गुपकार गैंग के उदय के बाद घाटी में बढ़ी आतंकी गतिविधियां, नगरोटा में 4 आतंकी ढेर

गुपकार गैंग के उदय के बाद जम्मू और काश्मीर में आतंकवाद एक बार फिरसक्रिय हो गया है. सूत्रों की मानें तो जहां दक्षिण काश्मीर में सेना ने स्थानीय और सीमा पार के आतंकियों पर लगाम लगाई थी वही अब गुपकार गैंग की शह पर जम्मू काश्मीर में पाँव पसार रहे हैं. सुरक्षा बलों ने आतंकियों को चारों ओर से घेर लिया. करीब ढाई घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने चारों आतंकियों का सफाया कर दिया. मारे गए आतंकियों के पास बड़ी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया. फिलहाल आतंकियों की शिनाख्त नहीं हो पाई है. पुलिस उनके पुराने इतिहास का पता लगाने में जुटी है.

  • गाड़ी चेकिंग के दौरान आतंकियों ने की फायरिंग
  • कश्मीर में आतंकियों के ट्रक से जाने की सूचना
  • ट्रक पर जम्मू-कश्मीर का नंबर, एनकाउंटर जारी

श्रीनगर(ब्यूरो). 

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान जारी है. खुफिया जानकारी के बाद नगरोटा में सुरक्षा कड़ी की गई और  हर नाके पर आने जाने वाले वाहनों की जांच शुरू की गई. इस दौरान सुरक्षा बलों ने बान टोल प्लाजा के पास एक नाका लगाया था. 

वाहनों की जांच के दौरान आतंकवादियों के एक समूह ने सुरक्षा बलों पर सुबह 5 बजे फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग के बाद आतंकी जंगल की तरफ भागने लगे. फिर मुठभेड़ शुरू हो गई. सूत्रों ने बताया कि एनकाउंटर में 4 आतंकवादी मारे गए हैं. एनकाउंटर के चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है.

माना जा रहा है कि 3-4 आतंकवादी ट्रक के जरिये जम्मू-श्रीनगर हाईवे के रास्ते कश्मीर जाने की कोशिश कर रहे थे. इसी दौरान सुरक्षाबलों ने आतंकियो को घेर लिया और फिर एनकाउंटर शुरू हो गया. इस घटना के चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ लगे नगरोटा में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.

गोलीबारी में एसओजी के जवान हुए घायल

बहरहाल, सुरक्षा बलों ने बताया कि गाड़ी चेकिंग के दौरान आतंकियों ने फायरिंग करनी शुरू कर दी. सुरक्षा बलों को कश्मीर में आतंकियों के ट्रक से जाने की सूचना थी. इसकी जांच करने के लिए हाइवे पर नाका लगाकर गाड़ियों की जांच शुरू की गई थी. जिस ट्रक रोका गया है उस पर जम्मू-कश्मीर का नंबर लगा हुआ है. अभी एनकाउंटर जारी है. हाइवे बंद है. आतंकियों के ट्रक से भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया गया है.

इससे पहले 6 नवंबर 2020 को दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के मेज पंपोर इलाके में आतंकियों और सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ अगले दिन सुबह तक चली. इस एनकाउंटर में एक आतंकी को मार गिराया गया है. वहीं, एक को सरेंडर करने के पर मजबूर भी किया. इस एनकाउंटर के दौरान दो स्थानीय लोग भी घायल हो गए, जिसमें एक की मौत हो गई.

महबूबा के बिगड़े बोल अब उन्होने मुस्लिम गुज्जरों की जताई चिंता

महबूबा मुफ़्ती के बोल लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। उनके बिगड़े बोलों में उनकी ज़िद भरी हताशा नज़र आ रही है। अलगाव वाद की मुखर आवाज़ हैं महबूबा। पहले उनके झंडे को कांधा नहीं मिलेगा वाला ब्यान आया फिर वह काश्मीरी युवकों को भारत सरकार के खिलाफ हथियार उठाए हुए देखना चाहतीं हैं। अब उन्होने मुस्लिम कार्ड खेला है।

  • जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
  • केंद्र पर जम्मू कश्मीर में बंटवारे की सियासत करने का आरोप लगाया
  • जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करेंगी महबूबा

कश्मीर: 

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर भड़काऊ बयान दिया है. महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि कश्मीरियों को उनकी जगहों से निकाला जा रहा है और बाहर के लोगों को यहां बसाया जा रहा है. महबूूबा मुफ्ती ने इसका अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है.

