स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन

स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से पूरा देश शोक में डूब गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें  भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि लता जी का निधन उनके और दुनियाभर के लाखों लोगों के लिए हृदयविदारक है।  आज सुह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। वो पिछले 28 दिनों से अस्पताल में भर्ती थी।

मुंबई/चंडीगढ़, डेमोक्रेटिक फ्रंट :

स्वर कोकिला लता मंगेशकर निधन: सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का निधन आज ब्रीच कैंडी अस्तपाल में कोरोना संक्रमण से जंग लड़ते हुए 92 साल की उम्र में हो गया। पिछले 29 दिनों से वह ब्रीच कैंडी अस्तपाल में भर्ती थीं और उनकी स्थिति नाज़ुक बानी हुई थी. लता मंगेशकर के निधन पर दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। लता मंगेशकर का पार्थिव शरीर रविवार दोपहर को 12:30 बजे घर लाया जाएगा। उनका अंतिम संस्‍कार रविवार को ही मुंबई के शिवाजी पार्क में शाम 6:30 बजे राजकीय सम्‍मान के साथ किया जाएगा।

‘भारत रत्‍न’ से सम्‍मानित दिग्गज गायिका लता मंगेशकर को 8 जनवरी 2022 को कोरोना संक्रमित पाए जाने पर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें न्यूमोनिया हो गया था, जिससे उनकी हालत बिगड़ने लगी। इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनकी हालत में सुधार के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट भी हट गया था, लेकिन 5 फरवरी को उनकी स्थिति बिगड़ने लगी और उन्हें फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। आखिरकार, 6 फरवरी को ‘स्वर कोकिला’ ने अंतिम साँस ली।

बता दें कि लता मंगेशकर ने बॉलीवुड में करीब सात दशक तक अपनी मधुर आवाज से लोगों के दिलों पर राज किया है। वह दुनियाभर में ‘भारत की नाइटिंगेल’ के नाम से मशहूर हैं।

लता मंगेशकर और उनका परिवार उन लोगों में से हैं, जिन्होंने कभी भी कॉन्ग्रेस और उसके वफादारों के बनाए गए सिस्टम के प्रोपेगेंडा पर भरोसा नहीं किया। उन्होंने पाया कि वीर सावरकर भारत की स्वतंत्रता के लिए समर्पित देशभक्त और प्रतिभाशाली व्यक्ति थे, जो कविता और लेखन का कार्य भी करते थे।

स्वर कोकिला लता मंगेशकर और उनका परिवार वीर सावरकर के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को लेकर हमेशा गौरवान्वित रहा है। हर साल सावरकर की जयंती और पुण्यतिथि पर (28 मई और 26 फरवरी) लता मंंगेशकर हिंदुत्व के इस विचारक को सार्वजनिक तौर पर श्रद्धांजलि देने और अंग्रेजों के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके अमूल्य योगदान को दोहराने से कभी नहीं कतराती थीं।

उमर खालिद, अन्य आरोपियों की जमानत याचिका का पुलिस ने किया विरोध

दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद और छह अन्य की जमानत याचिका का बुधवार को एक अदालत के समक्ष विरोध करते हुए आरोप लगाया गया कि उन्होंने दिल्ली में 2020 के दंगों के दौरान हिंसा भड़काने और पुलिस अधिकारियों पर हमले करने की साजिश रची थी। “पहला मोर्चा भीम आर्मी और दूसरा मोर्चा आपने कपिल मिश्रा के खिलाफ खोल मैंने आपको दिखाया है कि इसमें कोई स्थानीय भागीदारी नहीं थी। जब कोई स्थानीय महिला वहां नहीं थी, तो कहीं और से उन्हें लाने का क्या मतबल है?’’ अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि आरोपी तेजाब, लाठी और लाल मिर्च आदि एकत्रित कर रहे थे और हिंसा उत्पन्न करने के लिए लाठियां बांटी गई थीं।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ली(ब्यूरो) :

दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद और छह अन्य की जमानत याचिका का बुधवार को यहां की एक अदालत के समक्ष विरोध करते हुए आरोप लगाया गया कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में 2020 के दंगों के दौरान हिंसा भड़काने और पुलिस अधिकारियों पर हमले करने की साजिश रची थी। अभियोजन पक्ष ने अदालत को यह भी बताया कि मामले के मुख्य साजिशकर्ताओं ने भीम आर्मी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कपिल मिश्रा पर दोष मढ़ने की कोशिश की।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत को अभियोजन पक्ष ने पूर्वोत्तर दिल्ली के चांद बाग इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद 24 फरवरी 2020 की फुटेज और एक व्हाट्सएप ग्रुप दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप (डीपीएसजी) में आरोपियों की चैट भी दिखाई। पुलिस के एक वकील ने अदालत से कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि एक तरफ हमने आपको यह कहते हुए देखा है कि भीम आर्मी के (भारत बंद) के आह्वान के बाद तनाव बढ़ गया। फिर कपिल मिश्रा के खिलाफ शिकायत की गई। यह खालिद सैफी का एक संदेश है। पहला मोर्चा भीम आर्मी और दूसरा मोर्चा आपने कपिल मिश्रा के खिलाफ खोला…मैंने आपको दिखाया है कि इसमें कोई स्थानीय भागीदारी नहीं थी। जब कोई स्थानीय महिला वहां नहीं थी, तो कहीं और से उन्हें लाने का क्या मतबल है?

अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि आरोपी तेजाब, लाठी और लाल मिर्च आदि एकत्रित कर रहे थे और हिंसा उत्पन्न करने के लिए लाठियां बांटी गई थीं। खालिद और कई अन्य लोगों पर विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन पर फरवरी 2020 में हुए दंगों की साजिश रचने का आरोप है, जिनमें 53 लोग मारे गये थे और करीब 200 लोग घायल हो गये थे।

विरोध कर रहे छात्रों के समर्थन में उतरे राहुल-प्रियंका और अखिलेश

रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की परीक्षा 2021 परिणाम 14-15 जनवरी को जारी किये गए थे। इन परीक्षाओं में 1 करोड़ 40 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे और नतीजे आने के बाद से ही छात्रों के बीच असंतोष छाया हुआ है। इसके विरोध में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध बिहार, उत्तर प्रदेश और देश के कई अन्य हिस्सों में छात्रों द्वारा किया जा रहा है। मंगलवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने कई स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया, कई घंटे तक रेलों को बाधित किया। बुधवार को बिहार के गया और आरा में छात्रों ने ट्रेन की बोगियों में आग भी लगा दी।

डेमोक्रेटिक फ्रंट(ब्यूरो) पटना :

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी बुधवार को रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा 2021 के परिणाम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समर्थन में सामने आए औक उन्होंने गिरफ्तार छात्रों की रिहाई की मांग की।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘छात्रों, आप देश की व अपने परिवार की उम्मीद हैं। भाजपा सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़, सत्य के पक्ष में मैं आपके साथ हूं और रहूंगा, लेकिन हिंसा हमारा रास्ता नहीं है। अहिंसक विरोध से स्वतंत्रता ले सकते हैं तो अपना अधिकार क्यों नहीं?’’

