जालंधर-फिरोजपुर रेलवे लाइन पर लोहियां के पास ब्लास्ट हुआ है। इस हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। रेलवे लाइन के नवीनीकरण का काम चल रहा था इसी दौरान वैल्डिंग करते हुए सिलेंडर ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते इसमें ब्लास्ट हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार धमाका इतना जबरदस्त था कि दोनों मरने वालों को चिथड़े उड़ गए।आजकल पुरानी लाइनों को बदला जा रहा है। इसी तरह से जालंधर से फिरोजपुर की तरफ जाने वाली लाइन पर लोहियां-मखू के बीच काम चल रहा है। वहीं पर आज यह हादसा पेश आया है।
नरेश शर्मा भारद्वाज, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जालंधर – 19 जुलाई :
जालंधर-फिरोजपुर रेलवे लाइन पर लोहियां के पास वैल्डिंग के लिए प्रयोग किए जा रहे सिलेंडर में ब्लास्ट से हादसा हुआ है। इस हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। रेलवे लाइन के नवीनीकरण का काम चल रहा था इसी दौरान वैल्डिंग करते हुए सिलेंडर ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते इसमें ब्लास्ट हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार धमाका इतना जबरदस्त था कि दोनों मरने वालों को चिथड़े उड़ गए।
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि रेल मंडल में आजकल पुरानी लाइनों को बदला जा रहा है। इसी तरह से जालंधर से फिरोजपुर की तरफ जाने वाली लाइन पर लोहियां-मखू के बीच काम चल रहा है। वहीं पर आज यह हादसा पेश आया है।
जालंधर जीआऱपी की प्रभारी बलबीर सिंह घुम्मण ने बताया कि रेलवे लाइनों का काम अपेक्स कंपनी कर रही है। उसके ही दो कर्मचारी रेलवे लाइन के लिए गार्डरों को काट रहे थे। वह साथ में इलेक्ट्रिक कटर का काम भी कर रही थे। इसी दौरान वैल्डिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गैस के बड़े सिलेंडर में धमाका हो गया।
थाना प्रभारी घुम्मण ने बताया कि इसमें अपेक्स कंपनी के दो कर्मचारियों की मौत हुई है। मरने वालों की प्रथम दृष्ट्या पहचान लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले मनोज कुमार और बस्ती (उत्तर प्रदेश) के रहने वाल रामसुख के रूप में हुई है। दोनों निवासी उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। लेकिन हादसे में घायल कोई नहीं हुआ है। मौके पर यह दोनों ही थे। उन्होंने बताया कि दोनों को शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में भिजवा दिया है। पुलिस टीम जांच में जुटी हुई है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/07/2dead.jpg384512Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-07-19 15:31:212022-07-19 15:32:36जालंधर जिले में बलास्ट से दो की मौत
राष्ट्रपति चुनाव एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा भारी माना जा रहा है। उन्हें बीजद, वाईएसआरसीपी, बसपा, अन्नाद्रमुक, तेदेपा, जद (एस), शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और झामुमो जैसे क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिला है। द्रौपदी मुर्मू का वोट शेयर लगभग दो-तिहाई तक पहुंचने की संभावना है।
पियूशा पयोधि, डेमोक्रेटिक फ्रंट :
देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं और सोमवार को संसद भवन व राज्यों की विधानसभाओं में इसके लिए वोट डाले जाएंगे। देशभर के करीब 4,800 विधायक और सांसद राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालेंगे। वोटों के गणित में पक्ष और विपक्ष के बीच बने बड़े फासले को देखते हुए राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का देश की अगली राष्ट्रपति चुना जाना तय है। वह आदिवासी समुदाय की देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली शख्सियत होंगी।
21 जुलाई को परिणाम घोषित होने के बाद 25 जुलाई 2022 को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह होगा। आज होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। संसद भवन के कमरा नम्बर-63 में 6 बूथ बनाए गए हैं। जिसमें एक दिव्यांग वोटर के लिए है। अलग-अलग राज्यों के कुल 9 विधायक संसद भवन में वोट करेंगे। यूपी से 4, त्रिपुरा से 2, असम से 1, ओडिसा से 1, हरियाणा से 1 जबकि 42 सांसद विधानसभाओं में वोट करेंगे।
