चापलूसों और भ्रष्ट लोगों को टिकट बांटने का आरोप लगाते हुए पार्टी के कार्यकर्ता ‘राघव चड्ढा चोर है’ के नारे लगाते दिखे

पंजाब विधान सभा चुनाव की घोषणा से ऐन पहले आम आदमी पार्टी (आआपा ) के लिए बड़ी मुसीबत पैदा हो गई है। जालंधर में पार्टी प्रभारी राघव चड्डा की पत्रकार सम्मेलन के दौरान टिकट बंटवारे पर हंगामा मच गया। मामला शुक्रवार का है। पार्टी नेता ‘राघव चड्ढा चोर है’ के नारे लगाते दिखे। चापलूसों और भ्रष्ट लोगों को टिकट बांटने के आरोप पर शुरू हुए हंगामे के बाद राघव चड्ढा को प्रेस क्लब के पिछले दरवाजे से निकलकर भागना पड़ा।

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :

पंजाब विधानसभा चुनाव में भले ही आम आदमी पार्टी कांग्रेस की रार पर निशाना साधती रही है, लेकिन अब वह खुद अंतर्कलह में फंस गई है। शुक्रवार को जालंधर में पार्टी के प्रभारी राघव चड्ढा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टिकट बंटवारे को लेकर भारी उपद्रव मच गया। चापलूसों और भ्रष्ट लोगों को टिकट बांटने का आरोप लगाते हुए पार्टी के कार्यकर्ता ‘राघव चड्ढा चोर है’ के नारे लगाते दिखे। भारी उपद्रव की स्थिति पैदा हो गई और कार्यकर्ता आपस में ही मारपीट करने लगे। हालात इतने बिगड़ गए कि राघव चड्ढा को प्रेस क्लब के पिछले दरवाजे से निकलकर भागना पड़ा। 

पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों (Punjab assembly polls) में आम आदमी पार्टी (AAP) भले ही जीत के दावे कर रही हो, लेकिन वास्तविकता यही है कि वहाँ पार्टी में ही फूट पड़ी हुई है। शुक्रवार (7 जनवरी 2022) को जालंधर में आम आदमी पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान आप नेता टिकट बँटवारे को लेकर आपस में भिड़ गए और खूब लात-घूँसे चले।

प्रेस क्लब में राघव चड्ढा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कॉन्ग्रेस के पूर्व पार्षद दिनेश ढल को पार्टी में शामिल करवाया जाना था, लेकिन टिकट बँटवारे को लेकर विवाद हो गया। इस दौरान पंजाब के सह-प्रभारी के खिलाफ ‘राघव चड्ढा चोर है’ के नारे लगाए गए। बात यहीं तक रहती तो गनीमत होती, लेकिन मामला इतना बढ़ गया कि लोगों के बीच जमकर मारपीट भी हो गई। टिकट बंटवारे को लेकर करीब 45-50 मिनट हुए बवाल के बाद राघव चड्ढा को पिछले दरवाजे से बाहर भागना पड़ा।

आम आदमी पार्टी में इस अंदरूनी बवाल से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया (social media) पर खूब शेयर किए जा रहे हैं। वायरल हो रहे वीडियो में पार्टी के नेताओं को जालंधर प्रेस क्लब में एक-दूसरे को धक्का देते और मारपीट करते देखा जा सकता है।

इस घटना से जुड़ा एक वीडियो बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने ट्विटर पर शेयर किया, जिसमें आप के कार्यकर्ता और नेता ‘राघव चड्ढा चोर हैं’ के नारे लगाते हुए देखे जा सकते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, राघव चड्ढा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बवाल टिकट के दावेदार जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से डॉ शिव दयाल माली और जालंधर मध्य क्षेत्र के डॉ संजीव शर्मा के समर्थकों और राघव चड्ढा व दिनेश ढल के समर्थकों के बीच शुरू हुआ। टिकट के लिए दावेदारी करने वाले आप नेताओं के समर्थकों का आरोप है कि राघव चड्ढा अपने साथ बाउंसर लेकर आए थे। जब वो टिकट के लिए नारेबाजी कर रहे थे तो उन बाउंसर्स ने उनके साथ मारपीट की।

शुक्रवार (7 जनवरी 2021) की शाम को जब 4:30 बजे प्रेस क्लब में घुस रहे थे, तो उसी दौरान आप के समर्थकों ने ‘राघव चड्ढा चोर है’ के नारे लगाते हुए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। प्रदर्शन कर रहे आप के समर्थकों ने भ्रष्ट लोगों को पार्टी में शामिल करने के लिए सीक्रेट समझौते करने का आरोप राघव चड्ढा पर लगाया।

विरोध के बाद राघव चड्ढा पहले तो अपनी कार से लौट गए और फिर कुछ देर में अपने साथ कुछ बॉडी बिल्डर्स को लेकर लौटे। इन बॉडी बिल्डर्स ने प्रदर्शन कर रहे आप कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की करके प्रेस क्लब के अंदर राघव चड्ढा को पहुँचाया।

अंदर जाने के तुरंत बाद चड्ढा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कॉन्ग्रेस के पूर्व नेता और दो बार के पार्षद दिनेश ढल को पार्टी में शामिल कराया और पिछले दरवाजे से निकलकर अपनी गाड़ी में बैठ गए। हालाँकि, प्रदर्शनकारी आप समर्थकों ने उनकी गाड़ी का पीछा किया, लेकिन ड्राइवर गाड़ी भगाकर निकाल ले गया।

