जिला प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरूक एवं सचेत करने के लिए विशेष हिदायतें जारी की गई हैं। इनके तहत कोरोना की रोकथाम और नियंत्रण के लिए आवश्यक सामान एवं प्रर्याप्त स्टोक रखने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि कोरोना एक नया वायरस है जो तीव्र श्वसन रोग का कारण बनता हैं। इसमें खांसी, बुखार और सांस लेने में दिक्कत होती है। इसके कारण अधिक संक्रमण फैलने पर रोगी की मृत्यु हो सकती हैं। इसके लिए पूर्ण रूप से सचेत एवं जागरूक रहना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमण को कम करने के लिए सैक्टर-6 के सीविल हस्पताल के विशेष फ्लू काॅर्नर स्थापित किया गया है इसके अलावा सीएचसी रायपुररानी और कालका में आईसोलेशन वार्ड बनाए गए है।
उपायुक्त ने बताया कि जिला में रेपिड रिस्पोंस टीम का भी गठन किया गया है। जो 24 घंटें संदिग्ध रोगी की सक्रिय निगरानी कर रहे हैं। लोगों के लिए हैल्पलाइन न0. 9779494643, 8054007102, 0172-2573907 जारी किए गए है। इन नंबरों पर जानकारी ली जा सकती है। इसके अलावा टोल प्लाजा, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, निजी और सरकारी अस्पतालों में डिसप्ले बोर्ड, फ्लेक्स, पैम्फलेट्स लगाकर जागरूक किया जा रहा हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति 14 दिनों की अवधि के लिए घर पर ही सीमित होना चाहिए और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ निकट संपर्क से बचना चाहिए। भीड़- भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें और कम से कम 20 सैंकेड़ के लिए अपने हाथों को साबुन से धोना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेनें चाहिए और किसी भी प्रकार की समस्या हो तो चिकित्सकों की निगरानी में जाना चाहिए। सिविल सर्जन डाॅ0 जसप्रीत कौर ने बताया कि जिला में कोरोना वायरस की स्थिति पूर्ण नियत्रंण में हैं।
लोगों को अफवाहों से बचना चाहिए और घबराने की बजाए सचेत और जागरूक रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि पर्याप्त संख्या में 95 मास्क, ट्रिप्पल मास्क, बीटीएल मास्क व पीपीई किट उपलब्ध हैं। रोगीयों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा चिकित्सा अधिकारियों को कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने का प्रशिक्षण दिया गया हैं तथा जिला में संचालित सभी सरकारी व प्राईवेट अस्पतालों को एडवाइजरी जारी की गई हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/02/coronavirus-special.jpg4881279Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-03-06 13:31:052020-03-06 14:20:03जिला में कोरोना वायरस की स्थिति पूर्ण नियत्रंण में हैं: डाॅ0 जसप्रीत कौर
उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने कहा कि करोना वायरस से लोगों को सचेत एवं जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसके लिए जिला में रैपिड रिस्पोंस टीम का गठन कर सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेष अलगाव वार्ड बनाए गए है। इसके अलावा सभी प्राईवेट अस्पतालों में भी विशेष आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए गए है।
उपायुक्त जिला सचिवालय के सभागार में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी करोना वायरस के लिए लाल कागज पर विशेष निर्देश एवं हिदायतें जारी करें। उन्होंने कहा कि खांसी, बुखार व सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत चिकित्सकों से संपर्क करना चाहिए। करोना वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है बल्कि इसकेे लक्षण आते ही सचेत एवं जागरूक रहने की आवश्यकता है। इसे आमजन में चर्चित होना चाहिए ताकि लोग पूर्ण सावधानी बरत सकें। करोना वायरस का अभी तक खास इलाज नहीं है लेकिन जागरूक होकर इससे निदान पाया जा सकता है। करोना वायरस सामान्य बुखार की तरह का संक्रमण है इसमें केवल 2 प्रतिशत ही मृत्यु दर है लेकिन फिर भी सावधानी अवश्य बरतनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह वायरस संक्रमण से फैलता है और फ्लू जैसी बीमारी है जो हाथो व हवा के संक्रमण से फेफड़ो तक फैल जाती है। पीड़ित व्यक्ति निमोनिया जैसी बीमारी से भी ग्रस्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि पीड़ित व्यक्ति से लगातार 14 दिन तक 1 मीटर की दूरी बनाए रखना, प्रतिदिन हर 20 सैंकेड़ में साबुन से हाथ धोना ही करोना वायरस के संक्रमण से बचने का सही उपाय है। इसके अलावा छींकते समय उलटे हाथ नाक से सामने रखने और तुरंत हाथ धोने से भी करोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।
उपायुक्त ने बताया कि करोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति 3 से 4 लोगों को संक्रमित कर सकता है। पंचकूला में इस वायरस के कारण अब तक 21 लोगों को निगरानी में रखा गया है तथा नागरिक अस्पताल सैक्टर-6 व सामुदायिक केन्द्र कालका व रायपुररानी में 24 घण्टे हैल्प डैस्क स्थापित किए गए है। इसके अलावा उपायुक्त कार्यालय में भी सेल का गठन किया गया है जो नियमित रूप से करोना वायरस बारे निगरानी रखेगें। जिला में स्थित टोल प्लाजा पर विशेष टीम लगाई गई है जो लगातार लोगों को जागरूक कर रही हैं।
उपायुक्त ने बताया कि जिला के अस्पतालों में स्थित हैल्प डैस्क के लिए 9779494643, 8054007104 व 0172-2573907 हैल्प लाईन नबंरों पर भी जानकारी ली जा सकती हैं । उन्होंने कहा कि 8 मार्च को ग्राम सभा की बैठकोें में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा करोना वायरस से सचेत एवं जागरूक किया जाएगा। जिला की सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक हिदायतें जारी कर दी गई है। करोना वायरस के लक्षण होने पर पोष्टिक आहार लेने के साथ-साथ सादा पानी पीना चाहिए।
