राम रहीम केस के फैसले के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस का फैसला कल तक के लिए सुरक्षित

चंडीगढ़।

पंचकूला की सीबीआई की विशेष अदालत ने पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में दोषी करार दिए गए डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने की मांग वाली हरियाणा सरकार की अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और कोर्ट बुधवार को अपना फैसला सुनाएगी।

पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में गुरमीत राम रहीम समेत तीन अन्य को दोषी करार दिया जा चुका है और अब 17 तारीख को सजा का ऐलान होगा। इस मौके पर नियमानुसार दोषी व्यक्तियों का प्रत्यक्ष तौर पर कोर्ट में मौजूद रहना जरूरी होता है लेकिन, सरकार गुरमीत राम रहीम को पंचकूला नहीं लाना चाहती बल्कि सुनारिया जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोषी गुरमीत राम रहीम को सजा का ऐलान चाहती है। सरकार ने यह विकल्प अतीत के कड़वे अनुभवों और कानून व्यवस्था पर जोखिम की आशंकाओं को देखते हुए तैयार किया था और अपनी मांग को लेकर कोर्ट गई थी। 

पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में मंगलवार को सरकार की अर्जी पर बहस हुई। पंचकूला के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी पंकज राज गर्ग ने आज सरकार की तरफ से याचिका दाखिल की थी। उन्होंने बाद में बताया कि कोर्ट ने 16 जनवरी के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट 16 जनवरी को अपना फैसला सुनाएगी।

लोहड़ी पर्व: राय अब्दुल्लाह खान जिसकी स्मृति में हम नाचते गाते हैं

संकलन: राजविरेन्द्र वसिष्ठ

इतिहास ने कितने ही ऐसे नामों को संजोया जो हमें हमारे होने पर मान करवाते हैं। एक इतिहास है जो किताबों में लिखा गया और पाठशालाओं में हमने पढ़ा, और एक इतिहास वो जो लोगों के दिलों में रचा बसा, दादी नानी की कहानियों में, गावों से शहरों तक आये लोक गीतों में झूमता-डोलता है। कितने ही वीर सूरमा, कितने प्यार के परवाने, कितने भक्ति में डूबे दीवाने, कितने हंसी-ठट्ठा करते-कराते शेख़चिल्ली, कितने दानी धीर-वीर, सदियों से दिनों-दिन बदलते समाज के ढाँचे में लगे ईंट-पत्थर के समान उसकी सांस्कृतिक इमारत को बुलंद रखे हुए, बने हैं इन्हीं गीतों-कहानियों के ज़रिये हमारी आत्मा के प्रबल सम्बल। जिस समाज की कहानियाँ जितनी पुरानी हैं, उतनी ही गहरी है उसके शीलाचार, शिष्टाचार एवं सिद्धांतों की नींव। समय की आँधियाँ उस समाज के लोगों की प्रतीक्षित परीक्षाएं ही तो हैं। अपने बड़े-पुरखों की कहानियों में रचित जिजीविषा से प्रेरित वह समाज नयी कहानियाँ रचता है, परन्तु कभी समाप्त नहीं होता, बल्कि नया इतिहास बनाता है – पुरानी कहानियाँ-गीत संजोता है, और नए नए विचार गुनता है। 

ऐसी ही भाग्यशाली शगुनों के ख़ुशी-भरे नाच-गानों में संजोयी एक खूबसूरत कहानी है, वीर सूरमा ‘दुल्ला भट्टी’ की जो लोहड़ी (मकर संक्रांति) के शुभ त्यौहार के दिन उत्तर भारत में घर-घर में न सिर्फ़ गायी जाती है, अपितु नाची भी जाती है। राय अब्दुल्लाह खान लोक-वाणी में ‘दुल्ला भट्टी’ नाम से प्रचलित हैं। हम में से कितनों की ज़बान पर यह नाम बिना इसकी सही जानकारी के लोहड़ी त्यौहार के प्रचलित लोक गीत में थिरकता है कि यह एक श्रद्धांजलि है एक ऐतिहासिक राजपूत वीर को जिसने सम्राट अक़बर के समय छापामार युद्ध किये, और आततायियों की सतायी कितनी ही स्त्रियों के जीवन पुनः बसाये। 

