Two day Special progamme organised by Pracheen kala Kendra in collaboration with Sangeetam at Tagore Theatre
Photos of Two day Special progamme organised by Pracheen kala Kendra in collaboration with Sangeetam at Tagore Theatre
Photos of Two day Special progamme organised by Pracheen kala Kendra in collaboration with Sangeetam at Tagore Theatre
बॉलीवुड के जाने-माने वेटरन एक्टर दिलीप कुमार की तबीयत अचानक बिगड़ जाने पर उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, डॉक्टरों ने बताया है कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है.
हालांकि, लीलावती अस्पताल के डायरेक्टर आॅफ आॅपरेशंस अजय पांडे के मुताबिक, दिलीप कुमार यहां रूटीन चेकअप के लिए हैं.
बता दें कि 94 साल के दिलीप कुमार लंबे वक्त से बीमार चल रहे हैं. इससे पहले भी उन्हें अगस्त के पहले हफ्ते में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पहले उनकी डिहाइड्रेशन के चलते तबीयत बिगड़ गई थी.
बॉलीवुड में ‘ट्रेजडी किंग’ के नाम से मशहूर दिलीप कुमार को मधुमती, देवदास, मुगल-ए-आज़म,जैसी फिल्मों के लिए खासतौर पर जाना जाता है. वह आखिरी बार 1998 में आई फिल्म ‘किला’ में नजर आए थे. दिलीप कुमार को 2015 में पद्म विभूषण से भी नवाजा गया था.
Clarissa Bowers, Miss World America 2017, wears a Ponduru Khadi gown created by the fashion designing students of the city
The students of JD Institute of Fashion Technology recently had an interaction with Miss World America 2017, Clarissa Bowers. Clarissa who was in the country for a week said she was impressed by the culture of India and floored by the aesthetic design sense in Indian fashion industry. “The intricate designs and the amount of thought put behind eachcreation draws the world’s attention towards India. We appreciate the amount of effort that goes into planning and working on these designs. The intricacy and detailing speak volumes, ” she said.
She was clad in a green gown of Ponduru Khadi silk designed by students of the institute, Aishwarya and Sujatha Ganguri. Aishwarya said that Ponduru Khadi was a conscious choice as they wanted to promote the fabric in international fashion industry. “ Over the years, the number of weavers in Ponduru has been declining. With this dress we are hoping to capture the attention of designers across the globe and turn them to khadi. The khadi that we used was light-weight and represented the greenery of Visakhapatnam,” Aishwarya said.
The 20-year-old resident of Florida who was crowned Miss World America in August last year said she spent time in Hyderabad too and had a marvellous time exploring the city and its cuisine, especially dosa and biryani!.
Clarissa, a certified oral maxillofacial surgery assistant, is currently studying Neuroscience at Vanderbilt University in Nashville and wants to make a career in the medical field. “Having a military background, I aspire to be a reconstructive surgeon for wounded soldiers. I wanted to visit a few hospitals in India but could not do so because of the tight schedule,” she said.
Speaking about her journey as a model, she said, “I was a shy person and when people always told me to try modelling, I did not pay attention to them.” But somewhere along the way she gave in and began a career in modelling. “And this is where it has led me.”
Drape it right
Ponduru Khadi derives its name from the place Ponduru, a village in Srikakulam. The Khadi is made of special variety of hill cotton and red cotton which are grown in Vizianagaram and Srikakulam district. Mahatma Gandhi was so impressed by the finesse of this fabric that he preferred wearing it. The Khadi clothes from this region are exported to several countries like US, Denmark, Sweden and Japan
मुंबई:
चर्चा है कि सुष्मिता जल्द ही वापसी करने जा रही हैं। कहा जा रहा है कि सुष्मिता ने अपनी अगली फिल्म के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। वह एक बार फिर से दमदार रोल में पर्दे पर नजर आने वाली हैं, जिसकी शूटिंग इसी साल के अंत तक शुरू हो सकती है।
बताया जा रहा है कि सुष्मिता एक स्मॉल टाउन स्टोरी में लीड रोल निभाने वाली हैं। मध्य प्रदेश को बैकड्रॉप में रखते हुए यह एक क्राइम बेस्ड ड्रामा होगा, जिसमें सुष्मिता पुलिस ऑफिसर के किरदार में नजर आएंगी।
सुष्मिता को इस किरदार के लिए मेकर्स ने एक साल पहले अप्रोच किया था। कुछ दिन पूर्व सुष्मिता से जब उनके कमबैक को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने कई स्क्रिप्ट देखी हैं और अंततः दो स्क्रिप्ट फाइनल की हैं। फिल्मों के नाम की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
Filmmaker Neeraj Pandey, who also wrote the much-loved novel, Ghalib Danger, has come out with a Hindi translation of his book. Actor Manoj Bajpayee, who has collaborated with the director in several films, launched the book in Delhi on 30 August.