‘खतरनाक अंजाम भुगतने पड़ सकते हैं’

महबूबा मुफ्ती ने कहा है, सरकार गुज्जर बकरवाल समुदाय को खदेड़ रही है और भारत के अन्य लोगों को यहां बसाना चाहती है. महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि सरकार यहां के लोगों को भागना चाहती है. विवादित बयान देते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा है, ‘इन अमन पसंद लोगों को जबरदस्ती धकेला जा रहा है. इनके साथ छेड़छाड़ मत कीजिये, इसके बहुत खतरनाक अंजाम भुगतने पड़ सकते हैं.

‘मुसलमानों को बनाया जा रहा निशाना’

महबूबा मुफ्ती ने कहा है, ‘जम्मू कश्मीर में एक नाजायज करवाई शुरू की गई है. इसी कार्रवाई के तहत गुज्जर बकरवाल को खदेड़ा जा रहा है. उन्होंने सरकार के नए लैंड बिल पर सवाल उठाए हैं. सरकार पर मुसलमानों को जानबूझकर निशाना बनाने का आरोप लगाया है.

‘उद्योगपतियों को जमीन देना चाहती है सरकार’

मुफ्ती ने कहा है, सरकार जम्मू कश्मीर की जमीन की बिक्री करना चाहती है. पहले ही सरकार 24 हजार कनाल जमीन इंडस्ट्री को दे चुकी है. अब सरकार जंगलों से यहां के स्थानीय लोगों को खदेड़ कर और जमीन बड़े उद्योगपतियों को देना चाहती है, जिनसे इन्हें फंड्स मिलते हैं. मुफ्ती ने दक्षिणी कश्मीर के पहलगाम इलाके में गुज्जर समुदाय से मुलाकात भी की.

जो बायडेन की मदद से अनुच्छेद-370 को वापस लायेंगे: युवा कॉंग्रेस नेता जहाँ जेब सिरवाल

कॉंग्रेस की सबसे बड़ी परेशानि उन मुद्दों को लेकर है जिन मुद्दों क मोदी सरकार ने सहज ही निपटा दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री नहरु का दिया हुआ काश्मीर विवाद भी उनही में से एक है। कॉंग्रेस को आज भी भारत में काश्मीर को ले कर ‘दो विधान दो निशान दो परधान चाहिए’, वह धारा 370 के हटाये जाने के विरोध में है। इस पार्टी के नये पुराने सभी नेता भारतीय संसद मे पारित हुए मोदी सरकार के किसी भी प्रस्ताव को असंवैधानिक मानती है। धारा 370 पर कॉंग्रेस आज भी यदा कदा बयान देते रहते हैं। ताज़ा मामला जहाँ जेब सिरवाल का है जो युवा कॉंग्रेस नेता हैं ओर उन्हे जो बायडेन से बहुत उम्मीद है। ज़ेब सिरवाल को यकीन है कि नव निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति काश्मीर में एक बार फिर धारा 370 बहाल करवाने में मदद करेंगे।

जम्मू/ चंडीगढ़:

जम्मू कश्मीर की स्थानीय पार्टियों का भारत-विरोधी रुख तो जगजाहिर है, लेकिन अब कॉन्ग्रेस पार्टी भी फ़ारूक़ अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ़्ती जैसे नेताओं के सुर में सुर मिला रही है। कम से कम जम्मू कश्मीर में कॉन्ग्रेस नेताओं के बयान देख कर तो यही लगता है। ताज़ा मामला है जहाँ जेब सिरवाल का, जो प्रदेश में कॉन्ग्रेस के चर्चित नेताओं में से एक हैं। वो अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बायडेन की मदद से अनुच्छेद-370 को वापस लाने का दावा कर रहे हैं।

अमेरिका में ‘डेमोक्रेटिक पार्टी’ के जो बायडेन और ने वहाँ के पदस्थ राष्ट्रपति व ‘रिपब्लिकन पार्टी’ के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प को हरा दिया है और कमला हैरिस उनकी डिप्टी के रूप में चुनी गई हैं। कॉन्ग्रेस नेता जहाँजेब सिरवाल ने भी इन दोनों नेताओं को जीत की बधाई दी लेकिन इस दौरान वो अपना भारत-विरोधी रवैया उजागर करना नहीं भूले। कॉन्ग्रेस के युवा नेता ने इसे व्यक्तिगत जीत न होकर एक ‘विचारधारा की जीत’ करार दिया।

उन्होंने इसे लोकतंत्र की जीत बताते हुए कहा कि जहाँ तक भारत और जम्मू-कश्मीर की बात है, उनकी जीत से यहाँ सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और इतना तो साफ है उनकी जीत से इस्लामोफोबिया में कमी आएगी। बता दें कि ये कट्टरपंथी नेता इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ आवाज़ उठाने को भी ‘इस्लामोफोबिया’ कहते हैं। कमोबेश पूरी दुनिया में इस्लामी कट्टरपंथियों का लगभग यही रुख है और वो आतंकवाद की निंदा तक नहीं करते।