पंजाब में फ़ैसलाबाद के पास के संदलबार इलाक़े में जन्मे दुल्ले की माँ का नाम लड्डी और पिता का नाम फ़रीद खान था, दादा थे संदल खान। ‘संदलबार’ (संदल की बार) का इलाका उन्ही संदल खान के नाम से पड़ा, रावी और चनाब नदियों के बीच का यह इलाक़ा अब पाकिस्तान में है और यहीं मिर्ज़ा-साहिबां की अमर प्रेमगाथा भी प्रसिद्ध हुई। दुल्ला के दादे-नाने यहीं संदलबार में पिंडी भट्टियाँ के राजपूत शासक थे। मुग़लों के शासन काल में पिंडी भट्टियां के राजपूत लड़ाकों नें विद्रोह करते हुए कर देना बंद कर दिया व मुगल सैनिकों से छापामार युद्धों की शुरुआत की। इस विद्रोह को डर से कुचलने के लिए पकड़े गए विद्रोहियों को मारकर उनकी मृत लाशों की चमड़ी उधड़वा, उनमें भूसा भर कर गावों के बाहर लटकाया गया, इन्हीं में दुल्ले के पिता और दादा भी थे। पंजाबी लोकगीतों ‘दुल्ले दी वार’ और ‘सद्दां’ में दुल्ले की यह गाथा मिलती है । इस शहादत के बारे में ‘सद्दां’ में ऐसे लिखा गया है – 

“तेरा सांदल दादा मारया, दित्ता बोरे विच पा, मुग़लां पुट्ठियाँ खालां ला के, भरया नाल हवा…. ”

दुल्ला, जिसका कि जन्म इस घटना के बाद हुआ, ओजस्वी अनख वाली राजपूत माँ का पुत्र था जिसके बारे में एक कहानी यह भी है कि अक़बर का पुत्र सलीम भी उसी समय के दौरान पैदा हुआ किन्तु वह एक कमज़ोर शिशु था, और अक़बर की आज्ञा से पिंडी भट्टियां की लड्डी को सलीम को दूध पिलाने की दाई रखा गया। क़रीब 12-13 वर्ष तक सलीम और दुल्ला इकट्ठे पले-बढ़े, एक ही दाई माँ की परवरिश में। लड्डी को जब उसकी इस सेवा से निवृत किया गया, और जब वह वापिस पिंडी भट्टियाँ आयी तो उसने दुल्ले को उसके पिता-दादा की शूरवीरता की कहानियाँ सुनाई, और उनके हश्र की भी। ज़ाहिर है कि उन दोनों के वापिस आने पर गाँव के बड़े-बूढ़ों की जुबां पर भी यही वीर-गाथाएं दिन-रात थिरकती रहती होंगी। दुल्ला ने अपने अंदर के दावानल को मुगलों की ताक़त के ख़िलाफ़ पूरे वेग से लगा दिया। दुल्ला ने फिर से अपने लोगों को इकट्ठा कर एक बार पुनः विद्रोह को जमाया, छापामार युद्ध किये, राजसी टोलों को लूट कर, लूट के धन को जनता में बांटा, संदलबार में लोगों ने फिर से ‘कर’ देना बंद कर दिया। कहानी है कि विद्रोह इस हद तक बढ़ा और फैला कि मुगलों को अपनी शहंशाही राजधानी दो दशकों तक लाहौर बनानी पड़ी।

यह राजपूत वीर सूरमा न सिर्फ़ राज-विद्रोह के लिए लोगों के मन में बसा, बल्कि इसने उस समय के समाज में हो रही स्त्रियों की दुर्दशा के ख़िलाफ़ ऐसे कदम उठाये जो कि उसको एक अनूठे समाज सुधारक की श्रेणी में ला खड़ा करते हैं। पंजाब की सुन्दर हिन्दू लड़कियां जिन्हें ज़बरन उठा लिया जाता था और मध्यपूर्वी देशों में बेच दिया जाता या शाही हरम के लिए या मुग़ल ज़मींदारों के लिए, दुल्ले ने उनको न सिर्फ़ आततायियों से छुटकारा दिलवाया बल्कि उनके एक नयी रीति से विधिपूर्वक विवाह भी रचाये। सोचिये, हम बात कर रहे हैं सोहलवीं सदी की – जिन लड़कियों को छुड़वाया गया, उनके दामन दाग़दार, इज्ज़त रूठी हुई , आबरू के आँचल कमज़ोर, झीने और ज़ार ज़ार थे। ऐसे में अत्याचारियों से छुड़वा कर उनको उनके घर वापिस ले जाना कैसे सम्भव हुआ होगा?  कौन-सा समाज ऐसी कुचली हुई दुखी आत्माओं के लिए भूखे भूतों का जंगल नहीं है? ये सभी माँएं, बहनें, बेटियां उन सभी रिश्तों को खो तब किस हश्र के हवाले थी? लेकिन दुल्ले ने उसी समाज में से ऐसे ऐसे सुहृदय पुरुष ढूँढ निकाले जिन्होंने इन स्त्रियों को सम्बल दिया, घर-परिवार व सम्मान दिया और विवाहसूत्र में उनके साथ बंध गये।