बैठक में पीपीटी के माध्यम से करोना वायरस से सचेत रहने एवं फैलने के लक्षणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
जिला परिषद की चेयरमैन रितू सिंगला, अतिरिक्त उपायुक्त मनिता मलिक, नगराधीश सुशील कुमार, एसडीएम धीरज चहल, कालका के एसडीएम राकेश सिंधू, डीआरओ रामफल कटारिया, जिला परिषद की सीईओ निशू सिंगला, जिला विकास एंव पंचायत अधिकारी दमन सिंह सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/02/coronavirus-special.jpg4881279Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-03-04 11:03:032020-03-04 11:29:22करोना वाइरस के खिलाफ प्रशासन लामबंद
उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा के मार्ग दर्शन से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खटौली तथा राजकीय प्राथमिक विद्यालय खटौली के विद्यार्थियों द्वारा ग्राम खटौली के शिवमंदिर के प्रांगण में नुक्कड नाटक का आयोजन किया गया।
नुक्कड नाटक के माध्यम से ग्रामवासियों द्वारा जहां एक ओर पर्यावरण को बचाने , अधिक से अधिक पेड़ लगाने, अनावश्यक रूप से पेड़ों को न काटने का संदेश दिया गया वहीं सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने, पाॅलिथीन बैग का प्रयोग न करने व इनके स्थान पर कपड़े व कागज से बनी थैलियों का प्रयोग करने का सकारात्मक संदेश भी दिया गया। बच्चों ने नाच-गाकर, डफली बजाकर व चित्र संकेतों के माध्यम से लोगों तक अपना संदेश पहँुचाया।
बच्चों ने कुछ ग्रामवासियों को कागज से बने बैग भी वितरित किए। सभी दर्शक ग्रामवासियों ने इस नुक्कड़ नाटक को बहुत पसंद किया वहीं इसके माध्यम से दिए गए सकारात्मक संदेश की सराहना की। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विद्यालय की प्रधानाचार्या रूमा आनन्द और सभी अध्यापकों ने भाग लिया।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/03/7.jpg7681024Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-03-02 14:35:072020-03-02 14:35:45सिंगल यूस प्लास्टिक के प्रति जागरूक करता खाटौली की लड़कियों का नुक्कड़ नाटक सराहा गया
पंचकूला हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित शिशु गृह पंचकूला में गुरुग्राम से शुरू हुई नशा मुक्ति साइकिलिंग जागरूकता यात्रा का समापन कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने शिरकत की। समापन कार्यक्रम में पहुंचने पर मुख्य अतिथि ज्ञान चंद गुप्ता का जोरदार स्वागत हुआ। कार्यक्रम की मेजबानी अध्यक्ष के रूप में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के मानद महासचिव कृष्ण ढुल ने की।
नशों के खिलाफ जागरूकता के उद्देश्य से शुरू हुई साइकिल यात्रा हरियाणवी लोकप्रिय गायक मनु धवन के नेतृत्व में शुरू हुई। जिसमें 30 साईकलरों ने भाग लेते हुए प्रदेश भर में लगभग 17 सौ किलोमीटर की लंबी दूरी तय करते हुए यह यात्रा अंतिम पड़ाव में पंचकूला शिशुगृह पहुंची। विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि दूध दही के प्रदेश हरियाणा में नशों के खिलाफ मिलकर सबको जागरूकता अभियान का हिस्सा बनना होगा। तभी फिर से दूध दही के लिए प्रसिद्ध हरियाणा और हरियाणावासी का सम्मान बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार भी नशों के खिलाफ लगातार अभियान चलाए हुए हैं। प्रदेश भर में नशामुक्ति केंद्रों की स्थापना की जा रही है जिसमें हजारों लोगों को नशा मुक्ति का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि खेल और खिलाड़ियों की इस धरती पर सभी को नशा न करने का संकल्प लेना चाहिए।
इस अवसर पर उन्होंने नशा मुक्ति जागरूकता यात्रा में शामिल सभी साईकलरों को सम्मानित किया। मानद महासचिव कृष्ण ढुल ने कहा कि वे भी अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। वे खुद नशों के खिलाफ इस साइकिलिंग यात्रा का हिस्सा बन पाए और उन्होंने खुद साइकिल से डेढ़ सौ किलोमीटर का सफर तय किया। उन्होंने कहा कि जागरूकता का समापन हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित शिशु गृह में हो रहा है। इसके लिए भी उन्हें प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने मुख्य रूप से विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता का धन्यवाद करते हुआ कि वे अपने बेहद व्यस्त समय में से समय निकालकर कार्यक्रम में पहुंचे और उन्होंने इस अभियान के प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाया।
ढुल ने कहा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति केंद्रों में अब तक 40 हजार से अधिक लोगों को नशा मुक्त किया जा चुका है और हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद प्रदेशभर में जागरूकता अभियान निरंतर चलाए हुए हैं और नशे को दूर करना हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की प्रतिबद्धता है। उन्होंने इस अवसर पर नशा मुक्ति जागरूकता यात्रा के संयोजक पवन जिंदल, जैकलिन जिंदल का धन्यवाद किया। उन्होंने विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को स्मृति चिन्ह भेंट कर कार्यक्रम में पहुंचने पर उनका धन्यवाद किया।
इस अवसर पर देव डी, बाल कल्याण अधिकारी सरोज मलिक, अडॉप्शन अधिकारी पूनम सूद, भगत सिंह, डीके गोयल, प्रदीप दलाल, वेदप्रकाश व अन्य उपस्थित
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/03/IMG-20200301-WA0026.jpg5761280Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-03-01 15:41:262020-03-01 15:43:03गुरुग्राम से 1700 किलोमीटर की नशा मुक्त साइकल यात्रा का पंचकुला में भव्य समापन
इससे पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने विधान परिषद में घोषणा की थी कि सरकार ने शैक्षिक संस्थानों में मुस्लिमों को पांच प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव किया है. वाहन फाड़नवीस ने शिव सेना से कुछ तीखे सवाल पूछे।
मुंबई.