भले ही पंजाब में आम आदमी पार्टी टिकट के बँटवारे को लेकर अंदरूनी विद्रोह का सामना कर रही हो, लेकिन अरविंद केजरीवाल कोरोना नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए जमकर चुनावी रैलियाँ कर रहे हैं। उन्होंने पार्टी की सरकार आने पर पंजाब में 300 यूनिट मुफ्त बिजली, बकाया बिजली बिलों को रद्द करने और चौबीसों घंटे बिजली देने का वादा किया है। हाल ही में भगवंत मान को पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर सहमति जताई गई थी।

दोषी कर्मचारियों पर हो आपराधिक मामला दर्ज: जाँच रिपोर्ट

कोरोना मृतकों की संख्या में हेर फेर के दाह संस्कार करने वालों को दी जाने वाली राशि मे बड़ा घपले के मामले में हुई जांच की रिपोर्ट में पंचकूला नगर निगम के संयुक्त सचिव विनेश कुमार ने चार व्यक्तियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करवाने की माँग की है।

अजय सूद (ए एस आई ),गुलाब , मदनलाल(सीएसआई) सोनू के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है जबकि सतवीर प्रवेश ने धन राशि के लिए मांग जरूर रखी थी लेकिन उन्हें राशि की अदायगी नहीं हुई। संयुक्त आयुक्त विनेश सिंह ने बताया कि उन्होंने यह रिपोर्ट जाँच के दौरान लिए गए ब्यानों, श्मशान घाट के रिकॉर्ड ,मृत्यु प्रमाण पत्र, अस्पताल के रिकॉर्ड जाँचने के बाद ही तैयार की गई है।

संयुक्त आयुक्त ने बताया कि शमशान घाट में मौजूद रहने वाले पुजारी आदि लोगों ने स्पष्ट तौर पर बताया है की उक्त व्यक्ति कभी भी राजघाट में संस्कार करने नहीं आए। मालूम हो कि ए एस आई अजय सूद और मदनलाल (सी एस आई), की संस्कार करने की ड्यूटी लगाई ही नहीं जा सकती ये काम सफाई कर्मचारियों को सौंपा जाता है।

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संयुक्त आयुक्त ने यह भी बताया की उन्होंने सरकारी सिविल अस्पताल सेक्टर 6 से मृतकों का आंकड़ा लिया जिसके अनुसार कोरोना से 377 व्यक्तियों की मृत्यु हुई जबकि करोना मृतकों के संस्कार की संख्या 900 के करीब बताई जा रही है। जिसमें बहुत बड़ा अंतर है जिन व्यक्तियों की संस्कार यहां हुए हैं उनके मृतक प्रमाण पत्र जांचने के बाद पता चला कि कई लोगों की क्योंकि मृत्यु कोरोना से नहीं बल्कि अन्य किन्हीं कारणों से हुई।

विनेश कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट अपने उच्चाधिकारी निगमायुक्त को आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक की गहन जांच की मांग वाली याचिका पर विचार किया

सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार को पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक की गहन जांच की मांग वाली एक याचिका पर विचार किया। एनजीओ लॉयर्स वॉयस द्वारा दायर याचिका में सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए पंजाब सरकार को उचित निर्देश देने की मांग की गई है। किसानों द्वारा फ्लाईओवर को अवरुद्ध करने के कारण बुधवार को पीएम मोदी का काफिला पंजाब के एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक फंसा रहा। निजी कारों को भी काफिले के पास जाते देखा गया, जो एक बड़ी सुरक्षा चूक थी।यही नहीं पुलिस वालों को किसानों के साथ चाय पीते पाया गयाजिसे इनकी मंत्री वेरका ने भंडारा कहा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, नयी दिल्ली:

पंजाब के फिरोजपुर में बीते 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये Rarest Of The Rare केस है। दोबारा ऐसा नहीं होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपनी कमेटी पर विचार करे। पीएम मोदी का काफिला रुकना गलत है। याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एसपीजी एक्ट पढ़ा। उन्होंने कहा कि ये केवल कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है बल्कि एसपीजी एक्ट के तहत एक मुद्दा है। ये एक वैधानिक जिम्मेदारी है. इसमें कोताही नहीं बरती जा सकती है।

सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा, ‘ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, सिर्फ कानून-व्यवस्था का नहीं है. राज्य सरकार को वैधानिक स्तर पर इसकी अनुपालना करनी होती है.’ मनिंदर सिंह ने कहा कि ये बहुत ही गंभीर मसला है. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भारी चूक हुई है. इस मामले में स्पष्ट जांच जरूरी है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी जरूरी है. सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने आगे कहा कि राज्य के पास इस मामले (पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक) की जांच करने का अधिकार नहीं है. ये कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है. राज्य ने जिसे जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया है वो पहले एक बड़े सेवा संबंधी घोटाले का हिस्सा थे.

सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने कहा, ‘ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, सिर्फ कानून-व्यवस्था का नहीं है। राज्य सरकार को वैधानिक स्तर पर इसकी अनुपालना करनी होती है।’ मनिंदर सिंह ने कहा कि ये बहुत ही गंभीर मसला है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भारी चूक हुई है। इस मामले में स्पष्ट जांच जरूरी है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी जरूरी है।

सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने आगे कहा कि राज्य के पास इस मामले (पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक) की जांच करने का अधिकार नहीं है। ये कानून-व्यवस्था का मामला नहीं है। राज्य ने जिसे जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया है वो पहले एक बड़े सेवा संबंधी घोटाले का हिस्सा थे।

वैष्णो देवी भगदड़ में 12 की मौत

जम्मू कश्मीर में प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने इस बाबत जानकारी दी। बताया जा रहा है कि भगदड़ मंदिर के गर्भगृह के बाहर गेट नंबर तीन के पास हुई। अधिकारियों ने बताया कि नए साल की शुरुआत पर मंदिर में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई।

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम संवाददाता, जम्मू
जम्मू कश्मीर में माता वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में नववर्ष के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 12 से ज्यादा घायल हो गए। जम्मू से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर त्रिकूटा पहाड़ी पर स्थित इस धाम पर इस तरह की यह पहली घटना है जहां पर हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं। भगदड़ बीती रात करीब ढाई बजे मंदिर के गर्भगृह के बाहर गेट नंबर तीन के पास हुई। यहां पर कटरा आधार शिविर से करीब 13 किलोमीटर की दूरी तय कर श्रद्धालु जमा होते हैं।

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि भगदड़ की घटना की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रधान सचिव (गृह) शालीन काबरा के नेतृत्व में जांच समिति का गठन किया गया है जिसमें एडीजीपी मुकेश सिंह और जम्मू के संभागीय आयुक्त राजीव लंगर हैं, जो एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

इस घटना पर सभी क्षेत्रों से लोगों ने शोक जताया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति की जानकारी लेने के लिए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से बात की। जम्मू और कश्मीर सरकार ने वैष्णो देवी मंदिर भगदड़ की जांच के लिए प्रधान सचिव (गृह), पुलिस एडीजी (जम्मू) और संभागीय आयुक्त, जम्मू की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

‘कुप्रबंधन ने लीं जाने’
जम्मू-कश्मीर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़ में जीवित बचे कुछ लोगों ने बताया कि नव वर्ष के आगमन पर यहां अचानक बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से भगदड़ मची और उन्होंने इस त्रासदीपूर्ण घटना के लिए ‘कुप्रबंधन’ को दोषी ठहराया।

दम घुटने से हुईं अधिकतर मौतें- पुलिस

बहरहाल, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यह कहते हुए आरोपों का खंडन किया कि संभावित भीड़ के मद्देनजर सभी आवश्यक प्रबंध किए गए थे। पुलिस ने बताया कि अधिकतर मौतें दम घुटने से हुई है। उन्होंने बताया कि मृतकों में सात उत्तर प्रदेश के, तीन दिल्ली के और एक-एक हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के हैं।

एक मामूली लड़ाई ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ घटना के लिए जिम्मेदार-DGP
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह के साथ भगदड़ में धाम पर स्थिति का जायजा लेने पहुंचे जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा कि एक मामूली लड़ाई इस ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ घटना के लिए जिम्मेदार है। सिंह ने बताया कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक कुछ लड़कों में मामूली लड़ाई हुई और कुछ सेकेंड में ही स्थिति भगदड़ में तब्दील हो गई। उन्होंने बताया, ‘पुलिस और आम प्रशासन के अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की और कुछ समय में ही स्थिति को सामान्य कर लिया गया लेकिन तबतक नुकसान हो चुका था।’

मध्य प्रदेश में ग्वालियर के रहने वाले प्रेम सिंह ने कहा कि भवन में पूरी तरह से अव्यवस्था की स्थिति थी, क्योंकि न तो तीर्थयात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध था और ना ही कोविड-19 दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा था। मास्क अनिवार्य होने के बावजूद कई लोगों ने मास्क नहीं पहना था। सिंह ने दावा किया कि ‘एक्स-रे’ जांच बिंदु पर तैनात पुलिस कर्मी भारी भीड़ के आगे कुछ नहीं कर पा रहे थे और इस प्रकार का हादसा होने की आशंका को लेकर लोगों को सचेत कर रहे थे।

‘लोगों को बेरोक-टोक आने की अनुमति दी’
एक शव को पहचानने के लिए एक शवगृह के बाहर इंतजार कर रहे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से आए एक तीर्थयात्री ने कहा, ”इस त्रासदीपूर्ण हादसे का कारण केवल कुप्रबंधन है। उन्हें भीड़ बढ़ सकने की जानकारी थी, लेकिन लोगों को बेरोक-टोक आने की अनुमति दी।’ उन्होंने बताया कि कई लोग जाने के बजाय वहीं फर्श पर आराम कर रहे थे जिसकी वजह से भवन के पास और भीड़ हो गई।

इस भगदड़ में अपने मित्र अरुण पी सिंह (30) को खो देने वाले एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आए थे और भवन में बहुत भीड़ थी।
एक श्रद्धालु आदित्य शर्मा ने कहा कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी और जो फर्श पर जो सो रहे थे उनमें से कुछ कुचले गए। मौके पर मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 12 लोगों की मौत हुई है और उनके शवों का आधार शिविर अस्पताल ले जाया गया है।

मृतकों की हुई पहचान
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में पहचान उत्तर प्रदेश के अरुण प्रताप सिंह (30), धर्मवीर सिंह (35), विनीत कुमार (38) और श्वेता सिंह (35), मोहिंदर गौर (26), नरेंद्र कश्यप (40), मोनू शर्मा (32),दिल्ली के विनय कुमार (24) और सोनू पांडे (24) और आकाश कुमार (29), हरियाणा की ममता (38) और जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के देशराज कुमार (26) रूप में हुई है।

एक घंटे के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन की दी गई अनुमति
उन्होंने बताया कि घायल 15 लोगों को माता वैष्णो देवी नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनमें से दो लोगों की हालत गंभीर है तथा कुछ लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। उन्होंने बताया कि घटना के करीब एक घंटे के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन की अनुमति दे दी गई और यात्रा बाधित नहीं हुई है।

पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार जम्मू-कश्मीर प्रशासन के संपर्क में ताकि प्रभावित की मदद की जा सके। मोदी ने ‘पीएम-किसान’ योजना के तहत निधि जारी करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘माता वैष्णो देवी भवन में मची भगदड़ में लोगों की जान जाने से अत्यंत दुखी हूं। शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’

मृतक के परिजनों को 10 लाख और घायलों को 2 लाख रुपये का मुआवजा
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये और घायलों के लिए दो-दो लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की है।

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि श्री माता वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में भगदड़ के कारण लोगों की मृत्यु से बेहद दुखी हूं। उन्होंने पूरे घटना की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को दी।

पीएमओ ने भी की मुआवजे की घोषणा
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए अनुग्रह रााशि की घोषणा की। पीएमओ ने प्रधानमंत्री मोदी के हवाले से एक ट्वीट में कहा, ”माता वैष्णो देवी भवन में भगदड़ में जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।’

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जाना घायलों का हाल
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि नए साल के मौके पर वैष्णो देवी धाम आने की युवाओं की परिपाटी से निपटने के लिए नवोन्मेषी उपायों की जरूरत है। सिंह ने काकरियाल स्थित श्री माता वैष्णो देवी नारायण सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने कहा, ‘पांरपरिक रूप से श्रद्धालु त्योहारों के दिनों में जैसे नवरात्र, दशहरा और दिवाली को आते थे। लेकिन यह नयी परिपाटी है और हमे इसके अनुसार कदम उठाना होगा। हम इसका कुछ समाधान निकालने के लिए नवोन्मेष और प्रौद्योगिकी पर चर्चा करेंगे।’

राष्ट्रपति ने भी जताया दुख
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वह भगदड़ मचने से श्रद्धालुओं की मौत की खबर से अत्यंत दुखी हैं। उन्होंने शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना भी प्रकट की। राष्ट्रपति ने कहा, ”मैं घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जताई संवेदना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया है। शाह ने ट्वीट किया, ‘माता वैष्णो देवी मंदिर में हुई दुखद घटना से हृदय अत्यंत व्यथित है। इस संबंध में मैंने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल से बात की है। प्रशासन घायलों के उपचार के लिए निरंतर कार्यरत है। इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘माता वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’ जम्मू-कश्मीर की सभी प्रमुख पार्टियों ने भी इस घटना पर दुख जताया है।

केन्द्र सरकार के कारण GST बढ़ाने से महगांई रुपी जिन्न फिर बाहर निकल जायेगा : पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन

पंचकूला 30  दिसंबर:  

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारमण से मांग की है कि 1 जनवरी 2022 से कपड़ा, रेडीमेड कपड़ों , जूते और चप्पलों पर  जी एस टी  की दरें 5 प्रतिशत से बढ़ाकर कर 12 प्रतिशत करने के निर्णय को वापिस लेकर महंगाई  रुपी  जिन्न से गरीबों को छूटकारा  दिलवाने के लिए सार्थक कदम उठाए। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्ति महगांई के बोझ के नीचे पहले से ही दबा जा रहा है और जी एस टी की दरें बढ़ने से एक बार फिर महगांई रुपी जिन्न फिर बाहर निकल जायेगा और इसकी सबसे अधिक मार समाज के 80 प्रतिशत  गरीब लोगों पर ही पड़ेगी।

                  चन्द्र मोहन ने कहा कि अब फैक्ट्री से निकलने वाले 200 रुपए का कपड़ा   210 रुपए में मिलता है तो वह 1 जनवरी के बाद जी एस टी बढ़ने से   224 रुपए में मिलेगा। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों में रेडीमेड कपड़ा सस्ता है इससे देश का निर्यात भी घटेगा और  छोटे व्यापारी और कपड़ा उद्योग तबाह हो जायेगा और इसका सीधे रुप से जिम्मेदार केन्द्र सरकार होगी।

                     उन्होंने कहा कि चप्पल गरीब का गहना है और इस पर भी जी एस टी की दरें 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने से मोदी सरकार का गरीब विरोधी चेहरा  स्पष्ट रूप से उजागर हो गया है। कोरोना और महगांई रुपी राक्षस से गरीब लोगों का जीना पहले ही दुष्कर हो गया है और जी एस टी के दरें बढ़ने से उन पर और अधिक बोझ पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  ने जहां गरीब चप्पल वाले को भी हवाई जहाज में सफर करने का प्रलोभन दिखलाया और अब उन्ही चप्पल वालों का साईकिल पर भी चलना दुश्वार हो सकता है । प्रधानमंत्री का चप्पल वाले का हवाई सफर करने का सपनाक्षभी एक जुमला सिद्ध हुआ है।

                         चन्द्र मोहन ने कहा कि अभी तो गरीब कोरोना की मार  से उभर भी नहीं पाया था और अब जी एस टी की बढ़ी दरें लागू करने से  80 प्रतिशत लोगों पर इसका सीधा असर पड़ेगा जिनसे  जी एस टी प्राप्त होता है। इस फैसले से  जहां निर्यात घटेगा  वहीं 15 लाख लोग बेरोजगार हो जायेंगे। उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्रीसे मांग की है कि वह गरीब लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करना बंद करदे और जी एस टी की बढ़ी हुई दरें वापिस लेने के आदेश जारी करें ताकि कोविड की तीसरी लहर की आंशका को देखते हुए गरीबों पर बोझ डालने की बजाय उनको राहत देने का प्रयास  करना चाहिए ताकि गरीबो को राहत मिल सके और वह महगांई के दंश से बच सकें।