इसी तरह कॉन्ग्रेस के युवा नेता जहाँजेब सिरवाल ने कहा कि जो बायडेन के पुराने बयानों से ऐसा प्रतीत होता है कि वो भारत सरकार पर दबाव बनाएँगे और सरकार अनुच्छेद-370 और 35-ए को फिर से वापस लाएगी और इन्हें लागू करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अलोकतांत्रिक तरीके से अनुच्छेद-370 को हटाया था और इसे वापस लाने से ‘इस्लामोफोबिया’ में कमी आएगी।

इससे पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्लाह ने ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कण्ट्रोल (LAC)’ पर चीन के आक्रामक रवैये के लिए भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के फैसले को जिम्मेदार बताया था। ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस’ के अध्यक्ष ने कहा था कि चीन ने कभी भी अनुच्छेद 370 को लेकर भारत सरकार के फैसले को स्वीकार नहीं किया है। साथ ही उन्होंने उम्मीद भी जताई थी कि चीन की मदद से फिर से अनुच्छेद 370 को वापस लाया जा सकेगा।

उन्हीं के नक्शेकदम और चलते हुए जम्मू कश्मीर की एक अन्य पूर्व-मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा था कि जब तक उनका झंडा (जम्मू कश्मीर का पुराना झंडा) वापस नहीं मिल जाता, तब तक वह दूसरा झंडा (तिरंगा) नहीं उठाएँगी। मुफ्ती ने कहा था कि उनका झंडा ‘डाकुओं’ ने ले लिया है। उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने तक उनका संघर्ष खत्म नहीं होगा और वो कश्मीर को पुराना दर्जा दिलवाने के लिए जमीन आसमान एक कर देंगी।

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पंचांग 09 नवम्बर 2020

आज 9 नवंबर को हिंदू पंचांग के अनुसार सोमवार है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है. सोमवार यानी भगवान शिव का दिन और सोम यानी चंद्रमा का दिन. तो इस दिन सुबह उठकर आप भगवान शिव के दर्शन कर शिव चालीसा या शिवाष्टक का पाठ कर सकते हैं. इससे भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और आपकी समस्याएं अपने आप हल होती जाती हैं. अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्य से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः कार्तिक मास, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः नवमी प्रातः 05.28 तक है, 

वारः सोमवार, 

नक्षत्रः आश्लेषा प्रातः 08.42 तक, 

योगः ब्रह्म रात्रि 01.30 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः तुला, 

चंद्र राशिः कर्क, 

राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.43, 

सूर्यास्तः 05.28 बजे।

नोटः आज गण्डमूल विचार होगा।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।

करतारपुर साहिब का प्रबंधन पीएसपीजीसी से ले कर आईएसआई की ईटीपीबी को सौंपा

भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंध एवं देखरेख का काम एक गैर सिख संस्था को सौंपे जाने के पाकिस्तान के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए आज पाकिस्तान सरकार का आह्वान किया कि वह सिखों की भावनाओं के विरुद्ध इस मनमाने फैसले को वापस ले. बयान में कहा गया, ”पाकिस्तान का यह एकतरफा निर्णय निंदनीय है और करतारपुर साहिब कॉरीडोर खोले जाने की भावना और सिख समुदाय के धार्मिक ख्यालों के विरुद्ध है. ऐसे कदम पाकिस्तानी सरकार और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों एवं कल्याण के लंबे चौड़े दावों की असलियत उजागर करते ह.’

  • पाकिस्‍तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी देख रही थी करतारपुर साहिब का मैनेजमेंट
  • पाकिस्‍तान ने प्रॉजेक्‍ट मैनेजमेंट यूनिट बनाकर PSGPC से छीन लिया यह अधिकार
  • अब एक ट्रस्‍ट प्रॉपर्टी बोर्ड के हाथों में है करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का प्रबंधन
  • विदेश मंत्रालय ने किया कड़ा विरोध, कहा- फैसला सिखो की भावनाओं के खिलाफ

नई दिल्‍ली

भारत ने सिखो के सबसे महत्‍वपूर्ण धर्मस्‍थल, करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का प्रबंधन एक गैर-सिख संस्‍था को सौंपने का कड़ा विरोध किया है. पाकिस्‍तान ने इस इवैक्‍यूई ट्रस्‍ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) को गुरुद्वारे का मैनेजमेंट सौंपा है. अबतक इसका प्रबंधन पाकिस्‍तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (PSGPC) के पास था. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस कदम से पाकिस्‍तान के धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों के हितों की रक्षा के ‘बड़े-बड़े दावों की पोल खुल’ गई है. भारत ने पाकिस्‍तान से कहा है कि वह अपना यह फैसला वापस ले क्‍योंकि पवित्र करतारपुर साहिब के मामलों को संभालने का जिम्‍मा सिख अल्‍पसंख्‍यक समुदाय का है.