महाराष्ट्र सरकार की तरफ से मुस्लिमों को पांच प्रतिशत कोटा प्रदान करने के राकांपा नेता एवं मंत्री नवाब मलिक के बयान के कुछ ही देर बाद वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. शहरी विकास मंत्री और वरिष्ठ शिवसेना नेता शिंदे ने कहा कि सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेता चर्चा करने के बाद इस मुद्दे पर कोई फैसला लेंगे.
इससे पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मलिक ने विधान परिषद में घोषणा की थी कि सरकार ने शैक्षिक संस्थानों में मुसलमानों को पांच प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव किया है. शिंदे ने विधानसभा परिसर के बाहर संवाददाताओं से कहा कि उन्हें घोषणा की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘एमवीए के नेता एक साथ किसी भी समुदाय को आरक्षण देने वाले नीतिगत फैसलों पर विचार करेंगे. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उचित समय पर उचित निर्णय लेंगे. अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.’
मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में विधानसभा का बजट सत्र खत्म होने से पहले मुस्लिमों को शिक्षा में पांच फीसदी आरक्षण देने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि पिछली सरकार में अदालत का फैसला होने के बाद भी बीजेपी अध्यादेश नहीं लाई थी.
इसी बीच देवेंद्र फाड़नवीस पूर्व मुख्यमंत्री महाराष्ट्र ने अपने एक बयान में इसे संविधान के साथ साथ तोड़ने वाला निर्णय कहा।
बता दें महाराष्ट्र में 2014 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले जून महीने में प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार ने मुस्लिमों के लिए पांच फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की थी और इस संबंध में अध्यादेश भी जारी किया था.इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी एक कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों की प्रशंसा की थी. उन्होंने कहा था कि अल्पसंख्यकों, विशेष तौर पर मुस्लिमों ने राज्य चुनाव में भाजपा के लिए वोट नहीं किया. उन्होंने कहा कि समुदाय के सदस्य जब कोई निर्णय करते हैं तो यह किसी पार्टी की हार सुनिश्चित करने के लिए होता है. लेकिन अब कुछ करने की हमारी बारी है. उन्होंने कहा कि राकांपा ने इस पर जोर दिया था कि राज्य सरकार में अल्पसंख्यक मामलों का विभाग कल्याणकारी कार्य करने के लिए उनकी पार्टी को दिया जाना चाहिए.
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/02/74391918.jpg9001200Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-02-28 17:38:072020-02-28 17:38:29महाराष्ट्र में मुसलमानों को 5% आरक्षण पर भाजपा गरम तो उद्धव नर्म
मुख्यमंत्री ने की सिर्फ़ भाषणबाज़ी और हवा-हवाई बातें- भूपेंद्र सिंह हुड्डा
औद्योगिक विकास और रोज़गार सृजन को लेकर बजट ख़ामोश- हुड्डा
सारिका तिवारी, 28 फरवरी चंडीगढ़ः
हरियाणा के वित्त बजट 2020-21 पर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये प्रदेश को कर्ज़ में डुबोने और विकास को धक्का पहुंचाने वाला बजट है। बीजेपी ने तमाम रिकॉर्ड तोड़ते हुए, प्रदेश को 1 लाख 98 हजार 700 करोड़ के कर्ज़ तले दबा दिया है। इसका मतलब ये हुआ कि हरियाणा में हर बच्चा करीब 80 हज़ार रुपये का कर्ज़ सिर पर लेकर पैदा होता है। 2013-14 में जो कर्ज़ 61 हज़ार करोड़ रुपये था, वो आज 3 गुणा से भी ज़्यादा बढ़ गया है।
हरियाणा बनने से लेकर 2014 तक तमाम सरकारों ने जितना कर्ज़ लिया था, उससे भी 3 गुणा ज़्यादा कर्ज़ अकेले बीजेपी की सरकार ने लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार में महज़ 61 हज़ार करोड़ कर्ज़ लेने पर बीजेपी ने सवाल उठाए थे। इतना ही नहीं 2014 में बीजेपी सरकार श्वेत पत्र ले आई थी। लेकिन अब कर्ज़ तीन गुणा से ज़्यादा बढ़ गया है। ऐसे में इस सरकार को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि ये राशि कहां इस्तेमाल हुई। इतना कर्ज़ बढ़ना समझ से परे है, क्योंकि बीजेपी सरकार के दौरान प्रदेश में कोई बड़ी परियोजना, कोई बड़ा संस्थान, कोई नई मेट्रो लाइन, रेलवे लाइन, कोई नया पावर प्लांट या बड़ा उद्योग नहीं आया।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट में सिर्फ़ हवा-हवाई वादे किए हैं। क्योंकि बजट की 30 फीसदी राशि तो कर्ज़ का ब्याज और मूल देने में चली जाती है। बाकी राशि पेंशन, सैलेरी, अन्य सेवाओं के भुगतान, संचालन और संरक्षण में चली जाती है। ऐसे में रोड, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल और यूनिवर्सिटी बनाने के लिए राशि कहां से आएगी?