36 वर्ष बाद मठ मंदिर के गौरंग देव राधा माधव जी मंदिर से बाहर आए

चण्डीगढ़ :

श्री चैतन्य गौड़ीय मठ, सेक्टर 20, चण्डीगढ़ ने भव्य समारोह का का आयोजन अखिल भारतीय आचार्य एवं अध्यक्ष श्री भक्ति विचार विष्णु महाराज जी के नेतृत्व में आयोजित किया गया।  गौड़ीय मठ मंदिर के प्रवक्ता जयप्रकाश गुप्ता ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि आज श्री गौरंग देव श्री राधा माधव जी 36 वर्ष के बाद पहली बार स्थापित मंदिर के सिंहासन से बाहर आए। गौरतलब है कि भगवान श्री गौरांग देव राधा माधव जीके अति गौरवशाली भव्य नवनिर्मित हो रहे सिंहासन के निर्माण कार्य के कारण भगवान श्री राधा माधव जी एवं गोरांग देव को अस्थाई मंदिर में शिफ्ट किया गया है। इस अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने अपने आराध्य भगवान को बरसों के बाद नजदीक से देख कर आनंद से प्रफुल्लित होकर   महा संकीर्तन एवं नृत्य गान कर  झूम उठे अपने आराध्य देव को इतना नजदीक से देख कर फूलों की वर्षा की जिससे वातावरण अत्यंत मनमोहक हो गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय श्री चैतन्य गौड़ीय मठ संस्थान के अध्यक्ष श्री भक्ति विचार विष्णु महाराज जी ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि भक्तों पर कृपा करने के लिए इतने नजदीक से भगवान श्री चैतन्य देव एवं राधा माधव जी ने दर्शन दिए यह भक्तों के लिए सौभाग्य की बात है। ऐसे आयोजनों से भक्तों में उत्साह उमंग एवं भाईचारा उत्पन्न होता है और भगवान की कृपा प्राप्त होती है। कार्यक्रम के पश्चात सैकड़ों लोगों ने भगवान को अर्पित स्वादिष्ट भोजन प्रसाद का आनंद प्राप्त किया।

यैलो अलर्ट : कल से नयी दिल्ली के स्कूल कालेज बंद

GRAP लागू होते ही दिल्ली के सभी स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान और कोचिंग इंस्टीट्यूट बंद कर दिए गये हैं। बता दें कि दिल्‍ली में सीनियर क्‍लासेज़ के लिए स्‍कूल 18 दिसंबर से खुले थे। पहले कोरोना और फिर वायु प्रदूषण के चलते स्‍कूल बंद किए गए थे। स्‍कूल बंद होने के साथ साथ जिम, स्‍वीमिंग पूल, थिएटर आदि पर भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। वहीं, दिल्ली के नर्सरी से 5वीं तक के स्कूल विंटर वेकेशन के लिए भी नोटिस जारी की थी। शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, स्कूल 1 जनवरी से 15 जनवरी तक विंटर वेकेशन के लिए बंद रहेंगे।

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम (ब्यूरो), नयी दिल्ली :

दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण की दर बढ़ने के साथ ही एक बार फिर पाबंदियों के दिन लौटने लगे हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कोरोना संकट को लेकर बैठक की और येलो अलर्ट लागू करने का ऐलान किया है। ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान के तहत दिल्ली में लेवल-1 का अलर्ट यानी येलो अलर्ट जारी किया गया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बारे में जल्दी ही विस्तृत आदेश जारी किया जाएगा। इसमें कई तरह के प्रतिबंधों का ऐलान किया जा सकता है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए तय नियमों के मुताबिक येलो, अंबर, ऑरेंज और रेड अलर्ट का प्रावधान है।

दिल्ली में पहले से ही नाइट कर्फ्यू लाग कर दिया गया है। यह नाइट कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक के लिए लागू किया गया है। इसके अलावा येलो अलर्ट के तहत स्कूल, कॉलेजों, कोचिंग संस्थानों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद किया जा सकता है। इसके अलावा गैर-जरूरी सामान बेचने वाली दुकानों और मॉल्स आदि को भी सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक के लिए ऑड-ईवन के आधार पर खोलने का फैसला लिया जा सकता है। यही नहीं प्राइवेट दफ्तरों की टाइमिंग भी 9 से 5 बजे तक की जा सकती है और कुल क्षमता 50 फीसदी करने का फैसला लिया जा सकता है।

येलो अलर्ट के तहत रेस्तरां में भी कुल क्षमता के 50 फीसदी के बराबर लोगों को ही बैठने की परमिशन मिल सकती है। इसके अलाव इन्हें खोले जाने का टाइम भी सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक तय हो सकता है। बार में भी 50 फीसदी क्षमता का नियम लागू हो सकता है। येलो अलर्ट के तहत सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, बैंक्वट हॉल और ऑडिटोरियम आदि को बंद किया जा सकता है। होटलों को खुला रखने की अनुमति मिल सकती है, लेकिन इनके अंदर बने बैंक्वट और कॉन्फ्रेंस हॉल नहीं चलाए जा सकेंगे। हालांकि अभी यह अनुमान ही है। इस बारे में जल्दी ही दिल्ली सरकार की ओर से विस्तृत गाइडलाइंस जारी की जाएंगी।