दुनिया के सामने आया पाकिस्तान का असली रूप

बता दें कि पिछले साल नवंबर में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खुद को दुनिया का सबसे दरियादिल शख्स साबित करने पर तुले थे. लेकिन महज 1 साल में ही उनकी दरियादिली की हकीकत दुनिया देख रही है.

सिखों के पवित्र स्थल पर ISI का कंट्रोल !

जानकारी के मुताबिक करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के रख रखाव का काम पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से छीन कर Project Management Unit को सौंपा गया है. इस यूनिट में कुल 9 लोग शामिल हैं और यह पाकिस्तान के Evacuee Trust Property Board यानी ETPB से जुड़ी है. खास बात है कि गुरुद्वारे के रख रखाव के लिए बनाए गई इस यूनिट में एक भी सिख सदस्य नहीं है.

मो. तारिक खान को यूनिट का अध्यक्ष बनाया गया

जानकारी के मुताबिक Project Management Unit का सीईओ मो. तारिक खान को बनाया गया है. पाकिस्तान सरकार की ओर से जारी किए गए नए आदेश में प्रोजेक्ट बिजनेस प्लान का भी जिक्र है. यानी कि इमरान खान सरकार अब गुरुद्वारे से भी पैसा कमाने की जुगत कर रही है. ETPB को पूरे तरीके से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कंट्रोल करती है.

पाकिस्तान के हृदय परिवर्तन की पोल खुली
करतारपुर गुरुद्वारे का प्रबंधन सिख समुदाय से छीन कर मुस्लिम कमेटी को देने के फैसले से सिखों के लिए पाकिस्तान के ह्रदय परिवर्तन की भी पोल खुल गई. इस गुरुद्वारे में देश-दुनिया के लाखों सिखों की आस्था बसती है. उस आस्था का पाकिस्तान के दिल में कितना सम्मान है, वो फैसले ने साफ कर दिया है. क्योंकि गुरुद्वारे के रख रखाव के लिए बनाए गए नए संस्थान में एक भी सिख सदस्य नहीं है.

नए प्रबंधन बोर्ड का आईएसआई के साथ कितना गहरा संबंध है, इसका अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि इसका पहला अध्यक्ष आईएसआई चीफ जावेद नासिर था. अब करतारपुर बॉडी को मोहम्मद तारिक खान हेड कर रहे हैं.

पंजाब में अलगाववादी भावना भड़काने की साजिश!

दरअसल हुकूमत में आने के कुछ ही हफ्ते बाद जब पाक पीएम इमरान ने अचानक करतारपुर कॉरिडोर को खोलने की बात कही थी तभी से भारत के कई सुरक्षा विशेषज्ञों ने पड़ोसी देश की इस दरियादिली को लेकर शंका जाहिर की थी. करतारपुर साहिब का प्रबंधन सिख समुदाय से छीन कर ISI से ताल्लुक रखने वाले संगठन को देने के फैसले ने इस शंका को मजबूत कर दिया है. सवाल है कि करतारपुर कॉरिडोर को खोलने के पीछे पाकिस्तान का असली मकसद पंजाब में अलगाववादी भावनाओं को भड़काना तो नहीं है.

करतारपुर पर पाकिस्तान की ‘काली सोच’ बेनकाब?   

पाकिस्तान के बड़बोले रेल मंत्री शेख रशीद ने पिछले साल करतारपुर साहिब के उद्घाटन के बाद कहा था कि,’इंडियन मीडिया ने जिस तरह फजलुर्रहमान के धरने को कवरेज दी है. जिस तरह से इंडिया की मीडिया ने जनरल कमर जावेद बाजवा दिखाया, एक ऐसे सिपहलालार को जिसने करतारपुर कोरिडार का ऐसा ज़ख्म लगाया कि सारी जिंदगी हिन्दुस्तान याद रखेगा. सिखों के अंदर पाकिस्तान के लिए एक नए जज्बात प्यार मोहब्बत और खुशदिली की फिजा पैदा की गई.”

पाकिस्तान की आतंकी सोच का पक्का इलाज कब? 

दरअसल पाकिस्तानी हुक्मरान और उनकी फौज के दिमाग में हर समय भारत विरोधी साजिशें लगातार चलती रहती हैं. पाकिस्तान अब इस गलियारे से जरिए खालिस्तानी कट्टरपंथियों का इस्तेमाल पंजाब में शांति और सद्भाव का माहौल बिगाड़ने के लिए करेगा. उसके गंदे इरादे जाहिर हो चुके हैं.