Owing to the positive response garnered by its English version, which was released in 2013, Neeraj Pandey decided to treat the audience with the Hindi version. Talking about his decision to translate the book in Hindi, the Aiyaary director said, “The English version has reached a large audience and I wanted the book to be read by the Hindi readers too.”
During the book launch held at the Constitution Club, Delhi, Manoj Bajpayee, who said he was overwhelmed to do the honours, read out a part of his favourite chapter from the novel for the audience.
At the event, Neeraj Pandey was asked if he ever produced a film on his book, would he cast Manoj for either of the main characters—Kamran Ali and Mirza. To this, the director replied in the affirmative. He said if he decided to make a film on Ghalib Danger, he would surely want Manoj to be a part of it.
“I am a greedy actor, I want to play both the characters, Kamran and Mirza,” Manoj Bajpayee quipped.
Earlier, Neeraj took to Twitter to share his excitement about the book launch. “Excited to embark on a new journey with the love and support from my dear friends #NaseeruddinShah and @AnupamPKher! #GhalibDanger,” he wrote.
The Gali Guliyaan actor too shared a sneak peek of the book on Twitter and wrote, “Here comes the Hindi translation of GHALIB DANGER written by my friend my favourite person and director NEERAJ PANDEY @neerajpofficial book will be out on 30th August.”
Ghalib Danger, which Pandey says isn’t inspired by any real-life event, narrates the story of a Mumbai-based young taxi driver, Kamran Ali. He dreams to make it big in the city but Kamran’s life takes a turn after he saves the life of an underworld don, Mirza. This crucial incident changes the course of his life and paves his path into the mafia world. Kamran, eventually, dethrones Mirza but one of his philosophy stays in his mind, that is, Ghalib’s poetry can solve any problem. Hence, his notorious deeds and fondness for Ghalib’s poetry earned him the name, Ghalib Danger.
On the film front, Neeraj Pandey is gearing up for his next project Chanakya, starring Ajay Devgn, which is slated to release in 2019. On the other hand, Manoj Bajpayee has begun the promotions of his upcoming psychological thriller, Gali Guliyaan. The actor will also feature in Love Sonia, a film based on human trafficking. The film has already won the award in the category of Best Indie Film at the Indian Film Festival of Melbourne.
वैसे तो कहा जाता है कि गंगा नदी में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं. लेकिन भारतीय पुरुषों के एक ग्रुप ने हिंदुओं द्वारा पवित्र माने जानी वाली गंगा में डुबकी लगाने का निर्णय लिया, जिससे दुनिया को ‘जहरीले नारीवाद‘ से छुटकारा पाने में मदद मिल सकेगी. पिछले हफ्ते पत्नियों से पीड़ित 150 पुरुषों ने बनारस आकर गंगा में डुबकी लगाई और अपनी पत्नियों के नाम पर पिंड किया. फिर पिशाचिनी मुक्ति पूजा की.
पत्नियों के हाथों सताए पीड़ित पुरुषों की संस्था ‘सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन’ के दस साल पूरे होने पर आयोजित इस पूजा में करीब डेढ़ सौ लोगों ने हिस्सा लिया. इस संस्था के फाउंडर राजेश वकारिया ने बताया कि हमारे देश में जानवर संरक्षण के लिए भी मंत्रालय है, लेकिन मर्दों के हक की रक्षा के लिए कहीं कोई मंत्रालय नहीं है. यानी इस देश में मर्दों को जानवर से भी बदतर समझा जाता है.