येलो अलर्ट के तहत स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्टेडियम और स्विमिंग पूल आदि को भी बंद करने का फैसला हो सकता है। शादी और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 20 तक ही सीमित की जा सकती है। धार्मिक स्थल खुले रह सकते हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या सीमित की जा सकती है। इसके अलावा सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजनों पर भी रोक लग सकती है।

पंजाब में श्रीमद्भगवद्गीता के अपमान पर किसी को चांटा त नहीं पड़ा

पंजाब में श्रीमद्भगवद्गीता के अपमान का मामला प्रकाश में आया है। बीते दिनों अमृतसर के स्वर्ण मंदिर और कपूरथला के निजामपुर गुरुद्वारे में बेअदबी के इल्जाम में सिख भीड़ ने दो युवकों को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था। जहाँ दरबार साहिब में हुई घटना में हत्या की निंदा करने की जगह तमाम नेता सिर्फ ‘बेअदबी’ की ही निंदा कर रहे हैं। किसी में इतना साहस नहीं कि मॉब लिंचिंग की आलोचना कर सके। वहीं, कपूरथला में तो एक बेचारा मानसिक रूप से विक्षिप युवक, जो भूखा था और रोटी की तलाश में गुरुद्वारा चला गया था, किन्तु उस पर ‘निशान साहिब’ की बेअदबी का इल्जाम लगा कर मार डाला गया। हालाँकि, सिख भीड़ ने इसकी परवाह न तो ‘किसान आंदोलन’ के दौरान दलित लखबीर सिंह के शरीर के टुकड़े करने में की, न ही स्वर्ण मंदिर में घुसे युवक की उँगलियाँ तोड़ कर उसकी हत्या करने में और न ही एक बीमार युवक पर झूठा आरोप लगा कर कपूरथला में उसके मॉब लिंचिंग के दौरान। इन सब में कॉमन ये है कि ऐसा करने वालों को पछतावा नहीं और वो कहते हैं कि ‘बेअदबी’ होगी तो फिर ऐसा करेंगे।

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम (ब्यूरो) चंडीगढ़ :

श्रीमद्भगवद्गीता के अपमान की खबर के बाद इस तरह की कोई घटना नहीं है। ऐसा नहीं है कि पंजाब में हिन्दू नहीं रहते हैं या हिन्दू संगठन सक्रिय नहीं हैं, लेकिन हिन्दू समाज सहिष्णु है। ताज़ा घटना लुधियाना की है, जहाँ मंगलवार (21 दिसंबर, 2021) को पुलिस कमिश्नर कार्यालय के समक्ष हिन्दू हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ कटी-फटी अवस्था में मिले। ‘शिव सेना पंजाब’ के कार्यकर्ताओं ने इसे पुलिस को सौंपा और साथ ही इस मामले में जाँच की माँग की।

पुलिस कमिश्नर कार्यालय के सामने एक ‘शिव ढाबा’ है, जहाँ पर एक शिव मंदिर भी है। वहीं एक पीपल के पेड़ के नीचे श्रीमद्भगवद्गीता और गरुड़ पुराण की पुस्तकें पड़ी हुई थीं। हिन्दू कार्यकर्ताओं ने इन्हें उठा कर पुलिस को सौंपा। इससे पहले फोकल पॉइंट क्षेत्र में गोहत्या की बात भी सामने आई थी। हिन्दू संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बावजूद पुलिस किसी को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है। हाँ, मॉब लिंचिंग क्या इसी को चाँटा तक मारने का आरोप हिन्दुओं पर नहीं लगा।

हिन्दू संगठनों ने ऐलान किया है कि पुलिस अगर कार्रवाई करने में सक्षम नहीं होती है तो वो इसके लिए संघर्ष करेंगे। अब हिन्दू ग्रंथों के अपमान के मामले में सीसीटीवी फुटेज चेक कर के कार्रवाई की जाएगी। सिख भीड़ की मॉब लिंचिंग को जायज ठहरा रहे लोग पूरे भारत और हिन्दू समाज को असहिष्णु बताने लगते और अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों में लेख आने लगते, अगर हिन्दुओं ने गुस्से में आकर किसी को एक थप्पड़ भी लगा दिया होता। लोगों को भारत में रहने और हिन्दू समाज में जन्म होने पर शर्म आने लगती।

ये हाल में इस तरह की कोई पहली घटना नहीं है। इसी तरह जुलाई 2021 में अहमदगढ़ के सरौंद के मालेरकोटला मार्ग पर शिवलिंग के साथ छेड़छाड़ किए जाने की खबर सामने आई थी। हिन्दुओं ने बस आक्रोश भर जताया। पुलिस ने घटनास्थल का दौरा कर के इतिश्री कर ली। अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज हुई, बस। हिन्दू भी भूख हड़ताल कर के संघर्ष करते रहे। कोई मॉब लिंचिंग नहीं हुई। शिवलिंग के साथ तोड़फोड़ हुई, लेकिन हिन्दुओं ने किसी को छुआ तक नहीं। क्योंकि हिन्दू सहिष्णु होते हैं।

पंजाब के कॉन्ग्रेस पार्षद सुखराज औलख ने अगस्त 2021 में यज्ञ, व जाप के अलावा ब्राह्मण समाज व महिलाओं पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी कर डाली। हिन्दुओं की भीड़ ने मॉब लिंचिंग नहीं, सड़कों पर कीर्तन कर के अपना विरोध जताया। उनके बॉयकॉट की माँग की गई। कॉन्ग्रेस पार्टी का विरोध हुआ। सब कुछ लोकतांत्रिक तरीके से। हिन्दुओं को पता है कि जब झूठे मामले बना कर उन्हें सांप्रदायिक रंग देकर दुनिया भर में उन्हें रोज बदनाम किया जाता है, तो फिर किसी दिन कोई गलती हो भी गई तो नैरेटिव बनाने वाला गिरोह क्या कर सकता है।

