas Sharma, Finance Minister Capt Abhimanyu and MLA Mr Gian Chand Gupta were also present on this occasion.While welcoming the artists, the Chief Minister said that it is matter of pride that about 400 artists from 20 different countries have participated in this festival. ‘I welcome you all in Haryana’ he added.

He said that today the human life has become more stressful which is putting an adverse impact on   the peace of mind of people. In such a situation, such performances are the best medium through which we could achieve balance in life. “Haryana has a rich history. The celestial message delivered by Lord Krishna on the holy land of Kurukshetra 5000 years ago is still prevalent in the today’s world and people are following it in their lives”, he added.

He also congratulated Regional Director, Haryana Kala Parishad and Coordinator of the programme Mr Gajender Phogat for organizing this programme and said that such programs should be organized regularly. For which, he assured all support and cooperation of the state government.

Speaking on this occasion, Additional Chief Secretary, Art and Culture Department, Mrs Dheera Khandelwal said that Haryana has a rich, colourful and vibrant culture and such kind of programms provides a platform to the artists to showcase culture of their respective state and countries.

Earlier, the artists of Haryana, Poland, Singapore, Indonesia, Russia, Italy and China gave their performances which made the audience spellbound.

Those other present on this occasion included Deputy Commissioner Mr Mukul Kumar, Deputy Commissioner of Police Mr Abhishek Jorwal, Additional Deputy Commissioner Mr Jagdeep Dhanda, SDM Mr Pankaj Setia, artists and large number of people.

 

 

 

पद्मश्री, पद्मविभूषण जसदेव सिंह नहीं रहे


87 बरस की उम्र में आवाज के जादूगर जसदेव सिंह ने ली आखिरी सांस


हॉकी वर्ल्ड कप विजय की वर्षगांठ थी. दिल्ली के शिवाजी स्टेडियम में एक समारोह रखा गया. इसमें जसदेव सिंह भी आए थे. तमाम औपचारिकताओं और एक प्रदर्शनी मैच के बीच जसदेव सिंह से उस जीत की यादें ताजा करने को कहा गया. मार्च का महीना था. जसदेव सिंह ने छोटा सा कागज निकाला. उस पर कुछ पॉइंट लिखे हुए थे. माइक हाथ में लिया. …और अगले 4-5 मिनट उनकी आवाज की खनक और रवानगी उस माहौल को जसदेवमय बना गई.

मैं जसदेव सिंह बोल रहा हूं… इस घोषणा के साथ ही रेडियो की आवाज बढ़ा दी जाती थी. लोग रेडियो के करीब आ जाते थे. उसके बाद बस, एक आवाज गूंजती थी. जसदेव सिंह की. 1975 के विश्व कप की उस दौर का कोई शख्स नहीं भूल सकता. यहां तक कि फाइनल में विजयी गोल करने वाले अशोक कुमार ने कुछ समय पहले कहा था कि जब हम लौटकर आए, तो वो कमेंट्री दोबारा सुनी. उन्होंने कहा, ‘मैं दिल से कहता हूं कि उस कमेंट्री का रोमांच मैं शब्दों में नहीं बता सकता.’

हॉकी के हर पास की रफ्तार जसदेव सिंह के मुंह से निकलते शब्द की रफ्तार से मुकाबला करते थे. ऐसा लगता था, जैसे वो एक भी लम्हा नहीं चूकना चाहते. ..और कमेंट्री को लेकर उनका लगाव ही था, जो वर्ल्ड कप के 30 बरस बाद भी वो कमेंट्री शब्द-दर-शब्द उन्हें याद थी.