ये सभी बनी दुल्ले की बेटियां – किसी पंडित के न मिलने पर हिन्दू विवाह की रीति निभाने के लिए शायद ‘राइ अब्दुल्लाह खान’ उर्फ़ मुसलमान राजपूत दुल्ला भट्टी ने स्वयं ही अग्नि के आस पास फेरे दिलवा, आहुति डाल उनके विवाह करवाये, न जाने कितनी ऐसी बेटियों का कन्यादान दिया, उनका दहेज बनाया जो एक सेर शक्कर के साथ उनको दिया जाता और इन विवाहों की ऐसी रीति बना दी कि दुल्ले के करवाये इन्ही विवाहों की गाथा आज हम लोहड़ी के दिन ‘जोड़ियां जमाने’ के लिए गाते हैं, विवाहों में समन्वय और ख़ुशी के संचार के लिए अग्नि पूजा करके गाते और मनाते हैं। –

12000 सैनिकों की सेना से युद्ध के बावजूद जांबाज़ दुल्ला को पकड़ न पाने पर धोखे से उसे या ज़हर दे कर मार देने का उल्लेख है, या बातचीत का झांसा दे दरबार बुला कर गिरफ़्तार कर जनता के सामने कोतवाली में फांसी दिए जाने का। धरती के इस सच्चे सपूत के जनाज़े में सूफ़ी संत शाह हुसैन ने भाग लिया और अंतिम दफ़न का काम पूर्ण किया, दुल्ला भट्टी की क़ब्र मियानी साहिब कब्रिस्तान (लाहौर, पंजाब, पाकिस्तान) में है। आज भी इस दरगाह पर फूल चढ़ते हैं। 

उत्तर भारत में लोहड़ी का त्यौहार जो मकर संक्रांति की पूर्व संध्या का उत्सव है दुल्ले की याद की अमरता से जुड़ा है। अब जब हर साल लोहड़ी पर अग्नि में आशीर्वाद के लिए मूंगफली और फुल्ले डालें, उसके फेरे लें और “सुन्दर मुंदरिये” पर नाचते गाते बच्चों के थाल भरेंगे तो मन में इस अनूठे समाज सुधारक वीर सूरमा दुल्ला भट्टी को भी याद कर नमन करें और स्वयं भी अच्छे कर्म करने का संकल्प लें। 

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लोकगाथाओं के सही सही काल का पता लगाना अक्सर मुश्किल होता है। समय की अनेकानेक परतों से गुज़रती यह गाथाएं कहीं कहीं कल्पनाशील अतिश्योक्तियों से पूर्ण भी होती हैं। मैं कोई शोधकर्ता नहीं, किन्तु जीवन और संस्कृति के प्रति जिज्ञासु ज़रूर हूँ। राय अब्दुल्लाह खान भट्टी की इस कथा के जालघर पर कोई २-४ वर्णन मिलते हैं। सन १९५६ में “दुल्ला भट्टी” नामक एक पंजाबी चलचित्र में भी यह कहानी दर्शायी गयी है। मेरा यह लेख इन्ही सूत्रों से प्रेरित है, हाँ, इसमें मामूली सी कल्पना की छौंक मेरी भी है, जो बस इस जोशभरी कहानी को जान लेने के बाद आयी एक स्वाभाविक उत्सुकता है जिसको सांझा करना सही समझती हूँ। कहीं उल्लेख है कई स्त्रियों के विवाह का, कहीं सिर्फ़ एक का, कहीं बताया है के ‘सुन्दर मुंदरिये’ गीत दुल्ले ने ही गाया। कहीं अक़बर की राजधानी दिल्ली से लाहौर ले जाने की बात है – जो कि लिखित इतिहास के अनुसार न कभी दिल्ली थी और न ही कभी लाहौर! तो ख़ैर, लेख लिखते समय मेरे लिए शायद यह एक बहुत ही बड़ी बात थी कि जिस गीत को मैं बचपन से गाती आ रही हूँ लोहड़ी पर वह उस वीर सुरमा की शौर्य गाथा है न कि कोई शादी का ‘दूल्हा’!! मेरा बाल-मन बस उछल उठा ‘दुल्ला भट्टी’ के कारनामों को पढ़ के और देख के, और अब आप से सांझा कर के। 
साभार: विभा चसवाल