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं। द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं। मुर्मू अनुसूचित जनजाति से संबंधित दूसरी व्यक्ति हैं, जिन्हें भारत के राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है। उन्होंने इससे पहले 2015 से 2021 तक झारखंड के नौवें राज्यपाल के रूप में कार्य किया है। अगर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव में जीतती हैं तो वे राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/07/download-2.jpg168300Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-07-18 06:56:382022-07-18 16:53:09राष्ट्रपति चुनाव आज
प्राचीन काल में, मानव स्वास्थ्य के अनुकुल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान का चक्र निरन्तर चलता रहा था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, वायु तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता था। भारत वर्ष में प्राचीन काल से कृषि के साथ-साथ गौ पालन किया जाता था, जिसके प्रमाण हमारे ग्रंथो में प्रभु कृष्ण और बलराम हैं जिन्हें हम गोपाल एवं हलधर के नाम से संबोधित करते हैं अर्थात कृषि एवं गोपालन संयुक्त रूप से अत्याधिक लाभदायी था, जो कि प्राणी मात्र व वातावरण के लिए अत्यन्त उपयोगी था। परन्तु बदलते परिवेश में गोपालन धीरे-धीरे कम हो गया तथा कृषि में तरह-तरह की रसायनिक खादों व कीटनाशकों का प्रयोग हो रहा है जिसके फलस्वरूप जैविक और अजैविक पदार्थों के चक्र का संतुलन बिगड़ता जा रहा है, और वातावरण प्रदूषित होकर, मानव जाति के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। अब हम रसायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों के उपयोग के स्थान पर, जैविक खादों एवं दवाईयों का उपयोग कर, अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं जिससे भूमि, जल एवं वातावरण शुद्ध रहेगा और मनुष्य एवं प्रत्येक जीवधारी स्वस्थ रहेंगे।
जसविंदर पाल शर्मा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जिला शिक्षा मीडिया समन्वयक श्री मुक्तसर साहिब पंजाब :
पर्यावरण संतुलन बनाए रखने और भूमि की उर्वरता बढ़ाने के लिए रसायनों के उपयोग को कम करने और उनके स्थान पर जैविक उत्पादों के उपयोग को बढ़ाने के मुख्य उद्देश्य के साथ जैविक खेती स्थायी खेती का एक प्रमुख घटक है। जैविक खेती का मुख्य घटक जैविक खाद, जैविक खाद है, जो रासायनिक उर्वरकों का एक अच्छा विकल्प है।
जैविक उर्वरक कार्बनिक पदार्थों को संदर्भित करते हैं, जो अपघटन पर कार्बनिक पदार्थ का उत्पादन करते हैं। इसमें मुख्य रूप से कृषि अवशेष, जानवरों की रिहाई आदि शामिल हैं। खेती की इस पद्धति में, फसलों के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व कम मात्रा में मौजूद होते हैं और मिट्टी को वे सभी पोषक तत्व मिलते हैं जिनकी फसलों को वृद्धि के लिए आवश्यकता होती है।
साथ ही, जैविक खाद का मिट्टी की संरचना, हवा, तापमान, जल धारण क्षमता, जीवाणुओं की संख्या और उनकी प्रतिक्रियाओं पर और मिट्टी के कटाव को रोकने में अच्छा प्रभाव पड़ता है। इसलिए मिट्टी के कार्बनिक पदार्थ को स्थिर रखने के लिए जैविक खादों का उपयोग बहुत जरूरी है।
हमारे देश में लंबे समय से पारंपरिक खेती में जैविक खाद का उपयोग किया जाता रहा है। इनमें से मुख्य है खाद, जो शहरों में कचरे, अन्य कृषि अवशेषों और गाय के गोबर से तैयार की जाती है। गोबर की खाद में अन्य उर्वरकों की तुलना में अधिक नाइट्रोजन और फास्फोरस होता है। जैविक खाद में लगभग सभी आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। जैविक खाद के प्रकार
हमारे देश में विभिन्न प्रकार के कार्बनिक पदार्थ प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसे निष्पादित करने के लिए बस एक उचित प्रशिक्षण कार्यक्रम की आवश्यकता है। किसान कई प्रकार की जैविक खाद का उपयोग करते हैं, उनमें से कुछ का उल्लेख यहाँ किया जा रहा है:
गोबर की खाद- भारत में हर किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करता है। यदि किसान अपने उपलब्ध कृषि अवशेषों और गोबर का उपयोग खाद बनाने के लिए करता है, तो वह स्वयं उच्च गुणवत्ता वाली खाद तैयार कर सकता है।
वर्मी कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) – इस विधि में केंचुए गोबर और अन्य अवशेषों को कम समय में सर्वोत्तम गुणवत्ता के जैविक खाद में परिवर्तित करते हैं। इस प्रकार की जैविक खाद से जल धारण क्षमता में वृद्धि होती है। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, दीमक के संक्रमण को कम करने और पौधों को संतुलित मात्रा में आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने के लिए अच्छा है।
हरी खाद –
