भारतीय कुश्ती रही दिशा में, टोक्यो में बेस्ट प्रदर्शन करेगा भारत: योगेश्वर

-गुरुकुल ग्लोबल स्कूल के एनुअल डे पर स्टार पहलवान योगेश्वर दत्त ने किया बच्चों काे ऑनर
चंडीगढ़।
पद्मश्री पहलवान योगेश्वर दत्त का मानना है कि भारतीय कुश्ती सही दिशा में बढ़ रही है और आने वाले समय में देश को कई स्टार पहलवान मेडल दिलाएंगे। गुरुकुल ग्लोबल स्कूल के एनुअल डे पर बच्चों को मोटिवेट करने के लिए पहुंचे योगेश्वर ने कहा कि आपको अगर आने वाले ओलंपिक की तैयारी करनी है तो नन्हे रेसलर्स के साथ मेहनत करनी होगी। हम हमारी एकेडमी में यही कर रहे हैं और वहां पर 200 रेसलर्स के साथ वहां अभ्यास किया जा रहा है। एकेडमी में ज्यादातर रेसलर 8 से 16 साल की उम्र के ही हैं। हम उन्हें 2024 और 2028 ओलंपिक के लिए तैयार कर रहे हैं।
वहीं योगेश्वर ने बजरंग समेत पांच रेसलर्स को टोक्यो ओलंपिक मेडल का सबसे बड़ा दावेदार बताया। उन्होंने कहा कि मैंने बजरंग को काफी करीब से देखा है और वो मुझे अपना मेंटर भी मानता है। एक मेंटर का काम होता है कि कमियों को दूर करे और कमजोरियों को बताए। मैं यही काम करता हूं और मुझे विश्वास है कि जिस तरह से बजरंग आगे बढ़ रहे हैं वो ओंलंपिक मेडल जरूर जीतेंगे। योगी ने कहा कि कई और पहलवान भी हैं जो अच्छा कर रहे हैं, इनमें पूजा, विनेश, संदीप तोमर आदि का नाम शामिल है। हम सभी को उन्हें मोटिवेट करना चाहिए।
अनुशासन हर गेम के लिए जरूरी:
गुरुकुल ग्लोबल स्कूल के स्टूडेंट्स को मोटिवेट करते हुए योगेश्वर ने कहा कि अनुशासन हर किसी के लिए जरूरी है। फिर वो चाहे गेम में हो या फिर पढ़ाई में। बजरंग हमेशा फोन से दूरी रखता है और वो अपनी गेम से जरूरी किसी को नहीं मानता। ये अनुशासन ही है जो बनाए रखना मेंटर का काम होता है। मैं हमेशा उसकी मदद करता हूं और अनुशासन की बदौलत ही वो यहां तक आ सका है। आज वो देश का नंबर वन रेसलर है तो सिर्फ अनुशासन की बदौलत।

Gurukul Global School celebrated its Junior Annual Show- “Umang”

 

The Junior students of Gurukul Global School presented a colourful & mesmerising cultural show ‘Umang’. This yearly celebration was all the more enthusiastically presented as the school has completed its ten years of embarking existence. The underlining theme of the show was the inevitable change – The change from good to best and best to better but which keeps going on – everything be it nature, relationships, society or the nations undergo change. The students of the classes I to V had the audience glued to their seats when they showcased how the human beings have deteriorated the environments and relationships and how the humans only have the capability to infuse and enlighten the whole universe with love compassion, & understanding.

The Glitterati for the day included – Sh. Khushwant Singh (State Information Commission- Punjab) and the Guest of Honour was Sh. Harjeet Singh who captained the 2016 winning Hockey Junior World Cup Team. A press conference was organized before the function to know about the life , hardships & achievements of Sh. Harjeet Singh.  Also present to bless the students on the occasion, were the School President Mrs. Neena Setya, Chariman Dr. V.D Singh and M.D Mr. Parveen Setya. Principal Mrs. Urvashi Kakkar presented the Annual School report.