लोहड़ी के लोक गीत

सुन्दर मुंदरिये, — हो 
तेरा कौन विचारा, — हो 
दुल्ला भट्टीवाला, —हो 
दुल्ले धी व्याही, —-हो 
सेर शक्कर पायी, — हो 
कुड़ी दा लाल पताका, —- हो 
कुड़ी दा सालू पाटा, —- हो 
सालू कौन समेटे, —- हो 
मामे चूरी कुट्टी, —-हो, 
जिमींदारां लुट्टी, —- हो
ज़मींदार सुधाये, —-हो 
गिन गिन पोले लाए, — हो 
इक पोला घट गया! —-हो 
ज़मींदार वोहटी ले के नस गया —-हो 
इक पोला होर आया —-हो 
ज़मींदार वोहटी ले के दौड़ आया —-हो 
सिपाही फेर के ले गया, —–हो 
सिपाही नूं मारी इट्ट —-हो 
भावें रो ते भावें पिट्ट। —-हो 


साहनूं दे लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी! 
साहनूं दे दाणे तेरे जीण न्याणे!! 

‘पा नी माई पाथी तेरा पुत्त चढ़ेगा हाथी
हाथी उत्ते जौं तेरे पुत्त पोते नौ! 
नौंवां दी कमाई तेरी झोली विच पाई 
टेर नी माँ टेर नी 
लाल चरखा फेर नी! 
बुड्ढी साह लैंदी है 
उत्तों रात पैंदी है 
अन्दर बट्टे ना खड्काओ 
सान्नू दूरों ना डराओ! 
चार क दाने खिल्लां दे 
पाथी लैके हिल्लांगे 
कोठे उत्ते मोर सान्नू 
पाथी देके तोर!        

कंडा कंडा नी कुड़ियो
कंडा सी 
इस कंडे दे नाल कलीरा सी 
जुग जीवे नी भाबो तेरा वीरा नी, 
पा माई पा,
काले कुत्ते नू वी पा 
काला कुत्ता दवे वधाइयाँ, 
तेरियां जीवन मझियाँ गाईयाँ, 
मझियाँ गाईयाँ दित्ता दुध, 
तेरे जीवन सके पुत्त, 
सक्के पुत्तां दी वदाई, 
वोटी छम छम करदी आई।’

और मेरे पसंदीदा थे

जहां से लोहड़ी मिल जाती थी वहाँ
कंघा बी कंघा
एह घर चंगा

और जहां से ना मिले

हुक्का बी हुक्का
एह घर भुक्खा

सर्वासिद्धिप्रद: कुम्भ:, स्वागत है

प्रयागराज में संगम तट पर लगने वाले कुंभ मेला 2019 (Kumbh Mela 2019) की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। अखाड़ों, संतों, देशी-विदेशी मेहमानों और अन्य अतिथियों के लिए कुंभ में तैयारी पूरी कर ली गई है। ऐसे में आपके लिए भी ये जानना जरूरी है कि यहां पुण्य कमाने के अलावा भी ऐसी कई वजहें हैं, जिसके कारण आपको यहां अवश्य आना चाहिए। कुंभ मेला 2019 को लेकर सरकार की तरफ से खास और भव्य तैयारी की गई है। यहां आकर आप इस भव्यता के साथ कई ऐसे ऐतिहासिक पलों का गवाह बनेंगे जो कुंभ के अलावा कहीं देखने को नहीं मिलती। आइये जानते हैं कौन सी हैं वो वजहें…

प्रयागराज में कुंभ मेले के लिए दुनिया की सबसे बड़ी टेंट सिटी तैयार की गई है। इन टेंट में लाखों लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। यहां टेंट में आलीशान सूईट से लेकर धर्मशालाएं तक बनी हैं। ये टेंट सिटी इतनी विशाल है कि इसे पैदल पूरा घूमना आसान नहीं होगा। यहां संगम तट पर बनी टेंट सिटी का एरियर व्यू इतना मनोरम होता है, जो आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगा।

संगम तट किनारे आम तौर पर शाम या रात के वक्त अंधेरा रहता है, लेकिन कुंभ के दौरान यहां टेंट सिटी में आकर्षक लाइटिंग की जाती है। शाम को संगम तट पर अखाड़ों, साधू-संतों और श्रद्धालुओं द्वारा भव्य आरती की जाती है। कल-कल करती लहरों पर पड़ने वाली इन लाइटों और दीयों की रोशनी शाम को इसे झिलमिलाते तारों का शहर बना देती है। संगम पुल से इस नजारे को देखना बेहद मनोरम होता है। दुनिया में शायद ही कहीं और ऐसा नजारा देखने को मिलता है। इन नजारों को देखना किसी संयोग से कम नहीं।