जैविक खेती के लिए ढैचा, अलसी, ग्वारपाठा, ग्वार आदि दलहन फसलों को शुरुआती बरसात के मौसम में और कच्ची अवस्था में 50 से 60 दिनों के बाद खेत में जोतकर मिलाएं। इस तरह हरी खाद मिट्टी में सुधार, मिट्टी के कटाव को कम करने, नाइट्रोजन स्थिरीकरण, मिट्टी की संरचना और जल धारण क्षमता में मदद करेगी। गोबर/बायो-गैस स्लरी खाद- जैविक खेती में गोबर गैस प्लांट से निकाले गए घोल को तरल गोबर खाद के रूप में सीधे खेत में दिया जा सकता है। इससे फसलों को शीघ्र लाभ होता है। पतले घोल में अमोनोमिक नाइट्रोजन के रूप में 2 प्रतिशत नाइट्रोजन होता है। इसलिए यदि इसे सिंचाई के पानी के साथ नालों में दिया जाए तो इसका तत्काल प्रभाव फसल पर साफ देखा जा सकता है।
जैव उर्वरक-
एक वाहक में सूक्ष्म जीवों की जीवित कोशिकाओं को मिलाकर जैव-उर्वरक तैयार किए जाते हैं। राइजोबियम कल्चर इसमें सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला जैव-उर्वरक है। इसके जीवाणु फलियों की जड़ों में गांठ बनाकर वातावरणीय नाइट्रोजन को स्थिर करके फसल को प्रदान करने के लिए मिट्टी में रहते हैं। एजोटोबैक्टर खाद्य फसलों में नाइट्रोजन का निर्धारण करता है। इसके प्रयोग से जमीन में अघुलनशील सल्फर घुलनशील सल्फर में परिवर्तित हो जाता है और पैदावार 15 से 25 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। जैविक खाद के प्रयोग से होने वाले लाभ
इसलिए, किसानों को संसाधनों के उत्पादन, उनके उचित उपयोग और जैविक खेती प्रबंधन तकनीकों के बारे में प्रशिक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है। कुछ अन्य कारण हैं:
कृषि उत्पादन में स्थिरता लाना।
मिट्टी की जैविक गुणवत्ता को बनाए रखा जा सकता है।
प्राकृतिक संसाधनों को बचाएं।पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए।
मानव स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकती है।
उत्पादन लागत को कम किया जा सकता है।
निष्कर्ष
फसलों के उत्पादन में निरंतर वृद्धि और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना विभिन्न मानवीय जरूरतों की पूर्ति और भविष्य के लिए प्राकृतिक संसाधनों का सफल उपयोग टिकाऊ खेती कहलाती है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/07/jaivik.jpg194260Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-07-15 14:31:242022-07-15 14:32:12जैविक खेती
राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना ने एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का ऐलान किया है। पार्टी के सीनियर नेता संजय राउत ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसका मतलब भाजपा का समर्थन करना नहीं है। उद्धव की बैठक में शामिल हुए शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने कहा था , “वह एनडीए उम्मीदवार हैं लेकिन द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं और एक महिला हैं। हमें उन्हें अपना समर्थन देना चाहिए- यह सभी सांसदों की मांग है। उद्धव जी ने हमसे कहा है कि वह एक या दो दिन में अपना फैसला बताएंगे।’ गजानन कीर्तिकर ने आगे कहा, ‘हमने यूपीए उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल को भी समर्थन दिया था क्योंकि वह मराठी महिला हैं। हमने प्रणब मुखर्जी को भी समर्थन दिया था। उद्धव जी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान करेंगे क्योंकि वह आदिवासी महिला हैं। हमें राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजनीति से परे देखना चाहिए।” अब संजय राउत के बयान से साफ है कि पार्टी बचाने के लिए शिवसेना को अपने रुख में तब्दीली लानी पड़ी है। गौरतलब है कि पार्टी के 55 में से 40 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ चले गए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में सांसदों के भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में होने की बात कही जा रही है।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी। ठाकरे ने पार्टी के सांसदों, विधायकों और आदिवासियों सहित अन्य नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद इस बात की औपचारिक घोषणा की। ठाकरे ने कहा, “सांसदों की ओर से बिल्कुल कोई दबाव नहीं है, जैसा कि कई खबरों में दावा किया गया है। हालांकि, शिवसेना के कई नेताओं और आदिवासी समुदायों के पदाधिकारियों ने हमसे अनुरोध किया है। हमने राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का निर्णय लिया है।”
ठाकरे ने कहा, “मेरी पार्टी के आदिवासी नेताओं ने मुझसे कहा कि यह पहली बार है कि किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का मौका मिल रहा है।” ठाकरे ने कहा, “दरअसल, वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए, मुझे उनका समर्थन नहीं करना चाहिए था, लेकिन हम संकीर्ण मानसिकता वाले नहीं हैं।”