Indradhanush Stadium, Panchkula reverberated with the applause and pride that the parents projected when their wards were awarded with special awards and recognition. Fifty one students received the awards.

This day would be etched in the minds of the Globalites as each one them put in lots and lots of hard work and dedication to make the event successful.

Media Ecosystem: The wall falls down


बहुत से छोटे मँझोले ओर बड़े व्यापारियों  को अपनि वित्तीय स्थितियों के कारण अपने मार्केटिंग के तरीकोण का चयन करने में दिक्कत आती है वह यह निर्णय नहीं कर पाते की उनके लिए विज्ञापन का कौन सा माध्यम ठीक रहेगा?

किस माध्यम से उनके द्वारा निवेशित रूपये की पूरी वसूली हो सकेगी?

व्यापारी अपने व्यापार के लिए किस माध्यम पर भरोसा करे?

उत्तर हैरान कर देगा।


इस बात में कोई शक नहीं है कि आज के समय में ब्रैंड्स के लिए डिजिटल बहुत जरूरी हो गया है, हालांकि ऐडवर्टाइजर्स अभी भी टेलिविजन को प्राथमिकता दे रहे हैं और यह उनकी पहली पसंद बना हुआ है।

ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या ऐडवर्टाइजर्स और टेलिविजन के बीच का संबंध और मजबूत होता जा रहा है? क्या टेलिविजन आगे भी ऐडवर्टाइजर्स की पहली पसंद बना रहेगा? क्या डिजिटल इस स्थिति को बदल पाएगा? इन सब बातों को लेकर हमने कुछ विशेषज्ञों से बातचीत की कि आखिर आने वाले समय में क्या हालात रहने वाले हैं?

डिजिटल का जमाना है। पिछले कुछ वर्षों की बात करें तो ऐडवर्टाइजर्स भी इसके प्रभाव से अछूते नहीं हैं और इसे काफी पसंद भी कर रहे हैं। जितने भी बड़े ब्रैंड हैं, लगभग सभी ऑनलाइन प्लेटफॉंर्म पर मौजूद हैं और अब हालात ये हैं कि डिजिटल के बिना कोई भी मार्केट स्ट्रैटजी पूरी नहीं मानी जाती है।

‘केपीएमजी’ की रिपोर्ट ‘Media Ecosystem: The wall falls down’ के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018 (FY18) में डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग के रेवेन्यू में 35 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है और यह 116000 करोड़ रुपए हो गई है। जबकि टेलिविजन की ग्रोथ वित्तीय वर्ष 2018 में इसके मुकाबले कम रही है और यह 9.5 प्रतिशत के हिसाब से बढ़कर 65200 रुपए रही है।

इस बारे में ‘एचयूएल’ (HUL)  के सीईओ और एमडी संजीव मेहता का कहना है कि टेलिविजन आज भी प्रासंगिक है और आने वाले कई दशकों तक देश में इसका प्रभाव यूं ही बना रहेगा।

मेहता का कहना है, ‘आज टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो गई है कि हम डिजिटल कम्युनिकेशंस के साथ अपने टार्गेट को प्लान कर सकते हैं। हालांकि कुछ चीजें कभी नहीं बदलने वाली हैं। मार्केट के फंडामेंटल यानी बेसिक बातें हमेशा यही बने रहेंगे। मार्केटिंग में कंज्यूमर हमेशा ही मुख्य रहेगा। नए जमाने का कंटेंट हमें नए तरीके से स्टोरीटैलिंग की कला सिखाएगा।’

वहीं इस बारे में ‘पारले प्रॉडक्ट्स’ (Parle products) के कैटगरी हेड मयंक शाह का कहना है कि चूंकि टेलिविजन की पहुंच बहुत ज्यादा है, इसलिए यह ब्रैड्स के लिए पसंदीदा माध्यम बना हुआ है। उनका मानना है कि ब्रैंड्स के लिए टेलिविजन पर विज्ञापन करना ज्यादा उचित है क्योंकि टीवी की पहुंच ज्यादा है।