कुंभ मेले में आस्था को जो जमघट लगता है उसका हिस्सा बनकर आपको बराबरी का एहसास होता है। यहां करोड़पति और गरीब सब एक साथ आस्था की डुबकी लगाते हैं। हजारों आलीशान पांच सितारा सूईट वाले टेंट से लेकर साधारण टेंट, किसी मुगलकालीन शहर से जैसे लगने लगते हैं।

हर बार कुंभ में साधु-संतों के 13 अखाड़े शामिल होते हैं। ये पहला मौका है जब कुंभ में 14 अखाड़े शिरकत करेंगे। कुंभ के दौरान इनकी भव्य पेश्वाई निकलती है। पेश्वाई का अभिप्राय इनकी शाही सवारी से है। इसमें हाथी, घोड़े, ऊंट, बग्घी, बैंड से लेकर सोने-चांदी से सजे सिंहासनों पर अखाड़ा प्रमुख सजधज कर बैठे होते हैं। इनकी सवारी के लिए अखाड़ों के शिविर से संगम तट तक एक विशेष राजपथ बनाया जाता है, जिस पर केवल अखाड़े ही चलते हैं। मार्ग के दोनों तरफ इनके सेवादार और श्रद्धालु आशीर्वाद पाने को खड़े रहते हैं। ये अखाड़े, साधू-संत और महंत कुंभ का प्रमुख आकर्षण होते हैं, जिन्हें देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग यहां आते हैं। दुनिया भर के फोटोग्राफर इन पलों को अपने कैमरों में कैद करने के लिए हर वक्त मुस्तैद रहते हैं। दरअसल यही एक मौका होता है, जब सभी अखाड़े एक साथ जुटते हैं और पूरी भव्यता से अपनी पेश्वाई निकालते हैं।

खूब विवादों के बाद किन्नर आखाडा पहली बार करेगा पेशवाई

प्रयागराज कुंभ में पहली बार किन्नर अखाड़ा भी शामिल हो रहा है। इस बार कुंभ में जाने वाले लोग किन्नर अखाड़े की पेश्वाई भी देख सकेंगे। कुंभ में किन्नर अखाड़े को शामिल करने को लेकर पिछले दिनों अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने काफी हंगामा और विरोध भी किया था। बावजूद प्रशासन को उन्हें मंजूरी देनी पड़ी। इसके बाद किन्नर संयासियों के अखाड़े ने दो दिन पहले कुंभ में हाथी, घोड़े और ऊंट पर सवार होकर अपनी शानदार पेश्वाई निकाली थी। इस बार के कुंभ में नागाओं के बाद ये प्रमुख आकर्षण हो सकते हैं।

किन्नरों की दुनिया के नियम, कायदे सब आम लोगों से काफी अलग होते हैं। इसलिए लोगों को उनके जीवन के बारे में जानने की उत्सुकता हमेशा बनी रहती है। किन्नरों की इसी हैरतअंगेज दुनिया से रूबरे कराने के लिए कुंभ में किन्नर आर्ट विलेज भी बनाया गया है। यहां चित्र प्रदर्शनी, कविता, कला प्रदर्शनी, दृश्य कला, फिल्में, इतिहास, फोटोग्राफी, साहित्य, स्थापत्य कला, नृत्य एवं संगीत आदि के जरिए लोगों को किन्नरों की दुनिया से रूबरू कराया जाएगा। लोगों को रामायण और महाभारत में किन्नरों के महत्व और भूमिका के बारे में भी विस्तार से बताया जाएगा। यह आर्ट विलेज किन्नरों की रहस्यमयी दुनिया का झरोखा होगा।

इस बार कुंभ में सांस्कृतिक संध्याओं से संगम तट को गुलजार करने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए पहली बार कुंभ मेले में देशी-विदेशी रामलीला का मंचन भी होगा। इसके अलावा सरकारी और निजी संस्थाओं द्वारा भी मेले में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान यहां देश की सांस्कृतिक विरासत से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा। इसके लिए कुंभ मेले में पांच विशाल सांस्कृतिक पांडाल बनाए गए हैं। यहां प्रतिदिन धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन होंगे।

हेलीकॉप्टर और क्रूज की सवारी
इस बार कुंभ मेले में आप क्रूज के अलावा हेलीकॉप्टर की सवारी का भी मजा किफायती कीमत पर ले सकते हैं। हेलीकॉप्टर के जरिए आप टेंट सिटी का एरियर व्यू देख सकेंगे। साथ ही इस विशाल मेले का हवाई नजारा ले सकेंगे। पर्यटकों को ये सुविधाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वह कई किलोमीटर में फैले कुंभ के अद्भुत नजारों को अपनी आंखों से देख सकें।