इस बजट की घोषणा के साथ प्रदेश में गठबंधन सरकार का भ्रम और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का जुमला भी ख़त्म हो गया। साफ़ हो गया है कि गठबंधन सहयोगी ने सत्ता के लालच में बीजेपी का समर्थन नहीं, बल्कि बीजेपी के सामने समर्पण कर दिया है। क्योंकि बजट में उनकी किसी भी चुनावी घोषणा को जगह नहीं मिली है। इसलिए इस सरकार का कोई कॉमन मिनिमम प्रोग्राम नहीं आने वाला। और अगर अब कोई प्रोग्राम आता भी है तो उसका कोई मतलब नहीं रह जाता।
इस बजट में पुरानी पेंशन स्कीम, 5100 रुपये बुढ़ापा पेंशन, पंजाब के समान कर्मचारियों का वेतन करने, किसानों की कर्ज़माफ़ी और किसानों की फसलों पर बोनस देने जैसी तमाम मांगों को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया गया है। इससे प्री बजट चर्चा के सुझावों को मानने के दावे की भी पोल खुल गई है।
आज हरियाणा पूरे देश में सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी झेल रहा है। इससे पार पाने के लिए बजट में कोई विशेष ऐलान नहीं किया गया। उद्योगों को आकर्षित करने के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है। लगातार घाटे में चल रहे ऑटोमोबाइल और रियल इस्टेट जैसे क्षेत्रों को बूस्ट करने के लिए सरकार ने कोई प्रावधान नहीं किया। पानीपत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री से लेकर यमुनानगर के पोपुलर उद्योग को फिर से रफ्तार देने की मांगों पर बजट चुप्पी साधे हुए है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बजट में नशे से पार पाने के लिए किसी नई योजना के ऐलान की उम्मीद थी। क्योंकि NCRB के आंकड़ों से साफ हो गया है कि बीजेपी राज में हरियाणा ने नशे के मामले में पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया है। साल 2018 आंकड़ों से पता चला है कि हरियाणा में एनडीपीएस के 2,587 मामले सामने आए, जो उत्तर भारत में सबसे ज्यादा हैं। साल 2018 में हरियाणा में नशे की ओवर डोज़ से 86 मौतें हुई हैं जबकि पंजाब में इससे कम 78 मौत हुई हैं। इसी तरह नकली शराब पीने से 162 लोगों की मौत हुई। पीजीआई रोहतक और सिरसा की रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रदेश के युवा ही नहीं बच्चे भी नशे की ज़द में समाते जा रहे हैं। इतने ख़तरनाक हालातों के बावजूद बजट में नशे पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया। नशे और अपराध को कम करने की पूरे बजट में कोई दिशा दिखाई नहीं देती।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार अटल भूजल योजना चलाने का तो हवाला देती है, लेकिन वॉटर कंज़रवेशन के लिए बनी प्रदेश की सबसे कारगर दादूपुर-नलवी परियोजना को बंद कर देती है। बजट में किसानों और विपक्ष की मांग पर इस परियोजना की बहाली की उम्मीद थी। लेकिन सरकार ने इस मांग को भी अनदेखा कर दिया।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/08/bhupinder-hooda-1.jpg422759Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-02-28 17:23:382020-02-28 17:23:52प्रदेश को कर्ज़ में डुबोने और विकास को धक्का पहुंचाने वाला है बजट- भूपेंद्र सिंह हुड्डा
दिल की बीमारियों से हर वर्ष 17 लाख भारतीय मरते हैं: डा.एच.के.बाली दिल की बीमारियों के कारण पिछले 26 वर्षों में मौतों में 34 प्रतिशत इजाफा हुआ: डा. कपिल चैटरी
डा. बाली ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में वह 250 से अधिक ऐसे मरीजों की एंजीयोप्लास्टी कर चुके हैं, जिनकी उम्र 80-95 वर्ष के बीच थी। वह सबसे अधिक उम्र के मरीज 102 वर्षीय महिला की एंजीयोप्लास्टी भी कर चुके हैं, जो कामयाब रही। डा. बाली ने कहा कि ज्यादा उम्र में एंजीयोप्लास्टी ही सही इलाज है, क्योंकि बुजुर्गों को अन्य बहुत सारी बीमारियां शुगर, किडनी तथा फेफड़ों का काम कम करने जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।