राहुल गांधी ने बिहार में एक ट्रेन रोककर राष्ट्रगान गा रहे युवाओं का एक वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘‘अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने को हर नौजवान स्वतंत्र है, जो भूल गए हैं, उन्हें याद दिला दो कि भारत लोकतंत्र है, गणतंत्र था, गणतंत्र है!’’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘रेलवे, एनटीपीसी व ग्रुप डी परीक्षा से जुड़े युवाओं पर दमन की जितनी निंदा की जाए, कम है। सरकार दोनों परीक्षाओं से जुड़े युवाओं से तुरंत बात करके उनकी समस्याओं का हल निकाले। छात्रों के हॉस्टलों में घुसकर तोड़फोड़ और सर्च की कार्रवाई पर रोक लगाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ गिरफ्तार किए गए छात्रों को रिहा किया जाए। विरोध- प्रदर्शन करने के चलते उनको नौकरी से प्रतिबंधित करने वाला आदेश वापस लिया जाए। प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं से मेरी अपील है कि सत्याग्रह में बहुत ताकत होती है। शांतिपूर्ण ढंग से सत्याग्रह के मार्ग पर चलते रहिए।’’

भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार रोजगार मांगने वाले युवाओं पर अत्याचार कर रही है।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘देश के संविधान ने हर नागरिक को विरोध करने का अधिकार दिया है, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार में युवाओं के साथ जो बर्बरता की गई है, वो सिर्फ जंगलराज में संभव है। सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि वह युवाओं की आवाज नहीं दबा सकती। उसे झुकना होगा।’’

रेलवे ने अपनी भर्ती परीक्षाओं की चयन प्रक्रिया को लेकर परीक्षार्थियों के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणी (एनटीपीसी) और लेवल-1 की परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी।

प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे ने एक उच्च स्तरीय समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी।

चयन प्रक्रिया को लेकर बिहार के कई स्थानों पर युवाओं ने विरोध- प्रदर्शन किया और कई ट्रेनों को रोका। इस दौरान पुलिस ने भी बल प्रयोग किया।

वहीं इस मामले पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी छात्रों के समर्थन में आए हैं। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में अपने रोजगार के लिए हक की आवाज बुलंद करने वाले बेगुनाह छात्रों पर पुलिस द्वारा हिंसक प्रहार शर्मनाक और घोर निंदनीय है। बीजेपी सरकार में छात्रों के साथ जो दुर्व्यवहार हुआ है, वो बीजेपी के ऐतिहासिक पतन का कारण बनेगा। सपा संघर्षशील छात्रों के साथ है।

दरअसल रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की परीक्षा 2021 परिणाम 14-15 जनवरी को जारी किये गए थे। इन परीक्षाओं में 1 करोड़ 40 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे और नतीजे आने के बाद से ही छात्रों के बीच असंतोष छाया हुआ है। इसके विरोध में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध बिहार, उत्तर प्रदेश और देश के कई अन्य हिस्सों में छात्रों द्वारा किया जा रहा है। मंगलवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने कई स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया, कई घंटे तक रेलों को बाधित किया। बुधवार को बिहार के गया और आरा में छात्रों ने ट्रेन की बोगियों में आग भी लगा दी।

फिलहाल इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए रेल मंत्रालय ने एक समिति गठित की है जो परीक्षा में पास हुए और फेल किए गए छात्रों की बातों को सुनेगी और इसकी रिपोर्ट तीन सप्ताह में रेल मंत्रालय को सौंपेगी। उसके बाद रेल मंत्रालय आगे का निर्णय लेगा। छात्रों के विरोध के मद्देनजर फिलहाल रेलवे की आगामी परीक्षाओं पर रेल मंत्रालय ने रोक लगा दी है।

हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में किया ध्वजारोहण

  • देश में स्वतंत्रता सेनानियों को विशेष सम्मान देने के साथ-साथ आगामी 25 सालों के लिए एक विजन व रूपरेखा भी बनाई जा रही है-राज्यपाल

पंचकूला, 26 जनवरी:

हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि पूरे देश में जश्न के साथ ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ मनाया जा रहा है। इस वर्ष देश में स्वतंत्रता सेनानियों को विशेष सम्मान देने के साथ-साथ आगामी 25 सालों के लिए एक विजन व रूपरेखा भी बनाई जा रही है ताकि 2047 में आजादी के सौ वर्ष पूरे होने पर भारत पूरी दुनिया को नेतृत्व प्रदान करे।

राज्यपाल आज 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में ध्वजारोहण तथा परेड की सलामी लेने उपरांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने बच्चों की मिठाई के लिए 5 लाख रूपए देने की घोषणा भी की।  

प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने देश की आजादी के लिये अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि भी दी।
उन्होंने कहा कि देश की आजादी में रानी लक्ष्मीबाई, शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, लाला लाजपत राय, शहीद उधम सिंह, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद, राव तुलाराम, वीर सावरकर, ऐनी बेसेन्ट, पं0 नेकी राम शर्मा, सर छोटू राम व हजारों देशभक्तों तथा महापुरूषों ने बलिदान दिया।

उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने जिस स्वतंत्र, शक्तिशाली व महान भारत के सपने संजोये थे, आजादी के बाद उनको पूरा करना हर भारतवासी का कर्Ÿाव्य बन गया। उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रशासनिक व राजनीतिक व्यवस्था होना जरूरी था। इसी व्यवस्था को कायम करने के लिए बाबा साहेब डाॅ. भीम राव अम्बेडकर के नेतृत्व में संविधान की रचना की गई और आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को देश में संविधान लागू हुआ।

उन्होंने कहा कि आज संविधान के अनुरूप देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हरियाणा की जनता व प्रदेश सरकार ने कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाया है। प्रदेश की प्रगति के लिए राज्य की जनता व राज्य सरकार बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेशवासियों को सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों से लाभान्वित करने के उद्देश्य से डिजिटल इण्डिया विजन को आगे बढ़ा रही है। प्रदेश में राज्य में लगभग 20 हजार अटल सेवा केन्द्रों और 117 अंत्योदय एवं सरल केन्द्रों के माध्यम से 41 विभागों की 511 योजनाएं आॅनलाइन की गई हंै। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के लोगों को सभी सरकारी सेवाओं का घर बैठे ही लाभ मिले इसलिए सभी परिवारों के परिवार पहचान पत्र बनाए जा रहे हंै। सी.एम. विंडो पोर्टल आमजन की शिकायतों के त्वरित समाधान का उपयुक्त मंच साबित हुआ है। इसके माध्यम से 8 लाख 50 हजार शिकायतों का समाधान किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह वर्ष ‘‘अंत्योदय उत्थान वर्ष’’ के रूप में मनाया जा रहा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के ‘अंत्योदय’ के दर्शन के अनुरूप हरियाणा सरकार ने सबसे गरीब लोगों का जीवन-स्तर ऊंचा उठाने के लिए ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना’ शुरू की है। इस योजना के तहत एक लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों की पहचान की जा रही है। इन परिवारों की आय एक लाख अस्सी हजार रुपये से अधिक करने के लिए इनके रोजगार व कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा ‘हरियाणा कौशल विकास निगम’ के तहत रोजगार देने में भी इन परिवारों के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि क्षेत्र के विकास और किसान हितों को मद्देनजर रखते हुऐ कई योजनाएं व कार्यक्रम शुरु किए गए हैं। प्रदेश में किसानों के लिए फसल बीमा योजना लागू की गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए ‘‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’’, ई-खरीद पोर्टल तैयार किया है। इसके माध्यम से किसान फसल बेचने व उपकरण खरीदने से सम्बन्धित सुविधाओं का घर बैठे लाभ ले रहे हैं। इस पोर्टल पर रबी-  2021 में 62 लाख एकड़ और खरीफ-2021 में 52 लाख एकड़ क्षेत्र पंजीकृत हुआ है। प्रदेश में बागवानी फसलों का संरक्षित मूल्य देने के लिए भावान्तर भरपाई योजना शुरू की गई है। बाजरे की उपज पर भी छः सौ (600) रूपये प्रति क्विंटल भावान्तर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां 14 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है। किसानों को खेती की नई तकनीकों के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रगतिशील किसान योजना के तहत पांच लाख रुपये तक के पुरस्कार देने की व्यवस्था की गई है।