मीडिया से बातचीत में संजय राउत ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू का समर्थन शिवसेना इसलिए कर रही है क्योंकि जनभावना उनके साथ है। इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को लेकर कहा कि हमारी सद्भावना उनके साथ है। बता दें कि विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर जब मीटिंग हुई थी, तब उसमें शिवसेना ने भी हिस्सा लिया था। लेकिन अब उसका रुख विपक्षी एकता को भी एक झटके जैसा है। संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने कल हुई सांसदों की मीटिंग में कहा कि देश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अलग-अलग मत हैं, लेकिन द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी कैंडिडेट हैं।
संजय राउत ने कहा कि यह देखना अहम है कि जनभावना क्या है। यह पहला मौका नहीं है, जब शिवसेना ने अपने गठबंधन से इतर उम्मीदवार का समर्थन किया है। इससे पहले 2007 में भी उसने एनडीए में रहते हुए यूपीए की कैंडिडेट प्रतिभा पाटिल को समर्थन दिया था। तब उसने मराठी नेता के नाम पर प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था। इसके बाद 2012 में उसने प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। अब वह महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन में है तो उसने एनडीए कैंडिडेट के समर्थन का ऐलान किया है।
बता दें कि उद्धव ठाकरे ने कल सांसदों की मीटिंग बुलाई थी। इसमें 19 लोकसभा सांसदों में से 12 ही पहुंचे थे और 7 गायब थे। यही नहीं मीटिंग में शामिल सांसदों ने भी ठाकरे पर दबाव बनाया था कि पार्टी को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए। इस पर उद्धव ठाकरे ने विचार करने की बात कही थी। अब संजय राउत के बयान से साफ है कि पार्टी बचाने के लिए शिवसेना को अपने रुख में तब्दीली लानी पड़ी है। गौरतलब है कि पार्टी के 55 में से 40 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ चले गए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में सांसदों के भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में होने की बात कही जा रही है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/07/murmu-1.jpg9001200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-07-12 14:07:312022-07-12 14:08:40शिवसेना प्रमुख राष्ट्रपति चुनाव में NDA कैंडिडेट का समर्थन करेंगे; राउत बोले- मुर्मू को सपोर्ट, भाजपा को नहीं
सिख संगठनों के विरोध के बाद पंजाब सरकार ने सरकारी बसों से संत जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीरों हटाने का आदेश वापस ले लिया है पंजाब रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन और पेप्सू की कुछ बसों पर लगी जरनैल सिंह भिंडरांवाला व अन्य समर्थकों की तस्वीरों को अब नहीं हटाया जाएगा। बीते दिनों सिख संगठनों शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और पंजाब रोडवेज की विभिन्न यूनियनों ने सरकार के इस फैसले पर ऐतराज जता दिया था, जिसके बाद ने तस्वीरों को हटाने के आदेश वापस ले लिए हैं।
नरेश शर्मा भारद्वाज, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जालंधर/चंडीगढ़ :
आम आदमी पार्टी(आआपा) की पंजाब सरकार ने सरकारी बसों पर लगी जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर हटाने के मामले में अब यू-टर्न ले लिया है। दरअसल, सरकार ने सरकारी बसों में भिंडरावाले की तस्वीर लगाने का आदेश दे दिया है। इसके लिए बाकायदा बस स्टैंड के सभी जनरल मैनेजरों को पत्र भी जारी कर दिया है।
पंजाब की सरकारी बसों पर लगी जरनैल सिंह भिंडरावाले और जगतार सिंह हवारा की तस्वीरों को अब नहीं हटाया जाएगा। भगवंत मान सरकार ने इन दोनों की तस्वीरों को बसों से हटाने के लिए आदेश जारी किया था। सिख संगत की तरफ से इसका विरोध किया जा रहा है। उन्होंने विरोध प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद अब सरकार ने 1 जुलाई को जारी किया गया अपना आदेश वापिस ले लिया है। उधर, भाजपा ने सरकार के आदेश वापस लेने की कड़ी निंदा की है और आरोप लगाया है कि भगवंत मान सरकार ने खालिस्तानी समर्थकों के आगे घुटने टेक दिए हैं।