टूरिस्ट वॉक का भी अवसर
कुंभ मेले में इस बार आपको आसपास के दर्शनीय स्थलों पर जाने की भी सुविधा मिलेगी। इसके लिए मेले में कुछ टूरिस्ट वॉक भी बनाए गए हैं। यहां आप टूर ऑपरेटरों से संपर्क कर पैकेज ले सकते हैं। मेले में शंकर विमान मंडपम से टूरिस्ट वॉक शुरू होगा जो रामघाट पर आकर खत्म होगा। इस बीच बड़े हनुमान जी का मंदिर, पातालपुरी मंदिर, अक्षय वट और इलाहाबाद का किला देख सकेंगे।

फेरी का मजा ले सकेंगे
कुंभ में आप यमुना नदी पर जलमार्ग से फेरी का मजा भी ले सकेंगे। फेरी सेवा सुजावन घाट से शुरू होकर रेल सेतु (नैनी की ओर) के नीचे से वोट क्लब घाट और सरस्वती घाट होता हुआ किला घाट पर जाकर खत्म होगा। ये फेरी करीब 20 किलोमीटर लंबी है। इस दौरान आपको की टर्मिनल मिलेंगे।

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35000 का है सबसे आलीशान टेंट
कुंभ मेले का सबसे आलीशान टेंट 35000 रुपये प्रति रात का पांच सितारा सूईट जैसा है। ये टेंट 900 वर्ग फुट क्षेत्रफल में बना है। इसमें दो बेडरूम, एक लिविंग रूम, फर्निचर, बेड, प्राइवेट वाशरूम और एलईडी टीवी के साथ गृहस्थी का सारा सामना भी है। इसके अलावा यहां वैदिक टेंट सिटी में 24000 रुपये प्रति रात की दर पर टेंट में बना प्रीमियम विला भी है। यहां लग्जरी टेंट की कीमत 19,000 रुपये और 15,000 रुपये प्रति रात है। कल्प वृक्ष टेंट सिटी में 8500 रुपये से लेकर 3500 रुपये तक की कीमत के टेंट एक रात के लिए बुक कर सकते हैं। सबसे सस्ता टेंट 650 रुपये प्रति रात की दर से है। यहां 24 घंटे चलने वाले कई रेस्टोरेंट भी हैं, जहां आपको देशी-विदेशी हर तरह का शाकाहारी भोजन उपलब्ध होगा। इन रेस्टोरेंट में बिना लहसुन प्याज का भोजन भी विशेष तौर पर तैयार किया जाएगा।

कुंभ के रंग में रंगा प्रयागराज, विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी
कुंभ मेले को यादगार बनाने के लिए यहां पहली बार पेंटिगं भी देखने लायक होगी। सरकार ने पूरे प्रयाग को कुंभ के रंग में रंगने के लिए कई महीने पहले ही पेंट साई सिटी योजना शुरू कर दी थी। इसके तहत 600 से ज्यादा पेंटरों ने यहां के जर्रे-जर्रे को अपनी कूची और पेंट के जरिए कुंभ के रंग में रंग दिया है। पेंट माई सिटी योजना पर सरकार ने 30 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट खर्च किया है। पेंट माई सिटी योजना के तहत इलाहाबाद की नैनी जेल की दीवार पर समुद्र मंथन की सबसे बड़ी चित्रकारी बनाने का भी विश्व रिकॉर्ड बनाया जा रहा है। इसे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए आवेदन किया जा चुका है।

Roadies in Panchkula when Demokraticfront.com met few contestants

Today all roads were leading to Roadies at Indradhanush in Panchkula.

The day was shining with the hope from all around. Guys & Demsels from all around the northern region of India were in Panchkula. It was like as if who is not in Panchkula is not in North India.

The show was at its prime in side the ” Indradhanush” but a cub (Purnoor) was roaring outside looking wildly for her prey who on the other hand were having fire in their belly and ready to mingle at single tingle any where ‘That is Roadies’.

The first

Purnoor met Rekha Shikhawat
Roadies Don’t Lie
The Group of Fantastic Four
It was not our idea but It Rocks
Direct From the Heart
And the Song was Kishore Da’s “हम थे वो थी और समां रंगीन”
eye catching

Roadies in Panchkula

Photo Feature by Purnoor

Upcoming Roadies are all set to take up the challenges with a bang on MTV in more Bigger and Bolder reality show. The show is meant to awaken the real hero from within through real life stories of courage and bravery and earned honour, says Ranvijay the host of the show

Photo by Purnoor

Ranvijay while talking to scribes here said,” from being a contestant and winner to a host to a winning gang leader and a host again. Roadies has come for a full circle for me. Yet every season throws up a new challenge and intrigues me more. This time, i m hoping to meet the same dynamic contestants who have ability to tackle what comes their way and surge ahead.”