कृषि क्षेत्र में दी जा रही सुविधाओं के कारण खाद्यान्न उत्पादन में हरियाणा का देश में दूसरा स्थान है। 2020-21 के रबी और खरीफ फसल का कुल 195 लाख मीट्रिक टन रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे किसानों ने दूध व खाद्यान्न उत्पादन में नये रिकार्ड कायम किये हैं। प्रदेश में वार्षिक दूध उत्पादन 117 लाख टन से अधिक पहंुच गया है। अब प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध की उपलब्धता 1 हजार 142 ग्राम हो गई है। दूध उत्पादन में हरियाणा देश में दूसरे स्थान पर है। ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल बनाने के लिए ‘ग्राम दर्शन पोर्टल’ शुरू किया है। इस पर 6 हजार 200 ग्राम पंचायतों का डिजिटल डाटा उपलब्ध है। ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने के लिए सभी गांवों को ‘‘लाल डोरा मुक्त योजना’’ चलाई है। इस योजना को बाद में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के नाम से पूरे देश में लागू किया गया।

उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि हरियाणा में आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर 82 गांवों को ‘म्हारा गांव–जगमग गांव योजना’ से जोड़ा गया है और इसके साथ ही आज से 5569 गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा भावी पीढ़ी को कौशल व रोजगारपरक, संस्कार-युक्त, और नैतिक शिक्षा प्रदान करने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 बनाई गई है। यह नीति लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। प्रदेश में शिक्षा के प्रचार-प्रसार व गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए चालू वित्त वर्ष के दौरान लगभग 19 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। सरकार ने स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ा है। प्रदेश में केजी से लेकर पीजी तक की शिक्षा एक ही परिसर में देने की अवधारणा पर कार्य किया जा रहा है। प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देने के लिए प्रदेश में 113 नये संस्कृति मॉडल स्कूल खोले गये हैं। हर बीस किलोमीटर की दूरी पर कॉलेज खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में अनेक क्रांतिकारी सुधार किए गए हैं। ‘‘सुपर-100‘‘ कार्यक्रम के तहत मुफ्त कोचिंग सेंटर खोले गए हैं।

उन्होंने कहा कि युवाओं को नौकरी के लिए बार-बार आवेदन करने और परीक्षा देने के झंझट से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने ‘एकल पंजीकरण और ‘‘काॅमन पात्रता परीक्षा’’ का प्रावधान किया है। इस समय प्रदेश का लिंगानुपात 1000 लड़कों के पीछे 914 लड़कियों का है, जो वर्ष 2014 में 876 था। उन्होंने कहा कि सरकार महिला कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध एवं संवेदनशील है। इसके लिए सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 के बजट में सोलह सौ करोड़ (1600 करोड़) से भी अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के बेहतर क्रियान्वयन में अनुकरणीय प्रदर्शन करने पर 2019-20 के लिए हरियाणा को राष्ट्रीय स्तर पर तृतीय पुरस्कार मिला है। इसी प्रकार से महिला एवं किशोरी सम्मान योजना, मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना, मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना व अन्य योजनाएं शुरू की गई हैं। हरियाणा सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए और अधिक ठोस प्रबंध किए हैं। राज्य के सभी बस अड्डों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए गए हैं। प्रदेश में महिला थानों, दुर्गा शक्ति एप, दुर्गा वाहिनी तथा दुर्गा रैपिड एक्शन फोर्स की स्थापना से महिलाओं में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह सुचारू की गई है। किसी भी आपातकालीन स्थिति में मदद के लिए डायल-112 सेवा शुरू की गई है।

राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में हरियाणा प्रदेश प्रति व्यक्ति आय, औधोगिक उत्पादन, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज, विदेशी निवेश, शिक्षा, खेल, सेना, कृषि, परिवहन पशुधन आदि क्षेत्रों में देश का अग्रणी राज्य है। प्रदेश को विभिन्न उत्पादों में ‘आत्म-निर्भर’ बनाने के उद्देश्य से एम0एस0एम0ई0 के लिये नए विभाग का सृजन किया गया है।

उन्होंने कहा कि खेलों में हमारे युवाओं की उपलब्धियों का जिक्र होते ही हमारा सीना गर्व से चैड़ा हो जाता है। टोक्यो ओलम्पिक में कुल 7 पदकों में से 4 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते हैं। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सर्वाधिक नकद पुरस्कार राशि देता है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत- स्वस्थ भारत, सशक्त भारत की परिकल्पना की है। हरियाणा इसे साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा है। एनिमिया मुक्त भारत अभियान में हरियाणा देश में प्रथम स्थान पर है। हैपेटाईटिस बी व सी की दवाईयां मुफ्त उपलब्ध करवाने वाला भी हरियाणा देश का पहला राज्य है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से हर जिले में एक मेडिकल कालेज खोलने का लक्ष्य रखा गया है। हरियाणा ‘आयुष्मान भारत योजना’ लागू करने वाला भी प्रथम प्रदेश है। इस योजना के तहत प्रदेश के लगभग 15.50 लाख परिवारों को सम्मिलित किया गया है। अब तक 28 लाख से भी अधिक गोल्डन कार्ड जारी करके 3 लाख 25 हजार मरीजों का 363 करोड़ रूपये की लागत से ईलाज करवाया गया है। आयुष्मान भारत योजना के तहत रोगी को पांच लाख रूपये तक के ईलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। पिछले लगभग दो वर्षों से प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व कोरोना संक्रमण महामारी से जूझ रहा है। कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए डाॅक्टर, नर्स, पुलिसकर्मी, बिजली, सफाईकर्मी व स्वयंसेवकों ने अपनी जान हथेली पर रखकर कार्य किया।

राज्यपाल ने कहा कि कोरोना योद्धाओं की बदौलत ही आज देश 160 करोड़ वैक्सीनेशन का आंकड़ा छू पाया है। हरियाणा में अब तक 385 लाख वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज दी गई है। इस प्रकार से प्रदेश में लगभग शत प्रतिशत लोगों को कोरोना की पहली डोज तथा 79 प्रतिशत से अधिक लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी हैं। इसके अलावा 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को भी कोरोना रोधी डोज देने का कार्य तीव्र गति से चल रहा है।

उन्होंने कहा कि भौतिक विकास के साथ हरियाणा ने  सांस्कृतिक मूल्यों को भी संजोए रखा है। कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का पावन संदेश दिया था। गीता के ज्ञान का विश्व भर में प्रचार-प्रसार करने के लिए पिछले 6 वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