भारत ने फैसले को वापस लेने की मांग की

पाकिस्तान के इस फैसले की भारत सरकार ने निंदा की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि,’ भारत करतारपुर गुरुद्वारे पर लिए गए पाकिस्तान के फैसले की निंदा करता है. इस फैसले से सिख समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. पाकिस्तान का असली चेहरा एक बार सामने आ गया है. जहां वो अल्पसंख्यकों के हितों की बात करता हैं, करतारपुर का प्रबंधन सिख समुदाय से लेना एक गलत फैसला है. हमारी मांग हैं कि पाकिस्तान करतारपुर साहिब के लिए इस फैसले को फौरन वापस ले.’

निकिता के परिजनो को मिले एक करोड का मुआवजा -विहिप

मेवात क्षेत्र मे हिन्दु बहन बेटिया कब तक जिहादी मानसिकता की शिकार होती रहेंगी ? हालांकि हरियाणा सरकार ने फास्ट ट्रेक कोर्ट, 30 दिन मे दोषियो के खिलाफ चालान पेशकर प्रतिदिन सुनवाई कराकर त्वरित न्याय दिलाने की बात कही है जिसपर विहिप नजर रखेगी कि न्याय मे देरी न हो, लेकिन पिडिता के परिजनो को एक करोड की मुआवजा राशि की तुरंत घोषणा की मांग सरकार से की साथ ही लव जिहाद रोकने एवं जबरन और छल से धर्मान्तरण के विरुद्ध कठोर कानून बनाये जाने की वकालत की जिससे मेवात क्षेत्र मे बढ रही ऐसी घटनाओ पर अंकुश लग सके।

मेवात/चंडीगढ़:

विश्व हिन्दु परिषद ने हरियाणा के बल्लभगढ मे लवजिहाद से लडते हुये अपनी जान गवांने वाली वीरांगना निकिता तोमर के परिजनो को सरकार से तुरंत एक करोड रुपये की राशि का मुआवजा, त्वरित न्याय, एवं लव जिहाद व धर्मांतरण रोकने हेतु कठोर कानून बनाने की मांग की है।

विश्व हिन्दु परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने निकिता तोमर के परिवार जनो से मुलाकात कर उन्हे सांत्वना दी तथा कहा कि एक होनहार प्रतिभाशाली आसमान को छूने की उमंग रखने वाली बच्ची इस्लामिक जिहादियो के हाथों मार दी गयी ।

विश्व हिन्दु परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने पत्रकारो से बात करते हुये कहा कि इस्लामी फासिस्ट जिहादियो की कार्यवाहियो से विश्वभर मे अभिव्यक्ति की आजादी,मानव गरिमा और जीवन संकट मे आ रहा है जिसका हम सबको मिलकर मुकाबला करना होगा उन्होने मेवात क्षेत्र मे लगातार बढ रही लवजिहाद, धर्मानतरण, हिन्दुओ के उत्पीड़न पर चिंता जताते हुये कहा कि आखिर मेवात क्षेत्र मे हिन्दु बहन बेटिया कब तक जिहादी मानसिकता की शिकार होती रहेंगी ? हालांकि हरियाणा सरकार ने फास्ट ट्रेक कोर्ट, 30 दिन मे दोषियो के खिलाफ चालान पेशकर प्रतिदिन सुनवाई कराकर त्वरित न्याय दिलाने की बात कही है जिसपर विहिप नजर रखेगी कि न्याय मे देरी न हो, लेकिन पिडिता के परिजनो को एक करोड की मुआवजा राशि की तुरंत घोषणा की मांग सरकार से की साथ ही लव जिहाद रोकने एवं जबरन और छल से धर्मान्तरण के विरुद्ध कठोर कानून बनाये जाने की वकालत की जिससे मेवात क्षेत्र मे बढ रही ऐसी घटनाओ पर अंकुश लग सके।

उन्होने मुख्यमंत्री द्वारा कुछ माह पूर्व नुंह मे की गयी घोषणा की याद दिलाते हुये कहा कि उन घोषणाओ को अमल‌मे लाने का वक्त आ गया है
जिससे मेवात क्षेत्र मे रह रहे हिन्दु परिवारो मे विश्वास कायम हो सके।

मेवात मे रहने वाले हिन्दुओं के मूल अधिकारों की रक्षा के लिये सुप्रीम कोर्ट मे याचिका

छ: साल पहले अपने आपको हिन्दु हितैषी कहने वाली भाजपा की सरकार हरियाणा में बनी तो मेवात के इलाके मे रहने वाले हिन्दु परिवारो को कुछ उम्मीद बंधी लेकिन छ: साल इस सरकार के गुजरने के बाद भी हालात सुधरने के बजाये बदतर होते जा रहे है, अपने आपको हिन्दु हितैषी कहने वाली सरकार भी इन घटनाओ को रोकने मे नाकाम साबित हो रही है और इलाके के हिन्दु परिवार अपने आपको असहाय महसूस कर रहे हैं।