दरअसल, महात्मा गांधी के अंतिम सफर की कमेंट्री से उनका कमेंट्री के साथ लगाव शुरू हुआ था. उनके शब्दों में 1962 के स्वतंत्रता दिवस पर जो शुरुआत की, तो फिर वो किसी भी स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस की आवाज बन गए. खासतौर पर गणतंत्र दिवस परेड की. माहौल बताना उनकी खासियत थी. उनकी कमेंट्री चिड़ियों के चहचहाने, सुहानी बयार, पेड़ों के झूमने से शुरू होती थी. यहां तक कि मजाक में कहा जाने लगा था कि जसदेव सिंह तो इनडोर स्टेडियम में चिड़ियों की आवाज सुना देते हैं.


Rajyavardhan Rathore

@Ra_THORe

It is with deep sadness that I note the demise of Sh Jasdev Singh, one of our finest commentators.

A veteran of @AkashvaniAIR & @DDNational, he covered 9 Olympics, 6 Asian Games & countless Independence Day & Republic Day broadcasts.

His demise is truly the end of an era.


शायद ही कोई ऐसा बड़ा इवेंट हो, जहां जसदेव सिंह की आवाज न गूंजी हो. जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी जैसे नेताओं की अंतिम यात्रा हो… खेलों के हर बड़े इवेंट के साथ जुड़ाव हो.. हर जगह जब भी कमेंट्री की बात आती, जसदेव सिंह का नाम पहले आता था. उन्हें फिल्म चक दे में कमेंटेटर के रोल के लिए भी बुलाया गया. लेकिन लिखी हुई लाइन के बजाय अपने हिसाब से बोलने पर वो अड़ गए, जिस वजह से उन्हें फिल्म में नहीं लिया गया.

एक समय के बाद उनमें कुछ कड़वाहट आने लगी. उन्हें लगने लगा कि उनका वो सम्मान नहीं हो रहा, जिसके वो हकदार थे. हालांकि सब जानते हैं कि पद्म भूषण, पद्म श्री, ओलिंपिक ऑर्डर.. ये सब उनके नाम हैं. लेकिन रिटायरमेंट के बाद हालात बदले. 1955 से कमेंट्री कर रहे जसदेव शायद कमेंट्री से अपने प्यार की वजह से इससे दूर नहीं होना चाहते थे. उन्हें स्टार स्पोर्ट्स में भी शुरुआती समय में सुनील गावस्कर के साथ मौका दिया गया. 2000 के सिडनी ओलिंपिक में उन्होंने ओपनिंग सेरेमनी की कमेंट्री की. लेकिन तब तक साफ होने लगा कि आवाज का जादू तो बरकरार है, लेकिन अब आंखों और आवाज का समन्वय गड़बड़ा रहा है. कुछ खिलाड़ियों को पहचानने में उन्हें समस्या होने लगी थी.

इसके बाद भी कई सालों तक वो कमेंट्री करते रहे. वो लगातार यह कहते रहे कि उनसे कमेंट्री करवाई जानी चाहिए. लेकिन जैसा कहा जाता है कि दिन किसी के लिए नहीं थमते. आज, 24 सितंबर 2018 को 87 साल की उम्र में जसदेव सिंह दुनिया छोड़ गए हैं. कमेंट्री का वो दौर खत्म हो गया है, जिसे उनकी आवाज ने पहचान दी थी.

आकाशवाणी के सबसे चर्चित नामों में एक देवकी नंदन पांडेय थे. समाचार पढ़ने के उनके तरीके ने उन्हें ख्याति दिलाई थी. उनके बारे में कहा जाता है कि एक बार इंदिरा गांधी से आकाशवाणी से लोग मिलने गए. सबने परिचय दिया. इंदिरा गांधी सिर नीचे किए कोई फाइल देख रही थीं. जब देवकी नंदन पांडेय ने अपना परिचय दिया तो इंदिरा जी ने सिर उठाया और कहा- अच्छा, आप हैं… 11 साल पहले 2007 में देवकी नंदन पांडेय का निधन हुआ था.