इस अवसर पर देशभक्ति से परिपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्ततुत किया गया तथा पुलिस, आईटीबीपी तथा एनसीसी की टुकड़ियों ने शानदार मार्चपास्ट किया।
इससे पूर्व राज्यपाल ने पंचकूला के सेक्टर 12 स्थित शहीद स्मारक पर पुश्पचक्र अर्पित कर देश के वीर शहीदों को नमन् किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय सेवा करने वाले समाज सेवियों, सरकरी कर्मचारियों व अन्य विभुतियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। राज्यपाल ने सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए बच्चों की सराहना की तथा जिला के स्कूलों में 27 जनवरी को अवकाश की घोषणा की।

इस मौके पर नगर निगम पंचकूला के महापोर कुलभूषण गोयल, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टीवीएसएन प्रसाद, पुलिस महानिदेशक पी.के. अग्रवाल, पुलिस आयुक्त सौरभ सिंह, पंचकूला के उपायुक्त महावीर कौशिक, पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा, एसडीएम ऋचा राठी, नगराधीश गौरव चैहान, सूचना जन संपर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) अमन कुमार, पूर्व विधायका लतिका शर्मा, आईटीबीपी भानू के महानिरीक्षक ईश्वर सिंह दूहन, पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल वी.पी. मलिक, पूर्व गेल निदेशक बंतो कटारिया, भाजपा नेता श्याम लाल बंसल सहित सेवारत व पूर्व सेना के अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। 

महामारी का प्रभाव अभी भी व्यापक स्तर पर बना हुआ है, हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में ढील नहीं देनी चाहिए : राष्ट्रपति का संदेश

महामारी का प्रभाव अभी भी व्यापक स्तर पर बना हुआ है, हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में ढील नहीं देनी चाहिए। हमने अब तक जो सावधानियां बरती हैं, उन्हें जारी रखना है। – पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर आघात हुआ है। विश्व समुदाय को अभूतपूर्व विपदा का सामना करना पड़ा है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट(ब्यूरो) नयी दिल्ली :

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि गणतंत्र दिवस वीरो को याद करने का दिन है। राष्ट्रपति ने कहा कि 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश और विदेश में रहने वाले आप सभी भारत के लोगों को मेरी हार्दिक बधाई! यह हम सबको एक सूत्र में बांधने वाली भारतीयता के गौरव का उत्सव है। राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकार और कर्तव्य एक सिक्के के दो पहलू हैं।

सन 1950 में आज ही के दिन हम सब की इस गौरवशाली पहचान को औपचारिक स्वरूप प्राप्त हुआ था। राष्ट्रपति ने कहा कि हर साल गणतंत्र दिवस के दिन हम अपने गतिशील लोकतंत्र तथा राष्ट्रीय एकता की भावना का उत्सव मनाते हैं। महामारी के कारण इस वर्ष के उत्सव में धूम-धाम भले ही कुछ कम हो परंतु हमारी भावना हमेशा की तरह सशक्त है। 

राष्ट्रपति ने कहा कि गणतंत्र दिवस का यह दिन उन महानायकों को याद करने का अवसर भी है जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया तथा उसके लिए देशवासियों में संघर्ष करने का उत्साह जगाया। मानव समुदाय को एक-दूसरे की सहायता की इतनी जरूरत कभी नहीं पड़ी थी जितनी कि आज है। अब दो साल से भी अधिक समय बीत गया है लेकिन मानवता का कोरोना वायरस के विरुद्ध संघर्ष अभी भी जारी है। इस महामारी में हज़ारों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है।

राष्ट्रपति के देश के नाम संबोधन की बड़ी बातें-

  • महामारी का प्रभाव अभी भी व्यापक स्तर पर बना हुआ है, हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में ढील नहीं देनी चाहिए। हमने अब तक जो सावधानियां बरती हैं, उन्हें जारी रखना है। 
  • संकट की इस घड़ी में हमने यह देखा है कि कैसे हम सभी देशवासी एक परिवार की तरह आपस में जुड़े हुए हैं
  • पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर आघात हुआ है। विश्व समुदाय को अभूतपूर्व विपदा का सामना करना पड़ा है। नित नए रूपों में यह वायरस नए संकट प्रस्तुत करता रहा है। 
  • मुझे यह कहते हुए गर्व का अनुभव होता है कि हमने कोरोना के खिलाफ असाधारण दृढ़-संकल्प और कार्य क्षमता का प्रदर्शन किया
  • इन प्रयासों के बल पर हमारी अर्थव्यवस्था ने फिर से गति पकड़ ली है। प्रतिकूल परिस्थितियों में भारत की दृढ़ता का यह प्रमाण है कि पिछले साल आर्थिक विकास में आई कमी के बाद इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रभावशाली दर से बढ़ने का अनुमान है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज हमारे सैनिक और सुरक्षाकर्मी देशाभिमान की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। हिमालय की असहनीय ठंड में और रेगिस्तान की भीषण गर्मी में अपने परिवार से दूर वे मातृभूमि की रक्षा में तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में मुझे यह उल्लेख करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि यह वर्ष सशस्त्र बलों में महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण रहा है। अब नए क्षेत्रों में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन की सुविधा आरंभ हो गई है।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना महामारी का प्रभाव अभी भी व्यापक स्तर पर बना हुआ है, हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में ढील नहीं देनी चाहिए। हमने अब तक जो सावधानियां बरती हैं, उन्हें जारी रखना है। संकट की इस घड़ी में हमने यह देखा है कि कैसे हम सभी देशवासी एक परिवार की तरह आपस में जुड़े हुए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि विश्व में सबसे ऊपर की 50 ‘इनोवेटिव इकोनोमीज’ में भारत अपना स्थान बना चुका है। यह उपलब्धि और भी संतोषजनक है कि हम व्यापक समावेश पर जोर देने के साथ-साथ योग्यता को बढ़ावा देने में सक्षम हैं।

उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के बल पर हमारी अर्थव्यवस्था ने फिर से गति पकड़ ली है। प्रतिकूल परिस्थितियों में भारत की दृढ़ता का यह प्रमाण है कि पिछले साल आर्थिक विकास में आई कमी के बाद इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रभावशाली दर से बढ़ने का अनुमान है। साथ ही कहा कि इस प्रभावशाली आर्थिक प्रदर्शन के पीछे कृषि और मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्रों में हो रहे बदलावों का प्रमुख योगदान है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि हमारे किसान, विशेषकर छोटी जोत वाले युवा किसान प्राकृतिक खेती को उत्साह-पूर्वक अपना रहे हैं।

राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर आघात हुआ है। विश्व समुदाय को अभूतपूर्व विपदा का सामना करना पड़ा है। नित नए रूपों में यह वायरस नए संकट प्रस्तुत करता रहा है। मुझे यह कहते हुए गर्व का अनुभव होता है कि हमने कोरोना के खिलाफ असाधारण दृढ़-संकल्प और कार्य क्षमता का प्रदर्शन किया है।

चन्नी के करीबी सहयोगी और पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के सलाहकार मुस्तफा पर फ़ीर दर्ज

. बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता इल्मी ने आरोप लगाया कि मुस्तफा ने अपने बयान में ‘हिंदू’ शब्द का इस्तेमाल किया। मुस्तफा की पत्नी रजिया सुल्ताना, मालेरकोटला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी हैं। मालेरकोटला, पंजाब में एक मुस्लिम बहुल जिला है। बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वीडियो क्लिप दिखाया, जिसमें मुस्तफा 20 जनवरी को मालेरकोटला में एक जनसभा में यह कहते हुए सुने जा सकते हैं, ‘मैं अल्लाह की कसम खाता हूं कि मैं उन्हें कोई कार्यक्रम नहीं करने दूंगा। मैं ‘कौमी फौजी’ हूं…मैं RSS का एजेंट नहीं हूं जो डर के मारे घर में छिप जाएगा।’ उन्होंने कथित रूप से वीडियो में कहा, ‘अगर वे फिर से ऐसा करने का प्रयास करेंगे तो मैं अल्लाह की कसम खाता हूं कि मैं उन्हें उनके घर में पीटूंगा।’

डेमोक्रेटिक फ्रंट(ब्यूरो), चंदोगढ़ :

पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार व‍िवाद में फंसने की वजह उनके मुख्य रणनीतिक सलाहकार और पूर्व आईपीएस अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा हैं। उन्‍होंने ह‍िन्‍दुओं को लेकर विवादित बयान द‍िया था, ज‍िसकी वजह से उन पर मलेरकोटला में एफआईआर दर्ज की गई है। मुस्तफा कैबिनेट मंत्री और मलेरकोटला से कांग्रेस उम्मीदवार रजिया सुल्ताना के पति हैं। मुस्तफा का वीडियो बीजेपी प्रवक्‍ता संबित पात्रा और शाजिया इल्मी ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी साझा किया था।

वायरल वीडियो में मुस्‍तफा कहते नजर आते हैं, ‘अगर हिंदुओं को उनके जलसे के बराबर इजाजत दी तो ऐसे हालात पैदा कर दूंगा कि संभालना मुश्किल हो जाएगा।’ मुस्‍तफा मुस्लिम बहुल मलेरकोटला इलाके में अपनी पत्नी रजिया सुल्ताना के लिए वोट मांग रहे थे, उसी दौरान उन्होंने यह जहरीला बयान दिया। इस पर प्रदेश बीजेपी महासचिव सुभाष शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी मुस्तफा के विरुद्ध मामला दर्ज करने की मांग करते हुए चुनाव आयोग के पास उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराएगी।

भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी बताएं कि मोहम्मद मुस्तफा को मोहरा बनाकर पंजाब में वो कौन से हालात पैदा करना चाहते हैं? क्या पंजाब को कश्मीर बनाना चाहते हैं? क्या पंजाब में फिर से 80 के दशक जैसा हालात पैदा करने चाहते हैं? क्या पंजाब में सिर्फ एक विशेष कौम के लिए जलसे का अधिकार है?

मुस्तफा के इस वीडियो के खिलाफ भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने ट्वीट कर लिखा कि यह हेट स्पीच है। मुस्तफा सांप्रदायिक दंगे भड़काकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। शाजिया इल्मी ने इसके साथ ही चुनाव आयोग से मुस्तफा के बयान पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की मांग की और रजिया सुल्ताना के मालेरकोटला से चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने की भी मांग की है। 

लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने मुस्तफा का वीडियो ट्वीट किया और कहा कि पंजाब के पूर्व डीजीपी और एक कांग्रेस वर्कर के रवैये और भाषा सुनकर उन्हें झटका लगा है। पंजाब धार्मिक सौहार्द का शानदार उदाहरण है, जहां सिख, हिंदू, ईसाई और मुस्लिम एक समुदाय की तरह रहते हैं। मुस्तफा का बयान न केवल सांप्रदायिक सौहार्द के लिए नुकसानदेह है बल्कि कांग्रेस के सेक्युलर आदर्श के भी उलट है। हिंसा के इस उकसावे को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कोई भी चुनाव पंजाब की शांति से बड़ा नहीं है। मुस्तफा को माफी मांगनी चाहिए। वहीं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा ने प्रत्यक्ष रूप से कुछ न कहकर सिर्फ इतना कहा कि पंजाब एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है और यह सभी समुदायों से समान रूप से संबंधित है।

आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि पूर्व डीजीपी मुस्तफा द्वारा भड़काऊ टिप्पणी का उद्देश्य पंजाब की शांति, सद्भाव, कानून व्यवस्था को बिगाड़ना है। मुस्तफा कोई सामान्य आदमी नहीं हैं, वे कांग्रेस मंत्री रजिया सुल्ताना के पति हैं, सीएम चन्नी के करीबी सहयोगी हैं और पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के सलाहकार हैं। उनकी टिप्पणी पंजाब, पंजाबी, पंजाबियत के खिलाफ है।

वायरल वीडियो में मोहम्मद मुस्तफा यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि ‘मैं अल्लाह की कसम खाकर कहता हूं कि इनका कोई जलसा नहीं होने दूंगा। मैं कौमी फौजी हूं और आरएसएस का एजेंट नहीं हूं, जो डरकर घर में घुस जाऊंगा। अगर दोबारा इन्होंने ऐसी हरकत की तो खुदा की कसम घर में घुस कर मारूंगा। मैं आज सिर्फ वार्निंग दे रहा हूं। मैं वोटों के लिए नहीं लड़ रहा, बल्कि कौम के लिए लड़ रहा हूं। मैं पुलिस और प्रशासन को यह बता देना चाहता हूं कि अगर फिर से ऐसी हरकत हुई और मेरे जलसे के बराबर में हिंदुओं को जलसे की इजाजत दी गई तो ऐसे हालात पैदा करूंगा कि संभालना मुश्किल हो जाएगा।’ 

अगर हिंदुओं को मेरे जलसे के बराबर इजाजत दी तो ऐसे हालात पैदा कर दूंगा कि संभालना मुश्किल हो जाएगा : मोहम्मद मुस्तफा

पंजाब में कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के रणनीतिक सलाहकार पूर्व DGP मुहम्मद मुस्तफा का विवादित वीडियो सामने आया है। जिसमें वह कह रहे हैं कि अगर हिंदुओं को उनके जलसे के बराबर इजाजत दी तो ऐसे हालात पैदा कर दूंगा कि संभालना मुश्किल हो जाएगा। यह वीडियो मालेरकोटला का है। जहां से मुस्तफा की पंजाब सरकार में मंत्री पत्नी रजिया सुल्ताना कांग्रेस कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं। मुस्तफा उन्हीं के लिए प्रचार करने गए थे। जिस दौरान यह बातें कही गईं। भाजपा ने मुस्तफा के बयान पर कहा कि यह दंगे भड़काने की साजिश है। कॉंग्रेस में हिन्दू विरोधी मुस्लिम को बहुत प्राथमिकता दी जाती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट(ब्यूरो) पंजाब:
पंजाब चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आ रही है वैसे वैसे राज्य में चुनावी तपिश भी बढ़ती जा रही है। विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के प्रमुख सहयोगी और रिटॉयर्ड डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने कथित तौर पर अभद्र भाषा पर बयान बाजी की है जिसके बाद चुनावी ठंड के मौसम में भी चुनावी गर्माहट बढ़ती दिख रही है। पूर्व डीजीपी के वीडियों ने देश की सबसे पुरानी पार्टी को बेहद शर्मनाक स्थित में डाल दिया है।

यह वीडियो मालेरकोटला का है। जहां से मुस्तफा की पंजाब सरकार में मंत्री पत्नी रजिया सुल्ताना कांग्रेस कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं। मुस्तफा उन्हीं के लिए प्रचार करने गए थे। जिस दौरान यह बातें कही गईं। भाजपा ने मुस्तफा के बयान पर कहा कि यह दंगे भड़काने की साजिश है।