एक और पत्नी पीड़ित अमित देशपांडे ने पतियों को अपनी पत्नियों का पिंडदान करने को कहा. उन्होंने कहा कि इन पत्नियों ने अपने-अपने पतियों की जिंदगी नरक कर दी है. उनसे दिमागी शांति छीन ली है. इन पत्नी पीड़ित पुरुषों ने जीते जी अपनी पत्नियों का पिंडदान किया, जो अब उनके साथ नहीं रहती हैं. साथ ही साथ अपनी पूर्व पत्नियों के लिए पिशाचिनी मुक्ति पूजा भी की ताकि उनकी पत्नी से जुड़ी बुरी यादें भी उनके साथ ना रहें.
‘सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन’ के संस्थापक वकारिया ने कहा कि हर साल 92 हजार पुरुष मेंटल टॉर्चर की वजह से आत्महत्या कर लेते हैं जबकि महिलाओं में ये आंकड़ा 24 हजार का है. वकारिया ने कहा कि दहेज विरोधी कानून यानी आईपीसी की धारा 498ए महिलाओं को उत्पीड़न से बचाने और पति के घर में पत्नी के शोषण को रोकने के लिए बनाई गई थी, लेकिन पुरुषों के खिलाफ कई बार इस कानून का दुरुपयोग होता है और पुरुष इसके खिलाफ कुछ नहीं कर सकता.
चंडीगढ़:
यूं तो भारत भर में हर जाति-प्रजाति के अनेक पारंपरिक त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन कुछ त्योहार ऐसे होते हैं, जिनका स्वरूप शहर में बहुत ही कम देखने को मिलता है। केरल के राजा महाबलि की स्मृति में दक्षिण भारतीय परिवारों ने ओणम का त्योहार वहां के रीति-रिवाजों व परंपराओं के अनुरूप श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं।
दक्षिण भारतीय युवतियां जहां अपने घर की देहरी को फूलों की रंगोली से सजाती है तो महिलाएं खट्ठे-मीठे तमाम तरह के व्यंजनों को बनाकर उनका स्वाद अपने परिवार के साथ सामूहिक रूप से चखती हैं।
चूंकि यह त्योहार दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, इसलिए इसे उत्सव के रूप में मनाया जाता है। सुबह से ही घरों की साफ-सफाई कर दक्षिण भारतीय परिवारों ने आज राजा महाबलि की याद में तमाम तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं।
मान्यता है कि राजा महाबलि के शासन में रोज हजारों तरह के स्वादिष्ट पकवान व व्यंजन बनाए जाते थे। चूंकि महाबलि साल में एक बार अपनी प्रजा से मिलने आते हैं, इसलिए उनके प्रसाद के लिए कई तरह के लजीज व्यंजनों को बनाए जाते हैं।
ओनम केरल में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। वैसे तो इसे फसलों की कटाई के बाद मनाया जाता है, पर इसका महत्व सामान्य कृषि संबंधित त्योहारों से कहीं ज्यादा है। दरअसल ओनम की कहानी महान राजा महाबली से जुड़ी हुई है। महाबली की पौराणिक कथा से पता चलता है कि आखिर क्यों आज भी ओनम का त्योहार मनाया जाता है।
महाबली की पौराणिक कथा – राजा बलि देवांबा का बेटा और प्रह्लाद का पौत्र था। वह जन्म से ही असुर था। अपने दादा प्रह्लाद के परामर्श के कारण वह राजगद्दी पर बैठने में कामयाब रहा। असुरों का राजा होने के नाते उनका नीतिशस्त्र और प्रसाशनिक क्षमता अद्वितीय थी। वह भगवानों का सम्मान करता था और आपनी उदारता के लिए जाना जाता था।