इसी तरह जसदेव सिंह को कमेंट्री की आवाज कहा जाता है. उनके लिए भी कहा जाता है कि 1975 के हॉकी वर्ल्ड कप फाइनल की कमेंट्री सुनने के लिए इंदिरा गांधी ने संसद की कार्यवाही रुकवा दी थी. यकीनन इसमें कोई शक नहीं कि जसदेव सिंह की आवाज गूंजती थी, तो ऐसा लगता था, मानो दुनिया थम जाए. सवाई माधोपुर में जन्मे जसदेव सिंह दिल्ली और जयपुर में रहते थे. जयपुर में अमर जवान ज्योति पर हर शाम उनकी आवाज गूंजा करती है. वो आवाज सिर्फ अमर जवान ज्योति नहीं, हर उस दिल मे हमेशा गूंजती रहेगी, जिसने उनकी कमेंट्री सुनी है. वो आवाज अमर है.

Workshop on ‘Drug Abuse’ held at Traffic & Security Lines, chandigarh

B. L. Sharma, IAS, Secretary Education & Sanjay Baniwal, IPS, DGP, U.T.

Chandigarh Police under the guidance of Sh. Sanjay Baniwal, IPS, DGP, U.T., Chandigarh in partnership with SPYM, Don Bosco Research Centre, Mumbai and Department of Education, Chandigarh UT organized training for teachers of selected schools of Chandigarh from 17th – 22nd September, 2018 at Traffic & Security Lines, Sector 29, Chandigarh. The purpose of the training was to orient the Government school teachers to equip them with necessary skills to carry messages of substance use prevention to students along with enabling them to identify early stages of addiction and risky behavior and facilitate students with ways to deal with such situations.

Today, i.e. on 22.09.2018 at 4:00 PM, the concluding ceremony has been organized by Chandigarh Police at Traffic Auditorium, Sec-29, Chandigarh. In this function, Sh. V.P. Singh Badnore, Hon’ble Governor of Punjab-cum-Administrator, U.T., Chandigarh was the Chief Guest. Sh. B. L. Sharma, IAS, Secretary Education, Sh. Sanjay Baniwal, IPS, W/DGP/U.T., Chandigarh, Sh. O.P. Mishra, DIG, U.T., Chandigarh, Sh. Shashank Anand, IPS, SSP Security & Traffic, Sh. Milind Mahadeo Dumbere, IPS, SSP/Head Quarter,  Ms. Nilambari Jagadale, IPS, SSP, UT, Chandigarh, Sh. Ravi Kumar Singh, IPS, SP/Oprs. and Sh. Manish, Team Leader “SPYM”  were also present in the function.

Administrator Badnore on dias

Ms. Nilambari Jagadale, IPS, Sr. Superintendent of Police, UT, Chandigarh welcomed the Chief Guest and other dignitaries. She gave speech on the importance of this workshop. A presentation on Drug Abuse was presented by Sh. Manish, Team Leader (SPYM) and the some participant teachers shared their views/experience to combat the drug abuse.

Sh. B. L. Sharma, IAS, Secretary Education addressed the audience and appreciated this initiative of Chandigarh Police with the collaboration of “SPYM”.  Sh. Sanjay Baniwal, IPS, W/DGP/Chandigarh has also delivered short speech to make the city beautiful drug free by initiating such type of workshops in near future.

Sh. V.P. Singh Badnore, Hon’ble Governor of Punjab-cum-Administrator, U.T., Chandigarh gave short speech on the menace of drug abuse and the role of the teachers as well as parents to curb this menace. He also advised the police department to keep continue such programme in slums area on regular basis being the national issue. He also appreciated police as well as “SPYM” for conducting this workshop in a decent manner.

पितृ पक्ष 2018: पितरों के प्रति श्रद्धा दर्शाना ही है पितृ पर्व का ध्येय


  • श्राद्ध में श्रेष्ठ ब्राह्मणों को कच्चा धान्य और थोड़ी भी दक्षिणा देगा, उसका श्राद्ध भी उत्तम होगा. अगर इसमें भी असमर्थ हो तो केवल 8 तिलों से जलांजलि देनी चाहिए.