उल्लेखनीय है कि मुस्तफा इन दिनों अपनी पत्नी कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं और इसी सिलसिले में वे मलेरकोटला में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। पंजाब प्रदेश भाजपा ने मुस्तफा के इस बयान की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि यह बयान सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश है।
मुस्तफा के इस वीडियो के खिलाफ भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने ट्वीट कर लिखा कि यह हेट स्पीच है। मुस्तफा सांप्रदायिक दंगे भड़काकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। शाजिया इल्मी ने इसके साथ ही चुनाव आयोग से मुस्तफा के बयान पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की मांग की और रजिया सुल्ताना के मालेरकोटला से चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने की भी मांग की है।

क्या कह रहे हैं मुस्तफा
वायरल वीडियो में मोहम्मद मुस्तफा यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि ‘मैं अल्लाह की कसम खाकर कहता हूं कि इनका कोई जलसा नहीं होने दूंगा। मैं कौमी फौजी हूं और आरएसएस का एजेंट नहीं हूं, जो डरकर घर में घुस जाऊंगा। अगर दोबारा इन्होंने ऐसी हरकत की तो खुदा की कसम घर में घुस कर मारूंगा। मैं आज सिर्फ वार्निंग दे रहा हूं। मैं वोटों के लिए नहीं लड़ रहा, बल्कि कौम के लिए लड़ रहा हूं। मैं पुलिस और प्रशासन को यह बता देना चाहता हूं कि अगर फिर से ऐसी हरकत हुई और मेरे जलसे के बराबर में हिंदुओं को जलसे की इजाजत दी गई तो ऐसे हालात पैदा करूंगा कि संभालना मुश्किल हो जाएगा।’

बीएसएफ़ ने पाकिस्तानी ड्रोन को पकड़ा

सीमा सुरक्षा बल (BSF) की पहली सीमा रेखा के जवानों ने मंगलवार को अमृतसर सेक्टर में बीएसएफ की 71 बटालियन के एओआर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 200 मीटर और सीमा बाड़ के पास 50 मीटर की दूरी पर एक ड्रोन का पता लगाया।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/अमृतसर:

पंजाब के अमृतसर सेक्टर में मंगलवार 18 जनवरी को भारत-पाक बॉर्डर पर 200 मीटर अंदर बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के जवानाें ने एक ड्रोन का पता लगाया है। सीमा के 200 मीटर अंदर और बॉर्डर फैंसिंग (तार) लाइन के 50 मीटर दूर यह ड्रोन मिला है। बीएसएफ के पंजाब फ्रंटियर ने बाताया कि यह ड्रोन एक क्वाडकोप्टर है।

बीएसएफ ने बताया कि अमरकोट में सीमा चौकी पर गश्ती कर रही एक टीम को रात करीब 11 बजकर 10 मिनट पर गुंजन की आवाज सुनाई दी। इसके बाद एक हेक्साकॉप्टर ड्रोन कम ऊंचाई पर उड़ता दिखा। यह ड्रोन अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 300 मीटर की दूरी पर और सीमा सुरक्षा बड़ा से 150 मीटर की दूरी पर था। इसके बाद इसे बीएसएफ ने अपने कब्जे में ले लिया। 

बीएसएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया, ’17 दिसंबर की रात करीब 11:10 बजे बॉर्डर आउट पोस्ट के सतर्क जवानों ने अमरकोट में एक ड्रोन का पता लगाया और उसे मार गिराया। यह ड्रोन सीमा सुरक्षा बाड़े से करीब 150 मीटर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 300 मीटर की दूरी पर था। शीर्ष अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है। बरामद किया गया ड्रोन मेड इन चाइना है। सतर्क बीएसएफ जवानों ने एक बार फिर से सीमा पार अपराधियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।’

एक अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ तलाशी अभियान के जरिए यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह ड्रोन मादक पदार्थ भेजने के लिए इस्तेमाल किया गया था या फिर सीमा पार से हथियार पहुंचाने के लिए। मामले में अधिक जानकारी का फिलहाल इंतजार है। 

एटी4 एंटी-टैंक सिंगल शॉट वेपन, साब के इस हथियार को भारतीय सेनाओं ने किया सिलेक्ट

भारतीय सेना अब स्वीडन की कंपनी साब से एटी4 नाम का एंटी टैंक सिंगल शॉट वेपन खरीदने जा रही है। बताया जाता है कि यह दुनिया का सबसे खतरनाक एंटी टैंक हथियार है, जिसे सैनिक किसी इमारत या बंकर में बैठकर इस्तेमाल कर सकते हैं। 84 एमएम बोर वाले इस लॉन्चर से दुश्मन के टैंकों को आसानी से तबाह किया जा सकता है।

एटी4 एंटी-टैंक सिंगल शॉट वेपन

डेमोक्रेटिक फ्रंट, नई दिल्‍ली(ब्यूरो) :

 भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना, एटी4 एंटी-टैंक सिंगल शॉट वेपन (AT4 anti-tank single shot weapon) का उपयोग करेगी। ये अचूक हथियार बेहद खतरनाक हैं. इसकी जानकारी साब इंडिया ने गुरुवार को दी। ये हथियार, बख्तरबंद वाहनों और किलेबंदी को नष्ट करने में सक्षम होते हैं। एटी 4 का उद्देश्य पैदल सेना इकाइयों को मजबूत बनाने से है। इसका सबसे पहला प्रयोग 1960 के दशक के अंत में स्वीडिश सेना ने किया था. स्वीडन की कंपनी साब इनका निर्माण करती है।

गौरतलब है कि पिछले महीने पाकिस्तान और चीन की हरकतों को देखते हुए भारतीय सेना को कुछ अचूक हथियार मिले हैं, जिससे वह अपने दुश्मनों को रोकने में सक्षम हो सके। यह है एंटी-पर्सनेल और एंटी-टैंक माइंस जो भारत में ही विकसित किए गए हैं। यही नहीं लद्दाख में कड़ाके की सर्दी में मोर्चा संभालने वाले जवानों की सहायता के लिए सेना ने अपनी विशेष खरीद शक्तियों का इस्तेमाल करके ऐसे पंप भी मंगवाए हैं, जिनसे उन्हें ऊंचाई वाले स्थानों पर पानी और ईंधन की समस्या दूर होगी।

एटी4 एंटी-टैंक सिंगल शॉट वेपन प्रयोग में

भारतीय सेना के अधिकारियों के मुताबिक, ‘भारतीय सेना के इंजीनियर कोर को नई एंटी-पर्सनेल और एंटी-टैंक माइंस सेट मिले हैं, जो दुश्मन की पैदल सेना और सशस्त्र कमान या अपने क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों के खिलाफ फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस के रूप में काम करेगी।

भारतीय थल सेना ने सैनिकों के लिए शनिवार को नया पोशाक जारी किया. इसे आरामदेह और जलवायु अनुकूल है तथा इसकी डिजाइन कंप्यूटर की मदद से तैयार किया गया है। यह पोशाक जैतून और मिट्टी के रंग सहित मिश्रित रंगों वाली है। इसे सैनिकों की तैनाती स्थल और वहां की जलवायु दशाओं को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि विभिन्न देशों की सेनाओं की पोशाकों का विश्लेषण करने के बाद राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) के सहयोग से नई पोशाक की डिजाइन तैयार की गयी है। उन्होंने बताया कि यह पोशाक कहीं अधिक आरामदेह है और इसे हर तरह के भू-भाग में उपयोग किया जाएगा. यह एक ‘डिजिटल डिसरप्टिव’ पद्धति वाला भी है।