शाह का कहना है, ‘इस बात में कोई शक नहीं कि डिजिटल काफी तेजी से ग्रोथ कर रहा है और यह काफी महत्वपूर्ण माध्यम भी बना हुआ है। लेकिन जब बात इसकी पहुंच की आती है, खासकर एफएमसीजी और दैनिक जरूरतें की चीजों के ब्रैंड के बारे में तो टीवी का प्रदर्शन बेहतर है।’ उनका कहना है कि टेलिविजन कुछ समय के लिए डिजिटल पर अपनी बढ़त बनाए रखेगा। डिजिटल उन ब्रैंड्स के लिए एक प्लेटफॉर्म है जो आडियंस के खास वर्ग को टार्गेट करना चाहते हैं।

इस बारे में ‘मैडिसन वर्ल्‍ड’ (Madison World) के सीओओ (Buying) नील कमल शर्मा का कहना है कि पिछले वर्ष के मुकाबले एक प्रतिशत की गिरावट के बावजूद ऐडवर्टाइजिंग के चार्ट में टेलिविजन अभी भी टॉप पर बना हुआ है।

नील कमल शर्मा का कहना है, ‘यह सही है कि देश में डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग का रेवेन्यू काफी बढ़ा है और यह ट्रेंड अभी भी जारी है। लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले एक प्रतिशत की गिरावट के बावजूद टेलिविजन का ऐडवर्टाइजिंग रेवेन्यू अभी भी सबसे ज्यादा है।’

शर्मा का कहना है, ‘चूंकि कुल ऐडवर्टाइजिंग में 12 प्रतिशत और डिजिटल में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में टीवी और प्रिंट जैसे स्थापित माध्यमों के शेयर में भविष्य में कमी आने की संभावना है। लेकिन टेलिविजन की प्रासंगिकता बनी रहेगी। चूंकि ऐडवर्टाइजिंग कैटेगरी में टीवी सबसे टॉप पर है, इसलिए यह एफएमसीजी प्लेयर्स की पहली पसंद बना हुआ है। इसके अलावा स्मार्ट फोन, ट्रैवल और ओटीटी प्लेटफॉर्म भी अपनी ग्रोथ के लिए टीवी का इस्तेमाल करते हैं।’

डिजिटल मीडिया की ग्रोथ में एफएमसीजी, टेलिकॉम, बीएफएसआई, रियल एस्टेट और ई-कॉमर्स जैसी कैटेगरी का काफी योगदान है। हालांकि इनमें से कुछ का ट्रेडिशनल मीडिया में भी काफी प्रभाव है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर न्यूज, ऐंटरटेनमेंट और स्पोर्ट्स के कंटेंट का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। खासकर, युवा वर्ग इन दिनों ट्रेडिशनल मीडिया से दूर होता जा रहा है और यही कारण है कि एफएमसीजी और टेलिकॉम जैसी कैटेगरी भी बड़े पैमाने पर डिजिटल प्लेटफॉर्मस का इस्तेमाल कर रही हैं।

‘बजाज एलायंज लाइफ इंश्योरेंस’ (Bajaj Allianz Life Insurance) के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर चंद्रमोहन मेहरा का मानना है कि कम से कम तीन से पांच साल तक दोनों माध्यम सह-अस्तित्व में बने रहेंगे।

मेहरा का कहना है, ‘सबसे पहले मीडिया का सलेक्शन ऑब्जेक्ट के अनुसार करना है, टीवी और डिजिटल का चुनाव आपके काम पर निर्भर करता है। ब्रैंड्स के लिए इंटीग्रेटिड अप्रोच ज्यादा प्रभावी रहती है। टीवी पहुंच बढ़ाने और डिजिटल ब्रैंड को गहराई से जोड़ने के काम आता है।’