पंचकूला, 27 फरवरी :
पारस सुपर-स्पैशलिटी अस्पताल पंचकूला के डाक्टरों की टीम ने ज्यादा उम्र में कोरनरी आटर्री हर्ट डिजीज (दिल की बीमारियों) के बारे अवेयरनैस हेतु मीडिया को संबोधित किया। इस अवसर पर अस्पताल के दिल के रोगों के विभाग (कार्डियक साइंस) के चेयरमैन डा. एच.के. बाली, सीनियर कंस्लटेंट डा. कपिल चैटरी तथा कंस्लटेंट डा. गगनदीप सिंह मौजूद थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में डा. बाली ने कहा कि 2050 तक भारत की आबादी में 40 प्रतिशत इजाफा हो जाएगा, वहीं 60 प्रतिशत से अधिक उम्र के लोगों की आबादी में 270 प्रतिशत इजाफा होगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2026 तक भारत में बुजुर्गों की आबादी 17 करोड़ 30 लाख हो जाएगाी। इस समय बड़ी उम्र के लोग तीन वर्गों में बंटे हुए हैं, जिनमें 60-70 वर्ष के, 70-80 वर्ष तथा 80 से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं।
डा. बाली जिनके पास दिल की बीमारियों के इलाज का 30 वर्षों का अनुभव है तथा 15000 से अधिक मरीजों का इलाज कर चुके हैं, ने कहा कि जैस-जैसे लोगों की उम्र बढ़ रही है, उनमें खून की नाडिय़ां बंद होने की समस्या भी बढ़ रही है। जिन लोगों की 10-15 वर्ष पहले बाइपास सर्जरी या एंजीयोप्लास्टी हुई है, उनको दोबारा ब्लाकेज (नाड़ी ब्लाकेज) की शिकायत हो रही है। डा. बाली ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में वह 250 से अधिक ऐसे मरीजों की एंजीयोप्लास्टी कर चुके हैं, जिनकी उम्र 80-95 वर्ष के बीच थी। वह सबसे अधिक उम्र के मरीज 102 वर्षीय महिला की एंजीयोप्लास्टी भी कर चुके हैं, जो कामयाब रही। डा. बाली ने कहा कि ज्यादा उम्र में एंजीयोप्लास्टी ही सही इलाज है, क्योंकि बुजुर्गों को अन्य बहुत सारी बीमारियां शुगर, किडनी तथा फेफड़ों का काम कम करने जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।
सीनियर कंस्लटेंट डा. कपिल चैटरी ने कहा कि अब जब देश की जनसंख्या 130 अरब तक पहुंच गई है, इनमें से साढ़े 4 करोड़ (45 मिलीयन) लोग दिल की बीमारियों से पीडि़त हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 26 वर्षों में भारत में दिल की बीमारियों के कारण मौतों की संख्या में 34 प्रतिशत इजाफा हुआ है, जबकि अमरीका में 1990 से 2016 तक यह मौत दर 41 प्रतिशत कम हुई है।
डा. गगनदीप सिंह ने कहा कि भारत में दिल की बीमारियों के कारण मौतों की संख्या अन्य संक्रमण बीमारियों से अधिक रही है। उन्होंने बताया कि ताजा आंकड़ों के अनुसार 30 प्रतिशत शहरी तथा 15 प्रतिशत दिहाती आबादी हाई बल्ड प्रैशर तथा दिल के दौरों से पीडि़त हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए परहेज तथा पहले ही अवेयर होने की जरूरत है।
इस अवसर पर पारस अस्पताल के डायरेक्टर आशीष चड्ढा ने बताया पारस सुपर-स्पैशलिटी अस्पताल पंचकूला, हरियाणा सरकार, हिमाचल प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार स्वास्थ्य सेवाओं (सीजीएचएस) तथा अन्य बोर्ड कार्पोरेशन के पैनल पर है तथा इनके कर्मचारी यहां इलाज करवा सकते हैं।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/02/11-Paras-Hospital-1.jpg12801920Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-02-27 14:35:062020-02-27 14:35:3680-90 वर्षीय मरीज के लिए एंजीयोप्लास्टी अब सुरक्षित इलाज