सिख समूहों ने पिछले सप्ताह के सरकारी आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। मंगलवार तक आदेश वापस नहीं लेने पर आंदोलन तेज करने की धमकी दी थी। . बीते सोमवार को बठिंडा अंचल के पीआरटीसी महाप्रबंधक ने एक लिखित आदेश में कहा था कि परिवहन निगम ने अपना 1 जुलाई का आदेश वापस ले लिया है और विरोध करने वाले दलों को इसकी जानकारी दी है। दल खालसा के प्रवक्ता परमजीत सिंह मंड ने दावा किया है कि उन्हें भटिंडा से पीआरटीसी की ओर से एक पत्र मिला है, जिसमें कहा गया है कि आदेश को वापस ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि पत्र में स्वीकार किया गया है कि भिंडरावाले और हवारा की तस्वीरें हटाने के आदेश से कुछ सिख संगठनों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब पंजाब के विभिन्न हिस्सों में दीवारों पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे नजर आ रहे हैं। पुलिस कई मामलों में कार्रवाई कर रही है। 1 जुलाई को सरकार के आदेशों के बाद पुलिस ने बसों पर लगी जरनैल सिंह भिंडरावाले और जगतार सिंह हवारा की तस्वीरें हटानी शुरू कर दी थीं। इसका एसजीपीसी के सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने ट्वीट करके कड़ा विरोध किया था। उसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया।
भगवंत मान सरकार के सरकारी बसों पर से भिंडरावाले और हवारा की तस्वीर हटाने का फैसला वापस लेने पर भाजपा ने विरोध जताया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुभाष शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार खलिस्तानियों और आतंकियों के आगे झुक गई है। यह पंजाब के भाईचारे के लिए एक बड़ा खतरा है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/07/2022_7image_21_10_3425857341.jpg522696Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-07-12 13:38:552022-07-12 13:39:34नही हटेगी सरकारी बसों से संत भिंडरावाले की तस्वीरे, पंजाब सरकार ने आदेश लिए वापिस
चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 11 जुलाई :
महर्षि दयानंद पब्लिक स्कूल दरिया, चण्डीगढ़ में विश्व जनसंख्या दिवस पर पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्यार्थियों ने विश्व जनसंख्या दिवस पर अर्थपूर्ण पोस्टर बनाये। उन्होंने बढ़ती जनसंख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जनसंख्या में बढ़ोतरी होने के कारण समस्याएं अधिक बड़ी है और प्रकृति के साथ अंधाधुंध खिलवाड़ हो रहा है। विद्यार्थियों ने पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि जनसंख्या के बढ़ने से पर्यावरण में असंतुलन पैदा हुआ है। वातावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए छोटा परिवार का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या बढ़ने से धरती पर खतरा मंडरा रहा है यह मानव, पशुओं और पक्षियों के लिए भी घातक है। उन्होंने बताया कि जनसंख्या बढ़ने से लगातार पेड़ों की कटाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि जनसंख्या कम होती है तो पर्यावरण भी साफ सुथरा रह सकता है। इसलिए सुरक्षित और शुद्ध पर्यावरण के लिए जनसंख्या पर नियंत्रण अति आवश्यक है। पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए अधिक पेड़ पौधे लगाए जाने चाहिए।जूनियर वर्ग में लवप्रीत को प्रथम,लक्ष्मी को द्वितीय, हेमंत को तृतीय और अनीशा व ख़ुशी को सांत्वना पुरस्कार से प्रदान किया गया जबकि सीनियर केटेगरी में साक्षी, नर्मता और अंकिता को क्रमशः पहला, दूसरा, तीसरा और ख़ुशी व मानसी को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि के कारण मनुष्य अपने स्वार्थ के वशीभूत होकर पेड़ काटता है। इससे वह स्वयं और दूसरों के जीवन को खतरे में डाल रहा है। असंतुलित पर्यावरण को संतुलित बनाने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाए जाने अति आवश्यक हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/07/IMG-20220711-WA0029.jpg7681024Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-07-11 14:46:402022-07-11 14:47:33विश्व जनसंख्या दिवस पर पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया पर राज करने की हमारी कभी मंशा नहीं रही। परन्तु कोई और देश आकर भारत पर राज करने की न सोचने लगे इसके लिए हमें अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता को विकसित करना ही होगा।
आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के लिए खतरा अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा- राजनाथ सिंह
संप्रभुता को खतरे में डालने के किसी भी प्रयास का त्वरित और मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा-राजनाथ सिंह
नई दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, नई दिल्ली :