  • अगर इसमें भी असमर्थ हो तो केवल 8 तिलों से जलांजलि देनी चाहिए. अगर यह भी नहीं कर सकते तो कहीं से गौ का चारा लाकर प्रीति और श्रद्धा पूर्वक गौ को खिला दें.

  • सभी वस्तुओं के आभाव में एकांत में सूर्य आदि दिक्पालों से हाथ उठाकर उच्चस्वर से कहें कि मेरे पास श्राद्ध कर्म के योग्य न वित्त है और न कोई सामग्री है, इसलिए मैं अपने पितृगण को नमस्कार करता हूं, वे मेरी भक्ति से ही तृप्ति का लाभ लें.


सनातनधर्म से जुड़े मनुष्यों को प्रबल इच्छा रहती है कि ‘मेरी संतान जो हो वह मरने के बाद तर्पण और पिंड दान से मुझे तृप्त करें.’ पुत्र शब्द की व्याख्या जहां पर की गई है, उसका भाव यह है कि पुन्नाम नरक से पिता को बचाने वाला ही पुत्र होता है.

नास्तिकता से या चंचलता से जो पुरुष तर्पण नहीं करता, उनके पितृ पिपासित होते हैं और देह से निकले अपवित्र जल को पीते हैं. विष्णु पुराण में आया है कि श्राद्ध काल में भक्ति और विनम्र चित्त से उत्तम ब्राह्मणों को यथा शक्ति भोजन कराएं और इससे असमर्थ होने पर, जो श्राद्ध में श्रेष्ठ ब्राह्मणों को कच्चा धान्य और थोड़ी भी दक्षिणा देगा, उसका श्राद्ध भी उत्तम होगा. अगर इसमें भी असमर्थ हो तो केवल 8 तिलों से जलांजलि देनी चाहिए. अगर यह भी नहीं कर सकते तो कहीं से गौ का चारा लाकर प्रीति और श्रद्धा पूर्वक गौ को खिला दें. सभी वस्तुओं के आभाव में एकांत में सूर्य आदि दिक्पालों से हाथ उठाकर उच्चस्वर से कहें कि मेरे पास श्राद्ध कर्म के योग्य न वित्त है और न कोई सामग्री है, इसलिए मैं अपने पितृगण को नमस्कार करता हूं, वे मेरी भक्ति से ही तृप्ति का लाभ लें.

श्राद्ध रहस्यपूर्ण, सोपपत्तिक और विज्ञानपूर्ण

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की तिथि में सभी पित्रों के श्राद्ध किए जाते हैं. उसमें विज्ञान यह है कि इन दिनों चंद्रमा अन्य महीनों की अपेक्षा पृथ्वी के पास होता है. इसी कारण उसकी आकर्षण शक्ति का प्रभाव पृथ्वी और उसमें अधिष्ठित प्राणियों पर विशेष रूप से पड़ता है. तब जितने सुक्ष्म-शरीरयुक्त जीव चंद्रलोक के ऊपरी भाग में स्थित पितृलोक में जाने के लिए बहुत समय से चल रहे होते हैं या चल पड़े होते हैं, उनका उद्देश्य करके उनके संबंधियों के जरिए प्रदत्त पिंड अपने अन्तर्गत सोम के अंश से उन जीवों को आप्यायित करके उनमें विशिष्ट शक्ति उत्त्पन्न करके उन्हें शीघ्र और अनायास ही यानि बिना अपनी मदद के ही पितृलोक में प्राप्त करा दिया करते हैं. तब वे पितृ भी उनकी ऐसी सहायता पाकर उन्हें हृदय से समृद्धि और वंशवृद्धि का आर्शीवाद देते हैं.

प्रतिवर्ष क्षयाह के मास और तिथि में श्राद्ध किया जाता है. उसमें कारण यह है कि तिथि चंद्रमास के और चंद्रगति के अनुसार होती है. उसमें चंद्र लोक में वे पितृ उसी मार्ग और स्थान को प्राप्त हुए थे. तब वे सुक्ष्माग्नि से प्राप्त कर लेते है और उस श्राद्ध के सुक्ष्मांश को अनायास प्राप्त कर लेते हैं.