गर्भपात कराना यानी कि भ्रूण हत्या एक कानूनी जुर्म है। और यह एक गैर कानूनी अपराध सिर्फ तब तक नहीं है जब तक इसकी सीमाओं को लांघा नहीं गया और इसकी सीमा है 24 हफ्ते तक का दर्द अगर किसी भी महिला ने 24 हफ्ते के गर्भ के बाद गर्भपात करवाया तो इसको कानूनी जुर्म देखा जाएगा और कानून के दायरे में रखते हुए जिसने गर्भपात करवाया है उसे 3 वर्ष और जिस एजेंट डॉक्टर ने गर्भपात किया है। जिसने गर्भपात की सुविधा उपलब्ध कराई है। उस डॉक्टर को 7 वर्ष की कैद। निश्चित है।
विशेष:
इस कथन का नाता किसी ऐसी घटना से नहीं है। जिसमें किसी माता या किसी पिता ने अपनी ही औलाद को मौत के घाट उतारा हो या उसके साथ किसी भी प्रकार की बदसलूकी की हो। बल्कि यहां पर जीवनदाता उसको कहा गया है जिसे हमारे भारत में भगवान का दर्जा भी दिया जाता है। यानी कि डॉक्टर को हमारे भारत देश में भगवान जीवनदाता के नाम से आदर सत्कार के साथ बुलाया जाता है और वह सिर्फ इसलिए क्योंकि सिर्फ डॉक्टर ही हैं जो कड़ी से कड़ी मुश्किल भारी बीमारियों से मरीजों को बाहर निकाल कर लाते हैं और उन को एकदम भला चंगा कर देते हैं। और इनके इसी कार्य की वजह से भारत ही नहीं पूरी दुनिया भर के लोग उन पर पूरी तरह से निर्भर हैं, अपनी सेहत अपने स्वास्थ्य को लेकर।
जिस क्षेत्र में डॉक्टर काम करते हैं, उस क्षेत्र को मेडीवेशन कहा जाता है और मेडीवेशन के क्षेत्र में डॉक्टर सिर्फ एक प्रकार का ही नहीं बल्कि विभिन्न प्रकारों का होता है। जैसे पौधों का डॉक्टर पेड़ों का डॉक्टर जानवरों का डॉक्टर पक्षियों का डॉक्टर वह इंसानों का डॉक्टर और इंसानों का डॉक्टर कोई सिर्फ एक ही नहीं होता। वह भी भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं। जैसे दिमाग का डॉक्टर अलग दिल का डॉक्टर अलग किडनी का अलग महिलाओं का अलग पुरुषों का अलग वहीं बच्चों का अलग डॉक्टर पाया जाता है।
जैसा कि आप जानते हैं कि भारत में तो डॉक्टर को भगवान का नाम देकर आदर सत्कार के साथ बुलाया जाता है। लेकिन पूरे विश्व भर में हर व्यक्ति मैडिविजन क्षेत्र का आभारी है। क्योंकि केवल यही क्षेत्र है जो कि ना उन्हें सिर्फ उनकी बीमारियों से छुटकारा पाने में मदद करता है बल्कि उस बीमारी को झेलने की ताकत भी देता है। क्योंकि इस क्षेत्र में मनोवैज्ञानिकों की भी सुविधा उपलब्ध है। परंतु इस चित्र में सबसे ज्यादा महिलाओं के डॉक्टर यानी कि प्रसूतिशास्त्री
यहाँ माएं अपनी प्रसूति समस्याएं लेकर आती हैं और यही वह डॉक्टर हैं जो एक मां को उनकी संतान से मिलवाते हैं। लेकिन यह हर बार एक संतान को उसकी मां से नहीं मिलवा पाते, बहुत बार यह हत्यारे भी बन जाते हैं जो कि एक अजन्मी जान को मौत के घाट उतार देते हैं। गर्भपात के बारे में तो हम सब जानते हैं और यह भी जानते हैं कि गर्भपात कराना यानी कि भ्रूण हत्या एक कानूनी जुर्म है। और यह एक गैर कानूनी अपराध सिर्फ तब तक नहीं है कि जब तक इसकी सीमाओं को लांघा नहीं गया और इसकी सीमा है 3 माह है। अगर किसी भी महिला ने 3 माह के गर्भ के बाद गर्भपात करवाया तो इसको कानूनी जुर्म देखा जाएगा। कानून के अनुसार जिसने गर्भपात करवाया है उसे 3 वर्ष और जिस एजेंट – डॉक्टर ने गर्भपात किया है अथवा जिसने गर्भपात की सुविधा उपलब्ध कराई है उस डॉक्टर को 7 वर्ष की कैद निश्चित है। जबकि मेरे विचार से इस हत्या कि सज़ा तो उम्रक़ैद होनी चाहिए।
माँ
तेरे आँचल में छिप जाने को मन करता है, तेरी गोद में सो जाने को मन करता है | जब तू है साथ मेरे,जिन्दगी जीने कामन
करता है | तू ही है जिसके साथ,मै खुश हूँ , बस तेरे दामन में ही मह्फुस हूँ, पर माँ, जब
तू भी दुश्मन बन जाती है, मेरी नन्ही सांसों को, जब तू ही खामोश कर जाती
है| क्या कसूर होता है मेरा, जो तू भी पराया कर जाती
है | मुझे जिन्दगी के बजाय, मौत के आगोश में सुला
देती है| डरती है रूह मेरी, न जाने कब क्या होगा , जब तू भी साथ ना है माँ ,तो कौन मेरा अपना होगा , कौन मेरा अपना होगा ????