सारिका तिवारी, पंचकुला/ मेवात:

हरियाणा के मेवात क्षेत्र मे रहने वाले हिन्दुओं के मूल अधिकारों की रक्षा के लिये सर्वोच्च न्यायालय मे एक याचिका दाखिल की गयी है जिसमें मेवात क्षेत्र और उसके आसपास के इलाके मे आये दिन हिन्दु बहन बेटियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार, अपहरण, बलात्कार, हत्या जैसी घटनाओ पर एस आई टी जांच की मांग की है।

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याचिका मे एक न्यूज चैनल द्वारा मेवात इलाके मे आये दिन हिन्दु परिवारो को प्रताडित करने की खबर की सीरीज का भी हवाला दिया गया है

पिछले दिनो बल्लभगढ मे एक लव जिहाद का मामला सामने आया जिसमें तौफीक नामक मुस्लिम युवक ने निकिता तोमर नाम की लडकी को धर्म परिवर्तन और प्यार न करने की सजा सरेराह गोली मारकर उसकीहत्या कर दी थी जो कि सीसीटिवी मे सारा मामला रिकार्ड हो गया जो कि सोशल मिडिया पर बडी तेजी से वायरल हुआ तथा चैनलो ने प्रसारित भी किया।

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इस याचिका को रंजना अग्निहोत्री, शिशिर चतुर्वेदी,जितेन्द्र सिंह, आशुतोष मिश्रा,करुणेश शुक्ला ने दायर किया है।

इस याचिका मे कहा गया है कि इस इलाके मे मुस्लिम समुदाय बहुतायत मे है जिसके चलते वहां रहने वाले हिन्दुओं की दशा दयनीय है ऐसी स्थिति मे हिन्दु परिवारों को वहां से भगा दिया जा रहा है या उनके कत्ल किये जा रहे है या इस्लाम धर्म स्वीकार करने को मजबूर किया जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय मे दायर याचिका मेवात इलाके और आसपास के इलाके मे रहने वाले हिन्दु परिवारों की सम्पत्ति, जमीन,मन्दिर,शमशान आदि वापिस दिलाये जाने की मांग की है

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जैसा कि विदित है कि मेवात इलाके मे हिन्दु बहन बेटियां सुरक्षित नही है आये दिन लूट, मारपीट,धर्मांतरण, हत्या,बलात्कार, गैंगरेप, की शिकार होती है लेकिन वोटों की राजनीति के चलते कोई कार्यवाही नही होती। छ:: साल पहले अपने आपको हिन्दु हितैषी कहने वाली भाजपा की सरकार हरियाणा में बनी तो मेवात के इलाके मे रहने वाले हिन्दु परिवारो को कुछ उम्मीद बंधी लेकिन छ: साल इस सरकार के गुजरने के बाद भी हालात सुधरने के बजाये बदतर होते जा रहे है, अपने आपको हिन्दु हितैषी कहने वाली सरकार भी इन घटनाओ को रोकने मे नाकाम साबित हो रही है और इलाके के हिन्दु परिवार अपने आपको असहाय महसूस कर रहे हैं।

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याचिका में कहा गया है कि तबलीगी जमात के संरक्षण में मुस्लिमों ने धीरे-धीरे अपनी शक्ति बढ़ाई है। हिन्दुओं की संख्या बीस फीसदी से घटकर अब दस-ग्यारह फीसदी रह गई है। हिन्दुओं से जबरन धर्मांतरण करवाया जा रहा है। याचिका में 31 मई के चार सदस्यीय कमेटी के उस रिपोर्ट का हवाला दिया है, जो कमेटी इलाके के कई गांवों में गई थी और हरियाणा के मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। याचिका में कहा गया है कि मेवात-नूंह में 431 गांव हैं, जिसमें से 103 गांवों में हिन्दू बिल्कुल नहीं हैं। 82 गांवों में केवल चार से पांच हिन्दू परिवार ही बचे हैं।

जब सरकार से उम्मीद टूट जाती है तब न्यायालय की शरण मे जाने को मजबूर होते है और यही कार्य रंजना अग्निहोत्री, जितेन्द्र सिंह,शिशिर चतुर्वेदी, आशुतोष मिश्रा,करुणेश शुक्ला ने किया है जिससे मेवात के हिन्दु परिवारो को एक बार फिर उम्मीद की किरण नजर आई है।

‘अल्लाह के वास्ते’ विंग कमांडर को छोड़ दो: पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी

‘अल्लाह के वास्ते’ विंग कमांडर को छोड़ दो बलकोट स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी एफ़ – 16 को गिरने वाले विंग कमांडर अभिनंदन जब अपना प्लेन क्रैश होने के बाद पकस्तान के हाथों पड़ गए थे तब उन्हे छ्दाने के भारत सरकार के दबाव में आई पाकिस्तान सरकार की आंतरिक आपात बैठकों के गंभीर मुद्दों को उजागर करते हुए पाकिस्तानी सांसद ने अपनी संसद में ब्यान दिया। यह चर्चा न बैठकों के बारे में है जिनमें हिस्सा लेने की पाकिस्तानी ‘वज़ीर – ए- आजमइमरान खान की हिम्मत जवाब दे चुकी थी और बाजवा की रूह तक कांप चुकी थी, वह भारत के हौसलों से डर चुके थे।

इस्लामाबाद/नयी दिल्ली(ब्यूरो):

पाकिस्तानी राजनीतिक दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग एन (पीएमएल-एन) के एक सांसद ने भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई को लेकर बड़ा खुलासा किया है। सांसद ने पाकिस्तान की संसद में दावा किया कि इमरान खान ने भारत के हमले के डर से मार्च 2019 अभिनंदन को रिहा किया था। सांसद के मुताबिक़ अभिनंदन की रिहाई नहीं होने पर भारत पकिस्तान पर हमले के लिए तैयार बैठा था।

पीएमएल-एन के नेता अयाज सादिक ने पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली में इस मुद्दे पर खुलासा किया। उन्होंने कहा, “विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक अहम बैठक में कहा था कि अगर हम विंग कमांडर अभिनंदन को नहीं छोड़ते हैं तो भारत 9 बजे तक हम पर हमला कर देगा।” पाकिस्तानी सांसद के इस बयान का वीडियो फ़िलहाल पूरे सोशल मीडिया पर चर्चा में बना हुआ है, जिसमें देखा जा सकता है कि वह पाकिस्तानी सरकार और सेना के भय की वास्तविकता बता रहे हैं। 

इसके बाद पाकिस्तानी सांसद अयाज सादिक ने कहा कि इस घटना के ठीक बाद विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पीएमएल-एन, पीपीपी और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के अलावा अन्य नेताओं और अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक के बारे में बात करते हुए अयाज सादिक ने कहा, “मुझे बहुत अच्छे से याद है कि बैठक के दौरान सेना प्रमुख बाजवा कमरे में दाखिल हुए थे। उस दौरान बेहद घबराए हुए थे, वह पसीना-पसीना थे और उनके पैर तक काँप रहे थे।” 

फिर अयाज सादिक ने कहा, “पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस बैठक में शामिल होने से साफ़ मना कर दिया था और विदेश मंत्री कुरैशी ने तो सेना प्रमुख से गुजारिश करते हुए कहा था कि अल्लाह के वास्ते अभिनंदन को छोड़ दो नहीं तो भारत की सेना 9 बजे तक हमला कर देगी।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सादिक ने यहाँ तक कहा कि विपक्ष ने उस वक्त अभिनंदन समेत कई अन्य मुद्दों पर पाकिस्तान की सरकार का समर्थन किया था लेकिन उन्होंने कहा था कि वह आगे से नहीं कर पाएँगे। 

गुज़रे साल फरवरी के दौरान भारतीय सेना ने बालाकोट में स्थित आतंकवादी कैम्प पर एयर स्ट्राइक किया था। इसके ठीक बाद पाकिस्तानी सेना ने भी अपने विमान भारत पर हमले के लिए भेजे थे, जिसे भारतीय वायु सेना ने खदेड़ दिया था। तब इस एयर-फाइट में विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग-21 से पाकिस्तानी वायु सेना के विमान एफ़-16 को मार गिराया था। इसी कड़ी में वह पाकिस्तानी सीमा के भीतर चले गए थे और एक पाकिस्तानी मिसाइल से उनका प्लेन हिट हुआ था, जिसके कारण वो इजेक्ट कर पाकिस्तानी सीमा में गिरे थे। वहाँ की सेना ने उन्हें हिरासत में ले लिया था और उनसे पूछताछ भी की थी। 

इसका एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें देखा जा सकता है कि पाकिस्तानी सेना के अधिकारी विंग कमांडर अभिनंदन को चाय के लिए पूछ रहे थे। इस वीडियो के ज़रिए पाकिस्तान यह दिखाने का प्रयास कर रहा था कि वह अभिनंदन की किस कदर खातिरदारी कर रहे हैं। भारत की तरफ से बरकरार रहे कड़े रवैये ने पाकिस्तान को झुकने के लिए मजबूर किया था, नतीजतन पाकिस्तान ने अभिनंदन को रिहा किया था। 1 मार्च 2019 को विंग कमांडर अभिनंदन अटारी वाघा बॉर्डर से भारत आए थे।    