दिनांक——- तिथि 24 सितंबर- पूर्णमासी श्राद्ध 25 सितंबर- प्रतिपदा श्राद्ध 26 सितंबर- द्वितीया श्राद्ध 27 सितंबर- तृतीया श्राद्ध 28 सितंबर- चतुर्थी श्राद्ध 29 सितंबर- पंचमी श्राद्ध 30 सितंबर- षष्ठी श्राद्ध 1 अक्टूबर- सप्तमी श्राद्ध 2 अक्टूबर- अष्टमी श्राद्ध 3 अक्टूबर- नवमी श्राद्ध 4 अक्टूबर- दशमी श्राद्ध 5 अक्टूबर- एकदशी श्राद्ध 6 अक्टूबर- द्वादशी श्राद्ध 7 अक्टूबर- त्रयोदशी श्राद्ध 8 अक्टूबर- चतुर्दशी/अमावस्या श्राद्ध 9 अक्टूबर- मातामह श्राद्ध

श्राद्ध विधि

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार श्राद्ध करने की भी विधि होती है. यदि पूरे विधि विधान से श्राद्ध कर्म न किया जाए तो मान्यता है कि वह श्राद्ध कर्म निष्फल होता है और पूर्वजों की आत्मा अतृप्त ही रहती है. शास्त्रसम्मत मान्यता यही है कि किसी सुयोग्य विद्वान ब्राह्मण के जरिए ही श्राद्ध कर्म (पिंड दान, तर्पण) करवाना चाहिए. श्राद्ध कर्म में पूरी श्रद्धा से ब्राह्मणों को तो दान दिया ही जाता है साथ ही यदि किसी गरीब, जरूरतमंद की सहायता भी आप कर सकें तो बहुत पुण्य मिलता है. इसके साथ-साथ गाय, कुत्ते, कौवे आदि पशु-पक्षियों के लिए भी भोजन का एक अंश जरूर डालना चाहिए.

श्राद्ध करने के लिए सबसे पहले जिसके लिए श्राद्ध करना है उसकी तिथि का ज्ञान होना जरूरी है. जिस तिथि को मृत्यु हुई हो उसी तिथि को श्राद्ध करना चाहिए. लेकिन कभी-कभी ऐसी स्थिति होती है कि हमें तिथि पता नहीं होती तो ऐसे में आश्विन अमावस्या का दिन श्राद्ध कर्म के लिए श्रेष्ठ होता है क्योंकि इस दिन सर्वपितृ श्राद्ध योग माना जाता है. दूसरी बात यह भी महत्वपूर्ण है कि श्राद्ध करवाया कहां पर जा रहा है. यदि संभव हो तो गंगा नदी के किनारे पर श्राद्ध कर्म करवाना चाहिए. यदि यह संभव न हो तो घर पर भी इसे किया जा सकता है. जिस दिन श्राद्ध हो उस दिन ब्राह्मणों को भोज करवाना चाहिए.भोजन के बाद दान दक्षिणा देकर भी उन्हें संतुष्ट करें.

श्राद्ध पूजा दोपहर के समय शुरू करनी चाहिए. योग्य ब्राह्मण की सहायता से मंत्रोच्चारण करें और पूजा के पश्चात जल से तर्पण करें. इसके बाद जो भोग लगाया जा रहा है उसमें से गाय, कुत्ते, कौवे आदि का हिस्सा अलग कर देना चाहिए. इन्हें भोजन डालते समय अपने पितरों का स्मरण करना चाहिए. मन ही मन उनसे श्राद्ध ग्रहण करने का निवेदन करना चाहिए.