साभार कवियत्री: कर्णिका पाठक
हमारे ग्रन्थों में भ्रूण हत्यारे अश्वत्थामा को तो मणि विहीन कर शापित अमरता का दंड मिला है। महाभारत युद्ध के पश्चात जब अश्वत्थामा ने अभिमन्यु कि पत्नी उत्तरा के गर्भस्थ शिशु कि हत्या का प्रयास किया तब श्री कृष्ण ने न केवल उस गर्भ कि रक्षा की अपितु अश्वत्थामा की मस्तिष्क मणि निकाल कर उसे उसी रिसते घाव के साथ अमर होने का श्राप दिया। एक क्षणिक उन्मादी को शास्त्रोचित दंड मिला, परंतु इन लोगों को इस दंड का कोई भय नहीं।
अभी कल ही पंचकूला की एक ऐसी घटना सामने आई है। जिसमें पंचकूला सेक्टर 6 के जनरल हॉस्पिटल की गायनी विभाग की डॉ पूनम भार्गव ने अपने ही घर में गर्भपात का सारा इंतजाम कर रखा था। और इसकी शिकायत। अमन राजपूत और विनय अरोड़ा जी ने दी।डॉ. पूनम भार्गव के कारनामों के बारे में जानकारी दी थी। इसलिए वह ट्रैप लगवाना चाहते थे। लेकिन पुलिस की ओर से सहयोग न मिलने के चलते डॉ. पूनम भार्गव रंगे हाथों पकड़े जाने से बच गई। अमन राजपूत अपने साथ जिस महिला को गर्भपात के लिए पूनम भार्गव के घर लेकर गए थे, उसके गर्भ में बच्चे को मारने के लिए पहले तो महिला को गोली खिला दी और उसके बाद अमन से पैसे देने के लिए कहा। अमन ने जब कहा कि उसके पास अभी तीन हजार रुपये ही हैं तो वह भड़क गई थी और महिला को घर पर ही बैठा लिया था। इसके बाद अमन पांच हजार रुपये और लेकर आया था। दो वकीलों को लेकर पहुंची डॉक्टर। बीते सोमवार को इस मामले की जांच कमेटी कर रही थी और कमेटी के सामने डॉक्टर पूनम भार्गव उपलब्धि रही और वह अपने साथ दो वकील लेकर आई थी उनके वकील 9:00 पर शिकायतकर्ता अमन और विनय ने ऐतराज जाहिर किया और उनके एतराज के चलते हैं कोर्ट से बाहर कर दिया गया। और इसके बाद पूनम भार्गव का वीडियो भी हम दोनों शिकायत कर्ताओं ने दिखाया जिसमें वह इससे बाबत डीलिंग करती हुई नजर आ रही है और वह बोल रही है। इस वीडियो में यह देखने को मिला कि वह किससे बात कर रही है? क्या बात कर रही हो और डीलिंग में कितने पैसे ले रही हैं? डील चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी असिस्टेंट। बलजिंदर कौर के जरिए शुरू हुई थी। जिसमें बलजिंदर अमन से कह रही थी कि गर्भपात डॉक्टर पूनम भार्गव कर देंगी लेकिन उसके लिए उन्हें पैसे देने होंगे।
डॉक्टर पूनम ने कमेटी के समक्ष यह कबूल कर लिया कि। उन्होंने गर्भपात करने के लिए अमन से ₹8000 नकद ली थी। जिसे वह मौके पर ही कमेटी के समक्ष जमा कर दिए। गर्भपात विशेषज्ञ डॉक्टर को कानून क्या सज़ा देते हैं यह एक अलग शोध का विषय रहेगा।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/02/कन्या-भ्रूण-हत्या.jpg460673Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-02-26 04:24:532020-02-26 05:48:46क्या करें जब जीवनदाता ही हत्यारा बन जाए?
यह कोई नये शब्द नहीं है जहां जहां प्रेम की बात होती है वहां पर आत्मसम्मान का पाठ पढ़ाया जाता है क्योंकि किसी भी इंसान जिसमें रीढ़ की हड्डी मजबूत हो जो अपने स्वाभिमान के साथ जीता हो उसके लिए उसका आत्मसम्मान ही सबसे बड़ी चीज होती है। लेकिन जब बात आती है प्रेम की वहां अक्सर लोग अपना आत्मसम्मान खोते नजर आते हैं चाहे प्रेम में पड़कर हो चाहे सामने वाले के साथ तालमेल बिठाने को लेकर। एक हद तक यह सही भी होता है कि प्रेम को की पूर्ति करने के लिए कई बार अपने सम्मान को थोड़ा किनारे रखकर लोग आगे बढ़ते हैं क्योंकि किसी भी रिश्ते को खत्म करने से बेहतर होता है कि थोड़ासा एडजस्ट किया जाए रिश्ते रोज नहीं बनते लेकिन जब बनते हैं तो उन्हें सच्चे मन से निभाने वाले इंसान ही सच्चे होते हैं।
अब सवाल आता है आत्मसम्मान कए साथ एडजस्ट कहां किया जाए किसके साथ किया जाए किसके साथ आप करना चाहेंगे जिसके साथ आप करते हैं जो आपसे प्रेम करता है? जो आपसे प्रेम करता होगा वह आपको कभी भी आपके सम्मान के साथ समझौता नहीं करने देगा उसे महसूस होगा कि आपके सम्मान को ठेस पहुंच रही है तो वो आपसे एक कदम ज्यादा आगे बढ़कर उन शर्तों में बदलाव कर देगा लेकिन इसके लिए सामने वाले के दिल में आपके लिए निश्छल प्रेम का होना जरूरी है।
