पित्रपक्ष 2019

नई दिल्लीः भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन कृष्णपक्ष अमावस्या तक के सोलह दिनों को पितृपक्ष कहते हैं. इस दौरान जिस तिथि में पूर्वजों या परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होती है, उसी तिथि को पितृपक्ष में उनका श्राद्ध किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में अपने पितरों का जो भी व्यक्ति अपनी शक्ति सामर्थ्य के अनुरूप शास्त्र विधि से श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करता है, उसे सभी दोषों से मुक्ति मिलती है और घर-परिवार, व्यवसाय और आजीविका में हमेशा उन्नति होती है. पितृ दोष के अनेक कारण होते हैं, जिसमें परिवार में किसी की अकाल मृत्यु होने से, मरने के बाद माता-पिता का उचित ढंग से क्रियाकर्म और श्राद्ध नहीं करने से और उनका वार्षिक श्राद्ध न करने से पितरों को दोष लगता है.

अगर परिवार के किसी सदस्य की अकाल मृत्यु हुई हो तो पितृ दोष के निवारण के लिए शास्त्रीय विधि के अनुसार उसकी आत्म शांति के लिए किसी पवित्र तीर्थ स्थान पर श्राद्ध करवाना चाहिए. प्रतिवर्ष पितृपक्ष में अपने पूर्वजों का श्राद्ध, तर्पण जरूर करना चाहिए. भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध से श्राद्ध पक्ष शुरू होता है, प्रथम दिन के श्राद्ध को प्रतिपदा श्राद्ध कहा जाता है. प्रतिपदा श्राद्ध में जिस भी व्यक्ति की मृत्यु प्रतिपदा तिथि (शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष) के दिन होती हैं उनका श्राद्ध इसी दिन किया जाता है.

तर्पण के लिए सामग्री
श्राद्ध में तर्पण करने के लिए तिल, जल, चावल, कुशा, गंगाजल आदि का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. वहीं केला, सफेद पुष्प, उड़द, गाय के दूध,  घी, खीर, स्वांक के चावल, जौ, मूंग, गन्ना से किए गए श्राद्ध से पितर प्रसन्न होते हैं. श्राद्ध के दौरान तुलसी, आम और पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और सूर्यदेवता को सूर्योदय के समय अर्ध्य देना न भूलें.

पाकिस्तान के पूर्व विधायक ने भारत से मांगी ‘राजनैतिक शरण’

एक तथ्य जो अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर बार-बार उजागर होता है कि पाकिस्तान बार-बार अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और गारंटी देने में विफल रहा है।पाकिस्तान से भागे भारत से राजनैतिक शरण मांगने वाले कुमार ने प्रधान मंत्री मोदी से अपील कि है कि वह पाकिस्तान के हिन्दू एवं सिक्ख समुदाय के लोगों को भारत में पुनर्वासित होने का मोका दें।

नयी दिल्ली:

पाकिस्तान के एक पूर्व विधायक ने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का हवाला देते हुए भारत में राजनीतिक शरण मांगी है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सदस्य – बलदेव कुमार, देश के वर्तमान प्रधान मंत्री इमरान खान द्वारा स्थापित, एक हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था, लेकिन बाद में बरी हो गया।

कुमार अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से भाग गए और भारत पहुंच गए। वह अब नई दिल्ली से राजनीतिक शरण मांग रहे हैं।

खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा में बारिकोट (आरक्षित) सीट से प्रांतीय विधानसभा के एक पूर्व सदस्य, 43 वर्षीय का कहना है कि उन पर मुख्यमंत्री के तत्कालीन विशेष सलाहकार सोरन सिंह की हत्या का झूठा आरोप लगाया गया था। सबूतों की कमी के कारण 2018 में उन्हें अंततः बरी कर दिया गया।

“अल्पसंख्यकों पर पाकिस्तान में मुकदमा चल रहा है। हिंदू और सिख नेताओं की हत्याओं को अंजाम दिया जा रहा है, “कुमार ने पत्रकारों को बताया, यह कहते हुए कि वह पाकिस्तान नहीं लौटना चाहते हैं।

पाकिस्तान में सिख लड़की का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था, और इस्लाम में धर्म परिवर्तन करने और लाहौर के ननकाना साहिब इलाके में एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी करने के बाद विकास आया है। दुनिया भर में इस घटना को लेकर भारी हंगामा हुआ। लड़की को उसके परिवार के साथ एकजुट होना बाकी है।

पाकिस्तान बार-बार देश में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और गारंटी देने में विफल रहा है, एक तथ्य जो अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर बार-बार उजागर होता है। अल्पसंख्यक महिलाओं और लड़कियों को अक्सर जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया जाता है जबकि पुरुषों को नियमित रूप से मार दिया जाता है।