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रणाली पर ‘बेहद सावधानी’ के साथ काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश को इस तकनीक से होने वाली कानूनी, नीतिसंबंधी, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
राजनाथ सिंह, दिल्ली में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन डिफेंस’ पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तंत्र पर “बेहद सावधानी से” काम करने की जरूरत है और उसे कानूनी, नैतिक, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। ”हमें मानवता की प्रगति और शांति के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई देश या देशों का समूह इस तकनीक पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर ले और बाकी देश इस तकनीक का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया पर राज करने की हमारी कभी मंशा नहीं रही। परन्तु कोई और देश आकर भारत पर राज करने की न सोचने लगे इसके लिए हमें अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता को विकसित करना ही होगा। उन्होंने कहा कि एआई की नैतिकता और खतरों पर ठीक से विचार किया जाना चाहिए। “हम कृत्रिम बुद्धि की प्रगति को रोक नहीं सकते हैं और हमें इसकी प्रगति को रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। लेकिन हमें इससे सावधान रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जब कोई नई तकनीक बहुत बड़ा बदलाव लाती है तो उसका संक्रमण काल भी उतना ही बड़ा और गंभीर होता है। सिंह ने कहा, “चूंकि एआई एक ऐसी तकनीक है जो बड़े पैमाने पर बदलाव ला सकती है, हमें कानूनी, नैतिक, राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें एआई पर बेहद सावधानी से काम करने की जरूरत है ताकि आने वाले समय में यह (तकनीक) हमारे नियंत्रण से बाहर न हो जाए।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/07/DMinRS.jpg7051200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-07-11 10:35:142022-07-11 10:35:44AI तकनीक पर किसी एक देश का नहीं होना चाहिए दबदबा : राजनाथ सिंह
श्री अमरनाथ जी की यात्रा शुरू होते ही जहां भक्तों का ताता लगा है अपने आराध्य भगवान शिव के दर्शन करने के लिए, वही शिव भक्तों की टोली भी पहुंच गई हैं बाबा के दरबार में अपनी सेवा देने के लिए। अपने आराध्य भगवान शिव के लाडलो की सेवा करने के उद्देश्य से सोनू सेठी ढाबा के मालिक सोनू सेठी , एवम आई एन चैनल एंड मीडिया एसोसिएशन के मालिक अर्जुन सिंह ने एंबुलेंस की सेवा शुरू की है। अर्जुन सिंह ने बताया कि यह एंबुलेंस आधुनिक सुविधाओं से पूर्ण रूप से लैस है। श्रद्धालुओं को आवश्यकता पड़ने पर , इस एंबुलेंस के माध्यम से अमरनाथ में आए श्रद्धालुओं की निशुल्क सेवा की जाएगी। सोनू सेठी ने बताया कि यह सेवा तब तक जारी रहेगी जब तक भगवान शिव मुझे सेवा का मौका प्रदान करते रहेंगे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/07/IMG-20220711-WA0161.jpg9611280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-07-11 10:02:212022-07-11 10:03:07श्री अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के लिए शुरू की, फ्री एंबुलेंस सेवा
मौसम विज्ञानियों के अनुसारजब बादल भारी मात्रा में आद्र्रता यानी पानी लेकर चलते हैं और उनकी राह में कोई बाधा आ जाती है तब वे अचानक फट पड़ते हैं। यानी संघनन बहुत तेजी से होता है। इस स्थिति में एक सीमित क्षेत्र में कई लाख लीटर पानी एक साथ पृथ्वी पर गिरता है। अगर किसी पहाड़ी स्थान पर एक घंटे में 10 सेंटीमीटर से अधिक बारिश होती है को इसे बादल फटना कहते हैं। भारी मात्रा में पानी का गिराव न केवल संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाता है बल्कि इंसानों की जान पर भी भारी पड़ता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के निदेशक मृत्युंजय महापात्रा कहते हैं कि बादल फटना एक बहुत छोटे स्तर की घटना है और यह अधिकतर हिमालय के पहाड़ी इलाकों या पश्चिमी घाटों में होती है। महापात्रा के अनुसार जब मानसून की गर्म हवाएं ठंडी हवाओं से मिलती हैं तो इससे बड़े बादल बनते हैं। ऐसा स्थलाकृति (टोपोग्राफी) या भौगोलिक कारकों के कारण भी होता है।
अमरनाथ गुफा के करीब बादल फटा, कई लोग हुए घायल
इस घटना में कम से कम 10 लोगों की मौत की खबर
अमरनाथ गुफा के करीब हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद
श्रीनगर(ब्यूरो),डेमोक्रेटिक फ्रंट :
जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया है। इस घटना में 5 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पत्रकारों को यह जानकारी दी है। मृतकों में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं, जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं। इस हादसे के बाद अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया है।