हालाँकि, सिख भीड़ ने इसकी परवाह न तो ‘किसान आंदोलन’ के दौरान दलित लखबीर सिंह के शरीर के टुकड़े करने में की, न ही स्वर्ण मंदिर में घुसे युवक की उँगलियाँ तोड़ कर उसकी हत्या करने में और न ही एक बीमार युवक पर झूठा आरोप लगा कर कपूरथला में उसके मॉब लिंचिंग के दौरान। इन सब में कॉमन ये है कि ऐसा करने वालों को पछतावा नहीं और वो कहते हैं कि ‘बेअदबी’ होगी तो फिर ऐसा करेंगे। उन्हें गिरोह विशेष का भय नहीं। नैरेटिव बनाने वाला गिरोह सिख भीड़ के साथ है।

लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने से प्रेग्‍नेंसी-अबॉर्शन पर होगा असर : गायनेकोलोजिस्ट

तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने सरकार के कदम का विरोध करते हुए एनडीटीवी से कहा, “देखिए बुरा मत मानिए. मोदी रिजीम चल रहा है। मोदी हैं तो मुमकिन है। औरतों को क्या मानते हैं। वो बुरा माने या भला। इनको क्या फर्क पड़ता है. हम क्या खाएंगे या क्या पहनेंगे… कितने साल पर शादी करेंगे. सब मोदी जी के हाथ में है।” साथ ही शिवसेना नेता और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि “जो भी फैसले हो रहे हैं महिलाओं से बग़ैर पूछे… बिना उनकी राय के लिए गए. जब वोटिंग ऐज (मतदान की उम्न) 18 साल है तो शादी के लिये 21 साल। कैबिनेट यह फैसला करेगी कितनी पढ़ाई करनी है, किससे शादी करनी है, कब बच्चा पैदा करना है… तो महिलाएं क्या करेंगी. चाइल्ड मैरिज भी बढ़ी है।”

नयी दिल्ली (ब्यूरो) :

भारत में लड़कियों की शादी की उम्र में संशोधन के लिए पिछले साल बनाई गई टास्‍क फोर्स की सिफारिशों पर आधारित प्रस्‍ताव को बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पास कर दिया है। जिसमें लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 करने का प्रस्‍ताव रखा गया है। लिहाजा लड़कियों के विवाह की कानूनी उम्र बढ़ने को लेकर कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं तो कई संगठन इसका विरोध जता रहे हैं। देश में मातृत्व की उम्र से संबंधित मामलों, मातृ मृत्यु दर को कम करने की जरूरतों और, पोषण आदि में सुधार को ध्‍यान में रखते हुए उम्र में संशोधन करने की बात कही गई है, ऐसे में लोगों का अभी भी यह सवाल है कि क्‍या इसे फैसले से सच में महिलाओं और लड़कियों को फायदा मिलेगा? या इससे नुकसान होगा ?

इस संबंध में ए टीवी चैनल ने फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट गुड़गांव की निदेशक और हेड व दिल्ली एम्स की पूर्व हेड ऑफ द डिपार्टमेंट ऑफ ऑब्‍सटेट्रिक्‍स एंड गायनेकोलॉजी डॉ. सुनीता मित्तल से बात की हैं.  वरिष्‍ठ स्‍त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनीता का कहना है कि शादी की उम्र बढ़ाने से पहले भी भारत में महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य और सुरक्षा के लिए कई कानून बने हैं लेकिन सबसे बड़ी जरूरत किसी भी कानून के लिए होती है कि वह सही तरीके से देशभर में लागू किया जाए। ऐसे में इस प्रस्‍ताव के कानून बन जाने के बाद यह अगर सही तरीके से लागू होता है तो इसका बड़ा फायदा महिलाओं को मिलेगा।

उम्र बढ़ने से महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य पर ये होगा असर

डॉ. मित्‍तल कहती हैं कि शादी का सीधा संबंध प्रेग्‍नेंसी से है। ऐसे में इस कानूनी प्रस्‍ताव का सीधा असर महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ेगा। अगर मेडिकली देखें तो टीनएज प्रेग्‍नेंसी में कठिनाइयां और दिक्‍कतें अपेक्षाकृत ज्‍यादा होती हैं। मेडिकल टर्म में टीनएज यानि 19 साल से कम उम्र की लड़कियां। अगर 19 साल से कम उम्र में कोई लड़की गर्भवती होती है तो उसकी गर्भावस्‍था से लेकर प्रसव यानि डिलिवरी तक कई परेशानियां पैदा होने की संभावना ज्‍यादा होती है। या कहें कि ये प्रमुख दिक्‍कतें आती ही हैं। यही वजह है कि स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ हमेशा लड़कियों को शादी के बाद सलाह देते हैं कि दो से तीन साल के अंतर के बाद ही गर्भवती हों, तक तक शारीरिक और मानसिक रूप से मैच्‍योरिटी भी आ जाएगी।

गर्भपात या अबॉर्शन के मामले।

 डॉ. मित्‍तल कहती हैं टीनएज या अर्ली एज में लड़कियों में गर्भपात या मिसकैरेज के मामले बढ़ जाते हैं। जबकि 21 के बाद ये आशंका कम होती है। लिहाजा शादी की उम्र बढ़ने से अबॉर्शन या मिसकैरेज के मामले घटने का अनुमान है।