ओणम का त्योहार तीनों लोक पर विजय – महाबली योग्य होने के साथ-साथ महत्वकांक्षी भी था। वह ब्रहमांड के तीनों लोक, यानी पृथ्वी, परलोक और पाताल लोक का सम्राट बनना चाहता था। इसलिए उन्होंने देवताओं के विरूद्ध युद्ध छेड़ दिया और परलोक पर कब्जा कर लिया। उन्होंने देवों के राजा इंद्र को पराजित किया और तीनों जगत का शासक बन गया। साथ ही उन्होंने अश्वमेध यगना शुरू किया, ताकि ब्राह्मांड के तीनों लोक पर शासन कर सके।
वामन अवतार – एक असुर के हाथों पराजित होने के कारण देवता परेशान हो गए। उन्होंने परलोक वापस पाने के लिए भगवान विष्णु से मदद के लिए प्रार्थना की। प्रार्थना सुन कर भगवान विष्णु एक बौने ब्राह्मण लड़के के रूप में महाबली के सामने प्रकट हुए। यह भगवान विष्णु का वामन अवतार था। उन्होंने महान राजा से अपने पैरों के तीन कदम जितनी भूमि देने का आग्रह किया।
उदार महाबली ने इसे तुरंत स्वीकार कर लिया। इसके बाद भगवान विष्णु का आकार एकाएक बढ़ता ही चला गया। तब उन्होंने एक कमद से ही पूरी पृथ्वी और दूसरे कदम से पूरा परलोक नाप डाला। अब भगवान विष्णु ने तीसरा कदम रखने के लिए स्थान मांगा। धर्मनिष्ठ महाबली ने तब अपना मस्तक ही प्रस्तुत कर दिया। भगवान विष्णु ने अपना तीसरा कदम उनके मस्तक पर रखकर उन्हें पाताल लोक पहुंचा दिया।
ओनम की कहानी पौराणिक कथाओं के अनुसार जब राजा महाबली पाताल लोक जा रहे थे तो उन्होंने भगवान विष्णु से एक वरदान मांगा। उन्होंने आग्रह किया कि उन्हें साल में एक बार केरल आने की अनुमति दी जाए, ताकि वह सुनिश्चित कर सकें कि उनकी प्रजा खुशहाल और समृद्ध है।
भगवान विष्णु ने उनकी इच्छा स्वीकार कर ली। यानी कि ओनम ही वह समय है जब महाबली अपनी प्रजा को देखने के लिए आते हैं। शायद यही वजह है कि ओनम इतने हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह ओनम की पौराणिक कथा है, जिसका संबंध प्रचीन असुर राजा बलि से है।
ओणम की रस्में
ओणम का त्यौहार 10 दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें बहुत सी गतिविधियाँ शामिल हैं। महिलाएँ घरों को सजाने के लिए रंग बिरंगे फूलों से रंगोली बनाती हैं, और पुरुष तैराकी और नौका-दौड़ जैसी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। केरल के लोग ओणम त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। ओणम त्यौहार के दस दिन इस प्रकार हैं:
अथम – इस दिन बहुत ही शानदार फ़ूलों की रंगोली बनाई जाती है क्योंकि माना जाता है कि इस दिन राजा महाबली पाताल लोक से धरती पर ओणम के अवसर पर आते हैं। इस दिन हस्त नक्षत्र होता है।
चिथिरा – ओणम के दूसरे दिन सारी पुरानी चीज़ों को निकाल दिया जाता है और अपने घर को हर तरह सुंदर बनाया जाता है। आज चिथिरा नक्षत्र होता है।
चोढ़ी – इस दिन का विशेष महत्व महिलाओं के लिए है क्योंकि इस दिन महिलाएँ अपने आप को सजाने के लिए नए कपड़े और गहनों की खरीददारी करती हैं। इस दिन स्वाति नक्षत्र होता है।
विसकम – इस दिन सभी गतिविधियाँ और प्रतियोगिताएँ शुरू होती हैं। नौका-दौड़ और पूकलम इस दिन की प्रमुख विशेषताएँ हैं। इस दिन विसकम नक्षत्र होता है।
अनिज़्हम – ओणम के पाँचवे दिन नौक-दौड़ का अभ्यास प्रारंभ हो जाता है। वल्लमकली नामक नौका-दौड़ बहुत ही प्रसिद्ध खेल है जो कि अब पर्यटन आकर्षण केंद्र बन चुका है। इस दिन अनिज़्हम नक्षत्र होता है।
थ्रिकेटा – ओणम के छठें दिन बहुत ही बड़ा उत्सव मनाया जाता है। जो लोग घर से दूर काम करते हैं, वे सब इस दिन को अपने परिवार के साथ मनाते हैं। ओणम के छठें दिन थ्रिकेटा नक्षत्र प्रबल होता है।