Cycle rally was organised on ‘Car Free Day’

 

Chandigarh, 22-09-2018:

Today a cycle rally was organised by Chandigarh Traffic Police and Cyclegiri group, IMA Chandigarh to observe world car free day. The rally was conceptualized by Cyclegiri group, a unique aggregation of doctors and other professionals, who advocate the use of bicycles in the Tricity. They say “we aim at healthier, closer, happier, better connected communities. We want all to experience the city together in a way that is not just possible in cars.We want people to return to their childhood and experience the joy that comes with cycling.”

Chandigarh traffic police community and the doctors of Indian Medical Association, Chandigarh, joined hands with the Cyclegiri group for a RIDE IN FORMALS, to promote the concept of cycling to work.

Even strong rains could not dampen the spirit of the extremely excited cyclists, who had braved the rains to gather at Sukhna Lake, Chandigarh at 7 am . The 300 odd cyclists, men ,women, children alike, had gathered in formal dresses to educate upon the need to adopt cycling as a part of lifestyle. The event began with SSP traffic police Mr Shashank Anand informing the public about the commissioning of the cycle squad and the judicious use of the cycle track laid down across the city along with various other measures the Chandigarh traffic police has taken to ensure safety of the cyclists. It was followed by Dr Hardeep Singh Santokh Joint sectary IMA, who enumerated the need of  incorporating cycling as a measure of healthy lifestyle to preventive various diseases. A cardiologist from Grecian Hospital Mohali educated the public of benefits of cycling and prevention of heart diseases. The ride was flagged off by prominent road safety activist, Mr Harman Sidhu and was led by SSP, Traffic police, Chandigarh,Mr. Shashank Anand. The ride proceeded through 9 km of cycling tracks to reach IMA complex at sector 35, Chandigarh. The rally was unique in away that all cyclists used cycling tracks to ride, and  also wanted people to realize the importance of cycling tracks. The recently appointed CYCLING SQUAD of Chandigarh traffic police also participated in the ride along with many other senior police officers.

The doctors of IMA biked in formal dresses, in their white aprons. This was done with an aim to remove the hesitation that people have while cycling to work places. The doctor community gave a strong message to the citizens to adopt cycling to work for good health.

करीब 8 साल बाद ‘गुलाब-जामुन’ में आएंगे अभिषेक-ऐश्वर्या नजर


इस फिल्म के लिए रेकी और शेड्यूलिंग का काम पूरा हो चुका है. शूटिंग का प्लान निर्माताओं के जरिए बताया जाएगा


कोरल(पुरनूर)

‘मनमर्जियां’ तो अपना जादू बॉक्स ऑफिस पर बिखेर ही रही है. इस फिल्म में काफी अरसे के बाद अभिषेक बच्चन की एक्टिंग की तारीफ भी हुई है. लेकिन इसी बीच एक और अच्छी खबर अभिषेक से जुड़ी हुई सामने आ रही है. वो बहुत जल्द एक और फिल्म में नजर आने वाले हैं.

तकरीबन 8 सालों के बाद ऐश्वर्या राय बच्चन अपने पति अभिषेक बच्चन के साथ स्क्रीन शेयर करती हुई नजर आएंगी. पिछली बार दोनों को फिल्म ‘रावण’ में देखा गया था. पिंकविला की रिपोर्ट के मुताबिक, इन दोनों की ये फिल्म अगले साल तक फ्लोर पर जा सकती है. सूत्र ने पिंकविला को बताया है कि, ‘अभिषेक ‘मनमर्जियां’ करने के बाद इस फिल्म की शूटिंग इसी साल अक्टूबर से करने वाले थे लेकिन कबड्डी सेशन के होने की वजह से उन्होंने अपने प्रोजेक्ट्स को अगले साल के लिए बढ़ा दिया है. वो साल 2019 की पहली तिमाही तक अपने सभी प्रोजेक्ट्स खत्म कर देंगे. जिसके बाद ही इस फिल्म की शूटिंग शुरू हो पाएगी.’

