रफी साहब के गानों से सजी महफिल
- रफी साहब के गानों से सजी महफिल, वाॅयस ऑफ यूनिटी ने संगीतमय कार्यक्रम का किया आयोजन
- ये चांद सा रोशन चेहरा और बदन पे सितारे लपटे हुए जैसे मनमोहक कई गानों को गाकर गायकों ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 11 नवंबर:
सुप्रसिद्ध गायक मो रफी की याद में तथा उनके 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, के उपलक्ष्य में वाॅयस ऑफ यूनिटी संस्था द्वारा संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन संस्था की प्रेसिडेंट व प्रसिद्ध समाज सेविका जया गोयल के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम में मो रफी साहब के भारतीय सिनेमा में गानों के योगदान को सम्मानित करते हुए संस्था द्वारा केक काटकर जश्न मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। यहां होटल सोलिटियर में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के तौर पर गज़ल गायक शिवानंद, लोक गायक संजीव पराशर, गायक मुरलीधर सोनी व नीना सोनी, डाॅ राजू धीर ने शिरक्त की। इस दौरान उनके साथ वाॅयस ऑफ यूनिटी संस्था की प्रेसिडेंट व प्रसिद्ध समाज सेविका जया गोयल व अन्य नेहा मित्तल, नीना भाटिया और कंचन जैन उपस्थित थे। कार्यक्रम में लगभग 30 कराओके गायकों ने अपने गायन की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को समां बांधा।
इस अवसर पर आमंत्रित कराओके गायकों ने मो रफी साहब के सदाबहार गानों का प्रस्तुतीकरण किया, जिसने श्रोताओं को पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर दिया। रफी साहब के गानों ने संगीत प्रेमियों को अपनी पुरानी यादों में डुबो दिया और सभी को आनंदित किया। इसके साथ ही, नन्हे बच्चों और अन्य सभी उपस्थित लोगों ने रफी के गानों पर डांस किया, जिससे कार्यक्रम में और भी उत्साह का माहौल बना। गायकों ने मो रफी द्वारा गाए गए गानों में आंखों ही आंखो में इशारा हो गया; तेरी आंखों के सिवा दुनिया में; लिखे जो खत तुझे; गुन गुना रहे हैं भंवरे; जो बात तुझमें है; मेरी आवाज़ सुनो; सुहानी रात ढल्ल चुकी; जाने वालों ज़रा होशियार; ये चांद सा रोशन चेहरा; बदन पे सितारे; कहीं ना जा; दिवाना हुआ बादल; ले गई दिल गुडिया जापान की आदि शामिल है। गायकों ने लता मगेश्कर, आशा भोसले के गाने भी इस दौरान गाए।
कार्यक्रम में जया गोयल ने मो रफी साहब के संगीत के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि उनके गाने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में संगीत प्रेमियों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे। इस आयोजन ने संगीत और कला के माध्यम से समाज में एकजुटता और सकारात्मकता का संदेश दिया। जया गोयल ने कहा कि रफी साहब के गाने संगीत जगत की अमूल्य धरोहर हैं।