मूलम – यह वो दिन है जब केरल के मंदिरों में ओणसाद्य का आयोजन किया जाता है जो कि एक भव्य दावत मानी जाती है। इस दिन बहुत सी नृत्य कलाओं का आयोजन भी होता है जैसे कि पुलीकली और कैकोट्टी। मूलम नक्षत्र इस दिन होता है।
पुरदम – इस दिन ओणम का उत्सव अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाता है। भगवान वामन और राजा महाबली की मिट्टी की मूर्तियाँ बनाई जाती हैं और पूकलम की रचनाएँ अपनी जटिलता तक पहुँच जाती हैं। इस दिन पुरदम नक्षत्र प्रबल होता है।
उतरदम – इस दिन फूलों का एक विशाल गलीचा राजा महाबली के स्वागत के लिए तैयार किया जाता है। नौवें दिन की गतिविधियाँ अपने शीर्ष पर आ जाती हैं। इस दिन उत्तरदम नक्षत्र प्रबल होता है।
थिरुवोणम – यह दिन परम उत्सव का दिन है। सारी गतिविधियाँ जैसे कि लोक नृत्य, कथकली नृत्य, पूकलम प्रतियोगिता, नौका-दौड़, और ओणसाद्य मनाई जाती हैं। उसके बाद, केरल के लोग अपने प्रिय राजा महाबली को अलविदा करते हैं।
वल्लमकली – प्रसिद्ध नौका-दौड़
नौका-दौड़ की गतिविधि केरल के लोगों के बीच ही नहीं, बल्कि पर्यटकों की भी पसंदीदा है। नौका-दौड़ में भाग लेने वाली नाव विशेष होती है। यह लगभग 100 फ़ीट लंबी है और 140-150 लोगों के बैठने की क्षमता रखती है। इसकी आकृति कोबरा जैसी है। इस नाव को बनाने में बहुत ही मेहनत लगती है, इसलिए मछुआरों के लिए इस नाव का भावनात्मक मूल्य है। यह एक ऐसी गतिविधि है जिससे कोई चूकना नही चाहेगा।
ओणसद्या – एक भव्य भोज
यह एक ऐसी दावत है जो कोई भी छोड़ना नहीं चाहेगा। यह एक नौं प्रकार का भोज है जो मुँह में अपना स्वाद छोड़ जाता है। केरल के लोग इस भोज को इतना पसंद करते हैं कि एक ओणसद्या भोज के लिए वह अपना सब कुछ बेच सकते हैं। परंपरा के अनुसार, ओणसद्या भोज केले के पत्ते पर परोसा जाता है। भोज में 60 तरह के व्यंजन और 20 तरह के मिष्ठान शामिल हैं जो पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।
पूकलम – फ़ूलों का गलीचा
पूकलम अनेक रंगों के फ़ूलों से तैयार किया हुआ गलीचा होता है। यह एक कलात्मक स्पर्श वाली कला है। हर घर के आँगन में सुंदर और रंगीन रंगोली बनाई जाती हैं जो कि बहुत ही आकर्षक होती हैं। लोग पूकलम के दिन रंगोली बनाना प्रारंभ करते हैं जो कि ओणम के अंतिम दिन तक चलती है। रंगोली की गोल आकृति केरल के लोगों की संस्कृति और सामाजिकता को दर्शाता है।
Joyful exuberance and high spirits marked the Freshers’ Party organized by the students and staff of Guru Gobind Singh College for Women, Sector 26 on August 24, 2018. The purpose of the event was to make the new students feel like an integral part of the college family. The young girls looked radiant in their best attires.
The event was set on course by a spectrum of items with foot-tapping music, including Manipuri, Classical, Western and Punjabi dance performances, and modelling. The audience was kept enthralled with the pomp on stage. The young performers were encouraged and supported by their seniors and teachers.