हो चुकी है रेकी और शेड्यूलिंग

सूत्र ने आगे बताया है कि, ‘इस फिल्म के लिए रेकी और शेड्यूलिंग का काम पूरा हो चुका है. शूटिंग का प्लान निर्माताओं के जरिए बताया जाएगा. शुरुआती स्तर पर इस फिल्म की शूटिंग तीन महीने की होगी जिसे मुंबई में ही शूट किया जाएगा.’

India beats Pakistan by 90 in ‘Wheelchairs T 20 Cricket tournament’

 

Yesterday at Sharjah (UAE) India beat Pakistan by 90 runs in first T 20 wheel chairs Cricket tournament at Eden Garden Ajman Thanks to Mr. Shahji Mulk ,President of of Ajman Cricket Council & former UAE Captain Shahzad Altaf Sir affiliated with Sharjah Cricket Council & ICC for encouraging cricket for wheel chairs participants/Teams.

नंदिता के मंटो कि भागवत से मुलाकात


नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के लेक्चर में जाकर राजनीति पर नजर रखने वाले कई जानकारों को चौंका दिया है


कोरल(पुरनूर)

चंडीगढ़

एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी से आज दिल्ली में आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत ने मुलाकात की. मोहन भागवत ने आज लोगों के सामने अपना विजन पेश किया. जिसमें नवाज के साथ-साथ अन्नू कपूर, मनीषा कोईराला, अन्नू मलिक जैसे स्टार्स ने भी शिरकत की.

आप तस्वीरों में मनोज तिवारी को भी देख सकते हैं. तो इस कार्यक्रम में नवाज अपनी फिल्म मंटो का प्रमोशन करने गए थे या फिर इसमें उनका अपना प्रमोशन भी छिपा है?

आपको बता दें कि ये कोई फिल्म प्रमोशन स्ट्राटेजी नहीं कही जा सकती क्योंकि मंटो के प्रचार के लिए न तो नवाज को आरएसएस की जरूरत है और न आरएसएस को फिल्मों में कोई खास इंट्रेस्ट. तो फिर नवाज या आरएसएस का कॉमन इंट्रेस्ट क्या हो सकता है? वो आप इस तस्वीर से समझने की कोशिश करें. क्या नवाज के सहारे अल्पसंख्यकों की विरोधी का दाग धोने की कोशिश में है आरएसएस?

फोटोग्राफ्स में आप देख सकते हैं कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी मोहन भागवत के साथ सहज नजर आ रहे हैं. नवाज के करीबी सूत्रों के मुताबिक ये मुलाकात बहुत ही हल्के फुल्के माहौल में हुई. नवाज के साथ मोहन भागवत ने ठीक-ठाक वक्त गुजारा. उन्होंने नवाज के काम की तारीफ की और नवाज ने भी उन्हें अपनी फिल्मों के बारे में खुलकर बताया.

मुंबई में नवाज ने छोड़ा मंटो का प्रीमियर

नवाज की फिल्म मंटो का प्रीमियर आज मुंबई के जुहू पीवीआर में रखा गया था जिसमें इंडस्ट्री के तमाम बड़े स्टार्स ने शिरकत की. नवाज को इसकी पूरी जानकारी थी फिर भी उन्होंने इसे मिस करके आरएसएस के कार्यक्रम को ज्यादा तवज्जो दी.

नंदिता हैं बीजेपी की विरोधी

नवाज की फिल्म मंटो रिलीज के लिए तैयार है. इस फिल्म को बनाया है नंदिता दास ने. नंदिता दास लंबे वक्त से बीजेपी के साथ-साथ पीएम मोदी की भी धुर विरोधी रही हैं. मोदी के खिलाफ उनके विचार जानने के लिए आप गूगल कर सकते हैं. जाहिर है आरएसएस के बारे में भी नंदिता के ऐसे ही विचार हैं.