यहां बादल फटने से पानी के तेज बहाव में तीन लंगर समेत कई टेंट बह गए हैं। घटना के बाद अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है और राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजीपी के अनुसार, पवित्र गुफा के पास बादल फटने से पानी के तेज बहाव में कुछ लंगर और टेंट बह गए। घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है और फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं।
अमरनाथ गुफा के निचले इलाकों में बचाव अभियान जारी है। घायलों को बचाने के लिए हेलिकॉप्टर रवाना किया गया है। लापता लोगों की तलाश में बचाव दल जुटे हुए हैं। पीटीआई के मुताबिक, बादल फटने के कारण अब तक पांच लोगों की मौत हुई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना पर ट्वीट किया, “बाबा अमरनाथ की गुफा के पास बादल फटने से आयी फ्लैश फ्लड के संबंध में मैंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात कर स्थिति की जानकारी ली है। एनडीआरएफ, सीआरपीएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में लगे हैं। लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। सभी श्रद्धालुओं की कुशलता की कामना करता हूं।”
इस बीच, मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, पहलगाम, चंदनवाड़ी, जोजी ला, शेषनाग, पोशपत्री, पंचतरनी और संगम जैसे क्षेत्रों में आज बारिश होने की संभावना है। अमरनाथ यात्रा मंगलवार को भी खराब मौसम के कारण अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई थी। कड़ी सुरक्षा के बीच, वार्षिक 43-दिवसीय अमरनाथ यात्रा 30 जून को शुरू हुई थी।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/07/new-project-29_1627542524.jpg548730Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-07-08 15:19:162022-07-08 15:20:09अमरनाथ गुफा के करीब बादल फटा, कम से कम 10 लोगों की मौत, राहत और बचाव में जुटी NDRF की टीम, फिलहाल यात्रा रोकी गई
भाजपा की ओर से समर्थित राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इसके बाद से उनको समर्थन का बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से बड़ा ऐलान किया है। मायावती ने इस समर्थन का ऐलान करते हुए कहा कि आदिवासी समाज बसपा के मूवमेंट का खास हिस्सा है। द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला इस कारण लिया गया है। उन्होंने साफ किया कि उनकी पार्टी ने यह फैसला भाजपा या एनडीए के पक्ष में नहीं लिया गया है। साथ ही, उन्होंने विपक्षी पार्टियों के विरोध में द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिए संबंधी फैसला न लिए जाने की बात कही है। मायावती ने इस फैसले से एक तीर से दो शिकार किया है। एक तो उन्होंने आदिवासी चेहरे को समर्थन देकर इस समाज के बीच अपनी पहुंच को बढ़ाने की कोशिश की है। साथ ही, एक पार्टी की महिला अध्यक्ष के एक महिला को समर्थन देकर आधी आबादी को भी संदेश देने की कोशिश करती वे दिखती हैं। मायावती की घोषणा से उनकी पार्टी के 10 सांसद और एक विधायक का वोट राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को मिल जाएगा। यह एनडीए उम्मीदवार के जीत के अंतर को बड़ा करेगा।
नई दिल्ली(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली:
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है। द्रौपदी मुर्मू को लेकर सीएम बनर्जी के रुख में शुक्रवार को बड़ा परिवर्तन देखने को मिला। उन्होंने उनके खिलाफ की गई अपनी सभी बयानबाजी को ठुकरा दिया और कहा कि एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के चुनाव में जीतने की संभावना अधिक है।
सीएम बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी द्रौपदी मुर्मू को चुनाव में उतारने से पहले विपक्ष के साथ चर्चा करती तो सभी विपक्षी दल उनका समर्थन करने पर विचार कर सकते थे। उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू के जीतने की बेहतर संभावना है। ममता बनर्जी ने कोलकाता के इस्कॉन में रथ यात्रा के उद्घाटन के दौरान य बातें कहीं।
आपको बता दें कि एनडीए की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं और विपक्ष की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा उम्मीदवार हैं। वहीं विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए यशवंत सिन्हा का नाम ममता बनर्जी ने ही किया आगे किया था।