‘केपीएमजी’ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका जैसे मार्केट में व्यूअर्स टीवी से डिजिटल की ओर इसलिए मुड़ रहे हैं क्योंकि वहां पर डिजिटल का इंफ्रॉस्ट्रक्चर काफी मजबूत है और इसकी कम कीमत भी एक बड़ी वजह है। लेकिन, भारत में ग्रोथ और कीमत के मामले में टीवी काफी मजबूत स्थिति में है। इसके अलावा, डिजिटल का उतना इंफ्रास्ट्रक्चर भी नहीं है। ऐसे में, लोगों का टीवी की तरफ झुकाव हो जाता है।

‘वॉयकॉम 18’ (Viacom 18) के रीजनल टीवी नेटवर्क के हेड रवीश कुमार के अनुसार, कंज्यूमर्स तक पहुंच के मामले में टीवी सबसे बड़ा और सस्ता माध्यम है।

उनका कहना है, ‘टीवी के दर्शकों को मापना काफी आसान है जबकि डिजिटल में इसके लिए काफी समय लगता है। हालांकि कंटेंट के मामले में दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं लेकिन दोनों को एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि ब्रैंड्स के लिए टीवी पहली पसंद बना हुआ है।’

‘MullenLowe Lintas’ ग्रुप में ‘पाइंटनाइन लिंटास’ (PointNine Lintas) के नेशनल डॉयरेक्टर विधू सागर का मानना है कि अलग-अलग लोगों के लिए हमेशा अलग स्थिति होती है और सभी प्रकार के ऑडियंस के लिए सामान्य दृष्टिकोण लागू नहीं किया जा सकता है।

सागर का कहना है, ‘आज मीडिया की जो स्थिति है, उसमें आप पुराने दृष्टिकोण को नहीं अपना सकते हैं, क्योंकि समय के साथ चीजें बदलती रहती हैं। आज के समय में लॉन्च हो रहा कोई भी ब्रैंड टीवी और कई मामलों में प्रिंट के बिना कुछ नहीं कर सकता है।’

सागर का कहना है, ‘आप यदि बड़े पैमाने पर काम करना चाहते हैं तो आपको डिजिटल के साथ टीवी की जरूरत भी पड़ेगी। यदि आप अपने ब्रैंड के साथ कई अन्य पहलू सम्मान और विश्वसनीयता शामिल करना चाहते हैं तो आपको ब्रॉडकॉस्ट मीडिया के साथ जाना पड़ेगा।’

‘केपीएमजी’ की रिपोर्ट के अनुसार, देश में डिजिटल ऐडवर्टाइजमेंट मुख्य धारा में आ चुका है। वित्तीय वर्ष 2023 में डिजिटल पर विज्ञापन खर्च 40000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। वर्ष 2017 डिजिटल पर विज्ञापन खर्च का योगदान 86.2 बिलियन रुपए था और वर्ष 2023 तक सीएजीआर (CAGR)  ग्रोथ 30.9 तक बढ़ने का अनुमान है।

सागर का कहना है, ‘डिजिटल में तो काफी तेजी से वृद्धि हुई है लेकिन अधिकतर ऐडवर्टाइजर्स ने इस हिसाब से अपना बजट नहीं बढ़ाया है। इसलिए डिजिटल का रेवेन्यू दूसरे मीडिया से कटकर आ रहा है। यह रेडियो, सिनेमा और प्रिंट को प्रभावित कर रहा है।

मैगजींस लगभग समाप्ति की ओर हैं और कई जगह टेलिविजन भी प्रभावित हो रहा है। लेकिन टीवी की अपनी अलग बात है और कोई भी क्लाइंट अचानक से टीवी से हटकर एकदम से डिजिटल की ओर नहीं जाने वाला है।

