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Chandigarh March 31, 2022 विषय पर पुनश्चर्या पाठ्यक्रम सम्पन्न चण्डीगढ : मानव संसाधन विकास केन्द्र , पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ के द्वारा डिप्टी डायरेक्टर डॉ जयंती दत्ता के निर्देशन एवं प्रो० बैजनाथ प्रसाद के संयोजन में विषय “आजादी का अमृत महोत्सव : भारतीय भाषाओं में राष्ट्रीय चेतना” पर दिनांक 18 मार्च से 31 मार्च 2022 तक आयोजित पुनश्चर्या पाठ्यक्रम का दिनांक 31 मार्च को समापन हुआ । इसमें देश के छ: राज्यों से सत्रह सहायक प्राध्यापक ऑनलाईन सम्मिलित हुए । पुनश्चर्या पाठ्यक्रम के उद्घाटन सत्र के दौरान पाठ्यक्रम समन्वयक प्रो० बैजनाथ प्रसाद ने इसके उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वावलम्बी होने, आर्थिक रूप से मजबूत होने, सामरिक दृष्टि से आत्मनिर्भर होने आदि से अमृत महोत्सव सार्थक होता है । इस महोत्सव को सफल बनाने में हमारे देश की भाषाओं तथा इन भाषाओं में विरचित साहित्य का योगदान क्या था, क्या होना चाहिए, देश के सजग प्रहरी के रूप में कलमकार किस प्रकार देश को सुनहरे भविष्य की ओर प्रवृत करेगा तथा भविष्य का भारत – निर्माता उच्च शिक्षा के माध्यम से छात्रों को किस दिशा में अग्रसर कर सकता है, इस पर गहरा चिंतन मनन करते हुए एक निश्चित व सार्थक प्रतिफल को लाभान्वित करना इस पुनश्चर्या पाठ्यक्रम का उद्देश्य रहा है । डॉ जयंती दत्ता ने इस पाठ्यक्रम को अपने आप में प्रासनिक होने के साथ – साथ सभी भारतीय पाठकों के अंत करण में राष्ट्रीय भावना का जागरण करने में सक्षम बताया। भारत की विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों ने किसी – न – किसी रूप में आम जनता को राष्ट्र के प्रति प्रेम करने के लिए प्रेरित किया है । इस क्रम में चण्डीगढ़ से पंजाबी , अंग्रेजी , हिन्दी , संस्कृत , पर्यावरण और भाषा विज्ञान , गुजरात से गुजराती जम्मू से हिन्दी और शिक्षा नीति, दिल्ली से भाषा विज्ञान , अलीगढ़ से उर्दू शिमला से हिन्दी , कलकत्ता से बगला , केरल से मलयालम, मुम्बई से हिन्दी, कुरुक्षेत्र से संस्कृत और असम से असमिया के विषय विशेषज्ञों ने संबंधित भाषा और साहित्य में उपलब्ध राष्ट्रीय चेतना के स्वर को ऑनलाईन आवाज दी और हिमाचल प्रदेश , पंजाब , हरियाणा , गुजरात , कर्नाटक तथा छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा संस्थानों में पदस्थ काबिल शिक्षकों ने उन स्वरों को आत्मसात किया । प्रतिभागियों ने विभिन्न भाषाओं में राष्ट्रीय चेतना के साहित्य और पर्यावरण को जाना और सीखा , साथ ही एक अच्छे मानव बनने की सीख भी ली । समापन सत्र के अवसर पर पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर एवं डीन रिसर्च डॉ सुधीर कुमार ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए पूरे भारत के धर्म गुरुओ, संत कवियों व महापुरुषों का संदर्भ देकर राष्ट्रीयता और मानवता पर व्यापक चर्चा करते हुए समकालीन विषयों पर गंभीर विवेचन एवं चिंतन प्रस्तुत किया। विद्वान् वक्ता प्रो सुधीर कुमार ने स्पष्ट किया कि भारत की राष्ट्र संकल्पना के तीन नियामक सत्य है – ऋत , सत्य और धर्म । ये तीनो तत्व सार्वभौम से जुड़े हुए है। इसलिए भारत के राष्ट्रवाद ने पश्चिम के राष्ट्रवाद की तरह कभी भी दूसरों का संहार नहीं किया , न ही दूसरों की प्रगति को रोकने का प्रयास किया। वैदिक काल से लेकर आज तक भारत की राष्ट्र
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Chandigarh March 29, 2022 पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में चल रहे एन.एस.एस के सात दिवसीय विशेष शिविर में छठे दिन मुख्य वक्ता के तौर पर सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट चंडीगढ़ से गुरुचरण सिंह रहे। उन्होंने सभी स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम इंटरनेट के युग के अंदर स्मार्टफोन का काफी ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। परंतु आज इस जिस तरह से दिन प्रतिदिन हमारा लगाव स्मार्टफोन की तरफ हो रहा है और हम अपने सारे महत्वपूर्ण कार्य ऑनलाइन माध्यम से कर रहे हैं। इससे हमारा डाटा किसी द्वारा हैक कर लिए जाने की ज्यादा संभावना बन चुकी है। क्योंकि सारा डाटा ऑनलाइन होने के कारण आज हमारी निजी जानकारी शरारती तत्वों के हाथ में जाने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ गई है। इससे हमें बचना होगा। क्योंकि आज यदि हम साइबर सुरक्षा के प्रति सजग नहीं हुए तो आने वाले समय के अंदर हम साइबर अपराध का शिकार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने बैंक खाते की जानकारी किसी भी व्यक्ति को नहीं देनी चाहिए। यदि हम ऐसा करते हैं तो किसी भी व्यक्ति के द्वारा हमारे बैंक खाते से पैसे निकाले जा सकते हैं और हमारा बैंक खाता पूर्ण रूप से खाली हो सकता है। इसलिए इस तरह के ऑनलाइन अपराधों से बचने के लिए आज हमें साइबर सुरक्षा के बारे में जनता को जागरुक करना होगा तभी आने वाले समय के अंदर भारत पूर्ण रूप से साइबर सुरक्षित राष्ट्र बन पाएगा और विश्व में भारत की एक अलग पहचान बन पाएगी। कैंप के छठे दिन सभी स्वयंसेवकों के लिए खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सभी स्वयंसेवकों के द्वारा बढ़ चढ़कर भाग लिया गया। कैंप में शाम के समय सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर सभी कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रोहित कुमार शर्मा, डॉ.लोकेश कुमार, डॉ. विवेक कपूर, डॉ. रिचा शर्मा आदि मौजूद रहे।
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