बसपा सुप्रीमो के फैसले के काफी गंभीर अर्थ निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मायावती एक बड़े वर्ग के बीच खुद को दलित और आदिवासी समाज के हितैषी के रूप में अपनी छवि बनाए रखना चाहती हैं। बसपा यूपी के साथ-साथ उत्तराखंड, झारखंड और अन्य राज्यों में भी किस्मत आजमाती रही है। इन इलाकों में पार्टी अपनी अलग छवि के साथ वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरने की रणनीति बना रही है। द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान करते हुए मायावती ने कहा भी कि हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है। हालांकि, मायावती के खिलाफ यूपी चुनाव 2022 के बाद अखिलेश यादव ने भाजपा को समर्थन देने का आरोप लगाया था। अब राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने के बाद सपा इस मामले को अधिक गंभीरता से उठा सकती है।
वर्ष 2017 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एनडीए की ओर से रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाया गया था। उस समय भी मायावती ने उन्हें समर्थन दे दिया था। बहुजन समाज की राजनीति करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने समर्थन की घोषणा कर खुद को इस वर्ग से जोड़े रखने की कोशिश करती दिखी थीं। मायावती ने तब कहा भी था कि वे भारतीय जनता पार्टी की नीतियों का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन दलित समाज के उम्मीदवार को समर्थन देंगे। सपा और बसपा के समर्थन की घोषणा के बाद भाजपा उम्मीदवार के आराम से जीतने की संभावना प्रबल हो गई थी। पिछले चुनाव के समय मायावती के सामने प्रदेश के एक दलित चेहरे के समर्थन या विरोध की चुनौती थी, उस समय उन्होंने इसे समर्थन देकर अपने आधार को बचाने का प्रयास किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एनडीए की और से राष्ट्रपति के लिए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया, शरद पवार , पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं से चुनाव में समर्थन मांगा है। उन्होंने इसके लिए कई नेताओं से व्यक्तिगत रूप कॉल करके बात भी की है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2022/07/Mamata-Banerjee-and-Draupadi-Murmu.jpg6671200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2022-07-01 16:49:012022-07-01 16:52:46द्रौपदी मुर्मू के लिए ममता बनर्जी के सुर बदले मायावत उलझी
We may request cookies to be set on your device. We use cookies to let us know when you visit our websites, how you interact with us, to enrich your user experience, and to customize your relationship with our website.
Click on the different category headings to find out more. You can also change some of your preferences. Note that blocking some types of cookies may impact your experience on our websites and the services we are able to offer.
Essential Website Cookies
These cookies are strictly necessary to provide you with services available through our website and to use some of its features.
Because these cookies are strictly necessary to deliver the website, you cannot refuse them without impacting how our site functions. You can block or delete them by changing your browser settings and force blocking all cookies on this website.
Google Analytics Cookies
These cookies collect information that is used either in aggregate form to help us understand how our website is being used or how effective our marketing campaigns are, or to help us customize our website and application for you in order to enhance your experience.
If you do not want that we track your visist to our site you can disable tracking in your browser here:
Other external services
We also use different external services like Google Webfonts, Google Maps and external Video providers. Since these providers may collect personal data like your IP address we allow you to block them here. Please be aware that this might heavily reduce the functionality and appearance of our site. Changes will take effect once you reload the page.
Google Webfont Settings:
Google Map Settings:
Vimeo and Youtube video embeds:
Google ReCaptcha cookies:
Privacy Policy
You can read about our cookies and privacy settings in detail on our Privacy Policy Page.