इस समय भारतीय ओटीटी इंडस्ट्री ‘AVOD’ अथवा ‘freemium’ मॉडल पर काम कर रही है और ‘SVOD’ अभी आरंभिक अवस्था में है। टेल्को आधारित पेड सबस्क्रिप्शन के साथ 2-2.4 मिलियन सबस्क्राइबर्स सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स सबस्क्राइब कर रहे हैं। हालांकि ऐसे टेल्को आधारित सबस्क्रिप्शन में पिछले साल इजाफा हुआ है, लेकिन सीपीएम (CPM) रेट घटने से ऐडवर्टाइजमेंट रेवेन्यू को काफी चुनौती का सामना करना पड़ा है।

‘केपीएमजी’ के पार्टनर और हेड गिरीश मेनन का कहना है, ‘इस समय डिजिटल का सीपीएम कम है। इस वजह से भी डिजिटल के समक्ष काफी चुनौतियां हैं। प्रिंट में एक पेज के विज्ञापन के मुकाबले डिजिटल में काफी कम कमाई होती है। इसलिए सीपीएम बढ़ने से पहले आपको आरओआई (ROI) और मीजरमेंट की जरूरत होती है।’

‘केपीएमजी’ की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018 में भले ही टीवी की रफ्तार कम रही हो लेकिन उम्मीद है कि यह फिर वापसी करेगा और पिछले वर्षों की तरह फिर आगे बढ़ेगा।

बढ़ती पहुंच, विज्ञापन की बढ़ती मांग के कारण टीवी की सीएजीआर (CAGR) ग्रोथ 12.6 से होने की उम्मीद है।

शिकागो के डोनर व बर्लिन के गैरोस अब दुबई की फ़ूड चेन  *डोनर एंड गैरोस*के मोहली बेस्टेक माल में

 मोहली 21 November

शिकागो के डोनर व बर्लिन के गैरोस अब दुबई की फ़ूड चेन *डोनर एंड गैरोस*के मोह।ली बेस्टेक माल के फ़ूडकोर्ट के आउटलेट में उपलब्ध होंगे । इनकी खासियत होगी मटन व चिकन फील्ड सैंड विच और वो भी तुरन्त ,माल में आने वाले लोग तो पहले ही घूम घूम के थक जाते हैं ।

 

डोनर एंड गैरोस दोनों ही हेल्थी एंड फ्रेश सैंडविच ,तेल घी रहित अपने आप में पूरा मील हैं व आज की भाग दौड़ की जिंदगी में आपके भूख व स्वाद का पूरा पूरा ख्याल रखती हैं ।

बेस्टेक मॉल में

डोनर एंड गैरोस के पंजाब व ट्राई सिटी के पहले आउटलेट के लॉन्च पर मौजूद ब्रांड डायरेक्टर ने कहा कि डोनर एंड गैरोस दुबई बेस्ड विश्व भर में तेजी से बढ़ रही फ़ूड चेन है और हमारा उद्देश्य विश्व प्रसिद्ध शिकागो व बर्लिन के सैंडविच जो किअलग अलग मीट, चिकन , पनीर, कॉर्न आदि से भरे हुए होते हैं और अपने आप में पूरा मील होते हैं और क्विक डिलीवरी मॉडल पर आधारित है।

 

Elite Global Earth 2018 coming soon

Anjini founder & Ambassador of Elite Global Earth NZ organising MR/MISS/MS/MRS 2018 on 24th Nov 2018 at Ascot Avenue,Remuera, Auckland, New Zealand

फैशन शो में माँ और बेटा फर्स्ट रनर अप

फोटो और ख़बर:: कपिल नागपाल

पंचकुला के एक होटल में ‘मिस एशिया 2018 फैशन शो’ का आओजन किया गया।

फोटो: कपिल नागपाल

इस आयोजन की खास बात यह रही की आयोजन में प्रथम आने वाले माँ ओर बेटा हैं। जहां गुरदेव कौर को फर्स्ट रनर अप चुना गया वहीं उनके बेटे सागर भटोआ जो मात्र 16 साल का है उसे भी इसी आयोजन में फर्स्ट रनर अप चुना गया। सागर पहले भी कई पंजाबी गीतों मेंबटोर माडल काम कर चुका है।