Neha Dhupia by Purnoor

Bold and beautiful poised and two times winner Neha Dhupia is in the township with her little fairy Mehar. This time also she is determined to clinch the title.

Real life warrior Sandeep Singh will lock horns with Prince Narula . Sandeep while talking to https://www.demokraticfront.com Sandeep said that he believes in tit for tat.

Sandeep Singh by Purnoor
Nikhil Chinnapa interacting with Purnoor

Singer Raftaar and seasoned Nikhil Chinnapa are here to spruce up the fight.

Rapper Raftaar coming in mood
Prince Narula posing for Purnoor

Roadies is too close to prince’s heart as it brings out the best physical and mental strenght this time he will emerge stronger than before.
Nikhil this time the idea is to level up the contest and see who crosses the line first.

Daily Update

Narendra Modi to inaugurate India’s longest rail-road bridge in Assams

Prime Minister Narendra Modi will inaugurate the Bogibeel Bridge, India’s longest rail-cum-road connecting the north and south banks of the turbulent Brahmaputra in the eastern parts of Assam, on Christmas Day. The 4.6-kilometre-long structure will be the fourth rail-road bridge on the Brahmaputra river in Assam, the others being the Saraighat Bridge, Naranarayan Setu and the New Saraighat Bridge.

Bogibeel’s inauguration comes a year after Modi inaugurated the country’s longest bridge, the Dhola-Sadiya, over the Lohit river in 2017.

Former prime minister HD Deve Gowda had laid the foundation stone for the Bogibeel Bridge in January 1997, but work on the project began only in April 2002 when former prime Atal Bihari Vajpayee inaugurated the construction. Today is also the 94th birthday of the former prime minister.

K Chandrashekar Rao to meet Mayawati, Akhilesh Yadav in New Delhi to push for third front

Telangana chief minister and Telangana Rashtra Samithi (TRS) president K Chandrashekar Rao (KCR) will remain in New Delhi today and meet leaders of political parties in a bid to push for a non-Congress non-BJP alternative third front. On Monday, he had met met his West Bengal counterpart Mamata Banerjee in Kolkata and said that they would soon come out with a “concrete (political) plan” while asserting that the dialogue for a federal front will continue. He had also met Odisha chief minister Biju Patnaik in Bhubaneswar to stress on the a “dire need” for unification of regional parties to provide an alternative to the Congress and the BJP ahead of the 2019 general elections. “I can say certainly that there is a dire need for unification of regional parties in the country. We strongly believe that there has to be an alternative to the Congress and the BJP,” Rao told reporters after meeting Patnaik.

BJP accused Congress of “duping” farmers in states ruled by it by “not” waiving off their loans as promised and dubbed the party as “anti-farmers”. BJP alleges that Congress had promised waiver of all farm debt in the five states of Karnataka, Punjab, Madhya Pradesh, Chhattisgarh and Rajasthan but has now turned back on its promise.

Industrial activities, construction work to remain shut in Delhi today

All industrial activities and construction work will remain suspended today following an order from the Supreme Court-appointed Environment Pollution Control Authority (EPCA). The EPCA had on Monday imposed a three-day ban on all such activities in pollution hotspots across Delhi-NCR in view of the national capital’s ‘severe’ air quality. Delhi is facing its highest pollution level since Diwali. On Monday, 32 areas in the city recorded ‘severe’ air quality while it was ‘very poor’ in five areas, the CPCB data showed.

In NCR, Noida recorded the worst air quality with an AQI of 464. Faridabad and Ghaziabad also recorded ‘severe’ air quality and Gurgaon recorded ‘very poor’ air quality, the data showed.

The overall PM2.5 level — fine particulate matter in the air with a diameter of less than 2.5 micrometer — was recorded at 407 and the PM10 level at 581 here, the CPCB said.

Rift in Karnataka Congress

In an attempt to pacify its disgruntled MLAs, the Congress seems to have come up with a formula of revaluation and rotation. The Cabinet, which went through a second round of expansion and a rejig last week, will be revaluated after a year leading to the removal of non-performing ministers. This comes amid news of discontent within the ranks and file of the JD(S) and Congress both of which had been postponing the expansion for a long time to steer clear of such controversy. Nonetheless, as HD Kumaraswamy dropped two of his sitting ministers, but signs of discord appeared soon after as former minister Ramesh Jarkiholi hinted that there are other Congress MLAs who may follow him. Seven-time MLA Ramalinga Reddy said, “I am disappointed with the yardstick for certain people. It’s not the same for everyone. I’ve never lobbied for a ministerial post. I will not either. But yes I’m disappointed.”