राय अब्दुल्लाह खान जिसकी स्मृति में हम नाचते गाते हैं लोहड़ी मनाते हैं

इतिहास ने कितने ही ऐसे नामों को संजोया जो हमें हमारे होने पर मान करवाते हैं। एक इतिहास है जो किताबों में लिखा गया और पाठशालाओं में हमने पढ़ा, और एक इतिहास वो जो लोगों के दिलों में रचा बसा, दादी नानी की कहानियों में, गावों से शहरों तक आये लोक गीतों में झूमता-डोलता है। कितने ही वीर सूरमा, कितने प्यार के परवाने, कितने भक्ति में डूबे दीवाने, कितने हंसी-ठट्ठा करते-कराते शेख़चिल्ली, कितने दानी धीर-वीर, सदियों से दिनों-दिन बदलते समाज के ढाँचे में लगे ईंट-पत्थर के समान उसकी सांस्कृतिक इमारत को बुलंद रखे हुए, बने हैं इन्हीं गीतों-कहानियों के ज़रिये हमारी आत्मा के प्रबल सम्बल। जिस समाज की कहानियाँ जितनी पुरानी हैं, उतनी ही गहरी है उसके शीलाचार, शिष्टाचार एवं सिद्धांतों की नींव। समय की आँधियाँ उस समाज के लोगों की प्रतीक्षित परीक्षाएं ही तो हैं। अपने बड़े-पुरखों की कहानियों में रचित जिजीविषा से प्रेरित वह समाज नयी कहानियाँ रचता है, परन्तु कभी समाप्त नहीं होता, बल्कि नया इतिहास बनाता है – पुरानी कहानियाँ-गीत संजोता है, और नए नए विचार गुनता है। 

राजवीरेन्द्र वसिष्ठ, धर्म/संसकृति डेस्क, चंडीगढ़ :

ऐसी ही भाग्यशाली शगुनों के ख़ुशी-भरे नाच-गानों में संजोयी एक खूबसूरत कहानी है, वीर सूरमा ‘दुल्ला भट्टी’ की जो लोहड़ी (मकर संक्रांति) के शुभ त्यौहार के दिन उत्तर भारत में घर-घर में न सिर्फ़ गायी जाती है, अपितु नाची भी जाती है। राय अब्दुल्लाह खान लोक-वाणी में ‘दुल्ला भट्टी’ नाम से प्रचलित हैं। हम में से कितनों की ज़बान पर यह नाम बिना इसकी सही जानकारी के लोहड़ी त्यौहार के प्रचलित लोक गीत में थिरकता है कि यह एक श्रद्धांजलि है एक ऐतिहासिक राजपूत वीर को जिसने सम्राट अक़बर के समय छापामार युद्ध किये, और आततायियों की सतायी कितनी ही स्त्रियों के जीवन पुनः बसाये। 

पंजाब में फ़ैसलाबाद के पास के संदलबार इलाक़े में जन्मे दुल्ले की माँ का नाम लड्डी और पिता का नाम फ़रीद खान था, दादा थे संदल खान। ‘संदलबार’ (संदल की बार) का इलाका उन्ही संदल खान के नाम से पड़ा, रावी और चनाब नदियों के बीच का यह इलाक़ा अब पाकिस्तान में है और यहीं मिर्ज़ा-साहिबां की अमर प्रेमगाथा भी प्रसिद्ध हुई। दुल्ला के दादे-नाने यहीं संदलबार में पिंडी भट्टियाँ के राजपूत शासक थे। मुग़लों के शासन काल में पिंडी भट्टियां के राजपूत लड़ाकों नें विद्रोह करते हुए कर देना बंद कर दिया व मुगल सैनिकों से छापामार युद्धों की शुरुआत की। इस विद्रोह को डर से कुचलने के लिए पकड़े गए विद्रोहियों को मारकर उनकी मृत लाशों की चमड़ी उधड़वा, उनमें भूसा भर कर गावों के बाहर लटकाया गया, इन्हीं में दुल्ले के पिता और दादा भी थे। पंजाबी लोकगीतों ‘दुल्ले दी वार’ और ‘सद्दां’ में दुल्ले की यह गाथा मिलती है । इस शहादत के बारे में ‘सद्दां’ में ऐसे लिखा गया है – 

“तेरा सांदल दादा मारया, दित्ता बोरे विच पा, मुग़लां पुट्ठियाँ खालां ला के, भरया नाल हवा…. ”

दुल्ला, जिसका कि जन्म इस घटना के बाद हुआ, ओजस्वी अनख वाली राजपूत माँ का पुत्र था जिसके बारे में एक कहानी यह भी है कि अक़बर का पुत्र सलीम भी उसी समय के दौरान पैदा हुआ किन्तु वह एक कमज़ोर शिशु था, और अक़बर की आज्ञा से पिंडी भट्टियां की लड्डी को सलीम को दूध पिलाने की दाई रखा गया। क़रीब 12-13 वर्ष तक सलीम और दुल्ला इकट्ठे पले-बढ़े, एक ही दाई माँ की परवरिश में। लड्डी को जब उसकी इस सेवा से निवृत किया गया, और जब वह वापिस पिंडी भट्टियाँ आयी तो उसने दुल्ले को उसके पिता-दादा की शूरवीरता की कहानियाँ सुनाई, और उनके हश्र की भी। ज़ाहिर है कि उन दोनों के वापिस आने पर गाँव के बड़े-बूढ़ों की जुबां पर भी यही वीर-गाथाएं दिन-रात थिरकती रहती होंगी। दुल्ला ने अपने अंदर के दावानल को मुगलों की ताक़त के ख़िलाफ़ पूरे वेग से लगा दिया। दुल्ला ने फिर से अपने लोगों को इकट्ठा कर एक बार पुनः विद्रोह को जमाया, छापामार युद्ध किये, राजसी टोलों को लूट कर, लूट के धन को जनता में बांटा, संदलबार में लोगों ने फिर से ‘कर’ देना बंद कर दिया। कहानी है कि विद्रोह इस हद तक बढ़ा और फैला कि मुगलों को अपनी शहंशाही राजधानी दो दशकों तक लाहौर बनानी पड़ी।

यह राजपूत वीर सूरमा न सिर्फ़ राज-विद्रोह के लिए लोगों के मन में बसा, बल्कि इसने उस समय के समाज में हो रही स्त्रियों की दुर्दशा के ख़िलाफ़ ऐसे कदम उठाये जो कि उसको एक अनूठे समाज सुधारक की श्रेणी में ला खड़ा करते हैं। पंजाब की सुन्दर हिन्दू लड़कियां जिन्हें ज़बरन उठा लिया जाता था और मध्यपूर्वी देशों में बेच दिया जाता या शाही हरम के लिए या मुग़ल ज़मींदारों के लिए, दुल्ले ने उनको न सिर्फ़ आततायियों से छुटकारा दिलवाया बल्कि उनके एक नयी रीति से विधिपूर्वक विवाह भी रचाये। सोचिये, हम बात कर रहे हैं सोहलवीं सदी की – जिन लड़कियों को छुड़वाया गया, उनके दामन दाग़दार, इज्ज़त रूठी हुई , आबरू के आँचल कमज़ोर, झीने और ज़ार ज़ार थे। ऐसे में अत्याचारियों से छुड़वा कर उनको उनके घर वापिस ले जाना कैसे सम्भव हुआ होगा?  कौन-सा समाज ऐसी कुचली हुई दुखी आत्माओं के लिए भूखे भूतों का जंगल नहीं है? ये सभी माँएं, बहनें, बेटियां उन सभी रिश्तों को खो तब किस हश्र के हवाले थी? लेकिन दुल्ले ने उसी समाज में से ऐसे ऐसे सुहृदय पुरुष ढूँढ निकाले जिन्होंने इन स्त्रियों को सम्बल दिया, घर-परिवार व सम्मान दिया और विवाहसूत्र में उनके साथ बंध गये।