The following titles were awarded to the freshers:
TITLES | WINNERS |
MISS FRESHER | Ankita Trehan (M.Com. I) |
1ST RUNNER UP | Jasleen Kaur (B.Com. I) |
2ND RUNNER UP | Shivani Maan (M.Com. I) |
MISS ELEGANT | Sanskriti Chandel (B.C.A. I) |
MISS CHARMING | Reeta Bhatt (M.Com. I) |
Dr. Jatinder Kaur, the Principal welcomed the “daughters” of GGSCW and highlighted that such programmes generate a feeling of fraternity among the students. The Principal admired the whole-hearted effort made by them and at the same time reminded them to remain focused on their academic goals.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना अरब जगत के इस्लामी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की और आरोप लगाया कि आरएसएस भारत के स्वभाव को ‘बदलने’ और इसकी संस्थाओं पर ‘‘कब्जा’’ करने की कोशिश कर रहा है.
राहुल के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष ने भारत नाम के विचार की ‘सुपारी’ ले रखी है. बीजेपी ने कहा कि राहुल को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
मुस्लिम ब्रदरहुड अरब जगत में सबसे पुराना राजनीतिक इस्लामी संगठन है. अरब के कुछ देशों में इसे आधिकारिक राजनीतिक पार्टी के तौर पर काम करने की इजाजत नहीं है.
लंदन स्थित थिंक टैंक अंतरराष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान (आईआईएसएस) को संबोधित करते हुए राहुल ने आरएसएस पर आरोप लगाया कि वह भारत के स्वभाव को बदलने और इसकी संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है.
राहुल ने कहा, ‘आरएसएस भारत के स्वभाव को बदलने की कोशिश कर रहा है. अन्य पार्टियों ने भारत की संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की है.’ उन्होंने कहा, ‘आरएसएस का विचार अरब जगत में मुस्लिम ब्रदरहुड के विचार जैसा ही है.’
इससे पहले, राहुल ने गुरुवार को बर्लिन में आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी और आरएसएस भारत के लोगों को बांट रहे हैं जबकि कांग्रेस उन्हें आपस में जोड़ने का काम करती है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि आरएसएस में महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं है और वहां उन्हें ‘दोयम दर्जे का नागरिक’ माना जाता है.
‘राहुल गांधी, क्या आपने हिन्दुस्तान की सुपारी ली हुई है?’
राहुल के बयान की आलोचना करते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (जिनका हाल में निधन हुआ) जैसे लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि के हैं और राहुल द्वारा लंदन में एक कार्यक्रम में संगठन की तुलना एक इस्लामी संगठन से किया जाना ‘अक्षम्य’ है.
दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी, क्या आपने हिन्दुस्तान की सुपारी ली हुई है? क्या आपने भारतवर्ष की सभ्यता और संस्कृति और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की सुपारी ली हुई है जो विदेश जाकर अपने ही देश को बदनाम करने पर तुले हो?’
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी यह कैसे कह सकते हैं कि हिन्दुस्तान की सोच, लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की सोच आतंकी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड की सोच है? क्या वह कहना चाहते हैं कि हिन्दुस्तान ने एक आतंकी संगठन को समर्थन दिया है और देश की जनता की सोच एक आतंकी संगठन की सोच है.
नोटबंदी का विचार सीधे आरएसएस से आया
इससे पहले, नोटबंदी की आलोचना करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘नोटबंदी का विचार सीधा आरएसएस से आया, वित्त मंत्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अनदेखी की गई और प्रधानमंत्री के दिमाग में बात डाली गई.’ आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया गया था, जिसके तहत 500 और 1000 के पुराने नोटों पर पाबंदी लगा दी गई थी.
नोटबंदी का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि इससे काला धन, अवैध गतिविधियों एवं आतंकवाद पर लगाम लगेगी. राहुल ने कहा कि भारत की आर्थिक ताकत लाखों सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम में निहित है, क्योंकि वे नौकरियां पैदा करते हैं. उन्होंने कहा, ‘जब कोई समूचे संस्थागत ढांचे की अनदेखी करता है और देश में नोटबंदी का फैसला करता है तो उससे भारत की ताकत बढ़ती नहीं है.’
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