समाजवादी पार्टी के समर्थक रहे हैं नवाज

मुजफ्फरनगर के रहने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी अखिलेश यादव सरकार की योजनाओं के ब्रांड एंबैसडर रहे हैं. उन्हें इसका इनाम भी मिला जब उनके छोटे भाई सबा सिद्दीकी की बेगम फैजुद्दीन सिद्दीकी को एसपी ने बुढ़ाना नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया. जिसके बाद से ये माना जाने लगा था कि उनका परिवार अखिलेश का फैन है और वो अपना समर्थन उन्हें दे चुका है.

आमिर खान को भी मिला था आरएसएस का साथ

आमिर खान जब देश में असहिष्णुता की बात करके फंस गए थे तो कई कंपनियों के कॉन्ट्रेक्ट से हाथ धोना पड़ा था. आमिर को लोगों ने इतना ट्रोल कर डाला था कि स्नैपडील जैसी कंपनियों ने आमिर से अपनी डील ही रद्द कर दी थी. जिसके बाद आमिर खान ने मोहन भागवत से अवॉर्ड लिया था. जिससे संदेश ये ही गया कि आमिर को अब आरएसएस को सपोर्ट मिल गया है. आप इस फोटो में देख सकते हैं कि मोहन भागवत उन्हें अवॉर्ड दे रहे हैं.

बॉलीवुड में बढ़ चुका है नवाज का कद

नवाज की इस मुलाकात के बाद ये माना जा सकता है कि वो भले ही राजनीति में एंट्री सीधे तौर पर न करें लेकिन अंदरखाने में उन्होंने अपना संदेश साफ दे दिया है कि वो भी अब बॉलीवुड के उन सुपरस्टार्स में शामिल हो चुके हैं जो फिल्मों के साथ साथ सत्ता को भी अपने फेवर में साधकर रखने में माहिर हैं.

रणवीर और रोहित हुए सोनू सूद के 6 पैक्स के दीवाने


रणवीर सिंह इन दिनों अपनी फिल्म ‘सिंबा’ की शूटिंग कर रहे हैं. जिसमें सोनू सूद अहम किरदार प्ले कर रहे हैं


कोरल (पुरनूर)

ऐसा लगता है कि सोनू सूद की बॉडी और पर्सनालिटी के रणवीर सिंह और रोहित शेट्टी भी दीवाने हो गए हैं. केवल ऐसा नहीं है कि सोनू की लड़कियां ही फैंस हैं, उनके कई मेल फैंस भी हैं जिनमें दो और नाम जुड़ गए हैं. और ये कोई और नहीं बल्कि रणवीर सिंह और रोहित शेट्टी हैं.

रणवीर ने दिखाए सोनू के एब्स

रणवीर सिंह ने सोनू सूद और रोहित शेट्टी के साथ एक तस्वीर शेयर की है. इस तस्वीर में रणवीर, सोनू सूद के 6 पैक एब्स को देखकर काफी प्रभावित नजर आ रहे हैं. रणवीर सिंह ने ये तस्वीर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की है. रणवीर और रोहित ने सोनू को घेरा हुआ है और रणवीर, सोनू की शर्ट उठाकर उनके एब्स दिखा रहे हैं, जबकि सोनू खुद शर्माते हुए हंस रहे हैं. सोनू की बॉडी ‘दबंग’ में नजर आ चुकी है. तीनों की मस्ती देखकर तो यही कहा जा सकता है कि तीनों ‘सिंबा’ के सेट पर काफी अच्छे दोस्त बन चुके हैं.

तेलुगू की हिंदी रीमेक है सिंबा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, रणवीर सिंह इन दिनों अपनी फिल्म ‘सिंबा’ की शूटिंग कर रहे हैं. जिसमें सोनू सूद अहम किरदार प्ले कर रहे हैं. रोहित शेट्टी की ये फिल्म तेलुगू की ‘टेम्पर’ की हिंदी रीमेक है. इस फिल्म से सारा अली खान अपना डेब्यू कर रही हैं. इन दिनों इस फिल्म की शूटिंग हैदराबाद में चल रही है.