Bethlehem boasts largest Christmas in years; Pope urges Christian community to share more this season 

Pilgrims from around the world flocked to Bethlehem for what was believed to be the biblical West Bank city’s largest Christmas celebrations in years. Hundreds of locals and foreign visitors milled in Manger Square as bagpipe-playing Palestinian Scouts paraded past a giant Christmas tree. Crowds flooded the Church of the Nativity, venerated as the traditional site of Jesus’s birth, and waited to descend into the ancient grotto. The West Bank has seen a spike in violence in recent weeks, set off by a pair of deadly shootings targeting Israeli soldiers and settlers claimed by the Islamic militant group Hamas. Israel has ratcheted up security at checkpoints as it presses on with its manhunt for suspected Palestinian assailants. However, other visitors seemed unconcerned by recent violence in the area. Palestinian tourism officials and hotel operators have reported their strongest season in years.

Meanwhile, the Pope Francis on Monday assailed the “insatiable greed” of today’s consumerism, calling on people in his Christmas homily to make “sharing and giving” more a part of their lives. “Mankind became greedy and voracious,” the leader of the world’s 1.3 billion Catholics said in an address to thousands of followers in Saint Peter’s Basilica in Rome.

Samsung Galaxy S9 to start receiving Android Pie update

South Korean giant Samsung has finally started to roll-out the very first Android 9.0 Pie-based update for its Galaxy S9 and S9 Plus smartphones launched earlier this year. The update is in the form of the brand new OneUI which Samsung had been beta testing for the past month on the Galaxy S9 smartphones. The update is currently rolling out in Germany and a subsequent roll-out globally should follow soon.

Global oil prices sink 6% as economic slowdown fears grip market

Oil prices plunged more than 6 percent to the lowest level in more than a year on Monday, pulling back sharply late in the session as fears of an economic slowdown rattled the market. US crude futures and global benchmark Brent hit their lowest levels since 2017 during the session, putting both benchmarks on track for losses of about 40 percent in the fourth quarter. The fourth-quarter price decline is likely to cause producers to throttle back on their output, said Phil Flynn, an analyst at Price Futures Group in Chicago.

The Organization of the Petroleum Exporting Countries and allies led by Russia agreed this month to cut oil production by 1.2 million barrels per day from January. Should that fail to balance the market, OPEC and its allies will hold an extraordinary meeting, United Arab Emirates Energy Minister Suhail al-Mazrouei said on Sunday

विंदु दारा सिंह और दीना उमरोवा ने शहर के एक निजी पार्लर का उद्घाटन किया

फोटो और ख़बर: कपिल नागपाल

पंचकूला के सेक्टर 2 में एक निजी पार्लर के उद्घाटन मौके पर पहुंचे बिग बॉस विनर और बॉलीवुड एक्टर्स बिंदु दारा सिंह और बॉलीवुड एक्टर दीना उमराव

फोटो: कपिल नागपाल

Opinder Dhaliwal & Royal Music Gang Presents Anup Prashar Production Song – FAME

Opinder Dhaliwal & Royal Music Gang Presents
Anup Prashar Production

Song – FAME
Singer – @moneyaujla
Ft. @roachkillaofficial
Music – @deepjandu
Lyrics – Kaani Aujla
Mix & Master – @djtejmusic
Video – @whizkidfilms
Presentation – Anup Prashar
Online Promotions – @gk.digial

OUT ON 8th OF DECEMBER!!

FINAL FINALE OF ELITE GLOBAL EARTH NZ 2018

Photo Feature By Ranjit Singh Ahluwalia

ELITE GLOBAL EARTH NZ 2018 and the finalists are:

RAMAN KAUR CHANDIGARH GIRL WON THE TITLE MISS GLOBAL EARTH NZ 2018

 

MISS-CATEGORY-WINNERS-Raman-Kaur-Alyssia-st-Runner-up-Natasha-Bali-2nd-Runner-up-Danisha-PEOPLE-CHOICE

 


MS CATEGORY WINNERS Vivian ,Nadia 1st Runner up, Bridget 2nd Runner up, Talia PEOPLE CHOICE.

 

Briar, Priya Chand 1st Runner up, Rebecca 2nd Runner up , Yoshna PEOPLE CHOICE

 


Romeo, Alex 1st Runner up, Vishnu 2nd Runner up, Vishal PEOPLE CHOICE.