Monday, June 23

पंचांग 21 दिसम्बर 2021 ,मंगलवारहिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कृष्ण पक्ष द्वितीया त्तिथि दिन है। सूर्य धनु राशि में और चन्द्रमा दिसम्बर 21, 03:47 PM तक मिथुन…

Read More

आज 20 दिसंबर 2021, दिन सोमवार, पौष मास, कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा तिथि 12.36 बजे तक रहेगी फिर द्वितीया त‍िथि लग जाएगी. आर्द्रा…

Read More

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या…

Read More

18 दिसंबर 2021 को पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी की तिथि है। आज शनिवार को मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष…

Read More

गीता जयंती के अवसर पर आयोजित एक इंटरनेशनल वेबिनार में भारत का नेतृत्व किया चण्डीगढ़ की लेखिका शैलजा कौशल ने चण्डीगढ़ :…

Read More

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या…

Read More

17 दिसंबर 2021, दिन शुक्रवार, मार्गशीर्ष मास, शुक्ल पक्ष, चतुर्दशी तिथि , कृतिका नक्षत्र 10.41 बजे तक फिर रोहिणी नक्षत्र रहेगा। चंद्रमा…

Read More

सत संगत प्यार से बोलिए धन निरंकार । साथ संगत । आदरणीय महात्मा जी ने नाम एनाउंस किया कि शौक जी बोलेंगे और इसके बाद फिर हम हजूर सच्चे बादशाह से विचार परवान करेगें । दास को ऐसा लगा जैसे किसी ने कह दिया हो कि अब हम ये मोमबत्ती जला रहे हैं और इसके बाद सूर्य उदय होगा जहां सतगुरु बाबा जी का आशीर्वाद हमें मिलना हैं वहां कौन विवेक शौक और कौन वक्ता । हम तो दरअसल सभी श्रोता हैं साध संगत । वक्ता केवल एक ही होता है बाकी थोड़ा बहुत अगर ये कह लें कि जब तक ये नमस्कार चल रही है, जब तक इन्तजाम हो रहे हैं, जब तक इन भक्तों ने भगवान के दर्शन करने हैं उस समय तक सिर्फ समय को निकालने के लिए हम बाबाजी का संदेश पहुंचाते हैं या आपस में अपने कुछ तजुर्बे बयान करते हैं ये तो अलग बात है कि वक्ता तो हम नहीं हैं । दास कई बार कहा करता है कि ये माइक्रोफोन अगर मेरे सामने पड़ा है तो ये माइक्रोफोन अपने आपको वक्ता नहीं समझ सकता । बोलने वाला बोल रहा है ये माइक्रोफोन आगे स्पीकर के जरिए, एम्प्लीफायर के जरिए सिर्फ उस आवाज को एम्प्लीफाइ करके पहुँचाता है । इसी तरह से अगर बाबाजी की बात किसी ने भी हम तक पहुँचा दी तो वह वक्ता नहीं वो सिर्फ संदेशवाहक है सिर्फ उस बात को कहने के लिए एक जरिया बन गया लेकिन उसमें भी तालियां बज जाती हैं । उसमें भी वाह वाह हो जाती है, बख्शीश करो साध संगत । ये बात हमें याद रहे । इन्हीं की कृपा से सजे हम हैं नहीं तो मुंह कई करोड़ पड़े हैं । ये रहमत कर दें, ये बख्शीश कर दें ये किसी को वो ज्ञान वाली नज़र दे दें तो वह हवा हो जाती है और जिस दिन इंसान ये समझ ले साध संगत कि मैं अपने कर्म से कुछ कर लूँगा उसी दिन मुंह की खानी पड़ती है । इन्होंने तो अपना कर्म कर दिया । इन्होंने तो जो हमें सच्चाई के साथ जोड़ना था वो जोड़ दिया । अब उसके बाद आगे मैं क्या करता हूं । वो देखना पड़ेगा । आज मॉडर्न जमाना है । लोग धार्मिक बातें पसंद नहीं करते । हमारी यंगर जनरेशन का जमाना है । जो कहते है हमें तो आज की बात बताइये । हमें नहीं मालूम इतिहास में क्या हुआ हमें नहीं मालूम कि कैसे द्रोपदी की लाज रखी । हमें नहीं मालूम कि भीलनी के झूठे बेर कैसे खाए । आज जमाना है आज के दौर का । आज के दौर की ही बात समझ में आती है इसलिए वही बात करता हूं । और उसमें हर्ज भी नहीं, क्योंकि साध संगत जब प्रभु पिता परमात्मा हर जगह है तो हर जगह से लिया जा सकता है हर जगह देखा जा सकता है । आज मैकडोनल्ड्स जमाना है आज सबवे का जमाना है । आपने भी देखा होगा दास ने एक नजारा देखा वो आपके चरणों में रहना चाहता हूं । एक सबवे में सैंडविच बनवाने के लिए खड़ा हुआ । आपने भी बहुत बार देखा होगा दास ने भी देखा । आजकल हाइजीन का इतना ख्याल रखा जाता है कि वो पॉलिथीन के दस्ताने पहन के आपके लिए सैंडविच बनाते हैं ताकि हाथ की मैल या कोई किसी किस्म का कोई बैक्टीरिया जो है वो आपके सैंडविच में न चला जाए शुद्ध रहे । वो पॉलिथीन का ग्लब्स पहन के जो सैंडविच बनाया जाता उसको बहुत साफ माना जाता है । दास भी खड़ा हुआ है पंक्ति में। सब से उनका ऑर्डर लेकर उनका सेंडविच बनाया जा रहा है । उनमें से एक…

Read More