प्री-मैच्‍योर या अंडर वेट बच्‍चा होना या बच्‍चे की मृत्‍यु होन।

 डॉ. कहती हैं कि अगर स्‍वस्‍थ प्रेग्‍नेंसी की बात करें तो यह उम्र 21 साल से 28-30 तक होती है। इस उम्र के बीच जो भी महिलाएं गर्भवती होती हैं वे अपेक्षाकृत स्‍वस्‍थ बच्‍चे को जन्‍म देती हैं। इनके बच्‍चे भी स्‍वस्‍थ और पूरे वजन वाले होते हैं. इसके अलावा कम उम्र में बच्‍चे पैदा होने के बाद बच्‍चों की भी मृत्‍यु दर ज्‍यादा रही है और मांओं को भी खतरा पैदा हो जाता है।

महिला और बच्‍चे का स्‍वास्‍थ्‍य

डॉ मित्‍तल कहती हैं कि 21 से 25 के बीच में प्रेग्‍नेंसी होने पर मां और बच्‍चे को पोषण संबंधी परेशानियां भी कम होती हैं। अभी भी 18 से कम उम्र में भी शादियां हो रही हैं जो सही नहीं हैं।

सीजेरियन डिलिवरी की संभावना बढ़ना

डॉ. मित्‍तल कहती हैं कि कम उम्र में गर्भावस्‍था होने से सामान्‍य डिलिवरी के बजाय सीजेरियन या सी सेक्‍शन डिलिवरी के मामले थोड़े बढ़े हैं।

पोषण

20 की उम्र से पहले किसी भी लड़की को अपने लिए ही ज्‍यादा न्‍यूट्रीशन की जरूरत पड़ती है। ऐसे में शादी होने के बाद अगर इस समय में वह प्रेग्‍नेंट भी हो जाए तो इसका असर उसके स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ता है, जो सही नहीं है. लिहाजा प्रेग्‍नेंसी की सही उम्र होनी चाहिए।

गर्भ निरोध

प्रेग्‍नेंसी के बाद जल्‍दी ही गर्भ निरोधक उपाय जैसे स्‍टेरलाइजेशन आदि भी लड़कियां या महिलाएं करवा लेती हैं लेकिन कोई अनहोनी होने के बाद वे वापस अपनी उपायों को हटवाने या ट्यूब खुलवाने के लिए आती हैं जो उनके लिए जटिल हो जाता है।

भारत – पाक बार्डर खुलवाना चाहते हैं सिद्धू

सिद्धू ने कहा कि भारत-पाकिस्तान बॉर्डर को खोल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बॉर्डर खुलने से सबको फायदा होगा। अगर बॉर्डर खुल जाएगा तो इससे व्यापार में मदद मिलेगी। बॉर्डर बंद होने से सबको हो रहा है नुकसान, बॉर्डर खुल जाने से कई देशों के व्यापार के रास्ते खुल जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत-पाक व्यापार 37 बिलियन अमेरिकी डॉलर हैं, इससे 34 देश व्यापार करते हैं। लेकिन बॉर्डर बंद होने से हम केवल 3 बिलियन डॉलर का ही व्यापार कर पा रहे हैं।

नई दिल्ली (ब्यूरो)

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू अक्सर अपनी बयानबाजी और पाकिस्तान प्रेम के चलते चर्चा में रहते हैं। एक बार फिर उनका पाकिस्तान प्रेम सामने आया है. दरअसल, शनिवार को सिद्धू ने कहा कि भारत-पाकिस्तान बॉर्डर को खोल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बॉर्डर खुलने से सबको फायदा होगा।

अमृतसर मे पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पाकिस्तान बॉर्डर बंद होने से सबको नुकसान हो रहा है। अगर बॉर्डर खुल जाएगा तो इससे व्यापार में मदद मिलेगी। बॉर्डर खुल जाने से कई देशों के व्यापार के रास्ते खुल जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत-पाक व्यापार 37 बिलियन अमेरिकी डॉलर हैं, इससे 34 देश व्यापार करते हैं। लेकिन बॉर्डर बंद होने से हम केवल 3 बिलियन डॉलर का ही व्यापार कर पा रहे हैं।

उन्होंने अगली साल होने वाले चुनाव इस चुनाव में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा होने जा रहा है। मैं आपको गारंटी देता हूं कि थोड़े समय के भीतर हम आपको एक विजन देंगे। सबके पास आंखें हैं, किसी के पास विजन नहीं है। सिद्धू ने कहा कि अभी जो व्यापार हो रहा है वो अपनी क्षमता का 5% भी नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब को पिछले 34 महीनों में 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस दौरान 15,000 नौकरियां चली गईं। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी अनुरोध किया था, मैं एक बार फिर से अनुरोध कर रहा हूं कि भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार फिर से शुरू हो. इससे सभी को फायदा होगा।

बता दें, सिद्धू पहले भी ऐसे बयान दे चुके हैं। उन्होंने एक बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अपना भाई कहा था। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार भी फिर से शुरू होना चाहिए। पाकिस्तान भाई जैसा देश है। दोनों के बीच दोस्ती और प्यार बराबर बना रहे। दोनों देशों के दरवाजे और खिड़कियां खुलनी चाहिए। सिद्धू के पाकिस्तान प्रेम के लिए कई बार उनकी आलोचना भी हो चुकी है।