फोटो: कपिल नागपाल

फैशन शो की प्रतियोगिता में भावना बिष्ट दूसरे स्थान पर रहीं। भावना हरियाणवी ओर पंजाबी गीतों में माडल के तौर पर अपने जलवे बिखेर चुकीं हैं।

‘मनमोहिनी’ की चुड़ैल रेहाना पंडित ने सांझा किए अपने अनुभव

chandigarh

अपने रोमांचक फैंटसी ड्रामा को प्रमोट करने चंडीगढ़ पहुंचीं एक्टर रेहना पंडित

चंडीगढ़, 16 नवंबर 2018। हम लोगों में से अधिकांश भारतीय चुड़ैलों के बारे में लोककथाएं सुनकर बड़े हुए हैं। पीढ़ियों से हमने उनके बारे में सुन रखा है कि वे दुष्ट होती हैं और बड़ी चालाकी से तंत्र-मंत्र करती हैं। क्या परी कथाओं की यह खलनायिका सिर्फ हमारे दिल में पल रहा एक डर है? या फिर वे वाकई भारत के दूरदराज के किसी अंधेरे कोने में रहती हैं। हम कभी उनके अस्तित्व की सच्चाई नहीं जान पाएंगे, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है यदि कोई चुड़ैल को प्यार हो जाए तो किस तरह का नाटकीय बदलाव आएगा? ज़ी टीवी का अगला प्राइमटाइम शो ‘मनमोहिनी‘ प्यार, बदले की भावनाओं, इच्छाओं, जुनून और ऐसी ही उन तमाम बातों की कहानी है, जो इन सभी चीजों के बीच आती हैं। एलएसडी फिल्म्स के निर्माण में बना मनमोहिनी 27 नवंबर 2018 से शुरू हो रहा है, जिसका प्रसारण हर सोमवार से शुक्रवार शाम 7ः30 बजे ज़ी टीवी पर किया जाएगा। 

राजस्थान की पृष्ठभूमि में रची-बसी इस कहानी को रेगिस्तान की मिट्टी का एक-एक कण बयां करता है। यह ‘मनमोहिनी‘ नाम की एक डायन की कहानी है। वो एक अतृप्त आत्मा है, जो अपने प्रेमी राम (अंकित सिवक) से मिलने के लिए 500 वर्षों से भटक रही है। अब वो अतीत के पन्नों से निकलकर राम और उसकी पत्नी सिया (गरिमा सिंह राठौर) की जिंदगी में लौट आई है। यह शो राम के प्रति सिया के अटूट प्यार को दर्शाता है, जिसमें वो मोहिनी नाम की शैतानी आत्मा से अपने पति को बचाने के लिए संघर्ष करती है। इस शो में मोहिनी का मुख्य किरदार निभा रहीं रेहना पंडित इस शो को प्रमोट करने आज चंडीगढ़ पहुंची। 

अपनी चंडीगढ़ यात्रा को लेकर खूबसूरत रेहना कहती हैं, ‘‘आमतौर पर चुड़ैलों को डरावना और खौफनाक माना जाता है और उनका हुलिया आपकी आंखों को जरा भी नहीं भाता, लेकिन मोहिनी इससे अलग है। वो खूबसूरत है, ताकतवर है और सच्चे प्यार को पाने का उसका जुनून, सभी को उसकी अंधेरी दुनिया की ओर आकर्षित करता है। इन सभी बातों के चलते इस किरदार मंे मेरी दिलचस्पी बढ़ गई। मैं टेलीविजन स्क्रीन पर चुड़ैल और उसके मायाजाल को एक अलग रूप में पेश करने को लेकर बेहद उत्साहित हूं। मुझे आज चंडीगढ़ आकर बेहद खुशी महसूस हो रही है। मैं पहले भी यहां आई हूं और हर बार यहां मुझे बढ़िया अनुभव हुआ है। यहां के लोग और यहां की संस्कृति बेहद आकर्षक हैं। मुझे इस शहर में आकर अच्छा वक्त गुजारने का इंतजार है।‘‘

मोहिनी के पास ‘भूरा जादू‘ करने की शक्ति है। 500 वर्ष पहले वो राजस्थान के घुमक्कड़ आदिवासियों के घागरा पलटन समूह का हिस्सा थी, जिनका प्रमुख पेशा अमीर और ताकतवर लोगों के लिए नाच-गाने करना होता था। राम के प्रति उसके जुनून के चलते उसका राम की पत्नी सिया के साथ टकराव होता है। इस तरह दो महिलाओं के बीच एक युद्ध की शुरुआत होती है, जिनमें से एक आधुनिक दौर की इंसान है और दूसरी एक अमर शैतानी आत्मा। दोनों ही अपने प्यार को वापस पाना चाहती हैं। 

कलाग्राम में बिखरते भारत के सांस्कृतिक रंग

आर्ट एंड क्राफ्ट मेला., फोटो फीचर : पुरनूर, चंडीगढ़

 

 

कलाग्राम में 18 नवम्बर तक चलने वाले आर्ट एंड क्राफ्ट मेले में खूब रौनक है. और इसकी वजह है भारत के भिन्न भिन्न क्षेत्र से आये कलाकार, कारीगर, व्यापारी व् खिलाड़ी. यहाँ पर आये सभी कलाकारों ने अपने नृत्य,अपने संगीत व् अपने आत्मविश्वास के साथ मेले का आकर्षण बने हुए हैं.

 

भारत के भिन्न भिन्न क्षेत्रों से आये कलाकारों में शामिल हैं राजस्थान के ‘ब्न्वालाल जाट’ का कच्ची घोड़ी डांस ग्रुप जिसमें ब्न्वालाल जी के साथ साथ 7 और लोग भी हैं . कच्ची घोड़ी ग्रुप में संगीत के   लिए ढोलकी, करताल व् अल्गोज़ा जैसे संगीत वादयन्त्रों का इस्तेमाल किया जाता है. ब्न्वालाल कहतें हैं कि ग्रुप उनके लिए उनका परिवार है. इस ग्रुप में हर एक सदस्य के पास अपना एक हुनर है जैसे ढोलक वादक विनोद, अल्होजा वादक शिवजी राव व् झांज पर इनका साथ देते हुए शिवजी राव, राम दयाल जाट और जगदीश जाट यहाँ पर इनके साथ गंगाधरी जो कि इस ग्रुप के नृतक हैं व् साथ ही कच्ची घोड़ी नृतक सीता राम भी हैं.

कच्ची घोड़ी डांस ग्रुप के अलावा यहाँ मध्य परदेश से रामसहाय पांडे अपने बधाई डांस ग्रुप के साथ आये हुए हैं. उनके ग्रुप ने यहाँ पुरे उत्साह के साथ बधाई नृत्य पेश किया.

सिक्किम से घातु डांस ग्रुप व् बठिंडा से आये वकील सिंह की नटों कि टोली जो कि हवा में ऊँची छलांग लगाने के साथ साथ अपने गले से दम लगाकर लोहे का सख्त से सख्त सरिया भी मोड़ देती है, वकील सिंह का कहना है कि वह यह काम पीढ़ियों से करते आ रहे हैं व यह उनकी बरसों कि मेहनत है जो कि आज उन्हें और उनके पूरे ग्रुप को बिना किसी डर के यह खतरनाक करतब करने में मदद करती है.

 

 

 

राज्यस्तरीय बाल महोत्सव 22 से-डॉ. यश

अधिकारियों की एक बैठक को सम्बोधित करते हुए उपायुक्त डॉ. यश गर्ग

डेमोक्रेटिक्फ़्र्ण्ट ब्यूरो, रोहतक:

रोहतक 12 नवम्बर। जिला में होने वाले राज्य स्तरीय बाल महोत्सव व बाल पखवाड़े के सफल आयोजन की तैयारियों को लेकर आज उपायुक्त डॉ. यश गर्ग की अध्यक्षता में अधिकारियों की एक बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में चंडीगढ़ से आए सीनियर बाल कल्याण अधिकारी ओ.पी. मेहरा भी विशेष तौर पर उपस्थित रहे। बैठक में समारोह को सफल एवं भव्य तरीके से मनाने के लिए उपायुक्त ने सभी सम्बंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए।

बैठक के दौरान उपायुक्त डॉ. गर्ग ने बताया कि पहले यह कार्यक्रम 15 से लेकर 18 नवम्बर तक होना था परन्तु किन्हीं कारणों से इसकी तिथियों में बदलाव किया गया है। अब यह राज्य स्तरीय आयोजन 22 से आरम्भ होकर 25 नवम्बर तक चलेगा।

उन्होंने बताया कि 22 नवम्बर को कार्यक्रम का शुभारम्भ होगा और 25 नवम्बर को अंतिम दिन राज्यपाल हरियाणा सत्यदेव नारायण आर्य समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे। इस चार दिवसीय कार्यक्रम के दौरान स्थानीय बच्चों सहित प्रदेश भर से करीब 10 हजार बच्चों के पहुंचने का अनुमान है।

सीनियर बाल कल्याण अधिकारी ओ.पी. मेहरा ने बैठक के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि राज्यस्तरीय बाल महोत्सव के अवसर पर 16 प्रकार की राज्यस्तरीय प्रतियोगिताएं करवाई जाएंगी। जिसके लिए प्रतिभागियों को चार ग्रुपों में बांटा गया है।

उन्होंने बताया कि 14 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों के लिए झूले, उपहार और भोजन की व्यवस्था नि:शुल्क की जाएगी। आयोजन में कार्ड मेकिंग, सोलो डांस, समूह डांस, पोस्टर मेकिंग, बेस्ट ड्रामेबाज, फैंसी ड्रेस सहित दर्जन भर प्रतियोगिताओं को शामिल किया गया है। ये सभी प्रतियोगिता सभी चार ग्रुपों के लिए अलग अलग आयोजित की जाएगी।

महिला पहलवान से उलझना राखी को मंहगा पड़ा

Updated बिग एक्सक्लूसिव ब्रेकिंग पंचकूला.

अपनी हरकतों के कारण राखी सांवन्त सुर्खियों में रहती आई है, उनकी हरकतों के कारण उहे ड्रामा क्वीन भी कहा जाता है अभी पिछले दिनों वह एयर प्लेन में बाथरूम में नाच रहीं थीं तो कल पंचकुला में खाली द्वारा आयोजित कुश्ती के खेल में वह थिरकतीं नज़र आयीं।

महिला रेसलर रोबेल रिंग में उतरीं और उन्होंने पंचकूला की महिलाओं को रिंग में उतरने के लिए ललकारा। रोबेल की चुनौती को स्वीकारते हुए राखी सावंत रिंग में पहुंच गईं। उन्होंने पहले रोबेल को रिंग में डांस करने का चैलेंज दिया। रोबेल ने डांस चैलेंज पूरा किया और फिर गाना रुकते ही राखी को कंधे पर उठाकर पटक दिया।

ड्रामा क्वीन रिंग के फर्श पर कुछ देर पड़ी रही, लोगों को लगा की यह भी राखी का एक प्ब्लिकिती स्टंट है इसीलिए किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया, अपितु राखी को नसीहतें भी दे डालीं। रेफरी को जब लगा कि राखी गंभीर रूप से घायल हैं तो उन्होंने आयोजकों को इसकी जानकारी दी। अन्य लोगों की मदद से राखी सावंत को रिंग से बाहर लाया गया और जीरकपुर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि राखी की रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है। डॉक्टरों ने राखी को आराम करने की सलाह दी है।

लोगों को अभी भी राखी की चोट उसका एक पब्लिसिटी स्टंट ही लग रहा है हालांकि इस प्रतियोगिता के आयोजक खाली ने भी राखी के घायल होने ई पुष्टि की है