जहां प्रेम स्थिति समय और सुविधानुसार किया जाएगा वह कभी भी सामने वाला आपको वह सम्मान नहीं दिला पाएगा जो आपका अधिकार है और जिस प्रेम में अधिकारों को बताना पड़े जताना पड़े मांगना पड़े प्रेम नहीं सिर्फ परिस्थितियों में उलझा हुआ रिश्ता है। पर ऐसे रिश्ते में मन को बहलाने के लिए आप चाहे तो जीवन भर रह सकते हैं लेकिन याद रखिए जब जब सच्चाई की कसौटी पर यह रिश्ता परखेंगे तब तब आपको ठेस पहुंचेगी या तो आप खुद को तैयार कर लीजिए कि जब जब आपको ठोकर लगेगी आप अकेले गिरेंगे रोएंगे सम्भलेंगे और फिर उठ जाएंगे। लेकिन यह सब सिर्फ कुछ समय तक ही चल पाता है बार-बार अपमान के घूंट आपको इतना अंधेरों में धकेलेंगे कि आप चाह कर भी फिर नहीं उभर पाएंगे। कोई भी रिश्ता हो लेकिन चुनाव सिर्फ आपका होना चाहिए। कितना चलना है कैसे चलना है आपकी भूमिका कितनी होगी यह आप खुद तैयार कीजिए प्रेम में पड़कर भी किसी को इतना हक मत दीजिए कि सामने वाला आपको कठपुतली की तरह नचा सके। खुद का सम्मान करे तभी कोई और आपका सम्मान करेगा।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/02/love-ws.jpg523726Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-02-23 06:46:122020-02-23 06:46:44प्रेम और आत्मसम्मान
एक ओर जहां केजरिवाल, ममता बनर्जी, जगन रेड्डी, केरल सरकार और तो और ठाकरे मुस्लिम तुष्टीकरण से, मौलवियों इत्यादियों को मोटी तनख़्वाहें बाँट – बाँट कर, मदरसों को मुफ्त किताबें कापियाँ दे कर अपनी सरकरें बना/बचा रहे हैं और स्वयं को सेकुलर कह रहे हैं वहीं असम के शिक्षा मंत्री हेमंत बीस्व सरमा ने सही मायने में धर्मनिरपेक्षता की मिसाल दी है। उन्होने सरकारी सहायता से चलने वाले मदरसों और संस्कृत विद्यालयों को बंद कर वहाँ नियमित विद्यालयों को आरंभ करने की बात कही है।
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सरकारी सहायता से चलने वाले सभी मदरसों को बंद करने का फैसला लिया है। असम सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि उसने ऐसा धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देने के लिए किया है। इसी के साथ असम सरकार के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि राज्य में अरबी भाषा पढ़ाना और धार्मिक पुस्तकें बांटना सरकार का काम नहीं है।
असम के शिक्षा मंत्री सरमा ने इसपर कहा,
“हम राज्य के सभी सरकारी मदरसों को बंद कर रहे हैं, क्योंकि हमें लगता है कि अरबी भाषा को पढ़ाना और धार्मिक पुस्तकें बांटना सरकार का काम नहीं है। अगर किसी को ऐसा करना है तो वह अपने पैसे से कर सकता है, इसके लिए सरकार कोई फंड जारी नहीं करेगी”।
सरकार ने मदरसों के साथ-साथ सरकारी पैसे पर चलने वाले कुछ संस्कृत स्कूलों को भी बंद कर दिया है और इन सब को नियमित स्कूलों में बदल दिया जाएगा।
हिमंत बिस्व सरमा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा “राज्य में अभी 1200 मदरसा और लगभग 200 ऐसे संस्कृत स्कूल हैं जो बिना किसी बोर्ड के चल रहे हैं। समस्या यह है कि इन मदरसों में पढ़ने वालों छात्रों को भी अन्य नियमित स्कूलों के छात्रों की तरह ही समान डिग्री दी जाती है। इसीलिए अब सरकार ने इन सब मदरसों और संस्कृत स्कूलों को नियमित करने का फैसला लिया है”।
यह फैसला न सिर्फ राज्य सरकार के हित में है बल्कि इससे छात्रों का भविष्य भी सुरक्षित हो सकेगा, क्योंकि एक स्वतंत्र बोर्ड के तहत आने के कारण अब छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल सकेगी और साथ ही ऐसे स्कूलों की जवाबदेही भी तय हो सकेगी। इसके अलावा राज्य सरकार ने ऐसा करके अपने यहां धर्मनिरपेक्षता को भी बढ़ावा दिया है। सालों तक देश में सेक्यूलरिज़्म के नाम पर मुस्लिमों का तुष्टीकरण करने की राजनीति की जाती रही है जिसे अब राज्य की भाजपा सरकार ने नकार दिया है।
सरकार एक सेक्युलर बॉडी होती है, जिसके लिए सभी धर्म एक समान होते हैं। ऐसे में सरकार किसी एक धर्म के प्रचार के लिए पैसे नहीं खर्च कर सकती। इसीलिए सरकार ने अपने पैसों पर चलने वाले मदरसों को लेकर यह फैसला लिया है। जिसे अपने धर्म का प्रचार अपने पैसे से करना है, उसका स्वागत है लेकिन सरकार की ओर से उन्हें एक भी रुपया नहीं दिया जाएगा।
सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है और असम सरकार ने देश की उन सरकारों के लिए एक उदाहरण पेश किया है जो सिर्फ अपनी राजनीति को चमकाने के लिए मुस्लिमों का तुष्टीकरण करती हैं। असम सरकार ने सही मायनों में एक सेक्युलर सरकार होने का प्रमाण दिया है।
https://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2020/02/assam-bjp-himanta-1200.jpg422759Demokratic Front Bureauhttps://demokraticfront.com/wp-content/uploads/2018/05/LogoMakr_7bb8CP.pngDemokratic Front Bureau2020-02-14 05:55:172020-02-14 05:55:32अरबी भाषा को पढ़ाना और धार्मिक पुस्तकें बांटना सरकार का काम नहीं है: हिमंत बिस्व सरमा
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