ये सभी बनी दुल्ले की बेटियां – किसी पंडित के न मिलने पर हिन्दू विवाह की रीति निभाने के लिए शायद ‘राइ अब्दुल्लाह खान’ उर्फ़ मुसलमान राजपूत दुल्ला भट्टी ने स्वयं ही अग्नि के आस पास फेरे दिलवा, आहुति डाल उनके विवाह करवाये, न जाने कितनी ऐसी बेटियों का कन्यादान दिया, उनका दहेज बनाया जो एक सेर शक्कर के साथ उनको दिया जाता और इन विवाहों की ऐसी रीति बना दी कि दुल्ले के करवाये इन्ही विवाहों की गाथा आज हम लोहड़ी के दिन ‘जोड़ियां जमाने’ के लिए गाते हैं, विवाहों में समन्वय और ख़ुशी के संचार के लिए अग्नि पूजा करके गाते और मनाते हैं। –

12000 सैनिकों की सेना से युद्ध के बावजूद जांबाज़ दुल्ला को पकड़ न पाने पर धोखे से उसे या ज़हर दे कर मार देने का उल्लेख है, या बातचीत का झांसा दे दरबार बुला कर गिरफ़्तार कर जनता के सामने कोतवाली में फांसी दिए जाने का। धरती के इस सच्चे सपूत के जनाज़े में सूफ़ी संत शाह हुसैन ने भाग लिया और अंतिम दफ़न का काम पूर्ण किया, दुल्ला भट्टी की क़ब्र मियानी साहिब कब्रिस्तान (लाहौर, पंजाब, पाकिस्तान) में है। आज भी इस दरगाह पर फूल चढ़ते हैं। 

उत्तर भारत में लोहड़ी का त्यौहार जो मकर संक्रांति की पूर्व संध्या का उत्सव है दुल्ले की याद की अमरता से जुड़ा है। अब जब हर साल लोहड़ी पर अग्नि में आशीर्वाद के लिए मूंगफली और फुल्ले डालें, उसके फेरे लें और “सुन्दर मुंदरिये” पर नाचते गाते बच्चों के थाल भरेंगे तो मन में इस अनूठे समाज सुधारक वीर सूरमा दुल्ला भट्टी को भी याद कर नमन करें और स्वयं भी अच्छे कर्म करने का संकल्प लें। 

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लोकगाथाओं के सही सही काल का पता लगाना अक्सर मुश्किल होता है। समय की अनेकानेक परतों से गुज़रती यह गाथाएं कहीं कहीं कल्पनाशील अतिश्योक्तियों से पूर्ण भी होती हैं। मैं कोई शोधकर्ता नहीं, किन्तु जीवन और संस्कृति के प्रति जिज्ञासु ज़रूर हूँ। राय अब्दुल्लाह खान भट्टी की इस कथा के जालघर पर कोई २-४ वर्णन मिलते हैं। सन १९५६ में “दुल्ला भट्टी” नामक एक पंजाबी चलचित्र में भी यह कहानी दर्शायी गयी है। मेरा यह लेख इन्ही सूत्रों से प्रेरित है, हाँ, इसमें मामूली सी कल्पना की छौंक मेरी भी है, जो बस इस जोशभरी कहानी को जान लेने के बाद आयी एक स्वाभाविक उत्सुकता है जिसको सांझा करना सही समझती हूँ। कहीं उल्लेख है कई स्त्रियों के विवाह का, कहीं सिर्फ़ एक का, कहीं बताया है के ‘सुन्दर मुंदरिये’ गीत दुल्ले ने ही गाया। कहीं अक़बर की राजधानी दिल्ली से लाहौर ले जाने की बात है – जो कि लिखित इतिहास के अनुसार न कभी दिल्ली थी और न ही कभी लाहौर! तो ख़ैर, लेख लिखते समय मेरे लिए शायद यह एक बहुत ही बड़ी बात थी कि जिस गीत को मैं बचपन से गाती आ रही हूँ लोहड़ी पर वह उस वीर सुरमा की शौर्य गाथा है न कि कोई शादी का ‘दूल्हा’!! मेरा बाल-मन बस उछल उठा ‘दुल्ला भट्टी’ के कारनामों को पढ़ के और देख के, और अब आप से सांझा कर के। 

साभार: विभा चसवाल

लोहड़ी के लोक गीत

सुन्दर मुंदरिये, — हो 
तेरा कौन विचारा, — हो 
दुल्ला भट्टीवाला, —हो 
दुल्ले धी व्याही, —-हो 
सेर शक्कर पायी, — हो 
कुड़ी दा लाल पताका, —- हो 
कुड़ी दा सालू पाटा, —- हो 
सालू कौन समेटे, —- हो 
मामे चूरी कुट्टी, —-हो, 
जिमींदारां लुट्टी, —- हो
ज़मींदार सुधाये, —-हो 
गिन गिन पोले लाए, — हो 
इक पोला घट गया! —-हो 
ज़मींदार वोहटी ले के नस गया —-हो 
इक पोला होर आया —-हो 
ज़मींदार वोहटी ले के दौड़ आया —-हो 
सिपाही फेर के ले गया, —–हो 
सिपाही नूं मारी इट्ट —-हो 
भावें रो ते भावें पिट्ट। —-हो 

साहनूं दे लोहड़ी, तेरी जीवे जोड़ी! 
साहनूं दे दाणे तेरे जीण न्याणे!! 

‘पा नी माई पाथी तेरा पुत्त चढ़ेगा हाथी
हाथी उत्ते जौं तेरे पुत्त पोते नौ! 
नौंवां दी कमाई तेरी झोली विच पाई 
टेर नी माँ टेर नी 
लाल चरखा फेर नी! 
बुड्ढी साह लैंदी है 
उत्तों रात पैंदी है 
अन्दर बट्टे ना खड्काओ 
सान्नू दूरों ना डराओ! 
चार क दाने खिल्लां दे 
पाथी लैके हिल्लांगे 
कोठे उत्ते मोर सान्नू 
पाथी देके तोर!        

कंडा कंडा नी कुड़ियो
कंडा सी 
इस कंडे दे नाल कलीरा सी 
जुग जीवे नी भाबो तेरा वीरा नी, 
पा माई पा,
काले कुत्ते नू वी पा 
काला कुत्ता दवे वधाइयाँ, 
तेरियां जीवन मझियाँ गाईयाँ, 
मझियाँ गाईयाँ दित्ता दुध, 
तेरे जीवन सके पुत्त, 
सक्के पुत्तां दी वदाई, 
वोटी छम छम करदी आई।’

और मेरे पसंदीदा थे

जहां से लोहड़ी मिल जाती थी वहाँ
कंघा बी कंघा
एह घर चंगा

और जहां से ना मिले

हुक्का बी हुक्का
एह घर भुक्खा