महबूबा के बयान से खफा जम्मू क्षेत्र के 3 नेताओं ने दिया इस्तीफा

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती जब से नज़रबंदी से निकलीं हैं वह अपनी सियासी ज़मीन की तलाश में फिर से पुराने राग आलाप रहीं हैं, उनकी तिरंगे पर टिप्पणी को लेकर उनकी ही पार्टी नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है. महबूबा के बयान से खफा जम्मू क्षेत्र के तीन नेताओं ने पीडीपी से इस्तीफा दे दिया है. वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ने महबूबा मुफ्ती के बयान से खुद को अलग कर लिया है.

जम्मू/कश्मीर(ब्यूरो):

महबूबा के बयान से खफा जम्मू क्षेत्र के नेता वेद महाजन, टीएस बाजवा और हुसैन अली वफा ने पीडीपी से इस्तीफा दे दिया है. इन तीनों नेताओं ने तिरंगा को लेकर महबूबा मुफ्ती के बयान को लेकर नाराजगी जाहिर की है और पार्टी से त्याग पत्र दे दिया है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने किया किनारा

वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ने महबूबा के बयान की निंदा करते हुए किनारा कर लिया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के सीनियर नेता देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि पार्टी नेताओं के लिए राष्ट्र की एकता और संप्रभुता सर्वोपरि है. हम राष्ट्र की संप्रभुता और एकता से समझौता नहीं करेंगे. 

जम्मू क्षेत्र के नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता देवेंद्र राणा ने फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के साथ बैठक में महबूबा मुफ्ती के बयान पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने उन्हें आश्वस्त किया है कि गुपकार का कोई नेता ऐसा कोई बयान नहीं देगा जिससे राष्ट्र का हित प्रभावित हो. 

क्या बोली थीं महबूबा मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हम अनुच्छेद 370 वापस लेकर रहेंगे. जब तक ऐसा नहीं हो जाता, मैं कोई भी चुनाव नहीं लड़ूंगी. जिस वक्त हमारा ये झंडा (कश्मीर का झंडा) वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे. मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे. वो झंडा हमारे आईने का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है. उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है.”

जब हम तक हमें अपना झंडा वापस नहीं मिलता तब तक हम कोई झंडा नहीं फहराएंगे : महबूबा मुफ्ती

करीब 14 महीने की हिरासत के बाद छूटीं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होने अपने हाथ में जम्मू-कश्मीर का झंडा दिखाते हुए कहा- ‘मेरा झंडा ये है. जब ये झंडा वापस आएगा तब हम तिरंगा भी फहराएंगे. जब हम तक हमें अपना झंडा वापस नहीं मिलता तब तक हम कोई झंडा नहीं फहराएंगे. हमारा झंडा ही तिरंगे के साथ हमारे संबंध को स्थापित करता है.’

श्रीनगर, कश्मीर(ब्यूरो):

 जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने देशद्रोही बयान देते हुए कहा है कि जब तक हमारा झंडा वापस नहीं मिल जाता हम दूसरा झंडा नहीं उठाएंगे. महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर का राज्य ध्वज लगाया. गौर करने वाली बात ये है कि ये झंडा धारा 370 हटाए जाने से पहले राज्य इस्तेमाल कर रहा था. 

संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार हमारे हक (370) को वापस नहीं करते हैं, तब तक मुझे कोई भी चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 370 को बहाल करने तक मेरा संघर्ष खत्म नहीं होगा. 

पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए पीडीपी प्रमुख ने कहा, वोट मांगने के लिए उनके पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है. वे कहते हैं कि आप जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकते हैं, हमने धारा 370 को निरस्त कर दिया है. फिर उन्होंने कहा हम मुफ्त में टीके देंगे. आज प्रधानमंत्री ने वोट के लिए धारा 370 की बात की. यह सरकार इस देश के मुद्दों को हल करने में विफल रही है. 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शुक्रवार को कहा कि एनडीए की सरकार ने धारा 370 को निरस्त किया. इन लोगों (विपक्ष) का कहना है कि सत्ता में आने पर वे इसे वापस लाएंगे. यह कहने के बाद भी इन्होंने बिहार से वोट मांगने की हिम्मत की. 

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ये सच है कि चीन ने लद्दाख में 1000 वर्ग किमी से अधिक जमीन पर कब्जा कर लिया है. इस दौरान मुफ्ती ने समर्थन के लिए कर्नल गोपीनाथन धन्यवाद कहा. उन्होंने चिदंबरम और ममता बनर्जी को भी उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया.