‘विष्णु और कुत्ते में अंतर नहीं’ : “हिन्दुइज़्म, धर्म या कलंक” – शिक्षिका निर्मला कामड़ 

जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल रूपपुरा में छात्रों को धर्म विरोधी किताब बांटने के मामले ने बुधवार को तूल पकड़ लिया। ग्रामीणों ने एक महिला टीचर पर धर्म विरोधी शिक्षा देने का आरोप लगाते हुए स्कूल पर ताला जड़ दिया। साथ ही विरोध प्रदर्शन करते हुए महिला टीचर को निलंबित करने मांग करने लगे। इसके बाद शिक्षा विभाग ने समझाइश करते हुए मामला शांत किया। आरोपी महिला टीचर को मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने एपीओ कर दिया है। उधर, आरोपित टीचर ने कहा है कि, ‘मैं दलित समुदाय से हूं, इसलिए गांव के लोग मुझपर झूठा आरोप लगाकर परेशान कर रहे हैं।’

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के आसींद उपखंड के रूपपुरा में एक राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में छात्रों को कथित तौर पर धर्म विशेष से जुड़ी किताब बांटने का मामला बुधवार को गरमा गया जहां ग्रामीणों ने एक महिला टीचर पर धर्म विरोधी शिक्षा देने का आरोप लगाते हुए स्कूल पर ताला जड़ दिया और घंटों तक स्कूल के सामने ही विरोध प्रदर्शन कर महिला टीचर को निलंबित करने की मांग करने लगे। मामले को बढ़ता हुए देख शिक्षा विभाग ने समझाइश करते हुए मामला शांत करवाया और आरोपी महिला टीचर को एपीओ कर दिया गया। वहीं दूसरी तरफ महिला टीचर का कहना है कि मैं दलित समुदाय से हूं जिसके चलते गांव के लोग मुझ पर झूठा आरोप लगाकर परेशान कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक मामला भीलवाड़ा के आसींद थाना क्षेत्र का है। यहाँ के गाँव रूपपुरा के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल की शिक्षिका निर्मला कावड़ को निलंबित करने की माँग को लेकर प्रदर्शन हो रहा है। सोशल मीडिया पर भी ‘हिन्दू धर्म विरोधी टीचर निर्मला कामड़ को गिरफ्तार करो’ हैशटैग से ट्रेंड चलाया जा रहा है। धरने पर कई पुरुषों के साथ महिलाएं भी बैठी दिखाई दे रही हैं। मौके पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस बल तैनात है।

एक अन्य वीडियो में उसी स्कूल के बताए जा रहे एक छात्र का कहना है, “वो किताबें बाँटती थी। वो कहती थीं कि ये किताब लो, जो दिमाग में होगा वो निकल जाएगा। वो क्लास में दूसरे धर्म का प्रचार करती थीं। वो हमें कहती थीं कि ब्रह्मा जी देवता नहीं हैं। ब्रह्मा ने अपनी बेटी के साथ बलात्कार किया है। और राम जी दशरथ की औलाद नहीं हैं।” इसे नागपुर के समता पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित किया गया है।

विवादित किताब को हरे रंग में प्रिंट किया गया है। इसके तीनों भाग एक साथ ही हैं। इसमें सबसे ऊपर जवाहर लाल नेहरू के शब्द बता कर लिखा गया है, “हिन्दू धर्म निश्चित तौर पर उदार व सहनशील नहीं है। हिन्दू से ज्यादा संकीर्ण व्यक्ति दुनिया में कहीं नहीं है।”

ट्विटर हैंडल जीतमल गुर्जर ‘जीतू’ ने इस किताब के कुछ पन्नों के स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं। इन पन्नों में लिखा है कि विष्णु और कुत्ते में कोई फर्क नहीं। साथ ही उपनिषदों के मंत्रों को भी एन एन राय द्वारा उनके शब्दों में बताया गया है। साथ ही ब्रह्मा और विश्वामित्र के नामों के साथ आपत्तिजनक बातें कही गईं हैं। हिन्दू देवताओं के लिए ‘नायक नहीं खलनायक’ जैसे शब्द लिखे गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्कूल के प्रिंसिपल मुकेश कुमार को किताबें बाँटे जाने की शिकायत मिली है। लेकिन ये किताबें किसने बाँटी ये उन्हें अब तक नहीं पता। स्थानीय मनरूप गुर्जर ने आरोपित को सस्पेंड करने की माँग की है। वहीं शिक्षिका निर्मला कामड ने खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा कि वो दलित समुदाय से हैं इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। साथ ही उन्होने आगे बताया कि उनके कार से आने, बाल खुले रखने और चश्मा पहनने से कुछ लोगों को बहुत दिक्कत है।

Petrol-Diesel के लिए जेब ढीली करने को हो जाइए तैयार

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी अगले सप्ताह से शुरू हो सकती है। पेट्रोल-डीजल की भारी कीमतों का असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। पर रोजमर्रा की वस्तुओं पर इसका प्रभाव तत्काल पड़ता है जैसे सब्जियां, दालें, मसाले, दूध-मक्खन, ब्रेड आदि। तेल के दामों की मार कितनी तीखी होगी, यह चुनाव के नतीजों पर भी निर्भर करेगा। यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते कच्चे तेल की कीमतें पिछले सात सालों के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ल:

पेट्रोल और डीजल की कीमतें फिर सताना शुरू करेंगी। क्‍योंकि कच्‍चे तेल का दाम रिकॉर्ड स्‍तर पर चल रहा है और विधानसभा चुनाव भी खत्‍म होने वाले हैं। ऐसे में कीमतों में बढ़ोतरी अगले सप्ताह फिर से शुरू होने की आशंका है। यह बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल कीमतों में 100 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी से पैदा हुए 9 रुपये प्रति लीटर के अंतर को पाटने के लिए होगी। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 2014 के बाद पहली बार 110 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर हैं।

मोदी सरकार का यह शगल बन चुका है कि विधानसभा चुनावों से पहले पेट्रोल-डीजल के दामों में घट-बढ़ को रोक दो। यह हैरानी की बात है कि पिछले सवा तीन महीने से पेट्रोल डीजल के दाम स्थिर हैं जबकि इनके दाम रोजाना सुबह छह बजे तेल विपणन वितरक कंपनियां तय करती हैं। पेट्रोल-डीजल के डी-कंट्रोल के बाद से मोदी सरकार को यह हक नहीं कि दैनिक स्तर पर पेट्रोल- डीजल के दामों को प्रभावित कर सके। वह केवल पेट्रोल-डीजल पर करों को घटा-बढ़ाकर इनके दामों को प्रभावित कर सकती है। 2017 से सरकार ने करों में लगातार वृद्धि की है। इस अवधि में दो ऐसे अवसर आए जब पेट्रोल-डीजल पर करों में कटौती की गई है।

अब तय है कि 7 मार्च को विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद पेट्रोल-डीजल की भारी कीमत वृद्धि से तगड़ा झटका लगने वाला है। इसे रोकने के लिए मोदी सरकार करों में कटौती कर कोई राहत देगी, इसकी उम्मीद बेमानी है क्योंकि मोदी सरकार ने कोविड काल में भी पेट्रोल-डीजल में करों में भारी वृद्धि में शर्म महसूस नहीं हुई।

जब से मोदी सरकार केन्द्र पर काबिज हुई है, पेट्रोल- डीजल के करों में 250 से 800 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है। इसकी पृष्ठभूमि जान लेना जरूरी है, तभी आपको मोदी सरकार के कसाई सरीखे व्यवहार का एहसास हो पाएगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जब-तब कच्चे तेल के दाम कम हुए, मोदी सरकार नेबड़ी बेरहमी से अपनी झोली भरने में कसर नहीं छोड़ी और किस्म-किस्म के करों के जरिये जनता पर नया बोझ थोपती चली गई। 2013 में यूपीए सरकार के समयअंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 113 डॉलर प्रति बैरल हो गए थे और तब पेट्रोल की बाजार कीमत थी 65 रुपये प्रति लीटर के करीब। फरवरी, 2016 में इसके दाम लगातार गिरके 31 डालर प्रति बैरल तक पहुंच गए लेकिन पेट्रोल की कीमत थी करीब 62 रुपये प्रति लीटर

कोविड काल के भयावह दृश्यों को कौन भूल सकता है। करोड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल चलकर अपने गांवों तक जाने को मजबूर थे। लाखों परिवारों नेअपने प्रियजनों को खो दिया था। तालाबंदी के दौरान करोड़ों लोग अपनी जीविका से हाथ धो बैठे थे। ऐसी स्थिति में अन्य देशों की तरह मोदी सरकार को भी पीड़ित लोगों की नकद सहायता का व्यापक बंदोबस्त करना चाहिए था। पर किया उल्टा। मार्च 2020 से मार्च 1, 2021 की अवधि में पेट्रोल पर 12.92 और डीजल पर 15.97 रुपये प्रति लीटर के शुल्क बढ़ा दिए। ऐसा ‘राक्षसी’ कृत्य तो कोविड के दौरान किसी भी देश ने नहीं किया होगा।

2014-2015 में पेट्रोल, डीजल और प्राकृतिक गैस से मोदी सरकार को 74,158 करोड़ रुपये का कर-राजस्व मिला जो मार्च, 2020 से जनवरी, 2021 के दरम्यान बढ़कर 2.95 लाख करोड़ रुपये हो गया, यानी तीन गुना से अधिक। यह जानकारी खुद केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा को दी! 2014-15 में पेट्रोल और डीजल पर शुल्क 9.48 और 3.54 रुपये थे जो जनवरी, 21 तक बढ़कर क्रमश: 32.90 और 31.80 रुपये हो गए।

सबसे ज्यादा टैक्स भारत में

दुनिया भर में पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स भारत में है जहां प्रति व्यक्ति आय बहुत कम है। प्रति व्यक्ति आय की 2017 की 190 देशों की सूची में भारत 122वें पायदान पर है। पर देश में मोदी सरकार की निर्मम पेट्रोल-डीजल नीति ने कृषि की कमर ही तोड़ कर रख दी। इनके अत्यधिक महंगे होने से मांग लगातार कमजोर बनी हुई है। इससे पर्याप्त नया निवेश नहीं हो पा रहा है और रोजगार के अवसर घटते जा रहे हैं। 2014 में पेट्रोल-डीजल के बीच कीमत अंतर 24 रुपये था जो अब घटकर 8.74 रुपये रह गया है। जून, 2020 में देश में पहली बार डीजल पेट्रोल से महंगा हो गया। जैसे-जैसे डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई, पेट्रोल-डीजल की कीमत का अंतर कम होता गया। इससे खेती और किसानों के हालात बिगड़ते चले गए।

गिरने वाली है गाज

मोदी सरकार का परम विश्वास है कि चुनावों से पहले पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रहेंगे, तो उसे लोगों को भरमाकर वोट लेने में सहूलियत रहेगी। पिछले साल मार्च-अप्रैल में प. बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के विधानसभा चुनावों के पहले भी पेट्रोल-डीजल के दाम मोदी सरकार ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए स्थिर करा दिए थे। और अब जैसे ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट शुरू हुई तो फिर पेट्रोल-डीजल के दामों को स्थिर करा दिया गया। देश में पिछले सवा तीन महीनों से पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं जिसका लाभ चुनावों में बीजेपी उठाना चाहती है। चुनावों की खातिर मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल के करों में 3 नवंबर को 5 और 10 रुपये की कटौती की थी। तब से इनके दाम स्थिर बने हुए हैं।

अब 10 मार्च को चुनाव नतीजों के बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी कीमत वृद्धि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बहुत बढ़ गए हैं। 30 नवंबर, 2021 को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल थी जो आजकल 92-93 डॉलर है, यानी 17-18 डॉलर की बढ़ोतरी।

यूक्रेन समस्या और अमेरिकी केंद्रीय बैंक की सख्त मौद्रिक नीति की संभावना की तलवार का कच्चे तेल की कीमतों पर लगातार दबाव बना हुआ है। मोदी सरकार के पेट्रोल-डीजल की निर्मम नीति को देखते हुए प्रधानमंत्री से किसी राहत की उम्मीद करना बेकार है।

आवश्यक वस्तुओं पर पड़ेगा प्रभाव

पाकिस्तान में हाल ही में पेट्रोल-डीजल के दामों में करीब 12 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई। इससे हाहाकार मच गया और इमरान सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जब भी पेट्रोल- डीजल के दामों में भारी वृद्धि होती है, महंगाई के एक नए चक्र को जन्म मिलता है। भारतीय रुपये में भी आकलन करें तो कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तकरीबन 8-10 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है। भारत में जनता पर कितनी तीखी मार होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि पेट्रोल-डीजल की कीमत वृद्धि टुकड़ों में होगी या एक साथ।

पेट्रोल-डीजल की भारी कीमत वृद्धि का असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। पर रोजमर्रा की वस्तुओं पर इसका प्रभाव तत्काल पड़ता है जैसे सब्जियां, दालें, मसाले, दूध-मक्खन, ब्रेड आदि। विर्निमित वस्तुओं पर प्रभाव पड़ने में थोड़ा समय लगता है। आवाजाही और उत्पादन लागत बढ़ने से इसका असर चैतरफा होता है। पेट्रोल-डीजल की कीमत वृद्धि की मार कितनी तीखी होगी, यह विधानसभा के नतीजों पर भी निर्भर करेगा।

साभार : राजेश रपरिया

Pakistan में IMF Loan पर फूटा गुस्सा, ‘परमाणु-संपन्न मुल्क पाकिस्तान, जो दशकों से दुनिया के सामने भीख मांग रहा है’

आईएमएफ ने जुलाई-2019 में 6 अरब डॉलर (लगभग 1,056 अरब पाकिस्तानी रुपये) का कर्ज-कार्यक्रम मंजूर किया था, ताकि पाकिस्तान अपनी रोजमर्रा की वित्तीय जरूरतें पूरी कर सके। यह पैसा किश्तों में मिल रहा है। इसके साथ कुछ सख्त शर्तें भी हैं, जो पाकिस्तान को पूरी करनी होती हैं।

जब 1998 में भारत ने खुद को एक पूर्ण परमाणु राष्ट्र घोषित किया था तो पाकिस्तान में हाहाकार मच गया था। भारत की बराबरी करने के लिए पाकिस्तान ने भी कुछ ही सप्ताह बाद खुद को परमाणु राष्ट्र घोषित कर दिया। लेकिन इससे उसकी आर्थिक स्थिति चरमरा गई। 

पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने कभी कहा था कि चाहे उनके लोगों को हजार वर्षों तक घास खानी पड़े, पाकिस्तान परमाणु शक्ति बनकर रहेगा। भुट्टो की ये बात फिलहाल सही साबित होती दिख रही है। पाकिस्तान इस समय अथाह विदेशी कर्ज में डूब चुका है।

गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान के लिए ऋण की एक नई किश्त जारी की है। लेकिन इस बार पाकिस्तानी सरकार को अपने नागरिकों से गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।

‘इस्लाम खबर’ ने दावा किया कि वित्तीय कुप्रबंधन और देश को चलाने के लिए विदेशी पैसों पर अधिक निर्भरता के कारण सरकार में जनता का विश्वास नए निचले स्तर पर है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तारिन द्वारा आईएमएफ ऋणों की छठी किश्त को मंजूरी देने की घोषणा के एक ट्वीट के बाद लोगों ने गुस्से में प्रतिक्रियाएं दी हैं।

तारिन ने ट्वीट किया, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आईएमएफ बोर्ड ने पाकिस्तान के लिए उनके कार्यक्रम की छठी किश्त को मंजूरी दे दी है।”

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह आश्चर्यजनक ही नहीं बल्कि खेदजनक भी है कि वित्त मंत्री ने देश को गुलाम बनाकर आईएमएफ से नई किस्त मिलने पर खुशी जाहिर की है।” पाकिस्तान में एक मीडिया संपादकीय लेख में कहा गया कि पाकिस्तान “शायद एकमात्र परमाणु देश है जिसे अपने हर दिन के खर्च के लिए लोन की आवश्यकता होती है, हर दिन सहायता के लिए भीख माँगता है और यह दशकों से जारी है।”

पाकिस्तानी लोगों में सरकार के प्रति ये गुस्सा ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान को आईएमएफ द्वारा 1 बिलियन अमरीकी डालर की लोन राशि जारी की गई है। इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान में ईंधन की कीमतें और बिजली की दरें ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं।

ताजा फंड 6 बिलियन अमरीकी डालर के बेलआउट पैकेज की एक किस्त का हिस्सा है। IMF के कार्यकारी बोर्ड ने 3 जुलाई, 2019 को पाकिस्तान के लिए बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी थी।

पंजाब में किसी को भी बहुमत मिलना संभव नहीं, भाजपा के बिना कोई भी सत्ता में नहीं आ सकता: जे पी नड़ड़ा

जेपी नड्डा ने कहा कि पंजाब में भाजपा की वरीयता पार्टी का विस्तार करना है। नड्डा ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी अकाली दल के साथ समझौता करने की इच्छुक नहीं है। पंजाब में 117 विधानसभा सीट के लिए 20 फरवरी को हुए मतदान में करीब 72 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अंतिम मत प्रतिशत 71.95 फीसदी रहा।

“केजरीवाल पर आतंकियों के साथ का आरोप है और वे आतंकियों से फंडिंग मिलने से इंकार नहीं करते” जेपी नड्डा

नयी दिल्ली(ब्यूरो), डेमोरेटिक फ्रंट :

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव में बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करेग। समाचार चैनल को दिए गए विशेष इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार से बातचीत करते हुए नड्डा ने दावा किया कि चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में भाजपा की वरीयता पार्टी का विस्तार करना है। नड्डा ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी अकाली दल के साथ समझौता करने की इच्छुक नहीं है।

पंजाब में 117 विधानसभा सीट के लिए 20 फरवरी को हुए मतदान में करीब 72 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अंतिम मत प्रतिशत 71.95 फीसदी रहा. राज्य में पिछले तीन विधानसभा चुनावों से इसकी तुलना की जाए तो इस बार सबसे कम मतदान हुआ है. मतों की गिनती 10 मार्च को होगी।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आतंकियों के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिंक से जुड़े आरोपों पर भी अपनी बात रखी। बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, “केजरीवाल पर आतंकियों के साथ का आरोप है और वे आतंकियों से फंडिंग मिलने से इंकार नहीं करते।”

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आआपा) के पूर्व नेता कुमार विश्वास ने केजरीवाल पर पंजाब विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अलगाववादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया था, लेकिन आप प्रमुख ने इन आरोपों को खारिज कर दिया।

‘WhatsApp ग्रुप में मैसेज के लिए एडमिन जिम्मेदार नहीं’: केरल हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि WhatsApp Group में आने वाले किसी भी आपत्तिजनक मैसेज के लिए ग्रुप एडमिन परोक्ष रूप से जिम्मेदार नहीं होगा। केरल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि किसी भी व्हाट्सऐप ग्रुप में आनेवाले किसी भी आपत्तिजनक मैसेज के लिए ग्रुप एडमिन परोक्ष रूप से जिम्मेदार नहीं होगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, नई दिल्ली(ब्यूरो) : 

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को वॉट्सऐप के संबंध में एक एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में वॉट्सऐप ग्रुप एडमिन को बड़ी राहत देते हुए कहा कि वॉट्सऐप पर किसी भी व्यक्ति की ओर से आपत्तिजनक पोस्ट करने पर ग्रुप एडमिन को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। जस्टिस कौसर एडप्पागथ ने कहा कि इस संबंध में कोई आपराधिक जिम्मेदारी तय करने को लेकर कोई कानून मौजूद नहीं हैं। ऐसे में वॉट्सऐप ग्रुप के एडमिन को ग्रुप में मेंबर्स की ओर से किए गए आपत्तिजनक पोस्ट के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

दरअसल मार्च 2020 में ‘फ्रेंड्स’ नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप में एक वीडियो शेयर किया गया था जिसमें यौन कृत्यों में शामिल बच्चों को दिखाया गया था। इस ग्रुप को भी याचिकाकर्ता ने ही बनाया था और वही एडमिन थे। याचिकाकर्ता के अलावा दो अन्य भी एडमिन थे जिनमें से एक आरोपी था

पहले आरोपी के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 बी (ए), (बी) और (डी) और यौन अपराध से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धारा 13, 14 और 15 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में एडमिन होने के नाते याचिकाकर्ता को भी आरोपी बनाया गया जिसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

कोर्ट ने कहा कि एक व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन के पास अन्य सदस्यों पर एकमात्र विशेषाधिकार यह है कि वह ग्रुप से किसी भी सदस्य को हटा सकता है या एड कर सकता है। किसी व्हाट्सएप ग्रुप का कोई सदस्य ग्रुप में क्या पोस्ट कर रहा है, इस पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है। वह किसी ग्रुप के मैसेज को मॉडरेट या सेंसर नहीं कर सकता है।

जस्टिस कौसर एडप्पागथ ने कहा कि आपराधिक कानून में परोक्ष दायित्व केवल तभी तय किया जा सकता है, जब कोई कानून ऐसा निर्धारित करे और फिलहाल आईटी एक्ट में ऐसा कोई कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि एक व्हाट्सएप एडमिन आईटी अधिनियम के तहत मध्यस्थ नहीं हो सकता है।

केंद्रीय आर्य सभा द्वारा महर्षि दयानंद जन्मोत्सव का आयोजन 25 से

चण्डीगढ :

केंद्रीय आर्य सभा द्वारा आर्य समाज, सेक्टर 7-बी, चण्डीगढ में महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्मोत्सव 25 फरवरी से चण्डीगढ, पंचकूला और मोहाली की सभी आर्य समाजों तथा आर्य शिक्षण संस्थाओं के सम्मिलित प्रयास से मनाया जाएगा। मीडिया सलाहकार डॉ विनोद शर्मा ने बताया कि 25 फरवरी से प्रारम्भ होने वाला यह उत्सव 27 फरवरी तक चलेगा। 26 फरवरी को विशाल शोभा यात्रा का आयोजन होगा। इसमें चण्डीगढ, पंचकूला, मोहाली ,सूरजपुर, डेराबस्सी की सभी आर्य समाजें  तथा आर्य शिक्षण संस्थाएं आकर्षक झांकियों सहित भाग लेंगी।  ये झांकियां आकर्षण का मुख्य केंद्र होंगी।  शोभा यात्रा आर्य समाज सेक्टर 7 बी, चण्डीगढ से  प्रारम्भ होकर सेक्टर 7, 8, 18,19 की मार्किट से होती हुए आर्य समाज सेक्टर-19 में संपन्न होगी।  27 फरवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम में उच्च कोटि के वैदिक प्रवक्ता सहारनपुर से आचार्य शिव कुमार शास्त्री, पंजाब विश्वविद्यालय दयानंद चेयर के अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र अलंकार, डॉ जगदीश शास्त्री, जैवीर वैदिक  व्याख्यान देंगे जबकि भजनोपदेशक पंडित कुलदीप आर्य मधुर भजन प्रस्तुत करेंगे।  

समीप कंग की  “की बनू पुनिया दा” वेब सीरीज बब्बल राय और जसविंदर भल्ला के साथ लीड में जल्द ही रिलीज होगी, ट्रेलर लॉन्च 

चंडीगढ़   24 फरवरी 

 गायक और अभिनेता बब्बल राय और जसविंदर भल्ला अपनी आगामी वेब-श्रृंखला “की बनू पुनिया दा” के साथ दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, यह केवल यूट्यूब पर ही प्रदर्शित की जाएगी व  समीप कंग  द्वारा निर्देशित है, यह हिट डिजिटल जोड़ी  नवनीत शर्मा और  जसकरण  (कनाडा जाना ही जाना फेम) द्वारा एक विशेष प्रयास है।

की बनू पुनिया दा  एक कॉमेडी  आधारित वेब-सीरीज है जिसमें मुख्य भूमिका जसविंदर भल्ला और बब्बल राय निभा रहे हैं। वेब सीरीज में जसविंदर भल्ला बलवंत सिंह पुनिया की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि अभिनेता बब्बल राय उर्फ राजवीर पुनिया को बलवंत सिंह के बेटे के रूप में देखा जा रहा है, फीमेल लीड की  भूमिका सायरा द्वारा निभाई जा रही है और क्रेजी  कॉमेडी सीरीज को निर्देशक समीप कंग द्वारा डायरेक्ट किया जाएगा। 

 समीप कंग ने कहा की कोविड ने हम सब के एंटरटेनमेंट का तरीका बदल दिया है ,आज का युवा ओ टी टी पर ही फिल्में देखना पसंद कर रहे हैं। हम इस डिजिटल युग के अनुरूप “की बनू पुनिया दा”  को सिर्फ और सिर्फ यु ट्यूब पर रिलीज करके नया प्रयोग किया जा रहा है।

समीप कंग द्वारा निर्देशित वेब सीरीज में जसविंदर भल्ला , बब्बल राय , दिलावर सिद्धू , अक्षिता शर्मा , अर्श काहलों , चन्दन गिल व् प्रोमोशन की जिम्मा  डिजिटल दुनिआ की हिट जोड़ी नवनीत व् जसकरण सिंह के जिम्मे है 

उच्च न्यायालय ने वर्दी में हिजाब नामंजूर किए, कहा है कि सभी छात्रों को स्कूलों की यूनिफॉर्म से जुड़े नियमों का पालन करना होगा

कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बीच हाई कोर्ट ने टिप्पणी की है। इसमें कोर्ट ने कहा है कि सभी छात्रों को स्कूलों की यूनिफॉर्म से जुड़े नियमों का पालन करना होगा। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि शिक्षकों पर यह नियम लागू नहीं होगा।

कोर्ट ने इस केस की सुनवाई को गुरुवार तक के लिए टाल दिया है। उम्मीद लगाई जा रही है कि अगली सुनवाई के दौरान इस केस में कुछ अहम फैसला लिया जा सकता है। आपको बता दें कि बीते दिन ही कोर्ट ने कहा था कि वह इस केस को इसी सप्ताह में खत्म करना चाहते हैं।

मंगलवार की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने इस आरोप को खारिज कर दिया कि हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देना संविधान के अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है। नवदगी ने दलील दी, ‘कोई भेदभाव नहीं है। जैसा अनुच्छेद 15 के तहत दावा किया गया है. ये आरोप बेबुनियाद हैं।’ अनुच्छेद 15 के तहत धर्म, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव पर रोक है।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि हम इस मामले को इसी सप्ताह खत्म करना चाहते हैं। इस सप्ताह के अंत तक इस मामले को खत्म करने के लिए सभी प्रयास करें।

रामपुर में बुर्का पहन फर्जी वोट डालने आईं दो महिलाएं, डीएम ने पकड़ा

सोमवार को रामपुर में मतदान चल रहा था। इस बीच शहर विधानसभा क्षेत्र में राजकीय रजा डिग्री कॉलेज स्थित मतदेय स्थल पर दो महिलाएं वोट डालने आईं। दोनों महिलाएं बुर्का पहने हुए थीं। पोलिंग टीम ने महिलाओं की आईडी चेक की। संदेह होने पर डीएम को जानकारी दी, जिसके बाद जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ के निर्देश पर दोनों महिलाओं को पुलिस हिरातस में सौंप दिया गया। पुलिस दोनों महिलाओं को थाने में लेकर आ गई। गंज इंस्पेक्टर अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने बताया कि फर्जी वोट डालने का प्रयास करते हुए दो महिलाएं पकड़ी गई हैं, दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, लखनऊ(ब्यूरो):

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुना के लिए दूसरे चरण के मतदान के दौरान रामपुर में फर्जी मतदान करती 2 महिलाओं को पकड़ा गया है। यह मामला रामपुर स्थित रज़ा डिग्री कॉलेज स्थित पोलिंग सेंटर का है, जहां ये दोनों बुर्का पहनकर वोट करने आई थीं। इसमें एक फर्जी वोट डाल भी चुकी थी, जबकि दूसरे को वोट डालते समय पकड़ लिया गया। पुलिस ने इन दोनों महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

यूपी विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज में 9 जिलों की 55 सीटों पर वोटिंग जारी है। दोपहर 3 बजे तक 51.93% वोटिंग हुई है।

रामपुर में फर्जी(मतदान) वोटिंग करते हुए पकड़ी गई दोनों महिलाओं पर केस दर्ज किया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी रवींद्र कुमार ने कहा कि दोनों मां-बेटी हैं। इनमें से एक ने फर्जी वोट डाल भी दिया था। रवींद्र कुमार ने दूसरों को भी चेतावनी दी कि कोई ऐसा ना करे, क्योंकि मतदान कर्मी ट्रेंड हैं और कोई फर्जी वोटिंग नहीं हो सकती। पकड़ी गई महिलाओं के नाम मुस्कान और रानी हैं।

भाजपा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे खत में शिकायत की- आज हो रहे मतदान में पर्दानशीं महिलाओं की पहचान किए बिना ही मतदान कराया जा रहा है। पर्दानशीं महिलाओं की पहचान निश्चित करने के लिए बूथों पर महिला पुलिसकर्मी और चुनाव कर्मी तैनात किए जाएं, क्योंकि पर्दे की आड़ में फर्जी मतदान हो रहा है। साफ और निष्पक्ष मतदान जरूरी है। ऐसे में इस तरह का मतदान तुरंत रोका जाना चाहिए।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि हिजाब कंट्रोवर्सी के बीच सेकेंड फेज भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि इन 9 जिलों में 50% से ज्यादा वोटर्स मुस्लिम हैं। 11 बजे तक का वोटिंग ट्रेंड बता रहा है कि मुस्लिम बहुल 12 फीसदी सीटों पर दूसरी जगहों के मुकाबले 3% ज्यादा वोटिंग हो रही है। 11 बजे तक 9 जिलों में कुल 23.03% वोटिंग हुई और मुस्लिम बहुल 12 सीटों पर 26.32% वोट पड़े।

पंचांग 11 फरवरी 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज आज नवरात्रि पारणा है।

विक्रमी संवत्ः 2078, 

शक संवत्ः 1943, 

मासः माघ़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः दशमी दोपहर 01.53 तक है, 

वारः शुक्रवार, 

नक्षत्रः मृगशिरा प्रातः 06.37 तक है। 

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

योगः वैधृति सांय काल 07.48 तक, 

करणः गर, 

सूर्य राशिः मकर,  चंद्र राशिः वृष, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.07,  सूर्यास्तः 06.04 बजे।