अगस्त में, एक पाकिस्तानी एनजीओ ने आरोप लगाया कि लोगों पर उनके धार्मिक जुड़ाव के आधार पर मुकदमा भी चलाया जाता है और अल्पसंख्यकों के प्रति उसके व्यवहार में पूर्वाग्रह होता है।

अमेरिका के न्यूयॉर्क में सुरक्षा अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक में बोलते हुए, ह्यूमन राइट्स फ़ोकस पाकिस्तान के राष्ट्रपति नावेद वाल्टर ने कहा था, “आज, बड़ी संख्या में लोग अपने स्वयं के समाजों में हाशिए पर हैं। अन्य क्षेत्रों में भी पक्षपाती रहते हैं। वाल्क ने कहा कि पाक में जैसे धार्मिक संबद्धता के आधार पर अल्पसंख्यक हैं, वैसे ही अहमदी की भी स्थिति है, सार्वजनिक क्षेत्र में धर्म की भूमिका में प्रतिबंधित धार्मिक अभिव्यक्ति के बहाने राष्ट्रीय सुरक्षा का उपयोग करने वाले देशों में से कोई नहीं।

ईरान ने पाक दूतावास को भारत विरोधी कार्यों के लिए चेताया

नई दिल्ली/तेहरान:

पाकिस्तान द्वारा अपने दूतावास को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने पर ईरान ने कड़ा रुख अपनाया है. इरानी अधिकारियों ने 15 अगस्त को उत्तर पूर्व शहर मशहद स्थित पाकिस्तानी दूतावास की दीवारों पर लगे भारत विरोधी पोस्टर हटा दिए हैं.

15 अगस्त को तथाकथित ‘कश्मीर सोलिडेरिटी डे’ यह पोस्टर कंस्युलेट की दीवारों पर लगाए गए थे लेकिन आधी रात को स्थानीय पुलिस द्वारा यह पोस्टर हटा दिए गए. 

ईरान ने कहा यह  ‘अनुशासनहीन रणनीति’
ईरान ने इन तरीकों को ‘अनुशासनहीन रणनीति’ करार दिया है. तेहरान ने इस्लामाबाद को साफ शब्दों में कह दिया है कि किसी तीसरे देश के खिलाफ इस तरह के पोस्टर लगाना राजनयिक मानदंडों के खिलाफ हैं. पाकिस्तान एक मौखिक नोट के जरिए जब इस मुद्दे को उठाया तो तेहरान ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. 

तेहरान में अधिकारियों ने पाकिस्तानी राजनयिकों से सवाल किया, ‘अगर इस्लामाबाद में इरानी मिशन की दीवारों पर सउदी अरब के खिलाफ पोस्टर लगाए जाएं तो क्या पाकिस्तान इसकी इजाजत देगा. ‘

‘भारत कोई दुश्मन देश नहीं’ 
हालांकि पाकिस्तान अपनी दलील पर अड़ा रहा और उसने दावा कि उसके मिशन को यह अधिकार है कि वह कोई संदेश प्रदर्शित करने का अधिकार है.  ईरान ने कहा कि पाकिस्तान से उसके दोस्ताना संबंध रहे हैं लेकिन भारत भी कोई दुश्मन देश नही हैं. 

इस बीच भारत ने यह मुद्दा उठाया है और दिल्ली में ईरान के राजदूत को एक विरोध नोट सौंपा है. इस घटना से पहले भी इरान में पाकिस्तानी मिशन द्वारा बिना किसी अनुमित के भारत विरोधी दो प्रदर्शन आयोजित किए थे. 

बता दें पाकिस्तानी दूतावास और विदेशों में रह रहे पाकिस्तानी लगातार भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. पिछले हफ्ते पाकिस्ती नागरिकों ने और खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन किया था. लंदन में पाकिस्तानियों द्वारा किया गया यह दूसरा बड़ा प्रदर्शन था.

इसके अलावा वाशिंगटन, दक्षिण कोरिया, जर्मनी में भी भारतीय दूतावास के सामने पाकिस्तानियों द्वारा प्रदर्शन किए गए हैं. इसके अलावा वाशिंगटन, दक्षिण कोरिया, जर्मनी में भी भारतीय दूतावास के सामने पाकिस्तानियों द्वारा प्रदर्शन किए गए हैं.

चंद्रयान-2 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग को लेकर असमंजस बरकरार

चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग को लेकर असमंजस बरकरार है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) के प्रमुख के सिवन (K Sivan) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चंद्रयान -2 से चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर संपर्क टूट गया. इसरो (ISRO) में मौजूद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि देखिए जीवन में उतर चढ़ाव आते रहते हैं. ये कोई छोटा अचीवमेंट नहीं है, देश आप पर गर्व करता है. फिर से कम्युनिकेशन शुरू हुआ तो अब भी उम्मीद बची है

मिशन नाकाम नहीं हुआ है बल्कि हमे आंशिक सफलता मिली है, हम बहुत करीब पहुंचे। ऑर्बिटर लैंडर की तस्वीरें भेजेगा। ऑर्बिटर अभी भी ट्रैक पर है और डेटा भेज रहा है। हिन्दुस्तान से बातचीत में इसरो के वरीय वैज्ञानिक और चंद्रयान 2 मिशन के प्रोजेक्ट डाइरेक्टर अमिताभ ने यह जानकारी दी। इसके अलावा लैंडर के क्रेश होने के सवाल पर इसरो के वैज्ञानिक देवी प्रसाद कार्णिक ने जवाब दिया कि डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है। हमारे पास अभी तक कोई परिणाम नहीं है। इसमें समय लगता है। अभी कुछ भी कहना सही नहीं है। 

चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था।लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया। ‘विक्रम ने ‘रफ ब्रेकिंग और ‘फाइन ब्रेकिंग चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया। इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं। इसरो अध्यक्ष के. सिवन इस दौरान कुछ वैज्ञानिकों से गहन चर्चा करते दिखे। उन्होंने घोषणा की कि ‘विक्रम लैंडर को चांद की सतह की तरफ लाने की प्रक्रिया योजना के अनुरूप और सामान्य देखी गई, लेकिन जब यह 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था तो तभी इसका जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। डेटा का अध्ययन किया जा रहा है।

Fresh Batch for UGC(NET)

      The Centre for IAS and other Competitive Examinations, Panjab University, Chandigarh is going to start a fresh batch of coaching classes for UGC(NET) paper-1 from 12th September 2019. The last date for receipt of applications is 11th September 2019.The registration form is available from the centre and also available on website// iasc.puchd.ac.in

Gate No. 1 of PU will remain closed on 6.9.2019

Korel, Chandigarh September 5, 2019

      It is informed that Gate No. (PGI side) of Panjab University will remain closed
from 12.00 noon to 4.30 pm on 6.9.2019.

A.C.Joshi Library will remain closed on 6.9.2019

Korel, Chandigarh September 5, 2019

      The A.C.Joshi Library of Panjab University, Chandigarh will remain closed from 6.00 am to 11.00 pm on 6.9.2019 due to counting Process / declaration of results etc of PUCSC elections.

उच्च न्यायालय ने 13 दिनों तक डीके शिवकुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई टाली

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी डीके शिवकुमार की जमानत पर अब 13 दिन बाद ही सुनवाई हो सकती है. बुधवार को सुनवाई के दौरान ही शिवकुमार के वकीलों ने जमानत की याचिका भी लगाई. हालांकि कोर्ट ने इस पर सुनवाई नहीं की.

  1. समर्थकों ने की ED गाड़ी रोकने की कोशिश
  2. गाड़ी में मौजूद थे कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार
  3. 13 सितंबर तक ED की हिरासत में रहेंगे

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज करते हुए उन्हें 13 सितंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया है. वहीं डीके शिवकुमार को ले जाते वक्त उनके समर्थकों ने ईडी की गाड़ी को रोकने की कोशिश की. उस गाड़ी में डीके शिवकुमार भी थे.

समर्थकों की इस हरकत की वजह से गाड़ी को आगे ले जाने में लगातार दिक्कत हो रही थी. समर्थकों की भीड़ के आगे सुरक्षाकर्मी भी बेबस नजर आ रहे थे. हालांकि किसी तरह समर्थकों को गाड़ी के पास से हटाने में पुलिस को कामयाबी मिल गई.

ईडी ने डीके शिवकुमार की 14 दिन की कस्टडी मांगी थी. ईडी की कस्टडी में रोज आधा घंटे परिजन और वकील डी के शिवकुमार से मिल सकते हैं. इससे पहले कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुनवाई के दौरान अडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) केे एम नटराजन ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग को जांच के दौरान विभिन्न जगहों से कई अहम दस्तावेज और पैसे मिले हैं. डीके शिवकुमार के वकील ने कोर्ट में दो अर्जी दाखिल की थीं. पहली अर्जी में रिमांड को चुनौती दी गई और दूसरी में जमानत याचिका दाखिल की गई थी.

 बता दें कि डीके शिवकुमार को ईडी ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार हुए हैं. डीके शिवकुमार 2016 की नोटबंदी के दौरान चर्चा में आए थे. आयकर विभाग और ईडी लंबे समये से उनके आर्थिक लेन-देन की जांच कर रही थी. दो अगस्त, 2017 को नई दिल्ली स्थित आवास पर आयकर ने छापा मारा था, जिसमें 8.59 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे.

इसके बाद आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता और उनके चार दूसरे सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. आयकर विभाग के आरोपपत्र के आधार पर ईडी ने शिवकुमार के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था. डीके शिवकुमार ने गिरफ्तारी से पहले ही कहते आ रहे हैं कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार उनके खिलाफ बदले की भावना से काम कर रही है. डीके शिवकुमार की गिरफ्तारी पर कांग्रेस के कई दिग्गज नेता बीजेपी पर राजनीतिक प्रतिशोध करने का आरोप लगा रहे हैं.

अनुराधा भसीन भारत को बदनाम करने की साजिश करती जान पड़तीं हैं

पत्रकारिता की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने की मांग करते हुए कश्मीर टाइम्स की एग्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन न्यायमूर्ति चंद्रमौली प्रसाद ने भसीन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में हस्तक्षेप करते हुए सरकार के कदमों का समर्थन किया था

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. दुनियाभर में वह भारत की छवि को बदनाम करने की पूरी कोशिश कर रहा है. हालांकि दुनिया के किसी भी देश ने जम्मू कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के झूठ को समर्थन देने से मना कर दिया है. इसके बावजूद कुछ भारतीय ही पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं. वे पाकिस्तान की तर्ज पर जम्मू कश्मीर को लेकर भारत की छवि खराब करने पर आमदा हैं. इस कड़ी में ताजा नाम कश्मीर टाइम्स की एग्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन का है.

पत्रकार अनुराधा भसीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाई है कि जम्मू कश्मीर में पत्रकारों पर बंदिशें लगा दी गई है. उन्होंने देश की सबसे बड़ी अदालत से अपील की है कि जम्मू कश्मीर में पत्रकारों को अपनी मर्जी से काम करने की इजाजत दी जाए. कोर्ट में इस मामले की सुनवाई गुरुवार (5 सितंबर) को सुनवाई होगी. यहां आपको बता दें जम्मू कश्मीर में सारे अखबार प्रकाशित हो रहे हैं. सुरक्षा दृष्टिकोण से थोड़ी बहुत बंदिशें जरूर हैं. हालांकि देशी-विदेशी मीडिया लगातार जम्मू कश्मीर की मौजूदा हकीकत पर स्टोरी कर रही हैं.

जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान किसी भी सूरत में वहां हिंसा कराने की फिराक में है, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों की मुश्तैदी के सामने उसके मंसूबे पर पानी फिर गया है. ऐसे में पाकिस्तान किसी भी भारतीय की ओर से दिए गए बयान को लपक कर उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत कर रहा है. उदाहरण के तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा था कि जम्मू कश्मीर में लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है.

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पाकिस्तान मीडिया ने राहुल गांधी के इस बयान को प्रमुखता से प्रकाशित किया. इतना ही नहीं पाकिस्तान ने उनके बयान को सबूत के तौर पर संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तुत किया था. हालांकि पाकिस्तान की इस हरकत के बाद राहुल गांधी और कांग्रेस को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने इसपर सफाई भी दी है.

जम्मू कश्मीर के बड़े अखबार की पत्रकार होने के नाते अनुराधा भसीन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका को भी पाकिस्तान अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकता है. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक कह चुके हैं कि राज्य में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई है.

Green Corridor from PGIMER to Airport was provided to an ambulance by Chandigarh Traffic Police

Korel, Chandigarh September 4, 2019

Today i.e. 4.9.2019 at around 12 noon, a green corridor to an ambulance of PGIMER for transportation of live human organ (lever) was provided by Chandigarh Traffic Police from PGIMER, Sector 12 to Chandigarh Airport for its onwards transportation to Jaipur. During the above said movement, clear passage was provided to the ambulance and in 18 minutes sharp the ambulance reached the Airport.  We thank the drivers from the General Public who gave way to this emergency vehicle today.

                Further, it is pertinent to mention here that in the last five years, Chandigarh Traffic Police has provided green corridor on 31 occasions. 

                Further, as per Section 194E of the Motor Vehicles Act, 1988, which is reproduced as under:-

Whoever while driving a motor vehicle fails to draw to the side of the road, on the approach of a fire service vehicle or of an ambulance or other emergency vehicle as may be specified by the State Government, shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to six months, or with a fine of ten thousand rupees or with both.

                General public is requested to always give way to the emergency vehicles while driving vehicle.